Kisan Gosthi ( किसान गोष्ठी )

Kisan Sammelan cum live Webcast of 17th PM Kisan Programme.

A Kissan Sammelan cum Webcast Prgogramme was organised at ICAR-CISH, Krishi Vigyan Kendra, Malda (W.B.) on the occasion of release of grant to the eligible beneficiaries of 17th PM Kissan Samman Nidhi on 18.06.2024. During the programme a live webcast of Honble Prime Ministers programme was broadcasted to the farmers and farm women of Malda District under the chairmanship of Dr. D. K. Raghav, Head of KVK Malda. In the event, Shri Shantanu Thakur Honble Minister of State for Ports, Shipping and Waterways, Government of India participated as the Chief Guest. He visited the KVK administrative buildings, Laboratory and Farm and planted a Sapota sapling near the KVK Guest House. In his address, the chief guest informed the farmers about the schemes launched by the Government of India for farmers welfare. He said, Kisan Samman Nidhi is one of the most popular schemes in the world which directly benefits the farming community. A Farmers- Scientist interaction was held on Natural farming and income generation of farmers community with active participation of resource persons from the office of Deputy Director (Horticulture), Asst. Director Agriculture (Admin.), Dr. D. K. Raghav (Sr. Scientist cum Head), Dr. Dipak Nayak, Dr. P. Barman, Dr. Shailesh Kumar, Mr. V.V. Diptikar, Mr. Nabin Kr. Das and resource person of IMD Malda. A total of more than 500 participants have benefitted from the program. During the programme, high yielding variety of Paddy Seeds sponsored by ICAR-CRIJAF was distributed among the farmers. Event Date:- 18-06-2024

Participation in State Level Kharif Productivity Goshthi- 2024 organized by Department of Agriculture Uttar Pradesh

Directorate of Agriculture, Uttar Pradesh organized one day (June12, 2024) State Level Kharif Productivity Goshthi and Exhibition at Indira Gandhi Pratishthan Lucknow. Scientist and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. The show was inaugurated by Honourable Minister of Agriculture, Agricultural Education & Research Uttar Pradesh Shri Surya Pratap Shahi on June12, 2024. Mango varieties viz Mallika, Amrapali, Arunika and Ambika, grafted plants of mango, guava and Beal, mango harvester, fruit fly trap, bio products and value added processed products of mango, guava, bael and aonla were made big attraction for visitors at the institute stall. After inauguration of Goshthi and exhibition, Honourable Minister of Agriculture Shri Surya Pratap Shahi, Minister of Agriculture (state) Shri Baldeo Singh Aulakh along-with senior officials of state department visited the stall. More than 2500 visitors including officials from various departments, farmers, women, students, visited the stall and benefited from the information on advance technologies developed by the institute. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO recorded feedback from the farmers and solved their queries regarding plant propagation, cultivation and harvesting method and plant protection of mango, guava, bael and jamun. Event Date:- 12-06-2024

बैगिंग तकनीक से आम बनेगा खास.

भा.कृ.अनु.प.केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत माल प्रखंड के अंगीकृत ग्राम नवीपनाह में दिनांक 25-04-2024 को बैगिंग तकनीक से आम बनेगा खास विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने बताया कि यदि किसान आमों की थैलाबन्दी कर दें तो फलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उन्हें अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और निर्यात में भी वृद्धि की जा सकती है। फार्मर फर्स्ट परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि आम में बैगिंग करने से कीट एवं बीमारियों का प्रकोप कम हो जाता है जिससे कीटनाशक का प्रयोग कम होता है। फल अन्दर से समान रूप से पकते हैं और पके हुए फलों में एक समान आर्कषक चमकदार रंग आता है जिससे किसानों को उचित दाम मिलता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला और डॉ. रवि एस.सी ने बैगिंग तकनीक के बारे में जानकारी दी। श्री राजधानी मैंगो पॉइंट, नवीपनाह के निदेशक उमंग गुप्ता ने किसानों को बताया कि किसानों के लिए बैग उपलब्ध है और अच्छी गुणवत्ता के आम किसानों से उचित दर पर क्रय किया जाएगा। इस कार्यक्रम में कुल 100 किसानों ने प्रतिभाग किया।

Event Date:- 25-04-2024

फार्मर फर्स्ट परयोजना के अंतरगर्त उधमिता विकास हेतु सहयोग महिला स्वयं सहायता समूह का गठन

महिलाओ को उधमिता से जोड़कर स्वावलम्बिन बनाने के लिए भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रेहमानखेड़ा द्वारा संचालित फार्मर फर्स्ट परयोजना एवं सहयोगी संस्था इरादा फार्मर प्रोडूसर कंपनी माल, लखनऊ के अंतरगर्त दिनक 06-11- 23 को माल प्रखंड के अंगीकृत ग्राम इब्राहिम भानपुर में महिला एवं स्वय सहायता समूह के गठन हेतु गोष्ठी का आयोजन कराया गया जिसमे 20 महिलाओ ने भाग लिया एवं सर्वसम्मिति से सदस्यों का चयन किया गया तथा समूह का नाम सहयोग महिला स्वयं सहायता समूह इब्राहिमपुर मॉल लखनऊ रक्खा गया परियोजना के मुख्य अन्वेषक ड़ॉ मनीष मिश्रा ने बताया कि इस क्षेत्र में आम के प्रससंस्करण, मशरूम उत्पादन, नर्सरी में प्रशिक्षित करके उधमिता को बढ़वा देना हैं! कृषि वैज्ञानिक ड़ॉ रवि एस.सी. एवं अलोक गुप्ता ने बताय कि समूह द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन में इरादा फार्मर प्रोडूसर कम्पनी मॉल, लखनऊ और संस्थान के एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर सहयोग करेगी इरादा के निदेशक दयाशंकर सिंह ने बताया की समूह का उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास हैं बल्कि सामाजिक दॄष्टिकोण से भी महिलाओ को सशक्त बनाने का है.

Event Date:- 06-11-2023

भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में आम के बागों में चारे की अंत फसली खेती विषय पर किसान गोष्ठी

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 01-12-2022 को माल-मलिहाबाद प्रखंड के अंगीकृत गाँव मोहम्मदनगर तालुकेदारी एवं इब्राहिमपुर, भानपुर में आम के बागों में चारे वाली फसलों की अन्तः फसली खेती पर किसान गोष्ठी एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्र ने बताया कि बागवानी के साथ पशुपालन भी करने वाले बागवानों को दुधारु और अन्य पालतू पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या से सामना करना पड़ता है। चार वर्ष पहले किसानों के बागों में अन्तःफसल बहुवर्षी चारा पैनिकम ग्रास का प्रदर्शन किया गया जो पशुपालको के लिए वरदान साबित हुई। इसको देखते हुए आम के बागों में अन्तःफसल के रूप में इस चारे को बढ़ावा दिया जा रहा है । कृषि वैज्ञानिक डॉ. भास्कर ने बताया की यह चारा छाया के प्रति काफी सहिष्णु है। यह प्रोटीन और विटामिन से भरपूर पशुओं के लिए एक उत्तम आहार की जरूरत को पूरा करता है। एक बार यह चारा लगाने पर 4 से 5 साल तक हरा चारा मिल सकता है। पहली कटाई बुवाई के 60-70 दिन बाद उसमे कल्ले फिर से निकलने लगते हैं, और 25-40 दिन में वह दोबारा पशुओं के खिलाने लायक हो जाता है। तथा कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.के.शुक्ल ने बताया की आम के बागों में पेड़ों की छांव के नीचे खाली जमीन में चारे की खेती कर अच्छा उत्पादन एवं अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही आम के वृक्षों में अगर सेंटर ओपेनिंग कर दी जाये तो अंत: फसलें उगाना और आसान हो जाता है । दिसम्बर का महीना आम में काट छांट हेतु उपयुक्त है। तथा किसान भाइयों को चाहिए की जिला उद्यान अधिकारी से अनुमति लेकर आम के बागों में सेंटर ओपेनिंग करनी चाहिए। इस तरह साल भर में आम के साथ दूसरी फसलें जैसे हल्दी, जिमीकंद, फर्न, गिन्नीघास (पैनिकम ग्रास) इत्यादि उगाकर किसान अपनी आय आसानी से दोगुनी कर सकते हैं। इस अवसर पर परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा, सह अन्वेषक डॉ. अनिल वर्मा, डॉ. एस. के. शुक्ला एवं डॉ. एस. सी. रवि एवं भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थायन, झांसी के कृषि वज्ञानिक डॉ. भास्कर सहित 40 किसानों ने किसान गोष्ठी में भाग लिया एवं प्रगतिशील किसानों के प्रक्षेत्र पर आम के बागों में पैनिकम ग्रास एवं हल्दी, फूलों की खेती, वर्मीकम्पोस्ट, विदेशी सब्जी, प्लॉस्टिक मल्चिंग तथा टपक सिचाई द्वारा शिमला मिर्च की खेती का भी भ्रमण किया गया।

Event Date:- 1-12-2022

ICAR-CISH conducted live telecast programme of 12th instalment of PM Kisan Samman Nidhi by PM with association of Kisan Gosthi programme.

भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.सं. में प्रधानमंत्री-किसान सम्मान सम्मलेन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण एवं किसान गोष्ठी

दिनांक 17 अक्टूबर 2022 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा,लखनऊ में प्रधानमंत्री-किसान सम्मान सम्मेलन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया एवं इस अवसर पर फल विषयक किसान गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार शुक्ल ने किसानों का अभिवादन किया। कार्यक्रम में माननीय नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारहवीं क़िस्त के अंतर्गत 16 हजार करोड़ रु की राशि को 8 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के खाते में सीधा ट्रांस्फर की। माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस अवसर पर एक राष्ट्र-एक उर्वरक, एक जिला-एक उत्पाद, प्राकृतिक खेती, अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष -2023, खेती में द्रोण का प्रयोग की भी चर्चा की। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डा. नीलिमा गर्ग ने बताया कि संस्थान अनुसूचित जाति परियोजना के अंतर्गत गांव में ही एक प्रसंस्करण इकाई की स्थापना करेगी। संस्थान के वैज्ञानिक डा. विशम्भर दयाल ने बताया कि गांवों में एक ही प्रकार का कार्य कर रहे किसानों के किसान उत्पादक संघ बनाया जाएगा। इस सम्मेलन से 1 करोड़ से भी अधिक किसान जुड़े। इस कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर 600 पी एम किसान समृद्धि केंद्रों का भी उद्घाटन किया। भारत ब्रांड के साथ एक राष्ट्र एक उर्वरक की योजना की शुरुवात की। किसान गोष्ठी में संस्थान के विभिन्न वैज्ञानिकों ने विविधसामयिक विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर किसानों को सब्जी-बीज किट भी वितरित किए गए। डा. सुशील शुक्ल ने किसानों से प्राकृतिक खेती और देशी गायों को अपनाने का आह्वान किया। आगामी जाड़े में आम के वृक्षों की उत्पादकता बढ़ाने हेतु वृक्षों में काट छांट/सेंटर ओपेनिंग/जीर्णोद्वार करने के लिए प्रेरित किया।

