अनुसूचित जाति उपयोजना कार्यक्रम के तहत भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. द्वारा मैदानी क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी उत्पादन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
अनुसूचित जाति उपयोजना कार्यक्रम के तहत, भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 31 अक्टूबर, 2019 को मैदानी क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी उत्पादन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमे मलिहाबाद प्रखंड एवं आस-पास के 55 से अधिक अनुसूचित जाति के किसानों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों को मैदानी क्षेत्रों में स्ट्रॉबेरी की खेती और उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम की शुरुआत में, डॉ. शैलेन्द्र राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. ने स्ट्रॉबेरी के रोपण के समय आवश्यक सावधानियों के बारे में जानकारी दी। विशेषज्ञों द्वारा स्ट्रॉबेरी उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिए गए। स्ट्रॉबेरी की खेती से लाभान्वित धीरेंद्र मौर्य और मुकेश मौर्य नाम के दो किसानों ने भी प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के अंत में किसानों को स्ट्रॉबेरी के पौधे भी वितरित किए गए। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने किया।
Under SCSP programme, ICAR-CISH, Lucknow organized one-day workshop on strawberry production in plain field on 31 October, 2019. More than 55 SC farmers from Malihabad block and their nearby were participated. The main objective of this workshop was to encourage people to cultivate and produce strawberry in the plain areas. At the outset of programme, Dr. Shailendra Rajan, Director ICAR-CISH, underlined about the necessary precautions at the time of planting strawberry. Lectures on various aspect of strawberry production were delivered by experts. Two farmers named Dhirendra Maurya and Mukesh Maurya, benefitted through strawberry cultivation, also shared their experiences with the participants. At the end of programme the strawberry plants were also distributed to the farmers. The programme coordinated by Principal Scientist Dr. Ashok Kumar.