1. Entrepreneurship Development Programme (EDP)Hort-Ind ABIC, ICAR-CISH, Lucknow is organizing a 5 days Entrepreneurship Development Programme (EDP) on Commercial Plant Tissue Culture for entrepreneurs, FPOs, students, enterprises and academicians during 18th to 22th November, 2024.. Event Date:- 14-10-2024 |
2. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में आम सुधार पर राष्ट्रीय संवाद में विचार-विमर्श हुआ भविष्य का रोड मैप तैयार हुआ..आईसीएआर-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने अपने रहमानखेड़ा परिसर में आज 21 सितंबर 2024 को आम सुधार पर राष्ट्रीय संवाद: चुनौतियां और रणनीतियां का आयोजन किया। संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने देश-विदेश से आए सभी वैज्ञानिकों, आम प्रजनकों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया। प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कार्यक्रम की थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च उपज, गुणवत्ता मापदंडों, आकर्षक फल रंग, लंबी शैल्फ लाइफ, व्यापक अनुकूलनशीलता और जलवायु लचीलापन, बौनापन, लवणता सहिष्णुता, रोग और कीट प्रतिरोध आदि के गुणों से संपन्न बेहतर आमों के प्रजनन के लिए कार्य योजना तैयार करना है। पारंपरिक प्रजनन दृष्टिकोणों में लगने वाले समय को कम करने के लिए जीनोमिक्स टूल और मार्कर असिस्टेड सिलेक्शन के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और बागवानी विभाग के उप महानिदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह ने बताया कि आम के अधिकांश प्रजनन कार्यक्रमों में केवल 2-3 प्रजातियों का ही उपयोग किया गया है, जबकि दुनिया में आम की 70 से अधिक जंगली प्रजातियां उपलब्ध हैं। नवीनतम जीनोमिक्स उपकरणों का उपयोग करके हमारे प्रजनन कार्यक्रमों में इन जंगली जीनों का उपयोग करने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने विभिन्न जैविक और अजैविक तनावों के लिए साइऑन प्रजनन के अलावा रूटस्टॉक प्रजनन पर भी जोर दिया। मैंगीफेरा ओडोराटा जैसी जंगली प्रजातियां, जिनके बारे में बताया गया है कि उनमें एन्थ्रेक्नोज के प्रति प्रतिरोधक क्षमता है, को इस उद्देश्य के लिए जीन स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्वाभाविक रूप से उपलब्ध अन्य जंगली प्रजातियों के हमारे प्रजनन कार्यक्रमों में उपयोग की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पुनर्जनन प्रोटोकॉल के मानकीकरण के लिए रतोल जैसी स्थानीय रूप से उपलब्ध किस्मों का भी उपयोग किया जाना चाहिए। आईसीएआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट बायोटेक्नोलॉजी, नई दिल्ली के जीनोमिक अध्ययन के क्षेत्र में राष्ट्रीय प्रोफेसर और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. एन. के. सिंह ने आम में जीनोमिक अध्ययन की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए प्रस्तुति दी। पूरे आम के जीनोम को बेहतर जीनोम अनुक्रमण तकनीकों के साथ अनुक्रमित किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नवीनतम उपकरणों और तकनीकों के साथ अब बहुत सारे जीनोमिक मार्कर उपलब्ध हैं जो मार्कर सहायक चयन की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे वांछित लक्षणों के साथ किस्म के विकास की अवधि कम हो जाती है। कुछ मार्करों और आम पुनर्जनन प्रोटोकॉल को अभी भी सत्यापन की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से आम के प्रजनन के क्षेत्र में काम कर रहे वैज्ञानिकों के बीच सामग्री और जानकारी साझा करने की आवश्यकता है। क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया की वरिष्ठ जैव प्रौद्योगिकीविद् डॉ. नताली डिलन ने आम के प्रजनन में इस्तेमाल किए जाने वाले जीनोमिक उपकरणों के नवीनतम तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि आम के प्रजनन में एंथ्रेक्नोज के खिलाफ प्रतिरोध का एक बहुत अच्छा स्रोत मैंगीफेरा लॉरिना का उपयोग किया जाना चाहिए। क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ प्रधान बागवानी विशेषज्ञ डॉ. इयान एस ई बल्ली ने वर्चुअल मोड में अपनी प्रस्तुति के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया में आम के प्रजनन की स्थिति प्रस्तुत की। ऑस्ट्रेलिया में 16,756 हेक्टेयर में आम के बाग हैं, जिनमें 50,000 से 85,000 मीट्रिक टन उत्पादन होता है। उन्होंने बौनापन, उच्च पैदावार, नियमित फल, लंबी शेल्फ लाइफ, छिलके का रंग, दृढ़ता सूचकांक, बेहतर उपभोक्ता आकर्षण और पसंद जैसे वांछनीय लक्षणों के लिए प्रजनन पर प्रकाश डाला। पैनल चर्चा में भाग लेने वाले केंद्रीय उपोसण बागवानी संस्थान के पूर्व निदेशक आईसीएआर-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ और आम प्रजनक डॉ एस राजन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पारंपरिक प्रजनन दृष्टिकोण बेहतर प्रकारों के चयन को सुविधाजनक बनाने के लिए आबादी में पर्याप्त विविधता उत्पन्न करने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने आम की प्रजनन प्रक्रिया को तेज करने के लिए जंगली विषमयुग्मी प्रकारों के उपयोग को नए उपकरणों और तकनीकों के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रजनन कार्यक्रमों में मैंगिफेरा ओडोराटा का दोहन किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें एन्थ्रेक्नोज के प्रति प्रतिरोध है और साथ ही यह खेती की जाने वाली किस्मों के साथ आसानी से पार करने योग्य है। गुजरात के आनंद स्थित आनंद कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ के बी कथीरिया और आईआईएचआर के पूर्व निदेशक डॉ एम आर दिनेश ने आम के मूलवृंत प्रजनन से सम्बंधी सत्र की अध्यक्षता की। इस सत्र में आईआईएचआर के डॉ एम शंकरन ने आम के प्रजनन में आईआईएचआर, बेंगलुरु की उपलब्धियों को सामान्य रूप से और विशेष रूप से कीटों और रोगों के प्रतिरोध के संदर्भ में प्रस्तुत किया। उन्होंने आम में सूखा और लवणता सहनशीलता और बौनापन प्रदान करने के लिए आम के रूटस्टॉक के प्रजनन पर जोर दिया। 13-1 एक आशाजनक रूटस्टॉक रहा है जिसका इस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा सकता है। इज़राइल से आभासी मोड के माध्यम से भाग लेने वाले शोधकर्ता डॉ युवल कोहेन ने यूरोपीय स्वाद पर ध्यान देने के साथ गुणवत्ता वाले लक्षणों के लिए आम के प्रजनन पर जोर दिया। वे लंबे समय तक शेल्फ जीवन और मीठे खट्टे स्वाद के साथ 400-600 ग्राम की सीमा में आम लेना पसंद करते हैं। शहरीकरण और औद्योगीकरण ने आम की पारंपरिक किस्मों को प्रभावित किया है। डॉ. एस. राजन, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच ने आम की विरासती किस्मों पर सत्र की अध्यक्षता की। उन्होंने आम की विरासत किस्मों के संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया। आम विविधता संरक्षण समिति, मलिहाबाद के माध्यम से पारंपरिक किस्मों के संरक्षण में भाकृअनुप-सीआईएसएच के प्रयास सराहनीय हैं जिन्हें भारत सरकार से जीन सेवियर पुरस्कार मिला है। इस अवसर पर मलिहाबाद से पदम श्री कलीमुल्लाह और बिजनौर से मैंगो ग्रोवर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री डी. के. शर्मा को आम की खेती, संरक्षण और किस्म विकास के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। अन्य प्रसिद्ध आम वैज्ञानिक, प्रजनक और जैव-प्रौद्योगिकियाँ जैसे डॉ. वी.बी. पटेल, सहायक महानिदेशक (आईसीएआर), डॉ. के.वी. विभिन्न तकनीकी सत्रों में संस्थान के वैज्ञानिकों के अलावा, आईआईएचआर, बेंगलुरु से प्रधान वैज्ञानिक रविशंकर और परियोजना समन्वयक (एआईसीआरपी) डॉ. प्रकाश पाटिल, जैन सिंचाई प्रणाली लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. बाल कृष्ण, सीडीएफडी, हैदराबाद से डॉ. अजय कुमार महतो, क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया से सुश्री उपेंद्र विजसुंद्रा, इजरायल से डॉ. अमीर शेरमन, आईसीएआर-सीएसएसआरआई, लखनऊ से डॉ. ए. के. दुबे, आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली से डॉ. जय प्रकाश, क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया से वरिष्ठ बागवानी विशेषज्ञ डॉ. रयान ऑर, अवध आम उत्पादक,मलीहाबाद से श्री उपेंद्र सिंह ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ के फसल सुधार प्रभाग की प्रमुख डॉ. अंजू बाजपेयी ने किया। Event Date:- 21-09-2024 |
3. आम के बागों में काट-छांट का प्रदर्शनदिनांक 27 अगस्त 2024 भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना अंतर्गत माल-मलिहाबाद प्रखंड के गाँव ढकवां में आम के मध्यम उम्र के बागों में संस्थान द्वारा सेंटर ओपेनिंग और हल्की काट छांट का प्रदर्शन किया गया । इस अवसर पर परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्र ने बताया की जो बागवान पहले से ही अपने बागों की उचित काट-छांट करते हैं, उनके बाग जंगल का रूप नहीं लेते हैं और लम्बे समय तक अच्छी फलत देते रहते हैं। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. सुशील कुमार शुक्ल ने किसानों के समक्ष सेंटर ओपेनिंग तकनी का प्रदर्शन किया और इसके बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताय कि मलिहा बाद क्षेत्र में आम के बाग धीरे धीरे जंगल का रूप ले रहे हैं। पुराने समय में आम के बागों में किसी तरह की काट-छांट अनावश्यक समझी जाती थी लेकिन गत वर्षों के शोध में यह पाया गया कि अगर हम आम के बागों में समय समय पर थोडी काट छांट करते रहें, तो आम के वृक्षों की न केवल उत्पादकता और फलों की गुणवत्ता अच्छी रहती है बल्कि हमारे वृक्ष जंगल का रूप भी नहीं लेंगे । आम के मध्यम उम्र के (15 से 30 वर्ष) के वीच के बागों में सेंटर ओपेनिंग एवम हल्की पार्श्व कटाई-छंटाई कर के सफलता पूर्वक छत्र प्रबंधन किया जा सकता है। इस तरह की काट-छांट का उचित समय वर्षा ऋतु के बाद से दिसम्बर महीने तक है। इस में हम वृक्ष की बीचोबीच स्थित ऐसी शाखा जो कि सीधी ऊपर की ओर बढ़ रही हो और वृक्ष की ऊंचाई के लिये जिम्मेदार हो, को उसके उत्पत्ति के स्थान से निकाल देते हैं। इसके बाद छत्र के मध्य में स्थित एक या दो शाखायें या उनके वृक्ष के केंद्र में स्थित कुछ अंश का विरलन कर इस प्रकार से निकालते हैं कि वृक्ष के छ्त्र के मध्य में पर्याप्त रोशनी आ सके। साथ ही साथ बगल के पेड़ से स्पर्श करने वाली शाखओं की हल्की काट-छांट इस प्रकार से करते हैं कि वे बगल में उग रहे वृक्ष के सम्पर्क में न आयें। इस काट छंट से से 15-20 प्रतिशत तक पेंड़ों की ऊंचाई में कमी आ जाती, है जिससे दवा के छिड़काव, फलों की तुड़ाई आदि में मदद मिलती है। वृक्ष के अंदर तक प्रकाश की उपलब्धता से नये कल्ले आते हैं और फलों की गुणवत्ता बढ़ जाती है। आम के भुनगा, थ्रिप्स आदि कीटों को पेड़ के अंदर उचित वातावरण न मिलने से उनका प्रकोप कम होता है। इस कार्यक्रम में गांव के 50 किसानों ने भाग लिया कार्यक्रम का समन्वयन परियोजना कर्मी श्री रोहित जायसवाल द्वारा किया गया । Event Date:- 27-08-2024 |
4. संस्थान में मनाया गया 78वां स्वतंत्रता दिवसभारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 15 अगस्त 2024 को 78 वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। रहमानखेड़ा स्थित मुख्य परिसर में संस्थान के निदेशक डा. टी.दामोदरन ने झंडारोहण किया और संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर निदेशक महोदय ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए गत वर्षों में संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते सभी को मिल जुलकर साथ काम करने का सन्देश दिया। कार्यक्रम में संस्थान के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। Event Date:- 15-08-2024 |
5. EDP on Value Addition in Guava for FPOs and Rural Women of SHGsAn Entrepreneurship Development Programme (EDP) on Value Addition in Guava was organized on 14th August, 2024 by the Hort-Ind Agri-Business Incubation Centre (Hort-Ind ABIC) of ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow. Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist and Principal Investigator of Hort-Ind ABIC explained the entrepreneurial avenues and scopes in horticulture sector. Dr. Alok Kumar Gupta, Scientist and Co-Principal Investigator, Hort-Ind ABIC gave hands on training on value addition in Guava Participants learned and prepared Guava squash, RTS and bar by their own in this programme. Total 19 entrepreneurs from Bhadesarmau Farmer Producer Company and six self help groups participated in the EDP. Event Date:- 14-08-2024 |
6. Scientist-students interaction cum Institute visitA group of 79 students of B.Sc. (Agriculture) along with two faculty members from Sri Mahesh Prasad Degree Collage, Mohanlalganj, Lucknow Uttar Pradesh visited ICAR-CISH Lucknow, Uttar Pradesh on 8th August 2024. The importance of scientific institute in ensuring fruit and nutritional security was discussed. Research work on crop improvement biotechnology, production, and protection and post harvest management was explained to student. Mango varieties like Arunika, Ambika, Langra, Mallika and guava varieties like Shewta, Lalit Dhawal, Lalima was shown to student. student were apprised of newly released vegetable varieties like high yielding Pusa golden cherry tomato-2, Pusa Raunak Tinda, Pusa Long Green cucumber, Thar Prabha (high yielding wood apple) and Thar Amrit (high yielding custard apple) for nutritional requirements and enhancing farmers income. The need for protected cultivation, low cost polytunnel and polyhouse for producing vegetables were also emphasized. Biotic and abiotic stress of fruit plants and their management were also discussed to the students. Importance of soil and tree nutritional management for securing quality fruit production was also presented. The role of resource conservation and management for successful subtropical fruit production was explained. Students were motivated for adoption of integrated pest management in fruit crops for solving problems of the farming community. Adverse effects of climate change and importance of water conservation during fruit set to development was explained. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) delivered lectures and interacted with the students. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Sri Arvind Kumar, ACTO organized the visit Event Date:- 08-08-2024 |
7. Scientist-Farmers interactions meet.A group of 35 farmers from Kaimur (Bhabhua) district, Bihar visited ICAR-CISH, Lucknow on July 26, 2024 under ATMA Programme. Scientist-Farmers interaction meeting was organized and technologies of subtropical fruit production, protection and post harvest value addition were disseminated to farmers. Awareness was created regarding Mango varieties Mallika, Amrapali, Arunika, Ambika and Lalit, Dhawal, Shewta, and Lalima verity of guava. High density plantations in mango and guava for enhancing productivity and fruit quality per unit area were discussed. The importance of fruit bagging for quality fruit production and fetching higher market price was explained. The role of natural resource conservation and management in subtropical fruit production was presented. The importance of nutritional management through soil and foliar nutrient management, drip irrigation with mulching subtropical fruits, value addition and processing of fruits were discussed. Crop diversification was given importance during the visit. To enhance farmers’ income, scientific initiatives of diversified fruit crops in non-traditional areas of subtropical region were discussed. Protected cultivation of vegetable crops was also explained to the farmers for higher productivity and income per unit area. Adverse effects of climate change and importance of water conservation during fruit set development was explained. During field visits, institute developed technologies in mango and guava orchards were explained. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Mr. Arvind Kumar (ACTO) delivered lectures and interacted with the farmers. Event Date:- 26-07-2024 |
8. ICAR celebrated its 96th Foundation DayThe Indian Council of Agricultural Research (ICAR) celebrated its 96th Foundation Day, Shri Shivraj Singh Chouhan, Honble Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare & Rural Development and President of ICAR Society graced the occasion as the Chief Guest. He inaugurated the technology exhibition 2024. the exhibition displayed various technologies/products developed by ICAR. The major attraction was fruit diversity show displaying nearly 400 mangoes, 80 bananas, 50 temperate fruits and 120 minor fruit varieties. Developers of 40 technologies were felicitated for their outstanding contributions in agricultural developments. Mango hybrid CISH-Ambika and Arka Suprabhat was released at National level by the Honble Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare & Rural Development. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने अपना 96वां स्थापना दिवस दिनांक 16 जुलाई को मनाया, इस अवसर पर माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सोसायटी के अध्यक्ष श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी 2024 का उद्घाटन किया, प्रदर्शनी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों/उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। मुख्य आकर्षण फल विविधता शो था जिसमें लगभग 400 आम, 80 केले, 50 शीतोष्ण फल और 120 लघु फल किस्में प्रदर्शित की गईं। कृषि विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 40 प्रौद्योगिकियों के डेवलपर्स को सम्मानित किया गया। आम की संकर किस्म ‘CISH-अंबिका’ और ‘अर्का सुप्रभात’ को माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर जारी किया गया। Event Date:- 16-07-2024 |
9. लखनऊ आम महोत्सव-2024Aam Mahotsav-2024 was organized at Awadh Shilpgram, Lucknow by Department of Horticulture and Food Processing, Government of Uttar Pradesh during July 12-14, 2024. Hon’ble Chief Minister, Government of Uttar Pradesh, Shri Yogi Adityanath ji inaugurated the Aam Mahotsav-2024 and visited ICAR-CISH stall. Hon’ble CM was accompanied by Shri Dinesh Pratap Singh, Hon’ble Minister of State (Independent Charge) Horticulture, Agricultural Marketing, Agricultural Foreign Trade and Agricultural Exports and various other dignitaries. Hon’ble CM emphasized on the development of mango varieties having export potential and quick transfer of technologies to the mango farmers. CISH displayed 200 number of mango varieties during the festival.. उत्तर प्रदेश सरकार के बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा 12-14 जुलाई, 2024 के दौरान अवध शिल्पग्राम, लखनऊ में आम महोत्सव-2024 का आयोजन किया गया, इस महोत्सव में संस्थान ने आम की 200 किस्में प्रदर्शित की। उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने आम महोत्सव-2024 का उद्घाटन किया और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बागनी संस्थान के स्टॉल का दौरा किया। माननीय मुख्यमंत्री के साथ श्री दिनेश प्रताप सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बागवानी, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। माननीय मुख्यमंत्री ने निर्यात क्षमता वाली आम की किस्मों के विकास और आम किसानों को प्रौद्योगिकियों के त्वरित हस्तांतरण पर जोर दिया। Event Date:- 12-07-2024 |
10. Participation in Mango Festival- 2024 organized by Chairman, National Media Club at Chandra Shekhar Azad University of Agriculture & Technology, KanpurNational Media Club organized one day (July11, 2024) Mango Festival cum Exhibition- 2024 at Chandra Shekhar Azad University of Agriculture & Technology, Kanpur. Scientists and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased mango varieties. The festival was inaugurated by Honourable Member of Parliament, Kanpur city constituency Shri Ramesh Awasthi along with Honourable Minister of Finance, Govt. of U.P. Shri Suresh Khanna on July11, 2024 and also visited institute stall with mango varieties and appreciated. More than 130 mango varieties including commercial varieties such as Dashehari, Langra, Chausa, Mallika, Amrapali, Arunika, Ambika, mango hybrids and heirloom mango varieties along with value added products displayed. More than thousands visitors including officials from various departments, farmers, women, students, youths visited the stall and interacted with Team of CISH. They were also made about various mango varieties, availability of planting materials and production technologies of mango. Dr A.K.Singh, Honorable Vice Chancellor, Chandra Shekhar Azad University of Agriculture & Technology, Kanpur was the Chief Guest of the function. Dr. Naresh Babu, Dr. Vishambhar Dayal, Dr Amar Kant, Kushwah and ACTO Shri. Arvind Kumar coordinated the programme Event Date:- 11-07-2024 |
11. Ambassador of the Federal Republic of Germany visited ICAR-CISHThe Ambassador of the Federal Republic of Germany, Mr. Philipp Ackermann along with Ingeborg Bayer, counsellor FAO, Embassy of Federal Republic of Germany and Mr. kaspar Meyer, head science & technology of federal republic of Germany visited ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow. The Ambassador visited Institute nursery, mango experimented farm, laboratories, hort-Ind ABI and interacted with scientists. Mr. Ackermann had a discussion with the Director, ICAR-CISH to discuss potential areas for collaboration. Dr. T. Damodaran Director, ICAR-CISH briefed the achievements and technologies of the Institute. Dr. Maneesh Mishra P. Scientist & I/C PME organized the event जर्मनी के संघीय गणराज्य के राजदूत श्री फिलिप एकरमैन ने जर्मनी के संघीय गणराज्य के दूतावास के एफएओ के परामर्शदाता इंगेबोर्ग बायर, और जर्मनी के संघीय गणराज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रमुख श्री कैस्पर मेगर के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ का दौरा किया। राजदूत ने संस्थान की नर्सरी, आम के प्रायोगिक फार्म, बागवानी प्रयोगशालाओं और एबीआई का दौरा किया और वैज्ञानिकों से बातचीत की। श्री एकरमैन ने सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर संस्थान के निदेशक के साथ चर्चा की। निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने संस्थान की उपलब्धियों और प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. मनीष मिश्रा प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी, पीएमई ने कार्यक्रम का आयोजन किया! Event Date:- 02-07-2024 |
12. Training on the Micro Irrigation system was organized under (PMKSY) in Per Drop More Crop by ICAR-CISHTraining on the Micro Irrigation system was organized under Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) in Per Drop More Crop by ICAR-CISH, PFDC Lucknow in collaboration with NCPAH New Delhi for seven days from 1st July 2024 to 9 July 2024. The thirty trainee participants were farmers of Lucknow and Unnao districts of Uttar Pradesh, selected in consultations of kvKs of respective districts and micro irrigation industries involved in Uttar Pradesh. The objective of the training was to promote use of micro irrigation to enhance the water use efficiency improve on-farm water use efficiency, reduce wastage of water, enhance the adoption of precision irrigation and other water-saving technologies (More crop per drop) about the features and guidelines of PDMC, Micro Irrigation advantage scope types and components, design and layout and installation of micro irrigation system Care and maintenance, problems occurs and solutions in micro irrigation, management strategy to cope up with emergent situations. The Practical classes were held at ICAR-CISH farm, under the supervision of concerned trainers. For versatile exposure visits of participants were also arranged on demonstration blocks of micro irrigation, ICAR- IISR, Lucknow, Krishi Vigyan Kendra Lucknow, and Micro Irrigation demonstration plot of Jain Irrigation at farmers field at Lucknow. Post training evaluation of participants was excellent and the success rate was 100 %. Event Date:- 01-07-2024 |
13. हिंदी कार्यशालासंस्थान के निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.दामोदरन की अध्यक्षता में दिनांक 29.06.2024 को एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सेवानिवृत्ति एवं देय लाभ विषय पर व्याख्यान एवं चर्चा श्री सजीवन लाल गौतम,सहायक प्रशासनिक अधिकारी,केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेडा द्वारा प्रस्तुत किया गया| सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया एवं सेवानिवृत्ति उपरांत कर्मी के जीवन में आने वाली समस्यायों और असुबिधाओं के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता के रूप में जैसे पेंशन,पारिवारिक पेंशन,ग्रेचुती, चिकित्सा एवं अवकाश लाभ के वारे में विस्तार से चर्चा की गयी साथ ही राजभाषा विभाग द्वारा जारी राजभाषा हिंदी के वार्षिक कार्यक्रम के वारे में नोडल अधिकारी(राजभाषा) द्वारा भी चर्चा की गयी | संस्थान के निदेशक डॉ.टी.दामोदरन ने संस्थान द्वारा किये जा रहे हिंदी में कार्यों को और बढाने तथा लक्ष्यों को प्राप्त करने पर बल दिया | संस्थान के 30 वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया| कार्यक्रम का समन्वयन अरविन्द कुमार,नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया | Event Date:- 29-06-2024 |
14. प्रशस्ति पत्रनगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) का-2, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण,उत्तरी क्षेत्र,अलीगंज, लखनऊ द्वारा दिनांक 19.06.2024 को आयोजित छमाही बैठक में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रकाशित संस्थान की राजभाषा पत्रिका ‘उद्यान रश्मि’ वर्ष 2023 (आम विशेषांक ) को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया | संस्थान के निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.दामोदरन ने पत्रिका प्रकाशन समिति एवं पत्रिका में लेखकों के योगदान की सराहना की | Event Date:- 19-06-2024 |
15. Kisan Sammelan cum live Webcast of 17th PM Kisan Programme.A Kissan Sammelan cum Webcast Prgogramme was organised at ICAR-CISH, Krishi Vigyan Kendra, Malda (W.B.) on the occasion of release of grant to the eligible beneficiaries of 17th PM Kissan Samman Nidhi on 18.06.2024. During the programme a live webcast of Honble Prime Ministers programme was broadcasted to the farmers and farm women of Malda District under the chairmanship of Dr. D. K. Raghav, Head of KVK Malda. In the event, Shri Shantanu Thakur Honble Minister of State for Ports, Shipping and Waterways, Government of India participated as the Chief Guest. He visited the KVK administrative buildings, Laboratory and Farm and planted a Sapota sapling near the KVK Guest House. In his address, the chief guest informed the farmers about the schemes launched by the Government of India for farmers welfare. He said, Kisan Samman Nidhi is one of the most popular schemes in the world which directly benefits the farming community. A Farmers- Scientist interaction was held on Natural farming and income generation of farmers community with active participation of resource persons from the office of Deputy Director (Horticulture), Asst. Director Agriculture (Admin.), Dr. D. K. Raghav (Sr. Scientist cum Head), Dr. Dipak Nayak, Dr. P. Barman, Dr. Shailesh Kumar, Mr. V.V. Diptikar, Mr. Nabin Kr. Das and resource person of IMD Malda. A total of more than 500 participants have benefitted from the program. During the programme, high yielding variety of Paddy Seeds sponsored by ICAR-CRIJAF was distributed among the farmers. Event Date:- 18-06-2024 |
16. मलिहाबाद का जीएपी दशहरी आम पहली बार अमेरिका रवानामाननीय कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री सूर्य प्रताप शाही ने दिनांक 17 जून 2024 को आईसीएआर-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के रहमानखेड़ा परिसर से 4 टन मलिहाबादी दशहरी आमों से भरी रेफर वैन को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री दिनेश प्रताप सिंह राज्य मंत्री बागवानी कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज कुमार सिंह कृषि उत्पादन आयुक्त यूपी डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ श्रीमती विनीता सुधांशु एमडी, एपीडा नई दिल्ली डॉ. के.एस. रवि निर्यातक, इनोवा एग्री बायो पार्क मलूर (कर्नाटक) श्री विजय बहादुर द्विवेदी निदेशक बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय लखनऊ श्री उमंग गुप्ता, मैंगो एग्रीगेटर मलिहाबाद एवं संस्थान के सभी संबंधित वैज्ञानिक इस अवसर पर उपस्थित थे। समारोह से पूर्व आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए माननीय कृषि, शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री सूर्य प्रताप शाही ने ने आश्वासन दिया कि नोएडा में स्थित जेवर हवाई अड्डे के पास फलों और सब्जियों के उपचार और पैकिंग सुविधा युक्त एक फ़ूड पार्क/ पैक हाउस स्थापित किया जायेगा जिससे उ.प्र. का उत्पादन कार्गो हवाई जहाज़ या समुद्री मार्ग से कम लागत पर निर्यात किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मलिहाबादी दशहरी, पश्चिमी उ.प्र. का चौसा एवं पूर्वी उ.प्र. से लंगड़ा पहले ही सूचीबद्ध किया जा चुका है और निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने निर्यातकों और किसानों के साथ-साथ केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में आईसीएआर-सीआईएसएच द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने आम की भण्डारण क्षमता और रोग सहनशीलता को बढ़ाने के लिए डॉ. टी. दामोदरन के कुशल नेतृत्व में आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को उत्साह वर्धक और चमत्कारिक बताया।श्री दिनेश प्रताप सिंह ने आईसीएआर-सीआईएसएच के साथ अपने लंबे जुड़ाव का खुलासा किया और निर्यात में सफलता पर खुशी व्यक्त की साथ ही उन्होंने कहा की जब भी आवश्यकता होगी वह अपना भरपूर समर्थन देते रहेंगे। श्री मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त, उ.प्र. बताया कि डॉ. टी. दामोदरन के साथ प्रारंभिक चर्चा के बाद अमेरिका और यूरोप के लिए यूपी से निर्यात का लक्ष्य मिलना लगभग तय है और तदनुसार योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है । उन्होंने उत्तर भारत में विकिरण उपचार सुविधा की कमी का भी उल्लेख किया और डॉ. के.एस. रवि निर्यातक, इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर को नोएडा में फ़ूड पार्क/ पैक हाउस सुविधा स्थापित करने के लिए पुनः आमंत्रित किया। इससे पहले, डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ ने यूपी से अमेरिका तक आम को निर्यात करने के सपने को साकार करने में प्रत्येक योगदानकर्ता को बधाई दी। उन्होंने विकिरण उपचार के लिए यूपी से इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर (कर्नाटक) तक हर हफ्ते 4 टन आम भेजने का लक्ष्य रखा, जिसके बाद एयर-लिफ्ट द्वारा यूएसए भेजा जाएगा। श्रीमती विनीता सुधांशु, एमडी, एपीडा, नई दिल्ली ने इस उद्यम में पूरे दिल से समर्थन जारी रखने का वादा किया। आम निर्यातक डॉ. के.एस. रवि, निर्यातक, इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर ने नोएडा, यूपी में वर्तमान योजना की सफलता तथा यू.पी. के साथ कार्य करने में अवसरों एवं बाधाओं की समीक्षा के बाद एक इनोवा एग्री फूड पार्क स्थापित करने की अपनी योजना का खुलासा किया। उत्तर प्रदेश से निर्यात करने का लक्ष्य डॉ. टी. दामोदरन के गतिशील नेतृत्व में आम को यूरोप और अमेरिका तक पहुंचाने का काम चल रहा है जिन्होंने समस्याओं और मौकों का विश्लेषण किया, कमियों को भरने के लिए तकनीक विकसित की और अपने निदेशकत्व के लगभग 18 महीने की छोटी अवधि के भीतर अमेरिका के लिए एयर-लिफ्ट की व्यवस्था की। संस्थान ने योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, निर्यातकों, एग्रीगेटर्स और आम उत्पादकों से संपर्क किया। मेटवॉश तकनीक का परीक्षण आम की भण्डारण क्षमता को बढ़ाने के लिए अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा और यूपी के विभिन्न हिस्सों से मंगाई गई आम की विभिन्न किस्मों के फलों पर किया गया। इस तकनीक का उपयोग करके तोतापुरी आम की एक खेप पहले ही समुद्री मार्ग से यूरोप पहुंचाई जा चुकी है और भविष्य में यू.पी. आम भी इसी राह पर चलेंगे। आम के तीन आम क्लस्टर बनाने के लिए उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, लखनऊ के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार से आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. एस.सी. रवि एवं डॉ. एस. राउट्रे के नेतृत्व में मलिहाबाद, लखनऊ से दशहरी; चौसा आम के क्लस्टर का नेतृत्व बुलन्दशहर और सहारनपुर में डॉ. पी.के. शुक्ला एवं डॉ. एस.के. शुक्ला और वाराणसी में लंगड़ा आम का नेतृत्व डॉ. आशीष यादव, डॉ. अकथ सिंह और डॉ. एस.के. सिंह द्वारा किया जा रहा है। आम उत्पादन हेतु अच्छे कृषि प्रोटोकॉलइन विकसित किये गए और किसानों तक विस्तारित किए गए, साथ ही उत्पादकों को फलों की थैला बंदी हेतु बैग जैसे महत्वपूर्ण इनपुट भी प्रदान किए गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप निर्यात गुणवत्ता का उत्पादन संभव हो सका। मलिहाबाद के मैंगो एग्रीगेटर श्री उमंग गुप्ता ने भी योजनाओं के क्रियान्वयन और फलों की तुड़ाई और प्रसंस्करण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. के.एस. रवि, निर्यातक, इनोवा एग्री बायो पार्क, मलूर ने यूपी से आमों के परिवहन के बाद उपचार और पैकिंग और एयर-लिफ्ट की जिम्मेदारी ली है। श्रीमती विनीता सुधांशु, एमडी, एपीईडा, नई दिल्ली ने भी इस प्रक्रिया के दौरान विशेष रूप से मलूर में अमरीकी क्वालिटी इंस्पेक्टर की उपलब्धता की व्यवस्था करने में पूरा समर्थन दिया है, ताकि प्रत्येक खेप में एयर-लिफ्ट के बाद आपूर्ति सुनिश्चित हो। Event Date:- 17-06-2024 |
17. Field day on high density planting mango.Field Day on High Density Planting system in mango was organized on June 13, 2024 at ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow. The purpose of Field day was to create awareness among the mango growers for canopy management, irrigation and nutrient scheduling, pre-harvest fruit bagging and major pest and diseases management, grading and packaging of fruits of Dashehari, Amrapali and Arunika mango. In his inaugural address, Sh. Vijai Bahadur Dwivedi, Director, Horticulture, Govt of Uttar Pradesh highlighted the importance of high density planting system with improved production technologies in mango for better yield and quality and advised the mango growers to avail govt. Schemes for quality production. Dr T. Damodaran, Director, CISH underlined the initiatives of the Institute in developing new varieties of mango, improved production technology for higher yield and quality of mango. Dr Kundan Kishore, Head, Crop Production highlighted the importance of canopy management for maintaining small stature plant under HDP for proper bearing. The Impact of bagging was on fruit demonstrated quality of mango. Production technologies such as drip irrigation, nutrient management, canopy management, bagging and pest management were demonstrated during the field visit. More than forty mango growers participated in the Field Day program and expressed their satisfaction. The program was coordinated by Dr. Dinesh Kumar, Pr. Scientist with the help of Sh. Afroj Sultan and Dhruv Kumar. Event Date:- 13-06-2024 |
18. Participation in State Level Kharif Productivity Goshthi- 2024 organized by Department of Agriculture Uttar PradeshDirectorate of Agriculture, Uttar Pradesh organized one day (June12, 2024) State Level Kharif Productivity Goshthi and Exhibition at Indira Gandhi Pratishthan Lucknow. Scientist and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. The show was inaugurated by Honourable Minister of Agriculture, Agricultural Education & Research Uttar Pradesh Shri Surya Pratap Shahi on June12, 2024. Mango varieties viz Mallika, Amrapali, Arunika and Ambika, grafted plants of mango, guava and Beal, mango harvester, fruit fly trap, bio products and value added processed products of mango, guava, bael and aonla were made big attraction for visitors at the institute stall. After inauguration of Goshthi and exhibition, Honourable Minister of Agriculture Shri Surya Pratap Shahi, Minister of Agriculture (state) Shri Baldeo Singh Aulakh along-with senior officials of state department visited the stall. More than 2500 visitors including officials from various departments, farmers, women, students, visited the stall and benefited from the information on advance technologies developed by the institute. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO recorded feedback from the farmers and solved their queries regarding plant propagation, cultivation and harvesting method and plant protection of mango, guava, bael and jamun. Event Date:- 12-06-2024 |
19. Training-Cum Awareness Programme on Protection of Plant Varieties and Farmers Rights Act 2001 cum Mango and Jackfruit Diversity Show- 2024
The programme was organized at ICAR-CISH Regional Research Station, Malda, West Bengal on June 09, 2024 with support of Protection of Plant Varieties and Farmers Rights Authority (PPV&FRA), Government of India, New Delhi. Prof. Trilochan Mohapatra, Chairperson of the Protection of Plant Varieties and Farmers Rights Authority (PPV&FRA), Government of India, New Delhi inaugurated the programas a chief guest. The hon’ble chief guest was accompanied by Dr. Dinesh Kumar Agarwal, Registrar-General, PPV&FRA, Govt. of India, New Delhi, Dr. V. B. Patel, Assistant Director General (Hort.), ICAR, New Delhi, Dr. Pradip Dey, Director, ATARI, Kolkata, West Bengal, Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH, Lucknow, Dr. J. Karforma, Dean, College of Agriculture, UBKV, Balurghat, Dr D Sarkar, Social Activist, Malda, Mr. Krishnendu Narayan Choudhury, Former Minister in In-charge, Department of FPI & Horticulture, Govt. of West Bengal, Mr. Ujjal Saha, President, Malda Mango Merchant Association, Malda and Mr. Ujjal Choudhury, Malda Mango Merchant Association, Malda. At the beginning, mango and jackfruit diversity show was inaugurated and distinguished guests visited the various stalls of the diversity show and witnessed the unique diversity of more than 250 varieites of mango showcased by progressive mango growers from Malda, Murshidabad, Bankura and Purulia districts of West Bengal.The Director, ICAR-CISH delivered formal welcome address and greet all the distinguish guests and fellow mango and jackfruit growers. In his address, he highly appreciated the mango growers coming from different districts of West Bengal and adjoining states for mango and jackfruit exhibition and also admired the SC and tribal women of Malda who were involved with Farmers Producers Company (Agrani& Alokini) and conserving the indigenous diversity in mango and jackfruit.All distinguish guests delivered the lectures and highlighted the importance of PPV&FRA act on protection and conservation of plant varieties. The hon’ble chief guest enlightened the farmers for joining the hands with ICAR for registration of indigenous mango and jackfruit varieties under PPV&FRA act, which in turn may help the farmers to sustain their livelihood security. He also lauded the efforts of ICAR-CISH RRS, Malda for showcasing very rich diversity of mango and jackfruits in this programme and active role in registration of traditional mango varieites and other horticultural crops. Other dignitaries also emphasized the role of the institute in sensitizing the farmers for conserving the rich diversity in mango and jackfruit and helping them to uplift their income by processing and value addition of important varieties and marketization on commercial scale. The showcasing of mango included commercial mango varieties like Amrapali, Mallika, Himsagar, Langra, Fazli and Laxman Bhog and indigenous mango varieties like Chiniya, Gadadhar, Kolaboti, Funiya, Kishan Bhog, Gulabkhas, Piyarfuli, Nawab Pasand, Belakishan Bhog, Raj Bhog, Amrit Bhog, Chintamani Guti. About 300mango growers and farmers participated in the programme from different parts of West Bengal.The mango and jackfruit diversity showcased in the programme were evaluated by the group of experts and awarded on different categories. Among the farmers, Mr. Biman Mondal, a progressive growers and lovers from Maldahas received best exhibitor award in the showfor showcasing about 115 different indigenous mango varieties, while Mr. Pradip Rajbanshi was awarded the second-best exhibitor for showcasing 72 varieites of mango. Agrani Neo FPC, Malda has received best exhibitor for showcasing rich collection of jackfruit, while Alokini FPC has received second best exhibitor ward for jackfruit. Event Date:- 09-06-2024 |
