केले की नर्सरी लगा कर आय बढ़ायेगें ग्रामीण युवा
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 11-07-2022 को टिशू कल्चर केले के पौधे की सेकेंडरी हार्डनिंग नर्सरी से उद्यमिता विकास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। फार्मर फर्स्ट परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा ने किसानों को टिशू कल्चर केले के प्राइमरी एवं सेकेंडरी हार्डनिंग नर्सरी से उद्यमिता विकास एवं नर्सरी में लगने वाले रोग, कीट एवं जल प्रबंधन आदि बिंदुओं के बारे में जानकारी दी उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 68000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले की खेती होती है। प्रदेश में टिशू कल्चर केले के पौधे की मांग अधिक है, जिसमें कुछ प्रमुख जिले लखीमपुरखीरी, बाराबंकी, फैजाबाद गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज और इलाहाबाद है। संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग ने बताया कि इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है। किसान एवं नवयुवक अपने खेत या बाग में शेड नेट लगाकर केले की सेकेंडरी हार्डनिंग करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस कार्यक्रम में माल प्रखंड के अंगीकृत गांव ढकवा, भानपुर हसनापुर के चयनित 10 ग्रामीण युवाओं को 1000 प्राइमरी अनुकूलित केले के पौध (जी-9 किस्म) दी गयी। इन पौधों को किसान अपने खेतों में सेकेंडरी अवस्था में दशानुकूलित कर केले का पौधा किसानों को बेचेगे। कम समय एवं कम लागत में यह एक अच्छा व्यवसाय साबित होगा। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया।