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ICAR-CISH, Lucknow organizes Farmer-Scientist Interaction meet under Jai Kisan Jai Vigyan week

जय किसान जय विज्ञान सप्ताह के अंतर्गत भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा कृषक-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने सप्ताह भर चलने वाले जय किसान जय विज्ञान समारोह के अवसर पर दिनांक 27 दिसंबर, 2021 को एक कृषक-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया। कार्यक्रम की विवरण डॉ. (श्रीमती) नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. द्वारा दिया गया। संवाद के दौरान डॉ. मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक ने बागवानी-उद्यमियों के विकास के लिए भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं द्वारा हालिया पहल के बारे में चर्चा की और उन्होंने कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन, बागवानी-उद्यमिता में एक स्टार्ट-अप कैसे शुरू किया जाए के साथ-साथ अमरूद एवं अदरक के व्यावसायीकरण हेतु प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी की मौजूदा प्रथाओं के बारे में बताया। । उन्होंने बताया कि भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., ने फलों और सब्जियों से उच्च मूल्य वर्धित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला विकसित की है और बाजार संपर्क, किसान स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन और बागवानी-उद्यमिता को बढ़ावा देकर उन्हें लोकप्रिय और व्यावसायीकरण करने के प्रयास चल रहे हैं। बातचीत के दौरान किसानों ने कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन (एबीआई) इकाई के बारे में जानना चाहा, इस संबंध में श्री शरद वर्मा ने किसानों को एबीआई के बारे में जानकारी दी, उन्होंने फॉर्म भरने और पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में लगभग 50 किसानों और संस्थान के कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कर्मा बीर और डॉ. पी. बर्मन ने किया।

ICAR- Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Farmer-Scientist Interaction meet on 27th December, 2021 on occasion of week-long Jai Kisan Jai Vigyan celebrations. The programme was briefed by Dr. (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Lucknow. During this interaction Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist discussed about “Recent initiatives by ICAR- CISH for developing the horti-preneurs” and he highlighted about agri-business incubation, how to start a start-up in horti-preneurship, existing practices of technology commercialization and processing of guava & ginger. He informed that ICAR-CISH has developed a wide range of high value added products from fruits and vegetable and efforts are underway to popularize and commercialize them by creating market linkages, farmers Self-Help Groups, Farmer Producer Organizations and by promoting horti-preneurship. During the interaction farmers wished to know about agri-business incubation (ABI) unit in this regards Shri Sharad Verma briefed to farmers about ABI, he explained the entire process of form filling and registration. This program was attended by about 50 farmers and Institute staff. Dr. Karma Beer and Dr. P. Barman coordinated the program.