अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आम की सुरक्षित तुड़ाई पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
भा.कृ.अनु.प. -केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित दिनांक 18 जून 2022 को “अनुसूचित जाति उपयोजना” के अंतर्गत आम की सुरक्षित तुड़ाई, विकारों की पहचान एवं प्रबंधन पर अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत अंगीकृत गांव सैदापुर खंड माल में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अनुसूचित जाति के 65 किसानों ने भाग लिया इस अवसर पर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी प्रभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना, डॉ. विशम्भर दयाल, फसल उत्पादन प्रभाग के वैज्ञानिक डॉ शरद द्विवेदी, तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रभाग की प्रधान वैज्ञानिक भारती किलाड़ी एवं वैज्ञानिक डॉ कर्म बीर कार्यक्रम में उपस्थित थे । प्रधान वैज्ञानिक भारती किलाड़ी ने बताया कि प्रायः आम में गलता रोग लग जाता है इसके निदान के लिए तुड़ाई से 1 महीने पहले कैल्शियम क्लोराइड डाईहाइड्रेट @ 2% को 10 दिन के अंतराल में तीन बार छिड़काव करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है । छिड़काव करने के पश्चात थैलाबंदी करने से फल की स्वछता एवं गुणवत्ता बनी रहती है। डॉ शरद कुमार द्विवेदी ने किसानों को आम के दैहिक विकारों की पहचान, तथा उनके लक्षण जैसे आम के कोईली विकार की पहचान एवं प्रबंधन, आम के फटने की समस्या एवं उसका निवारण, आम में ऊतक गलन आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक किसानों को संबोधित किया। डॉ. कर्म बीर वैज्ञानिक (तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रभाग) ने आम की फसल से संबंधित कई अहम बिंदुओं जिसे फसल की तुड़ाई में सावधानियां,आम को सुरक्षित पकाने की विधि, आम के सुरक्षित भंडारण तथा विपणन के बारे में किसानों को बताया । डॉ. कर्म बीर की टीम द्वारा विकसित सीआईएसएच राइपनर को किसानों में वितरित किया गया तथा इसके उपयोग की विधि, विशेषताओं के बारे में अवगत कराया गया । सीआईएसएच राइपनर के प्रयोग से पकने वाले आम का सेवन करना स्वास्थ्य के प्रति हानिरहित है । कार्यक्रम में उपस्थित योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को डॉ. विशम्भर दयाल (नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) कें.उ. बा.सं. द्वारा विकसित आम तोड़क यन्त्र वितरित किया। अंत में डॉ. विशम्भर दयाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किसानों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के दिशानिर्देश पर आयोजन किया गया। क्षेत्र सहायक वीरेंद्र कुमार एवं मो. शादाब की प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. विशम्भर दयाल एवं डॉ शरद कुमार द्विवेदी ने किया