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Training

Institute has been constantly involved in imparting hands on practical training on variety aspects of mango, guava, aonla, bael pertaining to their propagation, production, pest / disease management schedule, post harvest management protocols, food safety standards for the farmers, developmental workers agripreneurs etc. across the country. Many farmers, officials from Government, NGOs, students, researchers and entrepreneurs have been trained on various aspects of fruit production. The Institute has good facilities for training such as air-conditioned lecture hall and auditorium, audio-visual aids, well equipped laboratories and hostel facilities. The Institute has also a well furnishedTraining Hostel for participants of different Human Resource Development Programmes being run by the Institute.

Apart from sponsored training programmes, extension wing of the Institute has also extended the technologies through other appropriate technology extension modes like demonstrations, Kisan Melas, exhibitions, gosthies etc.

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ में आम पर भारत-इज़रायल प्रशिक्षण कार्यक्रम.

आम उत्पादकों के लिए सघन बागवानी के अंतर्गत फलों की उत्पादकता को वर्ष पर्यंत बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। इन मुद्दों के समाधान के लिए केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में आम में छत्र प्रबंधन पर तीन दिवसीय भारत-इज़राइल प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ, बागवानी विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार और इज़राइल दूतावास, नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से 22-24 अक्टूबर, 2024 के दौरान आयोजित किया गया । प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य बागवानी अधिकारियों को सघन रोपण प्रणाली के साथ-साथ पुराने आम के बागों में आम में छत्र प्रबंधन पर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के उत्कृष्टता केंद्र के बागवानी अधिकारीयो ने भाग लिया ! संस्थान के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने देश में बागवानी के विकास के लिए सहयोगात्मक कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सीआईएसएच को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुनने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग और नई दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से उच्च घनत्व वाले रोपण के तहत क्षत्रक प्रबंधन के माध्यम से आम के गुणवत्ता वाले फल उत्पादन में सुधार की संभावना है। उत्तर प्रदेश केंद्र के संयुक्त निदेशक ने पैदावार और फलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विशेष रूप से पुराने आम के बागों में कैनोपी प्रबंधन की आवश्यकता महसूस की। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम एमआईडीएच योजना के तहत स्थापित विभिन्न उत्कृष्टता केंद्रों में वैज्ञानिक तकनीकों को बेहतर ढंग से अपनाने की सुविधा प्रदान करेगा। माशाव (इजराइल) के कृषि सलाहकार श्री उरी रुबिनस्टीन ने आम के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए आम में कैनोपी प्रबंधन पर व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता पर बल दिया। मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर के सलाहकार श्री एस एन श्रीवास्तव ने कैनोपी प्रबंधन तकनीक के व्यापक प्रचार एवं प्रसार पर जोर दिया ताकि आम की उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। डॉ. कुन्दन किशोर, प्रभागाध्यक्ष फसल उत्पादन, सीआईएसएच, लखनऊ ने बताया कि उच्च घनत्व रोपण प्रणाली के तहत कुशल इनपुट उपयोग, कीट प्रबंधन, उच्च उपज (20 टन/हेक्टेयर) और गुणवत्ता वाले फलों का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए क्षत्रक प्रबंधन महत्वपूर्ण तकनीकी है। उन्होंने कहा कि उचित कैनोपी प्रबंधन द्वारा उच्च घनत्व वाले रोपण के तहत आम की निरंतर उपज सुनिश्चित की जा सकती है। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. दिनेश कुमार और डॉ. दुष्यंत मिश्र ने फर्टिगेशन और जीर्णोद्धार तकनीक पर अपने अनुभवों को साझा किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में, सीआईएसएच और आईआईएचआर के वैज्ञानिक और नेटाफिम,आईसीएल और एटीजीएस के विशेषज्ञ आम उत्पादन तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर प्रतिभागियों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा किया। इसके अलावा सीआईएसएच के प्रायोगिक प्रक्षेत्रों में आम में कैनोपी प्रबंधन का प्रदर्शन भी किया गया। डॉ. ब्रह्मदेव एवं डॉ शुभम सिंह ने तकनीकि को अपनाने के लिए प्रशिक्षणार्थियों को प्रेरित किया तथा विभिन्न एजेंसियों के मध्य समन्वयन स्थापित किया। Event Date:- 22-10-2024

Entrepreneurship Development Programme (EDP)

Hort-Ind ABIC, ICAR-CISH, Lucknow is organizing a 5 days Entrepreneurship Development Programme (EDP) on Commercial Plant Tissue Culture for entrepreneurs FPOs, students, enterprises and academicians during 18th to 22th November, 2024. https://forms.gle/bmzQpotv9LiMMRRAA Fees includes Registration kit, accommodation, fooding and transportation from Guest house CISH, Rehmankhera Lucknow. Event Date:- 14-10-2024

आम के पुराने बागों में छत्र प्रबंधन" विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया!

भारत में आम उत्पादन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है जहां देश के कुल आम उत्पादन का लगभग 20% उत्पादन होता है! एक अनुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश में लगभग 40 % आम के बाग (1 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल) पुराने और अनउत्पादक हो चुके हैं जिनकी उत्पादकता 8 टन प्रति हेक्टेयर के आसपास है ऐसे बागों में कीट एवं व्याधियों का प्रकोप अधिक होता है तथा निम्न गुणवत्ता के फल प्राप्त होते हैं| महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि उपोषण क्षेत्र के हजारों किसानों की आय का साधन आम की बागवानी ही है इसलिए छत्र प्रबंधन द्वारा ऐसे बागों की उत्पादकता बढ़ाना समय की मांग है छत्र प्रबंधन द्वारा परिवर्तित आम के बागों में गुणवत्ता युक्त उत्पादन हेतु नवीनतम तकनीकियों का भली भांति प्रयोग किया जा सकता है| इसी पृष्ठभूमि में 1 अक्टूबर 2024 को प्रदेश में आम के किसानों एवं बागवानी विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा "आम के पुराने बागों में छत्र प्रबंधन" विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया! इस कार्यक्रम में अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, हरदोई एवं सीतापुर जनपदों के जिला उद्यान अधिकारियों एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया कार्यक्रम का उद्घाटन श्री बी एल मीणा (अपर मुख्य सचिव - बागवानी) उत्तर प्रदेश सरकार ने किया उन्होंने कार्यशाला के महत्व पर जोर दिया ताकि अनउत्पादक बागों को तकनीकी अपनाकर दोबारा लाभदायक बनाया जा सके और किसानों की आय बढ़ाई जा सके उन्होंने किसानों से आगे बढ़कर तकनीकी अपने को कहा तथा विश्वास व्यक्त किया कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा विकसित इस तकनीकी को अपना कर आने वाले दिनों में आम उत्पादक किसानों की आय में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होगी. निदेशक डॉ टी दामोदरन ने बताया कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों ने पुराने एवं कम उत्पादक आम के बागों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से लाभकारी बनाने के लिए उन्नत तकनीकी का विकास किया है! इस तकनीकी को अपने से वृक्षों की ऊंचाई तो तृतीयक स्तर तक कम होती ही है साथ में कीटनाशकों की मात्रा भी 60 लीटर से घटकर 10 लीटर प्रति वृक्ष हो जाती है उन्होंने प्रदेश के विभिन्न आम उत्पादक क्षेत्रों की समस्याओं को प्रस्तुत किया तथा आम के बागों में छत्र प्रबंधन की तकनीकी के बेहतर क्रियान्वयन हेतु प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना किया| कार्यक्रम में बागवानी विभाग उत्तर प्रदेश से आए संयुक्त निदेशक डॉ. सर्वेश कुमार ने राज्य सरकार द्वारा फल उत्पादक किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया डॉ. कुंदन किशोर, प्रभागाध्यक्ष फसल उत्पादन, ने कार्यशाला में छत्र प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताया तथा इस तकनीकी के विस्तार में अन्य संस्थाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला डॉ. हरि शंकर सिंह ने ऐसे बागों को उत्पादक बनाने में कीट प्रबंधन के विषय पर जानकारी दी. डॉ. दुष्यंत मिश्र ने प्रक्षेत्र में छत्र प्रबंधन की तकनीकी का प्रदर्शन किया तथा किसानों की तकनीकी समस्याओं का समाधान भी किया| उद्यान विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों एवं प्रगतिशील किसानों द्वारा तकनीकी के बेहतर प्रचार एवं प्रसार के लिए इस अवसर पर "आम के बागों में छत्र प्रबंधन द्वारा उत्पादकता बढ़ोतरी" विषय पर एक प्रसार फोल्डर का विमोचन भी किया गया सभी प्रतिभागियों द्वारा संस्थान द्वारा किए गए इस कार्यक्रम की आवश्यकता को समझा एवं सराहा गया! Event Date:- 01-10-2024

The three-day training program on, Training on Scientific Beekeeping for CISF Personnel during September 25 to 27 2024

The three-day training program titled Training on Scientific Beekeeping for CISF Personnel was held at the Division of Post Harvest Management (PHM), ICAR-CISH, Lucknow from September 25 to 27, 2024. The program aimed to equip CISF personnel with valuable insights and knowledge in the field of beekeeping. The event began with a welcome address by Dr.Akath, Head of PHM at ICAR-CISH, followed by a visit to the farm of OP Maurya. In the evening session, Dr. Sanjay Kumar Singh delivered a lecture on general beekeeping practices. On the second day and third day, Dr. Ningthoujam Samarendra Singh, a scientist, provided an informative lecture on the fundamentals of scientific beekeeping and honey testing, highlighting essential techniques and procedures. Additionally, Dr. Snehasish Routray presented a detailed discussion on pest and disease management in beekeeping. Dr. Alok Gupta concluded the program with a lecture on horticultural crops related to beekeeping, covering topics such as successful honey bee rearing, honey production, and the significance of beekeeping as a sustainable source of income. Overall, the training program saw active participation from CISF personnel, who greatly benefited from the expertise, shared by the esteemed speakers and gained valuable insights to enhance their beekeeping practices for improved productivity and sustainability Event Date:- 27-09-2024

organized Training Programme on Mango- Guava production, packaging and marketing

ICAR- CISH, Lucknow organized five days training programme on Mango- Guava production, packaging and marketing from September 23-27 2024. Thirty farmers from various blocks of Samastipur district of Bihar were participated in training. At the outset of programme, Scientists underline the importance of subtropical fruits of Mango- Guava and their production technology, quality product and improved packaging that will enhance farmers income. They also advised farmers to work in groups for benefits. During the training programme lectures pertaining improved varieties of mango and guava and their management establishment of good orchards, production technology, high density planting of mango and guava, nutrition and irrigation management in rejuvenated and old orchards of mango, natural farming, organic fruit production, canopy management, physiological disorders in mango and their management, intercropping in orchards, packaging and marketing of subtropical fruits, value added products of mango and guava, important insect pest and diseases of mango and guava and their management, processing and value addition of mango and guava, identification of maturity of mango and guava, value addition and processing of fruits etc. were given by the scientific faculties of the institute. Practical training on fruit processing was also given to the participants in processing laboratory. During field visit, hands on training on propagation methods of fruit crops in nursery, management of nursery and mother blocks, entrepreneur development through vegetables nursery were explained to the participants. This training was sponsored by ATMA, Samastipur, Bihar. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Abha Singh, Principal Scientist and Dr. S.S. Das Scientist were coordinators of the programme. Event Date:- 23-09-2024

आम के बागों में काट-छांट का प्रदर्शन

दिनांक 27 अगस्त 2024 भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना अंतर्गत माल-मलिहाबाद प्रखंड के गाँव ढकवां में आम के मध्यम उम्र के बागों में संस्थान द्वारा सेंटर ओपेनिंग और हल्की काट छांट का प्रदर्शन किया गया । इस अवसर पर परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्र ने बताया की जो बागवान पहले से ही अपने बागों की उचित काट-छांट करते हैं, उनके बाग जंगल का रूप नहीं लेते हैं और लम्बे समय तक अच्छी फलत देते रहते हैं। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. सुशील कुमार शुक्ल ने किसानों के समक्ष सेंटर ओपेनिंग तकनी का प्रदर्शन किया और इसके बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताय कि मलिहा बाद क्षेत्र में आम के बाग धीरे धीरे जंगल का रूप ले रहे हैं। पुराने समय में आम के बागों में किसी तरह की काट-छांट अनावश्यक समझी जाती थी लेकिन गत वर्षों के शोध में यह पाया गया कि अगर हम आम के बागों में समय समय पर थोडी काट छांट करते रहें, तो आम के वृक्षों की न केवल उत्पादकता और फलों की गुणवत्ता अच्छी रहती है बल्कि हमारे वृक्ष जंगल का रूप भी नहीं लेंगे । आम के मध्यम उम्र के (15 से 30 वर्ष) के वीच के बागों में सेंटर ओपेनिंग एवम हल्की पार्श्व कटाई-छंटाई कर के सफलता पूर्वक छत्र प्रबंधन किया जा सकता है। इस तरह की काट-छांट का उचित समय वर्षा ऋतु के बाद से दिसम्बर महीने तक है। इस में हम वृक्ष की बीचोबीच स्थित ऐसी शाखा जो कि सीधी ऊपर की ओर बढ़ रही हो और वृक्ष की ऊंचाई के लिये जिम्मेदार हो, को उसके उत्पत्ति के स्थान से निकाल देते हैं। इसके बाद छत्र के मध्य में स्थित एक या दो शाखायें या उनके वृक्ष के केंद्र में स्थित कुछ अंश का विरलन कर इस प्रकार से निकालते हैं कि वृक्ष के छ्त्र के मध्य में पर्याप्त रोशनी आ सके। साथ ही साथ बगल के पेड़ से स्पर्श करने वाली शाखओं की हल्की काट-छांट इस प्रकार से करते हैं कि वे बगल में उग रहे वृक्ष के सम्पर्क में न आयें। इस काट छंट से से 15-20 प्रतिशत तक पेंड़ों की ऊंचाई में कमी आ जाती, है जिससे दवा के छिड़काव, फलों की तुड़ाई आदि में मदद मिलती है। वृक्ष के अंदर तक प्रकाश की उपलब्धता से नये कल्ले आते हैं और फलों की गुणवत्ता बढ़ जाती है। आम के भुनगा, थ्रिप्स आदि कीटों को पेड़ के अंदर उचित वातावरण न मिलने से उनका प्रकोप कम होता है। इस कार्यक्रम में गांव के 50 किसानों ने भाग लिया कार्यक्रम का समन्वयन परियोजना कर्मी श्री रोहित जायसवाल द्वारा किया गया । Event Date:- 27-08-2024

EDP on Value Addition in Guava for FPOs and Rural Women of SHGs

An Entrepreneurship Development Programme (EDP) on Value Addition in Guava was organized on 14th August, 2024 by the Hort-Ind Agri-Business Incubation Centre (Hort-Ind ABIC) of ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow. Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist and Principal Investigator of Hort-Ind ABIC explained the entrepreneurial avenues and scopes in horticulture sector. Dr. Alok Kumar Gupta, Scientist and Co-Principal Investigator, Hort-Ind ABIC gave hands on training on value addition in Guava Participants learned and prepared Guava squash, RTS and bar by their own in this programme. Total 19 entrepreneurs from Bhadesarmau Farmer Producer Company and six self help groups participated in the EDP. Event Date:- 14-08-2024

Training on the Micro Irrigation system was organized under (PMKSY) in Per Drop More Crop by ICAR-CISH

Training on the Micro Irrigation system was organized under Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) in Per Drop More Crop by ICAR-CISH, PFDC Lucknow in collaboration with NCPAH New Delhi for seven days from 1st July 2024 to 9 July 2024. The thirty trainee participants were farmers of Lucknow and Unnao districts of Uttar Pradesh, selected in consultations of kvKs of respective districts and micro irrigation industries involved in Uttar Pradesh. The objective of the training was to promote use of micro irrigation to enhance the water use efficiency improve on-farm water use efficiency, reduce wastage of water, enhance the adoption of precision irrigation and other water-saving technologies (More crop per drop) about the features and guidelines of PDMC, Micro Irrigation advantage scope types and components, design and layout and installation of micro irrigation system Care and maintenance, problems occurs and solutions in micro irrigation, management strategy to cope up with emergent situations. The Practical classes were held at ICAR-CISH farm, under the supervision of concerned trainers. For versatile exposure visits of participants were also arranged on demonstration blocks of micro irrigation, ICAR- IISR, Lucknow, Krishi Vigyan Kendra Lucknow, and Micro Irrigation demonstration plot of Jain Irrigation at farmers field at Lucknow. Post training evaluation of participants was excellent and the success rate was 100 %. Event Date:- 01-07-2024

Training-Cum Awareness Programme on Protection of Plant Varieties and Farmers Rights Act 2001 cum Mango and Jackfruit Diversity Show- 2024

The programme was organized at ICAR-CISH Regional Research Station, Malda, West Bengal on June 09, 2024 with support of Protection of Plant Varieties and Farmers Rights Authority (PPV&FRA), Government of India, New Delhi. Prof. Trilochan Mohapatra, Chairperson of the Protection of Plant Varieties and Farmers Rights Authority (PPV&FRA), Government of India, New Delhi inaugurated the programas a chief guest. The hon’ble chief guest was accompanied by Dr. Dinesh Kumar Agarwal, Registrar-General, PPV&FRA, Govt. of India, New Delhi, Dr. V. B. Patel, Assistant Director General (Hort.), ICAR, New Delhi, Dr. Pradip Dey, Director, ATARI, Kolkata, West Bengal, Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH, Lucknow, Dr. J. Karforma, Dean, College of Agriculture, UBKV, Balurghat, Dr D Sarkar, Social Activist, Malda, Mr. Krishnendu Narayan Choudhury, Former Minister in In-charge, Department of FPI & Horticulture, Govt. of West Bengal, Mr. Ujjal Saha, President, Malda Mango Merchant Association, Malda and Mr. Ujjal Choudhury, Malda Mango Merchant Association, Malda. At the beginning, mango and jackfruit diversity show was inaugurated and distinguished guests visited the various stalls of the diversity show and witnessed the unique diversity of more than 250 varieites of mango showcased by progressive mango growers from Malda, Murshidabad, Bankura and Purulia districts of West Bengal.The Director, ICAR-CISH delivered formal welcome address and greet all the distinguish guests and fellow mango and jackfruit growers. In his address, he highly appreciated the mango growers coming from different districts of West Bengal and adjoining states for mango and jackfruit exhibition and also admired the SC and tribal women of Malda who were involved with Farmers Producers Company (Agrani& Alokini) and conserving the indigenous diversity in mango and jackfruit.All distinguish guests delivered the lectures and highlighted the importance of PPV&FRA act on protection and conservation of plant varieties. The hon’ble chief guest enlightened the farmers for joining the hands with ICAR for registration of indigenous mango and jackfruit varieties under PPV&FRA act, which in turn may help the farmers to sustain their livelihood security. He also lauded the efforts of ICAR-CISH RRS, Malda for showcasing very rich diversity of mango and jackfruits in this programme and active role in registration of traditional mango varieites and other horticultural crops. Other dignitaries also emphasized the role of the institute in sensitizing the farmers for conserving the rich diversity in mango and jackfruit and helping them to uplift their income by processing and value addition of important varieties and marketization on commercial scale. The showcasing of mango included commercial mango varieties like Amrapali, Mallika, Himsagar, Langra, Fazli and Laxman Bhog and indigenous mango varieties like Chiniya, Gadadhar, Kolaboti, Funiya, Kishan Bhog, Gulabkhas, Piyarfuli, Nawab Pasand, Belakishan Bhog, Raj Bhog, Amrit Bhog, Chintamani Guti. About 300mango growers and farmers participated in the programme from different parts of West Bengal.The mango and jackfruit diversity showcased in the programme were evaluated by the group of experts and awarded on different categories. Among the farmers, Mr. Biman Mondal, a progressive growers and lovers from Maldahas received best exhibitor award in the showfor showcasing about 115 different indigenous mango varieties, while Mr. Pradip Rajbanshi was awarded the second-best exhibitor for showcasing 72 varieites of mango. Agrani Neo FPC, Malda has received best exhibitor for showcasing rich collection of jackfruit, while Alokini FPC has received second best exhibitor ward for jackfruit.

Event Date:- 09-06-2024

Two days Entrepreneurship Development Programme on Dehydration and Value Addition of Fruits and Vegetables

Hort-Ind Agri-Business Incubation Centre organized 2 days Entrepreneurship Development Programme (EDP) on Dehydration and Value Addition of Fruits and Vegetables on 3rd & 4th June 2024. A total of 14 participants attended the EDP. Dr. T. Damodaran, Director inaugurated the programme and motivated the participants to develop innovative processed products to address the malnutrition issues and suggested to explore online e-marketing platforms. Dr. Maneesh Mishra, Principal investigator of ABI, enlightened the participants on various Government schemes for startups and FPCs and also highlighted the entrepreneurial opportunities in horticulture sector. Dr. Akath Singh, Head PHM shared his views on dehydration techniques for preservation. Dr. Abha Singh, Principal Scientist PHM provided the insights on basic principles of preservation. Dr. Alok Kumar Gupta, Scientist, PHM provided the hands-on training on Dehydration and Value Addition of Fruits and Vegetables. The participants were provided hands-on training on dehydration of Turmeric, Mushroom, raw mangos, Osmodehydrated mango and litchi Slices, Ripe Mango Powder (Freeze Dried) Mango and Litchi Squash and Aam Panna. About 80 % of the participants were interested to converge the knowledge gained into business activity. Participants were inclined towards production of raw mango powder, turmeric powder and squashes. The EDP was concluded by the distribution of the certificates to the participants. The EDP was coordinated by Dr. Maneesh Mishra, Dr. Ravi S.C. Dr. Alok Kumar Gupta and Dr. Sharad Verma.

Event Date:- 03-06-2024

training program on Quality Mango Production and its Marketing was organized by ICAR-CISH, Lucknow

A three day training program on Quality Mango Production and its Marketing was organized by ICAR-CISH, Lucknow during May 15-17, 2024 in collaboration with Agricultural Technology Management Agency (ATMA), Bhagalpur, Bihar. Mango growers of Bhagalpur undertook the training program to enhance the production and quality of JARDALU mango, a GI-tagged mango, for higher market price. In the training program production, plant protection and post harvest management were highlighted through lectures, demonstrations and practical classes. Dr. T. Damodaran, Director, highlighted the production of good agricultural practices for production of export quality fruits. He also told the participants about the initiatives of CISH in promotion of mango exports. Dr. Kundan Kishore, Head, Crop Production highlighted the significance of production technology especially canopy management under high density planting system of mango. Nutrient use efficiency, bagging, and rejuvenation were highlighted by the scientists of the production division, whereas plant protection and post harvest interventions were emphasized by the Scientists of protection and post harvest division. Field Demonstration of mango production technology, nursery unit, post-harvest management, packaging and processing was arranged. Scientists of CISH advised the mango growers to adopt GAP in mango mango for quality fruit production. During the interaction, participants expressed satisfaction over the program and realized the importance of scientific interventions for obtaining higher market price. The program was coordinated by Dr. Kundan Kishore with the help of Dr. Sanjay Kumar Singh and Sh. Dhruv Kumar.

Event Date:- 15-05-2024

On-farm Training program on Good Agricultural Practices in Mango Cultivation organized by ICAR-CISH Lucknow

Considering the significance of scientific production technology in ensuring quality fruit production of mango, an On-farm Training program “Good Agricultural Practices in Mango Cultivation” was organized at Sarraiya, Ayodhya, (Eastern Plain) on April 10, 2024 in collaboration with the Krishi Vigyan Kendra and District Horticulture Department Ayodhya. More than 50 participants comprising of mango growers, entrepreneurs and FPO participated in the training program. Dr. Kundan Kishore, Head, Division of Crop Production, welcomed the guests and participants and underlined the initiative of CISH, Lucknow in bridging the knowledge gap pertaining to scientific mango production technology in collaboration with the KVK and State Hort. Deptt. He further emphasized the significance of canopy management in high density plantation and rejuvenation in sustaining mango production in the region. Dr. H. S. Singh, Principal Scientist, CISH emphasized the importance of insect pest management in obtaining higher yield in mango. He also sensitized the mango growers about the use of traps for management of insect pest including fruit fly. Sh. Paras Nath, DHO Ayodhya highlighted the initiatives and schemes of the Department in mango cultivation and marketing. He appreciated the effort of the CISH in conducting the training program for needy mango growers. Dr. B. P. Sahi, Head, KVK, Ayodhya also emphasized the role of KVK in dissemination of need-based technology for the benefit of the mango growers. Significance of nutrient management and water management in ensuring quality fruit production was highlighted by Dr. Dinesh Kumar Principal Scientist CISH. Dr. Ramgopal, KVK, emphasized the need of integrated disease management in mango. The significance of the post harvest management in ensuring higher market price was emphasized by Dr. Karam Beer CISH. During the field visits, participants were demonstrated scientific management of tree canopy, nutrient, water and pest and diseases. Scientists of CISH advised the mango growers to adopt rejuvenation technology for their senile mango orchards. During the interaction, participants expressed satisfaction over the program and realized the adoption of Good Agricultural Practices in mango for obtaining higher market price. The program was ended with the vote of thanks proposed by Dr. Karam Beer. The program was coordinated by Dr. Kundan Kishore, Dr. H. S. Singh, Dr. Dinesh Kumar, Dr. Karm Beer Dr. Ramgopal and Sh. Dhruv Kumar. Event Date:- 10-04-2024

The three-day training program on, Unlocking the Value Scientific Honey Testing and Its Vital Role under SCSP Scheme March 20–22, 2024

The three-day training program entitled "Unlocking the Value: Scientific Honey Testing and Its Vital Role in Beekeeping" took place under the SCSP Scheme from March 20–22 2024. The program aimed to provide valuable insights and knowledge to farmers in the field of beekeeping. The event commenced with a welcome address by Dr. Vishambhar Dayal, a Scientist, who set the tone for the training. Dr. Alok Gupta, another Scientist, delivered a presentation focusing on the successful rearing of honey bees, honey production, and the significance of beekeeping as a sustainable source of income. Following this, Dr. Ningthoujam Samarendra Singh, also a Scientist, provided an informative lecture on the fundamentals of scientific honey testing, shedding light on essential techniques and procedures. An enriching aspect of the program was the participation of Mr. OP Mauryan, a farmer, who shared valuable insights and practical experiences related to honey bee rearing and production. His contributions added a practical perspective to the theoretical knowledge imparted during the training sessions. Overall, the training program saw active participation from farmers, who benefited from the expertise shared by the esteemed speakers and gained valuable insights into enhancing their beekeeping practices for improved productivity and sustainability.

Event Date:- 20-03-2024

One day training program for Farmers/FPOs on Feed and Fodder Development sponsored by NSC Siliguri at CISH KVK Malda

A training program was organized jointly by National Seeds Corporation, Silguri (W.B.) and CISH- Krishi Vigyan Kendra, Malda on 10 January 2024 in training hall of RRS on the topic Feed and Fodder Development for Dairy farmers. The Chif guest of program was Dr Dipak Nayak I/c Head RRS Malda and Special guests was Dr. Sirajul Islam, Asst Director (Ag.) Malda, Shri Mithlesh Kumar, Area Manager, National Seeds Corporation, Siliguri (W.B.). During the training expert delivered his lecture on fodder requirement and suitable variety for dairy farmers. The demand of fodder is increasing and scarcity of green fodder is affecting milk production in the district. Although dairy farming and demand of seed of fodder is attractive entrepreneurship for rural youth. The NSC representative delivered a lecture on seed availability of fodder. Dr Raghav gave brief information about linkage of technology gap through clustering of farmers and marketing of produce. During the farmers interaction session Dr P N. Barman Sr. Scientist RRS advised farmers about legume based forage crops cultivation. Dr Shailesh Kumar SMS Fisheries advised to farmers about feed management and vaccination schedule for good health of dairy animals. During the program more than 45 farmers were present. The representative from Agrani FPO and group of Dairy farmers also attended the training program. Mr V.V. Diptkar, STO actively participated to successfully organize the sponsored program.