20. Bihar farmers get exposure of new horticultural technologies.
Twenty five Farmers including one official from Bairaha village, Bathnaha block of Sitamarhi district of Bihar visited ICAR-CISH on June 05, 2024. The visit of farmers was sponsored by ATMA, Sitamarhi. Farmer were apprised about high density planting of mango & guava, Rejuvenation and canopy management of mango & guava, integrated management of insects & diseases, intercropping in mango & guava and Importance of mulching and drip irrigation in fruit crops. They also visited the experimental farm of the institute and interacted container farming, espalier system of quality fruit production of guava, fruit bagging in mango and protected cultivation of vegetables. Dr.Naresh Babu & Mr. Arvind Kumar coordinated the visit. Event Date:- 05-06-2024 |
21. Two days Entrepreneurship Development Programme on Dehydration and Value Addition of Fruits and Vegetables
Hort-Ind Agri-Business Incubation Centre organized 2 days Entrepreneurship Development Programme (EDP) on Dehydration and Value Addition of Fruits and Vegetables on 3rd & 4th June 2024. A total of 14 participants attended the EDP. Dr. T. Damodaran, Director inaugurated the programme and motivated the participants to develop innovative processed products to address the malnutrition issues and suggested to explore online e-marketing platforms. Dr. Maneesh Mishra, Principal investigator of ABI, enlightened the participants on various Government schemes for startups and FPCs and also highlighted the entrepreneurial opportunities in horticulture sector. Dr. Akath Singh, Head PHM shared his views on dehydration techniques for preservation. Dr. Abha Singh, Principal Scientist PHM provided the insights on basic principles of preservation. Dr. Alok Kumar Gupta, Scientist, PHM provided the hands-on training on Dehydration and Value Addition of Fruits and Vegetables. The participants were provided hands-on training on dehydration of Turmeric, Mushroom, raw mangos, Osmodehydrated mango and litchi Slices, Ripe Mango Powder (Freeze Dried) Mango and Litchi Squash and Aam Panna. About 80 % of the participants were interested to converge the knowledge gained into business activity. Participants were inclined towards production of raw mango powder, turmeric powder and squashes. The EDP was concluded by the distribution of the certificates to the participants. The EDP was coordinated by Dr. Maneesh Mishra, Dr. Ravi S.C. Dr. Alok Kumar Gupta and Dr. Sharad Verma. Event Date:- 03-06-2024 |
22. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ ने दिनांक अपना 41वाँ स्थापना दिवस मनाया.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा लखनऊ ने दिनांक 1 जून 2024 को अपना 41वाँ स्थापना दिवस मनाया! इस समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर ए के सिंह माननीय कुलपति रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झाँसी, ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वह गाँव-गाँव हर परिवार तक फल फसलों की पौध पहुँचाए और किसानों को फ़सल उत्पादन की महत्ता बताए! उन्होंने विशेष रूप से वैज्ञानिकों को देश के फल उद्योग में उनके अनवरत योगदान के लिए बधाई दी! उन्होंने वैज्ञानिकों का समर्थन करने और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान की प्रौद्योगिकियों को अपनाने और अंततः फलों और सब्ज़ियों की साल भर प्रचुर मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उत्पादकों को बधाई दी! मुख्य अतिथि ने संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और किसानों (श्री मनीष माहेश्वरी, श्रीमती सुनीता, श्री इकबाल अंसारी, श्री अलीम किदवाई आदि) को उनके आम अमरूद और सब्ज़ी उत्पादन तथा प्रसंस्करण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया! इससे पहले डॉ T. दामोदरन, निदेशक, लखनऊ भा.कृ.अनु.प- कें.उ.बा.सं ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की गत 1 वर्ष की उपलब्धियों पर चर्चा की! संस्थान में विश्व का आम का सबसे बड़ा जर्मप्लाज्म संग्रह 775 देशी और 20 विदेशी क़िस्म के साथ बना हुआ है! इसी एक साल में अमरुद की चार प्रजातियाँ श्वेता, धवल, ललित और लालिमा राज्य क़िस्म रिलीज़ समिति से जारी कराया गया! फ़्यूजीकान्ट तकनीकी को केले के साथ-साथ अन्य फसलों की उकठा रोग को रोकने के लिए लागू किया गया! बदलते जलवायु परिदृश्य में आम की सहिष्णु प्रजातियाँ भी विकसित की जा रही है! डॉ दामोदरन ने बताया कि आम की पुराने बागों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए नयी छत्रक प्रबंधन तकनीकी विकसित की गई! इस प्रकार से तैयार भागों में ड्रोन से छिड़काव संभव होगा, जिससे फ़सल सुरक्षा रसायनों के प्रयोग की मात्रा में बचत होगी! आम के फलों की थैला बंदी भी बहुत अधिक बढ़ायी गई जिससे रसायन मुक्त आम की उपलब्धता बढ़ेगी! आम के उकठा रोग के प्रबंधन हेतु प्रदेश के विभिन्न रोग ग्रस्त क्षेत्रों में जैविक प्रबंधन हेतु निकट भविष्य में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन करेंगे! क्लीन प्लांट प्रोडक्शन परियोजना के अंतर्गत संस्थान को रूपये 1 अरब से अधिक के अनुदान से एक नई पौध उत्पादन इकाई का निर्माण करना है जिससे किसानों को फल फसलों की रोग मुक्त प्रमाणिक पौध मिल सके! आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये गये और मैटवास तकनीकी के माध्यम से फलों का स्वजीवन 35 से 40 दिन तक बढ़ाया गया! अब हम समुद्री मार्ग से आम को यूरोप तक भेजने को तैयार है! दक्षिण भारतीय किसमो को इस तकनीकी के प्रयोग से समुद्री मार्ग से इंग्लैंड भेजा गया है! इस वर्ष उत्तर प्रदेश से 50 टन आम निर्यात का लक्ष्य है !सम्मानित अतिथि भा.कृ.अनु.प- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर आर विश्वनाथन ने भा.कृ.अनु.प- कें.उ.बा.सं लखनऊ की प्रगति और प्रदर्शन की सराहना की! कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों के साथ संस्थान के पूर्व निदेशक डॉक्टर शैलेन्द्र राजन परियोजना समन्वयक डॉक्टर ए के मिश्रा और प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर वी के सिंह आदि पूर्व में सेवानिवृत अनेक लोगों ने सहभागिता की. Event Date:- 01-06-2024 |
23. Exposure visit of Students B.Sc (Agriculture)
A Group of 50 students of B.Sc(Agriculture) alongwith two faculty member from Chandra Bhanu Gupta P.G College, Bakshi Ka Talab, Lucknow visited the institutes campus Rehmankheda on May 17, 2024. The Students were briefed about Institute’s technologies like varieties of mango, guava, bael and jamun, technologies such as high Density planting of mango & guava, rejuvenation & canopy management, espelior system of guava, bagging of mango fruits, protected cultivation of vegetables during was demonstrated. Students were also visited Fruit Processing Laboratory of the Institute. The students were highly excited and showed great zeal in observing the bearing fruits of mango under high density planting. Dr.Naresh Babu, Principal Scientist and Mr. Arvind Kumar. Event Date:- 17-05-2024 |
24. training program on Quality Mango Production and its Marketing was organized by ICAR-CISH, Lucknow
A three day training program on Quality Mango Production and its Marketing was organized by ICAR-CISH, Lucknow during May 15-17, 2024 in collaboration with Agricultural Technology Management Agency (ATMA), Bhagalpur, Bihar. Mango growers of Bhagalpur undertook the training program to enhance the production and quality of JARDALU mango, a GI-tagged mango, for higher market price. In the training program production, plant protection and post harvest management were highlighted through lectures, demonstrations and practical classes. Dr. T. Damodaran, Director, highlighted the production of good agricultural practices for production of export quality fruits. He also told the participants about the initiatives of CISH in promotion of mango exports. Dr. Kundan Kishore, Head, Crop Production highlighted the significance of production technology especially canopy management under high density planting system of mango. Nutrient use efficiency, bagging, and rejuvenation were highlighted by the scientists of the production division, whereas plant protection and post harvest interventions were emphasized by the Scientists of protection and post harvest division. Field Demonstration of mango production technology, nursery unit, post-harvest management, packaging and processing was arranged. Scientists of CISH advised the mango growers to adopt GAP in mango mango for quality fruit production. During the interaction, participants expressed satisfaction over the program and realized the importance of scientific interventions for obtaining higher market price. The program was coordinated by Dr. Kundan Kishore with the help of Dr. Sanjay Kumar Singh and Sh. Dhruv Kumar. Event Date:- 15-05-2024 |
25. 50th Institute Research Council Meeting held during May 9-10 & 13-14 2024
The 50th IRC meeting of ICAR-CISH, Rehmankhera, Lucknow was held during May 9-10 & 13-14, 2024 under the chairmanship of Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH. Division-wise and project-wise presentations of significant achievements were made by the project leaders. The chairman IRC, Dr. T. Damodaran emphasized that there is a need for re-orientation of ongoing research programmes as per the vision of Viksit Bharat and targets assigned by the Council. He also encouraged that the HoDs should put their efforts to bring externally funded projects. आईसीएआर-सीआईएसएच, रहमानखेड़ा, लखनऊ की 50वीं आईआरसी बैठक 9-10 और 13-14 मई, 2024 के दौरान डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएसएच की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। परियोजना प्रमुखों द्वारा संभागवार एवं परियोजनावार महत्वपूर्ण उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण दिया गया। आईआरसी के अध्यक्ष डॉ. टी. दामोदरन ने इस बात पर जोर दिया कि विकसित भारत के दृष्टिकोण और परिषद द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार चल रहे अनुसंधान कार्यक्रमों को फिर से उन्मुख करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी प्रोत्साहित किया कि विभागाध्यक्षों को बाहरी वित्त पोषित परियोजनाओं को लाने के लिए अपने प्रयास करने चाहिए। Event Date:- 09-05-2024 |
26. IP Awareness Talk on the occasion of World Intellectual Property Day-2024
ICAR-CISH, Lucknow celebrated World Intellectual Property Day-2024 on the theme of the year IP and the SDGs Building our common future with innovation and creativity on this occasion, ITMU organized an IP awareness talk on 8 May 2024 under the chairmanship of Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH. Dr. Muthukumar. M. officer-In-charge ITMU welcomed the invited guest speaker Managing Director Ag Hub PJTSAU Rajendranagar, Hyderabad and gave a brief description on institutes IP portfolio. Dr. Kalpana Shastry delivered a talk on The Emerging Technology Landscape in Horticultural Food Systems with special emphasis on IP and SDGs. Her lecture focused on developing innovation centric technologies green technologies and Horticulture 4.0 digital horticulture. She also discussed the case studies of Madurai Malli Kashmirs saffron etc. and explained how the GI & technological interventions of ICAR institutes/SAUs enhanced the economic and business opportunities as well as attributed for achieving of SDGs. The programme ended with a formal vote of thanks by Dr. Ravi S.C. A total of 46 participants attended the program. Event Date:- 08-05-2024 |
27. Experts visit ICAR CISH for Clean Plant Program Implementation.
ICAR Central Institute for Subtropical Horticulture (ICAR CISH) one of the premiere institutes known for production of quality planting material of mango and guava is able to meet about one-third requirements of UP State while the rest is borne by private nurseries. Private Nurseries have not been able to supply certified true varieties and disease-free quality material to the farmers. As a result of which the desired productivity and profitability is not be achieved. The Clean Planting Material Production Program of Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, New Delhi which is to be implemented in coordination with National Horticulture Board and Indian Council of Agriculture Research, New Delhi. ICAR-CISH, Lucknow is one of the centers selected for clean planting material production in mango, guava and litchi. In this regard a team of international experts (Mr. Ioannis Tzanetakis. J.E. Martinus, Dipak Paudiyal) and National Horticulture Board officials (Mr. C. P. Gandhi and Dr. S.N. Sahay) visited ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow to finalize area for CPP and had discussion with the scientists. Dr. T. Damodaran, Director, ICAR CISH briefed about the potential and need for the State to have the Centre. He also briefed the requirement of planting material, germplasm available and importance of CISH in this work. The experts visited the laboratory, fields and expressed their satisfaction on the progress made by institute towards quality research for the global cause. Dr. S. R. Singh, Principal Scientist replied to questions related to planting material production; and Dr. P. K. Shukla regarding crop protection issues. Experts suggested the institute to start with the work on hazard analysis on our mandated (mango and guava) and litchi crops to generate basic information to be taken care of under Clean Plant Program. The Clean Planting Material Production Program will address the issue and help the country in better establishment of orchards, improvement in quality and production of export quality fruits. Event Date:- 03-05-2024 |
28. बैगिंग तकनीक से आम बनेगा खास.
भा.कृ.अनु.प.केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत माल प्रखंड के अंगीकृत ग्राम नवीपनाह में दिनांक 25-04-2024 को बैगिंग तकनीक से आम बनेगा खास विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने बताया कि यदि किसान आमों की थैलाबन्दी कर दें तो फलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उन्हें अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और निर्यात में भी वृद्धि की जा सकती है। फार्मर फर्स्ट परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि आम में बैगिंग करने से कीट एवं बीमारियों का प्रकोप कम हो जाता है जिससे कीटनाशक का प्रयोग कम होता है। फल अन्दर से समान रूप से पकते हैं और पके हुए फलों में एक समान आर्कषक चमकदार रंग आता है जिससे किसानों को उचित दाम मिलता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला और डॉ. रवि एस.सी ने बैगिंग तकनीक के बारे में जानकारी दी। श्री राजधानी मैंगो पॉइंट, नवीपनाह के निदेशक उमंग गुप्ता ने किसानों को बताया कि किसानों के लिए बैग उपलब्ध है और अच्छी गुणवत्ता के आम किसानों से उचित दर पर क्रय किया जाएगा। इस कार्यक्रम में कुल 100 किसानों ने प्रतिभाग किया। Event Date:- 25-04-2024 |
29. Inaugurated modern facilities for entrepreneurs established at Agri Business Incubation Centre, ICAR - CISH Lucknow
Dr. Himanshu Pathak, Secretary (DARE) and Director General (ICAR), inaugurated modern facilities for entrepreneurs established at Agri Business Incubation Centre, ICAR - Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow on April 14, 2024. On this occasion, the institute organized institute B2B meeting of exporters and mango growers, commercialized three technologies (CISH-Ambika, Mango Wine, and Mango Rootstock Sagarika), signed a Memorandum of Understanding (MOU) with Borlaug Web Services (BWS), Kolkata for the development of a block chain technology for mango traceability throughout the entire supply chain, and unveiled five technical publications. The DG ICAR also chaired the pannel discussion for promotion of mango exports from India. Mrs. Vinita Sudhanshu, GM APEDA, Dr. V. B. Patel, Dr. Rajan, Dr. Damodaran, Dr. Bikash Das and Rajesh Yadav were the panelists of the session. A total of 33 startups are starting the effective deployment of CISH technology. The custom hiring facilities has been started for post harvest handling of mango. Event Date:- 14-04-2024 |
30. On-farm Training program on Good Agricultural Practices in Mango Cultivation organized by ICAR-CISH LucknowConsidering the significance of scientific production technology in ensuring quality fruit production of mango, an On-farm Training program “Good Agricultural Practices in Mango Cultivation” was organized at Sarraiya, Ayodhya, (Eastern Plain) on April 10, 2024 in collaboration with the Krishi Vigyan Kendra and District Horticulture Department Ayodhya. More than 50 participants comprising of mango growers, entrepreneurs and FPO participated in the training program. Dr. Kundan Kishore, Head, Division of Crop Production, welcomed the guests and participants and underlined the initiative of CISH, Lucknow in bridging the knowledge gap pertaining to scientific mango production technology in collaboration with the KVK and State Hort. Deptt. He further emphasized the significance of canopy management in high density plantation and rejuvenation in sustaining mango production in the region. Dr. H. S. Singh, Principal Scientist, CISH emphasized the importance of insect pest management in obtaining higher yield in mango. He also sensitized the mango growers about the use of traps for management of insect pest including fruit fly. Sh. Paras Nath, DHO Ayodhya highlighted the initiatives and schemes of the Department in mango cultivation and marketing. He appreciated the effort of the CISH in conducting the training program for needy mango growers. Dr. B. P. Sahi, Head, KVK, Ayodhya also emphasized the role of KVK in dissemination of need-based technology for the benefit of the mango growers. Significance of nutrient management and water management in ensuring quality fruit production was highlighted by Dr. Dinesh Kumar Principal Scientist CISH. Dr. Ramgopal, KVK, emphasized the need of integrated disease management in mango. The significance of the post harvest management in ensuring higher market price was emphasized by Dr. Karam Beer CISH. During the field visits, participants were demonstrated scientific management of tree canopy, nutrient, water and pest and diseases. Scientists of CISH advised the mango growers to adopt rejuvenation technology for their senile mango orchards. During the interaction, participants expressed satisfaction over the program and realized the adoption of Good Agricultural Practices in mango for obtaining higher market price. The program was ended with the vote of thanks proposed by Dr. Karam Beer. The program was coordinated by Dr. Kundan Kishore, Dr. H. S. Singh, Dr. Dinesh Kumar, Dr. Karm Beer Dr. Ramgopal and Sh. Dhruv Kumar. Event Date:- 10-04-2024 |
31. हिंदी कार्यशालासंस्थान के निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.दामोदरन की अध्यक्षता में दिनांक 28/03/2024 को एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें आम के कीटों एवं रोगों का समन्वित प्रबंधन/Integrated Management of Insects & Diseases in Mango विषय पर व्याख्यान डॉ. प्रभात कुमार शुक्ला,प्रधान वैज्ञानिक,केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेडा द्वारा प्रस्तुत किया गया| आम में लगने वाले कीटों एवं रोगों के समन्वित प्रबंधन करने हेतु यांत्रिक,प्राकृतिक,जैविक एवं अंत में रासायनिकों का समन्वित तथा पारिस्थितिकी संतुलन वनाये रखते हुए सामायिक प्रबंधन करने पर जोर दिया गया| गुणवत्तायुक्त कीटनाशकों/फफूंदी नाशकों के प्रयोग करने पर भी बल दिया| संस्थान के निदेशक डॉ.टी.दामोदरन ने संस्थान द्वारा आम में कीटों एवं रोगों के समन्वित प्रबंधन हेतु संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों को बागवानों तक पहुंचनें में हिंदी भाषा के महत्व को एक प्रभावी माध्यम वताया| संस्थान के 35 वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया| कार्यक्रम का समन्वयन अरविन्द कुमार ,नोडल अधिकारी (राजभाषा ) द्वारा किया गया | Event Date:- 28-03-2024 |
32. The three-day training program on, Unlocking the Value Scientific Honey Testing and Its Vital Role under SCSP Scheme March 20–22, 2024
The three-day training program entitled "Unlocking the Value: Scientific Honey Testing and Its Vital Role in Beekeeping" took place under the SCSP Scheme from March 20–22 2024. The program aimed to provide valuable insights and knowledge to farmers in the field of beekeeping. The event commenced with a welcome address by Dr. Vishambhar Dayal, a Scientist, who set the tone for the training. Dr. Alok Gupta, another Scientist, delivered a presentation focusing on the successful rearing of honey bees, honey production, and the significance of beekeeping as a sustainable source of income. Following this, Dr. Ningthoujam Samarendra Singh, also a Scientist, provided an informative lecture on the fundamentals of scientific honey testing, shedding light on essential techniques and procedures. An enriching aspect of the program was the participation of Mr. OP Mauryan, a farmer, who shared valuable insights and practical experiences related to honey bee rearing and production. His contributions added a practical perspective to the theoretical knowledge imparted during the training sessions. Overall, the training program saw active participation from farmers, who benefited from the expertise shared by the esteemed speakers and gained valuable insights into enhancing their beekeeping practices for improved productivity and sustainability. Event Date:- 20-03-2024 |
33. आम-सभा 2024
किसानतक इंडिया टुडे समूह और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के तत्वावधान में संस्थान के रहमानखेड़ा, लखनऊ परिसर में दिनांक 18.03.2024 को एक आम सभा का आयोजन माननीय कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री मनोज कुमार सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार की अध्यक्षता और पदमश्री कलीमुल्लाह, विशिष्ट अतिथि की उपस्थिति में किया गया । कार्यक्रम में भाग ले रहे गणमान्य अतिथियों और किसानो का स्वागत संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में डॉ दामोदरन ने संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न फल फसलों की प्रजातियों की विशेषताओं, आम के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु अच्छी बागवानी पद्धतियों और फलों के स्वजीवन बढ़ाने विकसित तकनीकी की विशेष चर्चा की। आम सभा के पैनल डिस्कशन कार्यक्रम में "ये आम कुछ खास है आम बाजार, आम के आम गुठलियों के दाम, आम की दुनिया और आम का मास्टर प्लान शीर्षकों पर चर्चा की गयी और इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण आजतक टीवी के किसानतक चेंनेल पर किया गया । कार्यक्रम के प्रथम सत्र ये आम कुछ खास है में डा. संजय सिंह, महानिदेशक, उपकार, लखनऊ डा. वी.बी. पटेल, सहायक महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली और डा. विजय बहादुर द्विवेदी, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, लखनऊ ने चर्चा में भाग लिया। इस सत्र में आम की विभिन्न प्रजातियों के महत्व, उनकी पौध की उपलब्धता और उनके बाजार भाव तथा निर्यात की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। प्रगतिशील किसान श्री विजय सिंह, श्री उपेन्द्र सिंह (लखनऊ) एवं श्री डी.के.शर्मा (बिजनौर) ने आम के पुराने बागों की कटाई-छंटाई हेतु हुए शासनादेश के संदर्भ में किसानों को तकनीकी एवं यांत्रिक सहायता उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई। कृषि उत्पादन आयुक्त, श्री मनोज कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के किसान सबसे अधिक भाग्यशाली हैं क्योंकि यहाँ 86 प्रतिशत भूमि सिंचित है, जैसा कि दुनिया में कहीं नहीं है। किसानों को नवीनवेषी तरीके से उद्यमतापूर्ण खेती करने की आवश्यकता है। आम की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सघन बागवानी के अन्तर्गत 16 प्रतिशत क्षेत्रफल में वृद्धि करने के लिए तत्पर है। साथ ही बागवानों को समन्वित खेती के माध्यम से वर्ष भर खेती में लगे रहकर अपनी आय को बढ़ाने की आवश्यकता है। डा. ए.के. सिंह, कुलपति चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर ने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्र कृषि और बागवानी की शिक्षा के माध्यम से न सिर्फ डिग्री प्राप्त करेंगे बल्कि इस शिक्षा का प्रयोग अपने गांव में करते हुए कृषि एवं बागवानी का विकास कर रहे हैं। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त एवं माननीय कुलपति महोदय ने विभिन्न एक पी सी एस समुदाय आधारित संस्थाओं के प्रमुखो जैसे श्री माधवेन्द्र सिंह, श्री सतीश कुमार सिंह, श्री दयाशंकर सिंह, श्री उपेन्द्र सिंह एवं श्री विजय कुमार सिंह सहित प्रगतिशील किसानो जैसे, श्री राजू सिंह, श्री राजकुमार सिंह, श्रीमती पूनम महरोत्रा आदि उन्नतिशील किसानों एवं उद्यमियों को सम्मानित किया। आम बाजार चर्चा के दौरान डा. मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक, सीआईएसएच श्री आसिफ रियाज़, फार्मर संस्था, श्री अकरम बेग, निर्यातक ने आम के स्थानीय, अंतर्देशीय दूरस्थ एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए आवश्यक गुणवत्ता के आम उत्पादन हेतु विस्तार से बताया। चर्चा में स्पष्ट हुआ कि संस्थान द्वारा विकसित आम की अच्छी कृषि पद्धतियों को अपनाये बिना उच्च बाजार भाव प्राप्त करना संभव नहीं है। आम के आम गुठलियों के दाम विषय पर चर्चा के दौरान डा. कुन्दन किशोर, विभागाध्यक्ष डा. आलोक कुमार गुप्ता, वरिष्ठ वैज्ञानिक और पद्मश्री कलीमउल्ला खान ने आम के विकास के हर स्तर पर फलों की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। चर्चा में आंधी में गिरे आम से लेकर सड़े हुए आम और आम की गुठलियों तक के उपयोग और उनसे उद्यमता विकास की संभावनाओं को किसानों को ज्ञान दिया गया। आम की दुनिया विषय पर चर्चा का केन्द्र विभिन्न प्रजातियों और आपूर्तिकर्ताओं के मध्य राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही स्पर्धा रहा। आम का मास्टर प्लान विषय पर चर्चा में जलवायु परिदृश्य में आम की सफल बागवानी के विषय में डॉ. प्रभात कुमार शुक्ल, प्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण आम के बौर के निकलने का समय अनियमित हो गया है। डॉ. शुक्ल ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण हुए अनियमिंत मौसम के कारण अधिक आंधी-तूफान, ओला बृष्टि और बेमौसम वर्षा, आम की फसल को हानि कर रहे हैं। आम का मास्टर प्लान विषय पर चर्चा में जलवायु परिदृश्य में आम की सफल बागवानी के विषय में डॉ. एच.एस. सिंह ने बताया कि जलवायु परिवर्तन का आम पर अब तक कोई वैज्ञानिक आधार प्रकाशित नहीं हो पाया है। परन्तु मौसम के व्यवहार में प्रतिकूल परिवर्तन जैसे-असमय वर्षा, तापमान में अचानक परिवर्तन, ओलावृष्टि आदि का, स्थान एवं समय के अनुसार, प्रभाव देखा जा रहा है। बौर खिलने की अवस्था पर लगने वाले कीट, असमय कोमल पत्तियों के निकलने के कारण मई-जून में प्रकोप करने लगे हैं। जिनमें थ्रिप्स, हॉपर और सेमीलूपर प्रमुख हैं। अधिक तापमान होने के कारण बहुत बड़ी मात्रा में प्रयोग किये जाने वाले कुछ कीटनाशकों का प्रभाव कम हो गया है। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण कीटों की संख्या में असमय वृद्धि होने लगी है। Event Date:- 18-03-2024 |
34. QRT interacts with scientists and other stakeholders
Third meeting of 7th QRT was held at ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow during 4-7 March 2024. QRT team visited nursery block, hydroponics facility, experimental field and laboratories of the Institute where Director appraised the team about the work being carried out by Institute. Team interacted with State Govt. officials, farmers, traders, exporters, mango pack house managers and FPOs to learn about the mango industry. Director presented a brief account of the salient achievements, programmes organised and the activities of general nature reflecting the Institutes focus on welfare of farming community along with Action Taken Report (ATR) of previous QRT on 4th March, 2024. Chairman briefed the scientists about the expectations of QRT. A special issue of Udyan Rashmi on Mango and SoP for export of mango cvs. Dashehari and Chausa were released by the QRT. Event Date:- 04-03-2024 |
35. आम निर्यात पर किसान - वैज्ञानिक संगोष्ठी
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान, लखनऊ द्वारा आम के निर्यात बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता के आम उत्पादन विषय पर दिनांक 22.02.24 को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के निदेशक डॉ. टी.दामोदरन ने सभी सहभागियों का स्वागत करते हुए संस्थान द्वारा विकसित आम के निर्यात के लिए मानक ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल एवं आदर्श कृषि पद्धतियों को अपनाकर निर्यात योग्य गुणवत्ता के आम उत्पादन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने किसानों से रसायनों के उपयोग में कमी लाने हेतु जैव उत्पादों के प्रयोग,फ़लो को रसायन अवशेष से मुक्त रखने के लिए फलो की थैलाबंदी एवं संस्थान द्वारा विकसित फ़सल प्रभात को भी अपनाने का आग्रह किया। डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि आम के निर्यात हेतु बागों का ट्रेसिबिल्टी के लिए जियो टैगिंग एवं होर्टीनेट, एपीडा में पंजीकरण आवश्यक है, उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आदर्श कृषि पद्धतियों को अपनाने और उच्च गुणवत्ता के फल निर्यात हेतु उपलब्ध कराने का आग्रह किया। डॉ. एच. एस. सिंह ने संस्थान द्वारा आम उत्पादन हेतु की गई संस्तुतियों पर संक्षेप में विवरण प्रस्तुत किया एवं सिचाई जल के बचाव के लिए नवीन सिचाई पद्धतियों को एवं पुराने भागों की कटाई-छँटाई के महत्व के बारे में अवगत कराया। इस कार्यक्रम में देहात कम्पनी के प्रतिनिधि द्वारा किसानों को कृषि इनपुट एवं विपणन के बारे में अवगत कराया गया। कार्यशाला में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एच. एस. सिंह, डॉ. पी. के. शुक्ल, डॉ. रवि एस. सी., डॉ. कर्मवीर, डॉ. विसंभर दयाल एवं फ़ार्मर फर्स्ट परियोजना से जुड़े मलिहाबाद के 20 प्रगतिशील बागवानों, एफपीओ स्टार्टअप एवं निर्यातक ने सहभागिता की। कार्यक्रम का समन्वय डॉक्टर मनीष मिश्रा द्वारा किया गया। Event Date:- 22-02-2024 |
36. Skill Development will lead to Entrepreneurship
आम तौर पर वाइट कॉलर जॉब कर रहे युवा कृषि में हाथ नहीं आज़माते थे। कोरोना काल के बाद इस सोच में भरी बदलाव आया है! आज युवा जो तकनीकी उद्योग में काम कर रहे है वो कृषि स्टार्टअप में तेजी से भाग्य आजमा रहे हैं। 1500 से ज्यादा कृषि स्टार्टअप भारत में आज काम कर रहे हैं। निंजा कार्ट और देहात जैसे कृषि स्टार्टअप ने धूम मचा रखी हैं। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन केंद्र के प्रधान अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा बताते हैं, की संस्थान के स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक माह का मेंटरशिप कार्यक्रम उद्यानोदय 6 फ़रवरी को आयोजित किया गया। पुरे देश से 65 युवाओं/कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया। भारतीय प्रबंध संस्थान एवं भारतीय तकनीकी संस्थान के विशेज्ञों ने पिच डे में इनमे से 9 इन्क्यूबेटी का चयन किया। इनमे से एक युवा हैं राहुल बग्घा जो बॉलीवुड में एक्टर हैं साथ ही नेटफ्लिक्स में कई सीरीज में काम कर चुके हैं।मनीष माहेश्वरी जो पेशे से टेलीकॉम इंडस्ट्री में बड़े पद पर थे ने अपनी नौकरी छोड़ कर अमरूद में स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया! आशीष बैनर्जी एक शॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो केले के ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी में स्टार्टअप का सपना लेकर इस कार्यक्रम में जुड़े हैं, बंगाल के प्रसून चितलांगिया आम, पापड़ को स्टार्टअप के माध्यम से पुरे देश में लोकप्रिय करना चाहते हैं! इन इन्क्यूबेटी को डीपीआर बनाने, स्टार्टअप के लिए धन मुहैया कराने, स्टार्टअप रजिस्टर कराने, बैद्विक सम्पदा संरक्षित करने, कानूनी विषयो में पारंगत कराने सहित व्यवसाय से जुड़े विषयो पर देश के प्रख्यात विशेषज्ञों से जोड़ा जा रहा हैं। संस्थान के निदेशक डॉ टी.दामोदरन,बताते हैं कि एक माह के गहन सत्र के बाद एक साल तक इन्क्यूबेशन में रक्खा जाएगा! स्टार्टअप जब तक बाजार में सफल नहीं होते तब तक संस्थान इनकी मेंटोरशिप करेगा। संस्थान के वैज्ञानिक प्रयोगशालाये, उपकरण सहित अनेक संसाधनों का ये इन्क्यूबेटी उपयोग कर पाएंगे. Event Date:- 06-02-2024 |
37. Nine Startups to handhold by ICAR-CISH under Udyanoday-1 Incubation Programme..
Hort-Ind Agri-Business Incubation Centre (Hort-Ind ABIC) of ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized “Pitch Day” for startups under the incubation programme UDYANODAY-1 on 29th January, 2024. The objective of the programme was to select the most refined innovative startup ideas in horticulture for incubation support at ICAR-CISH, Lucknow. About 65 startups have applied for this programme from all over the country, out of which 22 were scrutinized thoroughly and invited for the Pitch Day to present their innovations. The expert panels for judging these startups were from the India’s leading organizations like IITs and IIMs of the country. Dr. T. Damodaran (Director, ICAR-CISH, Lucknow), Mr. Ravi Pandey (REO, IIT Kanpur), Mr. Shyam Kumar (Coo, SGPGIMS), Dr. Ashish Yadav (Principal Scientist, ICAR-CISH), Dr. Ravi S.C. (Scientist, ICAR-CISH) and Dr. Alok Kumar Gupta (Scientist, ICAR-CISH) evaluated the startups meticulously and critically analyzed their innovations. Total nine most potential startup ideas on post-harvest management, food technology, value addition, brewery, precision agriculture, blockchain, traceability, Vedic / musical farming and agro-tourism were selected for this programme for incubation. These startup will be given one month intensive mentorship followed by one year incubation informed Dr. Maneesh Mishra, PI, ABI.
केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान लखनऊ के हॉर्ट-इंड एग्री-बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (हॉर्ट-इंड एबीआईसी) ने दिनांक 29 जनवरी, 2024 को इन्क्यूबेशन प्रोग्राम उदयनोदय-1 के तहत स्टार्टअप्स के लिए एक कार्यक्रम "पिच डे" का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का उद्देस्य बागवानी में सबसे परिष्कृत नवीन स्टार्टअप विचारों का चयन करना था। इस कार्यक्रम के लिए पूरे देश से लगभग 65 स्टार्टअप ने आवेदन किया,जिनमें से 22 की गहन जांच की गई और उन्हें अपने नवाचार प्रस्तुत करने के लिए पिच दिवस पर आमंत्रित किया गया। इन स्टार्टअप्स को परखने के लिए आईआईटी और आईआईएम जैसे भारत के अग्रणी संगठनों से विशेषज्ञो को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में डॉ. टी. दामोदरन (निदेशक, आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ), श्री रवि पांडे (आरईओ, आईआईटी कानपुर), श्री श्याम कुमार (सीओ, एसजीपीजीआईएमएस),डॉ. आशीष यादव (प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर-सीआईएसएच),डॉ. रवि एस.सी. (वैज्ञानिक, आईसीएआर-सीआईएसएच) और डॉ. आलोक कुमार गुप्ता (वैज्ञानिक, आईसीएआर-सीआईएसएच) ने स्टार्टअप्स का सूझबुझ के साथ मूल्यांकन किया और उनके नवाचारों का गंभीर विश्लेषण किया। इस कार्यक्रम के लिए फसल कटाई के बाद प्रबंधन, खाद्य प्रौद्योगिकी, मूल्य संवर्धन,यवासवनी, सटीक कृषि, ब्लॉकचेन, ट्रेसबिलिटी, वैदिक/संगीत खेती और कृषि-पर्यटन पर कुल नौ सबसे संभावित स्टार्टअप विचारों को चुना गया। डॉ. मनीष मिश्रा, पीआई, एबीआई ने बताया कि इन स्टार्टअप को एक महीने की मेंटरशिप दी जाएगी और उसके बाद एक साल का इनक्यूबेशन दिया जाएगा। Event Date:- 29-01-2024 |
38. संस्थान में मनाया गया 75वां गणतंत्र दिवस।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। रहमानखेड़ा स्थित मुख्य परिसर में संस्थान के निदेशक डा. टी.दामोदरन ने झंडारोहण किया और संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर निदेशक महोदय ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए सभी को मिल जुलकर साथ काम करने का सन्देश दिया साथ ही संस्थान की उपलब्धियों की भी चर्चा की और आने वाले समय में बागवानी की चुनौतियों पर काम करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में संस्थान के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। Event Date:- 26-01-2024 |
39. संस्थान का भ्रमण एवं वैज्ञानिक-छात्र संवाद बैठक
पंडित दीन दयाल उपाध्याय, राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज, थावर, काकोरी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के नौ से बारह कक्षाओं के 300 छात्रों के एक समूह ने 18 जनवरी, 2024 को आईसीएआर-सीआईएसएच का भ्रमण किया। फलों और पोषण सुरक्षा के राष्ट्रीय महत्व पर चर्चा की गई। केले में फ्यूजेरियम विल्ट के वैज्ञानिक प्रबंधन पर चर्चा की गई। सफल उपोष्णकटिबंधीय फल उत्पादन के लिए संसाधन संरक्षण और प्रबंधन के महत्व को समझाया गया। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए मिट्टी और वृक्ष पोषण प्रबंधन के महत्व को प्रस्तुत किया गया। छात्रों को फलों की फसलों में एकीकृत कीट प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया। जानकारी प्राप्त करने के लिए जिंक एवं बोरॉन प्रबंधन का उपयोग कर मल्लिका उत्पादन पर चर्चा की गई। आम की किस्मों जैसे अरुणिका, अंबिका, लंगड़ा, मल्लिका और अमरूद की किस्मों जैसे श्वेता, ललित धवल, लालिमा के बारे में बताया गया। छात्रों को अधिक उपज देने वाली पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2, पूसा रौनक टिंडा (डीआरएम-26), पूसा लॉन्ग ग्रीन ककड़ी, थार प्रभा (उच्च उपज देने वाला कैंथा) और थार अमृत (उच्च उपज देने वाला शरीफा) जैसी नई जारी की गई सब्जियों की किस्मों से अवगत कराया गया। देश भर में पोषण संबंधी आवश्यकताओं और उत्पादकता में वृद्धि। छात्रों को फसल सुधार और जैव प्रौद्योगिकी, उत्पादन प्रौद्योगिकियों, सुरक्षा और फसल कटाई के बाद की प्रौद्योगिकियों की भूमिका के बारे में बताया गया। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने व्याख्यान दिया और छात्रों के साथ बातचीत की। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने इस भ्रमण का आयोजन किया। A group of 300 students of nine to twelve standards from Pandit Deen Dayal Upadhyay, Rajkiya Model Inter College, Thwar, Kakori, Lucknow, Uttar Pradesh visited ICAR-CISH on 18th January, 2024. National importance of fruit and nutritional security was discussed. Scientific management of Fusarium wilt in Banana was discussed. The importance of resource conservation and management for successful subtropical fruit production was explained. Importance of soil and tree nutritional management for securing quality fruit production was presented. Students were sensitized about integrated pest management in fruit crops. To gain knowledge, Mallika production using Zinc and boron management was discussed. Mango varieties like Arunika, Ambika, Langra, Mallika and Guava varieties like Shewta, Lalit Dhawal, Lalima was explained. Students were apprised of newly released vegetable varieties like high yielding Pusa Golden Cherry Tomato-2, Pusa Raunak Tinda (DRM-26), Pusa Long Green cucumber, Thar Prabha (high yielding wood apple) and Thar Amrit (high yielding custard apple) for nutritional requirements and enhancing productivity across the country. The role of crop improvements and biotechnology, production technologies, protection and post harvest technologies were disseminated to students. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) delivered lectures and interacted with the students. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) organized the visit. Event Date:- 18-01-2024 |
40. वैज्ञानिक-किसान संवाद बैठक सह संस्थान का भ्रमण
उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले के 32 किसानों के एक समूह ने 17 जनवरी, 2024 को आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ का भ्रमण किया। वैज्ञानिक-किसान संवाद बैठक आयोजित की गई और किसानों को उपोष्णकटिबंधीय फल उत्पादन, संरक्षण और फसल के बाद मूल्य संवर्धन की प्रौद्योगिकियों का प्रसार किया गया। संस्थान के संग्रहालय में किसानों को विभिन्न उपोष्णकटिबंधीय फलों के उत्पादन के बारे में जागरूक किया गया। किसानों को पूसा रौनक टिंडा (डीआरएम-26), पूसा हाइब्रिड-4 करेला और कुफरी पुख राज आलू जैसी नई उच्च उपज वाली सब्जी किस्मों को उगाने के लिए प्रेरित किया गया। गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए फलों की फसलों में ड्रिप सिंचाई के माध्यम से नमी संरक्षण के महत्व को समझाया गया। किसानों को प्राकृतिक खेती के माध्यम से फल और जैविक सब्जियां उगाने के लिए भी प्रेरित किया गया। आईसीएआर-फ्यूसिकॉन्ट का उपयोग करके केले में फ्यूजेरियम विल्ट के प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की गई। किसानों के बीच नमी संरक्षण और फलों और सब्जियों से संबंधित अन्य जानकारी पर हिंदी साहित्य भी वितरित किया गया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान, संस्थान द्वारा आम और अमरूद के बागों में विकसित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) एवं डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने किसानों से बातचीत की और भ्रमण का समन्वय किया। A group of 32 farmers from Shahjahanpur district, Uttar Pradesh visited ICAR-CISH, Lucknow on January 17, 2024. Scientist-Farmers interaction meeting was organized and technologies of subtropical fruit production, protection and post harvest value addition were disseminated to farmers. Farmers were sensitized about different subtropical fruit production technologies in the institute museum. Farmers were motivated to grow newly released high yielding vegetable varieties like Pusa Raunak Tinda (DRM-26), Pusa Hybrid-4 bitter gourd and Kufri Pukh Raj Potato. Importance of moisture conservation through drip irrigation in fruit crops for quality production was explained. Farmers were motivated to grow fruits through natural farming and organic vegetables also. Importance of management of Fusarium wilt in Banana using ICAR-Fusicont was discussed. Hindi literatures on moisture conservation and other information related to fruits and vegetables were also distributed to farmers. During field visits, institute technologies in mango and guava orchards were demonstrated. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) interacted with the farmers and co-ordinated the visit. Event Date:- 17-01-2024 |
41. Institute visit and Scientist-Farmers interaction meet
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के 30 किसानों के एक समूह ने 17 जनवरी, 2024 को आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ का भ्रमण किया। वैज्ञानिक-किसान संवाद बैठक आयोजित की गई और खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में फलों और सब्जियों के महत्व पर चर्चा की गई। उपोष्णकटिबंधीय फल उत्पादन, संरक्षण और कटाई के बाद मूल्य संवर्धन की तकनीकों का किसानों तक प्रसार किया गया। नदी घाटियों में सब्जी उत्पादन के वैज्ञानिक तरीके और जैविक सब्जी की खेती के बारे में बताया गया। किसानों को ड्रिप सिंचाई सह मल्चिंग के साथ बेल और आंवला जैसे कम उपयोग वाले फलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। दशहरी, मल्लिका, आम्रपाली जैसी आम की किस्मों की वैज्ञानिक खेती प्रस्तुत की गई। किसानों को फल सुरक्षा और आय के लिए पूसा रौनक टिंडा (डीआरएम-26), पूसा हाइब्रिड-4 करेला, पूसा चेरी टमाटर-2 और थार अमृत (उच्च उपज देने वाला शरीफा) जैसी नई जारी उच्च उपज वाली सब्जी किस्मों को उगाने के लिए प्रेरित किया गया। गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए फलों की फसलों में ड्रिप सिंचाई के माध्यम से नमी संरक्षण के महत्व को समझाया गया। आईसीएआर-फ्यूसिकॉन्ट का उपयोग करके केले में फ्यूजेरियम विल्ट के प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की गई। संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों पर हिंदी साहित्य किसानों के बीच वितरित किया गया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान, संस्थान द्वारा आम और अमरूद के बागों में विकसित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने व्याख्यान दिया और किसानों से बातचीत की। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने संवाद बैठक और भ्रमण का समन्वय किया। A group of 30 farmers from Unnao district, Uttar Pradesh visited ICAR-CISH, Lucknow on January 17, 2024. Scientist-Farmers interaction meeting was organized and Importance of fruits and vegetables in ensuring food and nutritional security was discussed. Technologies of subtropical fruit production, protection and post harvest value addition were disseminated to farmers. The scientific ways of vegetable production in river basins and organic vegetable cultivation was explained. Farmers were encouraged to grow underutilized fruits like bael and aonla with drip irrigation cum mulching. Scientific cultivation of mango varieties like Dashehari, Mallika, Amrapali were presented. Farmers were motivated to grow newly released high yielding vegetable varieties like Pusa Raunak Tinda (DRM-26), Pusa Hybrid-4 bitter gourd, Pusa Cherry Tomatoes-2 and Thar Amrit (high yielding custard apple) for fruit security and income. Importance of moisture conservation through drip irrigation in fruit crops for quality production was explained. Importance of management of Fusarium wilt in Banana using ICAR-Fusicont was discussed. Hindi literatures on institute developed technologies were distributed among farmers. During field visits, institute technologies in mango and guava orchards were demonstrated. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) delivered lectures and interacted with the farmers and co-ordinated the visit. Event Date:- 17-01-2024 |
42. वैज्ञानिक-छात्र संवाद बैठक एवं संस्थान का भ्रमण
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, मलिहाबाद, उत्तर प्रदेश के नौ शिक्षको के साथ 100 छात्रों के एक समूह ने 16 जनवरी, 2024 को आईसीएआर-सीआईएसएच लखनऊ का भ्रमण किया। छात्रों को उपोष्णकटिबंधीय फल उत्पादन, संरक्षण और फसल के बाद मूल्य संवर्धन की प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूक किया गया। भोजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में वैज्ञानिक समुदाय की भूमिका पर चर्चा की गई। फल उत्पादन प्रणालियों में मिट्टी और वृक्ष स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की गई। पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और देश भर में किसानों की आय में सुधार करने के लिए, छात्रों को पूसा रौनक टिंडा (डीआरएम-26), पूसा लॉन्ग ग्रीन ककड़ी, पूसा हाइब्रिड-4 करेला और थार अमृत (उच्च उपज देने वाला शरीफा) जैसी नई जारी की गई सब्जियों की किस्मों से अवगत कराया गया। क्षेत्र के भ्रमण के दौरान, संस्थान द्वारा विकसित तकनीक जैसे पुराने और अनुत्पादक आम के बागों का कायाकल्प, हल्दी, शरीफा, अमरूद, घास आदि के साथ अंतरफसल का प्रदर्शन किया गया। बातचीत के दौरान, महत्वपूर्ण फलों की वृद्धि और विकास में ड्रिप फर्टिगेशन के महत्व का प्रचार-प्रसार किया गया। छात्रों को आम की मल्लिका, आम्रपाली, अरुणिका, अंबिका और अमरूद की ललित, धवल, श्वेता, लालिमा जैसी किस्मों से अवगत कराया गया। फल मक्खी के नियंत्रण के लिए उत्साही छात्रों के बीच प्रति हेक्टेयर 10 मिथाइल यूजेनॉल ट्रैप के उपयोग के बारे में बताया गया। छात्रों के बीच हिंदी साहित्य भी वितरित किया गया। इस भ्रमण का आयोजन डॉ. टी. दामोदरन (निदेशक) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) द्वारा किया गया। A group of 100 students along with nine faculty members from Rajkiya Balika Inter College, Malihabad, Uttar Pradesh visited ICAR-CISH Lucknow on 16th January, 2024. Students were sensitized about technologies of subtropical fruit production, protection and post harvest value addition. Role of scientific community to secure food and nutritional security was discussed. Importance of soil and tree health management in fruit production systems was discussed. In order to meet the nutritional requirements and also to improve farmers’ income across country, students were made aware of newly released vegetable varieties like Pusa Raunak Tinda (DRM-26), Pusa Long Green cucumber, Pusa Hybrid-4 bitter gourd and Thar Amrit (high yielding custard apple). During field visits, institute technologies like rejuvenation of old and unproductive mango orchards, intercropping with turmeric, custard apple, guava, grass etc were demonstrated. During interaction, the importance of drip fertigation at critical fruit growth and developments was disseminated. Students were made aware of mango varieties like Mallika, Amrapali, Arunika, Ambika and Lalit, Dhawal, Shewta, Lalima of guava. For control of fruit fly, use of methyl eugenol traps @10 traps per hectare was communicated among the enthusiastic students. Hindi literatures were also distributed among the students. The visit was organized by Dr. T. Damodaran (Director) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist). Event Date:- 16-01-2024 |
43. field day programme conducted at Sarsanda Block, Kakori Lucknow under SCSP Scheme
A field day on "Post-Harvest Management of Mango: Implementing Good Agricultural Practices (GAP) for Pesticide Residue" was organized under the SCSP Scheme at Sarsanda, Khand, Kakori, Lucknow on January 12, 2024. The event was attended by more than 50 mango farmers and staff of ICAR-CISH, Lucknow. During the event Dr. Vishambhar Dayal in his address highlighted the importance of mango cultivation with a focus on pest management. Dr. Ningthoujam Samarendra Singh shed light on the significance of managing pesticide residue through implementation of Good Agricultural Practices (GAP). Dr. Snehasish Routray provided valuable insights into the strategies and management of major pests affecting mango cultivation. Mr. Dheerendra Rastogi delved into the economic aspects, discussing the fundamentals of pesticide input costs and profits. दिनांक 12 जनवरी, 2024 को सरसंडा, खंड, काकोरी, लखनऊ में एससीएसपी योजना के तहत "आम की कटाई के बाद प्रबंधन: कीटनाशक अवशेषों के लिए अच्छी कृषि पद्धतियों (जीएपी) को लागू करना" शीर्षक से एक क्षेत्र दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया था। संस्थान के वैज्ञानिको एवं कर्मचारियो सहित 50 से अधिक किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. विशंभर दयाल ने अपने भाषण में कीट प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ आम की खेती के महत्व पर चर्चा की । डॉ. निंगथौजम समरेंद्र सिंह ने अच्छी कृषि पद्धतियों (जीएपी) के कार्यान्वयन के माध्यम से कीटनाशक अवशेषों के प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. स्नेहाशीष रौट्रे ने आम की खेती को प्रभावित करने वाले प्रमुख कीटों की रणनीतियों और प्रबंधन पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। इसके अतिरिक्त, धीरेंद्र रस्तोगी ने कीटनाशक इनपुट लागत और मुनाफे के बुनियादी सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए आर्थिक पहलुओं पर चर्चा की। Event Date:- 12-01-2024 |
44. walkathon Udyanoday-1 hosted by ICAR-CISH Lucknow for horticultural startups co-partnered with Amity University LucknowA walkathon for horticultural startups was organized on 12th January, 2024 by the ICAR-CISH, Lucknow at Amity University. The event was organized for the promotion and launch of an incubation programme Udyanoday-1 by the Hort-Ind Agri-Business Incubation Centre (ABIC) of ICAR-CISH, Lucknow. In this programme Dr. Ravi S.C., Scientist and Co-PI, ABIC, ICAR-CISH, Lucknow motivated the students for coming upfront and explore the opportunities of startups in horticulture through the programme Udyanoday-1 He delivered a talk on role of agri-startups in Indian economy. He detailed the programme Udyanoday-1 as an excellent one year incubation programme for early stage startups and students in horticulture including 30 days pre-incubation phase of extensive mentoring sessions from all the fields of the industry. The event was co-coordinated by Prof. (Dr.) Rajesh K Tiwari, Dean Academics and Professor of Biotechnology, Amity University. Pro Vice Chancellor, Amity University Cdr. (Dr.) Anil Kumar (Retd.) welcomed the ICAR-CISH, Lucknow team and advocated the connectivity of young minds to the start-ups who may prove to be useful contribution in Indian economy. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 12 जनवरी, 2024 को एमिटी विश्वविद्यालय में बागवानी स्टार्टअप के लिए एक वॉकथॉन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के हॉर्ट-इंड एग्री-बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबीआई) द्वारा एक इन्क्यूबेशन कार्यक्रम उद्यानोदय-1 के प्रचार और लॉन्च के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में डॉ. रवि एस.सी., वैज्ञानिक और सह- अन्वेषक, एबीआई, ने छात्रों को उद्यानोदय-1 कार्यक्रम के माध्यम से आगे आने और बागवानी में स्टार्टअप के अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि-स्टार्टअप की भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने उद्योग के सभी क्षेत्रों के व्यापक परामर्श सत्रों के 30 दिनों के प्री-इन्क्यूबेशन चरण सहित बागवानी में शुरुआती चरण के स्टार्टअप और छात्रों के लिए उद्यानोदय-1 कार्यक्रम को एक वर्ष के इन्क्यूबेशन कार्यक्रम के रूप में विस्तृत किया। इस कार्यक्रम का समन्वय प्रोफेसर (डॉ.) राजेश के. तिवारी, डीन एकेडमिक्स और बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर, एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया था। प्रो वाइस चांसलर, एमिटी यूनिवर्सिटी, विंग कमांडर. डॉ. अनिल कुमार (सेवानिवृत्त) ने संस्थान, की टीम का स्वागत किया और युवाओ को स्टार्ट-अप से जोड़ने की बात की जो की भारतीय अर्थव्यवस्था में उपयोगी योगदान साबित हो सकते हैं। Event Date:- 12-01-24 |
45. One day training program for Farmers/FPOs on Feed and Fodder Development sponsored by NSC Siliguri at CISH KVK Malda
A training program was organized jointly by National Seeds Corporation, Silguri (W.B.) and CISH- Krishi Vigyan Kendra, Malda on 10 January 2024 in training hall of RRS on the topic Feed and Fodder Development for Dairy farmers. The Chif guest of program was Dr Dipak Nayak I/c Head RRS Malda and Special guests was Dr. Sirajul Islam, Asst Director (Ag.) Malda, Shri Mithlesh Kumar, Area Manager, National Seeds Corporation, Siliguri (W.B.). During the training expert delivered his lecture on fodder requirement and suitable variety for dairy farmers. The demand of fodder is increasing and scarcity of green fodder is affecting milk production in the district. Although dairy farming and demand of seed of fodder is attractive entrepreneurship for rural youth. The NSC representative delivered a lecture on seed availability of fodder. Dr Raghav gave brief information about linkage of technology gap through clustering of farmers and marketing of produce. During the farmers interaction session Dr P N. Barman Sr. Scientist RRS advised farmers about legume based forage crops cultivation. Dr Shailesh Kumar SMS Fisheries advised to farmers about feed management and vaccination schedule for good health of dairy animals. During the program more than 45 farmers were present. The representative from Agrani FPO and group of Dairy farmers also attended the training program. Mr V.V. Diptkar, STO actively participated to successfully organize the sponsored program. Event Date:- 10-01-2024 |
46. ICAR-CISH and APEDA Targets 100 MT export of UP mangoes through sea route
आईसीएआर-सीआईएसएच ने यूपी के निर्यात के लिए एक समुद्री मार्ग प्रोटोकॉल विकसित किया है। एपीडा और राज्य सरकार के सहयोग से आम को यूरोप और रूस तक पहुंचाया जायेगा। संस्थान ने 35 दिनों तक स्व-जीवन बढ़ाने और तुड़ाई उपरांत फलों के रोगों को नियंत्रित करने के लिए सीआईएसएच-मेटवॉश और एथिलीन अवशोषक तकनीक विकसित की है। प्रगतिशील किसानों की पहचान की गई है और उन्हें बाजारों से अस्वीकृति से बचने के लिए स्वीकार्य सीमा के तहत कीटनाशकों के अवशेषों के साथ निर्यात गुणवत्ता वाले आम का उत्पादन करने के लिए संस्थान प्रौद्योगिकियों के साथ प्रशिक्षित किया गया है। पहचाने गए निर्यातक, डॉ. के.एस. रवि, इनोवा एग्री बायो पार्क लिमिटेड, बेंगलुरु यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों को लक्षित करेंगे; और मेसर्स देव दास एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, जलगांव, महाराष्ट्र, उत्तर भारतीय आम को रूस और उज्बेकिस्तान में निर्यात करेंगे। यूपी के आमों के निर्यात से किसानों को अत्यधिक लाभकारी रिटर्न मिलेगा। एपीडा, नई दिल्ली की महाप्रबंधक सुश्री विनीता सुधांशु ने आगामी सीजन में इटली में उत्तर भारतीय आम की किस्मों के प्रदर्शन में वित्तीय सहायता प्रदान करने का वादा किया। यूपी से आम के समुद्री मार्ग के माध्यम से निर्यात की योजना को 09 जनवरी, 2024 को कृषि अनुसंधान भवन II, नई दिल्ली में सभी हितधारकों (निर्यातकों, किसानों, एपीडा और आईसीएआर-सीआईएसएच) की बैठक में अंतिम रूप दिया गया है। इस बैठक में हितधारकों को संबोधित करते हुए डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएसएच लखनऊ ने बताया कि समुद्री मार्ग से निर्यात में बड़ी बाधा, आम के फलों की सीमित शेल्फ लाइफ को हल कर लिया गया है और यूरोपीय बाजार में आपूर्ति के लिए प्रोटोकॉल तैयार कर लिया गया है। तुड़ाई से लेकर बिक्री के लिए वितरण तक 32-34 दिन लगेंगे। प्रयोगों की एक श्रृंखला के बाद, गर्म पानी के उपचार और सीआईएसएच-मेटवॉश डिप के बाद पूरी आपूर्ति श्रृंखला में फलों को 17 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखने के संयोजन की तकनीक 34 दिनों से अधिक का शेल्फ जीवन प्रदान करेगी। आम ब्लॉक-चेन प्रौद्योगिकी में एआई आधारित समाधान विकसित करने के लिए इस बैठक में बोरलॉग वेब सर्विसेज, कोलकाता के श्री अयोन हाजरा भी शामिल थे और निर्यात के लिए चयनित बागों से आंकड़ों के प्रबंधन के लिए उनकी फर्म को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ के वैज्ञानिकों (डॉ. अकथ सिंह, डॉ. मनीष मिश्रा और डॉ. पी.के. शुक्ल) की उपस्थिति में निर्यातकों के साथ भाग लेने वाले किसानों (श्री उमंग गुप्ता, लखनऊ श्री अब्दुल गफ्फार, सहारनपुर श्री आशीष जैन, सहारनपुर और श्री अशोक कुमार, मेरठ) के साथ चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि किसान निर्यातकों को उनके द्वारा निर्दिष्ट गुणवत्ता स्तर पर वांछित मात्रा (100 मीट्रिक टन तक) आम के फल प्रदान करेंगे। उत्पादन अवधि के दौरान लक्षित आयातक देशों के प्रोटोकॉल का भी पालन किया जाएगा। निर्यातक एक पखवाड़े के भीतर देश-वार आपूर्ति लक्ष्य और प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देंगे और समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ में एक और खरीदार-विक्रेता बैठक आयोजित की जाएगी।
ICAR-CISH has developed a sea route protocol for the export of U.P. mango to Europe and Russia in collaboration with APEDA and state government. The Institute has developed CISH-METWASH and ethylene absorbing technologies to extend shelf life for 35 days and to control post-harvest diseases. The progressive farmers have been identified and are trained with Institute technologies for producing export quality mangoes with pesticides residues under permissible limits to avoid rejection from markets. The identified exporters, Dr. K. S. Ravi, Innova Agri Bio Park Ltd., Bengaluru will target European and USA markets; and M/s Dev Das Agro Pvt Ltd, Jalgaon, Maharashtra will export North Indian mango to Russia and Uzbekistan. The export of UP mangoes will provide highly remunerative returns to the farmers. The General Manager, APEDA, New Delhi, Ms. Vinita Sudhanshu promised to provide financial support in showcasing North Indian mango varieties in Italy in the forthcoming season. The road map for export of mango fruits from U.P. through sea route has been finalized in a meeting of the all stakeholders (exporters, farmers, APEDA and ICAR-CISH) on January 09, 2024 at Krishi Anushandhan Bhawan II, New Delhi. While addressing to the stakeholders in the meeting Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH, Lucknow told that the major hurdle in the sea route export, the limited shelf life of mango fruits has been resolved and the protocol to supply in European market has been finalized. It will take 32-34 days from harvesting to distribution for sale. After a series of experiments, the technology combining hot water treatment and CISH-METWASH dip followed by maintaining fruits at 17 °C throughout the supply chain will provide the shelf life of over 34 days. Sri Ayon Hazra, Borlogue Web Services, Kolkata was also involved in this meeting for developing the AI based solutions in mango block-chain technology and it has been decide to involve his firm for managing data from selected orchards for export. The discussion was held with the participating farmers (Mr. Umang Gupta, Lucknow; Mr. Abdul Gaffar, Saharanpur; Mr. Ashish Jain, Saharanpur and Mr. Ashok Kumar, Meerut) with the exporters in the presence of ICAR-CISH, Lucknow scientists (Dr. Akath Singh, Dr. Maneesh Mishra and Dr. P.K. Shukla); and it was decided that the farmers will provide desired quantity (up to 100 MT) of mango fruits to the exporters at quality level specified by them. The protocols of the target importing countries will also be followed during production period. The exporters will finalize the country-wise supply targets and protocols within a fortnight and another buyer-seller meeting will be organized at ICAR-CISH, Lucknow to sign the agreements. Event Date:- 09-01-2024 |
47. Scientist-Farmers interaction meet cum Institute visit 08-01-2024A group of 21 farmers and two officials from eight blocks of Sahibganj district, Jharkhand visited ICAR-CISH, Lucknow on January 8, 2024 under ATMA Programme. Scientist-Farmers interaction meeting was organized and technologies of subtropical fruit production, protection and post harvest value addition were disseminated to farmers For nutritional security and enhancing farmers’ income, farmers were motivated to grow newly released vegetable varieties like high yielding Pusa golden cherry tomato-2, Pusa Raunak Tinda (DRM-26), Pusa Long Green cucumber, Pusa Hybrid-4 bitter gourd and Thar Amrit (high yielding custard apple. Importance of management of Fusarium wilt in Banana using ICAR-Fusicont was discussed. Farmers were sensitized about insect pest and disease management in mango and guava Hindi literatures on Bio-immunization of Banana, low chilling apple, Zinc and Boron management in Guava, high yielding custard apple and vegetables cultivation were distributed. During field visits, institute technologies in mango and guava orchards were demonstrated. Mr. Arvind Kumar (ACTO) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) delivered lectures and interacted with the farmers. Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Mr. Arvind Kumar (ACTO) organized the visit. झारखंड के साहिबगंज जिले के आठ ब्लॉकों के 21 किसानों और दो अधिकारियों के एक समूह ने ए.टी.एम.ए कार्यक्रम के तहत 8 जनवरी, 2024 को आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ का भ्रमण किया। वैज्ञानिक-किसान संवाद बैठक आयोजित की गई और किसानों को उपोष्णकटिबंधीय फल उत्पादन, संरक्षण और फसल के बाद मूल्य संवर्धन की प्रौद्योगिकियों का प्रसार किया गया। पोषण सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, किसानों को उच्च उपज वाली पूसा गोल्डन चेरी टमाटर -2, पूसा रौनक टिंडा (डीआरएम -26), पूसा लॉन्ग ग्रीन ककड़ी, पूसा हाइब्रिड -4 कड़वी जैसी नई सब्जियों की किस्मों को उगाने के लिए प्रेरित किया गया। आईसीएआर-फ्यूसिकॉन्ट का उपयोग करके केले में फ्यूजेरियम विल्ट के प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की गई। किसानों को आम एवं अमरूद में कीट एवं रोग प्रबंधन के प्रति जागरूक किया गया। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों और फलों के विकास के दौरान जल संरक्षण के महत्व के बारे में बताया गया। केले के जैव-प्रतिरक्षण, कम ठंड होने वाले सेब, अमरूद में जिंक और बोरॉन प्रबंधन, उच्च उपज वाले शरीफा और सब्जियों की खेती पर हिंदी साहित्य वितरित किए गए। क्षेत्र भ्रमण के दौरान, संस्थान द्वारा आम और अमरूद के बागों में विकसित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया। श्री अरविंद कुमार (एसीटीओ) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने व्याख्यान दिया और किसानों के साथ बातचीत की। डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) और श्री अरविंद कुमार (एसीटीओ) ने इस भ्रमण का आयोजन किया। Event Date:- 08-01-2024 |
48. Golden opportunity for startups in horticulture through Udyanoday-1
