छत पर फल उगाना विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने ज़ूम मीटिंग एवं यू ट्यूब चैनल के माध्यम से दिनाकं 18 सितंबर, 2020 को छत पर फल उगाना विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय ई-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, नई दिल्ली, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, गुजरात एवं उड़ीसा राज्यों के 1200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रभारी निदेशक, डॉ. घनश्याम पांडेय ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कंटेनर बागवानी में रोजगार के अवसरों पर चर्चा की। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.के. श्रीवास्तव, डॉ. मनीष मिश्र, डॉ. पी. के. शुक्ल, डॉ. दिनेश कुमार ने छत पर फल उगाने हेतु पात्र, उनके माप एवं आकार, पौध रोपण, देखभाल एवं रख-रखाव, कीट सुरक्षा एवं पोषण प्रबंधन आदि के बारे में ज्ञान दिया। कार्यक्रम के दौरान रायपुर, छत्तीसगढ़ की एक प्रसिद्ध बागवान श्रीमती पुष्पा शाहू ने भी छत पर बागवानी पर अपना अनुभव साझा किया। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय प्रधान वैज्ञानिक डॉ. के.के. श्रीवास्तव ने किया। प्रशिक्षण का संचालन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया गया था।
ICAR-CISH, Lucknow organized one day national e-training on Growing fruits on the roof top on September 18, 2020, through Zoom meeting and YouTube channel. More than 1200 participants from Uttar Pradesh, Chhattisgarh, Madhya Pradesh, Andhra Pradesh, Tamil Nadu, New Delhi, Orissa, West Bengal, Rajasthan, Uttrakhand, Bihar, Jharkhand, Gujarat and Orissa were participated. Director in-charge, Dr. Ghanshyam Pandey, inaugurated the programme and discussed employment opportunities in container gardening. Principal Scientists Dr. K.K. Srivastava, Dr. Maneesh Mishra, Dr. P.K. Shukla and Dr. Dinesh Kumar gave knowledge about the fruit container, their shape and size, plantation, care and maintenance, pest security and nutrient management etc..During the programme, Smt. Pushpa Shahu, a renowned roof top gardener from Raipur, Chhattisgarh also shared her experience. Principal scientist, Dr. K.K. Srivastava coordinated and conducted the programme. The Training was conducted by following the social distance as directed by GOI.