वैज्ञानिक अनुसंधान के विचार और अनुसंधान लेखों के लेखन में साहित्यिक चोरी पर कार्यशाला
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 18.10.2019 को संस्थान के निदेशक, डॉ. शैलेन्द्र राजन के द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधान के विचार और अनुसंधान लेखों के लेखन में साहित्यिक चोरी पर एक व्याख्यान दिया गया। इस व्याख्यान में सभी वैज्ञानिक, तकनीकी कर्मचारियों के साथ अन्य शोध छात्रों ने भाग लिया। इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य अनुसंधान के क्षेत्र में साहित्यिक चोरी के बारे में सभी प्रतिभागियों को शिक्षित करना एवं अनुसंधान कर्मियों को उनके दंड के बारे में जागरूक करना था। डॉ. एस. राजन ने सभी प्रतिभागियों को साहित्यिक चोरी से बचने के लिए केवल नए विचारों पर काम करने, शोध लेखों को लिखने के लिए खुद के कौशल का उपयोग करने एवं उद्धरणों में केवल वास्तविक खोजकर्ताओं को श्रेय देने की सलाह दी। डॉ. अंजू बाजपेयी, प्रधान वैज्ञानिक और नोडल अधिकारी, एचआरडी ने इस व्याख्यान का समन्वय किया।
The director of the institute, Dr. Shailendra Rajan gave a lecture on plagiarism in scientific research idea and writing of research articles at ICAR-CISH, Lucknow on 18.10.2019. All Scientific and technical staffs along with other research fellows were participated in this lecture. The main aim of this lecture was to educate all the participants regarding the plagiarism in research field and aware their penalties to research workers. Dr. S. Rajan advised the participants to work only on novel ideas, use their own skill to write research articles, and should be credited only the actual discoverers in citations in order to avoid plagiarism. Dr. Anju Bajpai, Principal Scientist and Nodal Officer, HRD coordinated this lecture.