Event Date:- 10-01-2024

Organized One Day Farmers Training on Improved Production Technology on Jute production for Malda district

Awareness cum training program on improved Production Technology on Jute production was organized on dated 15 December 2023 with collaboration of Directorate of Jute Board, Kolkata at CISH-KVK/RRS Malda. The program was inaugurated by Dr. Luxman Ram Buldak, Director Directorate of Jute Board Kolkata. He emphasied on increase of jute production and coverage. During the program Dr. Dipak Nayak I/c Head RRS Malda gave brief details of initiative, which were taken for production and processing of good quality of fiber through technology interventions. Dr. D. K. Raghav Head CISH-KVK Malda discussed about the diversification and value addition of jute fiber for packaging, which will be helpful in reducing the plastic consumption and pollution also. Mr. Anuj Kumar Asstt Director of Jute Board gave details of schemes, which is being implemented for the farmers in potential areas of jute production. The technical expert from Jute board delivered the details of technology for increasing the productivities in low land areas of the district. 40 female farmers attended the programme from Agrani FPO of district. दिनांक 15 दिसंबर 2023 को जूट बोर्ड निदेशालय, कोलकाता के सहयोग से जूट उत्पादन पर बेहतर उत्पादन तकनीक पर एक जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम सीआईएसएच-केवीके/आरआरएस मालदा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जूट बोर्ड निदेशालय कोलकाता के निदेशक डॉ. लक्ष्मण राम बुलडक ने किया। उन्होंने जूट उत्पादन और कवरेज बढ़ाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. दीपक नायक प्रभारी प्रमुख आरआरएस मालदा ने इस पहल की संक्षिप्त जानकारी दी उन्होंने बताया प्रौद्योगिकी के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता वाले रेशे के उत्पादन और प्रसंस्करण के लिए कदम उठाए गए। डॉ. डी.के. राघव प्रमुख सीआईएसएच-केवीके मालदा ने विविधीकरण और मूल्यवर्धन के बारे में चर्चा की पैकेजिंग के लिए जूट फाइबर, जो प्लास्टिक की खपत और प्रदूषण को भी कम करने में सहायक होगा। जूट बोर्ड के सहायक निदेशक श्री अनुज कुमार ने योजनाओं का विवरण दिया हैं, जो इसके लिए कार्यान्वित की जा रही हैं। जूट बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञो ने जिले के निचले भूमि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए विस्तृत तकनीक प्रदान की हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अग्रणी किसान उत्पादक संघ के कुल 40 महिला किसानो ने भाग लिया । Event Date:- 15-12-2023

Organized Training programme on Entrepreneurship development among women through horticulture and fruit processing

ICAR- CISH, Lucknow organized three days training programme on entrepreneurship development for women through horticulture and fruit processing during September 20-22 2023. Twenty five women including two representatives from Farrukhabad district of Uttar Pradesh participated in the training. At the outset of programme, Dr. T. Damodaran, Director underlined the importance of horticulture and fruit processing and scope of quality product and improved packaging of the products to enhance income of women. He also advised women to work in Self help Groups mode for better visibility, sell their produce with brand name. For value added and processed products, they should try to obtain FSSAI certificate for capturing market. These aspects will help to enhance the income and livelihood of farm women. During the training programme, lectures pertaining to establishment of good nursery, production technology, important varieties of guava and mango and its cultivation methods, Entrepreneurship development through vegetable production technologies, importance of soil health and water management in fruit production and processing, principles and activities of natural farming, organic fruit production, high density planting, container gardening of fruit crops, scientific cultivation of bael and aonla, important insect pest and diseases of fruits and vegetables and their integrated management, entrepreneurship development through processing and value addition of fruits and vegetables, harvesting methods etc. were given by the scientific faculties of the institute along with laboratory visits. Hands on training on preparation of value added products of mango, preparation of grafted plants of mango, management of nursery and mother blocks, organic farming were given to the farm women during field visit. This training was sponsored by Maa Bhagvatee Seva Sansthan, Lucknow U.P. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Abha Singh, Principal Scientist and Dr. S.K. Singh, Sr. Scientist coordinated the programme. Event Date:- 20-09-2023

Organized Training programme on high density planting, management and rejuvenation of old and unproductive orchards of mango and guava

ICAR- CISH, Lucknow organized three days training programme on high density planting, management and rejuvenation of old and unproductive orchards of mango and guava during September 13-15 2023 for the farmers. Twenty seven farmers including two representatives from Raigarh district of Chhattisgarh participated in training. At the outset, Dr. T. Damodaran, Director underlined the importance of management and rejuvenation of old and unproductive orchards of mango and guava and scope and establishment of modern nursery, concept of high density plantation and suitable varieties of fruit crops etc aspects that will help in boosting the income of farming communities. He also stressed on various processed and value added products of fruits to reduce the post harvest losses. During the training programme lectures pertaining to establishment of good orchards, production technology, important varieties of guava and mango and its cultivation methods, high density planting, nutrition and irrigation management in rejuvenated and old orchards of mango and guava, natural farming, organic fruit production, high density planting and canopy management, pruning, container gardening of fruit crops, scientific cultivation of bael and aonla, cultivation of ber in desert and barren land, important insect pest and diseases of guava their integrated management, processing and value addition of mango and guava, identification of maturity of mango and guava, post harvesting methods etc. were given by the scientific faculties of the institute along with laboratory visits. Hands on training on preparation of grafted plants of mango and guava, management of nursery and mother blocks were given to the farmers during field visit. This training was sponsored by Jan Mitram Kalyan Samiti Raigarh Chhattisgarh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Abha Singh, Principal Scientist and Dr. S.K. Singh, Sr. Scientist coordinated the programme. Event Date:- 13-09-2023

Processing and Preservation of Fruit crops under SCSP Plan

Under the SC Sub Plan, ICAR-CISH conducted hands-on training on "Processing and preservation of fruit crops" to SC Women Farmers. The two-day training programme was held on July 25th and 26th, 2023, and addressed various areas of fruit processing, value addition, and preservation techniques. Value-added products such as raw mango pickle, chutney powder, RTS, squash and millets-based bar are made during the training programme. Dr. T. Damodaran, Director of ICAR-CISH, inaugurated the programme and, in his valedictory address, emphasised the importance of value addition for improving nutritional security and adding value. He also emphasized the necessity of group-based techniques/clustering to increasing farmer income. Thirty five SC women farmers from Kakori and Malihabad block of Lucknow district attended the training program. Dr. Abha Singh Dr. A.K. Gupta, Dr. Vishambhar Dayal and Dr. Ravi S.C. coordinated the programme.

Event Date:- 25-07-2023

“Training on Nano orchard establishment for extension activists and farmers”

The ICAR-CISH carried out 3 days training programme from 7th June to 9th June 2023 at ICAR-CISH Campus, Rehmankhera Lucknow. The Extension Functionaries of Akhil Bhartiya Samaj Sewa Sansthan (ABSSS) and SRIJAN staff attended the programme. The extension functionaries of ABSSS and SRIJA from Shivpuri. Madhya Pradesh, Niwari, M.P., Chitrakoot U.P. and Banda districts participated in the program me. Total 20 staff of above NGO’s arttended the training programme. The Principal Scientist Dr. K.K. Srivastava, was Coordinator Dr. Govind Kumar, coordinator for the 3 days training programme. A Total of 15 lecture 60% of practical carried out. the extension functionaries and farmers given hands on Training on Guava canopy management development, pruning, high density orcharding, orchard floor management, insect-pest and disease management, water and nutrition management in the field by respective expert scientist, the post harvest and value addition of fruits and vegetable crops also demonstrated. The training program was concluded 9th June, 2023.

Event Date:- 09-06-2023

Skill development training for Micro Irrigation technician program

Skill development training on Micro Irrigation technician was organized under Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) under flagship scheme of the Ministry of Skill Development & Entrepreneurship (MSDE) by ICAR-CISH, PFDC Lucknow under collaboration with National Committee on Plasticulture Application in Horticulture, New Delhi as per guidelines and qualification pack of Agricultural Skill Council of India (ASCI) for 200 working hours. The trainee participants were from different parts of India, Uttar Pradesh, Bihar, Madhya Pradesh, Rajasthan, Chhattisgarh, and Andhra Pradesh, nominated by Director Horticulture Uttar Pradesh Government with consultation of micro irrigation industries involved in Uttar Pradesh for micro irrigation. The objective of the training was to promote entrepreneurship Among Micro Irrigation Technicians by development of skill in micro irrigation using latest techniques, tools and technologies in agriculture and micro irrigation industry to make mission of Government of India "More crop per drop" successful. The course curriculum as communicated by ASCI covered theory and practical classes on various topics pertaining to design and layout and installation of micro irrigation system, Care and maintenance, problems and possible solutions in micro irrigation, management strategy to cope up with emergent situations like accidents, fire. The resource persons were scientific and technical staff from the ICAR, CISH Lucknow. The specialized resource persons were invited from ICAR-IARI New Delhi, Division .of Irrigation & Drainage, G.B. Pant University of Agriculture & Technology Pantnagar, Uttarakhand, Division of Irrigation & Drainage ICAR- CIAE-Bhopal, Jain Irrigation Pvt. Lid Lucknow, and ICAR - National Bureau of Agricultural Insect Resources (NBAIR), Bengaluru, keeping in view their vast expertise in field of micro irrigation to train the trainees in a better way. Practical classes were held at ICAR-CISH laboratories, farm (block–II) and nursery block (Block–I) under the supervision of concerned trainers. Exposure visits of participants were also arranged to demonstration blocks of micro irrigation, ICAR- IISR, Lucknow, Krishi Vigyan Kendra Lucknow and Micro Irrigation demonstration plot of Jain Irrigation at farmer’s field at Lucknow. Third party assessment was made by Agriculture Skill Development Council of India. The success rate of trainees was 96.66 %

Event Date:- 14-04-2023

Mango and guava crop management training 23-24 january 2023

A two-day training on “Mango and Guava Crop Management” for the Officials of Bayer Crop Science Private Limited was organized during January 23-24, 2023 at ICAR-CISH, Rehmankhera, Lucknow. The Director, ICAR-CISH, Dr. T. Damodaran welcomed the participants, inaugurated the program, and expressed happiness about working together for the benefit of the farming community. Eight lectures and visits to CISH-Museum and experimental field were conducted to elaborate on various aspects of mango and guava crop management. The program was coordinated by Dr. P.K. Shukla, Principal Scientist (Plant Pathology). Thirty-five officials of Bayer Crop Science Private Limited physically and 15 virtually participated in the program.

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 23-24 जनवरी, 2023 को आम और अमरूद फसल प्रबंधन" पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बायर क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के लिए किया गया। संस्थान के निदेशक, डॉ. टी. दामोदरन ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया, और कृषक समुदाय के लाभ के लिए मिलकर काम करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। आम और अमरूद फसल प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताने के लिए आठ व्याख्यान और सीआईएस-संग्रहालय और प्रायोगिक क्षेत्र का दौरा किया गया। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. पी.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक (प्लांट पैथोलॉजी) ने किया। कार्यक्रम में बायर क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के पैंतीस अधिकारियों ने शारीरिक रूप से और 15 ने वर्चुअली भाग लिया।

Event Date:- 24-01-2023

Farmers’ Training on Scientific Cultivation, High Density Planting and Canopy Management in Guava.

ICAR- Central institute for Subtropical Horticulture, Lucknow in collaboration with Bhawana Sewa Sansthan, Lucknow organized a two-days training for guava growers from Shahjahanpur district of Uttar Pradesh on 11-12 January, 2023. This training was attended by 26 farmers. At the outset, Dr. Devendra Pandey, Director (Acting) addressed the farmers and informed them about different varieties and production technologies developed by ICAR- CISH, Lucknow in guava and other mandate crops. He motivated the farmers to adopt fruit and vegetable cultivation for higher income. He assured the trainee farmers of all the possible technical assistance from CISH for commercial fruit cultivation and value addition by them in the future. During this training, the experts delivered lectures on improved varieties of guava, plant propagation, orchard planting and early care, irrigation and fertilizer management, training, pruning and canopy management, integrated management of insect-pests and diseases, post-harvest management and value addition, etc. The trainee farmers also visited the Institute Nursery where they were informed about various aspects of nursery management in guava and other fruit crops. The farmers also shared their views and appreciated the CISH fraternity for familiarizing them with various aspects of scientific guava cultivation. Dr. S. K. Shukla, Principal Scientists was the Course Director, and Dr. Anshuman Singh, Senior Scientist, was the Coordinator for this training program.

भाकृअनुप- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने भावना सेवा संस्थान, लखनऊ के सहयोग से 11-12 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के अमरूद उत्पादकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 26 किसानों ने भाग लिया। संस्थान के निदेशक (कार्यवाहक) डॉ. देवेंद्र पांडे, ने किसानों को संबोधित किया और उन्हें अमरूद और अन्य प्रमुख फसलों में भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा विकसित विभिन्न किस्मों और उत्पादन तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को अधिक आय के लिए फल और सब्जी की खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रशिक्षु किसानों को भविष्य में उनके द्वारा व्यावसायिक फलों की खेती और मूल्यवर्धन के लिए संस्थान से हर संभव तकनीकी सहायता का आश्वासन दिया। इस प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने अमरूद की उन्नत किस्में, पौध प्रवर्धन, बाग रोपण एवं प्रारंभिक देखभाल, सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन, प्रशिक्षण, छंटाई एवं कैनोपी प्रबंधन, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, कटाई उपरांत प्रबंधन एवं मूल्य पर व्याख्यान दिया। इसके अलावा प्रशिक्षु किसानों ने संस्थान की नर्सरी का भी दौरा किया जहां उन्हें अमरूद और अन्य फलों की फसलों में नर्सरी प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया। किसानों ने भी अपने विचार साझा किए और अमरूद की खेती के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने के लिए वैज्ञानिको की सराहना की। डॉ. एस.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक और डॉ. अंशुमन सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक, समन्वयक थे।

Event Date:- 11-01-2023

One Day Training Cum Workshop on Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom

One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom” was organized on 06 December 2022 under Farmer First Project of ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla delivered introductory lectures on various aspects of mushroom production and marketing. The Purpose of this training was to develop entrepreneurship by imparting practical and skill knowledge of mushroom production to farmers and rural youth. At the end of the program, 20 farmers were given spawn and bags for mushroom production. The program was coordinated by Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla and Dr. Maneesh Mishra.

भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 06 दिसंबर 2022 को “रेडी टू फ्रूट बैग ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं नवयुवकों को मशरुम उत्पादन का व्यवहारिक ज्ञान देकर उद्यमिता विकास करना है। कार्यक्रम के अंत में 20 किसानों को मशरुम उत्पादन हेतु स्पान एवं बैग दिया गया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला एवं डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया।

Event Date:- 06-12-2022

Training of twelve UP DASP officers was organized by the ICAR-CISH, Lucknow

Training of twelve UP DASP officers was organized by the ICAR-CISH, Lucknow during 14-18 Nov 2022. The training was inaugurated on 14th November 2022 by Dr. D. Pandey, Acting Director, ICAR-CISH in the presence of all the Heads of Divisions and other faculty members. During the period lectures and practical classes were arranged in various fields of horticulture. The topics covered during the training were variety development, production, protection and post harvest technologies of subtropical fruits besides natural farming and practical exposure to rejuvenation sites, espalier system of guava training, CISH-Mango museum, Processing laboratory and natural farming complex, etc. All the participants expressed satisfaction over the content and lesson plan of the training. The valedictory function of the training was held in the afternoon of 18th Nov 2022. The feedback was also recorded from various participants. The training was coordinated by Dr. Sushil Kumar Shukla, Pricipal Scientist of the Institute.

Event Date:- 18-11-2022

UP farmers training on Natural Farming organized by ICAR-CISH at Natural Farming Complex Telibagh

प्राकृतिक खेती पर केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,द्वारा अयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,रहमानखेड़ा,लखनऊ के रायबरेली रोड,तेलीबाग के समीप प्राकृतिक कृषि परिसर में दिनांक 14,15 अक्टूबर 2022 को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 57 प्रशिक्षक प्रशिक्षुओं के लिए में प्राकृतिक कृषि विधा पर एक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ| इस अवसर पर संस्थान के पूर्व निदेशक एवं जैविक एवं प्राकृतिक विधा के मूर्धन्य विद्वान डा.राम कृपाल पाठक ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचारों और वैज्ञानिक अनुभवों को सबके सामने रखा| उन्होंने बताया की संस्थान इस क्षेत्र में पिछले 22 वर्षों से शोधरत है, और इस अवधि के दौरान विभिन्न गौ आधारित उत्पादों वर्मीवाश, पंचगव्य, जीवामृत, बीजांरित, अमृतपानी बी डी-500, बी डी -501, काऊ पैट पिट, तरल खाद आदि का विकास और मानकीकरण किया गया| उन्होंने ज़ोर देकर कहा की प्राकृतिक खेती के साथ अगर बायोडायनामिक खेती और अग्निहोत्र खेती को भी जोड़ दिया जाये तो इसके प्रभाव और भी लाभकारी होंगे और आगामी वर्षों में कृषि उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी| इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डा. नीलिमा गर्ग ने अपने संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों की चर्चा की| उन्होंने अपने गत 20 वर्षों के शोध की चर्चा करते हुए आम के पेड़ों में काट छाँट के बाद होने वाले फफूंदजनित संक्रमण को रोकने के लिए देशी गाय के ताजे गोबर से लेप का वैज्ञानिक आधार बताया| उन्होंने अपने द्वारा विकसित वेस्ट डिकम्पोजर तकनीक की भी चर्चा की| उन्होंने बताया कि संस्थान इस 10 हेक्टर के प्राकृतिक कृषि परिसर को 5 देशी गायों की मदद से ही बिना किसी रसायन या कीटनाशी/फफूंदनाशी के प्रयोग के ही सफलतापूर्वक प्रबंधित कर रहा है| इस परिसर में प्राकृतिक कृषि के लिए आवश्यक सभी पौधे भी संरक्षित किए गए हैं| इस परिसर में प्रशिक्षण की सभी सुविधाएं हैं इसलिए किसानों को इसका लाभ उठाना चाहिए| संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. सुशील शुक्ल, डा. दुष्यंत मिश्रा एवं डा. गोविंद कुमार ने अपने प्रस्तुतीकरण एवं फार्म भ्रमण के द्वारा संस्थान द्वारा विभिन्न प्रौद्योगिकियों की चर्चा की और प्रक्षेत्र भ्रमण द्वारा विभिन्न व्यावहारिक पक्षों को भी प्रशिक्षक प्रशिक्षुओं के सामने रखा| समापन सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त निदेशक एवं कृषि प्रसार ब्यूरो के प्रमुख श्री राजेन्द्र कुमार सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश में चल रहे किसान उत्पादक संघों के बारे में विस्तृत चर्चा की और इनसे होने वाले लाभों के बारे में किसानों को बताया| संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. प्यारे लाल सरोज ने अपने समापन भाषण में गाय एवं जैविक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जैविक एवं प्राकृतिक खेती के संबंध में फैले भ्रम को दूर करने की आवश्यकता बताई| इस अवसर पर किसानों के प्रतिनिधि श्री धर्मपाल सिंह, श्री शिवकान्त दीक्षित, श्री भूपेन्द्र सिंह ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 32 जिलों से आए 57 किसानों को धन्यवाद दिया| ये सभी किसान पहले से ही प्राकृतिक कृषि का अभ्यास कर रहे हैं| किसानों ने अपने अनुभवों के बारे बताया और कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें और आत्मविश्वास और बल मिला| कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. सुशील कुमार शुक्ल ने किया।

ICAR-CISH Lucknow started a two day-farmers training programme for 57 master trainers from different districts of Uttar Pradesh at its ‘Natural Farming Complex’ located on Raebareli Road near Telibagh, Lucknow. Dr. Ram Kripal Pathak, the great promoter of Natural/Cosmic Farming and Biodynamic Farming and ex-Director, CISH, was chief guest on the occasion. Dr Pathak in his remarks highlighted the use of various cow based inputs like Jeevamrit, Amritpani, Panchgavya, BD-500, BD-501, Cow Pat Pit, various neem and other plant based liquid manures for soil and nutrient management. Combining the natural farming with Bio-dynamic farming and Homa Farming will be more effective in achieving the targets of productivity and safe soil and environment, he added Addressing the farmers Dr. Neelima Garg, Director of the Institute apprised the farmers that the institute is maintaining a fully organic campus of 10 ha with its own 5 cows successfully without using any chemicals or pesticides. The institute is ready to impart training to the farmers in the area as it has been working in various various areas of natural or cosmic farming for last twenty years. The Natural Farming Complex has its own centre of producing cow based inputs. It has all types of plants like neem, karanj, Gliricidia, Moringa, etc in its campus for preparing various inputs. Dr. Garg also explained the science of controlling fungal rots by pasting fresh cowdung on cut surfaces of mango trees after pruning. The Principal Scientists Dr. S.K Shukla and Dr. Dushyant Mishra and Dr. Govind Kumar, Scientist (Microbiology) explained the technologies developed by CISH in field of natural farming and horticultural production. They also arranged a visit of natural farming complex, demonstration units, laboratories and organic nursery for farmers. Various practices of natural farming like mulching use of cow based inputs, sprays with various plant based products, use of polythene banding, methyl eugenol traps, light traps, etc have been demonstrated in the farm. Various useful plants have been planted and conserved by planting in farm of avenues or hedges. The representatives of farmers Sh. Dharmpal Singh, Sh. Shivkant Dixit, Sh Bhupendra Singh explained farmers’ expectations from the training. Farmers also will share their experiences. They informed that the master trainers from 32 districts of Uttar Pradesh have participated in the training. They are already practising natural farming and this training will go a long way in spreading the natural farming techniques in various parts of state. The programme was conducted by Dr. SK Shukla, Principal Scientist who also proposed vote of thanks to one and all.

Event Date:- 14-10-2022

Training Program on Safe Harvesting of Mangoes under Scheduled Caste Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आम की सुरक्षित तुड़ाई पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प. -केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित दिनांक 18 जून 2022 को “अनुसूचित जाति उपयोजना” के अंतर्गत आम की सुरक्षित तुड़ाई, विकारों की पहचान एवं प्रबंधन पर अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत अंगीकृत गांव सैदापुर खंड माल में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अनुसूचित जाति के 65 किसानों ने भाग लिया इस अवसर पर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी प्रभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना, डॉ. विशम्भर दयाल, फसल उत्पादन प्रभाग के वैज्ञानिक डॉ शरद द्विवेदी, तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रभाग की प्रधान वैज्ञानिक भारती किलाड़ी एवं वैज्ञानिक डॉ कर्म बीर कार्यक्रम में उपस्थित थे । प्रधान वैज्ञानिक भारती किलाड़ी ने बताया कि प्रायः आम में गलता रोग लग जाता है इसके निदान के लिए तुड़ाई से 1 महीने पहले कैल्शियम क्लोराइड डाईहाइड्रेट @ 2% को 10 दिन के अंतराल में तीन बार छिड़काव करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है । छिड़काव करने के पश्चात थैलाबंदी करने से फल की स्वछता एवं गुणवत्ता बनी रहती है। डॉ शरद कुमार द्विवेदी ने किसानों को आम के दैहिक विकारों की पहचान, तथा उनके लक्षण जैसे आम के कोईली विकार की पहचान एवं प्रबंधन, आम के फटने की समस्या एवं उसका निवारण, आम में ऊतक गलन आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक किसानों को संबोधित किया। डॉ. कर्म बीर वैज्ञानिक (तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रभाग) ने आम की फसल से संबंधित कई अहम बिंदुओं जिसे फसल की तुड़ाई में सावधानियां,आम को सुरक्षित पकाने की विधि, आम के सुरक्षित भंडारण तथा विपणन के बारे में किसानों को बताया । डॉ. कर्म बीर की टीम द्वारा विकसित सीआईएसएच राइपनर को किसानों में वितरित किया गया तथा इसके उपयोग की विधि, विशेषताओं के बारे में अवगत कराया गया । सीआईएसएच राइपनर के प्रयोग से पकने वाले आम का सेवन करना स्वास्थ्य के प्रति हानिरहित है । कार्यक्रम में उपस्थित योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को डॉ. विशम्भर दयाल (नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) कें.उ. बा.सं. द्वारा विकसित आम तोड़क यन्त्र वितरित किया। अंत में डॉ. विशम्भर दयाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किसानों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के दिशानिर्देश पर आयोजन किया गया। क्षेत्र सहायक वीरेंद्र कुमार एवं मो. शादाब की प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. विशम्भर दयाल एवं डॉ शरद कुमार द्विवेदी ने किया

Event Date:- 18-06-2022

ICAR-CISH, Lucknow organized training on Propagation methods of sub tropical fruits and preparation of commercial products of guava

भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.सं. लखनऊ द्वारा उपोष्ण फलों के प्रवर्धन विधियों एवं अमरूद के वाणिज्यिक उत्पाद तैयार करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

ICAR- CISH, Lucknow organized seven days training programme on propagation methods of sub tropical fruits and preparation of commercial products of guava during March 22-28, 2022 for the farmers. Eleven farmers from Sawai Madhopur district of Rajasthan were participated in training. At the outset of programme, Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH underline the importance of propagation methods of subtropical fruits like mango, guava, bael, jamun etc. and scope and establishment of modern nursery, concept of high density plantation and suitable varieties of fruit crops etc aspects that will help in perk up the income of farming communities. She also stressed about the various processed and value added products of fruits to reduce the losses. During the training lectures pertaining establishment of good orchards, production technology, important varieties of guava and mango and its cultivation methods, organic fruit production, high density planting and canopy management, important insect pest and diseases of guava and their integrated management, processing and value addition of fruit crops, identification of maturity of mango and guava , post harvesting methods etc. were given by the scientific faculties of the institute along with field and laboratory visits. This training was sponsored by Deputy Director Agriculture and ex-officio Project Deputy Director, ATMA Sawai Madhopur, Rajasthan. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Vishambhar Dayal, Scientist and Sri Arvind Kumar, ACTO coordinated the programme.

Event Date:- 28-03-2022

One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom.

भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 06 दिसंबर 2022 को “रेडी टू फ्रूट बैग ढींगरी(ऑयस्टर) मशरूम” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं नवयुवकों को मशरुम उत्पादन का व्यवहारिक ज्ञान देकर उद्यमिता विकास करना है। कार्यक्रम के अंत में 20 किसानों को मशरुम उत्पादन हेतु स्पान एवं बैग दिया गया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला एवं डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया।

One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom” was organized on 06 December 2022 under Farmer First Project of ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla delivered introductory lectures on various aspects of mushroom production and marketing. The Purpose of this training was to develop entrepreneurship by imparting practical and skill knowledge of mushroom production to farmers and rural youth. At the end of the program, 20 farmers were given spawn and bags for mushroom production. The program was coordinated by Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla and Dr. Maneesh Mishra.

Event Date:- 06-2-2022

One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom.

भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 06 दिसंबर 2022 को “रेडी टू फ्रूट बैग ढींगरी(ऑयस्टर) मशरूम” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं नवयुवकों को मशरुम उत्पादन का व्यवहारिक ज्ञान देकर उद्यमिता विकास करना है। कार्यक्रम के अंत में 20 किसानों को मशरुम उत्पादन हेतु स्पान एवं बैग दिया गया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला एवं डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया।

One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom” was organized on 06 December 2022 under Farmer First Project of ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla delivered introductory lectures on various aspects of mushroom production and marketing. The Purpose of this training was to develop entrepreneurship by imparting practical and skill knowledge of mushroom production to farmers and rural youth. At the end of the program, 20 farmers were given spawn and bags for mushroom production. The program was coordinated by Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla and Dr. Maneesh Mishra.

Event Date:- 06-2-2022

Online training programme organized on Intellectual Property Rights in Agriculture Research

कृषि अनुसंधान में बौद्धिक संपदा अधिकार पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 10 से 15 जनवरी, 2022 के दौरान "कृषि अनुसंधान में बौद्धिक संपदा अधिकार" पर एक छ: दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न शोध संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से 90 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान, प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व एवं उसके प्रकार तथा उन्हें नियंत्रित करने वाले कानून, पेटेंट खोज, पेटेंट फाइलिंग, पादप किस्म संरक्षण एवं कृषक अधिकार अधिनियम- 2001 के तहत प्रजनकों और किसानों के अधिकार, भौगोलिक संकेत, कृषि व्यवसाय ऊष्मायन प्रणाली, प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, व्यावसायीकरण, आदि के बारे में व्यापक ज्ञान दिया गया।

ICAR-CISH, Lucknow organized an online six days training programme on "Intellectual Property Rights in Agriculture Research" during January 10-15, 2022. Ninety participants participated in the training programme from various research institutes and universities across the country. During the training, extensive knowledge was imparted about the importance of IPR, types of IPR & laws governing them, hands on patent search, patent filing, breeders and farmers rights under PPV&FR Act- 2001, geographical indications, agribusiness incubation system, technology valuation, commercialization etc.

Event Date:- 10-01-2022

Training programme organized for establishment of mushroom unit at Lucknow Cantonment for the benefit of Army staff

सेना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु सेना मुख्यालय लखनऊ छावनी क्षेत्र में मशरूम इकाई की स्थापना हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना हेतु मेजर नवनीत कुमार, सेना चिकित्सा कोर अभिलेख, छावनी, लखनऊ के अनुरोध पर दिनांक 16-17 दिसंबर, 2021 के दौरान छावनी, लखनऊ में सेना के जवानों हेतु डॉ. पी.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा एक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । इस प्रशिक्षण में दिनांक 16 दिसंबर, 2021 को प्रशिक्षण स्थल का भ्रमण कर प्रशिक्षण सम्बंधी सभी तैयारियां कीं एवं ब्रिगेडियर सैजवीर सिंह के साथ उनकी प्रशिक्षण से उनकी अपेक्षाओं के बारे में चर्चा की । दिनांक 17 दिसंबर, 2021 को मशरूम की खेती के कार्य के लिए प्रतिनियुक्त पांच सैनिकों को पूरे दिन प्रशिक्षण दिया गया और शाम को यूनिट के 50 से अधिक अधिकारियों और सैनिकों के लिए पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति की गई।

इस अवसर पर, डॉ. नीलिमा गर्ग, कार्यवाहक निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.स. ने सभा को संबोधित किया और सेना के प्रति आभार व्यक्त किया और संस्थान से पूरे समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने ब्रिगेडियर सैजवीर सिंह को अपनी यूनिट के अधिकारियों एवं सैनिकों की भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.स. के भ्रमण हेतु व्यवस्था करने और बागवानी सम्बंधी विभिन्न कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त करने की भी सलाह दी। डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम की विभिन्न प्रजातियों के पोषण एवं औषधीय गुणों और उनकी उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.स. के एबीआई इनक्यूबेटी श्री विवेक सिंह ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और बटन मशरूम के फलों के बैग तैयार किए। कुल मिलाकर ऑयस्टर मशरूम के 21 बैग बनाये गए और उन्हें स्पॉन रन के लिए रखा गया। प्रशिक्षुओं को मशरूम की खेती के लिए कमरे की आवश्यकता के लिए भी निर्देशित किया गया और तदनुसार बेकार टिन/एस्बेस्टस शीट और लकड़ी का उपयोग करके खेती के कमरे के निर्माण पर काम शुरू किया गया । मशरूम रखने के रैक भी बेकार लकड़ी से तैयार किए जाएंगे। एक सप्ताह के भीतर कमरे के निर्माण के बाद रेडी टू फ्रूट बटन मशरूम बैग की आपूर्ति की जाएगी और इकाई एक पखवाड़े की अवधि के भीतर मशरूम के उत्पादन में आ जाएगी। यूनिट के 400 से अधिक सैनिकों को भोजन कराने वाले आर्मी मेस में खपत के लिए उत्पादन लक्ष्य 20-25 किलोग्राम प्रति दिन निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम का समापन एक दूसरे को धन्यवाद के साथ हुआ।

In response to the request of Major Navneet Kumar, Sena Chikitsa Corps Abhilekh, Cantonment, Lucknow regarding establishment of ‘Mushroom Production Unit’, a training of army personnel was organized at Lucknow Cantonment during December 16-17, 2021. Dr. P.K. Shukla, Principal Scientist visited the location, arranged preparatory work and had a discussion with Brigadier Saijvir Singh regarding his expectations on December 16, 2021. The training of five soldiers deputed for the task of ‘Cultivation of Mushrooms’ was conducted for full day on December 17, 2021 and in the evening Power Point presentation was given for over 50 officers and soldiers of the Unit.

