अनुसूचित जाति के किसानों को सशक्त बनाने हेतु किसान मेला सह संगोष्ठी का आयोजन
अनुसूचित जाति के किसानों को सशक्त बनाने हेतु किसान मेला सह संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं ने अनुसूचित जाति के किसानों को कृषि तकनीकियो द्वारा सशक्तीकरण बनाने हेतु दिनांक 28.02.2019 को किसान मेला सह संगोष्ठी का आयोजन किया। इस मेले का उद्घाटन मलिहाबाद विधायक श्रीमती जय देवी कौशल द्वारा संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन की उपस्थिति में हुआ। किसान मेला में विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओ ने विकसित उत्पादों एवं तकनीकों का प्रदर्शनी स्टाल लगाया गया। जिसका अवलोकन 600 से अधिक किसानो ने किया। इसमें फार्मर-फर्स्ट से जुड़े किसानो के अपने कृषि उत्पादों जैसे कि सब्जी, फल, पौधे, फूल, मुर्गिया, अंडे, इत्यादि भी प्रदर्श के रूप में लगाया। अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग के किसानो के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श को पुरुस्कार भी दिए गए। अनुसूचित जाति के लघु एवं सीमान्त किसानों तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए आवश्यक कृषि तकनीकों पर चर्चा की गयी। संगोष्ठी में सीमान्त किसानों के लिए उपयुक्त तकनीकों, पोषण वाटिका, मशरूम उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट एवं कम लागत की संरक्षित खेती पर व्याख्यान दिए गए।
On the occasion of National Science Day, ICAR-CISH organized an one day Farmers Fair cum Seminar for empowering scheduled castes farmers on 28.02.2019. The fair was inaugurated by Honourable Mrs. Jai Dev Kaushal, MLA of Malihabad along with Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Rehmankhera, Lucknow. In farmers fair, various government and non-government organizations showcased their products and technologies which was overviewed by more than 600 farmers. The farmers engaged with farmer-first also displayed their agricultural products such as vegetables, fruits, plants, flowers, hens, eggs etc. The best exhibition awards were also given to farmers of both scheduled castes and general category. The agricultural techniques needed to improve the income of small and marginal Scheduled Caste farmers were discussed. In the seminar, lectures were given on suitable farming for marginal farmers, nutritionist, mushroom production, vermi-compost and low cost protected farming.