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National Productivity Week

राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में दिनांक 12 से 18 फरवरी, 2019 तक राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की वर्ष 2019 के विषय-वस्तु टिकाऊ उत्पादकता हेतु परिचालित अर्थव्यवस्था पर उत्पादकता सप्ताह मनाया गया। उत्पादकता सप्ताह कार्यक्रम का आरम्भ करते हुए संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक (बागवानी), प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन डॉ. घनश्याम पांडे ने वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों को उत्पादकता सप्ताह के महत्व के बारे में बताया। राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह में हर कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संस्थान ने जर्मप्लाज्म, मृदा प्रदूषण और इसके निरंतर क्षरण, अपशिष्ट प्रबंधन, प्रभाव जैसे शीर्षकों पर तकनीकी अधिकारियों, अनुसंधान सहयोगियों, वरिष्ठ अनुसंधान अध्येताओं आदि के लिए चर्चा, विचार-विमर्श, चित्रकला और नारा प्रतियोगिता का आयोजन किया। दिनांक 14 फरवरी, 2019 को प्रभागाध्यक्ष, फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन डॉ. (श्रीमती) नीलिमा गर्ग ने फसलों के तुड़ाई पूर्व एवं उपरान्त बरतने वाली सावधानियों के बारे में बताया। उन्होने अपशिष्ट का उपयोग कर कैसे मूल्यवर्धित उत्पाद बनाया जाये इसकी भी विस्तृत जानकारी दी। वैज्ञानिक, फसल तुड़ाई उपरांत प्रबंधन, डॉ ए.के. भट्टाचार्जी ने पेस्टीसाइड के उचित उपयोग एवं सावधानियों के विषय में बताया। डॉ. गोविन्द, वैज्ञानिक, फसल उत्पादन ने कीटनाशको के जैवोपचारण में सूक्ष्मजीवो की उपयोगिता के विषय पर जानकारी दी। दिनांक 15 फरवरी, 2019 को प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. घनश्याम पांडे ने कृषि उत्पादों, मिट्टी के स्वास्थ्य में गिरावट, खाद बनाने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन का महत्व आदि के विषय पर जानकारी दी। इसके अलावा प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. वी.के. सिंह ने पाक्लोब्यूट्राजाल के उपयोग के साथ मृदा के गुणवत्ता सुधार पर व्यख्यान दिया। दिनांक 16 फरवरी, 2019 को प्रभागाध्यक्ष, फसल सुधार और जैव प्रौद्योगिकी, डॉ. देवेंद्र पांडेय ने विभाग के सभी वैज्ञानिको एवं शोधकर्ताओं के साथ बैठक की और विभिन्न फलों की फसलों के विविध जर्मप्लाज्म के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस संबंध में, विविध जर्मप्लाज्म के संरक्षण के लिए, तकनीकी अधिकारियों, अनुसंधान सहयोगियों, वरिष्ठ अनुसंधान अध्येताओं आदि के लिए, चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। निबंध प्रतियोगिता में श्री नितेश शर्मा, श्री वैभव श्रीवास्तव एवं सुश्री ज्योति मीणा ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया जबकि चित्रकला प्रतियोगिता में सुश्री लक्ष्मी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। दिनांक 18 फरवरी, 2019 को संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने सभी वैज्ञानिकों, तकनीकी अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के साथ बैठक की। बैठक में निदेशक महोदय ने विश्वास जताया कि तकनीकी उत्पादकता में सुधार के लिए तकनीकी दिमाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह के विषय को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्र के विकास के लिए अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ाया जा सकता है। उन्होने कचरे से खाद तैयार कर मृदा में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के बारे में भी बताया। इसके अलावा निदेशक महोदय ने बताया कि संस्थान के प्रत्येक वैज्ञानिक महत्वपूर्ण है और उनका योगदान अद्वितीय और सभी से अलग है।

The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow organized the National Productivity Week from February 12 to 18, 2019. The theme of the week was “Circular Economy for Productivity and Sustainability”. At the very outset of the productivity week, Dr. Ghanshyam Pandey, Incharge Head and convener of the programme briefed the scientists and technical officers about the significance of the week. He also informed them about the nitty-gritty of this week. To ensure every body’s participation in the week, the Institute organized discussion, deliberation, painting and slogan competition for technical officers, research associates, senior research fellows, etc on the titles such as germplasm, soil pollution and its continuous degradation, waste management, impact on crop production, etc. On 14 February, 2019, Dr. Neelima Garg Head, PHM Division appraised one and all about the pre and post harvest precautions. She emphasized on lesser use of waste. On this occasion, Dr. A.K. Bhattacharjee told that excessive use of pesticides is harmful for humans. On this occasion, Dr. Govind delivered a lecture on ‘Role of microbes in soil health.’ On 15th February, Dr. Ghanshyam Pandey, Incharge Head, Crop Production Division talked about agriculture products, degradation of soil health, importance of waste management for making composts, etc. On the same day, Dr. V.K. Singh, Principal Scientist deliberation on the improving the use of soil with the use of paclobutrazol. Dr Devendra Pandey, Incharge Head, Crop Improvement and Biotechnology Division on 16th February, 2019 underlined the need to conserve diverse Germplasm of different fruit crops. In this regard, slogan on conservation of diverse varieties, painting and essay competitions were organized for Technical officers, research Associates, Senior Research Fellows, etc. Shri Nitesh Sharma, Shri Vaibhav Srivastava and Miss Jyoti Meena were declared 1st, 2nd and 3rd consecutively. In painting competition Ms. Lakshmi was judged first. Briefing the gathering of scientists and technical officers, on 18th February, 2019, Dr Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH firmly believed that the technical mind could play pivotal role in improving countries productivity. He said that keeping in view the theme of the week, research activities could be augmented leading to development of the nation. Dr. Rajan also illustrated about compost preparation using wastes, nutrient deficiency, etc. He told the audience that every scientist is important and contribution is solicit from one and all.