Speaking on the occasion, Dr. Neelima Garg, Acting Director, ICAR-CISH addressed the gathering and expressed her gratitude towards Indian Army and assured wholehearted support from THE ICAR-CISH, Lucknow. She also invited Brigadier Saijvir Singh for paying a visit of officers and soldiers of his unit to ICAR-CISH for further training in various horticultural skills. Dr. P.K. Shukla explained in detail about the nutritional and medicinal values of different species of mushroom; and their production technology. The ABI Incubatee of ICAR-CISH Mr Vivek Singh also participated in the programme and displayed ready to fruit bags of button mushroom. In total, 21 bags of Oyster mushroom were spawned and placed for spawn-run. The trainees were also guided for the requirement of mushroom cultivation room, and accordingly the work on construction of cultivation rooms was initiated by utilizing waste tin/asbestos sheets and wood. The racks for placing mushrooms will also be prepared from waste wood. After construction of room within a week time, ready to fruit button mushroom bags will be supplied and the unit will come into production of mushrooms within a fortnight period. The production target is fixed from 20-25 kg per day for consumption in ‘Army Mess’ feeding over 400 soldiers of the unit. The programme ended with thanks to each other.

Event Date:- 17-12-2021

One day training programme on Button and Oyster mushroom production

बटन एवं ऑयस्टर मशरूम उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 21 अक्टूबर, 2021 को बटन एवं ऑयस्टर मशरूम उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बीबीएयू, लखनऊ की छह छात्राएं; सीबीजीपीजी कॉलेज, बख्शी का तालाब, लखनऊ के 3 छात्र; किसान प्रथम परियोजना के तहत चयनित 12 ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन तकनीक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन तकनीक से परिचित कराना एवं व्यावसायिक उत्पादन स्तर पर पहुंचने तक दीर्घकालिक संबंध स्थापित करना था। कार्यक्रम के अंत में, डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने प्रतिभागियों के साथ चर्चा की एवं मशरूम की खेती करने की उनकी इच्छा के बारे में पूछा और इस कार्यक्रम से उनकी सीख का मूल्यांकन किया। छात्राओं की रुचि मुख्य रूप से सीखने में और भविष्य में मशरूम उगाने की थी। जबकि ग्रामीण युवा प्रशिक्षण के तुरंत बाद मशरूम उगाने के लिए तैयार थे और सीबीजीपीजी कॉलेज के छात्र व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन हेतु योजना बना रहे थे।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized one day training programme on October 21, 2021 on Button and Oyster mushroom production. The six girl students from BBAU, Lucknow; 3 boy students from CBGPG College, Bakhshi ka Talab, Lucknow; and 12 rural youths selected under Farmer’s FIRST project participated in the programme. Dr. P.K. Shukla, Principal Scientist told about the mushroom production technology, replied queries of participants and also given practical training. The major purposes of this training were to introduce the participants with mushroom production technology and to establish long term relationship till they reach at commercial production level. At the end, Dr. S. Rajan, Director had a discussion with participants, asked about their willingness to cultivate mushrooms and evaluated their learning from this programme. The girl students were mainly interested in learning and willing to grow mushrooms in future. While, rural youths were ready to grow mushroom immediately after training and the students of CBGPG College were planning to go for commercial production.

Event Date:- 21-10-2021

Field day organized under Farmers FIRST project

फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने किसान प्रथम परियोजना के तहत 27 अगस्त, 2021 को प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ मनीष मिश्रा (प्र. अ., फार्मर फर्स्ट परियोजना), डॉ राम अवध राम और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार वर्मा ने मलिहाबाद प्रखंड के गोद लिए गांव मोहम्मदनगर तालुकदारी एवं नवीपनाह के किसानों के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। वैज्ञानिकों ने आम के बागों में आम आधारित कुक्कुट पालन, मछली पालन, हल्दी, जिमीकंद, पैनिकम घास, वर्मीकम्पोस्टिंग एवं संस्थान द्वारा विकसित सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रदर्शन का अवलोकन किया। वैज्ञानिकों ने किसानों से बातचीत कर उनकी बागवानी संबंधी समस्याओं का समाधान भी किया।

ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized Field Day on August 27, 2021 under Farmers FIRST Project. Principal Scientist, Dr. Manish Mishra (PI, FFP), Dr. Ram Awadh Ram and Senior Scientist, Dr. Anil Kumar Verma visited the farm of farmers of adopted village Mohammadnagar Talukdari and Navipanah of Malihabad block. Scientists observed the mango based poultry farming, fish culturing, intercropping like turmeric, yam, panicum grass, vermicomposting in mango orchards and the performance of micronutrients developed by the institute. The scientists also interacted with farmers and solve their horticulture related problems.

Event Date:- 27-08-2021

ICAR-CISH, Lucknow organized training cum workshop on Guava pulp processing and value added product under Farmers-First project

फार्मर्स-फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत अमरुद का गूदा प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धित उत्पाद पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने ग्राम मोहम्मदनगर तालुकेदारी में दिनांक 24 अगस्त 2021 को अमरुद का गूदा प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धित उत्पाद पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें स्वावलंबन महिला स्वयं सेवा समूह की 20 से अधिक प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। डॉ आलोक गुप्ता, वैज्ञानिक ने प्रशिक्षुओं को अमरुद के गूदे से जूस, जैम, जैली एवं आरटीएस बनाने का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षुओं को अमरुद के गूदे का वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण कर उसका भंडारण, पैकेजिंग एवं विपणन कैसे किया जाये, इसके बारे में भी अवगत कराया गया।

ICAR-CISH, Lucknow organized a training cum workshop on Guava pulp processing and value added products on August 24, 2021 at village Mohammadnagar Talukedari. A Total of 20 trainees of Swavalamban Women Self Help Group participated in workshop. Dr. Alok Gupta, Scientist trained the participant to make juice, jam, jelly and RTS from guava pulp. Trainees were also apprised about scientific method to store, packaging and marketing the guava pulp after processing.

Event Date:- 24-08-2021

Training programme under Amrut Bharat Mahotsav programme

अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम

भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के स्थापना दिवस के अवसर पर, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षे.अनु.सं एवं के.वी.के., मालदा द्वारा दिनांक 16 जुलाई, 2021 आत्मानिर्भर भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हबीबपुर प्रखंड की लगभग 124 अनुसूचित जाति की महिला कृषिकाओं ने भाग लिया। प्रतिभागियों को आय सृजन हेतु हस्तशिल्प, जूट के थैले, चटाई और चित्रकारी की हुई वस्तुओं आदि की निर्माण के बारे में जागरूक किया गया। प्रतिभागियों में बड़ी संख्या में कृषि महिलाएं पहले ही हस्तशिल्प का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी थी। शेष को हस्तशिल्प पर कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा, त्वरित जूट अपगलन हेतु एनआईएनएफईटी-साथी (पाउडर आधारित सामग्री, जो माइक्रोबियल विकास में मदद करती है एवं उच्च गुणवत्ता वाले जूट के रेशे के अपगलन प्रक्रियाओं को तेज करती है) के साथ पर्यावरण के अनुकूल जूट के रेशे के अपगलन प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया गया। प्रतिभागियों को भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता के विशेषज्ञ द्वारा जूट के अपगलन एवं इसके आगे उपयोग पर मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षित किया गया।

On occasion of ICAR foundation day, a Training programme was conducted under theme of Atmanirbhar Bharat by ICAR-CISH, RRS & KVK, Malda on July 16, 2021. About 124 SC farm women of Habibpur Block have participated in the programme. They were aware about Handcrafting, Preparation of Jute Bag, Mat, and Drawing furnishing items, etc, for their income generation. In Participants, large number of farm women have already got training of Handcrafting. Remain were encouraged for skill development training on Handicraft. Further, a demonstration was conducted on eco friendly jute retting technology with NINFET-SATHI (powder based material which helps in microbial growth and accelerates the retting processes with high quality jute fiber) for accelerated Jute retting. The participants were guided and trained by expert from ICAR-National Institute of Natural Fibre Engineering and Technology, Kolkata on Jute retting and its further utilization.

Event Date:- 16-07-2021

ICAR-CISH, Lucknow organized training on ‘Pest management in sub-tropical fruit crops (mango, guava, citrus and pomegranate)

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा उपोष्ण फलों (आम, अमरूद, नींबू एवं अनार) में नाशी जीव प्रबंधन का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने हिमाचल प्रदेश के बागवानी अधिकारियों हेतु आम, अमरूद नींबू एवं अनार के विशेष संदर्भ में उपोष्ण फलों में कीट प्रबंधन पर दिनांक 22-25 मार्च, 2021 के दौरान चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें बागवानी निदेशालय, शिमला -2, हिमाचल प्रदेश के छह अधिकारियों ने प्रशिक्षण में भाग लिया। कार्यक्रम के आरम्भ में, डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने उपोष्ण फलों की फसलों में कीट प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने फलों की फसलों के फ़ीनोलॉजी के अध्ययन के महत्व को भी रेखांकित किया। डॉ. एच.एस. सिंह, प्रभागाध्यक्ष, फसल संरक्षण विभाग ने बताया कि बदलते कृषि पारिस्थितिकी प्रणालियों के तहत कम से कम कीटनाशक के उपयोग के साथ समय पर कीट प्रबंधन टिकाऊ उपज प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण व्याख्यान के दौरान फेनोलॉजी आधारित से संबंधित कीटनाशक आवेदन हेतु विनिश्यच, कीट एवं रोग की पहचान तथा आम, अमरूद, नींबू एवं अनार में उनके समुचित प्रबंधन, आम एवं अमरूद हेतु अच्छे कृषि प्रथाओं (जी.ए.पी.), कीटों को कम करने हेतु आम एवं अमरुद में छत्र प्रबंधन, जैविक कीट दमन, कीट प्रबंधन में छिड़काव विधि तथा जैविक विधि से पेड़ के स्वास्थ्य प्रबंधन आदि का वैज्ञानिक संकाय द्वारा जानकारी व्यावहारिक प्रदर्शनों एवं प्रक्षेत्र भ्रमण के साथ दी गयी। प्रशिक्षुओं को फ्रूट फ्लाई ट्रैप के निर्माण, मिली बैंड निर्माण, बोर्डो पेस्ट को बनाने आदि के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण, बागवानी निदेशालय, शिमला -2 हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रायोजित किया गया था। वैज्ञानिक डॉ. गुंडप्पा एवं निधि कुमारी, वैज्ञानिक ने कार्यक्रम का समन्वय किया।

ICAR-CISH, Lucknow organized four days training programme on ‘Pest management in sub-tropical fruit crops with special reference to mango, guava, citrus and pomegranate’ during March 22-25, 2021 for the Horticulture officers of Himachal Pradesh. Six officers from Directorate of Horticulture, Shimla -2, Himachal Pradesh participated in the training. At the outset of the programme, Dr. Shailendra Rajan, Director ICAR-CISH emphasized the importance of the pest management in subtropical fruits crops. He also underlined the importance of studying the phenology of fruits crops. Dr. H.S. Singh, Head, Division of Crop Protection, said that under changing agro ecosystems timely pest management with minimal pesticide usage is crucial to get the sustainable yield. During the training lectures pertaining to Phenology based decisions for pesticide application, Pest and disease identification and their integrated management in mango, guava, citrus and pomegranate, Good Agricultural Practices (GAP) for mango and guava, Canopy management in mango and guava for pest reduction, Biological pest suppression, Spray techniques in pest management and Organic way of tree health management etc. were given by the scientific faculty of the institute along with the practical demonstrations and field visits. Hands on training were also conducted to the trainees on fruit fly trap preparation, mealy band preparation and Bordeaux paste preparation etc. Training was sponsored by Directorate of Horticulture, Shimla -2 Himachal Pradesh. Dr. Gundappa, Scientist (Agril. Entomology) and Dr. Nidhi Kumari, Scientist (Plant pathology) coordinated the programme.

Event Date:- 25-03-2021

Training on value addition of strawberries

स्ट्रॉबेरी के मूल्यवर्धन पर प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा दिनांक 25 मार्च 2021 को संस्थान के परिसर में स्ट्रॉबेरी के मूल्यवर्धन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान द्वारा चयनित अनसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत अंगीकृत माल एवं काकोरी प्रखंडों में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे 25 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के आरम्भ में डॉ शैलेन्द्र राजन, निदेशक ने स्ट्रॉबेरी से किसानो की आय में बढ़ोत्तरी के बारे में जानकारी दी और किसानो से उनके सुझाव भी जाने। किसानों को स्ट्रॉबेरी के फलों को प्रसंस्कृत उत्पादों में परिवर्तित करके उसके मूल्यवर्धन पर प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. नीलिमा गर्ग (प्रभागाध्यक्ष फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन) द्वारा किसानो को स्ट्रॉबेरी क्रश बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. अशोक कुमार प्रधान वैज्ञानिक (नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) के द्वारा कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए संपन्न कराया गया।

ICAR-CISH, Lucknow organized one day training on value addition of strawberries on March 25, 2021. A total of 25 farmers were selected by the Institute from SCSP adopted village of Mall and Kakori block, who cultivating strawberries, were participated in training. At the outset of the programme, Dr. Shailendra Rajan underlined about the perk up income of farmers from strawberries and he also known their suggestions. The farmers were trained on value addition by converting strawberry fruits into processed products. Dr. Neelima Garg (Head, Post Harvest Management Department), trained the farmers to make strawberry crush. The programme was coordinated by Dr. Ashok Kumar Principal Scientist (Nodal Officer Scheduled Caste Sub Plan) with observing the MHA guidelines of Covid-19.

Event Date:- 25-03-2021

Demonstration of cultivation of melon, watermelon and cucumber under FARMER-FIRST project

फार्मर-फर्स्ट परियोजना के तहत तरबूज, खरबूज एवं ककड़ी की खेती का प्रदर्शन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 17 मार्च 2021 को मलिहाबाद प्रखंड के गोद लिए गांव भडवाना, हिम्मतखेड़ा, नवी पनाह में 10 चयनित किसानों के बीच तरबूज, खरबूज एवं ककड़ी की खेती का प्रदर्शन किया। किसानों को संस्थान द्वारा विकसित कम लागत वाली पॉलिथीन सुरंग में गैर-मौसमी सब्जियों का उत्पादन तकनीक के बारे में बताया गया। किसानों को यह भी सुझाव दिया गया कि वे अपने खेतों और नर्सरी में इस कम लागत वाली टनल को गैर-मौसमी सब्जी की तैयारी और स्थानीय बाजारों में बेचने तथा अच्छे लाभ हेतु तैयार करें। किसानों को उर्वरकों एवं कीटनाशकों के विवेकपूर्ण उपयोग, जल प्रबंधन, सब्जी एवं फलों के कीट एवं रोग मुक्त उत्पादन पर भी शिक्षित किया गया।

ICAR-CISH, Lucknow demonstrated the cultivation of melon, watermelon and cucumber among 10 selected farmers in the adopted village Bhadwana, Himatkhera, Navi Panah of Malihabad block on 17 March 2021. The farmers were apprised about the technique of producing off-season vegetables in low-cost polythene tunnel developed by the Institute. The suggestion were also given to farmers for making this low cost tunnel in their fields and nurseries for good profit by preparation of non-seasonal vegetable saplings and selling it in local markets. They were also educated on judicious use of fertilizers and pesticides, water management, production of diseases and pest free vegetable and fruits.

Event Date:- 17-03-2021

ICAR-CISH, Lucknow organized training on production, protection and post harvest management of subtropical fruit crops

भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा उपोष्ण फलों के उत्पादन, फसल सुरक्षा एवं तुड़ाई उपरांत प्रबंधन पर प्रशिक्षण का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 08-10 मार्च, 2021 के दौरान कृषि-विस्तार अधिकारी हेतु उपोष्ण फलों के उत्पादन, संरक्षण एवं तुड़ाई उपरांत प्रबंधन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में बिहार के समस्तीपुर, बक्सर, मुजफ्फरपुर, भोजपुरी, नालंदा एवं पटना के कुल 14 अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के आरम्भ में, डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार तकनीक, सघन बागवानी की अवधारणा एवं फलों की फसलों की उपयुक्त किस्मों, आदि पहलुओं के बारे में रेखांकित किया, जो कि कृषि समुदायों की आय को बढ़ाने में मदद करेंगे। उन्होंने बिहार में संस्थान द्वारा विकसित केले की बीमारी के प्रबंधन एवं आम, अमरूद, बेल जैसे फलों की फसलों को लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को अच्छे बागों की स्थापना, फलों के बागों का जीर्णोद्धार, उत्पादन तकनीक, बेल और जामुन की महत्वपूर्ण किस्में एवं इसकी खेती के तरीके, जैविक फल उत्पादन, आम और अमरूद में जल एवं पोषक तत्व का प्रबंधन, आम की सघन बागवानी, छत्र प्रबंधन, आम और अमरुद के महत्वपूर्ण कीट एवं उनके एकीकृत प्रबंधन, फलों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, फलों के परिपक्वता की पहचान, तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन आदि के बारे में वैज्ञानिक संकायों द्वारा ज्ञान देने के साथ-साथ व्यावहारिक भ्रमण भी कराया गया। अधिकारियों का यह प्रशिक्षण बिहार कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (बमेती) द्वारा प्रायोजित किया गया था। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक एवं श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. द्वारा कार्यक्रम का समन्वय किया गया।

ICAR-CISH, Lucknow organized three days training programme on production, plant protection and post harvest management of subtropical fruit crops during March 08-10, 2021 for the Horticulture Extension Officers. Fourteen officers from Bihar including Samastipur, Buxar, Muzaffarpur, Bhojpuri, Nalanda and Patna were participated in training. At the outset of programme, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH underlined about the importance of rejuvenation technology of old mango orchards, concept of high density plantation and suitable varieties of fruit crops, etc aspects that will help in perk up the income of farming communities. He also stressed about the management of banana disease and popularizing of important varieties of fruit crops namely mango, guava, bael developed by the institute in Bihar. During the training lectures pertaining to establishment of good orchards, rejuvenation of fruit crops, production technology, important varieties of bael and jamun and its cultivation method, organic fruit production, water and nutrient management of mango and guava, high density planting of mango, canopy management, important insect pest and diseases of mango and guava and their integrated management, processing and value addition of fruit crops, identification of maturity of fruits crops, post harvest methods etc. were given by the scientific faculties of the institute along with field visits. This training was sponsored by Bihar Agriculture Management and Extension Training Institute (BAMETI). Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Sri Arvind Kumar, ACTO coordinated the programme.

Event Date:- 10-03-2021

ICAR-CISH, Lucknow organized one month (200 hr) training on organic grower under ASCI

भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा भारतीय कृषि कौशल परिषद के तहत जैविक उत्पादनकर्ताओं पर एक महीने (200 घंटे) के प्रशिक्षण का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने जैविक उत्पादनकर्ताओं पर दिनांक 5 फरवरी- 5 मार्च, 2021 के दौरान एक महीने (200 घंटा) का प्रशिक्षण का आयोजन किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गाजीपुर, कानपुर, बिजनौर, प्रयागराज, सीतापुर और सुल्तानपुर जिलों से कुल 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) द्वारा प्रायोजित था। प्रशिक्षण के दौरान, प्रशिक्षुओं को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के अनुमोदित पाठ्यक्रम के अनुसार खेती के सुरक्षित तरीकों के विभिन्न पहलुओं जैसे कि स्वास्थ्य और पर्यावरण पर असुरक्षित कृषि प्रथाओं के हानिकारक प्रभाव, सुरक्षित खेती के प्रकार एवं उनकी विशेषताओं, जैविक खेती पर लागत एवं राजस्व, जैविक खेती में बहु-फसल, बहु-फसल की योजना (बुवाई, रोपण एवं फसल चक्रानुक्रम) आदि के बारे में व्यापक ज्ञान दिया गया।

प्रशिक्षुओं को जैव-कीटनाशकों, जैव-उर्वरकों, जैविक खेत में कीट एवं खरपतवार प्रबंधन, विभिन्न प्रकार के खाद जैसे कि वर्मीकम्पोस्ट, नाडेप, बायोडायनामिक कम्पोस्ट, वर्मीवाश, गाय पैट-पिट, बी.डी.-500, 501, जीवामृत, अमृतपानी, पंचगव्य, बीजामृत आदि के निर्माण एवं जैविक उत्पादन में उनका उपयोग के बारे में भी बताया गया। फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन, तृतीय पक्ष प्रमाणन, बुनियादी दस्तावेज एवं मूल रूप से उत्पादित फलों के विपणन के बारे में भी प्रशिक्षुओं को जानकारी दी गयी। प्रशिक्षुओं को गुड़ प्रसंस्करण, मिश्रित फसल और राजस्व उत्पादन के लिए उच्च मूल्य वाली सब्जी फसलों के उत्पादन की नई तकनीकों के बारे में जानकारी हेतु भा.कृ.अनु.प.-भा.ग.अनु.स., लखनऊ और इसके कृ.वि.के., लखनऊ का भी भ्रमण कराया गया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. आर.ए. राम ने प्रशिक्षण का समन्वय किया।

ICAR-CISH, Lucknow organized one month (200 hr) training on organic grower during February 5-March 5, 2021. A total of 20 participants from Lucknow, Ghajipur, Kanpur, Bijnor, Prayagraj, Sitapur and Sultanpur districts of U.P. were participated in this training programme. The training was Sponsored by Agriculture Skill Council of India (ASCI). During the training, as per National Skill Development Corporation (NSDC) approved course, the extensive knowledge on various aspect of safe practices of farming such as detrimental effects of unsafe farming practices on health and environment, types of safe farming practices and their characteristics, effects of organic farming on costs and revenue, multi-cropping in organic farming, planning of multi cropping (sowing, planting and rotation cycle) viz., intercrops, mixed crop, relay crop or trap crop, bio inputs (on and off farm) produced etc. were given to trainees.

Trainees were also apprised about bio-pesticides, bio-fertilizers, pest and weed management in organic farm, preparation of various type of compost such as vermicompost, NADEP, biodynamic compost, vermiwash, cow pat pit, BD-500, 501, jeevamrita, amritpani, panchagavya, beejamrita etc. and their use in organic production. The knowledge of post harvest management, third party certification, basic documentations and marketing of organically produced fruits were also provided to the trainees. Trainees were also visited the ICAR-IISR, Lucknow and its KVK, Lucknow for aware of new technologies of jaggery processing, mixed cropping and production of high value vegetable crops for revenue generation. Principal Scientist, Dr. R.A. Ram coordinated the training.

Event Date:- 05-03-2021

Training on Motivation and Skill Up gradation for Skilled Support Staff

कुशल सहायक कर्मचारी हेतु प्रेरणा एवं कौशल उन्नयन पर प्रशिक्षण का आयोजन

मानव संसाधन प्रबंधन इकाई के तत्वावधान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के मानव संसाधन विकास इकाई ने कुशल सहायक कर्मचारी हेतु प्रेरणा एवं कौशल उन्नयन पर दिनांक 02-04 मार्च, 2021 के दौरान तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया। जिसमें कुल 7 नामित कुशल सहायक कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आरम्भ डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. के उद्घाटन भाषण के साथ हुआ उन्होंने प्रतिभागियों को पंजीकरण किट वितरित किए और अपनी प्रशिक्षण आवश्यकताओं को उजागर करने हेतु आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आत्म-सुधार एवं संगठन विकास हेतु जीवन में निर्धारित कौशल को सम्मानित करने के लिए एक निरंतर आवश्यकता बताया। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को समय प्रबंधन, अच्छे पारस्परिक व्यवहार, कंप्यूटर ज्ञान, प्रक्षेत्र सुरक्षा से जुड़े नियम एवं स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के बारे में ज्ञान दिया गया। प्रतिभागियों को भा.कृ.अनु.प.-भा.ग.अनु.सं., लखनऊ एवं इसके कृ.वि.कें. का भ्रमण भी कराया गया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. अशोक कुमार ने इनके प्रक्षेत्र भ्रमण का समन्वय किया। कार्यक्रम के अंत में, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. अंजू बाजपाई, समन्वयक एवं मानव संसाधन विकास इकाई की नोडल अधिकारी ने सभी प्रतिभागियों से कार्यक्रम का फीडबैक लिया।

Under the aegis of Human Resource Management Unit, the HRD cell of ICAR-CISH, Lucknow organized three days training on Motivation and Skill Up gradation for Skilled Support Staff during March 02-04, 2021. A total of 7 nominated SSS has been participated. The programme started with inaugural address of Dr. S. Rajan, Director ICAR-CISH. He distributed the registration kits and encouraged the participants for coming forward to highlight their training needs. He also indicated a constant need for honing the skill set in life for self-improvement and organization development. During the training, the participants were apprised about time management, good interpersonal behavior, computer knowledge, field safety protocols, maintaining hygiene and good health. Participants were also visited the ICAR-IISR, Lucknow and its KVK. Principal Scientist, Dr. Ashok Kumar coordinated their field exposure visit. At the end of programme, Principal Scientist, Dr. Anju Bajpai, coordinator and Nodal Officer of HRD taken feedback of programme from all the participants.

Event Date:- 04-03-2021

Inaugural Programme of Assistant Gardener Training under ASCI

भारतीय कृषि कौशल परिषद के अंतर्गत सहायक माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 20 प्रशिक्षुओं के लिए 200 घंटे का सहायक माली प्रशिक्षण (मार्च 01-31, 2021 के दौरान) कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को माली की तकनीकी जानकारी के साथ-साथ हस्त-प्रशिक्षण दिया जायेगा। उद्घाटन कार्यक्रम की शुरुआत में, डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने बागवानी की मूल बातों के बारे में बताया। उन्होंने अपने कौशल विकास में इस प्रशिक्षण के महत्व और भविष्य में इसके व्यापकता पर भी जोर दिया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने कौशल विकास में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) की भूमिका के बारे में प्रशिक्षुओं को अवगत कराया। प्रशिक्षण का समन्वय वैज्ञानिक डॉ. प्राणनाथ बर्मन द्वारा किया जा रहा है।

Assistant Gardener Training (During March 01-31, 2021) of 200 hour under the Skill Development Programme of Agriculture Skill Council of India (ASCI) for 20 trainees has been inaugurated by ICAR-CISH, Lucknow on March 01, 2021. During the training, on hand training and technical information of gardening will be given to the trainees. At the outset of inaugural programme, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH was underlined about the basics of gardening. He also emphasized the importance of this training in skill development and its scope in future. Dr. Ashok Kumar, Principal Scientist apprised the trainees about role of National Skill Development Corporation (NSDC) and Agriculture Skill Council of India (ASCI) in skill development. The training is being coordinated by scientist, Dr. Prannath Barman.

Event Date:- 01-03-2021

Field day on production of vermicompost from organic waste organized under Scheduled Castes Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत जैविक कचरे से वर्मीकम्पोस्ट के उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा दिनांक 26 फरवरी 2021 को काकोरी प्रखंड के ककराबाद गांव में व जैविक कचरे से वर्मीकम्पोस्ट के उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें माल एवं काकोरी प्रखंड के अनुसूचित जाति उपयोजना के अंगीकृत गांव ककराबाद, गोपरामऊ, सरसंडा, बंसीगढ़ी, सराय अलीपुर एवं देवी खेड़ा के लगभग 100 किसानों ने भाग लिया। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) ने रसायनिक उर्वरकों व कीटनाशक दवाओं के द्वारा फसल उत्पादन से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में होने वाली कमी एवं उसके निदान हेतु सूक्ष्मजीवों से समृद्ध वर्मीकंपोस्ट के उचित प्रयोग के बारे में किसानों को अवगत कराया। किसानों को जैविक कचरे से वर्मीकंपोस्ट बनाने के लिए वर्मीबेड लगाने की विधि, केंचुओं की मात्रा, वर्मीकम्पोस्ट के सफल उत्पादन एवं रखरखाव हेतु आवश्यक जानकारी प्रदान की गयी।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on production of vermicompost from organic waste at Kakrabad village of Kakori block on February 26, 2021. Around 100 farmers from SCSP adopted villages of Kakrabad, Gopramau, Sarsanda, Bansigarhi, Sarai Alipur and Devi Khera of Mall and Kakori blocks were participated. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, SCSP) apprised the farmers about reduction in soil fertility due to using of chemical fertilizers and pesticides for crop production and their solution through proper use of microorganisms rich vermicompost. Farmers were also informed about preparation of vermibed, quantity of earthworms, maintenance and successful production of vermicompost from organic waste.