Event Date:- 17-10-2022

Farmer – scientist interaction cum Kisan Gosthi

किसान-वैज्ञानिक संवाद सह किसान गोष्ठी

भा.कृ.अ.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने 20 अगस्त, 2022 को नैबस्ती धनेवा, मलिहाबाद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में किसान-वैज्ञानिक संवाद सह किसान गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में डॉ. दुष्यंत मिश्र, डॉ. नरेश बाबू, डॉ. भारती किल्लाड़ी, डॉ. तरुण अदक और अरविंद कुमार ने सक्रिय रूप से भाग लिया। गोष्ठी में किसानों के साथ संवाद किया गया और सभी ने उत्साह से भाग लिया। आम के बागों में थ्रिप्स की समस्या और इसका नियंत्रण उत्पादकों के लिए गंभीर चुनौती के रूप में सामने आया। वैज्ञानिकों ने कीड़ों और रोग प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबंधन बेहतर गुणवत्ता वाले फल प्राप्त करने के लिए बागों के जिर्णौधार पर चर्चा की। किसानों की आय बढ़ाने के लिए एप्पल बेर की खेती जैसे फल विविधीकरण की भूमिका पर चर्चा की गई। किसानों और खेतिहर महिलाओं ने आम के बगीचों में हल्दी, अदरक को अंतरफसल के रूप में उगाने में रुचि दिखाई। किसानों को जामुन,आंवला,पपीता और नींबू की भी खेती के लिए प्रेरित किया गया। तुड़ाई उपरांत प्रसंस्करण के महत्व और फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन पर विस्तार से चर्चा की गई। महिलाओं ने तुड़ाई उपरांत प्रशिक्षण में रुचि दिखाई बातचीत का माहौल ऊर्जावान था। लगभग चालीस युवा लड़कियों और लड़कों, वृद्ध महिलाओं और पुरुषों ने से गोष्ठी में भाग लिया। वैज्ञानिक अमरूद की खेती, पपीते की खेती, कीट प्रबंधन, पुराने आम के बागों का कटाई-छटाई आदि के हिंदी साहित्य कृषक समुदाय के बीच वितरित किए गए। वास्तविक समयबद्ध कृषि सलाहकार और पालन किए जाने वाले आवश्यक प्रबंधन प्रोटोकॉल भी वितरित किए गए। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादकों को जागरूक करने के लिए सी.आई.एस.एच.-बायोएनहांसर का वितरण किया गया। सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किसान गोष्ठी का समापन किया गया। किसान गोष्ठी का आयोजन डॉ. तरुण अदक ने किया था।

ICAR-CISH was organized A farmer – scientist interaction cum kisan gosthi at Naibasti Dhaneva, Malihabad, Lucknow, UP on 20th August, 2022. Dr. Dushyant Mishra, Dr. Naresh Babu, Dr. Bharti Khiladi, Dr. Tarun Adak and Arvind Kumar actively participated in the programme. Interaction with the farmers was held and they enthusiastically participated in the gosthi. Problems of thrips in mango orchards and its control appeared as serious challenge for growers. Scientists discussed on the insects and disease managements to be followed, nutrient practices, rejuvenation of orchards for getting better quality fruits. The role of fruit diversification like cultivation of apple ber, was discussed for enhancing farmers income. Farmers and farm women’s shown interest in growing of turmeric, ginger as intercrops in the interspaces of mango orchards. Farmers were motivated to grow Jamun, aonla, papaya, and lemon as well. Importance of post harvest processing and value addition of fruits and vegetables were discussed in detailed. Women have shown interest in post harvest training. The interaction environment was energetic. About forty young girls and boys, old women and men took part in the gosthi sincerely. Hindi literatures of scientific guava cultivation, papaya cultivation, pest management, rejuvenation of old mango orchards etc. were distributed among the farming community. Real time bound agroadvisory and essential managemental protocol to be followed was also distributed. CISH-bioenhancer was distributed to sensitize growers to encourage organic cultivation. The kisan gosthi was concluded with vote of thanks to all the participants. The kisan gosthi was organized by Dr. Tarun Adak.

Event Date:- 20-08-2022

kisan gosthi organized at Tiknakheda, Malihabad

तिकोना खेड़ा, मलिहाबाद में किसान गोष्ठी का आयोजन

भा.कृ.अ.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने 18 अगस्त, 2022 को टिकनाखेड़ा, मलिहाबाद,में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. दुष्यंत मिश्र, डॉ. नरेश बाबू, डॉ. भारती किल्लाड़ी,डॉ. तरुण अदक और अरविंद कुमार ने सक्रिय रूप से भाग लिया। लगभग चालीस युवा लड़कियों और लड़कों,महिलाओं और पुरुषों ने गोष्ठी में भाग लिया। गोष्ठी में किसानों के साथ संवाद किया गया और सभी ने उत्साह से भाग लिया। आम के बगीचों में कम उत्पादकता, आम के पेड़ों का सूखना, पानी की कमी, जाला किट और अन्य कीट नियंत्रण की समस्याएं उत्पादकों के लिए गंभीर चुनौती बनकर उभरीं। वैज्ञानिकों ने अधिक फल उपज प्राप्त करने के लिए बाग प्रबंधन पर चर्चा की। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। कम पानी से उपज प्राप्त करने के लिए चावल की खेती में सिस्टम राइस इंटेंसिफिकेशन (S.R.I.) तकनीक का सुझाव दिया गया। कम अवधि में मौसमी आय में सुधार लाने के लिए किसानों को फूल उगाने के लिए प्रेरित किया गया। शूट गाल सिला, आम का तना भेदक, फल भेदक, जाला कीट और अन्य बीमारियों के नियंत्रण उपायों पर भी चर्चा की गई। बरसात के दिनों में किसानों को बरसात का पानी इकट्ठा करने की सलाह दी गई। गुणवत्तापूर्ण फल प्राप्त करने के लिए फलों के विकास के चरणों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करने का सुझाव दिया गया। महत्वपूर्ण फलों की विकास और वृद्धि जल संरक्षण और मल्चिंग के माध्यम से भी चर्चा की गई। आय और पोषण सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभिन्न सब्जियों को उगाने का सुझाव दिया गया। किसानों को समूहों में काम करने और अधिक लाभ के लिए एफ.पी.ओ. के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादकों को जागरूक करने के लिए सी.आई.एस.एच.- बायोएनहांसर का वितरण किया गया। कटाई उपरांत प्रसंस्करण की भूमिका और फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन पर विस्तार से चर्चा की गई। ग्रामीण परिवार के पोषण में सुधार के लिए किसानों को अपनी भूमि में शह्जन और आंवला जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। महिलाओं ने तुड़ाई उपरांत प्रशिक्षण में रुचि दिखाई है। बातचीत का माहौल बहुत ऊर्जावान था। वैज्ञानिक अमरूद की खेती, आंवला की खेती, पुराने आम के बागों का कटाई-छटाई, कीट प्रबंधन आदि के हिंदी साहित्य कृषक समुदाय के बीच वितरित किए गए। वास्तविक समयबद्ध एग्रोएडवाइजरी और पालन किए जाने वाले आवश्यक प्रबंधन प्रोटोकॉल को भी वितरित किया गया। सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किसान गोष्ठी का समापन किया गया। किसान गोष्ठी का आयोजन डॉ. तरुण अदक ने किया था।

ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Kisan Goshthi on 18th August, 2022 at Tiknakheda, Malihabad. Dr. Dushyant Mishra, Dr. Naresh Babu, Dr. Bharati Killadi, Dr. Tarun Adak and Arvind Kumar actively participated in the programme. About forty young girls and boys, women and men took part in the gosthi sincerely. Interaction with the farmers was held and they enthusiastically participated in the gosthi. Problems of low productivity in mango orchards, wilting of mango trees, lack of water availability, leaf webber and other pest control emerged as serious challenge for growers. Scientists discussed on the orchard management for getting higher fruit yields. Micronutrient management for quality fruit production was also discussed. System Rice Intensification (S.R.I.) technology in rice cultivation for getting yield with low water was suggested. Farmers were motivated to grow of flowers to increase alternate income in short duration. Control measures for shoot gall psylla, trunk borer, fruit borer, leaf webber and other diseases were discussed as well. During rainy season, farmers were advised to collect/harvest rainy water. Spraying of micronutrients for mango stage at marble and fruit developmental stages were suggested to get quality fruit. Water conservation at critical fruit growth and developments through mulching was also discussed. To enhance income and nutritional security, growing of various vegetables was suggested. Farmers were encouraged to work in groups and also to adopt FPO for more benefit. CISH-bioenhancer was distributed to sensitize growers to encourage organic cultivation. Role of post harvest processing and value addition of fruits and vegetables were discussed in detailed. Farmers were encouraged to add moringa and aonla in their land holding for improving nutrition of rural family. Women have shown interest in post harvest training. The interaction environment was very energetic. Hindi literatures of scientific guava cultivation, aonla cultivation, rejuvenation of old mango orchards, pest management etc. were distributed among the farming community. Real time bound agroadvisory and essential managemental protocol to be followed was distributed as well. The kisan gosthi was concluded with vote of thanks to all the participants. The kisan gosthi was organized by Dr. Tarun Adak.

Event Date:- 18-08-2022

ICAR-CISH-Krishi Vigyan Kendra, Malda organizes Kisan Mela

A Kisan Mela was organized jointly by Indian Oil Seeds and Produce Export Promotion Council, Mumbai, Ministry of commerce, Govt. of India, Indian Institute of Oil Seed Research, Hyderabad, and ICAR-CISH-Krishi Vigyan Kendra, Malda with support from Agrani Neo Farmers Producer Company Ltd., Habibpur on March 12, 2022.

In this Mela, about 1000 women farmers participated in the awareness programme on sesame cultivation. Many dignitaries, viz. Dr (Mrs.) Sujatha (Director, IIOR, Hyderabad), Mr Suresh Ramrakhiani (CEO, IOPEPC), Mr Ramesh Kolath (Dy CEO, IOPEPC), Mr. Mridul Halder (Additional District Magistrate – General, Malda), Dr (Mrs.) Rajni from AICRP Unit (Sesame), Jabalpur and experts like Dr Ramesh (Principal Scientist, IIOR), Dr (Mrs.) Ramya (Sr. Scientist, IIOR), Dr Pandey (AICRP- Sesame, Jabalpur), Dr Gupta (AICRP-Sesame, Jabalpur) graced the occasion.

