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Cluster based value chain on mango study in Saharanpur UP

आम पर क्लस्टर आधारित मूल्य श्रृंखला का उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में अध्ययन

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत एन.सी.पी.ए.एच., नई दिल्ली के माध्यम से सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.), केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ को सहारनपुर जिले में आम पर क्लस्टर आधारित मूल्य श्रृंखला का अध्ययन संस्थान के डा. वी. के. सिंह प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई., पी.एफ.डी.सी., डा. एस. आर. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, डा. मनोज कुमार सोनी, शोध सहयोगी तथा श्री अरून कुमार, जिला उद्यान अधिकारी एवं के.वी.के. के वैज्ञानिक डा. वी. पी. शाही ने दिनांक 13-14 जुलाई तक गहनता से किया गया। सहारनपुर जिले में आम के बागों की प्रचुरता है और बड़े पैमाने पर उत्पादकता होती है जो काफी स्तर तक बर्बाद हो जाती है। अतः इस मूल्य श्रृंखला अध्ययन का उद्देश्य- किसानों द्वारा उत्पादित आम की आपूर्ति के लिए स्थानीय, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय बाजारों से किसान का सम्बन्ध स्थापित करना, व्यापार सम्बन्धों और भूमिकाओं का विश्लेषण करके मूल्य श्रृंखला से सम्बन्धित इकाई के लिए बाधाओं और अवसरों को स्पष्ट करना एवं स्थानीय आम के बागवानों की एक सूची तैयार करना जो कि आम मूल्य श्रृंखला में निम्न आय वाले किसानों और अन्य प्रतिभागियों की प्रतिस्पर्धा में वृद्धि को सुविधाजनक बनाने में मदद कर सकें।

अध्ययन के दौरान दल द्वारा सहारनपुर जिले के बेहट, नकुड़, सढोली कदीम, मुजफफराबाद, अनवरपुर, बरोली, खिड़का, जुनारदार, संसारपुर, फतेहपुर कलां आदि के गांवों में बागानों एवं नर्सरियों का निरीक्षण किया एवं बागवानों से साक्षात्कार किया गया। साथ ही साथ नयी पद्धति से नर्सरी में कलम बनाना, आम के पेड़ों में होने वाली गंभीर समस्याओं जैसे एक वर्ष फल आना, दूसरे वर्ष फल का न आना, आम का फटना, आम का छोटा हो जाना, जेली सीड, कीट एवं फफूंदी का प्रकोप जैसे- थ्रीपस, जालाकीट, सूट गाल शिला का आना, सोल्डर ब्राउनिंग (काले धब्बे) के रोकथाम पर चर्चा हुई।

बागों के निरीक्षण एवं बागवानों के साक्षात्कार के बाद एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन उद्यान संस्थान, कम्पनीबाग में किया गया। जिसमें लगभग 35 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया और क्लस्टर आधारित मूल्य श्रृंखला में सम्भावित पहल की बाधाओं एवं अवसरों और प्राथमिकता पर विचार-विमर्श किया गया। जिसमें किसानों ने अपनी बागवानी से सम्बन्धित मुख्य समस्याओं की चर्चा की। इस कार्यक्रम में किसानों के साथ-साथ बेहट के पूर्व विधायक श्री महावीर सिंह राणा, संयुक्त निदेशक श्री राजेश प्रसाद, उप निदेशक डा. जय भगवान एवं उद्यान संस्थान के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।