अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण का शुभारंभ
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा गोसाईगंज तथा मोहनलालगंज के 10 किसानों हेतु मधुमक्खी पालन पर दिनांक 09 फरवरी 2021 से 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को गोसाईगंज क्षेत्र के प्रगतिशील मौनपालक श्री बृजेश वर्मा के प्रक्षेत्र में मौनपालन एवं उससे सम्बंधित व्यवसाय के बारे में तकनीकी जानकारियां दी जाएगी। प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन ने किसानों को आय में वृद्धि करने हेतु मधुमक्खी पालन पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिससे कोई भी महिला व पुरुष, शिक्षित तथा अशिक्षित व्यक्ति इस व्यवसाय को अपनाकर अपनी आजीविका तथा आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी, अनुसूचित जाति उपयोजना) ने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं होती है छोटे किसान एवं भूमिहीन किसान भी इस व्यवसाय को सरलता पूर्वक अपना सकते हैं।
Seven days training programme on beekeeping for 10 farmers of Gosaiganj and Mohanlalganj was inaugurated by ICAR-CISH, Lucknow on February 09, 2021. During the training, technical information about the beekeeping and their related business will be given to farmers at the field of Mr. Brijesh Verma, progressive beekeeper of Gosaiganj area. Inaugurating the training, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, gave detailed information on the bee keeping for perk up the income of farmers. He also underlined that beekeeping is a profession whereby any woman and man, educated and uneducated person can adopt this business and improve their livelihood as well as income. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, Scheduled Castes Sub-Plan) informed that there is no need of additional land for bee keeping. Small farmers and landless farmers can also adopt this business easily.