आम तौर पर वाइट कॉलर जॉब कर रहे युवा कृषि में हाथ नहीं आज़माते थे। कोरोना काल के बाद इस सोच में भरी बदलाव आया है! आज युवा जो तकनीकी उद्योग में काम कर रहे है वो कृषि स्टार्टअप में तेजी से भाग्य आजमा रहे हैं। 1500 से ज्यादा कृषि स्टार्टअप भारत में आज काम कर रहे हैं। निंजा कार्ट और देहात जैसे कृषि स्टार्टअप ने धूम मचा रखी हैं। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन केंद्र के प्रधान अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा बताते हैं, की संस्थान के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक माह का मेंटरशिप कार्यक्रम उद्यानोदय 6 फ़रवरी को आयोजित किया गया। पुरे देश से 65 युवाओं/कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया। भारतीय प्रबंध संस्थान एवं भारतीय तकनीकी संस्थान के विशेज्ञों ने पिच डे में इनमे से 9 इन्क्यूबेटी का चयन किया। इनमे से एक युवा हैं राहुल बग्घा जो बॉलीवुड में एक्टर हैं साथ ही नेटफ्लिक्स में कई सीरीज में काम कर चुके हैं।मनीष माहेश्वरी जो पेशे से टेलीकॉम इंडस्ट्री में बड़े पद पर थे ने अपनी नौकरी छोड़ कर अमरूद में स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया! आशीष बैनर्जी एक शॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो केले के ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी में स्टार्टअप का सपना लेकर इस कार्यक्रम में जुड़े हैं, बंगाल के प्रसून चितलांगिया आम, पापड़ को स्टार्टअप के माध्यम से पुरे देश में लोकप्रिय करना चाहते हैं! इन इन्क्यूबेटी को डीपीआर बनाने, स्टार्टअप के लिए धन मुहैया कराने, स्टार्टअप रजिस्टर कराने, बैद्विक सम्पदा संरक्षित करने, कानूनी विषयो में पारंगत कराने सहित व्यवसाय से जुड़े विषयो पर देश के प्रख्यात विशेषज्ञों से जोड़ा जा रहा हैं। संस्थान के निदेशक डॉ टी.दामोदरन,बताते हैं कि एक माह के गहन सत्र के बाद एक साल तक इन्क्यूबेशन में रक्खा जाएगा! स्टार्टअप जब तक बाजार में सफल नहीं होते तब तक संस्थान इनकी मेंटोरशिप करेगा। संस्थान के वैज्ञानिक प्रयोगशालाये, उपकरण सहित अनेक संसाधनों का ये इन्क्यूबेटी उपयोग कर पाएंगे.