During the Mela, an awareness programme was organized on sesame cultivation and various prospects of Sesame cultivation in details. At the end, vote of thanks was proposed by Dr Shailesh Kumar (SMS Fisheries).

Event Date:- 12-03-2022

Kisan Gosthi on topical management in orchards and live broadcast of Prime Minister programme

बागों में सामयिक कार्य पर किसान गोष्ठी एवं प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ में 1 जनवरी 2022 को बागों में सामयिक कार्य पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ. बंगाली बाबू (भूतपूर्व राष्ट्रीय निदेशक, राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेषी परियोजना) कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम के आरम्भ में, प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार शुक्ला ने किसानों का अभिवादन किया। इस अवसर पर, डॉ. नीलिमा गर्ग निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताया और किसानों को फल-सब्जी प्रसंस्करण से नए नए उद्यम के बारे में जानकारी दी। डॉक्टर बंगाली बाबू ने अपने संबोधन में कृषि में उद्यमिता विकास के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर, हुनर हाट, एमएसएमई जैसी परियोजना से जुड़कर किसान कैसे अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते है और अपने उत्पाद को देश एवं विदेशों में निर्यात करके आत्मनिर्भर कृषि एवं आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर सकते है। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. देवेंद्र पांडेय ने किसानों को संस्थान द्वारा विकसित आम, अमरूद, जामुन एवं आंवला के नवीनतम प्रजातियों के बारे में किसानों को अवगत कराया। डॉ. प्रभात कुमार शुक्ल ने एवं डॉ. गुंडप्पा ने आम में लगने वाले कीट एवं बीमारियों के प्रबंधन के बारे में अवगत कराया। डॉ. सुशील कुमार शुक्ल ने आम के पुराने बागों के जीर्णोद्धार से लाभ एवं उद्यान में उद्यम की अपार संभावनाओं के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम में 150 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

गोष्ठी के दौरान, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया। जिसमें माननीय नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के दसवीं क़िस्त के अंतर्गत 20 हजार करोड़ रु की राशि के ट्रांसफर से 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को लाभ दिया एवं किसान उत्पादक संघों को इक्विटी अनुदान जारी किया। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश भर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसान एवं उत्पादक संघों से रूबरू हुए तथा सामुदायिक आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए आह्वाहन किया। जिससे खेती के लागत में कमी आए तथा स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों का उत्पादन किया जा सके। उन्होने कहा कि प्राकृतिक खेती 21वीं सदी में भारतीय कृषि का कायाकल्प करने में बहुत मदद करेगा।

ICAR-CISH, Lucknow organized Kisan Gosthi on topical management in orchards on January 1, 2022. Dr. Bengali Babu, (former National Director, National Agricultural Innovation Project) is present as the chief guest of the programme. At the outset of programme, Dr. S.K. Shukla, Principal Scientist greeted the farmers. Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH highlighted Institutes achievements and informed the farmers about new ventures from fruit and vegetable processing. Dr. Bengali Babu in his address spoke about entrepreneurship development in agriculture. He told how farmers can start their own startup by joining projects like Agribusiness Incubation Center, Hunar Haat, MSME and export their products in the country and abroad and can make the dream come true of self-reliant agriculture and self-reliant India. Principal Scientist, Dr. Devendra Pandey apprised the farmers about the latest varieties of Mango, Guava, Jamun and Amla developed by the Institute. Dr. P.K. Shukla and Dr. Gundappa underlined about the management of pests and diseases in mango. Dr. S.K. Shukla informed about the benefits of rejuvenation of old mango orchards and the immense possibilities of entrepreneurship in the garden. More than 150 farmers participated in the programme.

During the gosthi, live broadcast of Prime Ministers programme was also done. In the program, Honorable Narendra Modi ji benefited more than 10 crore farmer families by transferring an amount of 20 thousand crores under the tenth installment of Prime Minister Kisan Samman Nidhi. and released equity grant to farmer producer unions. In this programme, Honorable Prime Minister Narendra Modi interacted with the farmers and producer unions doing excellent work across the country and called for promoting community based farming. Due to which the cost of farming can be reduced and healthy food can be produced. The Prime Minister said that natural farming will go a long way in transforming Indian agriculture in the 21st century.

Event Date:- 01-01-2022

Kisan gosthi and demonstration of mango canopy management technologies

आम के बगीचों में कटाई छंटाई एवं अन्य सामयिक कार्य” विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा द्वारा लखनऊ जनपद के माल प्रखंड के हन्नीखेड़ा (रायपुर) ग्राम में दिनांक 21 दिसंबर, 2021 को “आम के बगीचों में कटाई छंटाई और अन्य सामयिक कार्य” विषय पर एक किसान गोष्ठी आयोजित की गई। ग़ोष्ठी में संस्थान के वैज्ञानिकों सहित क्षेत्र के 100 किसानों ने भाग लिया । कार्यक्रम का आयोजन श्री अजयपति राय के बगीचे में किया गया। श्री राय ने संस्थान की निदेशक डा नीलिमा गर्ग और अन्य वैज्ञानिकों एवम किसानों का स्वागत किया । कार्यक्रम में हन्नीखेड़ा के ग्राम प्रधान श्री सियाराम यादव ने वैज्ञानिकों को किसानों की आम सम्बंधी समस्याओं से अवगत कराया।

इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग ने आम के पुराने एवम अनुत्पादक बागों को पुन: उत्पादक बनाने के लिये कटाई छंटाई की आवश्यकता और संस्थान द्वारा विकसित आम के जीर्णोद्धार की नवीनतम तकनीक अपनाने पर जोर दिया। साथ ही किसानों की अमदानी बढ़ाने हेतु आम के बगीचों में हल्दी, पैनिकम ग्रास, जिमीकंद, फर्न आदि के अंतराशस्यन पर भी बल दिया। आम के सुरक्षित डंठल सहित तुडाई, चेंप निकालना, उचित श्रेणीकरण एवम मूल्य सम्वर्धन से आम किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाया जा सकत है।

इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा सुशील कुमार शुक्ल और डा दुष्यंत मिश्र ने आम की जीर्णोद्धार तकनीक की प्रक्रिया का किसानों के समक्ष प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आम की पुरानी तकनीक में वृक्ष की सारी शाखाओं को एक साथ काटने के कारण अक्सर तना बेधक कीट के प्रकोप के कारण 20-40 प्रतिशत तक पौधे मर जाया करते थे। इसलिये तकनीक में संशोधन किया गया और अब पौधे की दो –दो शाखाओं को प्रतिवर्ष काट्कर तीन वर्ष में जीर्णोद्धार की प्रक्रिया पूरी की जाती है । वृक्ष की शाखाओं को ठूंठ छोड़ते हुए काटने का समय दिसम्बर से 15 जनवरी तक है । वृक्ष में अगर कोई बीचोबीच सीधी जाने वाली शाखा है तो उसका विरलन कर सम्पूर्ण रूप से निकाल देते हैं जिससे कि पौधे को पर्याप्त रोशनी मिल सके।

इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा देवेंद्र पांडेय ने किसानों का आह्वान करते हुए आम की नवीनतम किस्मों यथा आम्रपाली, मल्लिका, अम्बिका, अरुणिका आदि लगाने का सुझाव दिया । फसल उत्पादन प्रभाग के अध्यक्ष डा राम अवध राम ने आम की जैविक खेती और विभिन्न जैविक उत्पादों जैसे जीवामृत, अमृतपानी, घन जीवामृत, बीजामृत, केंचुए की खाद, बायोडाय्नमिक खाद आदि बनाने के गुर सिखाये। आम के बागों में रोग और कीट प्रबंधन की जानकारी देते हुए डा पी के शुक्ल और डा गुंडप्पा ने संस्तुत दवाओं का संस्तुत मात्रा में उचित समय पर छिडकाव पर जोर दिया । अनावश्यक और अत्यधिक छिड़काव से न सिर्फ उत्पादन लागत बडः‌अतई है बल्कि फलों में जहरीले रसायन की मात्रा भी बढ़ने की सम्भावन रहती है । कार्यक्रम का संचालन डा दुष्यंत मिश्र ने और धन्यवाद ज्ञापन डा विशम्भर दयाल ने किया।

ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture organized a kisan gosthi and demonstration of mango canopy management technologies at Hannikhera, Raipur village in Maal block of Lucknow on December 21, 2021. On the occasion, Dr NeelimaGarg, Director of the Institute stressed the need for judicious pruning of mango trees in accordance with the age of trees as old unproductive mango trees require rejuvenation pruning while the mid age orchards need only centre opening by thinning out or few centrally located branches. She also stressed the need for safe harvesting, post-harvest handling and value addition of mango fruits in order to enhance the farmers’ income manifold. Mr. SiyaramYadav village Pradhan apprised the scientists of the problems faced by mango farmers. Mr AP Rai welcomed the Director and scientists of the Institute.

Dr. S.K. Shukla and Dr. Dushyant Mishra, Principal Scientists of the Institute not only described different steps of refined mango rejuvenation technology developed by the Institute but also demonstrated the process of pruning mango trees. In the new technology, after thinning out of centrally located branches from old unproductive trees only two branches located opposite to each other headed back leaving a stump of 1.5 – 2 m, which develops new shoots and secondary branches as desired. Remaining branches give fruiting upto 100 to 150 kg/tree in the first year. In the second year, next two branches are headed back while rests are headed back in the third year. Thus the process in completed in three years, this not only ensures regular income to farmers but also avoids damage by stem borer which otherwise may kill 20-40 % trees. There is need to grant the permission to farmers for such pruning easily by state departments in order to promote adoption of this technology.

Dr Devendra Pandey Head Crop Improvement advised the farmers to adopt newer varieties like Ambika and Arunika of mango and Shweta, Dhawal, Lalit of guava. Dr Ram Awadh Ram Head, Crop Production also described the organic production technologies and preparation of organic inputs like jeevamrit, amritpani, etc for maintaining soil health and crop productivity. Dr PK Shukla and Dr Gundappa advised the farmers for needbased spray of chemicals at critical stages to minimize the number of sprays and reduce cost of production. Dr Dushyant Mishra conducted the whole programme and Dr Vishambhar Dayal, Scientist proposed formal vote of thanks.

