भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 5 दिसम्बर 2017 को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। इसके अंतर्गत लखनऊ जिले के किसानों विशेषकर पौधशाला कर्मियों को उनकी नर्सरी की मृदा को किस प्रकार स्वस्थ रखते हुए रोगमुक्त पौध सामग्री तैयार की जाये विषय पर जानकारी दी गयी। डॉ. प्रकाश पाटिल परियोजना समन्वयक (फल) एआईसीआरपी ने इस समारोह की अध्यक्षता की और उन्होंने कहा कि बेहतर गुणवत्ता वाले फल उत्पादन के लिए मिट्टी का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। उन्होंने मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में पौधशाला स्वामियो को संवेदित करने में सीआईएसएच के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने कहा कि निरंतर उच्च उत्पादन की प्राप्ति के लिये मृदा स्वास्थ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है । फसलों के मृदा स्वास्थ्य तथा संतुलित पोषक तत्वों के प्रयोग के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने किसानों में 10 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये हैं। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ भी इस दिशा में योगदान दे रहा है तथा मृदा दिवस के अवसर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित करता रहा है। इस मृदा दिवस कार्यक्रम में किसान, पौधशाला स्वामी, वैज्ञानिक एवं तकनीकी अधिकारियों सहित लगभग 70 लोग सम्मिलित हुए।
World Soil Day
World Soil Day was celebrated by ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow on 5th December 2017 to sensitize farmers especially nurserymen of Lucknow district towards keeping nursery soil healthy for the production of disease free planting material. Dr. Prakash Patil, Project Co-ordinator of AICRP, Fruits chaired this function and he told that ‘Soil health is important for better quality fruit production and he appreciated the efforts of CISH in sensitizing the nurserymen about the soil health’. On the occasion Director of the Institute, Dr. Shailendra Rajan told “Soil health is important for sustainable food production system”. Keeping in view the importance of soil health and balance nutrition application to crops, Government of India has already distributed over ten crores of soil health cards to the farmers in the country. ICAR-CISH is also contributing in this direction and soil health cards were distributed to the farmers on the occasion of world soil day. Farmers, nurserymen, scientists and technical officers (70) attended the programme.