A walkathon on incubation programme named Udyanoday-1 of ICAR-CISH Lucknow was organized by ICAR-CISH, Lucknow at Integral University on 4th January, 2024. The event was coordinated by Dr. Saba Siddiqui, Head of the Department Faculty of Agriculture Integral University, Lucknow. The programme was led by Dr. Ravi S.C. and Dr. Alok Kumar Gupta, Scientists and Co-PIs Hort-Ind Agri-Business Incubation Centre (ABIC) of ICAR-CISH, Lucknow. Dr. Ravi S.C. delivered a talk on Startups in Horticulture and briefed about the programme, Udyanoday-1. He emphasized that it is a well designed incubation programme for early stage startups and students to begin startups in horticulture. The walkathon was attended by more than one hundred students and shoed keen interest in the programme Udyanoday. Dr. Alok Kumar Gupta detailed that it’s a one year incubation programme which includes thirty days intensive mentoring sessions from the experts from startups industry. He mentioned that the applications for the programme are opened from 29th Decemeber 2023 to 19th January 2024. Any interested student who has potential idea for startups can fill the application and join the programme he added. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ द्वारा 4 जनवरी 2024 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में उद्यनोदय-1 नामक इनक्यूबेशन कार्यक्रम पर एक वॉकथॉन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का समन्वयन विभागाध्यक्ष डॉ. सबा सिद्दीकी, कृषि संकाय, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने किया।। कार्यक्रम का नेतृत्व केंद्रीय उपोष्ण संस्थान लखनऊ के हॉर्ट-इंड एग्री-बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर (एबीआईसी) के वैज्ञानिक और सह-अन्वेषक डॉ. रवि एस.सी. और डॉ. आलोक कुमार गुप्ता ने किया। डॉ. रवि एस.सी. ने बागवानी में स्टार्टअप पर एक व्याख्यान दिया और कार्यक्रम, उद्यानोदय-1 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह शुरुआती चरण के स्टार्टअप और छात्रों के लिए बागवानी में स्टार्टअप शुरू करने के लिए यह एक बहुत अच्छी पहल हैं । वॉकथॉन में सौ से अधिक छात्र एवं छात्राओं ने भाग लिया और उद्यानोदय कार्यक्रम में गहरी रुचि दिखाई। डॉ. आलोक कुमार गुप्ता ने विस्तार से बताया कि यह एक साल का इनक्यूबेशन कार्यक्रम है जिसमें स्टार्टअप उद्योग के विशेषज्ञों के तीस दिनों के गहन परामर्श सत्र शामिल हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि कार्यक्रम के लिए आवेदन 29 दिसंबर 2023 से 19 जनवरी 2024 तक खुले हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी इच्छुक छात्र जिसके पास स्टार्टअप के लिए संभावित विचार है वह आवेदन कर कार्यक्रम में शामिल हो सकता है। Event Date:- 04-01-2024 |
49. वैज्ञानिक-छात्र संवाद बैठक एवं संस्थान का भ्रमण
रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी, उत्तर प्रदेश के दो संकाय सदस्यों के साथ बी.एससी (ऑनर्स) बागवानी पांचवें सेमेस्टर के 19 छात्रों के एक समूह ने 3 जनवरी, 2024 को आईसीएआर-सीआईएसएच लखनऊ, उत्तर प्रदेश का भ्रमण किया। छात्रों को फसल सुधार और जैव प्रौद्योगिकी, उत्पादन प्रौद्योगिकियों, सुरक्षा और फसल कटाई के बाद की प्रौद्योगिकियों की भूमिका के बारे में बताया गया। आम की किस्मों जैसे अरुणिका, अंबिका, लंगड़ा, मल्लिका और अमरूद की किस्मों जैसे श्वेता, ललित धवल, लालिमा की भूमिका के बारे में बताया गया। देश भर में पोषण संबंधी आवश्यकताओं और किसानों की आय में वृद्धि के बारे में बताया गया। केले में फ्यूजेरियम विल्ट के वैज्ञानिक प्रबंधन पर चर्चा की गई। सब्जियों के उत्पादन के लिए संरक्षित खेती, कम लागत वाली पॉलीटनल और पॉलीहाउस की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया! कृषक समुदाय की समस्याओं के समाधान के लिए छात्रों को फलों की फसलों में एकीकृत कीट प्रबंधन के बारे में बताया गया। छात्रों को वैज्ञानिक फल उत्पादन, सब्जियों की सफल खेती, केले का जैव-प्रतिरक्षण पर हिंदी साहित्य वितरित किया गया। भ्रमण के दौरान, आम के बागों में अंतरफसल, पुराने आम के बागों का जिर्णौधार, लंगड़ा किस्म के आम के पेड़, उच्च घनत्व वाले आम के बाग और बहु-भ्रूण वाले आम के पेड़ों के बारे में जानकारी डी गयी। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने व्याख्यान दिया और छात्रों के साथ बातचीत की। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने इस भ्रमण का आयोजन किया गया। A group of 19 students of B.Sc. (Hons.) Horticulture V semester along with two faculty members from Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University, Jhansi, Uttar Pradesh visited ICAR-CISH Lucknow, Uttar Pradesh on 3rd January, 2024. The role of crop improvements and biotechnology, production technologies, protection and post harvest technologies was discussed. Role of Mango varieties like Arunika, Ambika, Langra, Mallika and Guava varieties like Shewta, Lalit Dhawal, Lalima was explained. Scientific management of Fusarium wilt in Banana was discussed. The need for protected cultivation, low cost polytunnel and polyhouse for producing vegetables were also emphasized. Importance of soil and tree nutritional management for securing quality fruit production was presented. Students were motivated for adoption of integrated pest management in fruit crops for solving problems of the farming community. Hindi literatures on scientific fruit production, successful vegetables cultivation, Bio-immunization of Banana were distributed to the students. During field visits, intercropping in mango orchards, rejuvenation of old mango orchards, Langra variety of mango tree, high density mango orchards and poly-embryony mango trees were demonstrated. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) delivered lectures and interacted with the students. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) organized the visit. Event Date:- 03-01-2024 |
50. ड्रोन द्वारा उर्वरक का छिड़काव.भारतीय कृषि अनुशंधान परिषद् केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के कृषि ड्रोन परियोजना के अंतर्गत संस्थान के फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट परियोजना के अंगीकृत गांव ढखवा के किसानों के प्रक्षेत्र पर दिनांक 27 -12 -2023 को किसानो के खेतो में ड्रोन तकनिकी द्वारा नैनो यूरिया स्प्रे का प्रदर्शन किया गया! इस कार्यक्रम में 25 से ज्यादा किसानो ने भाग लिया, कार्यक्रम का समन्वय ड़ॉ कर्मवीर के द्वारा किया गया ! Event Date:- 27-12-2023 |
51. हिंदी कार्यशाला 21-12-2023
संस्थान के निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.दामोदरन की अध्यक्षता में दिनांक 21.12.2023 को एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे उद्यान में जैवप्रौधोगिकी अनुप्रयोग Biotechnology Applications in Horticulture विषय पर व्याख्यान डॉ.मुत्थु कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक(जैव प्रौधोगिकी) केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेडा द्वारा प्रस्तुत किया गया,जिसमें जैव प्रौधोगिकी को परिभाषित करते हुए जैव प्रौधोगिकी तकनीक के द्वारा रोग प्रतिरोधी एवं अधिक गुणवत्ता वाली किस्मों के विकास करने में उद्यान फसलों को बेहतर बनाने के वारें में विस्तृत जानकारी से उपस्थित प्रतिभागियों को लाभान्वित किया| कार्यशाला में संस्थान के नोडल अधिकारी(राजभाषा) ने राजभाषा के वार्षिक लक्ष्यों का सक्षेप में परिचय कराते हुए संस्थान में हुई राजभाषा गतिविधियों के वारे में जानकारी प्रतिभागियों के वीच साझा की| संस्थान के निदेशक डॉ.टी.दामोदरन ने इस अवसर पर संस्थान दवारा जैव प्रौधोगिकी माध्यम से विकसित गुणवत्तायुक्त उद्यान फसलों सम्बन्धी तकनीकी जानकारी को आखिरी उपयोगकर्ता तक पहुचाने में हिंदी भाषा के महत्व को सराहा| इस कार्यशाला में संस्थान के 53 वैज्ञानिकों/अधिकारीयों/कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया तथा कार्यक्रम का समन्वयन अरविन्द कुमार,नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया| Event Date:- 21-12-2023 |
52. Organized One Day Farmers Training on Improved Production Technology on Jute production for Malda districtAwareness cum training program on improved Production Technology on Jute production was organized on dated 15 December 2023 with collaboration of Directorate of Jute Board, Kolkata at CISH-KVK/RRS Malda. The program was inaugurated by Dr. Luxman Ram Buldak, Director Directorate of Jute Board Kolkata. He emphasied on increase of jute production and coverage. During the program Dr. Dipak Nayak I/c Head RRS Malda gave brief details of initiative, which were taken for production and processing of good quality of fiber through technology interventions. Dr. D. K. Raghav Head CISH-KVK Malda discussed about the diversification and value addition of jute fiber for packaging, which will be helpful in reducing the plastic consumption and pollution also. Mr. Anuj Kumar Asstt Director of Jute Board gave details of schemes, which is being implemented for the farmers in potential areas of jute production. The technical expert from Jute board delivered the details of technology for increasing the productivities in low land areas of the district. 40 female farmers attended the programme from Agrani FPO of district. दिनांक 15 दिसंबर 2023 को जूट बोर्ड निदेशालय, कोलकाता के सहयोग से जूट उत्पादन पर बेहतर उत्पादन तकनीक पर एक जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम सीआईएसएच-केवीके/आरआरएस मालदा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जूट बोर्ड निदेशालय कोलकाता के निदेशक डॉ. लक्ष्मण राम बुलडक ने किया। उन्होंने जूट उत्पादन और कवरेज बढ़ाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. दीपक नायक प्रभारी प्रमुख आरआरएस मालदा ने इस पहल की संक्षिप्त जानकारी दी उन्होंने बताया प्रौद्योगिकी के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता वाले रेशे के उत्पादन और प्रसंस्करण के लिए कदम उठाए गए। डॉ. डी.के. राघव प्रमुख सीआईएसएच-केवीके मालदा ने विविधीकरण और मूल्यवर्धन के बारे में चर्चा की पैकेजिंग के लिए जूट फाइबर, जो प्लास्टिक की खपत और प्रदूषण को भी कम करने में सहायक होगा। जूट बोर्ड के सहायक निदेशक श्री अनुज कुमार ने योजनाओं का विवरण दिया हैं, जो इसके लिए कार्यान्वित की जा रही हैं। जूट बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञो ने जिले के निचले भूमि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए विस्तृत तकनीक प्रदान की हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अग्रणी किसान उत्पादक संघ के कुल 40 महिला किसानो ने भाग लिया । Event Date:- 15-12-2023 |
53. अमरूद पर राष्ट्रीय संवाद का आयोजन संपन्नकेन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा अमरूद उत्पादन की चुनौतियों एवं रणनीतियों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संवाद का आयोजन आज दिनांक 15 दिसम्बर, 2023 को किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. डा. बी. सिंह, कुलपति, नरेंद्र देव कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या ने अमरूद के किसानों, छात्रों और वैज्ञानिको को को सम्बोधित करते हुए बताया कि अमरूद को गंभीर रोगों से बचाने हेतु विल्ट एवं सूत्र कृमि रोग रोधी रुटस्टॉक, जो सफलता पूर्वक कलम किए जा सकें, पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अमरूद के पोषक गुणों का जिक्र करते हुए बताया कि किस प्रकार से इसे उत्तर पूर्वी राज्यों में लोकप्रिय बनाया गया। उन्होंने अमरूद के किसानों को अधिक लाभ दिलाने हेतु निर्यात को बढ़ाने की आवश्यकता बताई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. डा. बी. सिंह ने लखनऊ, हमीरपुर, प्रयागराज, रीवा और वाराणसी के 12 प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया। इससे पूर्व संसथान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि आज अमरूद के किसानों को अनेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। अमरूद की समस्याओं में बरसात में अधिक फलन, जाड़े में कम फल लगना, फलमख्खी का प्रकोप, फल छेदक कीट, जड़ सूत्रकृमि, अमरूद का उकठा रोग के अलावा अमरूद की विश्व प्रसिद्ध प्रजाति ‘इलाहाबाद सफेदा’ एवं ‘इलाहाबाद सुर्खा’ की प्रजाति के बाग का क्षेत्रफल घट जाना तथा बाजार में थाई प्रजाति के अमरूद के प्रति अधिक आकर्षण, आदि पर प्रकाश डाला। उक्त को ध्यान में रखते हुए ही संस्थान ने राष्ट्रीय संवाद का आयोजन किया है जिसमें अमरूद के वैज्ञानिकों, प्रगतिशील बागवानों, प्रसार कर्ताओं, उद्यमियों एवं अमरूद एसोसिएशन के प्रतिनिधि द्वारा भाग लेकर एक दिवसीय संवाद में गहन विचार-विमर्श करना है। उन्होंने बताया कि इस संवाद का उद्देश्य अमरूद की समस्यों पर गहन विचार विमर्श कर राष्ट्रीय स्तर पर पॉलिसी बनाना है। डॉ. शैलेंद्र राजन, पूर्व निदेशक, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने अपने संबोधन में अमरूद की प्रजातियों के विकास के इतिहास को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि हमारा प्रदेश अन्य प्रदेशों से अमरूद के उत्पादन में पिछड़ने लगा है। अतः और कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने उपलब्ध प्रजातियों का तुलनात्मक विश्लेषण द्वारा विभिन्न प्रजातियों के गुण दोष बताए। जड़ ग्रंथि रोग आज सबसे बड़ा खतरा है, इससे बचाव हेतु त्वरित निराकरण आवश्यक है। उद्यान एवं प्रसंस्करण निदेशालय के निदेशक, डॉ अतुल कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि उत्तर प्रदेश में अमरुद का 10 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होता है और यह देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। नवीन उन्नत प्रजातियों की सघन बागवानी के माध्यम से उत्पादन को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। डॉ. प्रकाश पाटिल, परियोजना समन्यवयक, अखिल भारतीय सम्नन्वित फल परियोजना, ने बताया कि अमरूद के उत्पादन में क्षेत्रफल बढ़ाए बिना उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान उत्पादकता 15 मेट्रिक टन को तकनीकी के माध्यम से 30 मेट्रिक टन करने के लिए काम करना है। प्रयोगों में 32 मेट्रिक टन उत्पादकता प्राप्त की गई है। डॉ. पी. के. शुक्ल ने अपने व्याख्यान में फफूंदी और सूत्र कृमि जनित रोगों के अमरूद की फसल पर हो रहे गंभीर प्रभाव को सविस्तर बताया और प्रबंधन के उपायों को अपनाने और उनको गंभीरता से लागू किए जाने पर जोर दिया। डॉ. वी. के. सिंह ने सघन बागवानी की आवश्यकता, प्रकार, महत्व और लाभ से किसानों को अवगत कराया। वी. एन. आर. नर्सरी के श्री सौरव प्रधान और श्री रणदीप घोष ने कंपनी द्वारा उत्पादित किये जा रहे रोग मुक्त पौध उत्पादन और बागों में किये गए तकनीकी प्रयोगों की सविस्तार जानकारी दी। इस कार्यक्रम में अमरूद के फल की विविधताओं पर एक प्रदर्शिनी भी आयोजित की गयी। इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संवाद मे देश के विभिन्न भागों मुख्यतः उत्तर प्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली से किसानों और वैज्ञानिकों के अतिरिक्त उद्यान एवं खाद् प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश के अधिकारी एवं प्रसार कर्ता अमरूद की प्रमुख कम्पनी वी.एन.आर. प्राइवेट लिमिटेड, रायुपर, फार्मो टोपिया प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर, कर्नाटक के प्रतिनिधि भी संवाद में शामिल हुए। कार्यक्रम के सचिव डॉ. के. के. श्रीवास्तव ने सहभगियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रुपरेखा प्रस्तुत की। डॉ. पी. एल. सरोज और कार्यक्रम के सचिव डॉ. के. के. श्रीवास्तव ने सत्र के समापन पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। Event Date:- 15-12-2023 |
54. Organized scientist-farmers interactions meet cum Institute visitUnder farmers visit program, a group of 51 farmers from Shivpuri district of Madhya Pradesh visited ICAR-CISH Lucknow on 8th December, 2023. Farmers were sensitized about subtropical fruit production, protection, processing and improved varieties for enhancing income. Importance of fruits and vegetables in ensuring food and nutritional security was discussed. Farmers were sensitized about the scientific management of disease and insects in mango and guava. The role of protected cultivation for producing quality vegetables was explained. In order to meet the nutritional requirements and also to improve farmers’ income across country, farmers were made aware of newly released fruits and vegetable varieties. Farmers were encouraged to grow underutilized fruits like bael and aonla with drip irrigation cum mulching. Scientific cultivation of Karonda, Mango varieties like Dashehari, Mallika, Amrapali were presented. Importance of micronutrient management vis-à-vis water conservation for quality fruit production was also explained. Role of nutrient management for enhancing nutrient rich Guava production was presented. During field visits, farmers were explained of espalier system of guava, fruit bagging, container gardening of fruit crops and high density of mango. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist interacted with the farmers. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO organized the visit. मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के 51 किसानों के एक समूह ने 8 दिसंबर, 2023 को आईसीएआर-सीआईएसएच लखनऊ का दौरा किया। किसानों को आय बढ़ाने के लिए उपोष्ण फल उत्पादन, संरक्षण, प्रसंस्करण और उन्नत किस्मों के बारे में जागरूक किया गया। खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में फलों और सब्जियों के महत्व पर चर्चा की गई। आम और अमरूद में रोग और कीटों के वैज्ञानिक प्रबंधन के बारे में जागरूक किया गया। गुणवत्तापूर्ण सब्जियों के उत्पादन के लिए संरक्षित खेती की भूमिका के बारे में बताया गया। पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और देश भर में किसानों की आय में सुधार करने के लिए, किसानों को नई जारी फलों और सब्जियों की किस्मों के बारे में जागरूक किया गया। किसानों को ड्रिप सिंचाई सह मल्चिंग के साथ बेल और आंवला जैसे कम उपयोग वाले फलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। करोंदा, दशहरी, मल्लिका, आम्रपाली जैसी आम की किस्मों की वैज्ञानिक खेती प्रस्तुत की गई। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन के लिए जल संरक्षण के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन के महत्व को भी समझाया गया। संवर्धन हेतु पोषक तत्व प्रबंधन की भूमिका पोषक तत्वों से भरपूर अमरूद उत्पादन प्रस्तुत किया गया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान, किसानों को अमरूद की एस्पालियर प्रणाली, फल बैगिंग, फलों की फसलों की कंटेनर बागवानी और आम कीसघन बागवानी के बारे में समझाया गया। । डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक और श्री अरविंद कुमार, एसीटीओ ने यात्रा का समन्वय किया। Event Date:- 08-12-2023 |
55. Celebration of World Soil Day 2023
World Soil Day was celebrated at Sarsanda, Lucknow, U.P. on 5th December, 2023. Dr. S.K Shukla, Dr. Tarun Adak, Dr. Vishambhar Dayal and Dr. Dinesh Kumar delivered lectures on soil health and plant nutrition in the programme. About forty farmers, women and men took part in the celebration sincerely. Interaction with the farmers was held and they enthusiastically participated. Soil and tree health management in fruit production systems was discussed. Scientists discussed on the water management and orchard practices for ensuring fruit yields. Hindi literature of scientific zinc and boron management in guava cultivation was distributed among the farming community. Growers were sensitized on soil health status, indexing and needs for soil health improvements Micronutrient management for quality fruit production was discussed. Spraying of micronutrients at pea, marble and fruit developmental stages in mango and guava stage were suggested to get quality fruit. Incorporation of vermicompost, Jeevamrit, organic mulching, organic manures and microbial consortia like C.I.S.H.-bioenhancer were recommended to growers. Farmers were encouraged for organic cultivation of vegetables and fruits. Soil health and food security was discussed. Celebration was concluded with vote of thanks to all the participants. ICAR-CISH, Lucknow organized the event under SCST sub plan. 5 दिसंबर, 2023 को सरसण्डा, लखनऊ, यूपी में विश्व मृदा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में डॉ. एस. के. शुक्ला, डॉ. तरुण अदक, डॉ. विशंभर दयाल और डॉ. दिनेश कुमार ने मृदा स्वास्थ एवं पौध पोषण ब्याख्यान दिए। कार्यक्रम में लगभग चालीस किसानों, महिलाओं और पुरुषों ने रुचिपूर्वक भाग लिया। किसानों के साथ बातचीत हुई और उन्होंने सहभागिता की। फल उत्पादन प्रणालियों में मृदा और वृक्ष स्वास्थ्य प्रबंधन पर चर्चा की गई। वैज्ञानिकों ने अधिक फल उपज प्राप्त करने के लिए बेहतर बाग प्रबंधन पर चर्चा की। वैज्ञानिकों ने फलों की पैदावार सुनिश्चित करने के लिए जल प्रबंधन और बाग प्रबंधन पर चर्चा की। अमरूद की खेती में जिंक एवं बोरॉन प्रबंधन का हिंदी साहित्य कृषक समुदाय के बीच वितरित किया गया। उत्पादकों को मिट्टी के स्वास्थ्य की स्थिति, अनुक्रमण और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार की जरूरतों के बारे में जागरूक किया गया। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन पर चर्चा की गई। गुणवत्तापूर्ण फल प्राप्त करने के लिए आम और अमरूद की मटर, मार्बल और फलों के विकास की अवस्था में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करने का सुझाव दिया गया। उत्पादकों को वर्मीकम्पोस्ट, जीवामृत, जैविक मल्चिंग, जैविक खाद और सी.आई.एस.एच.-बायोएनहांसर जैसे माइक्रोबियल कंसोर्टिया को शामिल करने की सिफारिश की गई। किसानों को सब्जियों और फलों की जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया। खाद्य सुरक्षा पर मृदा स्वास्थ्य की भूमिका पर चर्चा की गई। समारोह का समापन सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। आईसीएआर-सीआईएसएच, लखनऊ ने एससीएसटी उपयोजना के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया। Event Date:- 05-12-2023 |
56. Group discussion for increasing awareness for use of Consortia of Liquid bio fertilizer of NPKThe Group discussion was organized with collaboration of KRIBHCO, Kolkata on dated 29 November 2023 at CISH-RRS/KVK Malda. This program was chaired by Dr. Dipak Nayak I/c Head, RRS Malda. Dr Nayak suggested the use of Liquid consortia of NPK which is helpful in reducing the use of chemical fertilizer and cost of cultivation. Mr. N Kartik Sales Officer KRIBHCO Malda assured input dealers for quality assurance. He talked about the promotion of bio-fertilizer through Agri-input dealer. The liquid consortia have one-year shelf life. Dr. D K Raghav delivered a lecture on use of bio-fertilizer on crops through seed treatment, seedling treatment and foliar sprays. Due to increased shelf life input dealer’s showd the interest for promotion of bio-fertilizers in fruits, vegetable and cereals crops. More than 40 agro-input dealers attended this group discussion program. सीआईएसएच-आरआरएस/केवीके मालदा में सामूहिक चर्चा का आयोजन KRIBHCO, कोलकाता के सहयोग से दिनांक 29 नवंबर 2023 को किया गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ दीपक नायक प्रभारी प्रमुख आरआरएस मालदा ने की डॉ. नायक ने सुझाव दिया कि एनपीके के लिक्विड कंसोर्टिया का उपयोग सहायक है इसके पर्यावरण-अनुकूल प्रकृति के कारण रासायनिक उर्वरक के उपयोग और खेती की लागत को कम किया जा सकता हैं । श्री एन कार्तिक सेल्स ऑफिसर कृभको मालदा ने इनपुट डीलरों को गुणवत्ता का आश्वासन दिया। उन्होंने कृषि-इनपुट डीलर के माध्यम से जैव-उर्वरक को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित, रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने में सहायक हो सकता है। लिक्विड कंसोर्टिया की शेल्फ लाइफ एक साल है। डॉ. डी.के.राघव ने बीज उपचार, पौध उपचार और पर्णीय स्प्रे के माध्यम से फसलों पर जैव उर्वरक के उपयोग पर एक व्याख्यान दिया। शेल्फ लाइफ में वृद्धि के कारण इनपुट डीलर ने फलों, सब्जियों और अनाज की फसलों में जैव-उर्वरक को बढ़ावा देने में रुचि दिखाई। इस सामूहिक चर्चा कार्यक्रम में 40 से अधिक कृषि-इनपुट डीलर शामिल हुए। Event Date:- 29-11-2023 |
57. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा पनियाला बाहुल्य क्षेत्रों का सर्वेक्षण
गोरखपुर 24 नवंबर 2023 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ के दो प्रधान वैज्ञानिकों डा. दुष्यंत मिश्र एवं डा. सुशील कुमार शुक्ल द्वारा पनियाला बाहुल्य क्षेत्रों यथा लक्षीपुर, नकहा, कुशीनगर,आदि का भ्रमण कर फलों के नमूने इकट्ठे किया गए जिससे इसके फलों का भौतिक एवं रासायनिक विश्लेषण कर उनमें उपलब्ध विविधता का अध्ययन किया जा सके और उपलब्ध प्राकृतिक वृक्षों से सर्वोत्तम वृक्षों का चयन कर भविष्य के लिए न केवल संरक्षित किया जा सके बल्कि उसके पौधों को कलमी विधि से तैयार कर देश में प्रसार किया जा सके| जैसा की आप जानते हैं पनियाला को इंडियन कॉफी प्लम या पानी आंवला के नाम से भी जानते हैं| पनियाला के वृक्ष उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज क्षेत्रों में पाये जाते हैं| विभिन्न कारणो से इसकी अवैध कटान के कारण अब यह फल लगभग विलुप्त होने का संकट उत्पन्न हो गया है| पनियाला का फल विभिन्न एंटीक्क्सीडेंट्स एवं औषधीय तत्वों से भरपूर है| पूर्वी उत्तर प्रदेश के छठ त्योहार पर इसके फल 300 -400 रुपये किलो तक बिक जाते हैं| इन्हीं कारणों से इस फल को भारत सरकार द्वारा गोरखपुर का भौगोलिक उपदर्श (जियोग्राफिकल इंडिकेटर) बनाने का प्रयास जारी है| यह एक उपेक्षित फल होते हुए भी आज देश के वैज्ञानिकों का ध्यान खीच रहा है| गोरखपुर के जिला उद्यान अधिकारी श्री अरुण तिवारी की मदद से राजकीय उद्यान में उपलब्ध पनियाला के वृक्षों से भी वैज्ञानिकों ने फलों के नमूने एकत्र किये| Event Date:- 24-11-2023 |
58. MoU signed between ICAR CISH Lucknow Uttar Pradesh and MS Khandelwal Bio fertilizers Pvt Ltd Belagavi Karnataka
A MoU was signed for licensing the technology of CISH-Decomposer between ICAR-CISH Lucknow Uttar Pradesh and MS Khandelwal Bio-fertilizers Pvt Ltd, Belagavi Karnataka on 17.11.2023. This technology was developed, tested demonstrated and validated at the institute. Dr T. Damodaran Director ICAR-CISH Lucknow and Shri. S.S Khandelwal Director Khandelwal Biofertilizers Pvt. Ltd Belagavi were the signatories. Agri-Business Incubation (ABI) and Institute Technology Management Unit (ITMU) members were present on this occasion. CISH Decomposer is a potent formulation loaded with number of beneficial microbes which is very potential in accelerating the decomposition rate of organic waste. This initiative is another milestone in collaboration between both the parties related to technology transfer and commercialization as well as taking the ICAR-CISH technologies directly to the stakeholders use. Event Date:- 17-11-2023 |
59. Scientist- students interaction meet
Under PM SHRI Scheme, a group of 250 students of class 9 to 12 along with five faculty members from Kendriya Vidyalaya, IIM Road Lucknow, Uttar Pradesh visited at ICAR-CISH Lucknow Uttar Pradesh on 16th November, 2023. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist briefed about the institutes activities and technologies developed by this institute to students. Shri Arvind Kumar, ACTO explained about improved varieties of the fruit crops like mango, guava, bael, jamun etc. and other production technologies to the students. After that a scientist-students interaction session was organized. Students were made aware of present situation of Horticultural production. The role of soil nutrient and water management, natural farming protocols, abiotic stresses, soil testing, environment protection, post harvest practices, value addition, other secondary horticulture was discussed. Crop diversification and adaptation to climate change were given importance during the interaction. To enhance farmers income, scientific initiatives of diversified fruit crops in non-traditional areas of subtropical region were discussed. During field visits, high density plantation of mango and guava was shown. Successful vegetables cultivation in protected structures and enhancing the efficient use of natural resources were also communicated. Event Date:- 16-11-2023 |
60. फार्मर फर्स्ट परयोजना के अंतरगर्त उधमिता विकास हेतु सहयोग महिला स्वयं सहायता समूह का गठन
महिलाओ को उधमिता से जोड़कर स्वावलम्बिन बनाने के लिए भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रेहमानखेड़ा द्वारा संचालित फार्मर फर्स्ट परयोजना एवं सहयोगी संस्था इरादा फार्मर प्रोडूसर कंपनी माल, लखनऊ के अंतरगर्त दिनक 06-11- 23 को माल प्रखंड के अंगीकृत ग्राम इब्राहिम भानपुर में महिला एवं स्वय सहायता समूह के गठन हेतु गोष्ठी का आयोजन कराया गया जिसमे 20 महिलाओ ने भाग लिया एवं सर्वसम्मिति से सदस्यों का चयन किया गया तथा समूह का नाम सहयोग महिला स्वयं सहायता समूह इब्राहिमपुर मॉल लखनऊ रक्खा गया परियोजना के मुख्य अन्वेषक ड़ॉ मनीष मिश्रा ने बताया कि इस क्षेत्र में आम के प्रससंस्करण, मशरूम उत्पादन, नर्सरी में प्रशिक्षित करके उधमिता को बढ़वा देना हैं! कृषि वैज्ञानिक ड़ॉ रवि एस.सी. एवं अलोक गुप्ता ने बताय कि समूह द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन में इरादा फार्मर प्रोडूसर कम्पनी मॉल, लखनऊ और संस्थान के एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर सहयोग करेगी इरादा के निदेशक दयाशंकर सिंह ने बताया की समूह का उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास हैं बल्कि सामाजिक दॄष्टिकोण से भी महिलाओ को सशक्त बनाने का है. Event Date:- 06-11-2023 |
61. सब्जी बीज वितरण कार्यक्रम अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत..
भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा दिनांक 03-11-2023 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत सब्जी बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अनुसूचित जाति उपयोजना से पंजीकृत 441 किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डॉ.टी. दामोदरन, फसल सुधार प्रभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना डॉ. विशम्भर दयाल, फसल तुड़ाई उपरांत प्रबन्धन प्रभाग की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आभा सिंह, वैज्ञानिक डॉ. आलोक कुमार गुप्ता, डॉ. रवि एस.सी. एवं डॉ.अमरकांत कुशवाहा उपस्थित थे। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत सम्मिलित 441 किसानों को लहसुन, रबी प्याज लाल, रबी प्याज सफेद, मूली, गाजर, धनिया, सोया मैथी आदि सब्ज़ियों की बीज किट किसानों को किचन गार्डन तथा व्यवसायिक स्तर पर खेती करने हेतु वितरित किया गया।संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने किसानों को विधिवत् खेती एवं बागवानी करने के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान किया व किसानों को समूह बनाकर खेती करने एवं उत्पादन के विपणन के लिए प्रोत्साहित किया। वैज्ञानिक डॉ.विशम्भर दयाल ने किसानों को लहसुन एवं रबी प्याज की व्यवसायिक खेती के लाभ के बारे में अवगत कराया कि लहसुन एवं प्याज का मसाला वर्गीय फसलों में प्रमुख स्थान है। यह ऐसी फसलें हैं जिनकी मांग वर्ष भर बनी रहती है इनकी खेती करके किसान बंधु अच्छी धनराशि प्राप्त कर सकते हैं तथा इन फसलों के विपणन में भी समस्या नहीं रहती। इसके अलावा मूली,धनिया, की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। डॉ. विशम्भर दयाल ने किसानों को किचन गार्डन के लाभ के बारे में बताया कि वें इन सब्जियों को उगाकर ताजी पोषण युक्त एवं रसायन रहित तथा बाजार से खरीदने वाली दैनिक सब्जियों को घर तथा खेत में सुगमता से उगाकर सेवन कर सकते हैं। बीज वितरण कार्यक्रम संस्थान के निदेशक के तत्वाधान में सम्पन्न किया गया। बीज वितरण कार्यक्रम को सफल बनाने में वीरेंद्र कुमार गौतम एवं मोहम्मद शादाब की सक्रिय सहभागिता रही। Event Date:- 03-11-2023 |
62. Participation in Farmers Fair organized by BUA&T, Banda
Banda University of Agriculture & Technology, Banda organized three days (October 27-29, 2023) Farmers Fair. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. The Fair was inaugurated by Honourable State Minister of Jal Shakti, Shri Ramkesh Nishad on October 27, 2023 in the presence of Honourable Vice chancellor of BAU&T, Banda Dr. N.P. Singh and other dignitaries. Information of mango varieties Ambika and Arunika, Amarpali, Mallika, guava varieties Dhaval, Shweta, Lalima and Lalit, bael varieties CISH B1 and CISH B2, jamun J 37 and J 42, high density planting, rejuvenation of old and unproductive mango orchards, management of irregular bearing in mango, integrated pest and disease management in mango, processed and value added products of mango, bael, guava and aonla, grafted plants of along with bio- enhancer and ICAR Fujicont were demonstrated for visitors at the institute stall.. Event Date:- 29-10-2023 |
63. उद्यान उद्यमी सम्मेलन-2023 में उ. प्र. की आम फल पट्टियों से आम निर्यात बढ़ाने हेतु उद्यमियों के साथ मिलकर फूड पार्क स्थापना और निवेश पर सहमति.
