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Farmer – scientist interaction cum Kisan Gosthi

किसान-वैज्ञानिक संवाद सह किसान गोष्ठी

भा.कृ.अ.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने 20 अगस्त, 2022 को नैबस्ती धनेवा, मलिहाबाद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में किसान-वैज्ञानिक संवाद सह किसान गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में डॉ. दुष्यंत मिश्र, डॉ. नरेश बाबू, डॉ. भारती किल्लाड़ी, डॉ. तरुण अदक और अरविंद कुमार ने सक्रिय रूप से भाग लिया। गोष्ठी में किसानों के साथ संवाद किया गया और सभी ने उत्साह से भाग लिया। आम के बागों में थ्रिप्स की समस्या और इसका नियंत्रण उत्पादकों के लिए गंभीर चुनौती के रूप में सामने आया। वैज्ञानिकों ने कीड़ों और रोग प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबंधन बेहतर गुणवत्ता वाले फल प्राप्त करने के लिए बागों के जिर्णौधार पर चर्चा की। किसानों की आय बढ़ाने के लिए एप्पल बेर की खेती जैसे फल विविधीकरण की भूमिका पर चर्चा की गई। किसानों और खेतिहर महिलाओं ने आम के बगीचों में हल्दी, अदरक को अंतरफसल के रूप में उगाने में रुचि दिखाई। किसानों को जामुन,आंवला,पपीता और नींबू की भी खेती के लिए प्रेरित किया गया। तुड़ाई उपरांत प्रसंस्करण के महत्व और फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन पर विस्तार से चर्चा की गई। महिलाओं ने तुड़ाई उपरांत प्रशिक्षण में रुचि दिखाई बातचीत का माहौल ऊर्जावान था। लगभग चालीस युवा लड़कियों और लड़कों, वृद्ध महिलाओं और पुरुषों ने से गोष्ठी में भाग लिया। वैज्ञानिक अमरूद की खेती, पपीते की खेती, कीट प्रबंधन, पुराने आम के बागों का कटाई-छटाई आदि के हिंदी साहित्य कृषक समुदाय के बीच वितरित किए गए। वास्तविक समयबद्ध कृषि सलाहकार और पालन किए जाने वाले आवश्यक प्रबंधन प्रोटोकॉल भी वितरित किए गए। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादकों को जागरूक करने के लिए सी.आई.एस.एच.-बायोएनहांसर का वितरण किया गया। सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किसान गोष्ठी का समापन किया गया। किसान गोष्ठी का आयोजन डॉ. तरुण अदक ने किया था।

ICAR-CISH was organized A farmer – scientist interaction cum kisan gosthi at Naibasti Dhaneva, Malihabad, Lucknow, UP on 20th August, 2022. Dr. Dushyant Mishra, Dr. Naresh Babu, Dr. Bharti Khiladi, Dr. Tarun Adak and Arvind Kumar actively participated in the programme. Interaction with the farmers was held and they enthusiastically participated in the gosthi. Problems of thrips in mango orchards and its control appeared as serious challenge for growers. Scientists discussed on the insects and disease managements to be followed, nutrient practices, rejuvenation of orchards for getting better quality fruits. The role of fruit diversification like cultivation of apple ber, was discussed for enhancing farmers income. Farmers and farm women’s shown interest in growing of turmeric, ginger as intercrops in the interspaces of mango orchards. Farmers were motivated to grow Jamun, aonla, papaya, and lemon as well. Importance of post harvest processing and value addition of fruits and vegetables were discussed in detailed. Women have shown interest in post harvest training. The interaction environment was energetic. About forty young girls and boys, old women and men took part in the gosthi sincerely. Hindi literatures of scientific guava cultivation, papaya cultivation, pest management, rejuvenation of old mango orchards etc. were distributed among the farming community. Real time bound agroadvisory and essential managemental protocol to be followed was also distributed. CISH-bioenhancer was distributed to sensitize growers to encourage organic cultivation. The kisan gosthi was concluded with vote of thanks to all the participants. The kisan gosthi was organized by Dr. Tarun Adak.