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ICAR-CISH released new jamun variety CISH-Jamwant

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा विकसित नई जामुन किस्म- सीआईएसएच जामवंत

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने दिनांक 04.07.2019 जामुन की उच्च गूदायुक्त (90% से अधिक) और न्यूट्रास्यूटिकल और एंटी-डायबिटिक यौगिकों से भरपूर एक बेहतर किस्म-सीआईएसएच जामवंत को वाणिज्यिक खेती के लिए जारी किया। इस अवसर पर, अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) के अध्यक्ष डॉ. बी.एस. चुंडावत, पूर्व कुलपति, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, गुजरात एवं अन्य सदस्यगण डॉ. के.के. जिंदल, पूर्व- उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान) भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली, डॉ. एन.एस. पसरीचा, पूर्व प्रभागाध्यक्ष, मृदा विज्ञान विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, लुधियाना, डॉ. प्रेम शंकर सिंह, प्रोफेसर और प्रभागाध्यक्ष, कीटविज्ञान विभाग, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, डॉ. सी. अस्वथ, पूर्व प्रभागाध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भा.कृ.अनु.प.- भारतीय बागवानी अनुसन्धान संस्थान, बेंगलुरु, डॉ. अभिजीत कर, प्रधान वैज्ञानिक, फसल तुड़ाई प्रौद्योगिकी विभाग, भा.कृ.अनु.प.- भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., डॉ. शैलेंद्र राजन उपस्थित थे। डॉ. शैलेंद्र राजन ने सीआईएसएच जामवंत के विकास, फलों की विशेषताओं जैसे आकार, स्व:जीवन, गूदा की मात्रा, जैवसक्रिय यौगिको की उपस्थिति आदि, उपज और गुणवत्ता के लिए देश के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में वृक्षारोपण के परीक्षण के बारे में जानकारी दी।

ICAR-CISH released an improved Jamun variety with high pulp (more than 90%) and nutraceutical and anti-diabetic rich bioactive- CISH Jamwant for commercial cultivation on 04.07.2019. On this occasion, chairman of Research Advisory Committee (RAC) Dr. B.S. Chundawat, Ex-Vice Chancellor, Navasari Agriculture University, Gujarat and other members Dr. K.K. Jindal, Ex-ADG (Hort. Science), Dr. N.S. Pasricha, Ex-Head, Deptt. of Soil Science, PAU, Ludhiana, Dr. Prem Shankar Singh, Professor & Head, Deptt. of Entomology, BHU, Varanasi, Dr. C. Aswath, Ex- Head, Division of Biotechnology, ICAR-IIHR, Bengaluru, Dr. Abhijit Kar, Pr. Scientist, Division of Post Harvest Technology, ICAR-IARI, New Delhi, along with Director, ICAR-CISH, Dr. Shailendra Rajan were present. Dr. Shailendra Rajan briefed about development, fruit characteristics such as size, shelf life, pulp content, presence of bioactive compound etc., testing of plantation in different geographical area of country for yield and quality.