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Boosting Horti-preneurship in India through ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture

भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. के माध्यम से भारत में उपोष्ण बागवानी हेतु बागवानी-उद्यमिता को बढ़ावा देना

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 12 जनवरी 2021 को "भारत में बागवानी-उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु चुनौतियां एवं दृष्टिकोण" पर एक चर्चा का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य बागवानी में स्टार्टअप को बढ़ावा देने हेतु संभावित उत्साही युवाओं को बागवानी-उद्यमिता विकास एवं क्षमता निर्माण का ज्ञान प्रदान करना था। विशेषज्ञों की पैनल चर्चा में, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन; प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. मनीष मिश्र; प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. टी. दामोदरन, भा.कृ.अनु.प.-के.मृ.ल.अनु.सं., लखनऊ; श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी, लखनऊ की डॉ. ज्योति दीवान; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के श्री रवि पांडे एवं अग्नि वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर ने बागवानी-स्टार्टअप की चुनौतियों, दत्तक उपायों, जीतने वाले कारकों, व्यवहार्यता विश्लेषण, क्या करना एवं क्या नहीं करना और बागवानी-स्टार्टअप हेतु आवश्यक महत्वपूर्ण घटकों के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम का आयोजन सोसायटी फॉर डेवलपमेंट ऑफ सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर (एसडीएसएच) के सहयोग से किया गया था। कार्यक्रम में कुल 102 प्रतिभागियों ने भाग लिया। विशेषज्ञों के साथ एक-पर-एक बातचीत सत्र बहुत उपयोगी पाया गया। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में गहरी दिलचस्पी दिखाई एवं वक्ताओं से स्टार्टअप की स्थापना के दौरान आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में देश भर से विभिन्न इन्क्यूबेटरों, संस्थापकों, नवीन आविष्कार जनकों, निवेशकों, उद्यमियों, महिला उद्यमियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, हितधारकों एवं छात्रों ने भाग लिया। डॉ. एस. राजन ने बताया कि भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. बागवानी में उद्यमियों को समर्थन और सशक्त बनाने के लिए अत्यधिक प्रेरित है एवं संस्थान एग्री-बिजनेस इनक्यूबेशन केंद्र के माध्यम से इस दिशा में उच्च प्रयास कर रहा हैं। नवीन विचारों वाले संभावित उद्यमी, युवा एवं महिला उद्यमी आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बागवानी-उद्यमिता को भारत में बढ़ाने के लिए बागवानी क्षेत्र कई चुनौतियों से गुजर रहा है और हमें इन मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

ICAR-CISH, Lucknow conducted a panel discussion on “Challenges and Approaches for Boosting Horti-preneurship in India” on 12 January 2021. The objective of the event was to impart the knowledge of horti-preneurship development and capacity building to the potential enthusiastic youth for boosting the startups in horticulture. In panel discussion the experts, Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow; Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist, ICAR-CISH; Dr. T. Damodaran, Principal Scientist, ICAR-CSSRI, Lucknow; Dr. Jyoti Dewan from Shri Ramswaroop Memorial University, Lucknow; Mr. Ravi Pandey, IIT Kanpur and Mr. Hari Shankar, Founder & Managing Director, Agnys Waste Management Pvt. Ltd., Kanpur discussed about the horti-startup challenges, adoptive measures, winning factors, feasibility analysis, do and donots and necessary important components for horti-startups. The programme was conducted in association with Society for Development of Subtropical Horticulture (SDSH). Total 102 participants attended the programme. The one-on-one interaction session with experts was found to be very useful. Participants showed keen interest in the programme and discussed problems coming across during the establishment of startups to the speakers. In the event, various incubators, founders, innovators, investors, entrepreneurs, women entrepreneurs, scientists, academicians, stakeholders and students participated in the programme from all over the country. Dr. S. Rajan informed that the ICAR-CISH is highly motivated to support and empower the entrepreneurs in horticulture. We are putting high efforts in this direction through the Agri-Business Incubation Centre. Potential entrepreneurs, youth and women entrepreneurs with innovative ideas may apply. He stated that horticulture sector is going through many challenges in boosting the horti-preneurship in India and we need to address these issues.