भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा मध्य प्रदेश में आम के अति सघन बाग विकसित करने में सहायता
भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने मध्य प्रदेश में आम के अति सघन बाग विकसित करने के लिए दिनांक 13.09.2019 को एक मंथन सत्र का आयोजन किया। इस मंथन सत्र का मुख्य उद्देश्य बहुत कम समय के भीतर मध्य प्रदेश के 3 जिलों के 1000 एकड़ भाग में आमों की अति सघन बागों की स्थापना करना था। इसके लिए आमों पर अनुसंधान करने वाली अग्रणी संस्थान भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. के निदेशक, डॉ. शैलेन्द्र राजन को इस विचार मंथन सत्र की अध्यक्षता करने एवं इसके सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार को सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया था। मंथन सत्र के दौरान निदेशक, डॉ. शैलेन्द्र राजन ने आम के अति सघन बागवानी से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे कि मध्य प्रदेश के जलवायु एवं मृदा के अनुसार आमो की बेहतर किस्मो का चयन, उपयुक्त रोपण घनत्व, सिंचाई एवं उर्वरको का प्रयोग, छत्र प्रबंधन तकनीक पर अपने सुझाव दिए। इस मंथन सत्र में मध्य प्रदेश के बागवानी अधिकारियों के साथ 3 जिलों के कृषकों ने भी भाग लिया ताकि इस विषय को समझने का अवसर मिल सके और तकनीक का त्वरित कार्यान्वयन संभव हो सके।
ICAR-Central Institute of Agricultural Engineering, Bhopal organized a brainstorming session to develop ultra high density mango orchards in Madhya Pradesh on 13.09.2019. The main objective of this brainstorming session was to set up mango orchards in 1000 acres of 3 districts of Madhya Pradesh within a very short time. For this, Dr. Shailendra Rajan, Director ICAR-CISH, leading institute on mangoes research, was invited to preside over the brainstorming session and suggest the state government for its successful implementation. During the brainstorming session, Director, Dr. Shailendra Rajan gave suggestion on various issues related to ultra density orcharding of mangoes such as selection of appropriate varieties of mangoes according to the climate and soil of Madhya Pradesh, proper planting density, irrigation and fertigation schedules, canopy management technique etc. Farmers from 3 districts of Madhya Pradesh attended the brainstorming session along with the Horticulture Officials so that everyone could interact with each other for quick implementation of the activity.