Event Date:- 21-12-2021

Gosthi organized at Ganchapa, Kanth, Shahjahanpur

गंचपा, कंठ, शाहजहांपुर में गोष्ठी का आयोजन

भाकृअनुप-भा.कृ.अनु.स., लखनऊ ने दिनांक 07 दिसंबर, 2021 को शाहजहांपुर जिले के कंठ प्रखंड के ग्राम गंचपा में स्थित आम के बाग में आम और अमरुद की उन्नत बगवानी तकनीकी नामक गोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। कृ.वि.के., शाहजहांपुर ने इसकी व्यवस्था करने में मदद की और इसमे कृ.वि.के. के 4 वैज्ञानिकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम में 80 से अधिक किसानों ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस.के. शुक्ला एवं डॉ. पी.के. शुक्ला ने किसानों को आम के उत्पादन और संरक्षण तकनीकों से अवगत कराया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत मिश्रा ने अमरूद उत्पादन के लाभों के बारे में बताया। डॉ. आर.ए. राम ने फसल उत्पादन में गांव में उपलब्ध जैविक उत्पादों के उपयोग के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. पी.के. शुक्ला. किसानों को आम के उकठा रोग प्रबंधन एवं आम के थ्रिप्स प्रबंधन पर फोल्डर बांटे।

ICAR-CISH, Lucnow organized a gosthi cum training programme entitled, Aam aur amrud ki unnat bagvani takniki in a mango orchard located in village Ganchapa of Kanth block of Shahjahanpur district on December 07, 2021. The KVK, Shahjahanpur helped in arranging the programme and 4 scientists of KVK actively participated. More than 80 farmers participated in the programme. Principal Scientist, Dr. S.K. Shukla and Dr. P.K. Shukla apprised the farmers about on the production and protection technologies of mango. Principal Scientist, Dr. Dushyant Mishra informed about the benefits of guava production. Dr. R.A. Ram explained about the use of organic products available at village in crop production. In the end of programme, technique to diagnose the reason behind decline or wilt of mango trees was practically demonstrated by Dr. P.K. Shukla. The folders on Mango Wilt Disease Management and Management of Mango Thrips were distributed to the farmers.

Event Date:- 07-12-2021

Kisan Gosthi organized at ICAR-CISH, Lucknow

भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में किसान गोष्ठी का आयोजन

अवध आम उत्पादक एवं बगवानी समिति (एएयूबीएस), एक समुदाय आधारित संगठन, जो आम-उत्पादकों की आय में सुधार करने में लगा है, ने 25 नवंबर, 2021 को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ के सहयोग से किसान गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अन्य गणमान्य व्यक्ति, डॉ. सुग्रीव शुक्ला (उप निदेशक, निर्यात प्रकोष्ठ) श्री ए.के. श्रीवास्तव (एमडी, हैफेड) श्री टी.पी. चौधरी (अपर निदेशक, कृषि) डॉ. आर.के. तोमर (निदेशक, उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश) अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में बागवानी फसलों के निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा करना था। कार्यक्रम के दौरान नई तकनीक के विकास के लिए डॉ. हरि शंकर सिंह, डॉ. राम अवध राम, डॉ. गोविंद कुमार और डॉ. इसरार अहमद को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. रघुवीर सिंह (अध्यक्ष, एएयूबीएस) एवं डॉ. श्री उपेंद्र सिंह (सचिव, एएयूबीएस) एवं अन्य अतिथि सदस्यों द्वारा किसानों को पौधों का वितरण किया गया।

Awadh Aam Utpadak Evam Bagwani Samiti (AAUBS), a community based organization, engage in improving the income of mango-growers, organized a Kisan Gosthi in collaboration with ICAR-CISH, Lucknow on November 25, 2021. More than 200 farmers were participated in this programme. On this occasion, Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH was present as chief guest. Other dignitaries, Dr. Sugriv Shukla, Deputy Director, Export Cell, Shri A.K. Srivastava, MD, HAFED, Shri T.P. Choudhary, Additional Director Agriculture, Dr. R.K. Tomar, Director, Horticulture Department, Uttar Pradesh were present as guest. The main aim of this gosthi was to discussed the possibilities of export of horticulture crops in Uttar Pradesh. During the programme, Dr. Hari Shankar Singh, Dr. Ram Avadh Ram, Dr. Govind Kumar and Dr. Israr Ahmed were felicitated for the development of new technology. At the end, the plant saplings were distributed to the farmers by Dr. Raghuveer Singh (President, AAUBS) and Dr. Shri Upendra Singh (secretary, AAUBS ) and other guest members.

Event Date:- 25-11-2021

ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organised Kisan Gosthi

भा.कृ. अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा कृषक गोष्ठी का आयोजन

भा. कृ. अनु. प.- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 12 अक्टूबर, 2021 को विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के तहत मलिहाबाद प्रखंड के ढकवा गाँव में वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें गांव के मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान विशम्भरनाथ सहित गांव के 150 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इसके अलावा बहुत से किसान एवं वैज्ञानिक ऑनलाइन माध्यम द्वारा भी कार्यक्रम से जुड़े। कार्यक्रम की शुरुआत में संस्थान के निदेशक डॉ शैलेन्द्र राजन ने कचरों से खाद बनाने के बारे में बताया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ राम अवध राम ने किसानों को जैविक खाद के बारे में जानकारी दी, उन्होंने जैविक खाद से होने वाली खेती के फायदे और रासायनिक खेती से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में किसानों को बताया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ अंजू बाजपाई एवं संचालन डॉ. मनीष मिश्र ने किया।

Under Special National Swacchta Campaign, ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organised Kisan Gosthi on the topic of Waste to Wealth in Dhakwa village of Malihabad block on October 12, 2021. The Gram Pradhan, Vishambharnath was present as chief guest. More than 150 farmers were participated in the programme. Apart from this, many farmers and scientists also joined the programme through virtual mode. At the outset of programme, Director, Dr. Shailendra Rajan, apprised the farmers about making of vermicompost from waste. Principal Scientist, Dr. Ram Avadh Ram informed the farmers about organic manure, he told the farmers about the benefits of organic farming and the side effects of chemical farming. The programme was coordinated by Principal Scientist, Dr. Anju Bajpai and conducted by Dr. Manish Mishra

Event Date:- 12-10-2021

Programme on promotion of Farm mechanization for better farm return for tribal farmer and Farmers meet

आदिवासी किसान के लिए बेहतर कृषि मुनाफा हेतु कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा एवं किसान सभा का कार्यक्रम

डॉ. राम कृष्ण पाल (पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र, सोलापुर, महाराष्ट्र और भूतपूर्व प्राध्यापक एवं प्रभागाध्यक्ष, फल विज्ञान एवं तुड़ाई उपरांत प्रौद्योगिकी) ने मुख्य अतिथि के रूप में, डॉ. अभिजीत कार (प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-भा.कृ.अनु.सं., नई दिल्ली) अतिथि के रूप में एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति, श्री बिस्वजीत घोष (बैंकिंग सलाहकार, जिला ग्रामीण विकास प्रकोष्ठ, मालदा जिला प्रशासन), श्री सुसंता सेन (मुख्य बैंक मैनेजर), श्री मिथिलेश कुमार (क्षेत्र प्रबंधक, राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, सिलीगुड़ी), श्री भूपेंद्र जोशी (क्षेत्र प्रबंधक, राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, मालदा) ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

कार्यक्रम की शुरुआत में, डॉ. दीपक नायक (वैज्ञानिक एवं प्रभारी, भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., क्षे.अनु.कें. एवं के.वी.के., मालदा) ने आदिवासी किसानों की आजीविका सुधार हेतु भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., क्षे.अनु.कें., मालदा एवं भा.कृ.अनु.प.-भा.कृ.अनु.सं., नई दिल्ली द्वारा समर्थित उन्नत मशीनों और नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए आदिवासी किसानों की सराहना की। उन्होंने गहन कृषि एवं बागवानी हेतु उन्नत मशीनों के भी सहायक होने का उल्लेख किया। डॉ. अभिजीत कार ने सभी गोद लिए गए गांवों में कार्यक्रम के गहन कार्यान्वयन के लिए खुशी व्यक्त की। श्री मिथिलेश कुमार ने बीज उद्योग की स्थापना के लिए एक साथ काम करने और बेहतर मुनाफा के उद्देश्य से गुणवत्तापूर्ण बीज आपूर्ति हेतु श्रृंखला बनाने के लिए रुचि दिखाई।

एसटीसी घटक 2020-21 के तहत, भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं. , क्षे.अनु.कें., मालदा ने भा.कृ.अनु.प.-भा.कृ.अनु.सं. नई दिल्ली के साथ मिलकर मालदा (प.ब.) जिले के हबीबपुर प्रखंड के केंदपुकुर गांव में दिनांक 7 जनवरी, 2021 को "आदिवासी किसान के लिए बेहतर कृषि मुनाफा हेतु कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा" पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। संस्थान द्वारा राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड, मालदा कार्यालय, पश्चिम बंगाल के साथ संयुक्त रूप से एक किसान सभा भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में हबीबपुर प्रखंड के अंतर्गत गोद लिए गए 78 आदिवासी गाँवों से 1050 से अधिक सक्रिय आदिवासी महिला किसानों (जागृति) ने भाग लिया। कोविद-19 से सुरक्षा उपायों के रूप में सभी किसानों को मास्क एवं हेड कवर वितरित किए गए।

डॉ. राम कृष्ण पाल ने पिछले दो वर्षों के दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को अपनाकर आदिवासी महिलाओं की आजीविका में हुए बदलाव का उल्लेख किया। उन्होंने इन आदिवासी महिलाओं को शामिल करके खाद्य प्रसंस्करण पर कुटीर उद्योग की स्थापना में रुचि दिखाई जो कि भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., क्षे.अनु.कें., मालदा के अग्रिम खाद्य प्रसंस्करण केंद्र से समस्त प्रशिक्षण एवं हैंडहोल्डिंग प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जागृति सदस्यों की गतिविधियाँ निश्चित रूप से दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी। कार्यक्रम के दौरान, भा.कृ.अनु.प.-भा.कृ.अनु.सं., नई दिल्ली द्वारा 80 पहिया-कुदाल एवं 60 पैडल संचालित धान थ्रेशर भी वितरित किए गए। डॉ. दीपक नायक ने कार्यक्रम का समन्वय किया और सभी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को उनके सक्रिय समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

Under STC Component 2020-21, ICAR-CISH, RRS, Malda in collaboration with ICAR-IARI, New Delhi organized a programme on Promotion of Farm Mechanization for better farm returns of tribal farmers at Kendpukur village of Habibpur block, Malda (W.B.) on January 7, 2021. On the same day, a farmer’s meet was also jointly organized by National Seed Corporation Ltd., Malda office, West Bengal & ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture Regional Research Station, Malda. More than 1050 active tribal women farmers (Jagriti) participated from 78 adopted tribal villages under Habibpur block. Mask and head covers distributed to all the farmers as safety measures from Covid-19.