दिनांक 10 अक्टूबर 2023 को भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा आयोजित “हॉर्टीकल्चर इंवेस्टर्स मीट-2023” में उत्तर प्रदेश की आम फल पट्टियों से आम का निर्यात बढ़ाने हेतु कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ उद्यमियों की विस्तृत चर्चा हुई और एक फूड पार्क स्थापित कर आम की विभिन्न फल पट्टियों से दशहरी,लंग़डा और चौसा और आम की रंगीन किस्मों यथा अम्बिका,अरुणिका किस्मों के निर्यात को बढाने हेतु निवेश पर सहमति हुई । इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त उत्तर प्रदेश सरकार के साथ इनोवा एग्री बायोपार्क, बेंगलुरू के प्रबंध निदेशक डॉ. के. एस. रवि, खंडेलवाल बायोफर्टिलाइजर्स बेलगाम, कर्नाटक के अध्यक्ष डॉ. बाल कृष्ण एवम जैन इर्रिगेशन सिस्टम्स के प्रतिनिधियों के बीच सीधी वार्ता में निवेश हेतु आवश्यक नियमों और शर्तों पर सहमति प्राप्त की गयी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री मनोज कुमार सिंह,कृषि उत्पादन आयुक्त उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और अपने सम्बोधन में उद्योगों को फूड्पार्क स्थापित करने के लिये जमीन उपलब्ध कराने और हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने अपने सम्बोधन में बताया कि सरकार हर जिले में दो हाई टेक पौधशालायें स्थापित करने जा रही है जिससे कि किसानों की फल एवम सब्जियों की पौध की आवश्यकता पूरी करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों एवं स्टार्ट अप प्रबंधकों और ए बी आई इंकुबेटी के साथ सीधी वार्ता की गई। उ. प्र. सरकार के कृषि अपर सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने सहभागियों को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के हित में सरकार की तरफ से हर तरह का सहयोग एवम सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर इनोवा एग्री फूडपार्क, बेंगलुरू के प्रबंध निदेशक डॉ. के. एस. रवि ने कर्नाटक में स्थापित फूड पार्क के बारे में विस्तृत चर्चा की और बताया कि फूड पार्क किस तरह दक्षिणी भारत के पांचो प्रदेशों के किसानों के उद्यानिकी उत्पादों के निर्यात में मदद कर रहा है। इसी तर्ज पर उन्होंने उत्तर प्रदेश में भी एक फूड पार्क स्थापित करने की योजना का प्रस्ताव दिया है। इस फूडपार्क के माध्यम से आम के साथ साथ अन्य फल और सब्जियों के निर्यात का रास्ता प्रदेशवासियों के लिये खुल जायेगा। उन्होंने अपने सम्बोधन में बताया कि गामा रेडिएशन की सुविधा युक्त समेकित पैक हाउस की स्थापना हेतु कंपनी निवेश करने जा रही है। इस अवसर पर इनोवा एग्री फूडपार्क, बेंगलुरू के प्रबंध निदेशक डॉ. के. एस. रवि और केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर संस्थान द्वारा विकसित सी आई एस एच बायोएन्हांसर (माइक्रोबियल कंशोर्शियम) के व्यावसायिक उत्पादन हेतु नेचर ग्रीन बायोम, नई दिल्ली के साथ भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये इससे पूर्व अपने स्वागत भाषण में भाकृअनुप- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने बताया कि मलिहाबाद आम फल पट्टी के बागवानों के उत्थान और उत्तर प्रदेश को एक मिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में उद्यान के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर संस्थान के डा. दामोदरन ने अपने भाषण में संस्थान द्वारा विकसित आम एवम अमरूद की नवीनतम किस्मों, फसल उत्पादन, फसल सुरक्षा एवं तुड़ाई उपरान्त प्रबंधन एवम प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि संस्थान के सहयोग से बहुत से उद्यमी स्टार्ट उप और उद्यम भी स्थापित कर रहे हैं। उन्होने संस्थान प्रौद्योगिकियों का फायदा उठाने के लिये निवेशकों का आह्वान किया। संस्थान के पूर्व निदेशक डा. शैलेंद्र राजन ने संस्थान द्वारा विकसित किस्मों को अधिकाधिक मात्रा में पौधे तैयार कर सघन बागवानी की आवश्यकता को देखते हुए किसानों की पौधों सम्बंधी मांग पूरी करने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान से आये डॉ. पी. एम. सिंह ने सब्जियों की नवीनतम किस्मों और संस्थान द्वारा विकसित अन्य उत्पादन प्रौद्योगिकियां प्रस्तुत की। देश के विभिन्न कृषि उद्यमी,स्टार्टअप प्रबंधक, कृषि उत्पादक संघ, इत्यादि के साथ साथ देश के माने जाने संस्थानों एवम उद्योगों के प्रतिनिधि जैसे उत्तर प्रदेश सरकार के सी ई ओ (इंवेस्ट इन यू पी), एपीडा के महाप्रबंधक डा विनीता सुधांशु, खंडेलवाल बायोफर्टिलाइजर्स के अध्यक्ष डा. बाल कृष्ण एवम जैन इर्रिगेशन सिस्टम्स एवम वी एन आर के प्रतिनिधियों के साथ कुल 150 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री निमिशा माहेश्वरी एव धन्यवाद ज्ञापनडॉ. मनीष मिश्र ने किया, कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनीष मिश्रा थे Event Date:- 10-10-2023 |
64. ICAR-CISH Lucknow participated in Chandra shekhar Azad University of agriculture and technology at Kanpur
ICAR-CISH Lucknow participated in Chandra shekhar Azad University of agriculture and technology at Kanpur. cish technologies such a mango, guava, aonla, beal and jamun varieties were demonstrated through posters. farmers industry students and FPO, interacted with cish scientist (Dr. Naresh babu, principal scientist) and technical staff and enquired about production, protection and post-harvest management technologies to fruit crops. Around 800 stakeholders visited CISH stall. Event Date:- 08-10-2023 |
65. गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2023दिनांक 2 अक्टूबर 2023 को गांधी जयंती के शुभ अवसर पर संस्थान के आवासीय परिसर तेलीबाग में स्वच्छता ही सेवा अभियान और कचरा मुक्त भारत के अंतर्गत परिसर को गाजर घास एवं पॉलीथीन मुक्त करने हेतु एक कार्यक्रम रखा गया. जिसमें संस्थान के निदेशक डॉक्टर टी. दामोदरन की अध्यक्षता में परिसर प्रभारी डा. एस के शुक्ल एवं फ़सल सुधार प्रभाग की अध्यक्षा, डा. अंजू बाजपेई, फ़सल सुरक्षा प्रभाग के प्रभारी डा. प्रभात शुक्ल एवं संस्थान के सभी कर्मचारी एवं परिसर के आवासी गणों ने हिस्सा लिया। आवासीय एवं अतिथि गृह परिसर से सारा जैविक, अजैविक कचरा एकत्र किया गया और उसके समुचित निस्तारण की व्यवस्था की गई। संस्थान के इस परिसर में जैविक कचरे को प्राकृतिक खेती में मल्च के रूप में प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाता है। Event Date:- 02-10-2023 |
66. हिंदी पखवाड़ा-2023 का दिनांक 29 सितम्बर 2023 को समापन समारोह आयोजित किया गया|भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,रहमानखेडा में राजभाषा विभाग एवं भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार दिनांक 14 से 29 सितम्बर तक मनाये गए हिंदी पखवाड़ा-2023 का दिनांक 29.09.2023 को समापन समारोह आयोजित किया गया| कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित डॉ. डी.के.शर्मा,पूर्व निदेशक,केंद्रीय मृदा लवणता अनुसन्धान संस्थान,करनाल ने अपने संबोधन में हिंदी में और कार्य करने आवाहन किया एवं इस अवसर पर “शोध संस्थानों में हिंदी का महत्व” विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि ने संस्थानों द्वारा विकसित तकनीकों को उनके उपयोगकर्ता की भाषा में पहुँचाने की आवश्यक पर बल दिया| कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ.विश्व बंधु पटेल,सहायक महानिदेशक बागवानी,भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली ने राजभाषा द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन पर जोर दिया| कार्यक्रम में सम्मिलित डॉ.आर.एम.सुन्दरम,निदेशक भारतीय धान अनुसंधान संस्थान,हैदराबाद ने राजभाषा द्वारा विकसित टूल्स द्वारा हिंदी लेखन/अनुवाद पर बल दिया| कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे एवं संस्थान के निदेशक डॉ.टी.दामोदरन ने सर्वप्रथम अतिथियों का स्वागत करने के पश्चात् अपने संबोधन में संस्थान द्वारा आयोजित हिंदी पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन में वैज्ञानिकों/अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रतिभाग करने एवं सफलता प्राप्त करने वाले कर्मियों को वधाई देते हुए हिंदी में और अच्छा कार्य करने पर जोर दिया| उपरोक्त अवसर पर डॉ.श्याम नगीना पाण्डेय पूर्व सहायक महानिदेशक,(बागवानी),भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा हिंदी में लिखित पुस्तक “ईर्ष्या की परिधि” जिसकी तीन प्रतियाँ संस्थान को पुस्तकालय में वाचन हेतु उपहार स्वरुप भेंट की थी का भी विमोचन किया गया| संस्थान कर्मियों में हिंदी के प्रोत्साहन हेतु पखवाड़े के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें दिनांक 18 सितम्बर को हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता, दिनांक 20 सितम्बर को हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता, दिनांक 25 सितम्बर को यूनिकोड में हिंदी टंकण प्रतियोगिता,दिनांक 26 सितम्बर को वर्ष में हिंदी में सर्वाधिक कार्य प्रोत्साहन हेतु मूल्यांकन प्रतियोगिता एवं दिनांक 27 सितम्बर को हिंदी में निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इन प्रतियोगिताओं में संस्थान के वैज्ञानिक/तकनीकी/प्रशासनिक/शोध एवं संविदा वर्ग से कुल 47 प्रतियोगिओं ने प्रतिभाग किया| वहीँ दिनांक 26 सितम्बर को संस्थान कर्मियों में हिंदी भाषा शैली उसमें रस, अलंकार,छंद आदि से सुसज्जित रचनाओं से परिचय कराने हेतु एक कवि सम्मलेन का भी आयोजन किया गया जिसमें रीवा (म.प्र.),रायबरेली, मैनपुरी,बाराबंकी एवं लखनऊ से सम्मिलित कवियों ने अपनी-अपनी विभिन्न रचनाओं को प्रस्तुत किया| समापन समारोह के दौरान वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा प्रकाशित प्रशासनिक शब्दावली पुस्तक से अंग्रेजी के शब्दों का हिंदी में अनुवाद किये गए शब्द पर आधारित एक प्रश्न मंच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसके निर्णायक मंडल सदस्य मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथि एवं संस्थान के निदेशक थे| उपरोक्त आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में संस्थान के 47 प्रतियोगिओं ने सफलता प्राप्त की जिन्हें परिषद् के नियमानुसार पुरस्कृत किया गया| सफल प्रतियोगियों को मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं संस्थान के निदेशक महोदय ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया| कार्यक्रम का संचालन अरविन्द कुमार, नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम आयोजन हेतु सभी से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया गया| Event Date:- 29-09-2023 |
67. उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के 35 किसानों के एक समूह ने 27 सितंबर 2023 को संस्थान का भ्रमण किया
A group of 35 farmers from Mahoba district of Uttar Pradesh visited ICAR-CISH Lucknow on 27th September, 2023. Farmers were sensitized about subtropical fruit production, protection, processing and improved varieties for enhancing income. To maintain soil and tree health, use of nano-Urea, nano-DAP and sulphur coated urea were explained. Farmers were also sensitized about the scientific management of disease and insects in brinjal and Chilli. The role of protected cultivation for producing quality vegetables was explained. In order to meet the nutritional requirements and also to improve farmers’ income across country,farmers were made aware of newly released vegetable varieties like high yielding potato (Kufri Pukraj), bitter gourd (Pusa Hybrid-4) and cucumber (Long Green-DC83). The scientific ways of vegetable production in river basins and also organic vegetable cultivation was explained. Farmers were encouraged to grow underutilized fruits like bael and aonla with drip irrigation cum mulching. Scientific cultivation of karonda, mango varieties like Dashehari, Mallika, Amrapali were presented. Role of nutrient management for enhancing nutrient rich guava production was presented. Hindi literature on scientific vegetables production (Kufri Pukraj, bitter gourd and cucumber), improved Karonda production along with pest controls (Brinjal, Chilli and Fusarium wilt in Banana etc.) were distributed among the farmers. During field visits, farmers were explained about advanced technologies for mango and guava production. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Dr. Tarun Adak, Senior Scientist delivered lectures and interacted with the farmers. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Tarun Adak, Senior Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO organized the visit. उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के 35 किसानों के एक समूह ने 27 सितंबर, 2023 को भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ का भ्रमण किया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उपोष्णकटिबंधीय फलों के उन्नत किस्मों की उत्पादन तकनीक, संरक्षण, प्रसंस्करण के बारे में किसानों को जागरूक किया गया। खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में फलों और सब्जियों के महत्व पर चर्चा की गई। मिट्टी और पेड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नैनो-यूरिया, नैनो-डीएपी और सल्फर कोटड यूरिया के उपयोग के बारे में बताया गया। किसानों को बैंगन और मिर्च में रोग और कीड़ों के वैज्ञानिक प्रबंधन के बारे में भी जागरूक किया गया। गुणवत्तापूर्ण सब्जियों के उत्पादन के लिए संरक्षित खेती की तकनीक के बारे में बताया गया। पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने और देश भर में किसानों की आय में सुधार करने के लिए, किसानों को उच्च उपज वाले आलू (कुफरी पुखराज),करेला (पूसा हाइब्रिड-4) और ककड़ी (लॉन्ग ग्रीन-डीसी 83) जैसी नई की किस्मों के बारे में जागरूक किया गया। सब्जी उत्पादन के वैज्ञानिक तरीकों और जैविक सब्जी की खेती के बारे में भी बताया गया। किसानों को ड्रिप सिंचाई एवंमल्चिंग के साथ बेल और आंवला जैसे उपयोगी फलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। दशहरी, मल्लिका, आम्रपाली जैसी आम की किस्मों की वैज्ञानिक खेती की चर्चा की गई। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन के लिए जल संरक्षण के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन के महत्व को भी समझाया गया। पोषक तत्वों से भरपूर अमरूद के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पोषक तत्व प्रबंधन की उपयोगिता प्रस्तुत की गई। वैज्ञानिक सब्जियों के उत्पादन उन्नत करोंदा उत्पादन के साथ-साथ कीट नियंत्रण (बैंगन, मिर्च और केले में फ्यूजेरियम विल्ट आदि) पर हिंदी साहित्य किसानों को वितरित किया गया। प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान किसानों को आम और अमरूद उत्पादन की उन्नत तकनीकों के बारे में बताया गया। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक और डॉ. तरूण अदक, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने व्याख्यान दिया और किसानों के साथ बातचीत की। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. तरूण अदक, वरिष्ठ वैज्ञानिक और श्री अरविंद कुमार, स.मु.त.अ .ने बैठक और भ्रमण का आयोजन किया। Event Date:- 27 -09-2023 |
68. Organized Training programme on Entrepreneurship development among women through horticulture and fruit processingICAR- CISH, Lucknow organized three days training programme on entrepreneurship development for women through horticulture and fruit processing during September 20-22 2023. Twenty five women including two representatives from Farrukhabad district of Uttar Pradesh participated in the training. At the outset of programme, Dr. T. Damodaran, Director underlined the importance of horticulture and fruit processing and scope of quality product and improved packaging of the products to enhance income of women. He also advised women to work in Self help Groups mode for better visibility, sell their produce with brand name. For value added and processed products, they should try to obtain FSSAI certificate for capturing market. These aspects will help to enhance the income and livelihood of farm women. During the training programme, lectures pertaining to establishment of good nursery, production technology, important varieties of guava and mango and its cultivation methods, Entrepreneurship development through vegetable production technologies, importance of soil health and water management in fruit production and processing, principles and activities of natural farming, organic fruit production, high density planting, container gardening of fruit crops, scientific cultivation of bael and aonla, important insect pest and diseases of fruits and vegetables and their integrated management, entrepreneurship development through processing and value addition of fruits and vegetables, harvesting methods etc. were given by the scientific faculties of the institute along with laboratory visits. Hands on training on preparation of value added products of mango, preparation of grafted plants of mango, management of nursery and mother blocks, organic farming were given to the farm women during field visit. This training was sponsored by Maa Bhagvatee Seva Sansthan, Lucknow U.P. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Abha Singh, Principal Scientist and Dr. S.K. Singh, Sr. Scientist coordinated the programme. Event Date:- 20-09-2023 |
69. हिंदी पखवाड़ा 2023भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,रहमानखेडा में मनाये जा रहे हिंदी पखवाड़ा 14 से 29 सितम्बर 2023 के दौरान आज दिनांक 18.09.2023 को‘कृषि में कृत्रिम बुधिमत्ता की उपयोगिता’(वैज्ञानिक वर्ग)‘क्या भारतीय कृषि ग्रामीण युवाओं की रूचि पुनः प्राप्त कर सकती है’(तकनीकी एवं शोध वर्ग) ‘कैशलेश अर्थव्यवस्था देश के विकास के लिए अच्छी है’(प्रशासनिक वर्ग) एवं ‘किसानों में साक्षरता की आवश्यकता’ (अधीनस्थ वर्ग) विषयों पर हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के वैज्ञानिक,तकनीकी,प्रशासनिक एवं शोध वर्ग के 16 कर्मियों ने प्रतिभाग किया| Event Date:- 14-09-2023 |
70. Organized Training programme on high density planting, management and rejuvenation of old and unproductive orchards of mango and guavaICAR- CISH, Lucknow organized three days training programme on high density planting, management and rejuvenation of old and unproductive orchards of mango and guava during September 13-15 2023 for the farmers. Twenty seven farmers including two representatives from Raigarh district of Chhattisgarh participated in training. At the outset, Dr. T. Damodaran, Director underlined the importance of management and rejuvenation of old and unproductive orchards of mango and guava and scope and establishment of modern nursery, concept of high density plantation and suitable varieties of fruit crops etc aspects that will help in boosting the income of farming communities. He also stressed on various processed and value added products of fruits to reduce the post harvest losses. During the training programme lectures pertaining to establishment of good orchards, production technology, important varieties of guava and mango and its cultivation methods, high density planting, nutrition and irrigation management in rejuvenated and old orchards of mango and guava, natural farming, organic fruit production, high density planting and canopy management, pruning, container gardening of fruit crops, scientific cultivation of bael and aonla, cultivation of ber in desert and barren land, important insect pest and diseases of guava their integrated management, processing and value addition of mango and guava, identification of maturity of mango and guava, post harvesting methods etc. were given by the scientific faculties of the institute along with laboratory visits. Hands on training on preparation of grafted plants of mango and guava, management of nursery and mother blocks were given to the farmers during field visit. This training was sponsored by Jan Mitram Kalyan Samiti Raigarh Chhattisgarh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Abha Singh, Principal Scientist and Dr. S.K. Singh, Sr. Scientist coordinated the programme. Event Date:- 13-09-2023 |
71. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आजादी का अमृत महोत्सव की पहल के तहत भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (एनआईपीएएम) के तहत भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में दिनांक 08-09-2023 को बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जागरूकता कार्यशाला पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान NIPAM -TIFAC समन्वयक श्रीमती फराह बानो ने दिया, उन्होंने अपने भाषण में कहा कि यदि भारत को विकास करना है और हमें तकनीकी विशेषज्ञता हासिल करनी है तो हमें अधिक से अधिक बौद्धिक संपदा हासिल करनी होगी। बौद्धिक संपदा में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए हमें बौद्धिक संपदा के अधिक से अधिक विभिन्न रूपों जैसे पेटेंट, डिजाइन, ट्रेड मार्क, भौगोलिक संकेत, कॉपीराइट आदि पर अधिकार स्थापित करना होगा। श्रीमती बानो ने पेटेंट पंजीकरण भरने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। विभिन्न बौद्धिक गुण. उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों से अधिक से अधिक बौद्धिक संपदा अर्जित करने के लिए आगे आने और इसका प्रचार-प्रसार करने का आह्वान किया। संस्थान के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि इस अतिथि व्याख्यान के माध्यम से वैज्ञानिकों को बौद्धिक संपदा अर्जित करने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त हो सकेगा। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. एम मुथ्थुकुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. अंजू बाजपेई ने किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न वैज्ञानिक एवं अन्य कर्मचारी मिलाकर 48 प्रतिभागी उपस्थित रहे। Event Date:- 08-09-2023 |
72. आम के बागों में आदर्श कृषि क्रियाओं पर कार्यशाला और प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ
उत्तर प्रदेश से आम के निर्यात बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता के आम उत्पादन में आदर्श कृषि पद्धतियों के महत्व को समझते हुए संस्थान द्वारा आज दिनांक 04.09.2023 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के प्रमुख आम उत्पादक जनपदों (सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा, कासगंज, लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी और बनारस) के 23 उन्नतशील बागवानों ने सहभागिता की। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान के निदेशक डा. टी. दामोदरन सभी सहभागियों का स्वागत करते हुए आदर्श कृषि पद्धतियों को अपनाकर निर्यात योग्य गुणवत्ता के आम उत्पादन की आवश्यकता पर बल दिया। डा. दामोदरन ने इस कार्यशाला के दौरान अपने अनुभवों को संस्थान को प्रेषित करने और संस्थान की तकनीकी को समझने का आग्रह किया। डा. पी. के. शुक्ल, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों को बताया कि प्रारंभिक सत्र में पश्चिमी, पूर्वी और केन्द्रीय उत्तर प्रदेश के किसान तीन अलग-अलग समूह में वैज्ञानिकों से चर्चा करेंगे। तदोपरांत सामूहिक सत्र में प्रथम सत्र की चर्चा के परिणामों के आधार पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आदर्श कृषि पद्धतियों के विषय में निर्णय किये जायेंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि माननीय डा. वी. बी. पटेल, सहायक महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने आदर्श कृषि पद्धतियों पर किसानों के साथ कार्यशाला के आयोजन को एक सराहनीय कदम बताया। मुख्य अतिथि ने विगत में प्रकाशित आदर्श कृषि पद्धतियों के आलेख और इस कार्यशाला में किये गये निर्णयों के बीच सामंजस्य बैठाते हुए नवीन प्रकाशन करने की आवश्यकता बताई। डा. पटेल ने किसानों को बताया कि निर्यात हेतु आपको न सिर्फ आदर्श कृषि पद्धतियों को अपनाना है बल्कि वर्ष भर बागों में किये गये कार्यों का लेखा-जोखा भी रखना है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और बाजार की मांग को ध्यान में रखकर कार्य करने की सलाह दी। किसानों के साथ परिचर्चा में बागों में जुताई, एकांतर फलन से बचाव हेतु कल्टार का प्रयोग, सिंचाई, कम्पोस्ट एवं उर्वरकों का प्रयोग, कीट एवं व्याधि प्रबंधन, फलों की तुड़ाई विधि, डिब्बाबंदी और विपणन आदि विषयों पर मंथन किया गया। किसानों द्वारा वर्तमान में अपनायी गयी बागवानी पद्धतियों पर उनके बताये अनुसार अभिलेख तैयार किये गये। कार्यक्रम के पूर्ण अधिवेशन में तीनों समूहों द्वारा अपनायी जा रही कृषि पद्धतियों के विषय में समूह के अध्यक्षों डा. एच. एस. सिंह, डा. एस. के शुक्ल और डा. मनीष मिश्रा द्वारा समूह चर्चा के प्रमुख बिन्दुओं को सदन में प्रस्तुत किया। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जलवायु की भिन्नता के कारण कृषि पद्धतियों में भी भिन्नता पायी गयी। यह भी पाया गया कि संस्थान की अधिकांश संस्तुतियां किसानों द्वारा अपनायी जा रही हैं। बागवानों विशेषकर ठेकेदारों द्वारा कल्टार/पैक्लोब्यूट्राजाल के अंधाधुंध प्रयोग की समस्या पर भी चर्चा की गई। बागवानों द्वारा स्वीकार किया गया कि वह फसल को रोग एवं कीटों से बचाने हेतु रसायनों का अत्यधिक प्रयोग कर रहे हैं, साथ ही सिंचाई जल के बचाव की दिशा में भी ध्यान नहीं दिया गया है। संस्थान के निदेशक डा. दामोदरन ने किसानों से रसायनों के उपयोग में कमी लाने हेतु जैव उत्पादों के प्रयोग एवं सिंचाई जल के बचाव के लिए नवीन सिंचाई पद्धतियों को अपनाने का आग्रह किया। डा. दामोदरन ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किसानों से अभी से अगली तुड़ाई के दौरान आदर्श कृषि पद्धतियों को अपनाने और कम से कम एक टन उच्च गुणवत्ता के फल निर्यात हेतु उपलब्ध कराने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम के दौरन किसानों के आम निर्यातक श्री के. एस. रवि, एम.डी., मोवा फूड पार्ट, बैंगलोर से आॅनलाईन सीधा विचार-विमर्श भी कराया गया। जिससे किसान उनके सीधे संपर्क में रहकर अगले मौसम में निर्यात कर सकें। श्री रवि ने किसानों को निर्यात हेतु आम उत्पादन में आवश्यक सावधानियों के विषय में विस्तार से बताया। समापन सत्र में डा. पी. के. शुक्ल द्वारा संस्थान द्वारा आदर्श आम उत्पादन हेतु की गयी संस्तुतियों पर संक्षेप में विवरण प्रस्तुत किया। डा. शुक्ल ने किसानों को आगाह किया कि आम उत्पादन में अनावश्यक व्यय से बचते हुए उत्पादन लागत को कम करें और रोगों-कीटों के प्रकोप की महत्वपूर्ण अवस्थाओं के आने से पहले ही समुचित प्रबंधन करें। उत्पादित फलों को रसायन अवशेष मुक्त रखने के लिए फलों की थैलाबंदी करें और तुड़ाई से कम से कम एक माह पूर्व तक किसी भी रसायन का छिड़काव न करें। Event Date:- 04-09-2023 |
73. संस्थान में मनाया गया 77वां स्वतंत्रता दिवस
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 15 अगस्त 2023 को 77वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। रहमानखेड़ा स्थित मुख्य परिसर में संस्थान के निदेशक डा. टी.दामोदरन ने झंडारोहण किया और संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर निदेशक महोदय ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए सभी को मिल जुलकर साथ काम करने का सन्देश दिया गत वर्षों में संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए पूर्व निदेशकों को याद कर उनके कार्यो की सराहना की और आने वाले समय में बागवानी की चुनौतियों पर काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा वर्णित विषय क्लीन प्लांटिंग मटेरियल के सम्बन्ध में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा गुणवत्ता एवं उत्तम प्रजातियों के पांच लाख पौधे तैयार करने का आश्वाशन दिया। उन्होने बताया कि इस अमृत काल में संस्थान द्वारा आय निर्यात हेतु तकनीकी बनायीं गई हैं साथ ही प्रदेश सर्कार के साथ मिल कर प्रदेश में तीन जगहों पर आय क्लस्टर बनाने का प्रयास चल रहा हैं। कार्यक्रम में संस्थान के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। Event Date:- 15-08-2023 |
74. Scientist-students interactions meet cum Institute visit
A group of 47 students of B.Sc (Hons.) Agriculture VI semester along with one faculty members from Rajasthan College of Agriculture, MPUA&T, Udaipur, Rajasthan visited at ICAR-CISH Lucknow on 11th August, 2023. Students were apprised about the institute and its divisions like crop improvements and biotechnology, fruit production, protection and post harvest technology. The role of horticulture sector in ensuring food and nutritional security was discussed. Physiological disorder and their management in mango, guava and aonla were presented. ICAR-Fusicont for efficient control of Banana Fusarium wilt, disease and insect controls in Chilli, diseases and control measures in Tomato, fruit fly controls in mango orchards were explained. Importance of resource conservation and management for Mallika production was discussed. Scientific micronutrient management for Dashehari production was also explained. Role of water conservation for Amrapali fruit production was presented. Students were motivated for adoption of micro irrigation, nutrient management and climatic adaptation for the benefit of farming community. Students were apprised of newly released vegetable varieties like high yielding cucumber (Long Green-DC83), golden cherry tomato-2 and Raunak Tinda (DRM-26) for nutritional requirements and enhancing farmers’ income across the country. Significant contributions of protected cultivation for producing quality vegetables were discussed. Hindi literatures on scientific orchard management during peak summers, successful vegetables cultivation (cucumber, cherry tomato and squash melon) and pest controls (Fusarium wilt in Banana, fruit fly in mango, diseases in Tomato etc) were distributed among the students. During laboratory visits, students were apprised of value addition of post harvest fruits for improving farmers’ income. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist), Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Dr. S.K Dwivedi (Scientist) delivered lectures and interacted with the students. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist), Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Mr. Arvind Kumar (ACTO) organized the event. Event Date:- 11-08-2023 |
75. Scientist-students interaction cum field visit
A group of 60 students of B.Sc (Hons.) Agriculture VI semester along with four faculty members from Chandrabhanu Gupta Agriculture Post Graduate College of Lucknow University, Lucknow, Uttar Pradesh visited at ICAR-CISH Lucknow on 10th August, 2023. The importance of fruits and vegetables in food and nutritional security was discussed. Students were apprised of newly released vegetable varieties like high yielding golden cherry tomato-2 and Raunak Tinda (DRM-26) for nutritional requirements and enhancing farmers’ income across the country. The need for protected cultivation, low cost polytonal and polyhouse for producing vegetables were also emphasized. Role of scientific orchard management was explained. Disease diagnostics of fruits was discussed. Life cycles and management of stem borer and shoot gall psylla were communicated to students. Importance of soil and tree nutritional management for quality fruit production was presented. The role of resource conservation and management for successful subtropical fruit production was explained. Students were motivated for adoption of precision farming protocols, value addition and extension services for solving problems of the farming community. Adverse effects of climate change and importance of water conservation during fruit set to development was explained. Hindi literatures on scientific fruit production, successful vegetables cultivation (cherry tomato and squash melon), protection (mango stem borer and shoot gall psylla) were distributed to the students. During field visits, espalier systems of guava production, high density Amrapali production and mushroom cultivation were shown. Laboratory visits were also successfully conducted and students were apprised of biotechnology and post harvest practices for enriching value addition. Dr. Dushyant Mishra (Principal Scientist), Dr. P.K. Shukla (Principal Scientist), Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) delivered lectures and interacted with the students. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist), Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Mr. Arvind Kumar (ACTO) coordinated the visit Event Date:- 10-08-2023 |
76. Training cum Farmers visit
A group of 25 farmers from Babina block of Jhansi district of Uttar Pradesh visited ICAR-CISH Lucknow on 9th August, 2023. Farmers were made aware of technological interventions in horticultural production for improving production and farmers’ income. High density plantations in mango and guava for enhancing productivity and fruit quality per unit area were discussed. The importance of fruit bagging for quality fruit production and fetching higher market price was explained. Crop diversification was given importance during the training. To enhance farmers’ income, scientific initiatives of diversified fruit crops in non-traditional areas of subtropical region were discussed. Hindi literature on scientific guava, mango, papaya, strawberry production was distributed to farmers. During orchard visit, espalier system of guava, containers gardening of fruits, high density of mango orchards etc were shown. During training, scientists Dr. Dinesh Kumar, Dr. K.K. Srivastava, Dr. Naresh Babu and Dr. Tarun Adak delivered lectures. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist), Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Mr. Arvind Kumar (ACTO) organized the training cum field visit for the farmers of Manav Vikas Samaj Sewa Samiti उत्तर प्रदेश के झाँसी जिले के बबीना ब्लॉक के 25 किसानों के एक समूह ने 9 अगस्त, 2023 को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ का दौरा किया। किसानों को उत्पादन और किसानों की आय में सुधार के लिए बागवानी उत्पादन में तकनीकी हस्तक्षेप के बारे में जागरूक किया गया। प्रति इकाई क्षेत्र में उत्पादकता और फलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आम और अमरूद के उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण पर चर्चा की गई। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन और उच्च बाजार मूल्य प्राप्त करने के लिए फलों की थैलियों के महत्व को समझाया गया। प्रशिक्षण के दौरान फसल विविधिकरण को महत्व दिया गया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र के गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में विविध फल फसलों की वैज्ञानिक पहल पर चर्चा की गई। किसानों को अमरूद, आम, पपीता, स्ट्रॉबेरी के वैज्ञानिक उत्पादन पर हिंदी साहित्य वितरित किया गया। बाग भ्रमण के दौरान अमरूद की एस्पालियर प्रणाली, फलों की कंटेनर बागवानी, आम के बागों का उच्च घनत्व आदि दिखाया गया। प्रशिक्षण के दौरान वैज्ञानिक डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. के.के. श्रीवास्तव, डॉ. नरेश बाबू एवं डॉ. तरूण अदक ने व्याख्यान दिये। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक), डॉ. तरूण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) और श्री अरविंद कुमार (एसीटीओ) ने मानव विकास समाज सेवा समिति के किसानों के लिए प्रशिक्षण सह क्षेत्र भ्रमण का आयोजन किया। Event Date:- 09-08-2023 |
77. Processing and Preservation of Fruit crops under SCSP Plan
Under the SC Sub Plan, ICAR-CISH conducted hands-on training on "Processing and preservation of fruit crops" to SC Women Farmers. The two-day training programme was held on July 25th and 26th, 2023, and addressed various areas of fruit processing, value addition, and preservation techniques. Value-added products such as raw mango pickle, chutney powder, RTS, squash and millets-based bar are made during the training programme. Dr. T. Damodaran, Director of ICAR-CISH, inaugurated the programme and, in his valedictory address, emphasised the importance of value addition for improving nutritional security and adding value. He also emphasized the necessity of group-based techniques/clustering to increasing farmer income. Thirty five SC women farmers from Kakori and Malihabad block of Lucknow district attended the training program. Dr. Abha Singh Dr. A.K. Gupta, Dr. Vishambhar Dayal and Dr. Ravi S.C. coordinated the programme. Event Date:- 25-07-2023 |
78. Exposure Visit of District Development Managers (DDMs), NABARD from National Bank Staff College, Lucknow
A group 45 NABARD officials which included Mr. S. N. Malik, Chief General Manager and Principal, NBSC, Mr. Vadevel Esakkimuthu, DGM and Faculty Member and 38 AGMs and DDMs from different parts of the country visited the institute on 20/07/2023 on an exposure visit. First of all, Dr. PL Saroj facilitated the visit of CISH Technology Museum where he explained about all the Institute’s technology along with Dr. S. K. Shukla, Dr. P. K. Shukla and Dr. A.K. Trivedi. Dr. Trivedi took took the visitors to his processing laboratory and explained about the Post Harvest Management Technologies and value added products developed by the Institute. Dr. K. K. Srivastava explained about use of espalier architecture for training guava for high quality production and container gardening of fruits during field visit. After the field visit, all the visitors were addressed by the Director Dr. T. Damodaran in the committee room. All the technologies and ABI induced start ups were presented. The presentation was followed by interaction with the NABARD officials. In the end, Dr PL Saroj proposed format vote of thanks. Dr. S. K. Shukla coordinated the whole visit. दिनांक 20 जुलाई 2023 को 45 नाबार्ड अधिकारियों के एक समूह जिसमें श्री एस.एन. मलिक, मुख्य महाप्रबंधक और प्रिंसिपल, एनबीएससी, श्री वाडेवेल एसाक्किमुथु, डीजीएम,संकाय सदस्य और देश के विभिन्न हिस्सों से 38 एजीएम और डीडीएम ने संस्थान का दौरा किया। सबसे पहले, डॉ. पीएल सरोज ने सीआईएसएच प्रौद्योगिकी संग्रहालय का दौरा करवाया, जहां उन्होंने डॉ. एस.के. शुक्ला, डॉ. पी.के. शुक्ला और डॉ. ए.के. त्रिवेदी. के साथ संस्थान की सभी तकनीकों के बारे में बताया। डॉ. त्रिवेदी आगंतुकों को अपनी प्रसंस्करण प्रयोगशाला में ले गए और संस्थान द्वारा विकसित पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियों और मूल्य वर्धित उत्पादों के बारे में बताया। डॉ. के.के. श्रीवास्तव ने क्षेत्र दौरे के दौरान अमरूद के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन और फलों की कंटेनर बागवानी के प्रशिक्षण के लिए एस्पालियर आर्किटेक्चर के उपयोग के बारे में बताया। क्षेत्र भ्रमण के बाद समिति कक्ष में निदेशक डॉ. टी. दामोदरन द्वारा सभी आगंतुकों को संबोधित किया गया। सभी प्रौद्योगिकियां और एबीआई प्रेरित स्टार्ट अप प्रस्तुत किए गए। प्रस्तुतिकरण के बाद नाबार्ड अधिकारियों के साथ बातचीत हुई। अंत में डॉ. पीएल सरोज ने धन्यवाद ज्ञापन किया। दौरे का संचालन डॉ. एस.के.शुक्ला ने किया। Event Date:- 20-07-2023 |
79. Launching of Turmeric intercropping at ICAR-CISH under Aroma Mission in collaboration with CSIR-NBRI
