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Kisan gosthi on production of high value off season crops

उच्च मूल्य वाली गैर-मौसमी फसलों के उत्पादन पर किसान गोष्ठी

अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 4 नवंबर, 2020 को उच्च मूल्य वाली गैर-मौसमी फसलों के उत्पादन पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमे मॉल एवं काकोरी प्रखंड के 23 गावों के छोटे एवं सीमान्त किसान और बागवान मित्र सहित कुल 156 लोगों ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस.आर. सिंह ने किसानों को सब्जियों की उत्पादन तकनीक से अवगत कराया। निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., डॉ. शैलेन्द्र राजन ने उच्च मूल्य वाली गैर-मौसमी फसलों के उत्पादन एवं उनसे होने वाले आर्थिक लाभ के बारे में किसानों को जागरूक किया। कार्यक्रम के दौरान, 500 किग्रा लहसुन (किस्म जी-282 एवं जी-50), 25 किग्रा रबी प्याज, 25 किग्रा खरीफ प्याज, ब्रोकोली के पौधे (60000), टमाटर, बैगन, शिमला मिर्च, मिर्च, सलाद, चायनीज गोभी, पत्तेदार हरी सरसों के पौधे (125000 पौधे) एवं वर्मीबेड किसानों को वितरित किए गए। गोष्ठी का संचालन एवं समन्वय प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार द्वारा भारत सरकार के कोविड-19 दिशानिर्देश का पालन करते हुए किया गया।

Under SCSP, ICAR-CISH, Lucknow organized one day Kisan gosthi on "Production of high value off season crop" on November 4, 2020. A total of 156 participants including small and marginal farmers and Bagwan mitra from 23 villages of Mall and Kakori block were participated. Principal Scientist, Dr S.R. Singh apprised to farmers about production technology of vegetables. Director, ICAR-CISH, Dr. Shailendra Rajan sensitized to farmers about production of high value off season crop and the economic benefits resulting from them. During the programme, input of garlic var G-282 and G-50 (500 kg), rabi onion (25 kg), kharif onion (25 kg), broccoli seedlings (60000), seedlings of tomato, brinjal, capsicum, chilli, lettuce, pakchoi, leafy green mustard (125000 seedlings) and vermibed were distributed to the farmers. The Gosthi was conducted and coordinated by Dr. Ashok Kumar observing the Covid-19 guideline as directed by GOI.