Dr. Ram Krishna Pal (Former Director ICAR-National Research Centre on Pomegranate, Solapur, Maharashtra & Former Professor and Head Division of Food Science and Post Harvest Technology, ICAR-IARI, New Delhi) graced the programme as a chief guest, Dr. Abhijit Kar (Principal Scientist, ICAR-IARI, New Delhi) as Guest of Honour and other dignitaries like, Mr. Biswajit Ghosh (Banking Advisor, District Rural Development Cell, Malda District Administration), Mr. Susanta Sen (Lead Bank Manager), Mr. Swapan Sen (Former Bank Manager, Malda), Mr. Mithilesh Kumar (Area Manager, National Seed Corporation Ltd, Siliguri), Mr. Bhupendra Joshi (Area Manager, National Seed Corporation Ltd, Malda) were also present.

At the outset, Dr. Dipak Nayak (Scientist & In-charge, ICAR-CISH RRS and KVK, Malda) lauded for adoption of advanced machineries and new technologies being supported by ICAR-CISH RRS, Malda and ICAR-IARI, New Delhi with aim to have livelihood improvement of tribal farmers. He also mentioned that adoption of advanced machineries will be helpful for intensive agricultural and horticultural practices. Dr. Abhijit Kar has shown happiness for intensive implementation of the programme at all the adopted villages. Mr. Mithilesh Kumar shown interest to work together for establishing seed industry and make the chain for quality seed supply with aim to have better returns.

Dr. Ram Krishna Pal mentioned the changes in livelihoods of tribal women by adopting various kinds of activities during the last two years. He shown interest to be establishment of cottage industry on food processing by involving these tribal women which may get all sorts of training and handholding from Advance Centre on Food Processing, ICAR-CISH RRS, Malda. He also said that the activities of Jagriti members will certainly set an example for others. During the programme, 80 wheel hoe and 60 nos of pedal operated paddy thresher were distributed by ICAR-Indian Agricultural Research Institute, New Delhi. Dr. Dipak Nayak coordinated the programme and thanked all the field workers for their active support.

Event Date:- 07-01-2021

Kisan gosthi on production of high value off season crops

उच्च मूल्य वाली गैर-मौसमी फसलों के उत्पादन पर किसान गोष्ठी

अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 4 नवंबर, 2020 को उच्च मूल्य वाली गैर-मौसमी फसलों के उत्पादन पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमे मॉल एवं काकोरी प्रखंड के 23 गावों के छोटे एवं सीमान्त किसान और बागवान मित्र सहित कुल 156 लोगों ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस.आर. सिंह ने किसानों को सब्जियों की उत्पादन तकनीक से अवगत कराया। निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., डॉ. शैलेन्द्र राजन ने उच्च मूल्य वाली गैर-मौसमी फसलों के उत्पादन एवं उनसे होने वाले आर्थिक लाभ के बारे में किसानों को जागरूक किया। कार्यक्रम के दौरान, 500 किग्रा लहसुन (किस्म जी-282 एवं जी-50), 25 किग्रा रबी प्याज, 25 किग्रा खरीफ प्याज, ब्रोकोली के पौधे (60000), टमाटर, बैगन, शिमला मिर्च, मिर्च, सलाद, चायनीज गोभी, पत्तेदार हरी सरसों के पौधे (125000 पौधे) एवं वर्मीबेड किसानों को वितरित किए गए। गोष्ठी का संचालन एवं समन्वय प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार द्वारा भारत सरकार के कोविड-19 दिशानिर्देश का पालन करते हुए किया गया।

Under SCSP, ICAR-CISH, Lucknow organized one day Kisan gosthi on "Production of high value off season crop" on November 4, 2020. A total of 156 participants including small and marginal farmers and Bagwan mitra from 23 villages of Mall and Kakori block were participated. Principal Scientist, Dr S.R. Singh apprised to farmers about production technology of vegetables. Director, ICAR-CISH, Dr. Shailendra Rajan sensitized to farmers about production of high value off season crop and the economic benefits resulting from them. During the programme, input of garlic var G-282 and G-50 (500 kg), rabi onion (25 kg), kharif onion (25 kg), broccoli seedlings (60000), seedlings of tomato, brinjal, capsicum, chilli, lettuce, pakchoi, leafy green mustard (125000 seedlings) and vermibed were distributed to the farmers. The Gosthi was conducted and coordinated by Dr. Ashok Kumar observing the Covid-19 guideline as directed by GOI.

Event Date:- 04-11-2020

Organization of Kisan Gosthi under Farmer First Project

फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत किसान गोष्ठी का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.स. लखनऊ एवं भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी के संयुक्त प्रयास एवं फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत किसान की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य हेतु मोहम्मदनगर तालुकेदारी गाँव में दिनांक 19 सितम्बर 2020 को किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे 50 से अधिक स्थानीय किसानों ने भाग लिया। संस्थान द्वारा किसानों को बहुवर्षी ज्वार की नवीनतम किस्म कोएफएस-29 के बीज को 50 किसानों को प्रदर्शन हेतु दिया गया। किसानों को कोएफएस-29 के बीज के गुणों, बुवाई, चारा उत्पादन, कटाई एवं अंत:फसल के बारे में बताया गया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस. के. शुक्ल ने कार्यक्रम का समन्वय किया। गोष्ठी का आयोजन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया गया था।

Under Farmer First Project, ICAR-CISH, Lucknow and ICAR-Indian Grassland and Fodder Research Institute, Jhansi jointly organized the Kisan Gosthi on September 19, 2020 at Mohammadnagar Talukedari village with aim of increasing farmers income. More than 50 local farmers were participated in programme. The seeds of latest perennial variety of Sorghum CoFS-29 were provided to 50 farmers for demonstration. Farmers were educated about seed quality of COFS-29, sowing, fodder production, harvesting and intercropping. Principal scientist, Dr. S.K. Shukla coordinated the programme. The Gosthi was conducted by following the social distance as directed by GOI.

Event Date:- 19-09-2020

Kisan Mela cum Horticulture Seminar organized in Hathras

हाथरस में किसान मेला सह बागवानी संगोष्ठी का आयोजन

जिला औद्यानिक मिशन योजना के अंतर्गत जनपद स्तरीय दो दिवसीय किसान मेला सह बागवानी संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 12.09.2019 से 13.09.2019 को कृषि उत्पादन मंडी समिति द्वारा हाथरस में किया गया। जिसमें लगभग 450 किसानो ने भाग लिया। किसान मेले में माननीय विधायक श्री रामशंकर माहौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर, डॉ दिनेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने औद्यानिक फसलों में ड्रिप सिचाई के महत्व पर विस्तार से चर्चा की तथा किसानो के प्रश्नो का उत्तर भी दिया।

Under District Horticulture Mission Scheme, two days district level Kisan Mela-cum- Horticulture Seminar was organized from 12.09.2019 to 13.09.2019 at Hathras by Krishi Utpadan Mandi Samiti. A total of 450 farmers participated in the programme. Honourable MLA Shri Ramshankar Mahore was the chief guest of Kisan Mela. On this occasion, Dr. Dinesh Kumar, Principal Scientist, ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow underlined the importance of drip irrigation in horticultural crops and also answered the queries of farmers.

Event Date:- 12-09-2019

Precision farming technology dissemination to empower farmers

किसानों को सशक्त बनाने हेतु सुनोयोजित कृषि तकनीकी जानकारी

जिला औद्यानिक मिशन के अन्तर्गत नवभारत सभा भवन, ठण्डी सड़क, फर्रूखाबाद में आयोजित दो दिवसीय मेला में दिनांक 26.08.2019 को सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र (पी.एफ.डी.सी.), भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., लखनऊ ने प्रतिभाग किया। इस मेले में जिले के लगभग 400 से अधिक किसानों ने भाग लिया। किसानों के अतिरिक्त जिला अधिकारी मोनिका रानी, मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेन्द्र पैंसिया, उपनिदेशक श्री घनश्याम यादव एवं विधायक श्री नागेन्द्र सिंह, श्री सुशील शाक्य के अलावा कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। किसानों को सरकार द्वारा चलायी जा रही कृषि से सम्बन्धित योजनाओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अधिक पैदावार के चक्कर में रसायनिक खाद का प्रयोग करने से होने वाले हानिकारक प्रभावों एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जानकारी दी गयी। उद्यान विभाग, फर्रूखाबाद द्वारा व्यख्यान हेतु आमंत्रित डा. एस. आर. सिंह प्रधान वैज्ञानिक एवं पी.आई. पी.एफ.डी.सी. ने संरक्षित खेती, एवं आलू में टपक सिंचाई के उपयोग पर जानकारी दी और बताया कि पॉलीहॉउस एवं शेडनेट हाउस का कैसे सही उपयोग करके किसान अपनी आय को दोगुना करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कैनोपी मैनेजमेन्ट एवं सघन बागवानी पर चर्चा करते हुए डा. मनोज कुमार सोनी ने कम क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन करने तथा संस्थान द्वारा आम एवं अमरूद की विकसित नई प्रजातियों की जानकारी दी। फर्रूखाबाद जिले में आयोजित यह मेला किसानों की आय में वृद्धि के लिए एक आयाम प्रदान करेगा।

ICAR-CISH (PFDC), Lucknow participated in the two-day farmers fair organized at Navbharat Sabha Bhawan, Farrukhabad, under State Horticulture Mission on 26.08.2019. More than 400 farmers participated in the event. District Magistrate Monika Rani, Chief Development Officer Dr. Rajendra Pansia, Deputy Director (Hort.) Shri Ghanshyam Yadav and Local MLAs Shri Nagendra Singh and Shri Sushil Shakya were also present on the occasion. Farmers were acquainted by different schemes run by the government in detail. Scientist advocated to adopt organic farming for quality production and to avoid harmful effects of chemical fertilizers, pesticides. The techniques of protected cultivation, water saving through use of drip irrigation in potatoes and success in doubling their income was discussed by Dr. S. R. Singh, Principal Scientist and P.I. P.F.D.C. Dr. Manoj Kumar Soni provided tips for higher production in lesser area through the high density planting and canopy management along with new varieties of mango and guava developed by the institute. This fair organized in Farrukhabad district will provide a dimension to increase the income of farmers.

