अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत गेंदा बीज वितरण कार्यक्रम सम्पन्न
भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा आयोजित दिनांक 17 जनवरी 2022 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत गेंदा बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अंगीकृत प्रखंड काकोरी एवं माल के करझन, दसदोइ, बिगहूं, सैदापुर, रनियामऊ, बंसीगढ़ी एवं काकराबाद आदि गांवों से लगभग 60 किसानों ने भाग लिया । इस अवसर पर भाकृअनुप- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की निदेशक महोदया डॉ. नीलिमा गर्ग, व फसल सुधार विभाग के कार्यकारी विभागाध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र पाण्डेय, फसल उत्पादन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. विशंभर दयाल वैज्ञानिक उपस्थित थे कार्यक्रम के दौरान निदेशक महोदया डॉ. नीलिमा गर्ग ने किसानों को बताया कि गेंदा एक बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला बारहमासी पौधा है यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है परंतु इसके साथ-साथ इसका उपयोग कई विभिन्न चिकित्सीय एवं औषधीय रूपों में उपयोग किया जाता है। गेंदे की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है व इसके साथ-साथ गेंदे के फूलों से अन्य उत्पाद जैसे अगरबत्ती, अर्क एवं सौन्दर्य उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं। सभा में किसानों को संबोधित करते हुए डॉ विशंभर दयाल ने बताया गेंदा एक लोकप्रिय फूल है जिसका प्रयोग शादी समारोह, सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में साज-सज्जा के रूप में अहम भूमिका निभाता है डॉ. विशंभर दयाल ने गेंदे की खेती से संबंधित कई मुख्य बिंदु किसानों के समक्ष प्रस्तुत किए जैसे गेंदे की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु, गेंदा की किस्मों का चयन, खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग कब और कितनी मात्रा में करें, बीजों की बुवाई, पौधरोपण, सिंचाई तथा कीट व खरपतवार नियंत्रण एवं गेंदे के बीज से नर्सरी बनाकर खेती करना आदि विशेष बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक विचार विमर्श किया। समारोह में निदेशक महोदया डॉ. देवेंद्र पाण्डेय एवं डॉ. अशोक कुमार ने मंच पर गेंदा की खेती करने वाले इच्छुक किसानों को बैंगलोरा ऑरेंज नामक प्रजाति के गेंदे का बीज प्रदान किया एवं उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विशंभर दयाल द्वारा समस्त गतिविधि गृह मंत्रालय के द्वारा जारी कोविड 19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए की गई।