A Workshop was organized by Dr S. K. Shukla, Principal Scientist and PI of the Project at the Committee Room of ICAR-CISH Rehmankhera on 19-7-2023 at 2:30 pm. Dr. Suresh Kumar Sharma and Dr. Vikramjit from CSIR-NBRI partipated in the workshop. First of all, Dr. SK Shukla highlighted about importance of intercropping turmeric in mango orchards which not only grows well under partial shade of mango but also gives additional income to the farmers. Dr. Maneesh Mishra highlighted the success story of growing turmeric in mango orchards under Farmer FIRST project. He also apprised the farmers of the value chain established by farmers group for marketing. Dr. SK Sharma and Dr. Vikramjit highlighted the importance and quality of turmeric variety Kesari besides emphasizing on the quality parameters of turmeric like curcumin, leaf oil extraction and ensured that they would facilitate in the sale provided quality test of produce is done at NBRI. Seed rhizomes were distributed to each farmer along with polder on turmeric package of practices. Each farmer received 20 kg seed of turmeric variety Kesari and an memorandum was signed. About 16 farmers from Unnao, Sitapur and Malihabad participated in the workshop. In the end, Dr. SK Shukla proposed formal vote of thanks. दिनांक 19 जुलाई 2023 को दोपहर 2:30 बजे केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा के समिति कक्ष में प्रधान वैज्ञानिक और परियोजना के पीआई डॉ. एस.के. शुक्ला द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सीएसआईआर-एनबीआरआई के डॉ. सुरेश कुमार शर्मा और डॉ. विक्रमजीत ने भाग लिया। सबसे पहले डॉ. एसके शुक्ला ने आम के बगीचों में हल्दी की सहफसली खेती के महत्व पर प्रकाश डाला, जो न केवल आम की आंशिक छाया में अच्छी तरह उगती है, बल्कि किसानों को अतिरिक्त आय भी देती है। डॉ. मनीष मिश्रा ने फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत आम के बागों में हल्दी उगाने की सफलता की कहानी पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृषकों को विपणन हेतु कृषक समूह द्वारा स्थापित मूल्य शृंखला से भी अवगत कराया। डॉ. एसके शर्मा और डॉ. विक्रमजीत ने हल्दी की किस्म केसरी के महत्व और गुणवत्ता पर प्रकाश डाला, इसके अलावा हल्दी की गुणवत्ता के मापदंडों जैसे करक्यूमिन, पत्ती के तेल के निष्कर्षण पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि वे बिक्री में सुविधा प्रदान करेंगे, बशर्ते उपज की गुणवत्ता का परीक्षण एनबीआरआई में किया जाए। प्रत्येक किसान को हल्दी प्रथाओं के पैकेज पर पोल्डर के साथ बीज प्रकंद वितरित किए गए। प्रत्येक किसान को केसरी किस्म की हल्दी का 20 किलोग्राम बीज प्राप्त हुआ और एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये। कार्यशाला में उन्नाव, सीतापुर और मलिहाबाद के लगभग 16 किसानों ने भाग लिया। अंत में डॉ. एसके शुक्ला ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। Event Date:- 19-07-2023 |
80. महाकेसर आम उत्पादक संघ महाराष्ट्र के पदाधिकारियों का भ्रमण
दिनांक 15 से 17 जुलाई 2023 तक संस्थान में महाराष्ट्र के औरंगाबाद के महाकेसर आम उत्पादक संघ के पदाधिकारियों ने भ्रमण किया! इस भ्रमण का उद्देस्य संस्थान के वैज्ञानिको एवं संस्थान से जुड़े बागवानों से आम उत्पादन के बारे में अनुभव साझा करना था! संघ के पदाधिकारियो ने संस्थान के निदेशक डॉ. टी दामोदरन से भेट कर के उनको अपनी कार्यप्रणाली से अवगत कराया तथा संघ की तरफ से प्रकाशित पुस्तक भेट की, संस्थान के निदेशक ने उनको संस्थान की तकनीकों को उपलब्ध करवाने हेतु सहयोग का वादा किया! भ्रमण दल के सदस्य श्री नन्द लाल काले, डॉ. भगवान राव काप्से, श्री शिवाजी उगले, श्री अंकुशाह लघाने एवं श्री राजेंद्र पाथरीकर थे ! संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत मिश्रा ने उनको प्रक्षेत्र भ्रमण कराया एवं तकनीकी विषयो पर चर्चा की ! कार्यक्रम का समन्वय डॉ. मनीष मिश्रा ने किया ! संस्थान एवं “महाकेसर आम उत्पादक संघ” के बीच भविष्य में सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन पर सहमति भी बनी! Event Date:- 15-07-2023 |
81. Research Advisory Committee Meeting
Twenty seventh meeting of Research Advisory Committee (RAC) of the Institute was convened during July 12-13, 2023 at the institute under the chairmanship of Dr. N. Kumar, Former Vice Chancellor, Tamil Nadu Agricultural University, Coimbatore, Tamil Nadu. The RAC Members, Dr. Jai Singh (Ex. Director, ICAR-CIPHET, and Ludhiana), Dr. Ambika B. Gaikwad (Principal Scientist, ICAR-NBPGR, and New Delhi), Dr.V.B. Patel (ADG, F&PC), Shri Indra Prakash Singh and Shri Jagmohan Singh Chand participated in the deliberations. Dr. Chandish Balal (Ex. Director, ICAR-NBAIR, Bengaluru) and Dr. A.N. Ganeshmurthy (Former Dean, College of Agriculture, CAU, Imphal) attended the meeting online. Director of the institute, Dr. T. Damodaran, presented the action taken report of previous RAC. Heads of the Divisions presented achievements of respective Divisions. The committee reviewed the ongoing research work in the institute and presented its recommendations/suggestions for future research work. Dr. Maneesh Mishra, Member Secretary, RAC presented vote of thanks. संस्थान की अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) की सत्ताईसवीं बैठक 12-13 जुलाई 2023 के दौरान डॉ. एन कुमार पूर्व कुलपति तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय कोयंबटूर तमिलनाडु की अध्यक्षता में संस्थान में आयोजित की गई। (आरएसी) सदस्यों डॉ. जय सिंह (पूर्व निदेशक, आईसीएआर सिफेट,लुधियाना) डॉ. अम्बिका बी. गायकवाड़ (प्रधान वैज्ञानिक आईसीएआर-एनबीपीजीआर,नई दिल्ली) डॉ. वी. बी. पटेल (एडीजी, एफएंडपीसी) श्री इन्द्र प्रकाश सिंह और श्री जगमोहन सिंह चंद्र ने विचार विमर्श में भाग लिया । डॉ. चंदीश बलाल (पूर्व निदेशक, आईसीएआर-एनबीएआईआर, बेंगलुरु) और डॉ. ए. एन गणेशमूर्ति (पूर्व डीन, कृषि महाविद्यालय सीएयू,इंफाल) ने बैठक में ऑनलाइन भाग लिया। संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने पिछली आरएसी की कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की! प्रभागो के प्रमुखों ने संबंधित प्रभागों की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। समिति ने संस्थान में चल रहे शोध कार्यों की समीक्षा की और भविष्य के शोध कार्यों के लिए अपनी सिफ़ारिशें/ सुझाव प्रस्तुत किए आरएसी के सदस्य सचिव डॉ. मनीष मिश्रा ने धन्यवाद प्रस्तुत किया। Event Date:- 12-07-2023 |
82. Visit of German delegate to ICAR-CISH
FAO counselor, Mrs. Bayer from embassy of Federal Republic of Germany, Visited ICAR, CISH Lucknow on 10th and 11th July 2023. The Counselor was welcomed by Dr. T. damodaran, Director ICAR-CISH, Lucknow. later Mrs. Bayer visited farmers field and mango orchard of Malihabad and interacted with local farmers along with Dr. Maneesh mishra Principal Scientist and team, After that the guest planted a colored Dashehari scalping at- Technology Park, ICAR, CISH R.B Road campus in the presence of Director and Institute scientists (Dr. P. L. Saroj, Dr. H. S. Singh, Dr. Manish Mishra, Dr. Anju Bajpai, Dr. S. K. Shukla, Dr. A. K. Trivedi, Mr. A.K yadav, Dr. Abha Singh, Dr. Ashish Yadav) Next day Mrs. Bayer visited the ICAR museum and interacted with scientists of the Institute visited experimental farm, exotic mango germplasm, block mango hybrids , GAP in mango experiment and CISH nursery located at rahmankhera campus Mrs. Bayer highly appreciated the research efforts and progress of ICAR-CISH and Indian farming system. एफएओ काउंसलर, जर्मन संघीय गणराज्य दूतावास की श्रीमती बायर ने 10 और 11 जुलाई 2023 को आईसीएआर- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ का दौरा किया। उनका स्वागत संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने किया। उसके बाद डॉ. मनीष मिश्रा प्रधान वैज्ञानिक और टीम के साथ श्रीमती बेयर ने मलिहाबाद के किसानों के खेत और आम के बगीचे का दौरा कर स्थानीय किसानों के साथ चर्चा की और आम की अलग- अलग किस्मो का स्वाद भी चखा, उसके बाद अतिथि ने संस्थान के आर.बी रोड परिसर के टेक्नॉलजी पार्क, में संस्थान के निदेशक और वैज्ञानिक ( डॉ. पी. एल. सरोज, डॉ. एच. एस. सिंह, डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. अंजू बाजपेयी. डॉ. एस के शुक्ला, डॉ. ए. के. त्रिवेदी, श्री ए.के. यादव, डॉ. आभा सिंह, डॉ. आशीष यादव) के साथ एक रंगीन दशहरी पौधे का रोपण किया! अगले दिन श्रीमती बेयर ने आईसीएआर-सीआईएसएच संग्रहालय का दौरा किया और संस्थान के वैज्ञानिकों से मुलाकात की, साथ ही उन्होंने प्रायोगिक फार्म, विदेशी आम जर्मप्लाज्म, ब्लॉक आम संकर, आम प्रयोग में जीएपी और रहमानखेड़ा परिसर में स्थित संस्थान की नर्सरी का निरीक्षण किया! डॉ. बेयर ने भारतीय कृषि प्रणाली, आईसीएआर-सीआईएसएच के अनुसंधान और प्रगति की अत्यधिक सराहना की। Event Date:- 10-07-2023 |
83. Institute visit cum Scientist-Farmers interaction meetingA group of 45 students of B. Tech (Biotechnology) along with two faculty members from R. R. Institute of Modern Technology Lucknow, Uttar Pradesh visited at ICAR-CISH Lucknow, Uttar Pradesh on July 7, 2023. Scientist-Farmers interaction meeting was organized. Horticultural technologies for ensuring subtropical fruit production were discussed. The role of biotechnology in development of new varieties, regulation of flowering and fruiting behavior, genomics and gene editing in subtropical fruit crops were explained. Banana and papaya sampling production through tissue culture was also diffused. Geospatial technologies were explained in detailed. Role of digital soil mapping for nutritional characteristics of fruit orchards were explained. Importance of water conservation for fruit production was also emphasized. Post harvest processing of fruits for developing value added products were communicated. Students were visited Institute Museum wherein they were explained about Institute Research achievements. Students were also visited fields for ground experience. They were explained about the Arunika, Ambika mango varieties and importance of fruit bagging for quality fruit production. The visit was organized by Dr. Naresh Babu (Principal Scientist), Dr. (Mrs.) Abha Singh (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) Event Date:- 07-07-2023 |
84. Institute visit cum Scientist-Farmers interaction
A group of 30 farmers and officials from six blocks of Tikamgarh district, Madhya Pradesh visited the ICAR–CISH, Lucknow on July 5, 2023 under ATMA Programme. Scientist-Farmers interaction meeting was organized. Advanced technologies of subtropical fruit production, protection and post harvest value addition were disseminated to farmers. Varieties of mango like Arunica, Ambika, Amrapali, Mallika and Shewta, Dhawal, Lalima, Lalit of guava were encouraged to farmers for cultivation and earning. Aonla, Bael and Jamun varieties were also suggested to grow in the field condition. Importance of rain water harvesting for life saving irrigation at fruit setting to development period was discussed. Role of soil nutrition was discussed in detail. During the interaction, establishment of newly orchards and their management was communicated. The role of quality planting material was informed. Hindi literature on scientific management of orchards during summer seasons, disease and insect managements were distributed. After meeting, farmers were also visited the processing laboratory and detailed discussions on value added products were explained by Dr. Abha Singh, Principal Scientist. Bearing mango orchards of Arunika, Ambika and Amrapali was visited and importance of fruit bagging was explained. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist), Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Mr. Arvind Kumar (ACTO) organized the visit. Event Date:- 05-07-2023 |
85. ICAR-CISH organizes Nutri-Garden Awareness Programme at Farmers Field
ICAR- CISH, Lucknow was organized by An awareness programme entitled ‘Nutri-gardens for food, nutrition and income security’ at Sarsanda village of Lucknow district on 28th June, 2023. The program, organized under Azadi ka Amrit Mahotsav, was attended by about 80 farmers, farm women and rural youth from Sarsanda and adjoining villages. Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH, Lucknow in his address encouraged the farmers to adopt an integrated value-chain based approach to reap the premium benefits from the cultivation of mango and other horticultural crops. He assured the farmers of adequate technical backstopping from ICAR-CISH for adopting improved practices such as proper canopy management, intercropping with turmeric and elephant foot yam, bagging of fruits, and recommended irrigation and fertilizer management for boosting the incomes from mango cultivation. He exhorted the farmers to develop kitchen gardens around their dwellings to ensure year-round availability of fruits and vegetables. Earlier, Dr. Abha Singh, Principal Scientist informed the farmers and farm women about simple approaches and precautions for increasing the nutrient bioavailability from the food. She underlined the importance of traditional fruits, vegetables and millets in alleviating the hunger and malnutrition risks. Dr. Anshuman Singh, Senior Scientist informed about improved varieties of subtropical fruits such as mango, guava and jamun. Dr V. Dayal, Scientist, presented an overview of initiatives being taken up under SC-SP program for empowering the farmers. Dr Karma Beer Scientist, informed the farmers about methods and approaches for preparing the value added products from ripe and unripe mango fruits. Dr. S. S. Das, Scientist discussed about different nutri-rich fruits and vegetables for eradicating the malnutrition. The program was coordinated by Dr. Anshuman Singh, Dr. Karma Beer and Dr Vishambhar Dayal केंद्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान लखनऊ ने दिनांक 28 जून 223 को लखनऊ ज़िले के सरसंडा गाँव में खाद्य, पोषण और आय सुरक्षा के लिए पोषक तत्व नामक एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया! आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में सरसंडा और आस पास के गांवों के लगभग 80 किसान कृषक महिलाएँ और ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया डॉ टी. दामोदरन निदेशक केन्द्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान ने अपने अधिकतम संबोधन में किसानों को आम और अन्य बाग़वानी फसलों की खेती से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए एक एकीकृत मूल्य शृंखला आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया! उन्होंने किसानों को उचित छत्र प्रबंधन जैसी बेहतर प्रथाओं को अपनाने के लिए केंद्रीय उपोष्ण बाग़वानी संस्थान से पर्याप्त तकनीकी समर्थन का आश्वासन दिया! आम की खेती से आय बढ़ाने के लिए हल्दी और जिमीकंद के साथ सहफसली खेती,फलों की थैला बंदी और सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन की सिफ़ारिश की गई उन्होंने किसानों को आह्वान किया और फलों और सब्ज़ियों की साल भर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अपने घरों के आस पास किचन गार्डन विकसित करे, इससे पहले प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर आभा सिंह ने किसानों एवं कृषक महिलाओं को भोजन से पोषक तत्वों की जैव उपलब्धता बढ़ाने के लिए उसकी दृष्टिकोण और सावधानियों की जानकारी दी उन्होंने भूख और कुपोषण के खतरों को कम करने में पारंपरिक फलों सब्ज़ियों और बाजरा के महत्व को रेखांकित किया वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अंशुमान सिंह ने आम अमरूद और जामुन जैसे उपोष्णकटिबंधीय फलों की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी वैज्ञानिक डॉक्टर वी. दयाल ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए SC/SP कार्यक्रम के तहत की जा रही पहलों का अवलोकन प्रस्तुत किया वैज्ञानिक डॉक्टर कर्मवीर ने किसानों को पके और कच्चे आम के फलों से मूल्यवर्धित उत्पाद तैयार करने के तरीक़ों के बारे में जानकारी दी! वैज्ञानिक डॉक्टर एस. एस. दास ने कुपोषण को दूर करने के लिए विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर फलों और सब्ज़ियों के बारे में चर्चा की कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अंशुमान सिंह डॉक्टर कर्मवीर एवं डॉक्टर विशंभर दयाल ने किया! Event Date:- 28-06-2023 |
86. हिंदी कार्यशाला 23.06.2023
संस्थान के निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.दामोदरन की अध्यक्षता में दिनांक 23.06.2023 को एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें ‘आम में पौध संरक्षण की समस्याएं एवं भविष्य की रणनीति’ विषय पर व्याख्यान डॉ.एच.एस.सिंह प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रभारी,प्रक्षेत्र,केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेडा द्वारा प्रस्तुत किया गया| आम में लगने वाले कीटों की समस्याएं एवं उनका सामयिक समन्वित प्रबंधन करने, पारिस्थितिकी संतुलन वनाये रखते हुए गुणवत्तायुक्त कीटनाशकों का प्रयोग करने तथा मौसम परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए भविष्य की रणनीति के बारें में विस्तृत जानकारी से उपस्थित प्रतिभागियों को लाभान्वित किया| केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ही वैज्ञानिक डॉ.रवि एस.सी ने मलिहाबाद क्षेत्र में आम काश्त की विधाएं एवं समस्याएं विषय पर बोलते हुए बागवानों द्वारा अपनाई जा रही विधाओं एवं उनकी समस्याओं को चिन्हित करने के वारें में एक संछिप्त जानकारी उपस्थित सभी प्रतिभागियों वीच साझा की | संस्थान के निदेशक डॉ.टी.दामोदरन ने संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों को बागवानों तक पहुंचनें में हिंदी भाषा के महत्व को इंगित किया| औद्यानिक प्रयोग प्रशिक्षण केंद्र,मलिहाबाद से नामित उद्यान अधिकारी/विषय विशेषज्ञ सहित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान एवं इसके क्षेत्रीय केंद्र,माल्दा,(पश्चिम बंगाल) से कुल 50 वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों ने भौतिक एवं आनलाइन माध्यम से कार्यशाला में प्रतिभाग किया| कार्यक्रम का समन्वयन श्री अरविन्द कुमार,नोडल अधिकारी (राजभाषा ) द्वारा किया गया| Event Date:- 23-06-2023 |
87. Institute visit cum Scientist-Farmers interaction meet
A group of 27 farmers and Horticulture officials from Bilaspur district, Himachal Pradesh visited the ICAR–CISH, Lucknow on June 22, 2023. Orchard visit was arranged and Scientist-Farmers interaction meeting was held in the Institute. Farmers enthusiastically participated in this interaction meeting; they were sensitized about production, improvement, protection and post harvest value addition technologies. Farmers were motivated for adoption of high density planting system for mango and guava to enhance productivity and profitability. During the interaction farmers raised questions on gummosis, mealy bug rejuvenation nutrient deficiencies, bagging, processing. Hindi literature on scientific aonla cultivation, canopy management in high density guava, disease management thrips management and bael products was distributed. Importance of soil and tree health management for quality produce was discussed in detail. Institute developed mango harvester was also demonstrated. Farmers also visited the processing laboratory and detailed discussions on pulp preparation, preservation and preparation of value added products were held with Dr A. K. Trivedi, Principal Scientist. The role of genuine planting material and development of mother blocks for raising nursery was also discussed. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Mr. Arvind Kumar (ACTO) coordinated the visit. हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के 27 किसानों और बागवानी अधिकारियों के एक समूह ने 22 जून, 2023 को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के प्रछेत्र का दौरा किया और संस्थान में वैज्ञानिक-किसान वार्ता आयोजित की गई। इस संवाद बैठक में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया; उन्हें उत्पादन, सुधार, सुरक्षा और फसल कटाई के बाद मूल्य संवर्धन प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूक किया गया। किसानों को उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए आम और अमरूद के लिए उच्च घनत्व रोपण प्रणाली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। बातचीत के दौरान किसानों ने गमोसिस मिली बग जीर्णोद्धार पोषक तत्वों की कमी, बैगिंग प्रसंस्करण पर चर्चा की। वैज्ञानिक विधि द्वारा आँवला की खेती, उच्च घनत्व वाले अमरूद में छत्र प्रबंधन रोग प्रबंधन, थ्रिप्स प्रबंधन और बेल उत्पादों पर हिंदी साहित्य का वितरण किया गया। गुणवत्तापूर्ण उपज के लिए मिट्टी और वृक्ष स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व पर चर्चा की गई। संस्थान द्वारा विकसित आम तुड़ाई हारवेस्टर का भी प्रदर्शन किया गया। किसानों को प्रसंस्करण प्रयोगशाला का भी दौरा कराया गया और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. ए.के. त्रिवेदी के साथ आम के गूदे का प्रसंस्करण, संरक्षण और मूल्य वर्धित उत्पादों की तैयारी पर विस्तृत चर्चा की गई। नर्सरी तैयार करने के लिए वास्तविक रोपण सामग्री और मदर ब्लॉक के विकास की भूमिका के बारे में भी बताया गया। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक), डॉ. तरुण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) और श्री अरविंद कुमार (एसीटीओ) ने दौरा का समन्वय किया। Event Date:- 22-06-2023 |
88. “Training on Nano orchard establishment for extension activists and farmers”
The ICAR-CISH carried out 3 days training programme from 7th June to 9th June 2023 at ICAR-CISH Campus, Rehmankhera Lucknow. The Extension Functionaries of Akhil Bhartiya Samaj Sewa Sansthan (ABSSS) and SRIJAN staff attended the programme. The extension functionaries of ABSSS and SRIJA from Shivpuri. Madhya Pradesh, Niwari, M.P., Chitrakoot U.P. and Banda districts participated in the program me. Total 20 staff of above NGO’s arttended the training programme. The Principal Scientist Dr. K.K. Srivastava, was Coordinator Dr. Govind Kumar, coordinator for the 3 days training programme. A Total of 15 lecture 60% of practical carried out. the extension functionaries and farmers given hands on Training on Guava canopy management development, pruning, high density orcharding, orchard floor management, insect-pest and disease management, water and nutrition management in the field by respective expert scientist, the post harvest and value addition of fruits and vegetable crops also demonstrated. The training program was concluded 9th June, 2023. Event Date:- 09-06-2023 |
89. पाँच सितारा होटल में किसान बेंच रहे हैं आम.
आम उत्पादकों को सीधे उपभोक्ता से जोड़ने के लिये केन्द्रीय उपोषण बाग़वानी संस्थान और हयात रीजेंसी ने एक अनोखी मुहिम शुरू की है। संस्थान द्वारा बड़ी संख्या में किसानों को फार्मर फ़र्स्ट के तहत आम में गुड एगरीकलचर प्रैक्टिस में 2017 से प्रशिक्षित किया गया। बागों में सुरक्षित कीट नाशकों का प्रयोग, फलों पर बैगिंग, सीआईएसएच हार्वेस्टर द्वारा सुरक्षित तोडाई, सिंगल लेयर सीएफबी डब्बे में विपणन इत्यादि में किसानों को संस्थान द्वारा वैज्ञानिक प्रशिक्षण दिया गया। किसानों की आय बढ़ाने के लिये अवध आम उत्पादक एवं बाग़वानी समिति सहित स्वयं सहायता समूह स्वावलंबन की स्थापना भी की गयी। डा. दामोदरन, निदेशक केन्द्रीय उपोषण बाग़वानी संस्थान, लखनऊ ने बताया कि पाँच सितारा होटल हयात रीजेंसी, लखनऊ इन किसानों की मदद के लिये सामने आया। करार के तहत हयात होटल ने ३० जून तक किसानों को आम की विभिन्न क़िस्मों को बेचने के लिये अपने होटल में मुफ़्त जगह दी।यह एक अभिनव प्रयास है। आम उत्पादक समिति के सचिव उपेन्द्र सिंह बताते हैं कि चार किलो आम का डब्बा यहाँ पर 600 का बिक रहा है। मलिहाबाद के उमंग गुप्ता बैग किया हुआ आम 800 रूपये प्रति पेटी बेच रहे है। होटल के मैनेजर इन्द्रनिल बैनरजी कहते हैं कि यह प्रयास कारपोरेट शोशल रिस्पांसिबिलिटी की तरफ़ से किसानों को मदद देने की ऐक पहल है। इस कार्यक्रम के संयोजक और एग्री बिज़नेस इनकयूबेशन के प्रधान अन्वेषक डा. मनीष मिश्र बताते हैं कि जिन किसानों ने संस्थान की तकनीकी को अपनाया उन किसानों को सीधे बाज़ार से जोड़ने का प्रयास संस्थान करता रहा है। लेकिन कॉरपोरेट सेक्टर से किसानों को जोड़ने पर किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हो रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के किसानों की आय दूनी करने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है। Event Date:- 09-06-2023 |
90. The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture Rehmankhera Lucknow celebrated its 40th Foundation Day
The ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow celebrated its ‘40th Foundation Day’ at its Rehmankhera campus on June 01, 2023 under the chairmanship of the chief guest of the function, Dr. Major Singh, Member, Agricultural Scientists Recruitment Board, New Delhi. In his address he underlined the importance of orienting research towards evaluation of neutraceutically rich horticultural crops for nutritional security and for improvement in the livelihood of the growers. He added that the traceability is essential for planting material to and also for produces the value chain to attract the markets of European Union and USA. He especially congratulated the scientists for their unending contributions to the fruit industry of the country. He also congratulated the growers for supporting the scientists and adopting the technologies of the ICAR-CISH and ultimately making round the year availability of fruits and vegetables in plenty. The chief guest honored the eminent scientists of the institute and the farmers for their contributions. Earlier, Dr T. Damodaran, Director, ICAR-CISH, in his welcome address, presented the summary of last 40 year achievements of the Institute and explained the future focus of research on the climate resilient horticulture, nutraceutical rich varieties of mango, guava and jamun, and strengthening of research on value chain for domestic and export market. He added that the Institute has developed the protocol for sea route export of mango. The Institute is collaborating with mango pack house for mango export using ICAR-CISH technology. Dr Shailendra Rajan, Ex Director, ICAR-CISH presented the long term breeding outcome of mango and guava in the institute. The guests of honour, the Directors of CSIR-NBRI, Dr Ajit Shashney, ICAR-IISR, Dr R. Vishwanathan and ICAR-NBFGR, Dr U.K. Sarkar emphasized the need of collaborative research among the Institutes and appreciated the progress and performance of ICAR-CISH, Lucknow. Mr. Upendra Singh, Secretary, AAUBS, Lucknow, the representative of the mango farmers, elaborated the achievements of mango farmers and emphasized the benefits by adopting ICAR-CISH technologies. Event Date:- 01-06-2023 |
91. Participation in State Level Kharif Productivity Goshthi- 2023 organized by Department of Agriculture, Uttar Pradesh
Directorate of Agriculture, Uttar Pradesh organized one day (May 26, 2023) State Level Kharif Productivity Goshthi and Exhibition at Krishi Bhawan Lucknow. Scientist and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. The show was inaugurated by Honourable Minister of Agriculture, Agricultural Education & Research Uttar Pradesh Shri Surya Pratap Shahi on May 26, 2023. Bael varieties CISH B1 and CISH B2, grafted plants of mango and guava, mango harvester, fruit fly trap,bio products and value added processed products of mango, guava, bael and aonla were made big attraction for visitors at the institute stall. After inauguration of Goshthi and exhibition, Honourable Minister of Agriculture along-with senior officials of state department visited the stall. More than 2000 visitors including officials from various departments, farmers, women, students, youths visited the stall and benefited from the information on advance technologies developed by the institute. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO recorded feedback from the visitors including farmers and students and solved their queries regarding plant propagation, cultivation and harvesting method and plant protection of mango, guava, bael and jamun. Event Date:- 26-05-2023 |
92. Field visit cum scientist-student interaction
A group of 50 students of B.Sc. (Agri) course including 10 students of M Sc. (Biotechnology) and three faculty members from Maharishi University of Information Technology Lucknow, Uttar Pradesh visited at ICAR-CISH Lucknow, Uttar Pradesh on 24th May, 2023. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist briefed about the institute’s activities and technologies to the students. Shri Arvind Kumar, ACTO explained about improved varieties of the fruit crops like mango, guava, bael, jamun etc and other production technologies. A scientist-student interaction session was organized. Students were made aware of present situation and challengers of Horticultural production. The role of soil nutrient and water management, precision farming protocols, abiotic stresses, insect and disease control measures, post harvest practices, value addition, other secondary horticulture was also discussed. Crop diversification was given importance during the interaction. To enhance farmers’ income, scientific initiatives of diversified fruit crops in non-traditional areas of subtropical region were discussed. During field visit, high density plantation of mango and guava, rejuvenation of old orchards was shown. Successful vegetable cultivation in protected structures and open fields was also discussed . The importance of soil and tree health management along with water conservation was disseminated. Laboratories of biotechnology and fruit processing were also visited. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Shri Arvind Kumar, ACTO coordinated the field visit. Dr. Dheeraj Yadav, Faculty member proposed vote of thanks for the visit. Event Date:- 24-05-2023 |
93. Strengthening the horticulture entrepreneurs by ICAR-CISH
ICAR-CISH, Agri-Business Incubation Centre, Lucknow organized an “Incubate-Mentors Brainstorming Meeting” on 10th May, 2023. In this meeting, different horticultural startup ideas of entrepreneurs were critically discussed with the expert scientists strengthen their ideas and convert them into successful startups. A total number of 21 participants (scientists / mentors, entrepreneurs / startups and stakeholders) attended the meeting. Entrepreneurs namely Mr. Gyanendra Kumar Raveendra and Mr. Pankaj Kumar from M/S Bongeo Industries Private Limited, Arjunganj Lucknow, Mr. Kunwar Vishal Singh from M/S K V Industries, Gomti Nagar, Lucknow, Mr. Pravesh Kumar (M/S Landtouch Agricultural Industries Pvt. Ltd., Kalyanpur Kewtani, Ayodhya), Mr. Shivang Bansal (M/S Seedling Agrotech, Banthra, Lucknow), Dr. Jyoti Dewan (M/S Shapez Enterprises Pvt. Ltd., Gomti Nagar, Lucknow), Mr. Vishal Krishna Bipin (M/S Subhekshaa Agro Solutions Pvt. Ltd, Sharda Nagar, Lucknow) and Mr. Mirza Akram Baig (M/S Dr. Nature, Lucknow) joined the meeting. whereas, Mr. Yatendra Pratap Singh Tomar and Mr. Pradeep Dixit from M/s Lakshya Udai FPC, Hardoi, Mr. Sandeep Yadav, from Mango Pack House and Mr. RamJeevan, Progressive Mango Farmer, Mall, Malihabad participated as other stakeholders for networking and linkages. Principal Investigator of CISH-ABI, Dr. Maneesh Mishra welcomed and introduced all the participants. He emphasized on the importance of good startup incubation for the development and growth of any startup in the early stage. He also summarized the role and benefits of incubation at CISH-ABI. Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH warmly expressed appreciation for the growth and developments of startups and entrepreneurship in horticulture. He interacted with all startups directly and acknowledged that startups in the field of horticulture have vast opportunities of achievement with substantial outcome. The Director also guided the forward linkages to the startups like hydroponics technology startups may be further connected with government schemes like mid-day meal through PPP mode. Millet based startup may go into techno-commercial solutions. Development of wine from subtropical fruits like mango and guava etc. and export of mangoes are of high economic value, he added. Event Date:- 10-05-2023 |
94. Mango Buyer-Seller Meet – 2023
A Mango Buyer-Seller Meet was organized by the Agri-Business Incubation Centre for mango export promotion on 28th April 2023. Mango exporters, farmers, traders, FPOs, Community based Organizations (CBO) from Lucknow, Sitapur, Hardoi, Lakhimpur and other nearby districts and ICAR-CISH scientists were linked through this meeting for the successful export of mango. The programme was inaugurated with lamp lightening & ICAR song by the Chief Guest, Dr. R.K. Pal, Advisor, FSSAI and Former Director, ICAR-NRC Pomegranate, Solapur, Dr. V.B. Patel, ADG, Fruit & Plantation Crops, ICAR, N. Delhi, Dr. B. K. Pandey, Former ADG, Horticulture ICAR, N. Delhi, Director, ICAR-CISH, Dr. T. Damodaran and other dignitaries. Dr. Maneesh Mishra, organizer of the event and Principal Scientist introduced all the experts and briefed about the meeting. Dr. Damodaran addressed that GI-125 Malihabad-Mango is a world class mango. However, it needs to be reached in various countries through developing a proper channel and export system. ICAR-CISH is providing a platform for establishing the connection of mango growers, FPO and CBO to the exporters. Moreover, the institute is ready to provide CISH technology of mango export for safe transportation in containers through sea route. Furthermore, Dr. B. K. Pandey shared the SOP of mango export with exporters and farmers and narrated the important points to be taken care from harvesting to export. Chief Guests, Dr. R.K. Pal and Dr. V.B. Patel expressed their words of appreciation for the efforts made for the development and support of mango farmers and export. They also assured to the stakeholders for their support and help in this endeavour. Mango growers, representatives of Awadh Aam Utpadak Ewam Bagwani Samiti and TAFARI FPC conveyed the problems of farmers in connecting with exporters. They also raised the issue of getting decent mango rates to the farmers. Sh. Dayashankar Singh from IRADA Foundation addressed the problem of middle man in trading and supply chain of mango. The exporter Mr. Akram Baig and Mr. Vaiju Gangadhara, Manager Administration, Fair Exports (India) Pvt. Ltd. and Lulu Group, India assured mango farmers to solve their problems and ready to take mangoes for export at their best prices. They mentioned that Indian mangoes have huge market and demand in international market and showed willingness to work with mango farmers. All the experts and participants visited the Mango Pack House, Malihabad for inspection of facilities of mango processing and packaging before export. About 57 mango growers were directly benefitted through this mango buyer and seller meet. Event Date:- 28-04-2023 |
95. ICAR- CISH organizes Awareness Programme for School Children about Future Career Opportunities through Horticultural Research
ICAR- CISH, Lucknow organized an awareness programme for school children under Azadi ka Amrit Mahotsav on Future Career Opportunities through Horticultural Research on 27th April 2023 at Vidyasthali Inter College Kanar Lucknow. Dr T Damodaran Director ICAR-CISH Lucknow in his address stressed that horticultural research and education have a tremendous potential for bringing out transformative improvements in the lives of Indian farmers. He said that education during formative years plays a critical role in shaping the young minds. While exhorting the school children to pursue higher studies in horticultural sciences he remarked that cutting-edge horticultural research in frontier areas such as biotechnology nanotechnology, hydroponics artificial intelligence internet of things and business development is the best way forward to ensure the food nutrition income employment and environmental security of a burgeoning global population. Citing relevant examples from India, he said that horticultural research is increasingly opening up vast opportunities for employment entrepreneurship and start-ups creation of value chains and wholesome nutrition while also sustaining our precious natural resources. While interacting with the school children, he requested them to inculcate a sense of responsible citizenship and to contribute proactively to the nation building. He also informed the school children about recent initiatives under National Education Policy including the upcoming ICAR education hub at Lucknow and various activities under India’s G20 Presidency and the International Year of Millets. Earlier Mrs. Shipra Verma Principal Vidyasthali informed about educational and extra-curricular activities at the school. Dr. P. L. Saroj Head Crop Production Division presented a detailed account of research and education infrastructure under the Indian Council of Agricultural Research. He informed about various graduate and post-graduate courses being offered in Central and State Agriculture Universities. He also highlighted the vast career opportunities through horticultural research including positions such as Researchers, College and University Professors, Subject Matter Specialists in KVKs Officials in Central and State Governments and various positions in the agribusiness industry in addition to emerging opportunities for start-ups and horti-business development. The programme was attended by about 120 school children and school staff. Dr. Anshuman Singh Senior Scientist and Dr. Karma Beer Scientist coordinated the programme. Event Date:- 27-04-2023 |
96. Institute visit by Chhattisgarh farmers and Farmer-scientist interaction