Event Date:- 26-08-2019

ICAR-CISH organized Farmers Fair cum seminar for empowering scheduled castes farmers

अनुसूचित जाति के किसानों को सशक्त बनाने हेतु किसान मेला सह संगोष्ठी का आयोजन

अनुसूचित जाति के किसानों को सशक्त बनाने हेतु किसान मेला सह संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं ने अनुसूचित जाति के किसानों को कृषि तकनीकियो द्वारा सशक्तीकरण बनाने हेतु दिनांक 28.02.2019 को किसान मेला सह संगोष्ठी का आयोजन किया। इस मेले का उद्घाटन मलिहाबाद विधायक श्रीमती जय देवी कौशल द्वारा संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन की उपस्थिति में हुआ। किसान मेला में विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओ ने विकसित उत्पादों एवं तकनीकों का प्रदर्शनी स्टाल लगाया गया। जिसका अवलोकन 600 से अधिक किसानो ने किया। इसमें फार्मर-फर्स्ट से जुड़े किसानो के अपने कृषि उत्पादों जैसे कि सब्जी, फल, पौधे, फूल, मुर्गिया, अंडे, इत्यादि भी प्रदर्श के रूप में लगाया। अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग के किसानो के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श को पुरुस्कार भी दिए गए। अनुसूचित जाति के लघु एवं सीमान्त किसानों तथा उनकी आय बढ़ाने के लिए आवश्यक कृषि तकनीकों पर चर्चा की गयी। संगोष्ठी में सीमान्त किसानों के लिए उपयुक्त तकनीकों, पोषण वाटिका, मशरूम उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट एवं कम लागत की संरक्षित खेती पर व्याख्यान दिए गए।

On the occasion of National Science Day, ICAR-CISH organized an one day Farmers Fair cum Seminar for empowering scheduled castes farmers on 28.02.2019. The fair was inaugurated by Honourable Mrs. Jai Dev Kaushal, MLA of Malihabad along with Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Rehmankhera, Lucknow. In farmers fair, various government and non-government organizations showcased their products and technologies which was overviewed by more than 600 farmers. The farmers engaged with farmer-first also displayed their agricultural products such as vegetables, fruits, plants, flowers, hens, eggs etc. The best exhibition awards were also given to farmers of both scheduled castes and general category. The agricultural techniques needed to improve the income of small and marginal Scheduled Caste farmers were discussed. In the seminar, lectures were given on suitable farming for marginal farmers, nutritionist, mushroom production, vermi-compost and low cost protected farming.

Event Date:- 28-02-2019

Agriculture Exhibition and Farmers Gosthi

कृषि प्रदर्शनी और किसान गोष्ठी

On the occasion of birth anniversary of Pt. Deen Dayal Uppadaya, ICAR-CIRG organized Agriculture Exhibition and Farmers Gosthi at his birth place, Fareh, Mathura. In this exhibition ICAR-CISH also participated and install the exhibition stall. the exhibition has been opened for general public at 06/10/2018 but their inauguration has been done on 07/10/2018 by our honourable minister for Agriculture & Farmers welfare, Govt. Of India, Shri Radhamohan Singh. During this event demonstration of different advance technology related to agriculture was observed by honourable minister. On the next day, Hon’ble Governor of Jharkhand, Smt. Dropadi Murmu was the Chief Guest of closing ceremony. More than 500 farmers interacted and benefitted from the information of advance technology of mango, guava, bael, aonla & jamun given by Scientist of CISH during the exhibition.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के अवसर पर उनके स्मृति स्थल दीनदयाल धाम, फारेह, मथुरा में भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान द्वारा तीन दिवसीय (6-8 अक्टूबर ) कृषि प्रदर्शनी और किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ ने भी भाग लिया। कृषि प्रदर्शनी 06 अक्टूबर से जनता के लिए शुरू की गयी परन्तु इसका औपचारिक उद्घाटन माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री राधामोहन सिंह, भारत सरकार द्वारा दिनांक 07 अक्टूबर को किया गया। इस अवसर पर कृषि से सम्बंधित विभिन्न तकनीको का प्रदर्शन किया गया। जिसका अवलोकन कृषि मंत्री ने किया । प्रदर्शनी का समापन दिनांक 08/10/2018 को हुआ । जिसमे मुख्य अथिति के रूप में झारखण्ड की राज्यपाल उपस्थित थी। प्रदर्शनी में 500 से ज्यादा किसानो ने प्रदर्शनी स्टाल का अवलोकन किया और भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा आम, अमरुद, बेल, जामुन, आदि से सम्बंधित उन्नत तकनीको की जानकारी से लाभान्वित हुए।

Event Date:- 08-10-2018

Performance appraisal of high density guava by surveying Allahabad district and attending gosthi at Kaushambi

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में अमरूद की सघन बागवानी की स्थिति और प्रदर्शन का निरीक्षण करने के लिए डा. वी.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं पीएफडीसी स्टाफ ने दिनांक 17.07.2018 को सर्वेक्षण किया। टीम द्वारा कोड़ापुर गाँव के किसान श्री बी.डी. सिंह, प्रगतिशील किसान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया जहाँ किसान द्वारा अमरूद की सरदार प्रजाति को संस्थान की संस्तुति के आधार पर सघन बागवानी के अन्तर्गत 6 मीटर X 3 मीटर की दूरी पर लगाया गया और प्रूनिंग के माध्यम से बगीचे का उचित प्रबन्धन किया जा रहा है। मिथाइल यूजीनॉल के उपयोग से बरसात के मौसम में अमरूद के पौधे बिना फल मक्खी के फलो से लदे हैं। इस तकनीक को अपनाकर अमरूद के उत्पादन की बढ़ोत्तरी के साथ-साथ 2.5 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर का शुद्ध लाभ अर्जित किया जा रहा है। किसान प्रति वर्ष 40 टन वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन भी करता है और रूपये 300-350 प्रति किलो की दर से केचुआ बेच रहा है। उसी दिन सिलोखरा गाँव में अमरूद के बगीचे का भ्रमण किया जिसमें सभी पौधे फल से लदे पाये गये परन्तु कुछ पौधों में उकठा की स्थिति देखी गयी। बेरूई ग्राम में आम की आम्रपाली एवं मल्लिका प्रजाति के लगाये गये बगीचे को देखा गया जिसमें पाया कि फलत अच्छी थी परन्तु फलों का आकार छोटा पाया गया (सी ग्रेड )। बगीचे में आवश्यक पोषक तत्वों को डालने की सलाह दी गयी। दूसरे दिन (18.07.2018) की सुबह कौशाम्बी जिले के शाहपुर ग्राम का भ्रमण किया और 4000 वर्गमीटर के पॉलीहाउस में लगे जरबेरा की फसल का भ्रमण किया गया। जिसमें पाया गया कि कुछ पौधे थ्रिप्स और माइट्स से ग्रसित थे। किसान को उचित कीटनाशकों और एक्रेसाइड्स का छिड़काव करने की सलाह दी गयी। सिंचाई एवं पोषक तत्वों को देने के लिए ड्रिप का प्रयोग किया गया है। इस तकनीक से उच्च गुणवत्तायुक्त जरबेरा के फूलों का उत्पादन करके किसान काफी लाभान्वित हो रहा है। प्रक्षेत्र भ्रमण के बाद मंझनपुर, कौशाम्बी में आयोजित किसान मेला/गोष्ठी में भाग लिया। किसान मेला का उद्घाटन इस क्षेत्र के विधायक द्वारा जिला अधिकारी की उपस्थिति में किया गया। मेले में जिला उद्यान अधिकारी के अलावा अन्य अधिकारियों सहित लगभग 500 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

A survey was conducted to assess the status and performance of high density plantation guava at Allahabad district of Uttar Pradesh on 17.07.2018 by Dr. V.K. Singh, PS, ICAR-CISH, Lucknow along with his PFDC team. The team visited at Kodapur where Shri B. D. Singh, a progressive farmer owned and maintained 2 ha guava orchard of cv. Sardar (L-49) under HDP (6 m x 3 m) through proper pruning operations as per our recommendations and the trees were in full bearing stage of rainy season crop. The orchards were found to be free from fruit flies as the farmer adopted our recommended technology of methyl eugenol trap. Overall scenario of the farmer earned an annual net income of Rs 2.5 lakh per ha from HDP guava orchard and benefited by on-farm vermi compost production of 40 ton/year and its sale besides selling worms @ Rs. 300-350 per kg. The team also visited an orchard located at Silokhara at full bearing stage where some guava plants were wilted. Heavy fruiting and under sized fruits (mostly C grade) was observed in mango cvs. Amrapali and Mallika orchards at Berui and the farmer was advocated to following nutrient management practices. In the next day (18.07.2018), the team visited Shahpur of Kaushambi district and witnessed polyhouse cultivation of gerbera by the progressive farmers in an area of 4000 sq. m. (1000 sq m each) in four polyhouses. Thrips and mite infestation was observed to be severe and the farmer was advised to spray suitable insecticides and acaracides. In the afternoon, the team participated at a district level Kisan Mela/gosthi Manjhanpur, Kaushambi. The Kisan mela was inaugurated by Honrable MLA of Kaushambi in the presence District Magistrate. DHO and officials of horticulture department, KVK and SHIATS, Naini and More than 500 farmers participated in the gosthi and actively participated in the stake holder’s interaction.

Event Date:- 17-07-2018

Kisan Mela cum Agricultural Technology Exhibition Organized

किसान मेला-सह-कृषि प्रौद्योगिकीय प्रदर्शनी का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में 30 नवंबर, 2017 को किसान मेला-सह-कृषि प्रौद्योगिकीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसका आयोजन फार्मर्स फस्र्ट, सुनियोजित कृषि विकास केन्द्र, उपोष्ण बागवानी समिति तथा केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में किया गया जिसमें 450 किसान सम्मिलित हुए। इस किसान मेला का उद्घाटन डॉ. बी.एस. चूंडावत, पूर्व कुलपति नवसारी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. मथुरा राय, पूर्व निदेशक भारतीय सब्जी अनुसंधान केन्द्र, बनारस वाराणसी तथा डॉ. यू.एस. गौतम निदेशक अटारी, कानपुर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने कहा कि किसानों के लिए उनकी आय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण श्रोत बागवानी हो सकता है। फार्मर्स फस्र्ट परियोजना के तहत मेरा गाँव मेरा गौरव कार्यक्रम के द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने आम आधारित कुकुट फार्मिंग व्यवस्था प्रारंभ की है जो मलिहाबाद के चार गाँव में प्रसारित हो चुकी है। इसके तहत लगभग 100 किसानों की आय को दोगुनी करने का प्रयास किया जा रहा हैं। किसान मेला-सह-कृषि प्रौद्योगिकीय प्रदर्शनी के अवसर पर संस्थान ने 10 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया जिन्होंने अपनी आय दोगुना या उससे अधिक की है। इस अवसर पर प्रगतिशील किसान, श्री शैलेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि किस प्रकार उन्होंने नर्सरी उद्यमिता के द्वारा संस्थान के सहयोग से सफलता प्राप्त की है। इसके अलावा महाराष्ट्र के अमरूद उत्पादक श्री मानिक राव महावीर प्रसाद ने संस्थान के सहयोग से अपनी आय दोगुनी की है, ने भी सफलता की जानकारी दी । श्री उपेन्द्र सिंह जो एक सफल आम उत्पादक एवं उद्यमी हैं, ने भी फार्मर फस्र्ट परियोजना के अंतर्गत मोबाईल वैन से आम बेचे। इस अवसर पर फार्मर फस्र्ट डायरी तथा बागवानी प्रौद्योगिकीयों से संबंधित सूचना पैमफ्लेट और फोल्डर भी किसानों के लिये जारी किये गये।

