A group of 35 farmers from Mahoba district of Uttar Pradesh visited ICAR-CISH Lucknow on 27th September, 2023. Farmers were sensitized about subtropical fruit production, protection, processing and improved varieties for enhancing income. To maintain soil and tree health, use of nano-Urea, nano-DAP and sulphur coated urea were explained. Farmers were also sensitized about the scientific management of disease and insects in brinjal and Chilli. The role of protected cultivation for producing quality vegetables was explained. In order to meet the nutritional requirements and also to improve farmers’ income across country,farmers were made aware of newly released vegetable varieties like high yielding potato (Kufri Pukraj), bitter gourd (Pusa Hybrid-4) and cucumber (Long Green-DC83). The scientific ways of vegetable production in river basins and also organic vegetable cultivation was explained. Farmers were encouraged to grow underutilized fruits like bael and aonla with drip irrigation cum mulching. Scientific cultivation of karonda, mango varieties like Dashehari, Mallika, Amrapali were presented. Role of nutrient management for enhancing nutrient rich guava production was presented. Hindi literature on scientific vegetables production (Kufri Pukraj, bitter gourd and cucumber), improved Karonda production along with pest controls (Brinjal, Chilli and Fusarium wilt in Banana etc.) were distributed among the farmers. During field visits, farmers were explained about advanced technologies for mango and guava production. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Dr. Tarun Adak, Senior Scientist delivered lectures and interacted with the farmers. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Tarun Adak, Senior Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO organized the visit.
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के 35 किसानों के एक समूह ने 27 सितंबर, 2023 को भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ का भ्रमण किया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उपोष्णकटिबंधीय फलों के उन्नत किस्मों की उत्पादन तकनीक, संरक्षण, प्रसंस्करण के बारे में किसानों को जागरूक किया गया। खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में फलों और सब्जियों के महत्व पर चर्चा की गई। मिट्टी और पेड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नैनो-यूरिया, नैनो-डीएपी और सल्फर कोटड यूरिया के उपयोग के बारे में बताया गया। किसानों को बैंगन और मिर्च में रोग और कीड़ों के वैज्ञानिक प्रबंधन के बारे में भी जागरूक किया गया। गुणवत्तापूर्ण सब्जियों के उत्पादन के लिए संरक्षित खेती की तकनीक के बारे में बताया गया। पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और देश भर में किसानों की आय में सुधार करने के लिए, किसानों को उच्च उपज वाले आलू (कुफरी पुखराज),करेला (पूसा हाइब्रिड-4) और ककड़ी (लॉन्ग ग्रीन-डीसी 83) जैसी नई की किस्मों के बारे में जागरूक किया गया। सब्जी उत्पादन के वैज्ञानिक तरीकों और जैविक सब्जी की खेती के बारे में भी बताया गया। किसानों को ड्रिप सिंचाई एवंमल्चिंग के साथ बेल और आंवला जैसे उपयोगी फलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। दशहरी, मल्लिका, आम्रपाली जैसी आम की किस्मों की वैज्ञानिक खेती की चर्चा की गई। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन के लिए जल संरक्षण के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन के महत्व को भी समझाया गया। पोषक तत्वों से भरपूर अमरूद के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पोषक तत्व प्रबंधन की उपयोगिता प्रस्तुत की गई। वैज्ञानिक सब्जियों के उत्पादन उन्नत करोंदा उत्पादन के साथ-साथ कीट नियंत्रण (बैंगन, मिर्च और केले में फ्यूजेरियम विल्ट आदि) पर हिंदी साहित्य किसानों को वितरित किया गया। प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान किसानों को आम और अमरूद उत्पादन की उन्नत तकनीकों के बारे में बताया गया। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक और डॉ. तरूण अदक, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने व्याख्यान दिया और किसानों के साथ बातचीत की। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. तरूण अदक, वरिष्ठ वैज्ञानिक और श्री अरविंद कुमार, स.मु.त.अ .ने बैठक और भ्रमण का आयोजन किया।