A group of 15 farmers from two blocks of Pandaria and Kawardha from Kabirdham districts of Chhattisgarh came to ICAR-CISH, Lucknow, Uttar Pradesh on 26th April 2023. Farmers visited guava fields and mango orchards. To enhance the income, farmers were sensitized to grow improved CISH guava varieties like Shweta, Lalit, Dhawal in their fields. Hindi literature on scientific guava production and protection was distributed to the farmers for adoption and knowledge enhancement. Crop diversification was given importance during the interaction for risk reduction and climate resiliency. Scientific cultivation of mango was discussed. Varieties like Ambika, Arunika, Amrapali, Mallika etc. were suggested to enhance the span of fruit availability and fetch the higher market price. The importance of nutrient and water management was also stressed. Good agricultural practices including spraying of micronutrients at fruit set and fruit development stages in subtropical fruits were suggested to get quality fruits. Scientists were also suggested to use quality planting materials from the nursery of the Institute. The programme was coordinated by Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Mr. Arvind Kumar (Assistant Chief Technical Officer) Dr. Barsati Lal, Principal Scientist, ICAR-IISR proposed vote of thanks to the staff of CISH for the orchard visit. छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया और कवर्धा के दो विकास खंडों के 15 किसानों के एक समूह ने दिनाँक 26 अप्रैल, 2023 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश का भ्रमण किया। किसानों ने संस्थान के आम और अमरूद के बागों का दौरा किया। किसानों की आय बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा विकसित अमरूद की उन्नत किस्मों जैसे श्वेता, ललित, धवल को उगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया। कृषकों को वैज्ञानिक तकनीक द्वारा अमरूद उत्पादन एवं संरक्षण पर नवीनतम तकनीकों को अपनाने एवं ज्ञानवर्धन हेतु हिन्दी साहित्य वितरित किया गया। जलवायु परिवर्तन और उससे नुकसान कम करने हेतु बातचीत के दौरान फसल विविधीकरण पर जोर दिया गया और आम की वैज्ञानिक खेती पर चर्चा की गई। बाजार में उच्च मूल्य पाने के लिए एवं फलोपलाब्धाता लम्बे समय तक बढाने के लिए अंबिका, अरुणिका, आम्रपाली, मल्लिका आदि किस्मों की खेती का का सुझाव दिया गया और पोषक तत्व और जल प्रबंधन के महत्व का भी प्रचार-प्रसार किया गया। गुणवत्ता वाले फल प्राप्त करने के लिए उपोष्ण फलों के बनने और फलों के विकास के चरणों में सूक्ष्म पोषक तत्वों के छिड़काव सहित अच्छी कृषि पद्धतियों एवं संस्थान की नर्सरी से गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री का उपयोग करने का भी सुझाव दिया गया । कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक), डॉ. तरुण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) एवं श्री अरविंद कुमार (सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी) ने किया। डॉ. बरसाती लाल, प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर-आईआईएसआर ने बाग की यात्रा के लिए संस्थान के वैज्ञानिकों एवं अन्य कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। Event Date:- 26-04-2023 |
97. ICAR-CISH celebrated “World Intellectual Property Day” on 26th April 2023
ICAR- ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow celebrated “World Intellectual Property Day” on 26th April 2023 by organizing a Workshop on the theme “Women and IP: Accelerating Innovation and Creativity” under the chairmanship of Dr. T. Damodaran, Director. Incharge ITMU welcomed the gathering and gave an overview on WIPO and the theme of the program. Director in his introductory talk advised the Scientists to be proactive and come up with new innovations that would have IP value. Dr. Poonam Jayant Singh, Senior Scientist from ICAR-NBFGR delivered a special lecture on “Thinking out of box” and Dr. Anju Bajpai, Principal Scientist, ICAR-CISH delivered a talk on “IP avenues in Horticulture with special emphasis on Biotechnological Innovations”. The program ended with a formal vote of thanks by Dr. Maneesh Mishra, In-charge ABI. This program was jointly organized by Intellectual Technology Management Unit (ITMU) and Agri-Business Incubator (ABI) units of the Institute. All the scientists, technical and administrative staff of the institute participated in this program. भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संसथान रहमानखेड़ा, लखनऊ ने 26 अप्रैल 2023 को संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन की अध्यक्षता में "महिला और आईपी त्वरित नवाचार और रचनात्मकता" विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन करके "विश्व बौद्धिक संपदा दिवस" मनाया गया। आईटीएमयू प्रभारी ने सभा का स्वागत किया और डब्ल्यूआईपीओ और कार्यक्रम के विषय पर एक अवलोकन दिया। संस्थान के निदेशक ने अपने भाषण में वैज्ञानिकों को सक्रिय होने और आईपी मूल्य वाले नए नवाचारों के साथ आने की सलाह दी। डॉ. पूनम जयंत सिंह, आईसीएआर-एनबीएफजीआर की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने "आउट ऑफ बॉक्स" पर एक विशेष व्याख्यान दिया और डॉ. अंजू बाजपेई, प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर-सीआईएसएच ने "जैव प्रौद्योगिकी नवाचारों पर विशेष जोर देने के साथ बागवानी में आईपी के रास्ते" पर एक व्याख्यान दिया। एबीआई, प्रभारी डॉ. मनीष मिश्रा ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन किया। यह कार्यक्रम संस्थान की इंटेलेक्चुअल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट यूनिट (ITMU) और एग्री-बिजनेस इनक्यूबेटर (ABI) इकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में संस्थान के समस्त वैज्ञानिकों, तकनीकी एवं प्रशासनिक कर्मचारियों ने भाग लिया। Event Date:- 26-04-2023 |
98. DG ICAR Inaugurated Technology Demonstration Park at ICAR-CISH Telibag Campus, Lucknow
Dr. Himanshu Pathak, Director General, Indian Council of Agriculture Research (ICAR) and Secretary, DARE visited ICAR–CISH Telibagh Campus and inaugurated ‘Technology Park’ by planting the first plant of climate resilient mango hybrid CISH-Arunika and salt tolerant rootstock of mango cv. Sagarika. The Director of the Institute Dr. T. Damodaran, elaborated the need of technology park to showcase all the Institute technologies at one place, that too in Lucknow city, to provide easy excess to farmers and state government functionaries. The Technology Park will be developed to display and demonstrate all CISH Technologies. The varieties block will include all the improved fruit varieties, Ambika and Arunika mango, Shweta, Lalit, Dhawal and Lalima guava, CISH B-1, CISH B-2 and CISH B-3 bael, CISH Aonla-1, CISH-Jamwant and CISH J-42 jamun. Similarly, practical demonstration of high density planting in mango and guava, refined rejuvenation technology for mango, Espalier architecture in guava, Fertigation technology, natural farming, display of potential minor fruits, fruit nursery, container gardening, precision farming technologies, vertical gardening, etc will be demonstrated in the field. The DG ICAR assured for all the support in the establishment of the technology park at the Institute in the benefit of famers. Event Date:- 14-04-2023 |
99. DG ICAR interacts with farmers /stakeholders to address their issues and promote mango exports
The Institute organized a Scientist-Farmer-Stakeholder interaction meeting on 14th April, 2023 under the Chairmanship of Secretary DARE and Director General, Indian Council of Agricultural Research Dr. Himanshu Pathak. A large number of mango farmers, Farmer Producing Companies, Community Based organization, Exporters, Traders and Industry personnel attended the meeting. Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH informed that our Institute will provide technical backstopping to stakeholders for mango export through sea route. ICAR-CISH has already geared up for geo tagging of mango plants at farmers field. Besides, Institute is aggressively pursuing bagging technology in mango for significant reduction in pesticide uses, uniform colour development and freedom from pesticide residue in fruits. During the program Secretary DARE and DG, ICAR handed over Incubation Letter to M/S Dr. Nature, Lucknow a newly incubated Start Up by Agri-Business Incubation Centre of ICAR-CISH; who are ready to export mango to UAE and Oman using CISH technology. Around 50 refer van container of mango will be travelling to middle-east through Mundra Sea port this year. Dr Himanshu Pathak, DG, ICAR said that the efforts of the ICAR-CISH in promotion of export of mango from Northern India will expand the revenue basket of India. Dr Neeru Bhooshan, ADG (IPTM), ICAR appreciated the efforts made by ICAR-CISH on developing Start Ups in horticultural technologies. Event Date:- 14-04-2023 |
100. Skill development training for Micro Irrigation technician program
Skill development training on Micro Irrigation technician was organized under Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) under flagship scheme of the Ministry of Skill Development & Entrepreneurship (MSDE) by ICAR-CISH, PFDC Lucknow under collaboration with National Committee on Plasticulture Application in Horticulture, New Delhi as per guidelines and qualification pack of Agricultural Skill Council of India (ASCI) for 200 working hours. The trainee participants were from different parts of India, Uttar Pradesh, Bihar, Madhya Pradesh, Rajasthan, Chhattisgarh, and Andhra Pradesh, nominated by Director Horticulture Uttar Pradesh Government with consultation of micro irrigation industries involved in Uttar Pradesh for micro irrigation. The objective of the training was to promote entrepreneurship Among Micro Irrigation Technicians by development of skill in micro irrigation using latest techniques, tools and technologies in agriculture and micro irrigation industry to make mission of Government of India "More crop per drop" successful. The course curriculum as communicated by ASCI covered theory and practical classes on various topics pertaining to design and layout and installation of micro irrigation system, Care and maintenance, problems and possible solutions in micro irrigation, management strategy to cope up with emergent situations like accidents, fire. The resource persons were scientific and technical staff from the ICAR, CISH Lucknow. The specialized resource persons were invited from ICAR-IARI New Delhi, Division .of Irrigation & Drainage, G.B. Pant University of Agriculture & Technology Pantnagar, Uttarakhand, Division of Irrigation & Drainage ICAR- CIAE-Bhopal, Jain Irrigation Pvt. Lid Lucknow, and ICAR - National Bureau of Agricultural Insect Resources (NBAIR), Bengaluru, keeping in view their vast expertise in field of micro irrigation to train the trainees in a better way. Practical classes were held at ICAR-CISH laboratories, farm (block–II) and nursery block (Block–I) under the supervision of concerned trainers. Exposure visits of participants were also arranged to demonstration blocks of micro irrigation, ICAR- IISR, Lucknow, Krishi Vigyan Kendra Lucknow and Micro Irrigation demonstration plot of Jain Irrigation at farmer’s field at Lucknow. Third party assessment was made by Agriculture Skill Development Council of India. The success rate of trainees was 96.66 % Event Date:- 14-04-2023 |
101. field visit cum scientist- students interaction
A group of 33 students of B.Sc (Hons.) Agriculture VI semester along with two faculty members from Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University, Jhansi, Uttar Pradesh visited at ICAR-CISH Lucknow, Uttar Pradesh on 31st March, 2023 The role of soil nutrient and water management, precision farming protocols, abiotic stresses, insect and disease control measures, post harvest practices, value addition, other secondary horticulture and extension services based advisory for timely adoption of management strategies was discussed. To enhance farmers’ income, scientific initiatives of diversified fruit crops in non-traditional areas of subtropical region were discussed. During interaction, the importance of bael production with various bael cultivars was disseminated. Hindi literature on scientific bael production was distributed to the students for further diffusion. During field visits, rejuvenation of old orchards was shown. Successful vegetable cultivation in protected structures and open fields were also demonstrated. The importance of soil and tree health management along with water conservation was disseminated. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) coordinated the field visit. भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संसथान में दिनांक ३१ मार्च २०२३ को रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी, उत्तर प्रदेश के दो संकाय सदस्यों के साथ बी.एससी (ऑनर्स) कृषि VI सेमेस्टर के 33 छात्रों के एक समूह ने संस्थान का दौरा किया। छात्रों को बागवानी उत्पादन की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। साथ ही प्रबंधन रणनीतियों को समय पर अपनाने के लिए मिट्टी के पोषक तत्व और जल प्रबंधन, संरक्षित खेती प्रोटोकॉल, कीट और रोग नियंत्रण उपायों, कटाई के बाद के तरीकों, मूल्यवर्धन, और विस्तार सेवाओं पर आधारित सलाह की भूमिका पर चर्चा की गई। बातचीत के दौरान फसल विविधीकरण एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र के गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में विविध फल एवं फसलों की वैज्ञानिक पहल पर चर्चा की गई। बातचीत के दौरान बेल की विभिन्न किस्मों के साथ बेल उत्पादन के महत्व के बारे में भी बताया गया। आगे प्रसार के लिए छात्रों को वैज्ञानिक बेल उत्पादन पर हिंदी साहित्य वितरित किया गया। क्षेत्र भ्रमण के दौरान पुराने बागों का जीर्णोद्धार दिखाया गया। संरक्षित संरचनाओं और खुले खेतों में सब्जियों की सफल खेती के बारे में भी बताया गया। जल संरक्षण के साथ-साथ मृदा और वृक्ष स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व का प्रचार-प्रसार किया गया। डॉ. नरेश बाबू (प्रधान वैज्ञानिक) और डॉ. तरुण अदक (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने इस क्षेत्र भ्रमण का समन्वय किया। Event Date:- 31-03-2023 |
102. श्री अन्न पर प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम
भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीयउपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा दिनाँक 29/03/2023 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत अंगीकृत गाँव गोपालपुर में श्री अन्न पर प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 100 महिला एवं पुरूष किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फसल उत्पादन प्रभाग के प्रभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. पी. एल. सरोज, फसल तुड़ाई उपरांत प्रभाग की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आभा सिंह तथा फसल सुधार प्रभाग के वैज्ञानिक डॉ. विशम्भर दयाल (नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) उपस्थित थे। डॉ. आभा सिंह ने इस प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम में किसानों को श्री अन्न (मोटे अनाज ) उत्पादन तकनीक एवं श्री अन्न का पोषण में महत्व और उन्हें नियमित आहार में कैसे शामिल किया जाए इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्रादन की गई। डॉ. पी. एल.सरोज द्वारा किसानों को श्रीअन्न के उत्पादन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।और यह भी बताया गया कि जलवायु की विपरीत परिस्थितियों तथा कम उपजाऊ भूमि में भी इसका उत्पादन सुगमता से किया जा सकता है। डॉ. विशम्भर दयाल ने किसानों को श्री अन्न में उपस्थित पोषकतत्वों के बारें में अवगत कराया गया।श्री अन्न में मौजूद विभिन पोषक तत्व,विटामिनए, बी,कैल्शियम,मैग्नीशियम,फास्फोरस, जिंक, मैंग्नीज, लौह तत्वएवं फाइबर प्रचुर मात्रा में,होने के कारण डायबटीज नियंत्रण, हृदय सम्बधिंत विकारों, पाचन तंत्र को दुरूस्त, फैटीलीवर की समस्या तथा हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है।किसानों नेइस कार्यक्रम में काफी रूचि दिखाई।कार्यक्रम को सफल बनानेमें महिलाए वं पुरूष किसानों को प्रतिभाग करने के लिए डॉ.विशम्भर दयाल ने आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का समन्वय डॉ. पी. एल. सरोज एवं डॉ.विशम्भर दयाल ने किया।कार्यक्रम का आयोजन केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन के दिशा निर्देशों पर किया गया। Event Date:- 29-03-2023 |
103. Study tour of students from Veer Chandra Singh Garhwali Uttarakhand University of Horticulture and forestry, Pauri, Uttarakhand to ICAR CISH, Lucknow
A group of 19 students of M.Sc. and 2 faculty members of VCSG Uttarakhand University of Horticulture and Forestry, Pauri, Uttarakhand visited the institute on March 27, 2023 as part of study tour. During the visit, students were apprised about Institute technologies like improved varieties of mango, guava, bael, aonla and jamun, polyhouse vegetables production and related activities. Dr. Abha Singh, Principal Scientist gave insight on preparing squash/juices and other value added products from various fruits and importance of fruit & vegetables in human diet. Dr. Dinesh Kumar, Principal Scientist underlined about the importance of soil health. Dr. Govind Kumar highlighted the role of microbes in agriculture. Dr. Anju Bajpai, Principal Scientist and Dr. S.K. Soni, TA coordinated the visit of students. भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 27 मार्च, 2023 को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पौड़ी, उत्तराखंड के 19 छात्रों एवं 2 अध्यापकों के एक दल ने संस्थान का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान, छात्रों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम अमरूद, बेल, आंवला एवं जामुन की उन्नत किस्मों, पॉलीहाउस में सब्जियों का उत्पादन के बारे में अवगत कराया गया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आभा सिंह ने छात्रों को फलों से जूस/स्क्वैश और अन्य मूल्य वर्धित उत्पाद तैयार करने एवं फलों और सब्जियों के पोषण का मानव स्वास्थ्य में महत्व पर भी ज्ञान दिया गया। डॉ. दिनेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने मृदा स्वास्थ्य के बारे में छात्रों को बताया। वैज्ञानिक डॉ. गोविन्द कुमार ने कृषि में सूक्ष्म जीवों की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. अंजू बाजपेई, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ. एस. के. सोनी, तकनीकी सहायक ने भ्रमण का समन्वय किया। Event Date:- 27-03-2023 |
104. भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ में जल एवं जलाक्रांत भूमि प्रबंधन विषय पर हिन्दी कार्यशाला का आयोजन
संस्थान के निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष डॉ.टी.दामोदरन की अध्यक्षता में दिनांक 22.03.2023 को विश्व जल दिवस के अवसर पर एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे ‘आद्रभूमि प्रबंधन’/Wetland management विषय पर व्याख्यान डॉ.आर.सी.श्रीवास्तव, पूर्व कुलपति, डॉ.राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय,समस्तीपुर,बिहार द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें आद्रभूमि के पारिस्थितिकी संतुलन,विविधता तथा उनके रखरखाव एवं उनको रामसर सम्मलेन के नियमानुसार विकसित करने आदि संबंधी विस्तृत जानकारी से उपस्थित प्रतिभागियों को लाभान्वित किया गया एवं उन्होंने भूमिगत जल के वुधिमत्ता पूर्ण उपयोग पर वल दिया| कार्यशाला में केंद्रीय मृदा लवणता अनुसन्धान संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.सी.एल.वर्मा ने “जलभराव क्षेत्र में समन्वित कृषि प्रणाली” विषय पर बोलते हुए जलभराव वाले क्षेत्र में उगने वाली फसलों की समन्वित कृषि करने पर अपना व्यख्यान दिया संस्थान के निदेशक डॉ.टी.दामोदरन ने इस अवसर पर संस्थान की गतिविधियों के वारें में मुख्य अतिथि को अवगत कराया तथा संस्थान दवारा विकसित तकनीको को कृषकों तक पहुचाने में हिंदी भाषा की महत्व को इंगित किया| इस कार्यशाला में भारतीय गन्ना अनुसन्धान संस्थान,लखनऊ,राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन व्यूरो,लखनऊ एवं राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमानखेडा, लखनऊ से वैज्ञानिकों/अधिकारियों ने प्रतिभाग किया| केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के क्षेत्रीय अनुसन्धान केंद्र, माल्दा,पश्चिम बंगाल के वैज्ञानिकों एवं संस्थान में दक्षता विकास पर आयोजित किये जा रहे प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थी आनलाइन माध्यम दवारा कार्यशाला से जुड़े| इस कार्यक्रम में कुल 90 वैज्ञानिको/अधिकारियो/कर्मचारियों/प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया तथा कार्यक्रम का समन्वयन अरविन्द कुमार,नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया| Event Date:- 23-03-2023 |
105. Participation in Farmers Fair & Agro Industrial Exhibition organized by ANDU Agriculture & Technology Kumarganj Ayodhya
Acharya Narendra Deva University of Agriculture & Technology, Kumarganj, Ayodhya organized two days (March 17-18, 2023) Farmers Fair & Agro- Industrial Exhibition on the theme Millet crop production and Value-added products at Acharya Narendra Deva University of Agriculture and Technology Kumarganj, Ayodhya. Scientist and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. The show was inaugurated by Honourable Minister of Agriculture, Agricultural Education and Research Uttar Pradesh Shri Surya Pratap Shahi on March 17, 2023. Bael varieties CISH B1 and CISH B2, grafted plants of mango and guava, mango harvester, fruit fly trap, cherry tomato, tissue cultured banana plants and bio products were big attraction for visitors at the institute stall. After inauguration of Krishi Mela and exhibition, Honourable Minister of Agriculture, Honourable Vice Chancellor of the university Dr. V. Singh, Directors of ICAR Institutes along-with senior officials visited the stall. More than 6000 visitors including officials from various departments, farmers, women, students, youths visited the stall and were benefited by the information on advance technologies developed by the institute. Dr. Naresh Babu Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO recorded feedback from the visitors including farmers and students and responded to their queries regarding plant propagation, cultivation and harvesting method and plant protection of mango, guava, bael and jamun. Event Date:- 17-03-2023 |
106. Farmers visit to ICAR-CISH Lucknow
A group of 7 farmers including 1 official from Department of Horticulture, Teekam Garh, M.P visited icar-cish on February 24, 2023. Eight farmers including 1 official from Department of Horticulture, Chhatarpur and another group of 8 farmers including 1 official from Department of Horticulture, Satna of Madhya Pradesh visited the Institute on March 02, 2023. Farmers were apprised about Institute technologies high density planting of mango & guava, rejuvenation of mango, canopy management, integrated Insect pest and disease management, Mulching, fruit bagging, drip irrigation, role of intercropping in fruit orchard, protected cultivation, container and Espalier gardening of guava. Dr. Vishambhar dayal Sr. Scientist also explained about emasculation process in mango for hybridization during field visit of farmers. Dr.Naresh Babu, Pricipal Scientist & Mr. Arvind Kumar coordinated the visit. 24 फरवरी, 2023 को बागवानी विभाग, टीकमगढ़, मध्य प्रदेश के 1 अधिकारी सहित 7 किसानों के एक समूह ने संस्थान का दौरा किया। इसी क्रम में 02 मार्च 2023 को मध्यप्रदेश के 1 राजकीय उद्यानिकी विभाग, छतरपुर एवं 1 राजकीय उद्यानिकी विभाग, सतना 8 कृषकों के दल ने संस्थान का भ्रमण किया। किसानों को संस्थान की तकनीकों के बारे में और आम, अमरूद की सघन बागवानी, आम का कायाकल्प, छत्रक प्रबंधन, एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन, मल्चिंग, फलों की बैगिंग, ड्रिप सिंचाई, फलों में इंटरक्रॉपिंग, संरक्षित खेती, कंटेनर गार्डनिंग और अमरूद की एस्पेलियर बागवानी की भूमिका से अवगत कराया गया। डॉ. विशंभर दयाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों के क्षेत्र भ्रमण के दौरान आम में क्रॉसब्रीडिंग के लिए आम में कीटाणुशोधन प्रक्रिया के बारे में भी बताया। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक और श्री अरविन्द कुमार ने इस दौरे का समन्वयन किया। Event Date:- 02-03-2023 |
107. Visit of H’rable Shri Priya Ranjan IFS, Joint Secretary, MoAFW, Government of India to ICAR-CISH, Lucknow
Honorable Shri Priya Ranjan IFS, Joint Secretary, INM, MIDH, MoAFW, New Delhi visited ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow on 28.02.2023. Dr. T. Damodaran, Director, ICAR-CISH, Lucknow welcomed the guest with a bouquet, gave a presentation on overview of the Institute. He also briefed about the research activities of the Institute with prime focus on varieties of mandate crops, area expansion and highlighted the impactful technologies developed, commercialized and narrated the success stories of these technologies to the Joint Secretary. Dr. Damodaran, Director, ICAR-CISH emphasized on green planting material, natural farming besides cluster development and accomplishments of the processing units, tribal developmental programs undertaken at the Regional Research Station, Malda, West Bengal. Joint Secretary addressed the scientists and appreciated their remarkable achievements in subtropical horticulture and emphasized the need for outreach and translation of the technologies to the farmer’s field. Shri Ranjan advised the Institute to take up Clean Plant Program with special emphasis on disease free quality planting material. The meeting ended with a formal vote of thanks by Dr. D. Pandey, Head Incharge, Division of Crop Improvement and Biotechnology. The event for coordinated by Dr. P.L. Saroj, Head Incharge, Division of Crop Production, After the Interactive meeting, Ranjan Ji visited the museum of the Institute and he was taken around the experimental fields of the Institute. Dr. Damodaran, Director said that this visit of the Joint Secretary was useful motivating factor for the Institute Scientist.
भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,लखनऊ में दिनांक 28.02.2023 को माननीय श्री प्रिय रंजन आईएफएस संयुक्त सचिव, आईएनएम, एमआईडीएच, एमओएएफडब्ल्यू, नई दिल्ली ने संस्थान का दौरा किया। डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच, लखनऊ ने गुलदस्ता भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की उपलब्धियों पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें प्रमुख फसलों की किस्मों, क्षेत्र विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया! संस्थान द्वारा विकसित, व्यवसायीकृत और प्रभावी प्रौद्योगिकियों पर प्रकाश डाला और संयुक्त सचिव को इन प्रौधोगिकियों की सफलता की कहानियों के बारे में बताया । डॉ. दामोदरन, ने हरित रोपण सामग्री, प्राकृतिक खेती के अलावा क्लस्टर विकास और प्रसंस्करण इकाइयों की उपलब्धियों, और क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मालदा, पश्चिम बंगाल में किए गए जनजातीय विकास कार्यक्रमों पर जोर दिया। संयुक्त सचिव ने वैज्ञानिकों को संबोधित किया और उपोष्ण बागवानी क्षेत्रो में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना की और किसानों तक प्रौद्योगिकियों की पहुंच की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। श्री रंजन ने संस्थान को सलाह दी कि वह रोग मुक्त गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री पर विशेष जोर देते हुए स्वस्थ पौध कार्यक्रम शुरू करे। डॉ. डी. पांडेय प्रभारी, फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ बैठक समाप्त हुई। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. पी.एल. सरोज प्रभारी फसल उत्पादन विभाग ने किया । बैठक के बाद, रंजन जी ने संस्थान के संग्रहालय का दौरा किया और उन्हें संस्थान के प्रायोगिक क्षेत्रों में ले जाया गया। डॉ. दामोदरन, निदेशक ने कहा कि संयुक्त सचिव का यह दौरा संस्थान के वैज्ञानिको के लिए उपयोगी था। Event Date:- 28-02-2023 |
108. Participation in Krishi Mela and Pradarshani at RLBCAU, Jhansi
Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University, Jhansi organized two days (February 26-27, 2023) Bundelkhand Krishi Mela evam Krishi Pradarshani at Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University Jhansi. Scientist and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. The show was inaugurated by Honourable Minister of Agriculture, Agricultural Education & Research, Uttar Pradesh Shri Surya Pratap Shahi on February 26, 2023.Guava varieties Lalit, Lalima and Shweta, Bael varieties CISH B1 and CISH B2, grafted plants of mango and guava, processed fruit products, mango harvester, fruit fly trap, cherry tomato were big attraction for visitors at the institute stall. After inauguration of Krishi Mela and exhibition, Honourable Minister of Agriculture, Honorable Vice Chancellor of the university and senior officials visited the stall. More than 5000 visitors including officials from variou departments, farmers, women, students, youths visited the stall and benefited from the information on advance technologies developed by the institute. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO recorded feedback from the visitors and addressed their queries regarding plant propagation, cultivation method, plant protection and processed products of fruits of mango, guava, bael and jamun. The Krishi Mela was concluded by Honourable DDG Dr. Udham Singh Gautam (Agricultural Extension), ICAR, New Delhi as Chief Guest on February 27 2023. Event Date:- 26-02-2023 |
109. Farmers from Kangra district, Himachal Pradesh visited ICAR-CISH, Lucknow
A Group of 20 farmers and Horticulture officials from Kangra district, Himachal Pradesh visited the ICAR–CISH, Lucknow on February 24, 2023. Interaction with the farmers was held in the experimental orchards of the Institute. Farmers were made aware about the institute developed technologies. Adoption of early, Medium and late varieties of mango was suggested. Mango cultivars like Mallika, Amrapali were advocated to grow for more income. Management of mother blocks for establishment of nursery was discussed. Propagation methods in fruit crops were also discussed. On-field demonstration on Rejuvenation of unproductive orchards was done. Farmers were motivated for adoption of high density orcharding for enhancing productivity and profitability from per unit land. Intercropping of turmeric and other crops in the interspaces of mango orchards was also suggested for improving income. Protected cultivation of vegetables is highly remunerative and farmers were sensitized about it. Soil health management was discussed in detailed. Micronutrient management for quality fruit production was discussed. The importance of water conservation at critical fruit growth and developments was also explained. Hindi literature on scientific guava cultivation, disease managements and organic cultivation of subtropical fruits were distributed. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) coordinated the visit.
भा. कृ.अनु. प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के किसानों का भ्रमण हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के 20 किसानों और बागवानी अधिकारियों के एक समूह ने दिनांक 24 फरवरी, 2023 को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ का भ्रमण किया। किसानों के साथ बातचीत संस्थान के प्रक्षेत्र में आयोजित की गई। किसानों को संस्थान के प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूक किया गया। आम की जल्द, सामान्य एवं देर से विकसित होने वाले किस्मों को अपनाने की जानकारी दी गई। मल्लिका, अम्रपाली जैसी आम की खेती को अधिक आय के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया गया। साथ ही नर्सरी की स्थापना के लिए मदर ब्लॉक के प्रबंधन पर चर्चा की गई। फलों की फसलों में प्रसार के तरीकों पर भी चर्चा की गई। अनुत्पादक बागों के जीर्णोद्धार पर ऑन फील्ड प्रदर्शन किया गया। किसानों को प्रति इकाई भूमि से उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए सघन बागवानी को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। आम के बागों में हल्दी और अन्य फसलों के अंतर फसल द्वारा आय में सुधार के लिए भी सुझाव दिया गया। किसानों को सब्जियों की संरक्षित खेती और इससे होल वाले लाभ के बारे में जागरूक किया गया। मिट्टी के स्वास्थ्य प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई और गुणवत्ता युक्त फल उत्पादन के लिए सूक्ष्म-पोषक तत्वों के प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। फलों में विकास के दौरान जल संरक्षण के महत्व को भी समझाया गया। किसानों को वैज्ञानिक विधि से अमरूद की खेती, रोग प्रबंधन और उपोष्ण फलों की जैविक खेती से सम्बंधित हिंदी साहित्य भी प्रदान किया गया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नरेश बाबू एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. तरुण अदक ने किसानो के भ्रमण कार्यक्रम का समन्वय किया। Event Date:- 24-02-2023 |
110. तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की 67 छात्राओं का संस्थान में शैक्षणिक भ्रमण
दिनांक 24-02-2023 को तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (महिला परिस त्रिची) से स्नातक अन्तिम वर्ष की 67 छात्राओं का समूह एवं दो प्राध्यापक संस्थान के शैक्षणिक भ्रमण पर आये। संस्थान के निदेशक डा. टी. दामोदरम नें विद्यार्थियों को संस्थान की उपलब्धियों के बारे में व्याख्यान दिया तथा उनको शिक्षा एवं अनुसंधान की दिशा में भविष्य बनानें के लिए प्रोत्साहित भी किया। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. दुष्यन्त मि़श्र ने विद्यार्थियों को संस्थान के प्रक्षेत्र एवं संग्रहालय का भ्रमण कराया तथा उनको बागवानी से सम्बन्धित तकनीकी जिज्ञासाओं का समाधान कराया। डा. मुथूकुमार वरिष्ठ वैज्ञनिक नें विद्यार्थियों को जैव तकनीकी प्रयोगशाला का भ्रमण कराया तथा प्रयोगशाला की सावधानियों से अवगत कराया। इसी क्रम में दिनांक 2 मार्च 2023 को भी तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय मुख्य परिसर कोयाम्बटूर से 69 विद्यार्थियों का एक समूह एवं दो प्राध्यापक संस्थान के शैक्षिणिक भ्रमण पर आये जिनकों डा. दुष्यन्त मिश्र नें प्रक्षेत्र भ्रमण कराया तथा डा. पी.एल. सरोज नें संग्रहालय का भ्रमण कराया। विद्यार्थियों की जिज्ञासाओें का समाधान डा. देवेन्द्र पाण्डेय डा. पी.एल. सरोज एवं डा. दुष्यन्तमिश्र नें किया। Event Date:- 24-02-2023 |
111. Participation of ICAR-CISH Lucknow of the post-budget webinar conducted by the MoAFW
ICAR-CISH, Lucknow participated in the post-budget webinar on Agriculture and Cooperatives conducted by the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare Government of India on 24th February 2023. It was the second of a series of 12 post-budget webinars. The event was addressed by the Prime Minister Shri Narendra Modi. He informed that Agricultural budget has now been increased to more than 125000 crores today. The prime minister highlighted that about Rs. Two lakh crores were spent on sum of all agricultural imports and it will be a win-win situation if somehow, we manage to save this money. He emphasized that various important decisions are being taken in agricultural budget in the direction, of making nation becomes atmanirbhar and the money used for imports can reach our farmers. He further mentioned the Digital Public Infrastructure platform and open platform of UPI for the agriculture sector announced in the budget this year. The prime minister proposed the accelerator fund for agri-tech start-ups. He added that Agri-Tech domains have immense possibilities of investment and innovation as India inhabits more 3000 agri-startups today. Furthermore the prime minister informed that government is working on the PM Pranam Yojana and Gobardhan Yojana for promoting natural farming and reducing chemical-based farming. The webinar was attended by the Director Dr. T. Damodaran and scientists Dr. H.S. Singh, Dr. Devendra Pandey Dr. S.R. Singh Dr. Maneesh Mishra, Dr. P.K. Shukla and Dr. Anil Kumar Verma. On this occasion progressive farmers were invited for interaction. Sh. Dayashankar Singh Irada Foundation Lucknow Sh. Shobha Ram, Kela Utpadak Ayodhya Sh. Deepak Shukla Aam Utpadak Sitapur Sh. Ram Kishor Maurya, Society for Conservation of Mango Diversity Lucknow and Sh. Upendra Singh Avadh Aam Utpadak Ewam Bagwani Smiti Lucknow attended the programme and interacted with institute scientists on digitization of horticulture. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने 24 फरवरी 2023 को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित कृषि और सहकारिता पर पोस्ट बजट वेबिनार में भाग लिया। यह द्वितीय श्रृंखलाका का 12 पोस्ट-बजट वेबिनार था। इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित करते हुए बताया कि कृषि बजट बढ़कर 125000 करोड़ से अधिक हो गया है। प्रधान मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कुल सभी कृषि आयातों पर लगभग दो लाख करोड़ रुपये खर्च हुए यदि किसी प्रकार से हम इस खर्च को बचा पाने में सफल हो जाए तो यह एक बड़ा लाभ होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कृषि बजट में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं जिससे आयात का पैसा हमारे किसानों तक पहुंच सके। उन्होंने आगे इस वर्ष बजट में घोषित कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म और यूपीआई के खुले मंच का उल्लेख किया। प्रधान मंत्री ने कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप के लिए त्वरक निधि का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि एग्री-टेक डोमेन में निवेश और नवाचार की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि भारत में आज 3000 से अधिक कृषि-स्टार्टअप हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक आधारित खेती को कम करने के लिए पीएम प्रणाम योजना और गोवर्धन योजना पर काम कर रही है। वेबिनार में संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन और वैज्ञानिक डॉ. एच.एस. सिंह डॉ. देवेंद्र पाण्डेय, डॉ. एस.आर. सिंह डॉ. मनीष मिश्रा डॉ. पी.के. शुक्ला और डॉ. अनिल कुमार वर्मा ने भाग लिया। इस मौके पर प्रगतिशील किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया। श्री दयाशंकर सिंह इरादा फाउंडेशन लखनऊ श्री शोभाराम केला उत्पादक अयोध्या श्री दीपक शुक्ला आम उत्पादक सीतापुर श्री राम किशोर मौर्य, आम की विविधता के संरक्षण के लिए सोसायटी लखनऊ और श्री उपेन्द्र सिंह अवध आम उत्पादक एवं बगवानी समिति लखनऊ ने कार्यक्रम में सम्मलित हुए और संस्थान के वैज्ञानिकों से बागवानी पर चर्चा की Event Date:- 24-02-2023 |
112. Farmer’s visit to ICAR-CISH, Lucknow
A group of 12 farmers, including one official from Agricultural Technology Management Agency (ATMA), Datia, M.P, under the Sub Mission of Agriculture Extension scheme, and Another group of 40 farmers, including one official from the Uttar Pradesh Council of Sugarcane Research Centre, Gorakhpur, visited the Institute on February 16th and 21st, 2023. Farmers were informed about the developed technologies such as high-density mango and guava planting, mango rejuvenation, canopy management, integrated insect and disease control, mulching, protected culture, container gardening, and guava Espalier gardening. During the visit, farmers were also made aware of the Kisan App. The visit was coordinated by Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, and Mr. Arvind Kumar, ACTO.
