अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., लखनऊ ने फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत मलिहाबाद प्रखंड के मोहम्मद नगर तालुकेदारी गांव में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला कृषकों के आर्थिक सशक्तीकरण हेतु स्वयं सहायता समूह गठन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। संस्थान के वैज्ञानिकों ने ग्रामीण महिलाओं के साथ बातचीत की एवं उन्हें आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण में स्वयं सहायता समूह के लाभों के बारे में बताया। इस अवसर पर, सब्जियों एवं फलों के निर्जलीकरण माध्यम से कृषि मूल्य वर्धन के तरीकों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में कुल 15 ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। ये महिलायें पहले ही कच्चे आम के पाउडर के मूल्यवर्धन पर काम कर रही है। अब ये महिलायें निर्जलीकृत सब्जियों / फलों के उत्पादन एवं स्थायी आय हेतु बेहतर बाजार संपर्क के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन करेंगी।
संस्थान ने अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत कुसमौरा गाँव में भी एक बैठक आयोजित की। जिसमें अनुसूचित जाति की गरीब महिलाओं के पोषण सुरक्षा और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए सब्जियों के पौधों का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा संस्थान के वैज्ञानिकों के एक दल ने कृषि विज्ञान केंद्र, धौरा में अनुसूचित जाति की ग्रामीण महिलाओं के साथ पोषण एवं आर्थिक सुरक्षा हेतु महिला केंद्रित प्रौद्योगिकियों जैसे कि न्यूट्री गार्डन पर भी चर्चा की। संस्थान ने न्यूट्री गार्डन की स्थापना के लिए ग्रामीण अनुसूचित जाति की ग्रामीण महिलाओं को सब्जियों के पौधों एवं बीज का वितरण किया।
ICAR-CISH organized several programme on economic empowerment of farm women by creating awareness regarding self help group formation on the occasion of International Women Day at Mohammad Nagar Talukedari village in Malihabad block under Farmer FIRST project. Scientists of the institute interacted with rural women and explained about the advantages of SHGs in economic and social empowerment. A total of 15 rural women participated in the programme. These women are already working on the value addition of raw mango powder. Now these women will form SHGs for the production of dehydrated vegetables / fruits and better market linkage for sustainable income.
Institute also organized a meeting in Kusmaura village under the Scheduled Castes Sub Plan. In which seedling of vegetable plant was demonstrated to ensure nutritional security and sustainable livelihood of poor women belonging to scheduled castes. Apart from this, a team of scientists of the institute went to KVK, Dhaura to discuss women-centric technologies such as Nutri Garden with SC rural women for nutritional and economic security. The institute distributed vegetable plants and seeds to rural women belonging to scheduled castes for the establishment of Nutri Gardens.