Kisan Mela-cum-Agricultural Technology Exhibition was organized by ICAR-CISH, Lucknow on 30th November, 2017. More than 450 farmers hand held through Farmer FIRST and PFDC projects took part in the event. Kisan Mela-cum-Agricultural Technology Exhibition was inaugurated by Dr. B.S. Chundawat, Former Vice-Chancellor, Navsari Krishi Vishwa Vidyalaya along with Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow, Dr. Mathura Rai, Former Director, IIVR, Varanasi, Dr. U.S. Gautam, Director, ICAR-ATARI, Kanpur. Dr. Shailendra Rajan reiterated that horticulture remains the best option in fulfilling the vision of Hon’ble Prime Minister of India Sri Narendra Modi towards doubling farmer’s income particularly in sub tropics. The farmers expressed their gratitude to the Institute and its mission mode program such as Farmer FIRST, Precision Farming Development Centre and Mera Gaon Mera Gaurav for providing technological back up for augmenting their income. Farmers hand held under Farmer FIRST project brought their produce (Vegetables, grafted plants, flowers, eggs, and poultry) for sale at the Exhibition. Institute has introduced a diversified horti-module viz., Mango based poultry farming which has spread to 4 villages in Malihabad and helped in doubling income to close to 100 farmers in 8 months time. Institute honored 10 progressive farmers who could augment their income many fold through Institute’s initiative. During the occasion Mr. Shailendra Raguvansi, progressive guava farmer narrated his success story of becoming a nursery entrepreneur through skill development provided by ICAR-CISH whereas Mr. Manik Rao Mahavir Prasad another guava farmer from Maharashtra who could double his income through guava orcharding in two years time with Institute’s intervention. Mr. Upendra Singh became a successful mango entrepreneur and sold his Dashehari mango using mango mobile van, a new initiative he got from Farmer FISRT project. Many pamphlets and folders containing information on horticultural technology and Farmer FIRST diary was inaugurated during the event.

Event Date:- 30-11-2017

Scientist-Farmers interactions programme/kisan gosthi on doubling farmers’ income through micronutrient management and other horticultural technologies

सूक्ष्म पोषक प्रबंधन और अन्य बागवानी प्रोधोगिकियों के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि के लिए वैज्ञानिक-किसान बातचीत कार्यक्रम

तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से किसान की आय को बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक-किसान बातचीत कार्यक्रम का आयोजन 13 सितंबर, 2017 को खलीसपुर गांव, मलिहाबाद, लखनऊ में आई.सी.ए.आर. नेटवर्किग परियोजना "बागवानी की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पौधों में सूक्ष्म पोषक प्रबंधन" के तहत किया गया। गुणवत्तायुक्त फल उत्पादन के लिए किसानों और ग्रामीण युवाओं को विशिष्ट पोषक प्रबंधन, ड्रिप सिंचाई, आम और अमरूद में कीटनाशकों के नियंत्रण के लिए जागरूक किया गया तथा हिंदी में सभी प्रासंगिक साहित्य वितरित किया गया। आमदनी में सुधार के लिए सब्जियों का उत्पादन विशेषकर ऑफ-सीजन सब्जियां, पकाया आमों के प्रसंस्करण द्वारा मूल्य में वृद्धि और अन्य फलों की खेती का भी सुझाव दिया गया। आम में सघन बागबानी,प्रभावी कैनोपी प्रबंधन, अन्तः फसल, नर्सरी उत्पादन, जल की कमी के दौरान नमी संरक्षण तथा आम में जेली बीज नियंत्रण के लिए कैल्शियम क्लोराइड के छिड़काव के बारे में किसानों को संवेदनशील किया गया।

Scientist-Farmers interactions programme on enhancing farmer’s income through technological intervention was organized at Khalispur village, Malihabad, Lucknow under the ICAR networking project on “Micronutrient management in Horticultural Crops for Enhancing Yield and Quality” on 13th September, 2017. Farmers and rural youths were sensitized for effective nutrient management, drip irrigation, control measures of mango and guava pests for quality fruit production and all relevant literature was distributed. Vegetable production particularly off-seasons vegetables, value addition of riped mangoes and cultivation of other fruits were also suggested for improving the income. Farmers were also sensitized about high density plantations, effective canopy management, intercropping, nursery production, mulching for moisture conservation and application of calcium chloride for control of jelly seed formation in mango.

Event Date:- 13-09-2017

Women empowerment: Improving farm women’s income through technological interventions

महिला सशक्तीकरण: तकनीकी के माध्यम से खेतीहर महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक-किसान बातचीत का आयोजन

तकनीकी के जरिए कृषि की महिलाओं की आय में सुधार करना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और आर्थिक योग्यता बनाने के लिए तत्काल आवश्यकता है। इस दिशा में, 8 सितंबर, 2017 को किसानों और खेतीहर महिलाओं की आय में वृद्धि के लिए आई.सी.ए.आर. नेटवर्किग परियोजना "बागवानी की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पौधों में सूक्ष्म पोषक प्रबंधन" के तहत ग्राम नईबस्ती, मलिहाबाद, लखनऊ में वैज्ञानिक-किसानों के बीच बातचीत का आयोजन किया गया। डॉ घनश्याम पांडे, डॉ देवेंद्र पांडे, डॉ नीलिमा गर्ग, डॉ अदक, डॉ राम कुमार, डॉ एस आर सिंह और डॉ ए.के. भट्टाचार्य ने प्रतिभागियों के साथ बातचीत की। किसान, खेती की महिलाओं, ग्रामीण युवाओं और लड़कियों ने उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया और गुणवत्ता वाले फल और सब्जियों के उत्पादन के लिए कई सवाल उठाए। किसानों ने सवाल उठाया कि आम और अमरूद में फलों के फटने को कैसे रोका जाए तथा आम के कीटों जैसे पत्ती के जालाकीट, उकठा, सूखा रोग, फलमक्खी आदि के नियंत्रण के बारे में भी सवाल उठाए। डॉ तरुण अदक ने गुणवत्तायुक्त फल उत्पादन के लिए ज़िंक और बोरोन की कमी को दूर करने का तथा अक्टूबर के महीने तक मिट्टी में ज़िंक और बोरोन के प्रयोग के साथ ही फलों के विकास की विभिन्न अवस्थाओं में करने का सुझाव दिया। अक्टूबर के अंत तक आम और अमरूद के लिए पोषक तत्वों के प्रयोग और जल प्रबंधन के बारे में भी किसानों को जाग्रत किया गया। इसके अलावा,आम और अमरूद कीटों के नियंत्रण उपायों के बारे में सलाह दी गई और तथा सभी प्रासंगिक साहित्य (हिंदी में) को किसानों के बीच वितरित किया गया। डॉ नीलिमा गर्ग ने किसानों और खेतीहर महिलाओं को आम तौर पर कच्चे आमों से अमचूर बनाकर आय पैदा करने के लिए प्रेरित किया। यह उत्पाद कम से कम 300 रुपये प्रति किलोग्राम की अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है। आम का गूदा व अन्य उत्पादों को बनाने के लिए भी सलाह दी गई थी। संस्थान द्वारा विकसित आम प्रसंस्करण से सम्बंधित मुफ्त मोबाइल ऐप के बारे में बताया। प्रतिभागियों ने फलों और सब्जियों की प्रसंस्करण द्वारा मूल्य में वृद्धि पर प्रशिक्षण के लिए गहरी दिलचस्पी दिखाई। डॉ जी. पांडे ने किसानों को प्रभावी कैनोपी प्रबंधन, अन्तःफसल, नर्सरी उत्पादन, जल की कमी के दौरान नमी संरक्षण और आम में जेली बीज नियंत्रण के लिए कैल्शियम क्लोराइड के छिड़काव के बारे में सुझाव दिया। सब्जियों का उत्पादन विशेषकर ऑफ-सीजन सब्जियां ग्रामीणों द्वारा अतिरिक्त आय अर्जित कर सकती हैं जैसा कि डॉ एसआर सिंह ने बातचीत की और सुझाव दिया। पोषण और अतिरिक्त कमाई के लिए, डॉ देवेन्द्र पांडे और डॉ राम कुमार ने गांव में पोषक स्मार्ट उद्यान के विकास के लिए बेल, आंवला और केला की फसल शामिल करने का पर जोर दिया। डॉ ए.के. भट्टाचार्य ने आम और अमरूद के बगीचों में कीटनाशकों के सुरक्षित इस्तेमाल के विषय में अवगत कराया।

Event Date:- 08-09-2017

Scientist-Farmers interaction meet for enhancing farmers’ income through nutrient management and crop diversification

पोषक प्रबंधन और फसल विविधीकरण के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक-किसान बातचीत का आयोजन

किसानों की आय की वृद्धि के लिए आई.सी.ए.आर. नेटवर्किग प्रोजेक्ट "बागवानी की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पौधों में सूक्ष्म पोषक प्रबंधन" के तहत ग्राम बेड़िइयाखेड़ा, मॉल, लखनऊ में वैज्ञानिक कृषक वार्ता का आयोजन दिनांक 07 सितंबर 2017 को किया गया। डॉ देवेंद्र पांडे, डॉ नीलिमा गर्ग, डॉ तरूण अदक, डॉ राम कुमार, डॉ पीके शुक्ला,डॉ ए.के. त्रिवेदी, श्री सुभाष चंद्र और श्री अरविन्द कुमार ने किसानों के साथ बातचीत की तथा सभी प्रासंगिक साहित्य (हिंदी में) को किसानों के बीच वितरित किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। डॉ देवेन्द्र पांडे ने पोषण और अतिरिक्त कमाई के लिए गांवों के ऊसर भूमि में बेल और आंवला की बागवानी के लिए प्रेरित किया। डॉ राम कुमार ने गांव में पोषक स्मार्ट उद्यान के विकास के लिए केला की फसल शामिल करने का सुझाव दिया। डॉ तरुण अदक ने किसानों के साथ बातचीत की तथा इस दौरान उन्होंने उन्हें मिट्टी के स्वास्थ्य और गुणवत्तायुक्त फल उत्पादन को बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों के, विशेष रूप से सूक्ष्म पोषक प्रबंधन, के लाभ के बारे में सूचित किया। इसके अलावा, किसानों को बेहतर बाग प्रबंधन के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाने हेतु जागरूक किया और मौसम पूर्वानुमान पर आधारित कृषि सलाह सूचना के बारे में भी संवेदनशील किया गया। डॉ नीलिमा गर्ग ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसानों के फसल कटाई के बाद के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण और फल एवं सब्जियों के मूल्य संर्वधन द्धारा आय वृद्धि आवश्यकता का सुझाव दिया। उन्होंने गूगल प्ले स्टोर पर अपलोडेड कच्चे और परिपक्व आम उत्पादों पर विकसित दो मुफ्त मोबाइल ऐप के विषय में अवगत कराया। डॉ ए के त्रिवेदी ने जल की कमी के दौरान नमी संरक्षण के लिए आच्छादन और आम में जेली बीज नियंत्रण के लिए कैल्शियम क्लोराइड के छिड़काव को अपनाने की सूचना दी। डॉ पी के शुक्ला ने आम और अमरूद कीटों के नियंत्रण उपायों के बारे में बातचीत की और सुझाव दिया।

