अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत पपीते के पौधे का वितरण
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बगवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत माल एवं काकोरी प्रखंड से अंगीकृत गांवों से 200 किसानों को वृहद एवं लघु स्तर पर व्यवसायिक खेती तथा पोषण वाटिका के उद्देश्य से 30,000 रेड लेडी पपीता प्रजाति की पौध का वितरण किया गया।केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी अनुभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना विशम्भर दयाल ने किसानों को रेड लेडी पपीता पौधों को वितरित किया। डॉ. विशम्भर दयाल ने किसानों को पपीता उत्पादन एवं विपणन की उन्नत तकनीक के बारे में अवगत कराया उन्होंने बताया कि पपीता विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले महत्वपूर्ण फल है। इसके अलावा उन्होंने किसानों को जलवायु मृदा तथा जल निकास, पपीते की गुणवत्ता युक्त किस्म का चयन, पौधरोपण तकनीकी पोषक तत्व प्रबंधन तथा पपीते में मुख्यत: लगने वाले रोग तथा कीट से पौधों के बचाव हेतु रिंगस्पॉट वायरस, लीफ कर्ल वायरस, तना गलन, तथा कीट नियंत्रण व प्रबंधन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। पपीता पौध वितरण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बगवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ के निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के दिशा निर्देशों पर किया गया।पौध वितरण प्रक्रिया में क्षेत्र सहायक वीरेंद्र कुमार गौतम एवं मोहम्मद शादाब की सक्रिय सहभागिता रही।