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Online dialogue on Conservation of Horticultural Crop Diversity for Sustainable Livelihood

सतत आजीविका के लिए बागवानी फसल विविधता के संरक्षण पर ऑनलाइन संवाद

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान एवं एसडीएसएच ने संयुक्त रूप से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए दिनांक 5 जून, 2020 को सतत जीवनयापन के लिए बागवानी फसल विविधता का संरक्षण विषय पर एक ऑनलाइन संवाद का आयोजन किया। जिसमे तीन प्रख्यात वैज्ञानिकों ने बागवानी विविधता के संरक्षण पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना व्याख्यान दिया। डॉ. वी. ए. पार्थसारथी, भूतपूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- भा.म.अनु.सं. कोझिकोड ने बागवानी फसल की विविधता पर संरक्षण के बारे में बात की। डॉ. एस. राजन, निदेशक भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने आम की विविधता के लिए समुदाय आधारित संरक्षण दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया एवं डॉ. विशाल नाथ, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- रा.ली.अनु.कें., मुजफ्फरपुर ने लीची विविधता की वृद्धि पर अपने विचार साझा किए। इस ऑनलाइन संवाद में शिक्षाविद, शोधकर्ता और छात्र गूगल मीट के माध्यम से शामिल हुए।

ICAR-CISH, Lucknow and SDSH jointly organized a Dialogue on Conservation of Horticultural Crop Diversity for Sustainable Livelihood on June 5, 2020 to celebrate World Environment Day. Three eminent scientists delivered their lecture through video conferencing on conservation of horticultural diversity. Dr. V.A. Parthasarathy, Ex. Director ICAR-IISR, Kozhikode spoke about conservation on heirloom variety of horticultural crop. Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow deliberated on Community based conservation approach for mango diversity and Dr. Vishal Nath, Director, ICAR-NRCL, Muzaffarpur shared his views on Enhancement of Litchi diversity. Academician, researcher and students joined this online dialogue through google meet.