फल मक्खियों के प्रकोप से बारिश के मौसम में आकर्षक दिखने वाले फल और सब्जियां मैगट (सूंडियों) से भरी हो सकती हैं। बाहर से देखने पर इनकी उपस्थिति ज्ञात नहीं हो पाती है और काटने के बाद भी धोखा हो सकता है। अतः जरुरी है कि हर कोई इनको पहचाने और खाने से पहले गौर से देख कर इनकी अनुपस्थिति सुनिश्चित कर ले। मादा फल मक्खियां विकसित हो रहे सब्ज़ियों और फलों में अंडे देती हैं, जो एक सप्ताह के भीतर मैगट्स के रूप में विकसित हो जाते हैं और गूदे को खाते हैं। प्रारम्भ में इनकी उपस्थिति पहचानना कठिन होता है। यह गूदे से मिलते जुलते सफ़ेद या मटमैले रंग की होती हैं। अधिक संख्या होने पर गूदे में सड़न हो जाती हैं और फल ख़राब होकर गिर जाता है। प्रभावित फल और सब्जियां खाने के लिए अनुपयुक्त हो जाती हैं। बरसात के मौसम में इस तरह की क्षति बहुत अधिक होती है जो कि किसानों को भारी नुकसान पहुंचाती है। फलों के मक्खियों के गंभीर प्रकोप के कारण आम की देर से पकने वाली प्रजातियों, अमरुद की बरसात की फसल और सब्जी फसलों को अधिक हानि पहुंचती है। यदि समय पर उचित हस्तक्षेप नहीं किया जाता है तो बरसात के मौसम में लगभग 80 प्रतिशत फल क्षतिग्रस्त हो जाते हैं ।
कीट के महत्व को ध्यान में रखते हुए, प्रभावी फल मक्खी फेरोमोन ट्रैप विकसित किए गए हैं। ये फेरोमोन ट्रैप नर मक्खियों को आकर्षित करते हैं और इससे मादा मक्खियों द्वारा उत्पन्न होने वाले अण्डों के निषेचन में व्यवधान होता है। फल मक्खियों के प्रबंधन के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार के ट्रैप उपलब्ध हैं जो कि या तो महंगे हैं या सस्ते लेकिन बरसात के मौसम के अनुरूप तकनीकी रूप से ठीक नहीं हैं। जुलाई महीने के दौरान उत्तरी भारत में भारी बारिश होती है। बारिश के कारण फल मक्खी ट्रैप में जल के प्रवेश से गुटके डूब जाते हैं और जल्द ही अप्रभावी हो जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, आईसीएआर-केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दोषों को दूर करने के लिए ट्रैप का एक प्रभावी डिजाइन विकसित किया। संशोधित ट्रैप में गर्दन पर दोनों तरफ से मक्खी के प्रवेश छेद को विशेष फ्लैप बरसात के मौसम के दौरान पानी के प्रवेश को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। यह डिजाइन प्रभावी है और बारिश के पानी से गुटके की रक्षा करता है। बाजार में अन्य मौजूदा ट्रैप डिजाइनों की तुलना में यह सस्ता एवं प्रभावी है। फल मक्खियों के भारी प्रकोप के चलते बारिश के मौसम में अमरूद के अच्छे फलों की फसल कम होती है। यदि यह ट्रैप सही समय पर लगाया जाता है तो बरसात के मौसम में भी अमरूद की फसल कम प्रभावित होती है। किसानों के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार समय पर ट्रैप हर जगह उपलब्ध होना कठिन रहता है। अतः आईसीएआर-सीआईएसएच ने संस्थान से और डाक के द्वारा मामूली कीमत पर किसानों को ट्रैप की आपूर्ति करने के लिए सुविधा प्रदान की है। फल मक्खियों से फसल को बचाने के लिए इच्छुक किसान इस ट्रैप का लाभ उठा सकते हैं।
ट्रैप खरीदने के लिए, कृपया निदेशक को ई-मेल: nursery.cish@gmail.com या पोस्ट से पत्र भेजें।
पता: निदेशक, आईसीएआर-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर, रहमानखेड़ा, पोस्ट : काकोरी, लखनऊ-226 101
एनईएफटी / आरटीजीएस के माध्यम से खाते में भुगतान किया जा सकता है :
खाता धारक : आईसीएआर-यूनिट-सीआईएसएच, लखनऊ
खाता क्रमांक। 1153012101000034, आईएफएससी कोड : PUNB0619500
प्रति 5 ट्रैप कीमत : ₹ 65×5 = ₹ 325/- + डाक व्यय (दूरी के अनुसार)
Fruits and vegetables may be full of maggots during rainy season due to infestation by the fruit flies. Female fruit flies lays eggs in the young vegetables and fruits, which hatches as maggots within a week and the young ones continues to feed on pulp. As result of which fruit starts decay and drop down. The affected fruits and vegetables become unfit for consumption. Such damage is very high during rainy season which cause enormous losses to farmers. Severe incidence of fruit flies has been observed in late season varieties of the mango, rainy season crop of the guava and many vegetable crops. It has been estimated that approximately 80 per cent of late season mango fruits get damaged by fruit flies if the timely appropriate intervention is not taken.
Keeping the importance of the pest, effective fruit fly pheromone traps have been developed. These pheromone traps attracts the male flies and there by its mating disruption is achieved. Different types of traps are available in the market for the management of fruit flies. The existing traps available in the market are either costlier or cheaper but not technically sound to suit the local conditions. In northern plains mango season will be there upto last week of July. During July month Northern India receive heavy rains. Due to rains water will enters into the fruit fly trap, lures are getting drowned and lose its viability soon. Keeping this in view, ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow developed a cost effective design of fruit fly trap to overcome technical drawbacks. Modified trap is having peculiar feature with entry holes made at both the sides at the neck and also the flap along the edge of cap top are designed in such a way to minimize the entry of water during rainy season. The design is effective and protects the lure from drowning in to the rain water. It is cost effective when compared to other existing trap designs in the market. These traps are economical, effective and suitable for efficient management of fruit flies infesting mango, guava and vegetable crops especially during rainy season. Due to heavy infestation of fruit flies in guava farmers are not taking the rainy season guava crop. If this trap installed timely good crop of guava can be grown even under rainy season also. It is difficult for farmers to procure ready to hang traps and lures as per their requirement on time. Therefore, ‘ICAR – CISH has developed a system to supply the traps to farmers at nominal price from Institute and even by post. The interested farmers can take the benefit of this trap to save the crop from fruit flies.
To procure traps, may please send letter through E-mail: nursery.cish@gmail.com or by post to the Director, ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, PO: Kakori, Lucknow – 226 101.
Payment can be made through NEFT/RTGS to the Account: ICAR-UNIT-CISH, Lucknow
Account no. 1153012101000034, IFSC code: PUNB0619500.
Price per 5 traps:Rs.65x5=Rs.325/- + postal charges (as per distance).