जागृति बीज सेविका योजना
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र और कृषि विज्ञान केंद्र, मालदा ने दिनांक 17 जुलाई, 2019 को हबीबपुर लैंप्स लिमिटेड, हबीबपुर, मालदा में जागृति बीज सेविका योजना का आरम्भ किया। इस कार्यक्रम में श्री हिमांशु कुमार मोंडल (कृषि, पश्चिम बंगाल के पूर्व कृषि निदेशक, पूर्व संयुक्त निदेशक), प्रो. प्रणब चट्टोपाध्याय (सामुदायिक बीज उत्पादन के अग्रणी शोधकर्ता), श्री आशीष सेठ (एडीए, बीज प्रमाणीकरण, मालदा), श्री सतीश कुमार सिंह (जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, मालदा) और डॉ. दीपक नायक (वैज्ञानिक और प्रभारी, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा) उपस्थित थे। इस योजना के तहत, 55 गोद लिए गए आदिवासी गांवों की 55 सक्रिय आदिवासी महिलाओं के एक समूह को सहभागी बीज उत्पादन पर प्रशिक्षित करके उन्हें सशक्त किया जायेगा। ये प्रशिक्षित आदिवासी महिलाएं (जागृति बीज सेविका) आदर्श बीज उत्पादन के रूप में कार्य करेंगी तथा गाँव के अन्य इच्छुक बीज उत्पादकों को गुणवत्ता बीज उत्पादन के लिए अपनी विशेषज्ञता और सेवाएँ उपलब्ध करायेंगी। जागृति बीज सेविका को सामुदायिक बीज उत्पादन पर विशेषज्ञों के एक समूह से निरंतर समर्थन और मदद मिलेगी।
The Regional Research Station (RRS) and Krishi Vigyan Kendra (KVK), Malda of ICAR-CISH commenced the Jagriti Beej Sevika scheme at Habibpur Lamps Ltd., Habibpur, Malda on 17.07.2019. In this programme Mr. Himanshu Kumar Mondal (Former Joint Director of Agriculture, Govt. of West Bengal), Prof. Pranab Chattopadhyaya (Leading researcher of community seed production), Mr. Ashish Seth (ADA, Seed Certification, Malda) and Mr. Satish Kumar Singh (District Development Manager, NABARD, Malda) and Dr. Deepak Nayak (Scientist and Incharge, ICAR-CISH, RRS, Malda) were present. Under this scheme, a group of 55 active tribal women from 55 adopted tribal villages will be empowered by training on participatory seed production. These trained tribal women (Jagriti Beej Sevika) will work as model seed producer and their expertise and services will be available for the quality seed production of the other interested seed producers of the village. Jagriti Beej Sevika will be supported continuously by a group of experts on community seed production.