Event Date:- 26-02-2021

Field day on the production of strawberries in subtropical areas organized under SCSP

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत उपोष्ण क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी के उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा दिनांक 23 फरवरी 2021 को काकोरी प्रखंड के सरसंडा गांव में उपोष्ण क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी के उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें माल एवं काकोरी प्रखंड के अनुसूचित जाति उपयोजना के अंगीकृत गांव सरसंडा, गोपरामऊ, हसनापुर, काकराबाद, सराय अलीपुर आदि गांवो से लगभग 120 किसानों ने भाग लिया। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया स्ट्रॉबेरी शीतोष्ण जलवायु की फसल है, परंतु उन्नत तकनीकी एवं लगन व मेहनत तथा वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन से उपोष्ण जलवायु में भी सफलतापूर्वक उगाया जा सकती है। किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती में मल्चिंग की उपयोगिता, खाद, सिंचाई प्रबंधन तथा फल प्राप्त करने के पश्चात कैसे पौधों को पुनः बचाया जा सकता है एवं स्ट्रॉबेरी के विपणन पर विस्तार पूर्वक जानकारी देकर प्रशिक्षित किया गया। किसानों को संस्थान की देखरेख में सरसंडा गांव के स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले मनीष रावत एवं अयोध्या प्रसाद के प्रक्षेत्र को दिखाया गया। जिसे देखकर अन्य किसान भी स्ट्रॉबेरी की खेती करने के लिए उत्साहित हुए।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on strawberries in subtropical areas at Sarasanda village of Kakori block on February 23, 2021. Around 120 farmers from SCSP adopted villages of Sarasanda, Gopramau, Hasanapur Kakrabad, Sarai Alipur etc. of Mall and Kakori blocks were participated. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, SCSP) advocated the farmers and told that the strawberry is a crop of temperate climate, but it can also be grown successfully in subtropical climate with advanced technology and hard work and guidance of scientists. Farmers were trained by apprising about the utility of mulching in the cultivation of strawberries, fertilizers, irrigation management and how the plants can be saved after obtaining fruits and marketing of strawberries. The field of Manish Rawat and Ayodhya Prasad, who grow strawberries in Sarsanda village under the guidance of the institute, were shown to the farmers. Seeing this, other farmers were also excited to cultivate strawberries.

Event Date:- 23-02-2021

Field day on production of garlic organized under Scheduled Caste Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत लहसुन उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 19 फरवरी 2021 को माल प्रखंड के थरी ग्राम में लहसुन उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें माल एवं काकोरी प्रखंड के अनुसूचित जाति उपयोजना के अंगीकृत गांव से लगभग 200 किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस.आर. सिंह ने किसानों को लहसुन की फसल के अच्छे उत्पादन हेतु इसकी उचित देखभाल एवं समस्याओं जैसे कि खरपतवार, सिंचाई, कीट प्रबंधन आदि के बारे में अवगत कराया। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) ने किसानों को बताया कि लहसुन का मसाला वर्गीय फसलों में प्रमुख स्थान है एवं किसान लहसुन की खेती करके इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on production of garlic at Thari village of Mall block on February 19, 2021. Around 200 farmers from SCSP adopted villages of Mall and Kakori blocks participated in the event. On this occasion, Principal Scientist, Dr. S.R. Singh apprised the farmers about the necessary care and management of problems such as weed, irrigation, pest etc. for better production of garlic. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, SCSP) underlined that garlic is one of the most important crop of spice family and farmers can earn good profits by cultivating this.

Event Date:- 19-02-2021

Field day on Nutri Garden organized under Scheduled Caste Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत पोषण वाटिका पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 17 फरवरी 2021 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत काकोरी प्रखंड के गोपरामऊ ग्राम में पोषण वाटिका पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें माल एवं काकोरी प्रखंड के लगभग 200 किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस आर सिंह ने किसानों को बताया कि वे पोषण वाटिका द्वारा घर के चारों ओर खाली पड़ी हुई भूमि में कीटनाशक रहित जैविक एवं पौष्टिक शाक-सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं। उन्होनें बताया कि पोषण वाटिका द्वारा उगाई गई सब्जियां बाजार की तुलना में सस्ती एवं उत्तम गुणवत्ता वाली होती हैं। इसके लिए घरेलू कार्यो में प्रयुक्त हो चुके जल का पौधों की सिंचाई में सदुपयोग हो सकता है एवं घर के कूड़े-करकट का कम्पोस्ट खाद बना कर प्रयोग किया जा सकता है। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) ने किसानों को बताया कि पोषण वाटिका में इस तरह का चक्र अपनाया जाता है जिससे कि नियमित रूप से ताजी, स्वादिष्ट शाक-सब्जियों की वर्ष भर पोषण वाटिका से पूर्ति होती रहे। उन्होनें यह भी सलाह दी कि पोषण वाटिका के लिए ऐसी किस्मों एवं फसलो का चयन किया जाना चाहिए जो पौष्टिकता की दृष्टि से संतुलित हो तथा उनमें कीट-बीमारियों की समस्या कम हो।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on Nutri Garden in the SCSP adopted Gopramau village of Kakori block on February 17, 2021. Around 200 farmers from other adopted villages of the Scheduled Castes Sub Plan participated in the event. On this occasion, Principal Scientist, Dr. S.R. Singh underlined that, by nutri-garden, farmers can produce pesticide-free, organic and nutritious vegetables in the vacant land around the house. He also mentioned that vegetables grown by the nutri garden are cheaper and of better quality than the market. For this, water used in domestic works can be utilized in irrigation of plants and household garbage can be used by making compost. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, SCSP) apprised the farmers that nutri-garden cycle adopted in such a way that the fresh and tasty vegetables get throughout the year from nutri-garden. He also advocated that nutritionally balanced and less insect-diseases prone varieties of crops should be selected for the nutri-garden.

Event Date:- 17-02-2021

Field day on production of off-season vegetables organized under Scheduled Castes Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत गैर-मौसमी सब्जियों का उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा संस्थान परिसर में दिनांक 12 फरवरी 2021 को गैर-मौसमी सब्जियों के उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें अनुसूचित जाति उप योजना के अंगीकृत गांव से लगभग 200 किसानों ने आयोजन में भाग लिया। प्रक्षेत्र दिवस के आयोजन पर संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार एवं डॉ. एस आर सिंह मुख्य अतिथि रहे। डॉ. शैलेन्द्र राजन ने किसानों को संस्थान द्वारा विकसित कम लागत वाली पॉलिथीन टनल में गैर-मौसमी सब्जियों का उत्पादन की तकनीक से किसानों को अवगत करवाया गया। उन्होंने बताया कि, किसान इसे कम खर्च में अपने खेतों एवं नर्सरी में बना सकते हैं एवं गैर-मौसमी सब्जियों की पौध तैयार करके इसे स्थानीय बाजारों में बेच करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। डॉ. अशोक कुमार एवं डॉ. एस आर सिंह ने किसानों को पॉलिथीन टनल में गैर-मौसमी सब्जियों के अंकुरित होने से लेकर पौध तैयार करने तक अवश्यक नमी, तापमान एवं जल के रखरखाव के बारे में बताया। किसानों को सब्जियों के अधिक उत्पादन, रोग, कीट एवं जल प्रबंधन, उर्वरकों एवं कीटनाशकों का समुचित प्रयोग आदि बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on production of off-season vegetables in its institute premises on February 12, 2021. Around 200 farmers from adopted villages of the Scheduled Castes Sub Plan participated in the event. Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH and principal scientists, Dr. S.R. Singh and Dr. Ashok Kumar were present as chief guest. Dr. Shailendra Rajan apprised the farmers about institute developed low cost polythene tunnel for production of off-season vegetables. He told that, farmers can make it in their fields and nurseries at low cost and can earn good profits by growing off-season vegetable and selling it in local markets. Dr. Ashok Kumar and Dr. SR Singh underlined about the maintenance of optimal moisture, temperature and water in the polythene tunnel for growing of these vegetables from germination to mature plants stage. The farmers were trained on production of vegetables, diseases, pest and water management, judicious use of fertilizers and pesticides etc.

Event Date:- 12-02-2021

Field Day on the production of Apple Ber organized under the Scheduled Castes Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत एप्पल बेर के उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा बुलाकीहार गांव में एप्पल बेर के उत्पादक एवं प्रगतिशील किसान श्री मुकेश मौर्या एवं श्री राम विलास मौर्या के प्रक्षेत्र पर दिनांक 10 फरवरी 2021 को एप्पल बेर के उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में माल तथा काकोरी प्रखंड के अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत अंगीकृत गांव के 90 से अधिक किसानों ने भाग लिया। प्रक्षेत्र दिवस में सम्मिलित किसानों को एप्पल बेर के उत्पादन की तकनीकी जानकारी दी गयी। कार्यक्रम के दौरान एप्पल बेर की खेती से संबंधित आनी वाली समस्याओं के प्रबंधन पर भी मंत्रणा की गई। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, अनुसूचित जाति उपयोजना) ने श्री मुकेश मौर्या एवं श्री राम विलास मौर्या का उदहारण देते हुए बताया कि एप्पल बेर के पौष्टिक गुणों एवं फरवरी-मार्च महीने में अन्य स्थानीय फलों की अनुपलब्धता के कारण किसान इसका उत्पादन करके अपनी आय में अच्छी वृद्धि कर सकते हैं। प्रक्षेत्र दिवस में आए किसान एप्पल बेर की खेती करने के लिए प्रोत्साहित हुए।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on the production of Apple Ber at the field of Mr. Mukesh Maurya and Shri Ram Vilas Maurya, Apple Ber producer and progressive farmer, in Bulakihar village on 10 February 2021. More than 90 farmers from villages adopted under the Scheduled Castes Sub Plan of Mal and Kakori Block participated in the event. Farmers participated in the field day were apprised about the production of Apple Ber. During the programme, management problems related to Apple Ber cultivation were also discussed. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, Scheduled Castes Sub-Plan), while giving an example of Mr. Mukesh Maurya and Mr. Ram Vilas Maurya, said that due to the nutritional properties of Apple Ber and non-availability of other local fruits during the months of February-March, farmers can produce this and perk up their income. Farmers on the field day were encouraged to cultivate Apple Ber.

Event Date:- 10-02-2021

Inauguration of training on bee keeping under Scheduled Caste Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण का शुभारंभ

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा गोसाईगंज तथा मोहनलालगंज के 10 किसानों हेतु मधुमक्खी पालन पर दिनांक 09 फरवरी 2021 से 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को गोसाईगंज क्षेत्र के प्रगतिशील मौनपालक श्री बृजेश वर्मा के प्रक्षेत्र में मौनपालन एवं उससे सम्बंधित व्यवसाय के बारे में तकनीकी जानकारियां दी जाएगी। प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन ने किसानों को आय में वृद्धि करने हेतु मधुमक्खी पालन पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिससे कोई भी महिला व पुरुष, शिक्षित तथा अशिक्षित व्यक्ति इस व्यवसाय को अपनाकर अपनी आजीविका तथा आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, अनुसूचित जाति उपयोजना) ने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं होती है छोटे किसान एवं भूमिहीन किसान भी इस व्यवसाय को सरलता पूर्वक अपना सकते हैं।

Seven days training programme on beekeeping for 10 farmers of Gosaiganj and Mohanlalganj was inaugurated by ICAR-CISH, Lucknow on February 09, 2021. During the training, technical information about the beekeeping and their related business will be given to farmers at the field of Mr. Brijesh Verma, progressive beekeeper of Gosaiganj area. Inaugurating the training, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, gave detailed information on the bee keeping for perk up the income of farmers. He also underlined that beekeeping is a profession whereby any woman and man, educated and uneducated person can adopt this business and improve their livelihood as well as income. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, Scheduled Castes Sub-Plan) informed that there is no need of additional land for bee keeping. Small farmers and landless farmers can also adopt this business easily.

Event Date:- 09-02-2021

Field Day on Vertical Gardening organized under Scheduled Caste Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत वर्टिकल गार्डनिंग पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा काकोरी प्रखंड के अंगीकृत गांव सराय अलीपुर में दिनांक 08 फरवरी 2021 को वर्टिकल गार्डनिंग पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति उप योजना के अन्य अंगीकृत गांव से लगभग 80 किसानों ने आयोजन में भाग लिया। प्रक्षेत्र दिवस के आयोजन के मुख्य अतिथि भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन एवं डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, अनुसूचित जाति उपयोजना) रहे। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. शैलेंद्र राजन ने बताया कि किस तरह भूमिहीन किसान छतों एवं अन्य छोटी जगहों पर वर्टिकल गार्डनिंग द्वारा घरों में प्रयोग में आने वाली पौष्टिक साग सब्जियां को उगा करके खा सकते हैं।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on Vertical Gardening in the adopted Sarai Alipur village of Kakori block on February 8, 2021. Around 80 farmers from other adopted villages of the Scheduled Castes Sub Plan participated in the event. Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH and Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, Scheduled Caste Sub Plan) were present as chief guest. During the programme, Dr. Shailendra Rajan underlined that how landless farmers can grow and eat the nutritious vegetables used in homes by vertical gardening on roofs and other small places.

Event Date:- 08-02-2021

ICAR-CISH, Lucknow organized training programme on Rejuvenation and after-care of mango, guava and aonla orchards

भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.सं. लखनऊ द्वारा आम, अमरूद एवं आंवला का जीर्णोद्धार एवं रखरखाव विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा “आम, अमरूद एवं आंवला का जीर्णोद्धार एवं रखरखाव” विषय पर दिनांक 11-15 जनवरी, 2020 के दौरान एक पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के 16 जनपदों यथा खंडवा, रीवा, उज्जैन, मुरैना, गुना, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, झाबुआ, राजगढ़, जबलपुर, पन्ना, हरदा, खरगौन, बुड़हनपुर, धार, शिवपुरी के 20 उद्यान प्रसार अधिकारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम के दौरान आम, अमरूद एवं आंवला के जीर्णोद्धार और गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु प्रौद्योगिकी के बारे में संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा शैलेंद्र राजन ने अपने संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न आम की जीर्णोद्धार तकनीक की विशेष चर्चा की जो कि देश के विभिन्न भागों में फैल चुकी है। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित फलों की विभिन्न क़िस्मों की भी चर्चा की जिनके प्रसार की मध्य प्रदेश में बहुत अच्छी संभावनाएं हैं| मध्य प्रदेश की बागवानी से जुड़ी समस्याओं और उसके सम्भावित समाधान को भी उन्होंने रेखांकित किया। संस्थान के द्वारा विकसित आम अमरूद एवं आंवला के जीर्णोद्धार एवम उत्पादन तकनीक के बारे में विभिन्न वैज्ञानिकों ने न सिर्फ जानकारी दी बल्कि प्रक्षेत्र में प्रदर्शन कर व्यावहारिक पक्षों को भी प्रशिक्षुओं के सामने रखा।

कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिभागियों ने मध्यप्रदेश की बागवानी सम्बंधी समस्याओं यथा आम, अमरूद में काट छांट एवम छत्र प्रबंधन, आम में गुम्मा व्याधि, आम में अनियमित फलन, आंवले एवम अमरूद में अफलन की समस्या आदि की चर्चा कर समाधान की अपेक्षा की। पाठयक्रम निदेशक डा. सुशील कुमार शुक्ल एवं कार्यक्रम के समन्वयक डा. दुष्यंत मिश्र ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रशिक्षणार्थियों को नर्सरी, मैंगो पैक हाउस, जीर्णोद्धारित बागों आदि का भ्रमण भी कराया । कार्यक्रम में कोविड-19 से सम्बंधित सभी दिशा निर्देशों का पालन किया गया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a five day long training programme on “Rejuvenation and after-care of mango, guava and aonla orchards” during Jan 11-15, 2021 for the Rural Horticulture Extension Officers from various districts of Madhya Pradesh. The training was sponsored by Directorate of Horticulture, Bhopal, MP. Twenty officers from 16 districts of M.P., namely Khandwas, Rewa, Ujjain, Morena, Guna, Hoshangabad, Narsingpur, Jhabua, Rajgarh, Jabalpur, Panna, Harda, Khargaun, Burhanpur, Dhar, Shivpuri participated in the training. During the training, lectures and practical exercises pertaining to rejuvenation of fruit crops and production technology and post harvest management were given by the scientific faculty of the institute.

On the occasion, Director of the Institute, Dr Shailendra Rajan, underlined about rejuvenation technology developed by the institute which has not only spread to different parts of the country but has made major impact in various mango growing belts. He also stressed the need for popularizing various fruit varieties of mango, guava, bael developed by ICAR-CISH in Madhya Pradesh. Various horticultural problems and possible solutions were also discussed in the training.

The problems of canopy management and pruning in fruits, mango malformation, alternate bearing, unfruitfulness in aonla and guava, etc were raised by participants in the state. The course director Dr. Sushil Kumar Shukla and coordinator, Dr. Dushyant Mishra left no stone unturned in coordinating and facilitating the participants to make the training successful. Visit to nursery, Mango Pack House and rejuvenated mango orchards were also facilitated by the coordinators. The programme was conducted in accordance of MHA guidelines of Covid-19.

Event Date:- 11-01-2021

Field day and training on production of Kharif onion in subtropical areas

खरीफ प्याज का उपोष्ण क्षेत्रों में उत्पादन पर प्रक्षेत्र दिवस एवं प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा दिनांक 8 जनवरी, 2021 को काकोरी प्रखंड के काकराबाद गांव में खरीफ प्याज का उपोष्ण क्षेत्रों में उत्पादन पर क्षेत्र दिवस एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। आयोजन में माल तथा काकोरी खंड के 120 से अधिक किसानों तथा स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को खरीफ प्याज की खेती करने की तकनीकी का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के दौरान, मुख्य अतिथि श्री राजेश पुष्कर, जो कि ककराबाद गांव के प्रगतिशील किसान हैं, और उन्होंने इस बार खरीफ प्याज की अच्छी पैदावार की हैं, ने खरीफ प्याज खेती की रोपाई से लेकर परिपक्व होने तक पूर्ण अनुभव को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। राजेश पुष्कर को प्रगतिशील किसान के रूप में देखकर अन्य किसान खरीफ प्याज की खेती करने के लिए उत्साहित हुए। संस्थान के निदेशक, डॉ. शैलेन्द्र राजन ने हरी प्याज की खेती करने वाले इच्छुक किसानों को खरीफ प्याज वितरित किया। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, अनुसूचित जाति उपयोजना) ने कोविड-19 महामारी के गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के पालन के साथ किया।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day and training on production of Kharif onion in subtropical areas at Kakrabad village of Kakori block on January 8, 2021. More than 120 farmers and local villagers from Kakori and Mall block were participated in the programme. The participants were trained in the technique of cultivating Kharif onions. During the programme, the Chief Guest Mr. Rajesh Pushkar, a progressive farmer of Kakrabad village who has produced good quantity of Kharif onions, shared his experiences with participants for cultivation of Kharif onion from planting to maturing. Seeing Rajesh Pushkar as a progressive farmer, other farmers were excited to cultivate Kharif onion. Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow distributed Kharif onion to the interested farmers, who want to cultivate green onion. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, Scheduled Caste Sub Plan) coordinated the programme with observing MHA guidelines of COVID-19 pandemic.

Event Date:- 08-01-2021

ICAR-CISH organized training on nursery management and horticulture diversification

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा नर्सरी प्रबंधन और बागवानी विविधीकरण पर प्रशिक्षण का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने जन एवं कृषि विकास संस्थान द्वारा वित्तपोषित नर्सरी प्रबंधन और बागवानी विविधीकरण पर दिनांक 14-17 दिसंबर, 2020 के दौरान चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के जसरा और शंकरगढ़ प्रखंड की महिलाओं सहित कुल सत्रह किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं ने प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत की और फलों एवं सब्जियों के नर्सरी प्रबंधन, बागों में अंतर-फसल एवं मशरूम उत्पादन आदि पहलुओं के बारे में बताया जो किसान समुदायों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। प्रतिभागियों को प्रक्षेत्र भ्रमण एवं शिक्षण सत्र के दौरान विभिन्न पहलुओं जैसे कि सब्जी एवं फलों की फसलों का नर्सरी प्रबंधन, प्रवर्धन के तरीके, आम में अंतर-फसल एवं कायाकल्प, आम और अमरूद की सघन बागवानी, अमरूद उत्पादन की एस्पालियर प्रणाली, उच्च तकनीक की नर्सरी, नर्सरी, फल की फसलों एवं खेतों में कीट एवं रोग प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इनके अलावा, किसानों को मशरूम उत्पादन पर हस्त-प्रशिक्षण दिया गया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. नरेश बाबू एवं सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी, श्री अरविंद कुमार ने कोविड-19 महामारी के गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के पालन के साथ कार्यक्रम का समन्वय किया।

ICAR-CISH, Lucknow Organized Jan Evam Krashi Vikash Sansthan sponsored four days training program on nursery management and horticulture diversification during December 14-17, 2020. A total seventeen farmers including women from Jasra and Shankargarh blocks of Prayagraj, Uttar Pradesh participated in this training. At the outset of programme Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH interacted with trainees and also underlined about the nursery management of fruits and vegetables, intercropping in orchards and mushroom production etc. aspects that will help in perk up the income of farming communities. Participants were trained about various aspects i.e. nursery management of vegetable and fruit crops, propagation methods, intercropping and rejuvenation in mango, high density orcharding of mango and guava, espalier system of guava production, high-tech nursery, pests and disease management of nursery and fruit crops and farm during field visit and learning session. Besides these, a hand on training about mushroom production was also given to the farmers. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri Arvind Kumar, ACTO coordinated the programme with observing MHA guidelines of COVID-19 pandemic.

Event Date:- 14-12-2020

Training on Mushroom production

मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 3 दिसंबर, 2020 को जीवनदीप चैरिटेबल ट्रस्ट, संडीला द्वारा प्रायोजित मशरूम उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में सुरई मारूफपुर, संडीला, हरदोई के कुल 13 महिला किसानों ने भाग लिया। निदेशक, डॉ. शैलेंद्र राजन ने प्रशिक्षुओं को संस्थान के अधिदेश और मशरूम उत्पादन के लाभ, उपभोग एवं उनकी बाजार में मांग के बारे में बताया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी दी गई। किसानों को मशरूम उत्पादन करने के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद, किसानों ने मॉल प्रखंड के अमौली गाँव में आम आधारित मुर्गीपालन फार्म (कड़कनाथ) का भ्रमण भी किया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला, ने भारत सरकार के कोविड-19 दिशानिर्देश का पालन करते हुए प्रशिक्षण और भ्रमण कार्यक्रम का समन्वय किया।

Jeevandeep Charitable Trust, Sandila sponsored one day training on Mushroom production organized at ICAR-CISH, Lucknow on December 3, 2020. A total of 13 women farmers from Surai Marufpur, Sandila, Hardoi participated in training. Dr. Shailendra Rajan, Director, introduced about mandate of the Institute and underlined the benefit of mushroom production, consumption and demand in market. During the training knowledge about mushroom production was given to the farmers. A hand on training about mushroom production was also given to the farmers. After the training, farmers visited mango based poultry farming (Kadaknath and quills farming) at Amlauli village of Mall block. Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla, coordinated the training and visit programme with observing the Covid-19 guideline as directed by GOI.

Event Date:- 03-12-2020

Training on disease management in strawberry production under SCSP

अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत स्ट्रॉबेरी के जैव उत्पादन में रोग प्रबंधन पर प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत स्ट्रॉबेरी के जैव उत्पादन में रोग प्रबंधन पर दिनांक 28 नवम्बर 2020 को संस्थान परिसर में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया। जिसमें माल प्रखंड के कदराबाद, गोपरामऊ, हसनापुर और सराय अलीपुर गांव के 24 से अधिक किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान, किसानों को जैव कीटनाशक तैयार करने और प्रक्षेत्र में इसके विवेकपूर्ण अनुप्रयोग पर प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने किसानों को स्ट्रॉबेरी के जैविक उत्पादन के बारे में ज्ञान दिया। डॉ. टी. दामोदरन, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-कें.मृ.ल.अनु.सं. ने भी किसानों को स्ट्रॉबेरी में रोगों के जैविक प्रबंधन के बारे में बताया। प्रशिक्षण का समन्वय एवं संचालन डॉ. अशोक कुमार, नोडल अधिकारी, अनुसूचित जाति उपयोजना के द्वारा भारत सरकार के कोविड-19 दिशानिर्देश का पालन करते हुए किया गया।

ICAR-CISH, Lucknow organized one day training on disease management in strawberry production under SCSP on November 24, 2020 at the Institute premises. More than 24 farmers from Kadrabad, Gopramau, Hasnapur and Sarai Alipur village of Mall block were participated. During the training, Farmers were trained on preparation of bio pesticide and its judicious application in field conditions. At this occasion, Dr. Shailendra Rajan, Director of the institute emphasized on organic production of strawberries to the farmers. Dr. T. Damodaran, Principal Scientist, ICAR-CSSRI also underlined about organic management of diseases in strawberry to the farmers. Dr. Ashok Kumar, Nodal officer, SCSP coordinated and conducted the programme with observing the Covid-19 guideline as directed by GOI.

Event Date:- 28-11-2020

Practical Training on Button Mushroom Production

बटन मशरुम उत्पादन तकनीक पर व्यवहारिक प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक सितम्बर 29, 2020 को संस्थान द्वारा प्रशिक्षित किसान श्री अटल बिहारी जी के मोहान लखनऊ स्थित प्रक्षेत्र पर किसानों को बटन मशरुम उत्पादन तकनीक पर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। जिसमे मलिहाबाद प्रखंड के गाँव नबी पनाह, मोहम्मद नगर तालुकेदारी 8 किसानों ने भाग लिया। किसान से किसान संवाद के माध्यम से श्री अटल बिहारी जी ने बटन मशरुम उत्पादन तथा कम्पोस्ट बनाने की विधि का व्यवहारिक ज्ञान दिया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं नवयुवकों को बटन मशरुम की व्यवहारिक ज्ञान देकर उद्यमिता विकास करके आत्मनिर्भर बनाना है। प्रशिक्षण उपरांत, किसान मशरुम का उत्पादन स्वयं करने के साथ ही साथ अन्य भूमिहीन किसानों एवं महिला किसानों को व्यवहारिक प्रशिक्षण देकर उद्यमिता विकास को बढ़ावा देगे। कार्यक्रम का समन्वय वैज्ञानिक डॉ. आलोक गुप्ता, वरिष्ठ शोध अध्येता श्री रोहित जायसवाल एवं श्री प्रवेश कुमार सिंह द्वारा किया गया। प्रशिक्षण का संचालन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक दूरी के अनुसार किया गया था।

Under Farmer First Project, ICAR-CISH, Lucknow given practical training on button mushroom production technology on September 29, 2020 at Mohan farm house of institutes trained farmer Shri Atal Bihari Ji. A Total 8 farmers from village of Nabi Panah, Mohammad Nagar Talukedari of Malihabad block were participated. Shri Atal Bihari ji gave practical knowledge of button mushroom production and method of making compost through Farmer-Farmer interaction. The main objective of this training is to make farmers and young people self-reliant through developing entrepreneurship by giving them practical knowledge of button mushroom. After practical training, the trained farmers will further promote entrepreneurship development by producing mushrooms themselves as well as by giving practical training to other landless farmers and women farmers. The program was coordinated by Scientist, Dr. Alok Gupta, Senior Research Fellow, Shri Rohit Jaiswal and shri Pravesh Kumar Singh. The training was conducted by following the social distance as directed by GOI.

Event Date:- 29-09-2020

One day national e-training program on Growing fruits on the roof top

छत पर फल उगाना विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने ज़ूम मीटिंग एवं यू ट्यूब चैनल के माध्यम से दिनाकं 18 सितंबर, 2020 को छत पर फल उगाना विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, नई दिल्ली, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, गुजरात एवं उड़ीसा राज्यों के 1200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रभारी निदेशक, डॉ. घनश्याम पांडेय ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कंटेनर बागवानी में रोजगार के अवसरों पर चर्चा की। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.के. श्रीवास्तव, डॉ. मनीष मिश्र, डॉ. पी. के. शुक्ल, डॉ. दिनेश कुमार ने छत पर फल उगाने हेतु पात्र, उनके माप एवं आकार, पौध रोपण, देखभाल एवं रख-रखाव, कीट सुरक्षा एवं पोषण प्रबंधन आदि के बारे में ज्ञान दिया। कार्यक्रम के दौरान रायपुर, छत्तीसगढ़ की एक प्रसिद्ध बागवान श्रीमती पुष्पा शाहू ने भी छत पर बागवानी पर अपना अनुभव साझा किया। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.के. श्रीवास्तव ने किया। प्रशिक्षण का संचालन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया गया था।

ICAR-CISH, Lucknow organized one day national e-training on Growing fruits on the roof top on September 18, 2020, through Zoom meeting and YouTube channel. More than 1200 participants from Uttar Pradesh, Chhattisgarh, Madhya Pradesh, Andhra Pradesh, Tamil Nadu, New Delhi, Orissa, West Bengal, Rajasthan, Uttrakhand, Bihar, Jharkhand, Gujarat and Orissa were participated. Director in-charge, Dr. Ghanshyam Pandey, inaugurated the programme and discussed employment opportunities in container gardening. Principal Scientists Dr. K.K. Srivastava, Dr. Maneesh Mishra, Dr. P.K. Shukla and Dr. Dinesh Kumar gave knowledge about the fruit container, their shape and size, plantation, care and maintenance, pest security and nutrient management etc..During the programme, Smt. Pushpa Shahu, a renowned roof top gardener from Raipur, Chhattisgarh also shared her experience. Principal scientist, Dr. K.K. Srivastava coordinated and conducted the programme. The Training was conducted by following the social distance as directed by GOI.

