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Field day on Nutri Garden organized under Scheduled Caste Sub Plan

अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत पोषण वाटिका पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 17 फरवरी 2021 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत काकोरी प्रखंड के गोपरामऊ ग्राम में पोषण वाटिका पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें माल एवं काकोरी प्रखंड के लगभग 200 किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस आर सिंह ने किसानों को बताया कि वे पोषण वाटिका द्वारा घर के चारों ओर खाली पड़ी हुई भूमि में कीटनाशक रहित जैविक एवं पौष्टिक शाक-सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं। उन्होनें बताया कि पोषण वाटिका द्वारा उगाई गई सब्जियां बाजार की तुलना में सस्ती एवं उत्तम गुणवत्ता वाली होती हैं। इसके लिए घरेलू कार्यो में प्रयुक्त हो चुके जल का पौधों की सिंचाई में सदुपयोग हो सकता है एवं घर के कूड़े-करकट का कम्पोस्ट खाद बना कर प्रयोग किया जा सकता है। डॉ. अशोक कुमार (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) ने किसानों को बताया कि पोषण वाटिका में इस तरह का चक्र अपनाया जाता है जिससे कि नियमित रूप से ताजी, स्वादिष्ट शाक-सब्जियों की वर्ष भर पोषण वाटिका से पूर्ति होती रहे। उन्होनें यह भी सलाह दी कि पोषण वाटिका के लिए ऐसी किस्मों एवं फसलो का चयन किया जाना चाहिए जो पौष्टिकता की दृष्टि से संतुलित हो तथा उनमें कीट-बीमारियों की समस्या कम हो।

ICAR-CISH, Lucknow organized Field day on Nutri Garden in the SCSP adopted Gopramau village of Kakori block on February 17, 2021. Around 200 farmers from other adopted villages of the Scheduled Castes Sub Plan participated in the event. On this occasion, Principal Scientist, Dr. S.R. Singh underlined that, by nutri-garden, farmers can produce pesticide-free, organic and nutritious vegetables in the vacant land around the house. He also mentioned that vegetables grown by the nutri garden are cheaper and of better quality than the market. For this, water used in domestic works can be utilized in irrigation of plants and household garbage can be used by making compost. Dr. Ashok Kumar (Principal Scientist and Nodal Officer, SCSP) apprised the farmers that nutri-garden cycle adopted in such a way that the fresh and tasty vegetables get throughout the year from nutri-garden. He also advocated that nutritionally balanced and less insect-diseases prone varieties of crops should be selected for the nutri-garden.