भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में 21.12.2018 को संघ की राजभाषा नीति के अनुपालन में अक्टूबर से दिसंबर, 2018 की बीच आयोजित की जाने वाली हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में वक्ता के रूप में श्री जीतेन्द्र नाथ पांडेय, सेवानिवृत्त प्राध्यापक, लखनऊ विश्वविद्यालय आमंत्रित किये गए थे। श्री पांडेय जी ने अपने व्याख्यान में रस, छंद आदि पर प्रकाश डालते हुए रामचरित मानस और रामायण में वर्णित राम-सीता के प्रेम के साथ सूरदास द्वारा राधा-कृष्ण की प्रेम पर किये गए परमात्मा के प्रेम प्रसंग की सप्रसंग व्याख्या की। इसके अलावा श्री पांडेय जी ने कबीरदास, बिहारी आदि प्रसिद्द कवियों पर भी चर्चा की| उन्होंने भक्तिकाल, रीतिकाल एवं आधुनिककाल पर भी विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिए। उन्होंने वर्ण-विन्यास के साथ-साथ शब्द रचना, पारिभाषिक शब्दावली आदि विषयों पर भी अभिभाषण दिया। हिंदी कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ घनश्याम पांडेय, प्रभारी निदेशक ने की। मुख्य अतिथि का स्वागत डॉ. सुशील कुमार शुक्ल,प्रधान वैज्ञानिक द्वारा किया गया जबकि कार्यक्रम का सञ्चालन श्री धीरज शर्मा, सहायक निदेशक (राजभाषा) ने किया।