Event Date:- 18-09-2020

Training cum workshop on Entrepreneurship Development on Button Mushroom Production and Processing

बटन मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर उद्यमिता विकास पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला

भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.स. रहमानखेडा में दिनांक १० सितम्बर २०२० को फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत “बटन मशरुम उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर उद्यमिता विकास” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे मलिहाबाद प्रखंड के गाँव नबी पनाह, मोहम्मद नगर तालुकेदारी एवं मीठेनगर के १५ से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मशरूम उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण युवाओं के लिए आजीविका तैयार करना था। संस्थान ने एक किसान, श्री अटल बिहारी जी को प्रशिक्षित किया जिन्होंने मोहान लखनऊ में बटन मशरूम का व्यावसायिक उद्यम विकसित किया। फार्मर्स-फर्स्ट परियोजना के किसानों को श्री अटल बिहारी जी द्वारा उनके मोहान प्रक्षेत्र में व्यावसायिक मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। व्यावहारिक प्रशिक्षण के बाद, प्रशिक्षित किसान मशरूम का उत्पादन करने के साथ-साथ अन्य भूमिहीन किसानों और महिला किसानों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उद्यमिता विकास को और बढ़ावा देंगे। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने मशरूम उत्पादन और प्रसंस्करण के माध्यम से सामुदायिक सशक्तिकरण के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। कार्यक्रम के अंत में, "मशरूम उत्पादन और प्रसंस्करण" की पुस्तकों के साथ-साथ किसानों को मास्क वितरित किए गए। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला और डॉ. मनीष मिश्रा ने कार्यक्रम का समन्वय किया। कार्यशाला का संचालन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक दूरी के अनुसार किया गया था।

ICAR-CISH, Rehmankhera organized one-day Training cum workshop on "Entrepreneurship Development on Button Mushroom Production and Processing" on 10 September 2020. More than 15 farmers from village of Nabi Panah, Mohammad Nagar Talukedari and Meethenagar of Malihabad block participated. The main objective of this workshop was to create livelihood for rural youth through mushroom production. Institute trained one farmer Shri Atal Bihari ji who developed commercial venture of button mushroom at Mohan Lucknow. Farmers of farmer-first project will be given hand on training on commercial mushroom cultivation by Shri Atal Bihari at his Mohan farm house. After practical training, the trained farmers will further promote entrepreneurship development by producing mushrooms themselves as well as by giving practical training to other landless farmers and women farmers. On the occasion, Director of the institute Dr. Shailendra Rajan expressed his views about community empowerment through mushroom production and processing. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla gave introductory lectures on various aspects of mushroom production and marketing. At the end of the program, books of "Mushroom Production and Processing" as well as masks were distributed to the farmers. Principal Scientist, Dr. PK Shukla and Dr. Manish Mishra Coordinated the program. The workshop was conducted by following the social distance as directed by GOI.

Event Date:- 10-09-2020

e-training on Enhancing Skills for Higher Scientific Productivity

उच्च वैज्ञानिक उत्पादकता हेतु कौशल विकास पर ई-प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने ज़ूम मीटिंग के माध्यम से दिनाकं 24-28 अगस्त, 2020 के दौरान "उच्च वैज्ञानिक उत्पादकता हेतु कौशल विकास" पर ई-प्रशिक्षण का आयोजन किया। संस्थान के सभी वैज्ञानिक गण इस प्रशिक्षण में उपस्थित थे। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को ई-ऑफिस, विभिन्न सॉफ्टवेयर का उपयोग कर प्रभाव एवं डेटा विश्लेषण के बारे में प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण का समन्वयन डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ एवं इसका संचालन डॉ. अंजू बाजपेई, नोडल अधिकारी, एचआरडी प्रकोष्ठ द्वारा किया गया। प्रशिक्षण का संचालन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया गया था।

ICAR-CISH, Lucknow organized e-training on "Enhancing Skills for Higher Scientific Productivity" during August 24-28, 2020 through Zoom meeting. All scientific staff of the Institute attended the training. During the training, participants were trained about e-office, impact analysis and data analysis using different softwares. The training was coordinated by Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow and its conduction was carried out by Dr. Anju Bajpai, Nodal Officer, HRD cell. The Training was conducted by following the social distance as directed by GOI.

Event Date:- 28-08-2020

ICAR-CISH organized Farm School on Advance Post Harvest Management Practices of Mango

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा आम के उन्नत फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन के अभ्यास पर फार्म स्कूल का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा ने दिनांक 23-27 जून, 2020 के दौरान आम के उन्नत फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन के अभ्यास पर फार्म स्कूल का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (विकास), मालदा, उप निदेशक (बागवानी), मालदा एवं जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, मालदा की उपस्थिति में दिनांक 23.06.2020 को किया गया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक आम उत्पादक और व्यापारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य फसल तुड़ाई उपरांत के नुकसान के बारे में उत्पादकों को जागरूक करना था। आम उत्पादकों को उचित पैकेजिंग प्रणाली और सुरक्षित पकने वाली तकनीक के बारे में बताया गया। संस्थान द्वारा उन्नत तुड़ाई के उपकरणों (भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा विकसित) का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन वैज्ञानिक डॉ. दीपक नायक, डॉ. अंतरा दास एवं डॉ. अशोक यादव द्वारा आत्मा योजना के तहत किया गया।

ICAR-CISH RRS Malda organized Farm School on Advance Post Harvest Management Practices of Mango during June 23-27, 2020. The programme was inaugurated on 23.06.2020 in the presence of Additional District Magistrate (Development), Malda, Deputy Director of Horticulture, Malda and District Development Manager, NABARD, Malda. More than 50 mango growers and traders attended the programme. The main aim of this programme was to make growers aware for education in post-harvest losses. The mango growers were demonstrated about proper packaging system and safe ripening technology. The Institute also demonstrated the advance harvesting tools (designed by ICAR-CISH, Lucknow). The programme was organized and coordinated by Dr. Dipak Nayak, Dr. Antara Das and Dr. Ashok Yadav under ATMA scheme.

Event Date:- 27-06-2020

Entrepreneurship development programme on mango, guava, bael and aonla processed product

आम, अमरुद, बेल एवं आंवला के प्रसंस्कृत उत्पादों पर उद्यमिता विकास कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा ने जन एवं कृषि विकास संस्थान द्वारा प्रायोजित आम, अमरुद, बेल एवं आंवला के प्रसंस्कृत उत्पादों पर दिनांक 16-18 मार्च 2020 के दौरान तीन दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रयागराज की कुल 42 महिला उद्यमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान महिला उद्यमियों को आम, अमरुद, बेल एवं आंवला की विभिन्न प्रसंस्कृत उत्पादों को व्यापक स्तर पर गुणवत्ता युक्त बनाने हेतु गूदा प्रसंस्करण विधियों, आवश्यक यंत्रों, उपकरणों आदि की विस्तृत जानकारी दी गई। महिला उद्यमियों को उत्पादों को बेचने हेतु एफएसएसएआई की अनुज्ञापत्र लेने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी गयी। डॉ. पी.एस. गुर्जर (वैज्ञानिक) एवं इंजी. डी.के. शुक्ला (मुख्य तकनीकी अधिकारी) ने कार्यक्रम का समन्वय किया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera organized three days Entrepreneurship Development Programme on mango, guava, bael and aonla processed product during March 16-18, 2020 sponsored by Public and Agriculture Development Institute. A total 42 women entrepreneurs from Prayagraj were participated in this programme. During the programme, women entrepreneurs were apprised about pulp processing methods, necessary instruments, equipment, etc. to make various quality processed products of mango, guava, bael and aonla at large scale. Information about the process of obtaining license of FSSAI to sell the products were also given to women entrepreneurs. Dr. P.S. Gurjar (Scientist) and Er. D.K. Shukla (CTO) coordinated the programme.

Event Date:- 16-03-2020

ICAR-CISH, Lucknow organized training on Dehydration of Vegetables under SCSP

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में सब्जियों के निर्जलीकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 4-5 मार्च, 2020 के दौरान अनुसूचित जाति के किसानों और ग्रामीण महिलाओं के लिए सब्जियों के निर्जलीकरण पर दो दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुशमौरा, मंडोली और नबीपनाह गांवों के 10 ग्रामीण महिलाओं एवं 7 किसानों सहित कुल 17 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। प्रशिक्षुओं को जड़, कंद, पत्तीदार सब्जियों एवं गोभी वर्गीय फसलों के निर्जलीकरण के तरीके दिखाए गए। सब्जी निर्जलीकरण में शामिल सभी आवश्यक कदम जैसे कि धुलाई, ब्लैंचिंग, सुखाने और पैकेजिंग को प्रशिक्षुओं द्वारा स्वयं अभ्यास किया गया। प्रशिक्षुओं को इस बात से अवगत कराया गया कि किस तरह निर्जलित सब्जियों के उत्पादों की तैयारी और विपणन को ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका का स्रोत बनाया जा सकता है। प्रशिक्षुओं को सूखे सब्जियों के गैर-मौसम में उपयोग के लिए पुनर्जलीकरण की प्रक्रिया को भी सिखाया गया।

Under SCSP, ICAR-CISH, Lucknow organized two days training programme on Dehydration of Vegetables during 4-5 March, 2020. Total seventeen candidates, 10 rural women and 7 farmers from Kushmora, Mandoli and Nabipanah villages were participated in training programme. Methods for dehydration of, root, tuber, leafy vegetables and cole crops were demonstrated to the Trainees. All the necessary steps involved in vegetable dehydration such as washing, blanching, drying and packaging were practiced by the trainees themselves. Trainees were apprised with how preparation and marketing of dehydrated vegetable products can be made as a source of livelihood for rural women. Trainees were also learnt process of rehydration of dried vegetables for use in off season.

Event Date:- 07-03-2020

ICAR- CISH organized training programme on High density orcharding of Mango and Guava

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. में आम एवं अमरूद की सघन बागवानी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ ने दिनांक 27 फरवरी से 2 मार्च 2020 के दौरान को उद्यान निदेशालय (शिमला-2), हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रायोजित आम एवं अमरूद की सघन बागवानी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के कुल 25 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में, संस्थान के निदेशक डॉ. एस राजन ने प्रशिक्षुओं को संस्थान द्वारा विकसित उपोष्ण फलों की किस्मों एवं प्रौद्योगिकियों से अवगत कराया। प्रशिक्षुओं को संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, उनके देखभाल और रख-रखाव, छत्र प्रबंधन, जीर्णोद्धार, टपक सिंचाई, जल एवं पोषक तत्वो का प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन, ट्री-आर्किटेक्चर आदि के बारे में जानकारी दी गयी। प्रशिक्षुओ को संस्थान के प्रक्षेत्रो का भ्रमण भी कराया गया। डॉ. के.के. श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय किया।

The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow organized training programme on "High density orcharding of Mango and Guava" during February 27-March 2, 2020 sponsored by Directorate of Horticulture (Shimla-2), Himachal Pradesh. A total of 25 trainees from Bilaspur district of Himachal Pradesh participated in this training program. At the outset of the programme, Dr. S. Rajan, Director ICAR-CISH, apprised about the varieties and technologies of subtropical fruits developed by the institute to the trainees. The experts of the Institute gave information about the high density orcharding of mango and guava, care and maintenance, canopy management, rejuvenation, drip irrigation, water and nutrients management, disease and pest management, tree-architecture etc. to the trainees. Trainees were also exposed to experimental field visit. Dr. K.K. Srivastava, Principal Scientist coordinated the training programme.

Event Date:- 27-02-2020

ICAR-CISH, Lucknow organized Entrepreneurship Development Programme on Mango and Guava Pulp Processing

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में आम एवं अमरूद के गूदा प्रसंस्करण पर उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 10 से 12 फरवरी, 2020 के दौरान तीन दिवसीय आम एवं अमरूद के गूदा प्रसंस्करण पर उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और झारखंड के उद्यमियों ने भाग लिया। उद्यमियों हेतु आम एवं अमरुद के प्रसंस्करण में उपयोग आने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे की गूदा निकालने वाली मशीन, फिनिशर, गूदा पाश्चुराइज़र आदि को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम के दौरान उद्यमियों को आम एवं अमरुद के गूदा निष्कर्षण एवं उनके वर्धित उत्पादों को तैयार करने के बारे में जानकारी दी गई। संस्थान के निदेशक, डॉ. शैलेन्द्र राजन ने आम एवं अमरूद के गूदा प्रसंस्करण हेतु प्रसंस्करण किस्मों, मशीनरी एवं लागत के महत्व पर चर्चा की। कार्यक्रम को वैज्ञानिक डॉ. पवन सिंह गुर्जर द्वारा समन्वित किया गया था।

ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized three days Entrepreneurship Development Programme on Mango and Guava Pulp Processing during February 10-12, 2020. In which entrepreneurs from West Bengal, Bihar, Madhya Pradesh, Haryana, Uttar Pradesh and Jharkhand participated. The entrepreneurs were exposed to various types of equipment used in processing of mango and guava such as pulp extractor, finisher, pulp pasteurizer etc. During the programme, knowledge were given to entrepreneurs about pulp extraction from mango and guava and preparation of their value-added products. Dr. Shailendra Rajan, Director ICAR-CISH discussed importance of processing varieties, machinery and cost for pulp processing of mango and guava. The programme was coordinated by Scientist, Dr. Pawan Singh Gurjar.

Event Date:- 10-02-2020

Training of farmers at ICAR-CISH, Lucknow under e-Choupal programme

ई-चौपाल कार्यक्रम के अंतर्गत भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में किसानों का प्रशिक्षण

आईटीसी लिमिटेड द्वारा प्रायोजित ई-चौपाल किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 24-25 जनवरी, 2020 के दौरान दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में चंदौली और गाजीपुर जिले के 21 किसानों का दल आया था। भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने अमरूद की आशाजनक किस्मों के बारे में जानकारी दी। किसानों को अमरूद की सघन बागवानी, जीर्णोद्धार, छत्र प्रबंधन, कीटों एवं बीमारियों के प्रबंधन, अन्तः-फसल, फल थैलाबंदी, एस्पालियर एवं कंटेनर बागवानी के बारे में अवगत कराया गया। प्रशिक्षुओं ने संस्थान प्रक्षेत्र का भ्रमण भी किया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. के.के. श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का समन्वय किया।

Under the ITC Limited sponsored e-Choupal farmer training programme, two days farmer training programme organized at ICAR-CISH, Lucknow during January 24-25, 2020. A group of 21 farmers from Chandauli and Ghazipur district attended training programme. Director, ICAR-CISH, Dr. Shailendra Rajan underlined about prospective varities of guava. Farmers were apprised about high density planting of guava, rejuvenation, canopy management, disease and pest management, intercropping, fruit bagging espalier and container gardening. Trainees also visited the experimental plot of the Institute. Principal Scientist, Dr. K.K. Srivastava coordinated the programme.

Event Date:- 25-01-2020

Training on entrepreneurship and leadership development for horticulture entrepreneurs

बागवानी उद्यमियों के लिए उद्यमिता एवं नेतृत्व विकास पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा ने स्व प्रायोजित एवं राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) गुरुग्राम, हरियाणा के पाठ्यक्रम पर आधारित "बागवानी उद्यमियों के लिए उद्यमिता एवं नेतृत्व विकास" पर दिनांक 20-25 जनवरी, 2020 के दौरान छः दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से प्रशिक्षु सम्मिलित हुए। प्रशिक्षण के दौरान, विशेषज्ञों ने प्रशिक्षुओं को एग्रीप्रेन्योर के रूप में एक परियोजना चलाने में सफल होने के लिए नेतृत्व विकास के बारे में ज्ञान दिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. अशोक कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय किया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera organized six days self financed training on "Entrepreneurship and leadership development programme for horticulture entrepreneurs" during January 20-25, 2020 on the syllabus pattern of National Horticulture Board (NHB) Gurugram, Haryana. The trainees were from Maharashtra and Andhra Pradesh. During the training, experts provided in depth knowledge about leadership development for successful running of project to the trainees as Agripreneurs. Principal Scientist, Dr. Ashok Kumar coordinated the training programme.

Event Date:- 25-01-2020

Training on entrepreneurship and leadership development programme for horticulture entrepreneurs

बागवानी उद्यमियों के लिए उद्यमिता एवं नेतृत्व विकास पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा ने राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) गुरुग्राम, हरियाणा द्वारा प्रायोजित "बागवानी उद्यमियों के लिए उद्यमिता एवं नेतृत्व विकास" पर दिनांक 18-27 नवंबर, 2019 के दौरान एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षु महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आए थे। प्रशिक्षण के दौरान, विशेषज्ञों ने प्रशिक्षुओं को एग्रीप्रेन्योर के रूप में एक परियोजना चलाने में सफल होने के लिए नेतृत्व विकास के बारे में ज्ञान दिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. अशोक कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय किया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera organized ten days training on "Entrepreneurship and leadership development programme for horticulture entrepreneurs" during November 18-27, 2019 sponsored by National Horticulture Board (NHB) Gurugram, Haryana. The trainees were from Maharashtra and Andhra Pradesh. During the training, experts provided in depth knowledge about leadership development for successful running of an project to the trainees as Agripreneurs. Principal Scientist, Dr. Ashok Kumar coordinated the training programme.

Event Date:- 27-11-2019

ICAR-CISH organized refresher training course on Opportunities for Value Addition in Horticulture Produce

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा बागवानी उत्पाद में मूल्यवर्धन के अवसर पर पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. लखनऊ में कृषि-उद्यमियों के ज्ञान एवं कौशल में सुधार हेतु मैनेज, हैदराबाद द्वारा वित्तपोषित बागवानी उत्पाद में मूल्यवर्धन के अवसर पर दिनांक 13-16 नवंबर, 2019 तक चार दिवसीय पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पंजाब के कृषि-उद्यमी प्रसंस्करण क्षेत्र के कुल 32 उद्यमियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान फलों, सब्जियों, फूलों की खेती, मशरूम, डेयरी और औषधीय पौधों के प्रसंस्करण पर आधारित उद्यमिता मॉड्यूल पर चर्चा की गई, जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में नए सूक्ष्म और लघु उद्यमों की स्थापना के लिए उद्यमियों द्वारा किया जा सकता है। इससे उनके कृषि आय में वृद्धि होगी एवं फसल के बाद के नुकसान को कम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। प्रशिक्षण का समन्वय डॉ. पवन सिंह गुर्जर, डॉ. आभा सिंह और डॉ. वीणा जी.एल. द्वारा किया गया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a 4-day refresher training course, sponsored by MANAGE (Hyderabad), on Opportunities for Value Addition in Horticulture Produce to upgrade the knowledge and improve the skills of agri-horti entrepreneurs during from November 13-16. Total 32 entrepreneurs of agri-horti processing area from Telangana, Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, Gujarat, Rajasthan and Punjab were participated in this training course. Entrepreneurship modules based on processing of fruits, vegetables, floriculture, mushroom, dairy and medicinal plants were discussed during the training which can be leveraged by entrepreneurs for setting up of new micro and small enterprises in rural areas. This will enhance their farm income and also reduce post-harvest losses and generate employment opportunities in rural areas. Training was coordinated by Dr. Pawan Singh Gurjar, Dr. Abha Singh and Dr. Veena G.L.

Event Date:- 16-11-2019

ICAR-CISH organized training on efficient tree architecture technique under HDP for resource conservation and increasing productivity of subtropical fruits

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा संसाधन संरक्षण और उपोष्ण फलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सघन बागवानी के तहत कुशल वृक्ष आर्किटेक्चर तकनीक पर प्रशिक्षण का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने मैनेज, हैदराबाद द्वारा वित्तपोषित संसाधन संरक्षण और उपोष्ण फलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सघन बागवानी के तहत कुशल वृक्ष आर्किटेक्चर तकनीक पर दिनांक 2-6 नवंबर, 2019 तक संयुक्त रूप से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे पांडिचेरी, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रसार अधिकारी, केवीके और विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञ एवं तकनीकी अधिकारी सहित कुल 14 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं ने प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत की और भारत में उपोष्ण फल उत्पादन के बारे में भी बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सघन बागवानी, जल एवं पोषक तत्व प्रबंधन के तहत वृक्ष आर्किटेक्चर के सभी पहलुओं के सिद्धांत और व्यावहारिक दोनों विवरणों को शामिल किया गया था। प्रशिक्षुओं को ऐसे किसानों के खेतों का भी भ्रमण कराया गया जहाँ पर आम की सघन बागवानी को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के साथ स्थापित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. जाबिर अली, निदेशक आईसीटी, मैनेज, हैदराबाद और पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. के.के. श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं द्वारा किया गया था।

The ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized MANAGE, Hyderabad sponsored five days collaborative training programme on efficient tree architecture technique under HDP for resource conservation and increasing productivity of subtropical fruits from November 2-6, 2019. A total of 14 participants including extension officers, subject matter specialist of KVKs and universities and technical officers belonging from Pondicherry, Uttrakhand and Uttar Pradesh were attended the programme. At the outset of programme Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH interacted with trainees and also underlined about subtropical fruit production in India. In training programme, both theory and practical of all the aspect of tree architecture under high density planting, water and nutrient management were covered in details. The trainees also visited the fields of those farmers where HDP of mango was set up with micro irrigation system. The programme was conducted collaboratively with course coordinator Dr. Jabir Ali, Director ICT, MANAGE Hyderabad and course director Dr. K.K. Srivastava, Principal Scientist, ICAR-CISH.

Event Date:- 06-11-2019

Short Course on Precision farming practices for enhanced quality production of subtropical fruits A way for doubling farmers income on October 14- 23, 2019

भा.कृ.अनु.प- - केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ में दस दिवसीय लघु कोर्स शीर्षक “प्रिसिशन फार्मिंग प्रैक्टिसेज फॉर एनहांस्ड क्वालिटी प्रोडक्शन ऑफ़ सबट्रॉपिकल फ्रूट्स : अ वे फॉर डबलिंग फार्मर्स इनकम ” दिनांक 14 से 23 अक्टूबर, 2019 को आयोजित किया जायेगा। Event Date:- 14-10-2019

ICAR-CISH imparted training to tribal women on nursery management

आदिवासी महिलाओं हेतु नर्सरी प्रबंधन पर प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में पश्चिम बंगाल के हबीबपुर ब्लॉक की 35 आदिवासी महिलाओं के एक समूह ने नर्सरी प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षुओं को संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा नर्सरी से संबंधित विभिन्न तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा, प्रशिक्षुओं को नर्सरी और ग्राफ्टिंग का व्यावहारिक ज्ञान भी दिया गया। ये प्रशिक्षु नर्सरी सेविका के रूप में कार्य करेंगी और पश्चिम बंगाल के कई संथाल गांवों में सामुदायिक नर्सरी के विकास का समन्वय करेंगी।

ICAR-CISH imparted four days training to a group of 35 tribal women of Habibpur Block, West Bengal on nursery management. The trainees were provided various technical information related to the nursery by the experts of the Institute. Apart from this, trainees were also given practical knowledge of nursery and grafting. These trainees will work as nursery workers and coordinate the development of community nursery in several santhal villages in West Bengal.

Event Date:- 26-09-2019

ICAR-CISH will develop front runner to perk up the livelihood of SC farmers under SCSP programme

अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति के किसानों की आजीविका के लिए भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा फ्रंट रनर का विकास

अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम के तहत, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन की अध्यक्षता में मलिहाबाद के अनुसूचित जाति के किसानों को वैज्ञानिक-किसान बैठक हेतु आमंत्रित किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति के किसानों हेतु फ्रंट रनर की एक टीम विकसित करना था। बैठक में कुल 64 किसानों ने भाग लिया और जिनमें से 32 गाँव (प्रत्येक गाँव का एक किसान) के 32 अनुसूचित जाति के किसानों का चयन किया गया। संस्थान इन अनुसूचित जाति के किसानों को विभिन्न कृषि-आधारित गतिविधियों जैसे कि पोषक-उद्यान, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, कच्चे आम के मूल्य संवर्धन आदि के साथ प्रशिक्षित करेगा। बैठक में इस पर चर्चा की गई और अंतिम निर्णय लिया गया कि चयनित फ्रंट रनर को कृषि आधारित विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा और ये चयनित फ्रंट रनर भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं.,के वैज्ञानिक के मार्गदर्शन में किसानों के खेत स्तर पर अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम की गतिविधियों को कार्यान्वित करने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में काम करेंगे।

Under Scheduled Castes Sub Plan programme, ICAR-CISH Lucknow invited scheduled caste farmers of Malihabad block for Scientist-Farmer interaction meet under the chairmanship of Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH. The main aim of this meeting was to develop a team of front runner of SC farmers. A total of 64 farmers participated and out of which 32 SC farmers from 32 villages (one farmer from each village) were selected. The Institute will train these SC farmers with various agriculture-based activities such as nutri-garden, bee keeping, mushroom production, value addition of raw mango etc. It was discussed and finalized in the meeting that the selected front runner will be trained on various selected agriculture based activities and they will be working as master trainer to implement activities of SCSP at farmers field level under the guidance of scientist from ICAR-CISH.

Event Date:- 21-09-2019

ICAR-CISH imparted training on mango processing and value addition for empowering schedule cast farmers under Scheduled Castes Sub Plan (SCSP) programme

अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति की महिलाओं को सशक्त बनाने के भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा आम के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति के कृषको को सशक्त बनाने के लिए, भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 29.07.2019 को व्यावसायिक उन्मुख आम के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन पर एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मलिहाबाद तहसील के कनार, गोसाईगंज, मीठेनगर और कसमंडीकलां गांवों की 16 महिला कृषको सहित कुल 52 कृषको ने भाग लिया। प्रशिक्षुओं हेतु आम के प्रसंस्करण में उपयोग आने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे की गूदा निकालने वाली मशीन, फिनिशर, गूदा पाश्चुराइज़र आदि को प्रदर्शित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान कृषको को घर पर ही उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके आम से गूदे को निकालना एवं उससे मूल्य वर्धित उत्पाद को बनाने के बारे में प्रशिक्षित किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने प्रशिक्षण की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से छोटे और सीमांत किसानों और यहां तक कि लखनऊ क्षेत्र के आम उगाने वाले क्षेत्रों में महिला किसानों को भी कई रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। प्रशिक्षण का संचालन एवं समन्वयन प्रधान वैज्ञानिक एवं अनुसूचित जाति उप योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार, वैज्ञानिक, डॉ. पवन सिंह गुर्जर, मुख्य तकनीकी अधिकारी, इं. डी. के. शुक्ला के द्वारा किया गया था

Under Scheduled Castes Sub Plan programme, ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized one day commercial oriented training programme on mango processing and value addition for empowering schedule cast farmers on 29.07.2019. In this training programme, 52 SC farmers including 16 women farmers from Kanar, Gosaiganj, Meethenagar and Kasmandikalan villages of Malihabad block participated. The trainees were exposed to various types of equipment used in processing of mangoes such as pulp extractor, finisher, pulp pasteurizer etc. During training, the farmers were trained on pulp extraction from mango and preparation of value-added product through use of available resources generally present at home. Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH praised the training and said that such programs would give women employment opportunities to small and marginal farmers and even to women farmers in mango growing areas of Lucknow region. The training was coordinated and conducted by Dr. Ashok Kumar, Principal Scientist and Nodal officer of SCSP programme, Dr. Pawan Singh Gurjar, Scientist, Er. D.K. Shukla, Chief Technical Officer.29

Event Date:- 29-07-2019

Inauguration of special programme to promote stable beekeeping

स्थिर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा ने दिनांक 25.06.2019 को गोद लिए गए आदिवासी गांव में से एक सेराना गांव में स्थिर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में बैठक में मुख्य अतिथि श्री सुब्रत मंडल (मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता), और प्रो. रॉबर्ट स्पूनर हार्ट (प्रोफेसर, पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया), श्री कृष्णेंदु नंदन (उपनिदेशक, बागवानी, मालदा), श्री सतीश कुमार सिंह (जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, मालदा), श्री सुभाष मंडल (सचिव, मालदा बी-कीपिंग एंड हनी प्रोसेसिंग क्लस्टर इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड) विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के तहत, आदिवासी महिलाओं को एपिस सेराना के वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण और हैंडहोल्डिंग के माध्यम से सशक्त किया जाएगा। इसके लिए भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा आदिवासी महिलाओ को अपने बागों में स्थिर मधुमक्खी पालन इकाई स्थापित करने के लिए 4 एपिस सेराना बॉक्स को 50 आदिवासी महिला मधुमक्खी पालकों को प्रदान करेगा। संस्थान आदिवासी महिलाओ को परिसर और बाग में प्रशिक्षण कार्यक्रम की श्रृंखला के माध्यम से प्रशिक्षित करेगा तथा जनजातीय गांवों के प्रत्येक क्लस्टर में सभी प्रकार के छोटे मधुमक्खी पालन उपकरणों के साथ एक सामुदायिक सुविधा केंद्र (सीएफसी) की स्थापना करेगा। भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा और नाबार्ड ने इस पहल का विस्तार करने, मधुमक्खी आधारित उत्पादों का उत्पादन करके उनसे उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए कुशल विपणन और शहद तथा अन्य उत्पादों का एक विशेष ब्रांड स्थापित करने निर्णय लिया। कार्यक्रम के अंत में आदिवासी मधुमक्खी पालकों को इस विशेष कार्यक्रम के उद्घाटन के निशान के रूप में विशिष्ट अतिथियों द्वारा सेराना मधुमक्खी के बक्से भेंट किए। डॉ. दीपक नायक (वैज्ञानिक और प्रभारी, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा) ने कार्यक्रम का समन्वय किया।

A special programme was inaugurated on 25.06.2019 to promote stationary beekeeping in Cerana, one of the tribal villages adopted by ICAR-CISH, RRS, Malda. The chief guest at this programme was Mr. Subrata Mandal (Chief General Manager, NABARD Regional Office, Kolkata), and Prof. Robert Spooner Hart (Professor, University of Western Sydney, Australia), Mr. Krishnendu Nandan (Deputy Director of Horticulture, Malda), Mr. Satish Kumar Singh (District Development Manager, NABARD, Malda), Mr. Subhash Mandal (Secretary, Malda Bee-Keeping and Honey Processing Cluster Industrial Co-operative Society Limited, Malda were present as special guest. Under this programme, tribal women will be empowered through training and handholding on scientific bee farming of Apes cerana. The ICAR-CISH, RRS, Malda will provide the 4 Apes cerana box to 50 tribal women beekeepers for establishing a stationary beekeeping unit in their orchards. Moreover, Institutes will also trained tribal women through a series of on-campus and on-farm training programme. A Community Facility Centre (CFC) with all sorts of small beekeeping equipments will be setup in every cluster of tribal villages. ICAR-CISH, RRS, Malda and NABARD decided to expended this initiative through producing quality bee-based products and will be also establishing a special brand for receiving their best price and superlative marketing. At the end of the programme, special guests presented Cerana bee boxes to tribal beekeepers as a mark of the inauguration of this programme. Dr. Deepak Nayak (Scientist and In-charge, ICAR-CISH, RRS, Malda) coordinated the programme.

