ICAR- CISH, Lucknow was organized by An awareness programme entitled ‘Nutri-gardens for food, nutrition and income security’ at Sarsanda village of Lucknow district on 28th June, 2023. The program, organized under Azadi ka Amrit Mahotsav, was attended by about 80 farmers, farm women and rural youth from Sarsanda and adjoining villages. Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH, Lucknow in his address encouraged the farmers to adopt an integrated value-chain based approach to reap the premium benefits from the cultivation of mango and other horticultural crops. He assured the farmers of adequate technical backstopping from ICAR-CISH for adopting improved practices such as proper canopy management, intercropping with turmeric and elephant foot yam, bagging of fruits, and recommended irrigation and fertilizer management for boosting the incomes from mango cultivation. He exhorted the farmers to develop kitchen gardens around their dwellings to ensure year-round availability of fruits and vegetables. Earlier, Dr. Abha Singh, Principal Scientist informed the farmers and farm women about simple approaches and precautions for increasing the nutrient bioavailability from the food. She underlined the importance of traditional fruits, vegetables and millets in alleviating the hunger and malnutrition risks. Dr. Anshuman Singh, Senior Scientist informed about improved varieties of subtropical fruits such as mango, guava and jamun. Dr V. Dayal, Scientist, presented an overview of initiatives being taken up under SC-SP program for empowering the farmers. Dr Karma Beer Scientist, informed the farmers about methods and approaches for preparing the value added products from ripe and unripe mango fruits. Dr. S. S. Das, Scientist discussed about different nutri-rich fruits and vegetables for eradicating the malnutrition. The program was coordinated by Dr. Anshuman Singh, Dr. Karma Beer and Dr Vishambhar Dayal
केंद्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान लखनऊ ने दिनांक 28 जून 223 को लखनऊ ज़िले के सरसंडा गाँव में खाद्य, पोषण और आय सुरक्षा के लिए पोषक तत्व नामक एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया! आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में सरसंडा और आस पास के गांवों के लगभग 80 किसान कृषक महिलाएँ और ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया डॉ टी. दामोदरन निदेशक केन्द्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान ने अपने अधिकतम संबोधन में किसानों को आम और अन्य बाग़वानी फसलों की खेती से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए एक एकीकृत मूल्य शृंखला आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया! उन्होंने किसानों को उचित छत्र प्रबंधन जैसी बेहतर प्रथाओं को अपनाने के लिए केंद्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान से पर्याप्त तकनीकी समर्थन का आश्वासन दिया! आम की खेती से आय बढ़ाने के लिए हल्दी और जिमीकंद के साथ सहफसली खेती,फलों की थैला बंदी और सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन की सिफ़ारिश की गई उन्होंने किसानों को आह्वान किया और फलों और सब्ज़ियों की साल भर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अपने घरों के आस पास किचन गार्डन विकसित करे, इससे पहले प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर आभा सिंह ने किसानों एवं कृषक महिलाओं को भोजन से पोषक तत्वों की जैव उपलब्धता बढ़ाने के लिए उसकी दृष्टिकोण और सावधानियों की जानकारी दी उन्होंने भूख और कुपोषण के खतरों को कम करने में पारंपरिक फलों सब्ज़ियों और बाजरा के महत्व को रेखांकित किया वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अंशुमान सिंह ने आम अमरूद और जामुन जैसे उपोष्णकटिबंधीय फलों की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी वैज्ञानिक डॉक्टर वी. दयाल ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए SC/SP कार्यक्रम के तहत की जा रही पहलों का अवलोकन प्रस्तुत किया वैज्ञानिक डॉक्टर कर्मवीर ने किसानों को पके और कच्चे आम के फलों से मूल्यवर्धित उत्पाद तैयार करने के तरीक़ों के बारे में जानकारी दी! वैज्ञानिक डॉक्टर एस. एस. दास ने कुपोषण को दूर करने के लिए विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर फलों और सब्ज़ियों के बारे में चर्चा की कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अंशुमान सिंह डॉक्टर कर्मवीर एवं डॉक्टर विशंभर दयाल ने किया!