A group of 33 students of B.Sc (Hons.) Agriculture VI semester along with two faculty members from Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University, Jhansi, Uttar Pradesh visited at ICAR-CISH Lucknow, Uttar Pradesh on 31st March, 2023 The role of soil nutrient and water management, precision farming protocols, abiotic stresses, insect and disease control measures, post harvest practices, value addition, other secondary horticulture and extension services based advisory for timely adoption of management strategies was discussed. To enhance farmers’ income, scientific initiatives of diversified fruit crops in non-traditional areas of subtropical region were discussed. During interaction, the importance of bael production with various bael cultivars was disseminated. Hindi literature on scientific bael production was distributed to the students for further diffusion. During field visits, rejuvenation of old orchards was shown. Successful vegetable cultivation in protected structures and open fields were also demonstrated. The importance of soil and tree health management along with water conservation was disseminated. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) coordinated the field visit.
भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संसथान में दिनांक ३१ मार्च २०२३ को रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी, उत्तर प्रदेश के दो संकाय सदस्यों के साथ बी.एससी (ऑनर्स) कृषि VI सेमेस्टर के 33 छात्रों के एक समूह ने संस्थान का दौरा किया। छात्रों को बागवानी उत्पादन की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। साथ ही प्रबंधन रणनीतियों को समय पर अपनाने के लिए मिट्टी के पोषक तत्व और जल प्रबंधन, संरक्षित खेती प्रोटोकॉल, कीट और रोग नियंत्रण उपायों, कटाई के बाद के तरीकों, मूल्यवर्धन, और विस्तार सेवाओं पर आधारित सलाह की भूमिका पर चर्चा की गई। बातचीत के दौरान फसल विविधीकरण एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र के गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में विविध फल एवं फसलों की वैज्ञानिक पहल पर चर्चा की गई। बातचीत के दौरान बेल की विभिन्न किस्मों के साथ बेल उत्पादन के महत्व के बारे में भी बताया गया। आगे प्रसार के लिए छात्रों को वैज्ञानिक बेल उत्पादन पर हिंदी साहित्य वितरित किया गया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान पुराने बागों का जीर्णोद्धार दिखाया गया। संरक्षित संरचनाओं और खुले खेतों में सब्जियों की सफल खेती के बारे में भी बताया गया। जल संरक्षण के साथ-साथ मृदा और वृक्ष स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व का प्रचार-प्रसार किया गया। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरुण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने इस क्षेत्र भ्रमण का समन्वय किया।