Event Date:- 25-06-2019

Farmers Training Programme at Azamgarh

आजमगढ़ जिले में कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रेहमानखेड़ा ने दिनांक २०-२१ जून 2019 तक कृषि विज्ञान केंद्र, कोटवा, आज़मगढ़ में ड्रिप सिंचाई, प्लास्टिक मल्चिंग और संरक्षित खेती के महत्व पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सटीक कृषि तकनीक का उपयोग करके किसानों की आय में सुधार करना था। कार्यक्रम में कुल 65 किसानों ने भाग लिया। डॉ. एस.आर. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी. ने तकनीकी सत्र की शुरुआत करते हुए पी.एफ.डी.सी., लखनऊ द्वारा विकसित तकनीकों के बारे में बताया। संस्थान के वैज्ञानिकों ने सटीक कृषि तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया। सटीक कृषि तकनीक अपनाने के लिए संस्थागत कर्मचारियों द्वारा किसानों के सवालों को भी सुलझाया गया।

ICAR-CISH organized two days training programme on drip irrigation, plastic mulching and importance of protected cultivation at Krishi Vigyan Kendra, Kotwa, Azamgarh on 20-21 June 2019. The aim of this training programme was to improve the farmers income using precision farming technique. A total of 65 farmers participated in programme. At the outset of the programme, Dr. S.R. Singh, Pr. Scientist and PI, PFDC enumerated the technologies developed by PFDC, Lucknow. The institutes scientists given lectures on various aspect of precision farming technique. The farmers queries also unravelled by institutional staff for adopting precision farming technique.

Event Date:- 20-06-2019

Training programme on scientific fish culture in tribal villages

आदिवासी गांवों में वैज्ञानिकी मत्स्यपालन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा ने आदिवासी किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से दिनांक 19.06.2019 को जनजातीय उप-योजना कार्यक्रम द्वारा प्रायोजित वैज्ञानिकी मत्स्यपालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे हबीबपुर ब्लॉक के कुल 24 आदिवासी किसानों (21 महिला +3 पुरुष) ने भाग लिया। इस अवसर पर विशेषज्ञ, श्री नीलोत्पलकयाल (सहायक निदेशक, मत्स्य विभाग, मालदा), श्री जिबेष मजूमदार (जिला मत्स्य अधिकारी), श्री अभिजीत सरकार (जिला मत्स्य अधिकारी) भी उपस्थित थे। विशेषज्ञो द्वारा आदिवासी किसानों को अच्छी गुणवत्ता और उच्च मछली उत्पादन प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक तरीको से तालाब प्रबंधन, मछली में रोग प्रबंधन, तालाब का पीएच, तापमान और ऑक्सीजन को सामान्य बनाए रखने आदि के बारे में जानकारी दी गयी। डॉ. अशोक यादव (वैज्ञानिक भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. आरआरएस, मालदा) ने उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन किया।

For empowering tribal farmers, tribal sub-plan programme sponsored one day training programme on “Scientific Fish Culture in Tribal Villages” organized by ICAR-CISH, RRS, Malda on 19.06.2019. A total 24 tribal farmers (21 female +3 Male) from Habibpur block were participated in the training programme. On this occasion, Mr. Nilotpal Kayal (Assistant Director of Fisheries, Malda), Mr. Zibayet Majumdar (District Fisheries Officer), Mr. Abhijit Sarkar (District Fisheries Officer) were present as pisciculture specialists. They given the knowledge to tribal farmers about pond management, disease management in fish, normalization of pH, temperature and oxygen of pond etc. for good quality and high fish production. Dr. Ashok Yadav (scientist, ICAR-CISH, RRS, Malda) conducted the above programme.

Event Date:- 19-06-2019

ICAR-CISH organised training programme on Production, Protection and Post Harvest Technologies of Guava

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा अमरूद के उत्पादन, संरक्षण और तुड़ाई उपरांत प्रौद्योगिकी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रेहमानखेड़ा, लखनऊ ने दिनांक 27-29 मई, 2019 को सृजन, एम.बी. रोड, सैदुल्लाजब, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित अमरूद के उत्पादन, संरक्षण और तुड़ाई उपरांत प्रौद्योगिकियों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ और शिवपुरी जिले एवं राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले से कुल 26 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एस राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में, संस्थान के निदेशक डॉ. एस राजन ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के किसानों के लाभ के लिए स्वस्थ नर्सरी की स्थापना के साथ-साथ बेहतर और नई किस्मों पर ध्यान देने के बात पर जोर दिया। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षुओ को अमरुद की उपयुक्त किस्मो तथा उनके देखभाल और रख-रखाव, नर्सरी प्रबंधन, रोपण विधियों, उच्च सघन बागवानी, चंदवा प्रबंधन, टपक सिंचाई, मल्चिंग, जल एवं पोषक तत्वो का प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन, अमरूद के बाग में शहतूत का महत्व तथा अमरूद के फल के प्रसंस्कृत उत्पाद एवं उनके मूल्यवर्धन से सम्बंधित विषयो पर संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा प्रशिक्षुओ को संस्थान के प्रयोगशाला और प्रायोगिक प्रक्षेत्रो का भ्रमण भी कराया गया। सुभाष चंद्रा, वैज्ञानिक (एसजी), डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक और वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी श्री अरविंद कुमार ने उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय किया।

The ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow organised three days training programme on Production, protection and post harvest technologies of guava from 27-29 May, 2019 sponsored by SRIJAN, M.B. Road, Saidullajab, New Delhi. In this training programme, 26 trainees from Tikamgarh and Shivpuri districts of Madhya Pradesh and Pratapgarh district of Rajasthan participated. The program was inaugurated by Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH. At the outset of the program Dr. S. Rajan, welcomed all the participants and emphasized the importance of focusing on better and new varieties as well as establishing a healthy nursery for the benefit of the farmers of Madhya Pradesh and Rajasthan. Under this training programme, knowledge imparted by the Institutes scientists regarding promising varieties of guava, care and maintenance, nursery management, planting methods, high density orcharding, canopy management, drip irrigation, mulching, water and nutrients management, disease and pest management, importance of mulberry in guava orchards, processed product of guava and their value addition. Moreover, trainees were also exposed to laboratory and experimental field visit. Subhash Chandra, Scientist (SG), Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Senior Technical Officer Shri Arvind Kumar coordinated the aforesaid training programme.

Event Date:- 27-05-2019

Training programme on Ready to fruit bags milky mushroom cultivation

'रेडी टू फ्रूट बैग्स दूधिया मशरूम की खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं, लखनऊ ने दिनांक 12.05.2019 को रेडी टू फ्रूट बैग्स दूधिया मशरूम की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने घर में मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षित करना था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी, महिलाओं और युवाओं सहित 45 से अधिक प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं के द्वारा किया गया। डॉ. एस. राजन ने दूधिया मशरूम के पोषण और लाभकारी प्रभाव के बारे में जानकारी दी। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला ने प्रशिक्षुओं को रेडी टू फ्रूट बैग्स का उपयोग कर घर में दूधिया मशरूम के उत्पादन के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण के अंत में, संस्थान द्वारा तैयार रेडी टू फ्रूट बैग्स को इच्छुक प्रतिभागियों को दिए गए।

The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized One-day training programme on Ready to fruit bags milky mushroom cultivation on 12.05.2019. The purpose of this programme was to be guide the people to cultivate the mushroom in own house. More than 45 trainees including retired government employee, women and young people participated in training programme. The programme was inaugurated by Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow. Dr. S. Rajan briefed about the nutritional and beneficial effect of milky mushroom. Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla delivered on production of milky mushroom in house using ready to fruit mushroom bags. At the end of training, ready to fruit mushroom bags were provided to interested participants.

Event Date:- 12-05-2019

ICAR-CISH organized 200 hours gardener training programme

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा गार्डनर प्रशिक्षण पर 200 घंटे के कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेएसवाई), कृषि कौशल परिषद (कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय) के तहत दिनांक 05.04.2019 से 04.05.2019 तक 200 घंटे का गार्डनर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से संबंधित 30 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एस राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा किया गया। प्रशिक्षुओं को संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा नर्सरी प्रबंधन, फलों की फसलों में प्रसार विधियों, नर्सरी में प्लास्टिक का उपयोग, बगीचे और उनके घटकों की योजना तैयार करना, बगीचे के डिजाइन, प्रकार और उनकी विशेषता आदि के बारे में कृषि कौशल परिषद के पाठ्यक्रम अनुसार प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षुओं को वै.औ.अनु.प.- राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ एवं जनेश्वर मिश्र पार्क, लखनऊ में बगीचे की डिजाइनिंग के व्यावहारिक ज्ञान के लिए भ्रमण भी कराया गया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, organized 200 hours gardener training programme under Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojna (PMKSY), Agriculture Skill Council of India (Ministry of Skill development and entrepreneurship) from 05.04.2019 to 04.05.2019. 30 trainees belonging from different district of Uttar Pradesh participated in training programme. The programme was inaugurated by Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH. Trainees were trained in unique way by Institutes scientists regarding nursery management, propagation methods in fruit crops, use of plastics in the nursery, planning of the garden and their components, designing of the garden, types and their characteristic etc as per ASCI curriculum. Trainees were also exposed to CSIR- National Botanical Research Institute, Lucknow and Janeshwar Mishra Park, Lucknow for practical knowledge of designing and layout by expertise.

Event Date:- 04-05-2019

Training Programme on Subtropical fruits

उपोष्ण फलो पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा ने दिनांक 23-27 अप्रैल, 2019 को उपोष्ण फलों पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में, रामा विश्वविद्यालय, मंधाना, कानपुर के 12 बी.एससी. (कृषिविज्ञान) के छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एस राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा किया गया। प्रशिक्षुओ को उपोष्ण फलो के अधिक उत्पादन हेतु प्रवर्धन, चंदवा प्रबंधन, उच्च घनत्व रोपण, देखभाल और रखरखाव, इंटरक्रॉपिंग, जल एवं पोषक तत्वो का प्रबंधन, रोग और कीट प्रबंधन, जैविक बागवानी, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन और उपोष्ण फलों में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में गहन ज्ञान दिया गया। प्रशिक्षुओं को संस्थान के प्रक्षेत्र, नर्सरी एवं जैव-नियंत्रण प्रयोगशालाओं से भी अवगत कराया गया। इसके अलावा प्रशिक्षुओं को भा.कृ.अनु.प.- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान एवं भा.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय मतस्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो का भ्रमण भी कराया गया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, organized a training programme on subtropical fruits, from 23.04.2019-27.04.2019. In this training programme, 12 B.Sc.(Ag) Students from Rama University, Mandhana, Kanpur were participated. The programme was inaugurated by Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH. An intensive knowledge were given by the Institutes scientists regarding propagation, Canopy management, High Density Planting, care and maintenance, intercropping, water, nutrients, disease and pest management, organic horticulture, processing and value addition and role of biotechnology in subtropical fruits to the trainees. Trainees were also visited experimental farm, nursery, bio-control laboratories. Moreover, the trainees were also exposed to ICAR-IISR and ICAR-NBFGR.

Event Date:- 23-04-2019

Training programme on Ready to fruit bags mushroom cultivation

रेडी टू फ्रूट बैग्स मशरूम की खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं, लखनऊ ने 20.03.2019 को रेडी टू फ्रूट बैग्स मशरूम की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने घर में मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षित करना था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी, महिलाओं और युवाओं सहित कुल 36 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं के द्वारा किया गया। डॉ. एस. राजन ने मशरूम की पोषण गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य पर उनके लाभकारी प्रभाव के बारे में बताया। इस अवसर पर, प्रशिक्षुओं के लिए मशरूम उत्पादन से संबंधित त्वरित सुझावों और बारीकियों को समझने के लिए दो व्हाट्सएप समूह भी बनाए गए। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला ने प्रशिक्षुओं को रेडी टू फ्रूट बैग्स का उपयोग कर घर में साल भर बटन, ऑयस्टर और दूधिया मशरूम उत्पादन के लिए तकनीकी बिंदुओं पर जानकारी दी। प्रशिक्षण के अंत में, संस्थान द्वारा तैयार 60 रेडी टू फ्रूट बैग्स को इच्छुक प्रतिभागियों को दिए गए।

The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized One-day training programme on Ready to fruit bags mushroom cultivation on 20.03.2019. The main objective of this training was to train the people to cultivate the mushroom in own house. A total 36 trainees including retired government employee, women and young people participated in training programme. The programme was inaugurated by Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow. Dr. S. Rajan delivered about the nutritional quality of mushroom and their beneficial effect on human health. On this occasion, two whatapp group for trainees were also formed to understand quick suggestions and nuance related to mushroom production. Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla delivered on technical points of cultivation of button, Oyster and milky mushroom for round the year production in house using ready to fruit mushroom bags. At the end of training, 60 ready to fruit mushroom bags were provided to interested participants.

Event Date:- 20-03-2019

Training programme for Scheduled Caste farmers on mushroom cultivation through ready to fruit bag

अनुसूचित जाति के किसानों के लिए रेडी टू फ्रूट बैग्स के द्वारा मशरूम की खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं, रेहमानखेड़ा ने दिनांक 13.03.2019 को मशरूम की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य भूमिहीन एवं संसाधन विहीन छोटे एवं सीमान्त अनुसूचित जाति के किसानों को मशरूम की खेती के माध्यम से सशक्त करना तथा उनकी आजीविका में सुधार करना था। इस कार्यक्रम में कुल 26 अनुसूचित जाति के किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं के द्वारा किया गया। इस अवसर पर, डॉ. एस. राजन ने मशरूम के पोषक मूल्यों, मांग और उनके बाजार के बारे में जानकारी दी और किसानों को मशरूम की खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जिसके माध्यम से वे इसे उच्च कीमत बेचकर अपनी आजीविका में सुधार कर सकते हैं। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला ने विभिन्न प्रजातियों के मशरूम पर तकनीकी सत्र और व्यावहारिक प्रशिक्षण का आयोजन किया। जिसमे किसानों को उद्यमी बनाने हेतु मशरूम की खेती और उसके व्यवस्थित विपणन में पूर्णता प्राप्त करने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करना था। किसानों को स्वाद और रुचि के लिए संस्थान द्वारा रेडी टू फ्रूट मशरुम बैग्स का वितरण भी किया गया।

The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera organized One-day training programme on Mushroom cultivation on 13.03.2019. The main objective of this training was to empowered the landless and resourceless small and marginal Scheduled Caste farmers through cultivation of mushroom and perk up their livelihood. The programme was inaugurated by Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow. A total 26 Scheduled Caste farmers participated in this programme. On this occasion, Dr. S. Rajan gave knowledge about the nutritional values, demand and market of mushroom and encouraged farmers to adopt mushroom cultivation through which they can improve their livelihood by selling it higher price. Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla conducted technical session and practical training on different species of mushroom. In order to make the farmers as an entrepreneur, they were prepared psychologically for the cultivation of mushroom and its perfection in its systematic marketing. The ready to fruit mushroom bags were also distributed by the Institute for taste and interest among to the farmers.

Event Date:- 13-03-2019

Training Programme on Integrated management of mango and guava orchards

आम एवं अमरुद का समन्वित बागवानी प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा ने उद्यान विभाग, मंडी, हिमांचल प्रदेश द्वारा प्रायोजित आम एवं अमरुद का समन्वित बागवानी प्रबंधन पर दिनांक 12-18 मार्च 2019 को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंडी, हिमांचल प्रदेश के 20 किसानो ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एस राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा किया गया। प्रशिक्षुओ को आम एवं अमरुद के अधिक उत्पादन हेतु प्रवर्धन, देखभाल और रख-रखाव, छत्र एवं विकार प्रबंधन, जल एवं पोषक तत्वो का प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन, कीटनाशक अवशेष से सुरक्षा सम्बन्धी उपाय, जैविक बागवानी, उपोष्ण फलो के सघन बागवानी में प्लास्टिक का उपयोग, प्रसंस्करण उत्पाद एवं पोषण सुरक्षा से सम्बंधित विषयो पर संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा विषय प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा प्रशिक्षुओ को संस्थान के नर्सरी, फल प्रसंस्करण, श्रेणीकरण एवं पेटीबन्दी प्रयोगशालाओ का भ्रमण भी कराया गया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rahmankhera, organized a training programme on Integrated management of mango and guava orchards from 12.03.2019-18.03.2019 sponsored by Horticulture Department, Mandi, Himachal Pradesh. In this training programme, 21 farmers from Mandi, Himachal Pradesh were participated. The programme was inaugurated by Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH. An intensive knowledge were given by the Institutes scientists regarding propagation, care and maintenance, canopy and disorder management, water, nutrients, disease and pest management, safety measures from pesticide residues, organic horticulture, use of plastic in high density planting of subtropical fruits to the trainees. Moreover, trainees were also exposed to nursery, fruit processing as well as grading and packaging laboratories.

Event Date:- 12-03-2019

Nursery training from 04-31 March 2019 under Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत नर्सरी प्रशिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित है एवं आवेदन की अंतिम तिथि ३ मार्च २०१९ है Event Date:- 03-03-2019

Training programme on jute based handicrafts for empowering schedule cast women under Scheduled Castes Sub Plan (SCSP) programme

अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जूट आधारित हस्तशिल्प पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

Under Scheduled Castes Sub Plan programme, ICAR-CISH Regional Research Station, Malda and ICAR-National Institute of Natural Fibre Engineering and Technology (NINFET), Kolkata jointly organized training programme on jute based handicrafts for empowering schedule cast women. A total of fifty five SC women farmers from five adopted villages of Habibpur block of Malda district, W.B participated. Trainees were trained to made the diverse products like bags, toys, wall hangings goods etc. from jute. On this occasion Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH underlined eco-friendly handicrafts and their market demand. Dr. A.N. Roy, Director, ICAR-NINFET briefed about the production of standard size and quality jute handicrafts and their good market and attractive prices. The Director of ICAR-NINFET and ICAR-CISH decided to upscale the programme on jute handicraft as well as use of jute based agro-textiles in plant nurseries and horticulture production system to replace plastic through environment safe material.

अनुसूचित जाति उप योजना कार्यक्रम के तहत अनुसूचित जाति की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. के मालदा स्थित क्षेत्रीय केंद्र एवं भा.कृ.अनु.प.- राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता ने संयुक्त रूप से जूट आधारित हस्तशिल्प पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे मालदा जिले के हबीबपुर ब्लॉक के पांच गोद लिए गाँवों की पचपन अनुसूचित जाति की महिला किसानों को इस कार्यक्रम में भाग लिया। प्रशिक्षुओं को जूट हस्तशिल्प से विभिन्न उत्पादों जैसे बैग, खिलौने, दीवार पर लटकने वाले सामान आदि को बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इस अवसर पर, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने इको-फ्रेंडली हस्तशिल्प और उनकी बाजार मांग के बारे में जानकारी दी। डॉ. ए.एन. रॉय, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-रा.प्रा.रे.अ.प्रौ.सं. मानक आकार और गुणवत्ता वाले जूट हस्तशिल्प के उत्पादन एवं उनके अच्छे बाजार और आकर्षक मूल्य प्राप्त करने के बारे में जानकारी दी। भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. एवं भा.कृ.अनु.प.-रा.प्रा.रे.अ.प्रौ.सं. के निदेशक ने पर्यावरण सुरक्षित सामग्री के माध्यम से पौधशाला और बागवानी उत्पादन प्रणाली में प्लास्टिक के स्थान पर जूट आधारित कृषि-वस्त्रों के उपयोग के के साथ-साथ जूट हस्तशिल्प पर कार्यक्रम को बढ़ाने का फैसला किया।

Event Date:- 22-02-2019

Three days training on High density planting of subtropical fruits organized by ICAR-CISH

उपोष्ण फलो की सघन बागवानी पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा), बेगूसराय, बिहार द्वारा प्रायोजित उपोष्ण फलो की सघन बागवानी पर दिनांक 06-08 फरवरी 2019 को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बेगूसराय, बिहार के 21 किसानो ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. एस राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा किया गया। प्रशिक्षुओ को उपोष्ण फलो के सघन बागवानी के लिए प्रवर्धन, देखभाल और रख-रखाव, छत्र एवं विकार प्रबंधन, जल एवं पोषक तत्वो का प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन, प्लास्टिक का उपोष्ण फलो के सघन बागवानी में उपयोग से सम्बंधित विषयो पर संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा गहन जानकारी प्रदान की गयी। इसके अलावा प्रशिक्षुओ को संस्थान के नर्सरी, फल प्रसंस्करण, श्रेणीकरण एवं पेटीबन्दी प्रयोगशालाओ का भ्रमण भी कराया गया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rahmankhera, organized three days training on High density planting of subtropical fruits from 06.02.2019 to 08.02.2019 sponsored by Agricultural Technology Management Agency (ATMA), Begusarai, Bihar. In this training programme, 21 farmers from Begusarai, Bihar were participated. The program was inaugurated by Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH. For high density planting of subtropical fruits, an intensive knowledge were given by the Institute scientists regarding propagation, care and maintenance of subtropical fruit trees, canopy and disorder management, water, nutrients, disease and pest management, use of plastic in high density planting of subtropical fruits to the trainees. Moreover, trainees were also exposed to nursery, fruit processing as well as grading and packaging laboratories.

Event Date:- 06-02-2019

Model Training Course on Scientific Bee-keeping for alternative livelihood and higher yield of crop plants through efficient pollination

कुशल परागण के माध्यम से फसल की अधिक उपज एवं वैकल्पिक आजीविका हेतु वैज्ञानिक-मधुमक्खी पालन पर आदर्श प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

Event Date:- 01-02-2019

Two days Training-cum-Workshop on Per Drop More Crop (Microirrigation) organized by ICAR-CISH under Pradhanmantri Krishi Sinchai Yojna

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना "पर ड्राप मोर क्रॅाप" (माइक्रोइरीगेशन) के अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ एवं उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.) ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना “पर ड्राप मोर क्रॅाप“ (माइक्रोइरीगेशन) के अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के ५० उद्यान अधिकारियो ने भाग लिया। डा. वी. के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी ने दिनांक 09.01.2019 को कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए कार्यक्रम के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डा. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. ने प्रशिक्षुओं को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों की जानकारी दी और दिन-प्रतिदिन घटते भूमि जल स्तर को बचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई पद्धति की महत्ता को बताया। डा. एन.एल.एम. त्रिपाठी, नोडल अधिकारी, माइक्रोइरीगशन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के प्रयोग को अपनाकर बागवानी एवं कृषि फसलों का गुणवक्ता युक्त उत्पादन को दो गुना किया जा सकता है। दिनांक 10.01.2019 को डा. वी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने प्रशिक्षुओं को संस्थान में प्रायोगिक प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया तथा सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्योगिकी को अपनाने में आने वाली समस्याओं एवं उनके निदान के बारे में बताया।

Under Prime Minister Krishi Sinchai Yojna, PFDC organized 2 days Training-cum-Workshop programme on "Per Drop More Crop" (Microirrigation) at ICAR-Central Institute for subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow, Uttar Pradesh from 09.01.2019 to 10.01.2019. This programme was organized in association with Horticulture and Food Processing Department, Uttar Pradesh. In this programme, 50 Horticulture officers from different district of Uttar Pradesh were participated. On 09.01.2019, at the outset of the program-cum-workshop, Dr. V.K. Singh, Principal Scientist and P.I., P.F.D.C., gave detailed information about the importance of the PMKSY programme. Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH briefed about the techniques developed by the institute and also educated them about importance of micro irrigation method to save the day to day depleting ground water level. Dr. N.L.M. Tripathi, Nodal Officer, Micro Irrigation, Directorate of Horticulture and Food Processing, Uttar Pradesh gave knowledge about doubling the production of horticulture and agricultural crops through adoption of micro irrigation method. On the next day, Dr. V.K. Singh coordinated the experimental field visit of trainees and also unriddle the problem and their solution for adopting microirrigation technology.

Event Date:- 09-01-2019

Residential training programme on Agri-Entrepreneurship- Agri-Clinics and Agri-Business Centres Scheme

कृषि क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केंद्र योजना पर आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), हैदराबाद द्वारा वित्तपोषित "कृषि क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केंद्र योजना" पर भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में दिनांक 08.01.2019 को दो महीने का निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरम्भ किया गया। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को फार्म मशीनीकरण, कृषि उपकरण का उपयोग, सिंचाई तकनीक, बीज उत्पादन, मिट्टी, उर्वरक, खाद, जैव-उर्वरक, जैविक खेती, जल-संचय प्रबंधन और अन्य कृषि पद्धतियों पर गहन ज्ञान दिया जाएगा। प्रशिक्षुओं को बैंकों से धन प्राप्त करने के लिए अपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, सफल कृषि उद्यमियों के साथ प्रशिक्षुओं की बातचीत भी कराई जाएगी। कठोर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, प्रशिक्षु कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए विशेष स्टार्ट-अप ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

Two month free Residential training programme on Agri-entrepreneurship-Agri-Clinics and Agri-Business Centres scheme" funded by National Institute of Agricultural Extension Management (MANAGE), Hyderabad has started at ICAR-Central Institute for subtropical Horticulture, Lucknow on 08.01.2019. Under this training, intensive knowledge will be given to the trainees on farm mechanization, farm implements and equipment, irrigation techniques, seed production, soil, fertilizers, manures, bio-fertilizers, organic farming, watershed management and other agricultural practises. The key part will be preparation of bankable projects where trainees will be guided to prepare their own detailed project reports for getting funds from banks. Moreover, the interaction with successful agripreneurs will also be done. After completing of strict training, trainees can apply for special start-up loans for agriculture and allied field.

Event Date:- 08-01-2019

Training programme on Horticultural crop production under subtropics

उपोष्णकटिबंधीय बागवानी फसल का उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ, में "उपोष्णकटिबंधीय बागवानी फसल का उत्पादन" पर दिनांक 26 दिसंबर 2018 से- 3 जनवरी 2019 को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बनारस हिन्दू विश्वविधालय, काशी (वाराणसी) के बीएससी (कृषि) तृतीय वर्ष के 15 छात्रों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षुओ को उपोष्णकटिबंधीय फलीय पौधों के देखभाल और रख-रखाव, जैविक खेती, जल एवं पोषक तत्वो का प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन, उच्च सघन बागवानी, सूक्ष्मप्रवर्धन, सूक्ष्म एवं टपक सिंचाई, पॉलिथीन मल्चिंग एवं अंतर्वर्ती खेती से सम्बंधित विषयो पर संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा प्रशिक्षुओ को संस्थान के प्रायोगिक प्रक्षेत्रो का भ्रमण भी कराया गया। डॉ. इसरार अहमद, वैज्ञानिक ने भ्रमण कार्यक्रम एवं डॉ. अशोक कुमार और डॉ. आभा सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय किया।

A training programme on "Horticultural crop production under subtropics" has been organized by ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture from 26.12.2018 to 03.01.2019. A total 15 B.Sc. (Agriculture) Third year students participated in training programme. Under aforementioned training programme, knowledge were given by the Institutes scientists regarding care and maintenance of subtropical fruit trees, water and nutrients management, disease and pest management, High density cropping, micro- propagation, micro and drip irrigation, polythene mulching and intercropping to the trainees. Moreover, trainees were also exposed to experimental field visit. Dr. Israr Ahmad, Scientist coordinated the visit whereas Dr. Ashok Kumar and Dr. Abha Singh, Principal Scientist coordinated the aforesaid training programme.

Event Date:- 03-01-2019

बागवानी फसलों की पौधशाला प्रबंधन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ, में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बागवानी फसलों की पौधशाला प्रबंधन पर दिनांक 27-29 दिसंबर 2018 को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मलिहाबाद और माल विकास खण्ड की नर्सरी कार्य कर रही स्वयं सहायता समूह की 114 महिलाओ ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षु महिलाओ को फलपौध के देखभाल और रख-रखाव, जल एवं पोषक तत्वो का प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन तथा फलों का प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन से सम्बंधित विषयो पर संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा प्रशिक्षु महिलाओ को संस्थान के नर्सरी और प्रायोगिक क्षेत्रो का भ्रमण भी कराया गया।

Training programme on "Nursery management of horticultural crops"

Under the Uttar Pradesh State Rural Livelihood Mission, a training programme on "Nursery management of horticultural crops' has been organized by ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture from 27.12.2018 to 29.12.2018. A total 114 women belonging to self-help group and doing nursery work in block Malihabad and mall were participated. Under aforementioned training programme, intensive knowledge were given by the scientists regarding care and maintenance of fruit trees, water and nutrients management, disease and pest management and processing and value addition of fruits to the trainees. Moreover, trainees were also exposed to nursery and experimental field visit. Dr. S.R. Singh, Principal Scientist was Co-ordinated the aforesaid training programme.