A scientist-farmers interaction meet was organized at Bhediyakhera village, Maal, Lucknow under the ICAR networking project on “Micronutrient management in Horticultural Crops for Enhancing Yield and Quality” on 7th September, 2017 for improving farmers’ income. Dr Devendra Pandey, Dr Neelima Garg, Dr Tarun Adak, Dr Ram Kumar, Dr PK Shukla, Dr. A K Trivedi, Mr Subhas Chandra and Mr. Arvind Kumar interacted with the farmers. Farmers enthusiastically participated in this programme and all relevant literatures in Hindi were distributed among the farmers. Dr Devendra Pandey emphasized the scope of bael and aonla cultivation in the Usher land of the villages for nutrition and extra earning. Dr Ram Kumar suggested inclusion of banana for developing nutri smart garden in the village. Dr Tarun Adak interacted with the farmers and sensitized them regarding benefits of nutrient particularly micronutrient management for maintaining good soil health and quality fruit production. Further, farmers were also sensitized about adoption of drip irrigation system and real time weather agroadvisory for better orchard management. Dr Neelima Garg suggested the need for training of farmers in post harvest management and value addition for enhancing farmers’ income. She also informed and displayed two free mobile apps developed on raw and ripe mango products on Google Play Store. Dr. AK Trivedi informed to adopt mulching for moisture conservation during dry periods and application of calcium chloride for control of jelly seed formation in mango. Dr P K Shukla interacted and suggested farmers regarding control measures of mango and guava pests.

Event Date:- 07-09-2017

Scientist-Farmers interactions meet for doubling the farmers’ income

किसानो की आय वृद्धि हेतु वैज्ञानिक कृषक वार्ता

आई.सी.ए.आर. नेटवर्किग प्रोजेक्ट "बागवानी की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पौधों में सूक्ष्म पोषक प्रबंधन" के तहत बागवानी फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्व प्रंबधन द्धारा उत्पादन एवं गुणवत्ता बढानें के लिये ग्राम बेलगरहा मलिहाबाद में दिनांक 29 अगस्त 2017 को वैज्ञानिक कृषक वार्ता का आयोजन किया गया। इस वार्ता में 40 किसानो ने भाग लिया और उनकी आय की वृद्धि के बारे में सुझाव दिये गये। डा0 नीलिमा गर्ग, घनश्याम पाण्डेय, ए.के. त्रिवेदी, सुभाष चनद्रा, तरूण अदक और अरविन्द कुमार ने किसानो की समस्याओ का समाधान किया। डॉ घनश्याम पान्डेय ने पुराने एवं अनुत्पादक बागों के बेहतर उत्पादन के लिये छत्र प्रबन्धन की भूमिका के बारे मे बताया एवं गुणवत्तायुक्त फल उत्पादन एवं किसानों को अधिक लाभ के लिये प्रबन्धन पर जोर दिया। डॉ तरुण अदक ने इस वार्ता के दौरान किसानो की समस्याओं का निराकरण किया एवं विशिष्ट पोषक प्रबंधन, ड्रिप फर्टीगेशन एवं सटीक खेती के लिये प्रौद्योगिकियों को अपनाने हेतु जागरूक किया। डॉ नीलिमा गर्ग ने फल एवं सब्जियों के मूल्य संर्वधन द्धारा अधिक आय प्राप्त करने एवं सी.आई.एस.एच. द्धारा विकसित कच्चे एवं पक्के आम के उत्पाद बनाने के दो निशुल्क गूगल एप के बारे में बताया। डॉ त्रिवेदी ने सूखे के दौरान नमी संरक्षण के लिये मल्चिंग की भूमिका के बारे में बताया।

A scientist-farmers interactions meet was organized at Belgaha village, Malihabad, Lucknow under the ICAR networking project on “Micronutrient management in Horticultural Crops for Enhancing Yield and Quality” on 29th August, 2017. In this meet, about 40 farmers participated and were suggested measures for enhancing their income. Dr Ghansham Pandey, Dr Neelima Garg, Dr Tarun Adak, Dr. A K Trivedi, Mr Subhas Chandra and Mr. Arvind Kumar were interacted with the farmers. Dr Ghansham Pandey discussed about the need for rejuvenation in old and senile orchards, role of canopy management for better productivity. Dr Tarun Adak discussed in detailed about the nutrient management in fruit crops. He emphasized on micronutrient management for quality fruit production and better profitability of farmers. Further, farmers’ quarries were successfully addressed and during the interaction, farmers were sensitized about better orchard productivity through adoption of site specific nutrient management, drip fertigation and precision farming technologies. Dr Neelima Garg interacted with the farmers about post harvest practice for value addition of fruits and vegetables with an objective of increasing the profitability of farmers. She also informed and displayed two free mobile apps developed on raw and ripe mango products on Google Play Store. Dr. Trivedi discussed about role of mulching for moisture conservation during dry periods and intercropping in mango orchards for higher income.

Event Date:- 29-08-2017

Farmers Gosthi and distribution of high yielding and high quality hybrid seedling of vegetables

कृषक गोष्ठी एवं सब्जियों के उच्च उत्पादकता एवं गुणवत्ता वाले संकर पौध वितरण

मेरा गाँव मेरा गौरव कार्यक्रम के अन्तर्गत दिनांक 04.08.2017 को काकोरी] लखनऊ के गाँव मोहद्दीपुर में एक कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। मोहद्दीपुर] सैदपुर] नबीनगर एवं पहिया आजमपुर गाँव के मुख्यतः सब्जी एवं फूलों की खेती से जुड़े 40 किसानों ने भाग लिया। किसानों को करेले] लौकी एवं कद्दू के उच्च उत्पादकता एवं गुणवत्ता वाले संकर पौध बाँटे गये। किसानों ने आम एवं अमरूद के कीटों] ग्लेडिओलस एवं गेंदे की खेती] सब्जियों में उर्वरकों के प्रयोग आदि के विषय में वैज्ञानिकों से जानकारी प्राप्त की।

Institute organized a farmer’s goshti under Mera Gaon Mera Gaurav Programme on 04.08.2017 at Mohiddipur village of Kakori block of Lucknow district. More than 40 farmers mainly vegetable growers from Mohiddipur, Saidpur, Nabinagar and Pahiya Azampur were participated in the gosthi as these villagers are mainly involved in vegetable farming and floriculture. The hybrid seedling of high yielding and high quality vegetables of Bitter gourd (Karela), Bottle gourd (Lauki) and pumpkin were also distributed to the farmers. The farmers were also enlightened about the techniques to double their farm income through vegetable production. The farmers raised problems of fruit fly infestation in guava and mango, leaf webber (Jalakeet) in mango. The Farmers also enquired method and time to apply different fertilizers for high yield in vegetables and cultivation method to grow high quality gladiolus and marigold.

Event Date:- 04-08-2017

किसान गोष्ठी का आयोजन

भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने सहयोगी संस्थान के रूप में अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के नेतृत्व में दिनांक 22.12.2016 को मलिहाबाद के नबीपनाह नामक गाँव में किसान गोष्ठी का आयोजन किया। इस किसान गोष्ठी में कसमंडीकलॉं, मसीढा, मोअद्दीपुर, मोहम्मद नगर तालुकेदारी आदि गाँवों के 300 से अधिक किसान एवं बागवान सम्मिलित हुए। इस समिति के प्रमुख उददेश्यों मे एक है दशहरी आम के जी.आई. का व्यवसायीकरण कर किसानों का लाभ पहुंचाना है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश मंडी समिति के निदेशक, श्री राज शेखर ने कहा कि इस प्रकार के संगठित सामुदायिक संगठन छोटे किसानों एवं बागवानों के लिए अत्यन्त ही लाभप्रद सिद्ध होंगे। अपने संबोधन में उन्होंने भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस समिति को बनाने में संस्थान की जो भूमिका रही है वह निःसंदेह ही प्रशंसनीय है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि न केवल नबीपनाह बल्कि लखनऊ के सभी किसान एवं बागवान संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों एवं तकनीकियों से भविष्य में लाभ पायेंगे। उन्होंने किसानों को आशवासन दिया कि भविष्य में छोटे किसानों को भी मैंगो पैक हाउस में प्रसंस्करण की सुविधा दिये जाने पर विचार दिया जा रहा है। श्री राज शेखर ने कहा मैंगो पैक हाउस में उपलब्ध आधारभूत सुविधाओं को दूर करने पर भी कार्य जारी है। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में बोलते हुए संस्थान के निदेशक, डॉ. शैलेन्द्र राजन ने उपस्थित लोगों को अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति को तैयार करने में किये गये कार्यों की जानकारी दी। डॉ. राजन ने कहा कि आम के बागवानों को सामुदायिक आधारित संगठनों से ही लाभ की प्राप्ति हो सकती है। उन्होंने सलाह दी कि इसके लिए सभी बागवानों को सामुदायिक संगठन बनाकर कार्य करने चाहिए। डॉ. राजन ने किसान गोष्ठी के दौरान दर्जनों किसानों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर भी दिये। गोष्ठी के दौरान वरिष्ठ बागवान, श्री विजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों में जागरूकता की कमी है जिसके कारण अनेक समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने आम के बाग का प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि समय से रोगों एवं कीटों का प्रबंधन कर किसान संस्थान से अधिक-से-अधिक लाभान्वित हो सकते हैं। किसान गोष्ठी के दौरान संस्थान की ओर से डॉ. नीलिमा गर्ग, अध्यक्ष तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन प्रभाग, डॉ. घनश्याम पाण्डेय, अध्यक्ष फसल उत्पादन प्रभाग, डॉ. पी.के. शुक्ला, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. गुंडप्पा, वैज्ञानिक, डॉ. मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ. राम कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों के बागवानी संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यक्रम का संचालन अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के सचिव, श्री उपेन्द्र सिंह द्वारा किया गया जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री निर्मल सिंह जी ने की। Event Date:- 22-12-2016