Event Date:- 27-12-2018

Training cum production unit on scientific bee keeping and awareness programme under tribal sub-plan

The regional centre of ICAR-CISH organized a two days training cum production unit on "Scientific Bee Keeping" on 12/12/2018 under tribal sub-plan programme with aim to empower tribal youth for production of quality honey and efficient pollination. The programme was inaugurated by the chief guest Dr. Robert Spooner Hart (Professor, Western Sydney University, Australia). Dr. Dipak Nayak (Scientist and In-charge ICAR-CISH RRS Malda) coordinated the programme. The other dignitaries, Dr. Tushar Banik (Block Livestock Development Officer, Habibpur block, Malda), Dr. Ashim Sarkar (Veterinary Officer), Mr. Satish Kumar Singh (DDM, NABARD, Malda), Mr. Swapan Kumar Sen (Ex Bank Manager) had also present on this occasion and graced the programme by sharing own suggestion.

जनजातीय उप-योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण सह "वैज्ञानिकी-मधुमक्खी पालन" पर उत्पादन इकाई और जागरूकता कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., के मालदा स्थित क्षेत्रीय केंद्र ने जनजातीय उप-योजना कार्यक्रम के अन्तर्गत जनजातीय युवाओं को गुणवत्तायुक्त शहद और कुशल परागण के उत्पादन हेतु सशक्त बनाने के उद्देश्य से दिनांक 12/12/2018 को दो दिवसीय प्रशिक्षण सह वैज्ञानिकी-मधुमक्खी पालन पर उत्पादन इकाई और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ रॉबर्ट स्पूनर हार्ट (प्रोफेसर, वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया) ने किया। डॉ. दीपक नायक (वैज्ञानिक और प्रभारी भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. आरआरएस, मालदा) ने उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर अन्य गणमान्य अतिथि डॉ तुषार बनिक (ब्लॉक पशुधन विकास अधिकारी, हबीबपुर ब्लॉक, मालदा), डॉ आशीष सरकार (पशु चिकित्सा अधिकारी), श्री सतीश कुमार सिंह (डीडीएम, नाबार्ड, मालदा), श्री स्वप्न कुमार सेन (पूर्व बैंक प्रबंधक) भी उपस्थित थे और उन्होंने अपने सुझाव के साथ कार्यक्रम की सराहना भी की।

Event Date:- 12-12-2018

Model training course on Food and nutritional security of farm women through horticulture based interventions

The ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, organized a model training course on Food and nutritional security of farm women through horticulture based interventions from 13/11/2018 to 20/11/2018. The main aim of this model training course was to train the extension workers and officers in different state and central agriculture departments. A total of 20 participants from different states, like Uttrakhand, Maharashtra and Uttar Pradesh and country, including Nepal attended the training programme. The programme was Co-ordinated by Dr. Anju Bajpai (Principal Scientist). Dignitaries, Director, SIMA, Lucknow was graced the valedictory session and distributed the certificate to participants.

बागवानी आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से कृषक महिलाओं की खाद्य और पोषण सुरक्षा पर आदर्श प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने दिनांक 13/11/2018 से 20/11/2018 तक बागवानी आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से कृषक महिलाओं की खाद्य और पोषण सुरक्षा पर एक आदर्श प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को आयोजित किया। इस मॉडल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राज्यों और केंद्रीय कृषि विभागों के श्रमिकों और अधिकारियों को प्रशिक्षित करना था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों जैसे की उत्तराखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कुल 19 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया जबकि 1 प्रतिभागी नेपाल से थे । प्रशिक्षण कार्यक्रम को डॉ अंजू बाजपाई (प्रधान वैज्ञानिक) द्वारा समन्वयित किया गया था। इस अवसर पर गणमान्य अतिथि, निदेशक, राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान, लखनऊ ने वैदिक सत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया।

Event Date:- 20-11-2018

Refresher training programme on opportunities of value addition in horticulture

बागवानी उपज में मूल्यवर्धन के अवसर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा द्वारा तेलीबाग परिसर, लखनऊ, में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशंस मैनेजमेंट (मैनेज), हैदराबाद के द्वारा वित्तपोषित 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “बागवानी उपज में मूल्यवर्धन के अवसर" की दिनांक 22/10/2018 से 25/10/2018 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न जगहों से प्रशिक्षु आये हुए थे। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षुओ को बागवानी उपज में मूल्यवर्धन के विभिन्न उपायों पर गहन ज्ञान दिया गया।

The 4-day training programme on "Refresher training programme on opportunities of value addition in horticulture" was organized by ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rahmaankhera, at their Telibaag campus, Lucknow, from 22/10/2018 to 25/10/2018. This training programme was funded by National Institute of Agricultural Extension Management (MANAGE), Hyderabad. In this programme, trainees come from different states of India. Under this training, intensive knowledge was given to the trainees on value addition in horticulture produce.

Event Date:- 25-10-2018

Model Training Course on Food and Nutritional security of farm women through horticulture based interventions

बागवानी आधारित हस्तक्षेपों के माध्यम से कृषि महिलाओं की खाद्य और पोषण सुरक्षा पर आदर्श प्रशिक्षण पाठ्यक्रम

Event Date:- 10-10-2018

Training programme on Organic farming in horticulture crops

बागवानी फसलों की जैविक खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा द्वारा तेलीबाग परिसर, लखनऊ, में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, के द्वारा वित्तपोषित 4 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम" बागवानी फसलों की जैविक खेती" की दिनांक 03/10/2018 से 06/10/2018 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, चंडीगढ़ और नई दिल्ली से 30 प्रशिक्षु आये हुए थे। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षुओ को जैविक खेती के विषय पर जानकारी दी गई।

The 4-day training programme on "Organic farming in horticulture crops" was organized by ICAR-Central Institute for subtropical Horticulture, Rahmaankhera, Lucknow, Uttar Pradesh from 03/10/2018 to 06/10/2018. Officers of Central Public Works Department attended the training. In this programme, 30 trainees had been come from different states of India including Maharashtra, Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Tamilnadu, Karnataka, Telangana, Andhra Pradesh, Maharashtra, Tripura, Chandigarh and New Delhi. Under this training, rigorous knowledge on various aspects of organic farming was imparted.

Event Date:- 06-10-2018

For Professional Excellence in Certified Farm Advisor of Fruits training programme started by ICAR-CISH, Lucknow

फलों के प्रमाणित फार्म सलाहकार मे पेशेवर उत्कृष्टता के लिए भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश द्वारा 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरम्भ

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ, में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशंस मैनेजमेंट (मैनेज), हैदराबाद के द्वारा वित्तपोषित 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम “फलों के प्रमाणित फार्म सलाहकार” की दिनांक 03/10/2018 शुरुवात की गयी। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों महाराष्ट्र, हिमांचल प्रदेश, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मिजोरम से प्रशिक्षु आये हुए है। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रशिक्षुओ को फलो के विषय में गहन ज्ञान दिया जायेगा और चयनित फसल से संबंधित नवीनतम तकनीकों को सिखाया जायेगा। कठोर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, प्रशिक्षुओ को क्षेत्रीय स्तर की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक वर्ष की अवधि तक संबंधित अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक को तकनीकी मार्गदर्शन के लिए आवंटित किया जाएगा और मैनेज द्वारा "प्रमाणित फार्म सलाहकार विशेषज्ञ" का प्रमाणपत्र दिया जायेगा एवं इसे वेबसाइट पर फलों के प्रमाणित फार्म सलाहकार विशेषज्ञो के रूप में सूचीबद्ध किया जायेगा।

The 15-day training programme on "Certified Farm Advisor of Fruit" has been started by ICAR-Central Institute for subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow, Uttar Pradesh on the date 03/10/2018. This training programme has been funded by National Institute of Agricultural Extension Management (MANAGE), Hyderabad. In this programme, trainees has been come from different states of India including Maharashtra, Himachal Pradesh, Jharkhand, Uttar Pradesh, Tamilnadu and Mizoram. Under this training, intensive knowledge will be given to the trainees and the latest techniques related to the selected crop will be taught. After completing of strict training, the trainees will be allocated for technical guidance of the concerned research institute for a period of one year to face regional level challenges. Apart from this, a certificate of "Certified Farm Advisory Expert" will be given by MANAGE and their name will be listed on the website as a Certified Farm Advisory Specialist.

Event Date:- 03-10-2018

Officers group of Seven States Learned Entrepreneurship

Doubling farmers’ income requires entrepreneurship development and enhancing employment opportunities from horticulture sector. In this background, ICAR-CISH, Lucknow organized a Model Training Course on “Entrepreneurship Development through Market Driven Production and Processing of Horticultural Crops” during 10-17th September, 2018. The training was sponsored by Ministry of Agriculture & Farmers Welfare, Government of India. District horticulture officers/ rural development officers/ extension personnels from seven different states viz., Uttar Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Chattisgarh, Odisha, Rajasthan and Madhya Pradesh participated in the training program. The officers were aged from 30-59 years with about 20 per cent women participants. They were trained on entrepreneurial ecosystem, start ups, nursery, floriculture based enterprises, orchard based poultry farming, market driven production of exotic fruits in subtropics viz. strawberry and pepino, processing of fruits and vegetables, herbal cosmetics, essential oil extraction, hydroponics cultivation of vegetables, mushroom production, organic farming, inspection and certification of organic produce, FSSAI registration, protected cultivation, bio fertilizer production, packaging, branding, food safety laws, dry flower technology etc. Lecture session experts were drawn from ICAR, CSIR, IIT, SAU and Corporate Sector. The officers also interacted with progressive farmers and new entrepreneurs who have made their name in horticulture. They were taken on exposure visits of nursery, CISH experimental farms and Farmer FIRST program adopted villages. This training course included pre- and post-feedback evaluation and validation. The training course has given an insight of start ups and entrepreneurship to the horticulture officers which was very handy and could easily be implemented in their areas of operation. Dr. Rajan, Director ICAR-CISH, Lucknow informed that Government of India has sanctioned three Model Training Courses to the Institute this year. Two more MTCs will be organized in the Institute soon. Course Director, Dr. Maneesh Mishra informed that a WhatsApp Group of MTC participants has also been created to exchange technological advancements with each other.

Event Date:- 10-09-2018

प्रक्षेत्र अनुभव प्रशिक्षण

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के 6 वैज्ञानिक अपने 21 दिवसीय प्रक्षेत्र अनुभव प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रेहमानखेड़ा लखनऊ पहुंचे हैI छः सदस्यीय टीम में डॉ. देवीदीन यादव, अर्चना सान्याल, डॉ. प्रियंका खाती, संतोष कुमार, डॉ. अब्दुल रहीम और सुनील सुनानी ने संस्थान के सहयोग से 10 सितम्बर तक नबी पनाह गॉंव में कृषि एवं पशुओं के समस्याओं पर अध्ययन किया, इसके साथ ही पूरी टीम गॉंव की सामाजिक, आर्थिक, कृषि उपकरणों तथा खाद्य प्रसंस्करण इकाई का अध्ययन एवं औलोकन किया I दिनाँक 04 /09 /2018 को टीम के वैज्ञानिकों ने केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान एवं राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी, हैदराबाद के सहायता से कृषक परिसंवाद का आयोजन नबी पनाह गॉंव में किया I इस अवसर पर राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी के प्रधान वैज्ञानिक वी. के. जी. राव और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ.मनीष मिश्रा मुख्य अन्वेषक फार्मर फर्स्ट परियोजना, डॉ.राम अवध राम और गांव के किसानो ने मिलकर गॉंव का सामाजिक, भौगोलिक मानचित्र बनाकर गॉंव की सामाजिक, आर्थिक और कृषि समस्याओं पर चर्चा की साथ ही उनसे निपटने के उपाय भी बताये।

Event Date:- 04-09-2018

ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture invites application for Agri-Clinic and Agri-Business Centre Scheme

भा.कृ.अनु.प.-के.ऊ.बा.सं. रहमानखेड़ा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश द्वारा कृषि क्लिनिक और कृषि व्यापार केंद्र योजना के लिए दो महीने की निशुल्क प्रशिक्षण हेतु आवेदन पत्र का आमंत्रण

नाबार्ड के सहयोग से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने पूरे देश में प्रत्येक किसान को खेती के बेहतर तरीके से अवगत कराने के लिए एक अनूठा कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि स्नातक के बड़े पूल में उपलब्ध विशेषज्ञता को टैप करना है। भले ही आप एक नए स्नातक हैं या नहीं, या आप वर्तमान में नियोजित हैं या नहीं, आप अपना खुद का कृषि क्लिनिक या एग्री बिजनेस सेंटर स्थापित कर सकते हैं और असंख्य किसानों को व्यावसायिक विस्तार सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। इस कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध सरकार अब कृषि में स्नातक, या बागवानी, रेशम कीट पालन, पशु चिकित्सा विज्ञान, वानिकी, डेयरी, कुक्कुट पालन, और मत्स्य पालन आदि जैसे कृषि से जुड़े किसी भी विषय को प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। प्रशिक्षण पूरा करने वाले लोग उद्यम के लिए विशेष स्टार्ट-अप ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं। किसानों के लिए परामर्शदाता बनकर पैसा और प्रतिष्ठा कमाएं। कृषि व्यवसाय केंद्र कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए भुगतान सेवाएं प्रदान करेंगे। केंद्रों को किसानों को फसल चयन, सर्वोत्तम कृषि प्रथाओं, फसल-फसल के मूल्यवर्धित विकल्पों, महत्वपूर्ण कृषि सूचनाओं (यहां तक कि इंटरनेट आधारित मौसम पूर्वानुमान सहित), मूल्य प्रवृत्तियों, बाजार समाचार, जोखिम शमन और फसल बीमा, क्रेडिट और इनपुट पहुंच, साथ ही साथ महत्वपूर्ण स्वच्छता और फाइटो-सेनेटरी विचार, जिन्हें किसानों को ध्यान में रखना है। इस देशव्यापी पहल द्वारा कृषि क्लिनिक या कृषि व्यापार केंद्र स्थापित करने के लिए नि: शुल्क प्रशिक्षण एवम इस तरह के केंद्र की स्थापना में रुचि रखने वाले कृषि स्नातकों को विशेष प्रशिक्षण मुफ्त में मुहैया कराया जा रहा है, देश भर में चुनिंदा संस्थानों द्वारा 2 महीने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पेश किया जाएगा। पाठ्यक्रम में उद्यमिता और व्यापार प्रबंधन, साथ ही गतिविधि के आपके चुने हुए क्षेत्रों में कौशल सुधार मॉड्यूल शामिल हैं। कृषि क्लिनिक या कृषि व्यापार केंद्र के लिए उपलब्ध बैंक ऋण सब्सिडी के लिए परियोजना लागत 20 लाख रुपये कर दिया गया है (बेहद सफल व्यक्तिगत परियोजनाओं के मामले में 25 लाख) और समूह परियोजना के लिए 100 लाख रुपये। इस निशुल्क प्रशिक्षण में सम्मिलित होने हेतु ऑनलाइन आवेदन MANAGE की वेबसाइट लिंक https://acabcmis.gov.in/ApplicantReg.aspx पर कर सकते हैं जो की पूर्णतया निशुल्क है. उम्मीदवारों के चयन के पश्चात दो महीने की प्रशिक्षण भी निशुल्क दिया जायेगा. प्रशिक्षण ढहरने एवं खाने का इंतज़ाम भी भा.कृ.अनु.प.- के. ऊ. बा. सं. रहमानखेड़ा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश द्वारा किया जायेगा.

आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर, 2018 है।

संपर्क करें

कृषि क्लिनिक और कृषि बिजनेस ट्रेनिंग सेंटर (एसी और एबीसी) लखनऊ

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,रायबरेली रोड कैंपस,

बड़ी लालकुर्ती बाजार, तेलबाग, पोस्ट -दिलकुशा, लखनऊ -226002 (ऊ प्र)

संपर्क: ईमेल-, cish.lucknow@gmail.com cishmanage@gmail.com

+91 9140228806 (मो) 0522- 2841022-24 (O), 0522-2841025 (fax)

The Ministry of Agriculture and farmers welfare, Government of India, in association with NABARD has launched a unique programme to take better methods of farming to each and every farmer across the country. This programme aims to tap the expertise available in the large pool of Agriculture Graduates. Irrespective of whether you are a fresh graduate or not, or whether you are currently employed or not, you can set up your own Agri-Clinic or Agri-Business Centre and offer professional extension services to innumerable farmers. Committed to this programme, the Government is now also providing start-up training to graduates in Agriculture, or any subject allied to Agriculture like Horticulture, Sericulture, Veterinary Sciences, Forestry, Dairy, Poultry Farming, and Fisheries, etc. Those completing the training can apply for special start-up loans for venture. Agribusiness Centres would provide paid services for enhancement of agriculture production and income of farmers. Centres would need to advice farmers on crop selection, best farm practices, post-harvest value-added options, key agricultural information (including perhaps even Internet-based weather forecast), price trends, market news, risk mitigation and crop insurance, credit and input access, as well as critical sanitary and phyto-sanitary considerations, which the farmers have to keep in mind. As an integral part of this nationwide initiative, specialised training will be provided to Agriculture Graduates interested in setting up such a centre. Being provided free of cost, the two months training course will be offered by select institutes across the country. Initiated by SFAC, and co-ordinated by MANAGE, the course comprises Entrepreneurship and Business Management, as well as skill improvement modules in your chosen areas of activity. Ceiling of project cost for subsidy has been enhanced to Rs.20 lakhs for an individual project (25 lakhs in case of extremely successful individual projects) and to Rs.100 lakhs for a group project. In order to join this totally free training, the online application can be made on MANAGE website link https://acabcmis.gov.in/ApplicantReg.aspx. After the selection of candidates, two months of residential training will provided to the candidates.

Last date of application is September 20, 2018.

Contact us at:

Agri Clinic & Agri Business Training Center (AC & ABC) Lucknow

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture (CISH), Raebareli Road Campus,

Bari Lalkurti Bazar,Telibagh, P.O.-Dilkusha, Lucknow-226002 (U.P.)

Contact: Email- cish.lucknow@gmail.com cishmanage@gmail.com,

+91 9140228806 (M) 0522- 2841022-24(O), 0522-2841025 (F)

Event Date:- 30-08-2018

MP horticulture officers trained at ICAR-CISH, Lucknow

भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ में मध्य प्रदेश के बागवानी अधिकारी के लिए आम और अमरूद के उत्पादन, संरक्षण और तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रौद्योगिकी पर दिनांक ६ से १० अगस्त २०१८ तक पांच दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। मध्य प्रदेश फलों के उत्पादन में बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है और अब इस क्षेत्र में उच्च लाभ प्राप्त होने के कारण किसानों द्वारा अधिकांश कृषि भूमि को बागों में परिवर्तित कर दिया गया है। यह प्रशिक्षण आम और अमरूद उत्पादन की विभिन्न प्रौद्योगिकियों पर आयोजित किया गया था। मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से इस प्रशिक्षण में शामिल हुए बागवानी अधिकारी के साथ बातचीत से पता चला कि किसान सघनता की उपयुक्तता के कारण विशेष रूप से अमरूद के फल की सघन बागवानी में रूचि रखते हैं। राज्य में अमरूद और आम की कई किस्में स्थापित की गयी लेकिन किसानों को इन किस्मों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए किसानों के सामने आने वाली समस्याओं और बागवानी अधिकारियों द्वारा अनुभव की गई समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा की गई। प्रशिक्षुओं को अमरूदए नींबू और अनार के लिए कैनोपी प्रबंधन तकनीकों में रुचि थी ताकि पौधों की संख्या अधिक को सीमित जगह में व्यवस्थित किया जा सके और फसल को अवधि के मौसम में स्थानांतरित कर उन्हें बेहतर मुनाफा मिल सके। प्रशिक्षुओं को अमरूद के लिए विकसित अल्ट्रा सघन बागवानी प्रौद्योगिकी और इस तकनीक का उपयोग करते समय सावधानी बरतने के बारे में समझाया गया। अधिक उत्पादन और स्थानीय बाजार में अधिक मांग न होने के कारण दिनों दिन फलों के लिए मूल्यवर्धन महत्वपूर्ण होता जा रहा है। विपणन समूहों के निर्माण के माध्यम से किसानो को कैसे लाभ मिले, जो विपणन किसानों फल की सीमित मात्रा का उत्पादन कर रहे हैं और स्थानीय बाजार में कीमत से संतुष्ट नहीं हैं, इस बिषय पर भी चर्चा की गईं। अधिकारियों ने सुंदरजा आम में समस्या के बारे में भी चर्चा की जो रीवा और आसपास के क्षेत्रों की एक अनूठी किस्में है और कभी.कभी 150 रुपए प्रति किलो बेची जाती है। मूल्यवर्धन की संभावनाओं पर भी प्रशिक्षुओं के साथ चर्चा की गई ताकि उत्पादों को खेत स्तर पर ही बनाया जा सके या छोटे पैमाने पर उद्योग की स्थापना की जा सके। संस्थान में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण का भी आयोजित किया गया। उन्हें नर्सरी स्थापन तकनीकों से अवगत कराया गया और यह बताया गया कि कैसे वे छोटे शहरों में छत और सीमित स्थान में नर्सरी का प्रबंधन कर सकते हैं। सजावटी पौधों को छोटे पात्र में कलियों या फूलों के चरण तक उगाकर एवं देखभाल करके अच्छे लाभ अर्जित करने के उद्यमों में से एक हो सकती है। डॉ। नीलिमा गर्ग ने मूल्यवर्धित उत्पादों के उत्पादन के लिए घरेलू पैमाने के उद्योगों और स्वयं सहायता समूहों के विकास की स्थापना करके ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के बारे में चर्चा की।

Five days training program on production, protection and postharvest technology of mango and guava was organized for the Horticulture officer of Madhya Pradesh at CISH Lucknow. Madhya Pradesh is progressing very fast in fruits production and now much of the agricultural land is been converted into the orchards by the farmers because of high returns in this sector. The training was organised on various technologies of mango and guava production. Horticulture officers from different parts of MP joined this training and interaction with the them indicated that farmers are interested in high density planting of fruits particularly of guava because of its suitability for intensive culture. Many varieties of guava and mango have been introduced in the state but varieties and farmers are experiencing various types of problems, therefore discussions were made to address the problems face by farmers and experienced by the Horticulture officers. The trainees were interested in canopy management techniques for guava, citrus and pomegranate so that more number of plants are adjusted in a limited piece of land and also the crop is shifted to the period season when they can get a better profits. The trainees were explained about the Ultra high density Technology developed for guava and the precautions to be observed while using this technique. Value addition to the fruits is becoming day by day important because of fruit glut in the market due to the over production sometimes demands is not high in local market. Discussions were made how the marketing through forming marketing groups can be useful for farmers who are producing limited volume of fruits and are not satisfied with the price in the local market. The officers also discussed about the problem in Sunderja mango which is a unique varieties of Rewa and adjoining areas and sold sometimes Rs 150 rupees a kg. Prospects of value addition were also discussed with the trainees so that products can be produced at farm gate-level or small-scale industry can be established. A training of women was also organized at the institute for their empowerment. They were exposed to the nursery establishment techniques and also discussed how they can manage nursery in a small town rooftop and limited space available in small towns. Rearing of potted ornamental plants can be one of the ventures for earning good profit by growing ornamentals in pots to the flowering stage. Dr Neelima Garg discussed about the empowerment of rural women by establishing home scale industries and development of self help groups for producing value added products.

Event Date:- 06-08-2018

Farmers Training and Awareness Programme at Agra and Hathras Districts

आगरा और हाथरस जिले में कृषक प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम

सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.), भा.कृ.अनु.प.-के0उ0बा0सं0, लखनऊ द्वारा टपक सिंचाई, प्लास्टिक मल्चिंग एवं संरक्षित खेती की उपयोगिता पर आगरा जिले में दिनांक 02.08.2018 को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में के.वी.के., उद्यान विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित लगभग 55 किसानों ने भाग लिया। डा. वी. के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई. द्वारा पी.एफ.डी.सी. एवं संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी। जिनमें मुख्य रूप से टपक सिंचाई, प्लास्टिक मल्चिंग एवं संरक्षित खेती पर किसानों को प्रोजेक्टर की सहायता से तकनीकी फिल्मों एवं व्याख्यानों के द्वारा बागवानी में इन तकनीकों की उपयोगिता एवं महत्व के विषय में जानकारी दी गयी। उसके बाद किसानों द्वारा किये गये प्रश्नों का उत्तर दिया गया। किसानों के लिए यह कार्यक्रम बहुत ही सफल एवं उपयोगी रहा। इस कार्यक्रम के तहत दिनांक 03.08.2018 को हाथरस जिले में अमरूद की सघन बागवानी की स्थिति और प्रदर्शन का निरीक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। आई.टी.सी. की मदद से इस जिले में लगभग 250-300 एकड़ क्षेत्र में अमरूद की ललित प्रजाति के पौधों को सघन बागवानी तकनीक को अपनाकर वृक्षारोपण किया गया है। प्रूनिंग तकनीक, सिंचाई की मात्रा एवं उचित पोषक तत्वों के उपयोग की कम जानकारी के कारण किसानों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कुछ पौधे मरने की स्थिति में पाये गये परन्तु जड़ में नीमेटोड गाँठ दिखाई नहीं दे रही थी। अच्छी गुणवत्ता वाले अमरूद को प्राप्त करने के लिए प्रगतिशील किसानों को उचित सुझाव दिये गये।

Training program on drip irrigation, plastic mulching and importance of protected cultivation in horticulture crops was organized at KVK, Agra on 02.08.2018 by PFDC, ICAR-CISH, Lucknow. Nearly 55 farmers excluding staff of KVK, state horticulture department, senior faculty of horticulture department of RBS College, Agra participated in the event. Dr. V.K. Singh, Pr. Scientist & PI, PFDC, ICAR-CISH, Lucknow enumerated the technologies developed by PFDC, ICAR-CISH, especially on drip irrigation and plastic application techniques in the crops. Literature related to these topics were distributed besides, lectures on background of drip irrigation, advantage of drip irrigation, its working, laying out of drip line & lateral, care and management, maintenance of the system, fertigation filter etc. projected in technical films. The queries raised by the farmers were answered amicably. Along with programme, a survey and awareness programme was also conducted at Hathras district of Uttar Pradesh on 03.08.2018 to assess the status and performance of high density plantation guava by interacting with the farmers. It was observed that with the help of ITC high density plantation guava was spread in an area of 250-300 acre in this district alone. The common variety planted was Lalit and were in prolific flowering and fruiting. Farmers were facing several problems due to partial knowledge about the time and depth of pruning, application of appropriate nutrients and irrigation schedule for quality production. Bark splitting was recorded common in some of the orchard even in 3 years old plants. Some plants were found in the stage of dying but root knot nematode was not visible. Strategies for getting good quality guava were suggested to the progressive farmers.

Event Date:- 02-08-2018

Orientation programme on Food Processing and Value Chain Management

आईसीएआर-सीआईएसएच आरआरएस, मालदा में श्री कौशिक भट्टाचार्य, आईएएस (जिलाधिकारी, मालदा), प्रो. आर.के. पाल (पूर्व निदेशक आईसीएआर-एनआरसीपी सोलापुर, महाराष्ट्र), परियोजना निदेशक, डीआरडीसी, मालदा एवं डॉ. डी. महलोनोबिश (उप परियोजना निदेशक, एटीएमए, मालदा) की उपस्थिति में 20.07.2018 को एसएचजी सदस्यों के लिए “खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य श्रृंखला प्रबंधन” पर एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम जिला ग्रामीण विकास कक्ष (डीआरडीसी), मालदा और परियोजना निदेशक, एटीएमए, मालदा, पश्चिम बंगाल द्वारा वित्तीय सहायता के सहयोग से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मालदा के हबीबपुर, गज़ोल, अंग्रेजी बाज़ार और हरिश्चंद्रपुर ब्लॉक से डीआरडीसी ऑफिसियल और 83 एसएचजी सदस्यों की सक्रिय भागीदारी हुई। डॉ. आर.के. पाल ने कुटीर उद्योगों के प्रचार हेतु "बागवानी फसलों में तुड़ाई उपरांत प्रबंधन, प्रसंस्करण और मूल्य श्रृंखला प्रबंधन" पर व्याख्यान दिया। डीएम ने एसएचजी सदस्यों को संबोधित किया और मालदा जिले में खाद्य प्रसंस्करण के महत्व और दायरे को उजागर करके आईसीएआर-सीआईएसएच आरआरएस, मालदा के प्रयासों की सराहना की एवं उन्होंने मालदा जिले में फसल प्रसंस्करण और मूल्यसंवर्धन के क्षेत्र में वृद्धि के लिए सभी प्रकार के मजिस्ट्रेट समर्थन का वादा किया। डॉ. दीपक नायक ने "एसएचजी सदस्यों, ग्रामीण युवाओं एवं उद्यमियों के प्रशिक्षण और रखरखाव हेतु प्रक्षेपित एवं मूल्यसंवर्धित उत्पाद विकास विषय पर व्याख्यान दिया।

One day orientation programme on “Food Processing and Value Chain Management for SHG Members” was organized on 20.07.2018 at ICAR CISH RRS Malda in august presence of Mr. Kaushik Bhattacharya, IAS (District Magistrate, Malda), Prof. R. K. Pal (Ex-Director ICAR-NRCP Solapur, Mahrashtra), Project Director, DRDC, Malda & Dr. D. Mahalonobish (Deputy Project Drector, ATMA, Malda). The programme was organized in association with District Rural Development Cell (DRDC), Malda and financial support from Project Director, ATMA, Malda, W.B. There were active participation of DRDC officials and 83 SHG members from Habibpur, Gazole, English Bazar and Harishchandrapur blocks of Malda. Dr. R. K Pal delivered the key lecture on “Post-harvest Management, Processing and Value Chain Management in Horticultural crops” promotion of cottage industries. DM addressed the SHG members and appreciated the efforts of ICAR-CISH RRS, Malda by enlighting the importance and scope of food processing in Malda district and promised for all sorts of magisterial support for up scaling the sector post harvest processing and value addition in Malda district. Dr. Dipak Nayak also delivered the lecture on “Training and Handholding of SHG members, rural youth and entrepreneurs for processed and value added product developments.

Event Date:- 20-07-2018

Training programme on Agriculture protection and Insect pest management in Kharib crops

खरीफ फसलों में कृषि रक्षा कार्यक्रम एवं कीट प्रबंधन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम

दिनांक 19 जुलाई 2018 को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमान खेड़ा लखनऊ द्वारा आयोजित खरीफ फसलों में कृषि रक्षा कार्यक्रम एवं कीट प्रबंधन विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के ललितपुर, झांसी, जालौन, कुशीनगर, गोरखपुर तथा सुल्तानपुर जनपदों के 65 प्रतिभागियों ने भाकृअनुसं- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान का भ्रमण किया तथा उन्हें औद्योगिक फसलों के कीट एवं रोग प्रबंधन एवं प्रसंस्करण हेतु सुरक्षित रसायनों के प्रयोग के संबंध में जानकारी दी गई

State Institute for Management of Agriculture, Rahman Khera, Lucknow organized a training programme on "Agriculture Protection and Insect Pest Management in Kharif Crops" on 19 July 2018. Sixty five participants were participated from Lalitpur, Jhanshi, Jalon, Kushinagar, Gorakhpur and Sultanpur districts and also visited ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow. During this visit, they were apprised about insect/pest and disease management of industrial crops also safely use of chemicals for processing.

Event Date:- 19-07-2018

Training Programme on Milky mushroom cultivation

दूधिया मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा में दूधिया मशरूम की खेती पर दिनांक 21.03.2018 को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने कहा कि दूधिया मशरूम किसानों में आम नहीं है लेकिन उपभोक्ताओं के क्रमिक हित के साथ यह लोकप्रिय हो रहा है और संस्थान इस पर प्रशिक्षण का विचार करता है। प्रशिक्षण में 120 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। मोहम्मद नगर तालुकेदारी गांव से 10 महिलाओं ने भी मशरूम उत्पादन के गुर सीखे। किसानों को बहुत से ऐसे सुझाव दिए गए जिससे यह उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और मशरूम के सफेद रंग एवं ताजगी को बनाए रख सकते हैं। मशरूम उत्पादन में स्वच्छता के महत्व पर भी चर्चा की गई। डॉ. पी.के. शुक्ला ने उद्यमियों को नियमित रूप से संस्थान द्वारा मशरूम उत्पादकों को तकनीकी सहायता एवं परामर्श देने हेतु आश्वस्त भी किया।

A training programme on the cultivation of milky mushroom was organized at ICAR-CISH in Lucknow on 21.03.2018. Milky mushroom is not common among the farmers but with the gradual interest of consumers increasing in it. It is becoming popular and CISH thought of conducting training on it for increasing the profit of the farmers as well as use of resources when the season of button mushroom is over. ICAR-CISH has overcome the problem of mushroom growers by regular production and supply of spawn to the growers as per the season. About 120 farmers participated in this programme along with 10 rural women of Village Mohammad Nagar Talukedari. Farmers were given tips on how they could improve the quality of the produce as well as retain its white color and freshness for a longer period. The importance of cleanliness in mushroom production was also discussed. Dr. P.K. Shukla assured the entrepreneurs to regularly provide technical assistance and consultation to the Mushroom Producers by the institute.

Event Date:- 21-03-2018

Application invited for Gardner trainees

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत २०० घंटे का माली कार्य प्रशिक्षण

ICAR-CISH is organizing "Gardener Skill Development Training" programme under PMKVY (Prime Minister Kaushal Vikas Yojana), interested person may submit the following information for their participation in the training programme.

Click here to register yourself Event Date:- 05-02-2018

Refresher Course organized at ICAR-CISH, RRS, Malda for ATMA Officials

भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.स., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा द्वारा एटीएमए अधिकारियों के लिए रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.स., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, के.उ.बा.स.-कृषि विज्ञान केंद्र, मालदा द्वारा एटीएमए के अधिकारियों के ज्ञानवर्धन के लिए दिनांक 1 से 3 फरवरी 2018 तक रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के सफलतापूर्ण आयोजन में राज्य नोडल अधिकारी, एटीएमए और कृषि निदेशक, पश्चिम बंगाल सरकार के कार्यालय से वित्तीय सहायता एवं कृषि उपनिदेशक (प्रशासन) का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मालदा के 15 अलग अलग ब्लॉकों से 50 एटीएमए कार्यकर्ताओं (बीटीएम और एटीएम) ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल सरकार और भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न नवीनीकृत तकनीकों और योजनाओं की जानकारी दी गयी। यह पाया गया है कि एटीएमए की योजनाएं, एटीएमए के कार्यकर्ताओं की भागीदारी द्वारा जमीनी स्तर पर अधिक कारगर हैं इसलिए के.उ.बा.स.-कृषि विज्ञान केंद्र एवं के.उ.बा.स.-क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, उत्पादकों और किसानों के बीच प्रौद्योगिकियों के बेहतर प्रसार के लिए एटीएमए अधिकारियों के साथ विभिन्न विस्तार गतिविधियों को क्रियान्वित करने की योजना बना रहा है एवं एटीएमए के कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच प्रभावी बातचीत के लिए एक सयुंक्त मंच स्थापित करने जा रहा है।

CISH-KVK, CISH-RRS, Malda has taken initiative for up-scaling the knowledge of ATMA functionaries through 3 days Refresher Course during 1st February to 3rd February, 2018. This program was organized in collaboration with Deputy Director of Agriculture (Admn.) and financial support from Office of the State Nodal officer, ATMA and Director of Agriculture, Government of west Bengal. Fifty ATMA functionaries (BTMs & ATMs) attended the course from 15 different blocks of Malda actively participated in updating different improved technologies and schemes running by Government of West Bengal and Government of India. It has been noticed that ATMA schemes have great potential with intensive deployment of ATMA functionaries at grass root level. ICAR-CISH RRS & KVK has been planning to execute various extension activities by handholding the ATMA functionaries in disseminating improved technologies among the growers and farmers. A common platform is going to establish for effective interaction with ATMA functionaries and farmers.

Event Date:- 01-02-2018

Applications for Green House Operator Trainees

सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र परियोजना अंतर्गत 200 घंटों के ग्रीन हाउस प्रचालक प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की महत्वकाँक्षी स्कीम में सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र परियोजना अंतर्गत 200 घंटों के ग्रीन हाउस प्रचालक प्रशिक्षण का आयोजन 15 जनवरी, 2018 से 14 फरवरी, 2018 तक किया जाएगा जिसमें युवाओं को ग्रीन हाउस प्रचालन में सुयोग्य बनाकर उन्हें कौशल प्रमाणीकरण प्रदान किया जाए जिससे कि ग्रीन हाउस प्रचालन सम्बन्धी कौशल प्रशिक्षण के द्वारा बेहतर आजीविका सुनिश्चित कर सकें। इस प्रशिक्षण में रूचि रखने वाले कम-से-कम पाँचवीं कक्षा तक पढ़े हुए लोग (ग्रीन हाउस में कार्य किये हुए लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी) अपना आवेदन डॉ. वी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं परियोजना अन्वेषक, पी.एफ.डी.सी, आई.सी.ए.आर-सी.आई.एस.एच., रहमानखेड़ा, पोस्ट-काकोरी, लखनऊ-226101 को 5 जनवरी, 2018 तक डाक के माध्यम से या ई-मेल से singhvk_cish@rediffmail.com को प्रेषित कर सकते हैं। सीमित सीट होने के कारण पहले आने वाले आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी। संस्थान द्वारा रहने, आने-जाने तथा भोजन का खर्च वहन किया जाएगा।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow invites the applications for Green House Operator Trainees organized under Pradhan Manti Kaushal Vikas Yojna (PMKVY) in flagship scheme of the Ministry of Skill Development & Entrepreneurship (MSDE) under Agricultural Skill Council of India (ASCI) in PFDC project with objective to provide the expertise in Green House operation and crops production techniques with skill certification that will help the youth in securing a better livelihood. The training will be conducted from 15th January to 14th February, 2018 for 200 working hours. Interested persons who are at least 5th pass (preference will be given to person having experience in Green House working) may send their application to Dr. V.K. Singh, Principal Scientist & Principal Investigator, PFDC, ICAR-CISH, Rehmankhera, P.O.-Kakori, Lucknow-226101 up to 5th January, 2018 by post or by email: singhvk_cish@rediffmail.com. Due to availability of limited seats selection will be made on first come first serve basis. All the boarding and lodging expenses of trainees will be born by the Institute.

Event Date:- 15-01-2018 to 14-02-2018

Greenhouse operator training under ASCI

भारत के कृषि कौशल परिषद के अंतर्गत ग्रीनहाउस ऑपरेटरों के लिये प्रशिक्षण

भारत के कृषि कौशल परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुसार भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र के तत्वावधान में ग्रीनहाउस प्रचालकों के लिए ग्रीन हाउस उत्पादन और प्रबंधन संबंधी उद्यमशीलता विकसित करने के लिये संस्थान अपने प्रायोगिक प्रक्षेत्र में दिनांक 15 जनवरी से 14 फरवरी, 2018 तक (200 घंटे) कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन कर रहा है। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से तीस प्रशिक्षु प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं। उच्च मूल्य वाले सब्जियों, फूल और नर्सरी उत्पादन की खेती के लिए ग्रीनहाउस की बढ़ती संख्या के साथ, ग्रीनहाउस ऑपरेटरों की मांग बढ़ रही है जो संरक्षित संरचनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकते हैं। प्रशिक्षण उन युवाओं के लिए बेहद उपयोगी है जो ग्रीनहाउस ऑपरेटर को व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहते हैं। डॉ. वी.के. सिंह और डॉ. एस.आर. सिंह, प्रधान वैज्ञानिकों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है।

The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow under the aegis of Precision Farming Development Centre (PFDC) is conducting Skill Development Training from 15 January to 14 February 2018 (200 hours) as per the guidelines of Agriculture Skill Council of India for Greenhouse Operators at its experimental farm of the Institute at Rehmankhera for developing entrepreneurship in the area of green house production and management. Thirty trainees from different parts of the country are attending the training. With the increasing number of greenhouses for cultivation of high value vegetables flowers and nursery production, there is an increasing demand of greenhouse operators who can manage protected structures effectively. The training is exceedingly useful for those youth who wish to opt for greenhouse operator as a profession. Dr V.K. Singh and Dr. S.R. Singh, Principal scientists of the institute are the key resource persons.

Event Date:- 15-01-2018

Training on Aonla products

आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एस.एच. के फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन विभाग द्वारा दिनांक 11 दिसंबर 2017 को मेरा गांव मेरा गौरव कार्यक्रम के अंतर्गत आंवला के उत्पादों पर प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें नई बस्ती गांव से 38 महिलाओं एवं छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। डॉ. नीलिमा गर्ग और डॉ. तरुण अदक ने प्रशिक्षण का समन्वय किया।

ICAR-CISH organized one day hands on training on December 11, 2017 on aonla products in the Division of Post Harvest Management. A group of 38 women and students from the Naibasti village under Mera Gaon Mera Gaurov programme enthusiastically participated in the training programme. Dr. Neelima Garg and Dr. Tarun Adak co-ordinated the training.

Event Date:- 11-12-2017

Training programme on Improved cultivation of subtropical fruits

"उपोष्ण फलों की बेहतर खेती" पर प्रशिक्षण कार्यक्रम

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने कृषि तकनीकी प्रबंधन शाखा, नाशिक, महाराष्ट्र के सहयोग से नाशिक के २० किसानों के लिए " उपोष्ण फलों की बेहतर खेती" पर दिनांक २९ नवंबर से १ दिसंबर, २०१७ तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण में किसानों को आम, अमरूद, आंवला और बेल के जीर्णोद्धार, छत्र प्रबंधन और सघन बागवानी तकनीकी के विभिन्न पहलुओं पर प्रबुद्ध किया गया ।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organised training programme (November 29 to December 01, 2017) sponsored by Agricultural Technology Management Agency (ATMA), Nashik, Maharastra on “Improved cultivation of subtropical fruits” for twenty farmers of Nashik, Maharastra”. Trainees were enlightened on various aspects of production technology including rejuvenation, canopy management and high density planting of mango, guava, aonla and bael.

Event Date:- 29-11-2017

Training programme on subtropical fruits for B.Sc. (Ag.) students

दिनांक 20 जुलाई, 2017 को संस्थान मे आई.टी.एम. विश्वविद्यालय ग्वालियर (एमपी) के बीएससी (कृषि) के 12 छात्रो हेतु उपोष्ण फलों के सुधार, फसल स्वास्थ्य एवम फसल तुडाई उपरांत प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर एक महीने का प्रशिक्षण शुरु किया गया ।

One month training on subtropical fruits started on July, 2017 at the Institute. The students (B.Sc. Ag) from ITM University, Gwalior (M.P.) will be trained on various aspects pertaining to improvement, crop health and postharvest management of subtropical fruits.

Event Date:- 20-07-2017

ICAR-CISH training for students on subtropical fruits ends

A training programme on the cultivation of subtropical fruits was organized at CISH from June 12 to July 3 (Monday). As many as 12 students from Nagaland, Orissa and MP participated in the training programme on production technology of subtropical fruit crops. Participants were made aware of new high yielding varieties, high-density planting, integrated nutrient and water management, pest and disease management. During the training program, the students were exposed to nursery management of fruit crops as well as tissue culture. Hands-on training of grafting, budding, pruning and other techniques used in orchards and nursery management were also demonstrated. The participants were exposed to various modern equipment required for research in the field of horticulture, biotechnology and other related subjects. The students had practical exposure to various techniques to which they had not been exposed so far. Exposure to the post Harris division was one of the interesting parts of the training. The students also learned how to manage polyhouse and shade net houses. The training included with strawberry cultivation under subtropics. Event Date:- 03-07-2017

टपक सिंचाई, प्लास्टिक मलि्ंचग एवं संरक्षित खेती

सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.), एन.सी.पी.ए.एच., कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एस.एच., रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा दिनांक 15-16 जून, 2017 को बस्ती जिले में टपक सिंचाई, प्लास्टिक मलि्ंचग एवं संरक्षित खेती की उपयोगिता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बस्ती जिले के विभिन्न ब्लाकों से आये प्रगतिशील किसान राकेश्वर प्रसाद चौधरी, कौशल कुमार सिंह, राजाराम यादव एवं गणेश मौर्या सहित लगभग 65 किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के अवसर पर डा. वी. के. सिंह प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी., लखनऊ ने बागवानी, टपक सिंचाई प्रणाली एवं संरक्षित खेती के महत्व को बताते हुए यह भी बताया कि पॉलीहाउस तकनीक अपनाने से पौधों के दैहिकीय गुणों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, बस्ती के संयुक्त निदेशक, डा. आर. के. तोमर एवं जिला उद्यान अधिकारी श्री राजमणि शर्मा द्वारा किसानों के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही लाभकारी योजनाओं से किसानों को अवगत कराया। संस्थान के डा. एस. आर. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने संरक्षित संरचना के तहत सब्जियों की विदेशी प्रजाति के बारे में बताया एवं पी.एफ.डी.सी. लखनऊ के डा. मनोज कुमार सोनी के साथ मिलकर प्रोजेक्टर के माध्यम से किसानों को बागवानी की नई तकनीकों की जानकारी दी तथा जल संरक्षण को ध्यान में रखकर टपक सिंचाई और मल्चिंग का उपयोग कर कम से कम पानी से सिंचाई करने की बात कही। उसके बाद किसानों द्वारा किये गये प्रश्नों का उत्तर विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। श्री नीरज कुमार शुक्ला ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र एवं जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे। Event Date:- 15-06-2017

Short-term summer training programme

B.Sc. (Ag) Students (12 nos.) from Agriculture and Veterinary Sciences, Mewar University, Gangrar (Chittorgarh) Rajasthan are undergoing 21 days short-term summer training programme on various aspect pertaining to improvement, crop health and postharvest management of subtropical fruits at ICAR–CISH, Lucknow from June 12 to July 3 2017. Event Date:- 12-06-2017

Training cum demonstration on Kiwi Fruits & Oranges

One day training programme was organized on 22.03.2017 at Hapoli (Ziro) by Krishi Vigyan Kendra, Yachuli, Lower Subansiri district (Arunachal Pradesh). The main objective of this training programme was to demonstrate the Production of Hi-tech production of Kiwifruit along with possibilities of suitable subtropical and temperate fruits in Arunachal Pradesh as kiwifruit and Oranges are commercial fruits of. Dr G. Pandey, Principal Scientist and I/C Head, delivered a lecture on Hi-tech production of kiwifruit as well as possibilities of subtropical fruits in the mid and foot hill region of Arunachal Pradesh. Later on Dr K.K. Srivastava, covered the prospect of low chilling temperate fruits in subtropical zone of Arunachal Pradesh, he also addressed the problems related to apple, pear, peach, plum and availability of planting materials, cultivars. Later on both the scientist participated in Farmers & Scientists interaction sessions. Finally, after lunch, Dr Pandey made a practical demonstration on training and pruning of kiwifruit at farmer’s field, Village Kodak, Lower Subansiri. Approximately a total of 70 farmers, extension officers of the line departments and self help groups, kiwifruit growers association were participated. The training ended with great success. Event Date:- 22-03-2017

Exposure visit and training to farmers

One day exposure visit – cum – training programme, sponsored by Institute of Horticulture Technology, Greater Noida and ITC, Hathras, Aligarh, U.P. for 35 and 16 farmers, respectively, were conducted at the ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow on March 06 and 08, 2017 on High density plantation of guava and different management aspects was conducted. On these occasions Dr. Shailendra Rajan, Director apprised the participants about significance contribution of the Institute besides informing about nursery management and the performance of guava varieties released from the Institute. Dr. V.K. Singh and Dr. Balaji Rajkumar also deliberated on all the aspects of high density plantation of guava and insect pest management. A field visit of PFDC experimental plot of high density plantation of guava, vegetable and Post harvest management laboratory was also arranged for participants. Event Date:- 08-03-2017

Training programme on Integrated Pests and Diseases Management

CISH Krishi Vigyan Kendra, Malda has organized a training programme on Integrated Pests and Diseases Management with 55 mango growers. The progressive farmers of the region took very active participation and appreciated the efforts of CISH for providing exclusive training on Pests and Diseases Management. Event Date:- 07-03-2017

Residential Training Program

Residential Training Program on Scientific Backyard Poultry Farming for Tribal Master Trainers

The training programme was held at Ramakrishna Mission Ashrama, Sargachi during 3-5 February, 2017. 21 tribal master trainers from 9 adopted villages of Nabagram block of Murshidabad district attended the training programme and majority of participants were women. All the master trainers took active interest while interactive theoretical and practical classes taken by very experienced teachers.

This training programme will certainly helpful to introduce component of poultry under Nutrismart Tribal Village initiative for having plentiful animal protein in their diet and additional source of income in connection with sustainable livelihood.

This training programme was organized in collaboration with Ramakrishna Mission Ashrama, Sargachi, Murshidabad.

Event Date:- 05-02-2017

RTP for Tribal Master Trainers

Two residential training programmes were organized for tribal master trainers at ICAR-CISH Regional Research Station, Malda, West Bengal, during 16th to 21st January, 2017 under the Initiative of Nutri smart Tribal Village of Tribal Sub-plan Programme. During the training programme, 66 nos. of tribal master trainers have been trained for establishment of kitchen garden and production of vegetable as intercrop. Resource persons from different organizations took classes and had very good interaction. Event Date:- 21-01-2017

टपक सिंचाई, प्लास्टिक मल्चिंग एवं संरक्षित खेती की उपयोगिता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण

सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.), नेशनल कमेटी ऑन प्लास्टिकल्चर एप्लीकेशन इन हार्टीकल्चर (एन.सी.पी.ए.एच.) भारत सरकार, आई.सी.ए.आर.-सी.आई.एस.एच., रहमानखेड़ा, लखनऊ के डा. वी. के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी द्वारा बड़ोखर ब्लाक, बाँदा के प्रशिक्षण सभागार में टपक सिंचाई, प्लास्टिक मलि्ंचग एवं संरक्षित खेती की उपयोगिता पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाँदा जिले के विभिन्न ब्लाकों से आये प्रगतिशील किसान शिव नारायण सिंह, इन्द्रवीर सिंह, शरीफ खाँ, गिरिराज कुमार दीक्षित, सन्तोष कुमार तिवारी सहित लगभग 63 किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के अवसर पर डा. वी. के. सिंह ने बागवानी, टपक सिंचाई प्रणाली एवं संरक्षित खेती के महत्व को बताते हुए यह भी बताया कि पॉलीहाउस तकनीक अपनाने से पौधों के दैहिकीय गुणों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। जिले के उपनिदेशक, उद्यान श्री लक्खी सिंह एवं जिला उद्यान अधिकारी श्री परवेज़ खान ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के लिए चलायी जा रही लाभकारी योजनाओं से किसानों को अवगत कराया। पी.एफ.डी.सी. लखनऊ से श्री अनुराग सिंह एवं डा. मनोज कुमार सोनी ने प्रोजेक्टर के माध्यम से किसानों को बागवानी की नई तकनीकों की जानकारी दी और जल संरक्षण को ध्यान में रखकर टपक सिंचाई और मल्चिंग का उपयोग कर कम से कम पानी से सिंचाई करने की बात कही। उसके बाद किसानों द्वारा किये गये प्रश्नों का उत्तर विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। श्री नीरज कुमार शुक्ला ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के उद्यान निरीक्षक श्री लक्ष्मी प्रसाद सहित कार्यालय के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे। Event Date:- 28-12-2016

दिव्यांगों को फल एवं सब्जी प्रसंस्करण प्रशिक्षण

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन प्रभाग में गोरखपुर के पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति के 27 दिव्यांगों को फल एवं सब्जियों से विभिन्न प्रकार के अचार बनाने तथा आंवला के जूस निकालने की तकनीकी से अवगत कराया गया | इन विधियों को इं धर्मेंद्र कुमार शुक्ला तथा श्रीमती रेखा चौरसिया द्वारा बताया गया | इस अवसर पर संस्थान के प्रभारी निदेशक एवं अध्यक्ष, तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन प्रभाग, डॉ. नीलिमा गर्ग ने दिव्यांगों को संस्थान में जारी तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन संबंधी अनुसन्धान कार्य की जानकारी दी | दिव्यांगों का नेतृत्वा श्री आनंद पांडेय द्वारा किया गया | Event Date:- 21-12-2016

Exposure visit-cum-Training

A two-day Exposure visit-cum-Training programme, sponsored by Agri Clinic Business Training Institute, Kathota Crossing, Vinamra Khand, Gomti Nagar, Lucknow was conducted at the ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow from December 05 to 06, 2016. On this occasion, Dr. Shailendra Rajan, Director apprised the participants about the significant contributions of the Institute besides informing them about nursery management of subtropical fruits. Scientists of the Institute also guided them on various aspects of improved cultivation of fruits & vegetables. Sixty-five agriculture graduates (trainees) from various districts of Uttar Pradesh & 170 students of B.Sc (Ag.) & B.Sc (Hort.) of the final semester from Sam Hingginbottom Institute of Agricultutre, Technology & Science (SHIATS), Naini, Allahabad took part in it. A field visit of experimental plot of rejuvenated mango trees, high density plantation of mango & meadow orcharding of guava and fruit processing laboratory was also arranged for participants during the training. Event Date:- 05-12-2016

Training for Sikkim farmers

Training on "Nursery and Orchard management of Guava" under NEH plan in collaboration with KVK South Sikkim was organised by ICAR-CISH, Lucknow from 21-23, Nov 2016. Twenty participants of Sadam Panchayat including three officials from KVK, South Sikkim attended the training. Event Date:- 21-11-2016

Farmers training on HDP in Guava

Farmer Training cum awareness programme on HDP and UHDP in Guava and other horticulture crops was conducted by the ICAR-CISH, Lucknow for up-gradation of the technical knowledge of about ten progressive farmers from Theni District of Tamil Nadu on 21 October, 2016. Detailed deliberations on HDP and UHDP systems in guava, canopy management, drip irrigation system, polyethylene mulching in different horticultural crops along with field visit and practical training was given. Event Date:- 21-10-2016

Training for DDs/DHOs under PMKSY

A two days training on micro irrigation Under Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana “Per Drop More Crop – Micro irrigation” will be organized by the Precision Farming Development Centre, ICAR-CISH, Lucknow for up-gradation of the technical knowledge of the Dy. Directors/ DHOs and staff of the Horticulture and Food Processing Department, Uttar Pradesh at ICAR-CISH, Lucknow during 06-07 October, 2016. About 35 Dy. Directors/DHOs of the State Horticulture Department are likely to participate in the same. During the technical session, detailed deliberations given on drip irrigation system, its components, installation, operation and maintenance and its use in different horticultural crops along with field visit on-field practical training. Event Date:- 06-10-2016

Training on Micro Irrigation under PMKSY

Two days training on micro irrigation Under Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana “Per Drop More Crop – Micro irrigation” was conducted by the Precision Farming Development Centre, ICAR-CISH, Lucknow to up-gradation of the technical knowledge of the Deputy Directors/ DHOs and staff of the Horticulture and Food Processing Department, Uttar Pradesh at ICAR-CISH, Lucknow during 29-30 September, 2016. About 35 Deputy Directors/DHOs of the State Horticulture Department were participated in the same. During the technical session, detailed deliberations on drip irrigation system, its components, installation, operation and maintenance and its use in different horticultural crops along with field visit on-field practical training was given. Event Date:- 29-09-2016

Training on squash and pulp preparation

Training programme on mango processing (squash and pulp preparation) for rural women was organised on 16-08- 2016 under Mere Gaon Mera Gaurav programme at CISH, Lucknow. A total of 15 rural women and one rural youth belonging to small and marginal farm families participated under the programme. Women were also getting acquainted with the protected vegetable cultivation for income and employment generation. Event Date:- 16-08-2016

Entrepreneurs Training

Two day Entrepreneurs Training was organised in Institute permises from 03 -04 August 2016. 35 Participants were trained for Establishment of Fruit and Vegetable Nursery, High Density Plantation of Guava, Organic farming of Fruit and vegetables & Processing of Fruits. This programe was sponsered by Agri-Clinic & Agri Business Training Institute, Gomti Nagar, Lucknow. Event Date:- 03-08-2016

Training on drip irrigation and plastic mulching

On 3-4 August, 2016, training program on “drip irrigation, plastic mulching and importance of protected cultivation in horticulture” was organized at Vikas Bhawan, Lakimpur Kheri by PFDC, ICAR-CISH, Lucknow. Seventy farmers were participated in the training program and dignitaries from district horticulture department, Shri. Amit Bansal, IAS, Chief Development Officer with other officials presided over the training programme. Dr. V.K. Singh, PI, PFDC, ICAR-CISH, Lucknow enumerated the technologies developed by PFDC, ICAR-CISH, especially on drip irrigation & plastic mulching techniques. The technical session on drip irrigation, mulching and protected cultivation was delivered by the PFDC staff. The farmers were also made aware about new varieties of mango and guava released. Visit was also conducted at different farmer’s fields who have installed micro- irrigation system under polyhouse. The training was useful to the farmers and it was appreciated by officers. The print media also covered this training programe. Event Date:- 03-08-2016

Training on Export Promotion of Mango at Bankura

बांकुरा में निर्यात प्रसार पर प्रशिक्षण

बांकुरा पश्चिम बंगाल में नये आम पट्टी के रूप में उभरा है। बांकुरा जिला प्रशासन द्वारा 2000 जनजातिय महिलाओं की आजीविका को सुरक्षित करने के लिये आम्रपाली और मल्लिका के 300 आम के बागान लगाये गए। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ अपेडा, कोलकाता की मदद से बांपुरा से आम का उत्पादन करने का प्रया स कर रहा है। बांकुरा के विभिन्न ब्लाकों में ताजे आम की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए डी.जी.एम, अपेडा सी.आई.एस.एच लखनऊ तथा क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा के वैज्ञानिकों ने आम के बागानों का भ्रमण किया। बाद में संस्थान ने 29 मई, 2016 को बांकुरा जिला प्रशासन तथा उपनिदेशक कृषि (फल), बांकुरा के सहयोग से निर्यात बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का वित्त पोषण अपेडा द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण में 55 आम उत्पादक, पंचायत के प्रतिनिधि गण तथा जिला प्रशासन के प्रतिनिधि सम्मिलित थे।

Bankura has emerged as new mango belt in West Bengal. Around 300 mango orchards of Amrapali and Mallika have been established by Bankura District Administration involving 2000 tribal women for ensuring their livelihood. ICAR-CISH, Lucknow is trying to initiate export of mango from Bankura with support from APEDA-Kolkata. A team comprising of DGM, APEDA and scientists from ICAR-CISH, Lucknow and ICAR-CISH-RRS, Malda visited mango orchards at different blocks of Bankura to assess the quality of fresh mangoes. Subsequently, Institute organized APEDA sponsored training programme on export promotion of mango on May 29, 2016 in collaboration with Bankura District Administration & Deputy Director of Agriculture (Fruits), Bankura. The programme was inaugurated by ADM (Development). Fifty five participants including mango growers, representatives of Panchayat, district administration were present in the training. It was decided to have a comprehensive project for supporting the established mango orchards for better livelihood opportunity of the Self Help Groups.

Event Date:- 29-05-2016