कृषि विस्तार योजना उप मिशन के तहत, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा),दतिया मध्यप्रदेश से 1 अधिकारी सहित 12 किसानों के एक समूह एवं 40 किसानों के एक अन्य समूह, जिसमें उत्तर प्रदेश गन्ना अनुसंधान परिषद परिषद, गोरखपुर के एक अधिकारी, ने क्रमश: दिनांक 16.02.2023 एवं दिनांक 21.02.2023 पर संस्थान का भ्रमण किया। किसानों को संस्थान की विकसित प्रौद्योगिकियों के बारे में जैसे कि आम और अमरूद के सघन बागवानी, आम के बागों का जीर्णोद्धार, छत्र प्रबंधन, कीट एवं रोग का एकीकृत प्रबंधन, संरक्षित खेती, कंटेनर बागवानी और अमरूद की एस्पेलियर बागवानी अदि से अवगत कराया गया। भ्रमण के दौरान किसानों को किसान ऐप के बारे में भी जागरूक किया गया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. नरेश बाबू, और तकनीकी अधिकारी श्री अरविंद कुमार ने किसानों के भ्रमण का समन्वय किया। Event Date:- 21-02-2023 |
113. ICAR-CISH Participation in State level Fruit, Vegetable and Flower Show -2023 organized at Rajbhawan, Lucknow
Directorate of Horticulture and Food Processing, Lucknow organized four days (February 17-20, 2023) Fruit, Vegetable and Flower Show at Raj Bhawan, Lucknow. Scientists and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. Show was inaugurated by Honourable Governor of Uttar Pradesh Smt. Anandi Ben Patel and Honourable Chief Minister Shri Aditya Nath Yogi 0on February 17, 2023. Hydroponic system for growing vegetables of tomato, lettuce and salad, guava varieties lalit, lalima and shweta, bael varieties CISH B1 and CISH B2, processed fruit products, mango harvester, fruit fly trap, exotic vegetables and cherry tomato made big attraction for visitors at the institute stall. More than 7000 visitors including officials from various departments, farmers, women, students, youth visited the stall and benefited from the information on advance technologies developed by the institute. Scientists Dr. Naresh Babu and Dr. S.R. Singh and Shri. Arvind Kumar, ACTO took feedback from the visitors and solved their queries regarding cultivation, plant protection and processed products of fruit crops. The show was concluded by Honourable Governor of Uttar Pradesh Smt. Anandi Ben Patel as Chief Guest on February 20, 2023. उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय, लखनऊ द्वारा राजभवन, लखनऊ में चार दिवसीय (17-20 फरवरी, 2023) फल, सब्जी एवं पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमे केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारी ने भाग लिया और संस्थान की प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया। शो का उद्घाटन उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री आदित्य नाथ योगी द्वारा 17 फरवरी 2023 को किया गया। संस्थान के स्टाल पर टमाटर की सब्जियां, लेट्यूस और सलाद, अमरूद की किस्में (ललित, लालिमा और श्वेता) बेल की किस्में (सीआईएसएच B1 और सीआईएसएच B2 ) प्रसंस्कृत फल उत्पाद, आम हार्वेस्टर, फ्रूट फ्लाई ट्रैप, विदेशी सब्जियां और चेरी टमाटर आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे । विभिन्न विभागों के अधिकारियों, किसानों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं सहित 7000 से अधिक आगंतुकों ने स्टॉल का दौरा किया और संस्थान द्वारा विकसित उन्नत तकनीकों की जानकारी से लाभान्वित हुए। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नरेश बाबू और डॉ. एस.आर. सिंह तथा सहायक तकनीकी अधिकारी श्री. अरविंद कुमार ने आगंतुकों से प्रतिक्रिया ली और फलवाली फसलों की खेती, पौध संरक्षण और प्रसंस्कृत उत्पादों के बारे में उनके प्रश्नों का समाधान किया। शो का समापन समारोह के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल की उपस्तिथि में 20 फरवरी 2023 को संपन्न हुआ। Event Date:- 20-02-2023 |
114. Farmers from Rewa district, Madhya Pradesh visited ICAR- CISH, Lucknow
On February 7, 2023 group of 24 farmers and 2 officials from 13 blocks of Rewa district, Madhya Pradesh visited the ICAR –CISH, Lucknow under Sub Mission on Agriculture Extension and outside state visit of staffs and farmers. Director, ICAR–Central Institute of Subtropical Horticulture, Dr. T. Damodarn interacted with the farmers and highlighted improved technologies and crop diversification for enhancing the production and profitability. During the visit, farmers were apprised about the technologies developed by institute like improved varieties of mango, guava, bael, jamun, aonla, canopy management, high density planting of mango and guava, natural farming, organic farming, poly house cultivation technology of vegetables, crop regulation of guava, pre-harvest fruit bagging, drip irrigation, integrated pest & diseases management of mango, intercropping in fruit orchards to enhance the availability of the horticulture produce, reduce cost of cultivation improving profitability as these may provide sustainable returns and maintain soil fertility, planting method for establishment of orchard, value addition of mango and guava fruits, high value and low volume water requiring crops viz., seed spices. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist stated about Kisaan App and Bagwan mitra App. importence of fruits and vegetable in daily diet for human health was also discussed with the farmers. The Programme was sponsored by Farmers Welfare and Agriculture Development District Rewa, Madhya Pradesh. Visit was coordinated by Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri Arvind Kumar, ACTO मध्य प्रदेश के रीवा जिले के 13 ब्लॉकों के 2 अधिकारियों सहित 24 किसानों के एक समूह ने 7 फरवरी, 2023 को कृषि विस्तार उप मिशन के तहत कर्मचारियों और किसानों की राज्य के बाहर की यात्रा दौरे के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ का दौरा किया। संस्थान के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन ने किसानों के साथ बातचीत की और उत्पादन और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीकों और फसल विविधीकरण पर प्रकाश डाला। दौरे के दौरान किसानों को संस्थान की तकनीकों जैसे आम, अमरूद, बेल, जामुन, आंवला, छत्रक प्रबंधन, आम और अमरूद का सघन रोपण, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, पॉली हाउस में सब्जियों की खेती तकनीक, फसल विनियमन के बारे में अवगत कराया। अमरूद में फसल-पूर्व फल बैगिंग, ड्रिप सिंचाई, आम का एकीकृत कीट और रोग प्रबंधन, बागवानी उत्पाद की उपलब्धता बढ़ाने के लिए फलों के बागों में आन्तरा संस्यन खेती की लागत कम करना और लाभप्रदता में सुधार आदि क्योंकि ये टिकाऊ लाभ प्रदान कर सकते हैं, मिट्टी का रखरखाव उर्वरता बाग की स्थापना के लिए रोपण विधि और आम और अमरूद के फलों का मूल्यसंवर्धन। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों की जानकारी के लिए किसान ऐप और बागवान मित्र ऐप के बारे में बताया। मानव स्वास्थ्य के लिए दैनिक आहार में फलों और सब्जियों की भूमिका पर भी किसानों से चर्चा की गई। कार्यक्रम को किसान कल्याण एवं कृषि विकास जिला रीवा, मध्य प्रदेश द्वारा प्रायोजित किया गया था। दौरे का समन्वय डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक और श्री अरविंद कुमार, तकनीकी अधिकारी ने किया। Event Date:- 07-02-2023 |
115. Farmers from Saran district, Bihar visited ICAR- CISH, Lucknow on 1-02-2023
A group of 55 farmers including from 14 blocks of Saran district of Bihar visited the ICAR–CISH Lucknow on February 1 2023. During the visit farmers were apprised about Institutes developed technologies like improved varieties of mango, guava, bael, jamun, canopy management, high density planting of mango, rejuvenation of old and senile orchards, container gardening of fruits crops, espalier system of guava, protected cultivation technology of vegetables, training and pruning for crop regulation of guava, pre-harvest fruit bagging , drip irrigation, integrated management of insect & diseases of mango, intercropping in mango orchards for better land use and more income, crop diversification, maintaining of soil fertility, planting method for establishment of orchard. The importance of fruits and vegetable in human health was discussed in detailed with the farmers. This visit was sponsored by ATMA Saran district Bihar. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 01-02-2023 |
116. Inauguration of Diploma in Agricultural Extension Services for Input Dealers DAESI at ICAR CISH RRS, KVK Malda, West Bengal
Alumni meet and one year DAESI (Diploma in Agricultural Extension Services for Input Dealers) programme was inaugurated at ICAR-CISH-RRS & KVK Malda, West Bengal on 28th January, 2023. The programme started with formal welcome of the Chief Guest (Swami Pratyagatmanand Ji Ramkrishna Misson Advaita Ashrama, Varanasi and Uttar Pradesh) and the Guest of Honour (Director, ICAR-CISH, Lucknow) by bouquet of flowers and shawl. Thereafter lightening of lamp was done by the chief guest, Honourable Director and other dignitaries. ICAR theme song was played so as to recall the significant contribution of ICAR in Indian Economy. Dr. Dipak Nayak Sr. Scientist & Incharge, ICAR-CISH-RRS & KVK, Malda welcomed the dignitaries and participants and gave introductory remarks about the DAESI programme. He welcomed all the outgoing students and the fresh batch of DAESI programme. Dr. Shailesh Kumar (SMS Fisheries) ICAR-CISH- KVK Malda highlighted the overview and importance of DAESI programme. He stressed that only DAESI training will impart easy access to agricultural technology to the farmers through the trainees of DAESI Programme. Honourable Guest of Honour and the Director, ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow, Dr. T. Damodaran, inaugurated the programme. During his inaugural address, he stated that it is a welcome step to train the input dealers, so that they could give correct advice to the farmers and bridge the wide gap existing between farmers and extension agents in the country. He also highlighted the farmer friendly technologies like natural farming and organic farming for enhancing the higher production and profitability for the farmers. In this backdrop, he strongly emphasized the need for capacity building of the input dealers and involves them as para- extension agency having DAESI as a platform to conceptualize the same. Dr. P. Barman, Scientist (Hort.-FS) ICAR-CISH-RRS, Malda proposed vote of thanks. The ultimate goal of this function was technological dissemination from lab to land through agri-input dealers so as to attain the sustainable income of the farmers. During the programme Original and Provisional Certificates were distributed among the students of DAESI Batch-II by the Chief guest and Guest of Honor. The programme was modulated by Sh. Varnayudh Vratdhari Diptikar, Senior Technical Officer, ICAR-CISH-RRS & KVK, Malda. Event Date:- 28-01-2023 |
117. संस्थान में मनाया गया 74वां गणतंत्र दिवस
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 26 जनवरी 2023 को 74वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। रहमानखेड़ा स्थित मुख्य परिसर में संस्थान के नये निदेशक डा. दामोदरन ने झंडारोहण किया और संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। इस अवसर पर बोलते हुए निदेशक महोदय ने संस्थान के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलजुल कर काम करने का संदेश दिया। गत वर्षों में संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए आने वाले समय में बागवानी की चुनौतियों की भी चर्चा की। उन्होंने प्राकृतिक खेती को वैज्ञानिक आधार देने के लिए शोध करने के लिए वैज्ञानिकों का आह्वान किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के साथ जैविक खेती के लाभदायक उत्पादों और रसायन मुक्त समेकित कीट प्रबंधन की विधियों को भी शामिल करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में संस्थान के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे। Event Date:- 26-01-2023 |
118. Mango and guava crop management training 23-24 january 2023
A two-day training on “Mango and Guava Crop Management” for the Officials of Bayer Crop Science Private Limited was organized during January 23-24, 2023 at ICAR-CISH, Rehmankhera, Lucknow. The Director, ICAR-CISH, Dr. T. Damodaran welcomed the participants, inaugurated the program, and expressed happiness about working together for the benefit of the farming community. Eight lectures and visits to CISH-Museum and experimental field were conducted to elaborate on various aspects of mango and guava crop management. The program was coordinated by Dr. P.K. Shukla, Principal Scientist (Plant Pathology). Thirty-five officials of Bayer Crop Science Private Limited physically and 15 virtually participated in the program. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 23-24 जनवरी, 2023 को आम और अमरूद फसल प्रबंधन" पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बायर क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के लिए किया गया। संस्थान के निदेशक, डॉ. टी. दामोदरन ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया, और कृषक समुदाय के लाभ के लिए मिलकर काम करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। आम और अमरूद फसल प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताने के लिए आठ व्याख्यान और सीआईएस-संग्रहालय और प्रायोगिक क्षेत्र का दौरा किया गया। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. पी.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक (प्लांट पैथोलॉजी) ने किया। कार्यक्रम में बायर क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के पैंतीस अधिकारियों ने शारीरिक रूप से और 15 ने वर्चुअली भाग लिया। Event Date:- 24-01-2023 |
119. Farmers’ Training on Scientific Cultivation, High Density Planting and Canopy Management in Guava.
ICAR- Central institute for Subtropical Horticulture, Lucknow in collaboration with Bhawana Sewa Sansthan, Lucknow organized a two-days training for guava growers from Shahjahanpur district of Uttar Pradesh on 11-12 January, 2023. This training was attended by 26 farmers. At the outset, Dr. Devendra Pandey, Director (Acting) addressed the farmers and informed them about different varieties and production technologies developed by ICAR- CISH, Lucknow in guava and other mandate crops. He motivated the farmers to adopt fruit and vegetable cultivation for higher income. He assured the trainee farmers of all the possible technical assistance from CISH for commercial fruit cultivation and value addition by them in the future. During this training, the experts delivered lectures on improved varieties of guava, plant propagation, orchard planting and early care, irrigation and fertilizer management, training, pruning and canopy management, integrated management of insect-pests and diseases, post-harvest management and value addition, etc. The trainee farmers also visited the Institute Nursery where they were informed about various aspects of nursery management in guava and other fruit crops. The farmers also shared their views and appreciated the CISH fraternity for familiarizing them with various aspects of scientific guava cultivation. Dr. S. K. Shukla, Principal Scientists was the Course Director, and Dr. Anshuman Singh, Senior Scientist, was the Coordinator for this training program. भाकृअनुप- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने भावना सेवा संस्थान, लखनऊ के सहयोग से 11-12 जनवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के अमरूद उत्पादकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 26 किसानों ने भाग लिया। संस्थान के निदेशक (कार्यवाहक) डॉ. देवेंद्र पांडे, ने किसानों को संबोधित किया और उन्हें अमरूद और अन्य प्रमुख फसलों में भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा विकसित विभिन्न किस्मों और उत्पादन तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को अधिक आय के लिए फल और सब्जी की खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रशिक्षु किसानों को भविष्य में उनके द्वारा व्यावसायिक फलों की खेती और मूल्यवर्धन के लिए संस्थान से हर संभव तकनीकी सहायता का आश्वासन दिया। इस प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने अमरूद की उन्नत किस्में, पौध प्रवर्धन, बाग रोपण एवं प्रारंभिक देखभाल, सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन, प्रशिक्षण, छंटाई एवं कैनोपी प्रबंधन, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, कटाई उपरांत प्रबंधन एवं मूल्य पर व्याख्यान दिया। इसके अलावा प्रशिक्षु किसानों ने संस्थान की नर्सरी का भी दौरा किया जहां उन्हें अमरूद और अन्य फलों की फसलों में नर्सरी प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया। किसानों ने भी अपने विचार साझा किए और अमरूद की खेती के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने के लिए वैज्ञानिको की सराहना की। डॉ. एस.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक और डॉ. अंशुमन सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक, समन्वयक थे। Event Date:- 11-01-2023 |
120. Visit of School Students to ICAR-CISH, Lucknow
A total number of 577 (five hundred seventy seven) students of class 9th to 12th standard from various schools, 127 students from Rajkiya High School, Amethiya Salempur, Kakori, 100 students from Government High School, Sadrauna, Sarojni Nagar, Lucknow, 280 students from Government Girls Inter College, Malihabad and 70 students from Rajkiya High School, Haluapur, Kakori, Lucknow including 27 faculty members (teaching staff) visited the Institute during December 22 to 30, 2022 Under Skill Development Scheme of Department of Technical Education, Government of Uttar Pradesh. Students were made aware about the Institute technologies high density planting of mango, guava, role of Polyhouse and net house for protected cultivation of fruits, vegetables, container gardening and Espalier training of guava, drip irrigation, techniques of grafting in fruit crops, Improved varieties of mango, guava, bael & aonla, Nutri-garden and importance of fruit & vegetables for human health, start-ups in fruit crops & fruit processing. Students enthusiastically participated in various experimental field visits and they were also exposed to extraction of juice from Aonla during the visit of fruit processing laboratory. Dr. Naresh Babu Principal Scientist & Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visits. Event Date:- 30-12-2022 |
121. ICAR-CISH, Rahmankhera, Lucknow celebrated Guava Day on 27th December 2022
ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow celebrated Guava Day to disseminate recently developed guava technologies to the farmers. Dr. Devendra Pandey, Director, ICAR-CISH, Lucknow briefed about recent developments made in canopy architecture management, bagging of fruits and resulting fruit quality. The Chief Guest of the programme, Dr. Sanjay Singh, Director General, U.P. Council of Agriculture Research, appreciated the efforts made by the Institute in development of new varieties, new technologies and helping farmers to maintain guava productivity in the state. Director General also invited a mega project to extend the postharvest value addition technologies on guava with the involvement of startups for public health improvement. The guest of honour, Dr. Sanjiv Kumar, Deputy Director General, UPCAR appreciated the efforts made by the Institute in managing the guava decline disease and promised whole hearted support for research in this direction. Dr. P.L. Saroj, Head, Division of Crop Production elaborated overview of Guava Day programme and present scenario of guava cultivation in U.P. state. Dr. K.K. Srivastava, Principal Scientist (Horticulture) explained about canopy architecture management and bagging of fruits, and shared its advantages for the rainy season and winter crops of guava. He also talked about enhancement in yield, individual fruit weight and fruit quality. Dr. P.K. Shukla, Principal Scientist (Plant Pathology) explained about the integrated approach for the management of guava decline disease, which has been a major constraint in guava cultivation during the recent past. Dr. Dinesh Kumar, Principal Scientist (Horticulture) explained about guava nutrition and Dr. A.K. Trivedi, Head, Division of Postharvest Management focused on safe harvesting, post harvest handling and value addition. more then 150 farmers and students participated in the programme and it ended with the vote of thanks proposed by Dr. Dinesh Kumar. Dr. Sanjay Singh, Director General, and Dr. Sanjiv Kumar, Deputy Director General, U.P. Council of Agriculture Research visited the guava technology development orchards and taken detailed information about the technologies. भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा किसानों के बीच हाल ही में विकसित तकनीकों का प्रसार करने के लिए अमरूद दिवस मनाया। डॉ. देवेंद्र पांडेय, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने छत्र प्रबंधन, फलों की बैगिंग और परिणामी फलों की गुणवत्ता में हाल के विकास के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. संजय सिंह, महानिदेशक, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद ने नई किस्मों,नई प्रौद्योगिकियों के विकास और राज्य में अमरूद की उत्पादकता बनाए रखने के लिए किसानों की मदद करने के लिए संस्थान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। महानिदेशक महोदय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुधार के लिए स्टार्टअप्स की भागीदारी के साथ अमरूद पर पोस्ट हार्वेस्ट वैल्यू एडिशन तकनीकों का विस्तार करने के लिए एक बड़ी परियोजना को भी आमंत्रित किया। सम्मानित अतिथि, डॉ. संजीव कुमार, उप महानिदेशक, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद ने अमरूद क्षय रोग के प्रबंधन में संस्थान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और इस दिशा में अनुसंधान के लिए पूरे दिल से समर्थन का वादा किया। डॉ. पी.एल. सरोज, प्रमुख, फसल उत्पादन विभाग ने अमरूद दिवस कार्यक्रम और उ.प्र. राज्य में अमरूद की खेती के वर्तमान परिदृश्य का विवरण दिया। डॉ. के.के. श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक (बागवानी) ने छत्र प्रबंधन एवं फलों के बैगिंग के बारे में बताया तथा अमरूद की वर्षा ऋतु एवं शीत ऋतु की फसलों के लिए इसके लाभों को अलग-अलग बताया। उन्होंने उपज में वृद्धि, व्यक्तिगत फलों के वजन और फलों की गुणवत्ता के बारे में बात की। डॉ. पी.के. शुक्ल, प्रधान वैज्ञानिक (पादप रोग) ने अमरूद के क्षय रोग के प्रबंधन के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के बारे में बताया, जो हाल के दिनों में अमरूद की खेती में एक बड़ी बाधा रही है। डॉ. दिनेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक (बागवानी) ने अमरूद के पोषण के बारे में बताया और डॉ. ए.के. त्रिवेदी, प्रमुख, पोस्टहार्वेस्ट प्रबंधन विभाग ने सुरक्षित तुड़ाई, पोस्ट हार्वेस्ट हैंडलिंग और मूल्यवर्धन के बारे में बताया। कार्यक्रम में 150 से अधिक किसानों और छात्रों ने भाग लिया और डॉ. दिनेश कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ इसका समापन हुआ। डॉ. संजय सिंह, महानिदेशक, और डॉ. संजीव कुमार, उप महानिदेशक, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद ने अमरूद के प्रौद्योगिकी विकास बागों का दौरा किया और प्रौद्योगिकियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। Event Date:- 27-12-2022 |
122. Students from Government Girls Inter College, Malihabad, Lucknow visited ICAR–CISH.Three hundred (300) students of class IX to XII along with six teaching staff from Government Girls Inter College, Malihabad, Lucknow Uttar Pradesh visited the ICAR–CISH in two batches on December 26 & 27, 2022 as a part of their education tour. Scientist explained to them about ongoing research activities of the institute. Field visit was also organized to apprise them of institute technologies like improved varieties of mango, guava, bael and jamun, high density planting of mango & guava, rejuvenation & canopy management of mango and guava for quality production, Espalier & container gardening of fruit crops of guava, pomegranate, orange, lime etc. and protected cultivation of vegetables. biotic and abiotic stress and their management, weed management, crop regulation in guava, mulching, micro irrigation, organic farming, crop diversification, intercropping in orchards for increasing production and profit per unit area of land and importance of nutrition of fruit & vegetables in human health. During the visit of fruit processing laboratory, Er. D.K. Shukla, CTO explained them value addition of mango and guava, Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Mr. Arvind Kumar, ACTO and Md. Afroj Sultan, Technical Officer coordinated the visit. Event Date:- 27-12-2022 |
123. Kisan Diwas 2022
ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow Celebration of Special Day- Kisan Diwas (Farmers Day) was done by inviting farmers and stakeholders from flagship scheme of the institute Farmers First project. Smt. Jaya Devi MLA from Malihabad was the chief guest of the function. Director of CISH Dr. D. Pandey Welcomed the chief guest and Dr. PL Saroj introduced about the institute activities. Around 30 selected farmers participated in the event organized by the institute which was attended by the institute scientists and staff associated with the project. The farmers shared their experiences regarding technical knowhow and inputs that were given by the FF team and its leader Dr. Manish Mishra. Selected 6 farmers were felicitated for their good agriculture practices. The Awadh Aam Utpadak Samiti Chairman lamented the electricity bill problem for the farmers and urged the MLA for their redressal. The chief guest interacted with the farmers and was keen for their upliftment. The dignitaries paid their respect to Late Shri Chowdhary Charan Singh ji on his birth anniversary. The institute participated in KISAN DIWAS celebrations chaired by Agriculture Minister and organized by Secretary DARE and DG ICAR at New Delhi through virtual mode. भा.कृ.अनु.प. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 23 दिसंबर 2022 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया गया। जिसमें मलिहाबाद विधान सभा की जन प्रतिनिधि श्रीमती जय देवी, विधायिका मुख्य अतिथि थी। फार्मर फर्स्ट परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा ने परियोजना के उपलब्धियों के बारे में अवगत कराया। संस्थान के निदेशक डॉ. देवेन्द्र पाण्डेय ने विज्ञान एवं तकनीक से बेमौसमी सब्जियों, फलों एवं फूलों की खेती, फल प्रसंस्करण एवं विपणन को बढावा देने पर जोर दिया। ड़ॉ. पी. एल. सरोज ने नवीनतम उद्यान तकनीक के बारे में किसानो को अवगत कराया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि श्रीमती जय देवी ने फार्मर फर्स्ट परियोजना से जुड़े छह प्रगतिशील किसानो को उनके अभिनव उद्यान तकनीकों के प्रयोग के लिए सम्मानित किया! उन्होंने किसानों को किसान दिवस की बधाई दी तथा संस्थान द्वारा किसान हित में किये जा रहे कार्य की सराहना की, किसानों ने पुरस्कार प्राप्त कर संस्थान के प्रति आभार व्यक्त किया। इस गोष्टी में किसानों ने बढ़ चढ़ के उत्साह दिखाया और बागवानी से सम्बंधित समस्याओ को वैज्ञानिकों के सामने प्रस्तुत किया जिसका समाधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बताया। संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लगभग 30 चयनित किसानों ने भाग लिया। जिसमें संस्थान के वैज्ञानिक और परियोजना से जुड़े कर्मचारी भी शामिल थे। संस्थान ने कृषि मंत्री की अध्यक्षता में किसान दिवस समारोह में वर्चुअल मोड के माध्यम से भाग लिया जो की नई दिल्ली में सचिव डेयर और डीजी आईसीएआर द्वारा आयोजित किया गया था । Event Date:- 23-12-2022 |
124. Swatchhta Pakhwada activities 2022
The Swatchhta Pakhwada was initiated at CISH as per directions of ICAR to spread the message of clean and green India given by Hon Prime Minister. Swachh Bharat banner was displayed in main gates of the campuses and Swachhta pledge was given by the Director and Nodal Officer on 16th Dec 2022. Various activities were conducted with active participation of staff which included Parthenium weed removal and its composting, organizing webinar on Waste to wealth, auction of obsolete scrap, resonating Swachh Bharat call among villages, school and college students and other stakeholders. MLA and village Pradhan also participated in the institute events for the community involvement. Institute is showing social media handles for its wide publicity. Event Date:- 23-12-2022 |
125. Farmers Producer Organization members visited ICAR-CISH, Lucknow
A group of 30 members of Farmers Producer Organizations from different districts of Uttar Pradesh and two officers visited ICAR-CISH Lucknow on 22th December, 2022. Interaction with the FPO members was held during field visit. FPO members were made aware about the institute technologies. The role of crop diversification was discussed for enhancing farmers income. Adoption of early, medium and late varieties of mango was suggested. Good agricultural practices in mango and other fruit crops were also discussed for improving fruit quality and enhancing export. Mango cultivars like Mallika, Amrapali and other varieties were advocated for higher income. Soil health and micronutrient management for quality fruit production was discussed. Spraying of micronutrients at pea, marble and fruit developmental stages in mango and guava stage were suggested to get quality fruit. Hindi literature on high density planting in mango was distributed members.The importance of water conservation and irrigation at critical stages of fruit growth stages mustard size, marble size and development stage was advocated To enhance income and nutritional security even from waste lands, growing of various fruit crops like bael, jamun, aonla, and custard apple were suggested. Problems of insect pests and disease management of mango and guava were also discussed to reduce pesticide load. During field visits, scientists obtained feedback from the members and solved their queries. This programme was sponsored by Indo- German Cooperation on Agricultural Market Development Project, jointly with Directorate of Agricultural Marketing and Foreign Trade, GoUP, and National Institute of Plant Health Management (NIPHM) Department of Agriculture, Uttar Pradesh in association with Directorate of Marketing and Inspection, Regional office, Lucknow, Dr. Naresh Babu (Principal Scientist) and Dr.Tarun Adak (Senior Scientist) coordinated the visit. Event Date:- 22-12-2022 |
126. A National Webinar on “Soil Health Management in Horticultural Ecosystem” was organized at ICAR-CISH, Lucknow on 20 December, 2022
A National Webinar on “Soil Health Management in Horticultural Ecosystem” was organized at ICAR-CISH, Lucknow on 20 December, 2022. Dr. Devendra Pandey, Director, CISH Lucknow was the Chief Guest of this webinar. Dr. P.L. Saroj acted as Organizing Secretary and Dr. Tarun Adak as Organizing Convener. Dr. P.L. Saroj delivered his welcome address wherein he focused on importance of conservation and management of natural resources. The programme was inaugurated by Dr. Devendra Pandey, Organizing Chairman wherein he has emphasized the importance of natural resources management in sustaining productivity and profitability in horticultural ecosystem. The concern of food security and in order to achieve Sustainable Developmental Goals, the role of soil and tree health management was given due focus and national importance to obtain orchard sustainability. Dr. Tarun Adak while welcoming the delegates emphasized the essentiality of health management and dissemination of farmers’ friendly technologies for the benefits of growers’ vis-à-vis national growth. A total of six keynote addresses were delivered by eminent speakers across the Country. In the Technical Session-I three presentations were made. Excellent and informative presentation on “Soil Health Management in Citrus: An Overview” was delivered by Dr. A.K. Srivastava, CCRI, Nagpur. In his presentation, he emphasized on nutrient density in fruits, the role of precision farming, soil health management vis-à-vis yield gap analysis, root zone hybridization, customization of fertilizers, importance of nutromics and microbial interventions in sustaining the fruit production. The importance of “Organic cultivation: in-situ value addition Technology” was delivered by Dr. Biraj Basak, DMAPR Anand, Gujarat. Since billions of rupees were involved in domestic and foreign trade of organic medicinal crops, the insightful and informative presentations enlightened the participants. The latest technology of microbial formulations, micronutrient formations, capsules, virus management, soil and tree health management in various spices crops like black pepper, cardamom, turmeric, ginger etc. was discussed and presented in detailed in the topic “Soil Health Management for Spices crops”. The key note address was delivered by Dr. V Srinivasan, IISR Kerala keeping in view of billions of rupees involved in both domestic and foreign trade. In the Technical Session-II, another three presentations were made by three keynote speakers. The “Microbial applications for soil health restoration under subtropical climate” was delivered by Dr. Govind Kumar, CISH, Lucknow wherein he emphases the role of bioformulations like CISH-Bioenhancer and CISH-Biozapper for the benefit of farmers under subtropical condition. The importance of soil health management for enhancing orchard productivity and sustainability in mango orchards was delivered by Dr. Tarun Adak, CISH, Lucknow on topic entitled “Soil Health Management in Subtropical fruits”. The importance of Zinc and Boron nutrition in guava, mango cv. Dashehari and Mallika was presented in detailed. The role of drip fertigation in enhancing productivity, nutrient and water use efficiencies and profitability was discussed broadly.The commercialized “Microbial Technologies for Horticultural Crop Production” was delivered by Dr. Govid Selvakumar, IIHR, Bengaluru. The concluding remarks were delivered by Dr. Devendra Pandey, Organizing Chairman where he requested stakeholders for adoption of scientific management of soil and tree health for enhancing orchard productivity and profitability. The programme was ended with vote of thanks by Dr. Tarun Adak, Organizing Convener to all the speakers, delegates, participants and CISH staff for their support in various ways. Event Date:- 20-12-2022 |
127. A group of 36 farmers from five blocks of Gopalganj district, Bihar visited at ICAR-CISH Lucknow
A group of 36 farmers from five blocks of Gopalganj district, Bihar visited at ICAR-CISH Lucknow, U.P. on 14th December, 2022. Interaction with the farmers was held and they enthusiastically participated in the field visit. Farmers were made aware about the institute technologies. The role of crop diversification was discussed for enhancing farmers’ income. Adoption of early, medium and late varieties of mango was suggested. Mango cultivars like Mallika, Amrapali were advocated to grow for enhancing income. Farmers were motivated to grow jamun, aonla, papaya and lemon in their fields. Importance of canopy management in Jamun and other trees was discussed. Soil health management and micronutrient management for quality fruit production were discussed. Spraying of micronutrients at pea, marble and fruit developmental stages in mango and guava stage were suggested to get quality production. Hindi literature on scientific zinc and boron management in guava was distributed to the farmers. Farmers were encouraged for organic cultivation of vegetables. The importance of water conservation at critical fruit growth and development and vegetable production were disscussed. To enhance income and nutritional security even from waste lands, growing of various fruit crops like bael, custard apple was suggested. Problems of insects and disease managements of mango and guava were also discussed to reduce pesticide load. During field visits, scientists took feedback from the farmers and solved their queries. This programme was sponsored by Department of Horticulture, Gopalganj district of Bihar in collaboration with Indira Gandhi Institute of Cooperative Management, Rajajipuram, Lucknow. Dr. Naresh Babu (Principal Scientist), Dr. Tarun Adak (Senior Scientist) and Arvind Kumar (Assistant Chief Technical Officer) coordinated the visit. Event Date:- 14-12-2022 |
128. Farmers from Saran district, Bihar visited ICAR- CISH, Lucknow
A Group of 34 farmers including 5 women from 17 blocks of Saran district of Bihar visited the ICAR CISH, Lucknow on December 8, 2022. during the visit farmers were apprised of institute s technologies like improved varieties of mango, guava, bael, jamun, canopy management, high density planting of mango, container gardening of fruits crops, espalier system of guava, protected cultivation of vegetables, crop regulation of guava, begging of fruits, drip irrigation, integrated management of insect pest and diseases of mango, intercropping in mango orchard, crop diversification, nutrient management planting methods for establishment of orchard. the importance of fruits and vegetable in human health was also discussed in detail with the farmers. this visit was sponsored by ATMA Saran and district Bihar in collaboration with Indira Gandhi institute of cooperative management, Rajajipuram, Lucknow. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist Dr. Tarun Adak Sr. Scientist and Shri Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रेहमानखेड़ा लखनऊ में दिनांक 8 दिसंबर 2022 को बिहार के सारण जिले के 17 विकास खंडों की 5 महिलाओं सहित 34 किसानों के एक समूह ने संस्थान का दौरा किया इस दौरान किसानों को आम अमरूद बेल जामुन की उन्नत किस्में और संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों से अवगत कराया गया। कैनोपी प्रबंधन, आम की सघन बागवानी, फलों की कंटेनर बागवानी अमरूद की स्पेलियर प्रणाली, सब्जियों की संरक्षित खेती की तकनीक, अमरूद का फसल विनिमयन, फलों की थैलाबंदी, ड्रिप सिंचाई, कीट का एकीकृत प्रबंधन आम के रोग, आम के बागों में अंत:फसलन, फसल विविधीकरण, पोषण प्रबंधन एवं बाग की स्थापना के लिए रोपण विधि की जानकारी दी गई। मानव स्वास्थ्य फल और सब्जियों के महत्व की भी किसानों से विस्तार से चर्चा की गई। यह यात्रा इंदिरा गांधी सहकारी प्रबंध संस्थान, राजाजीपुरम, लखनऊ आत्मा सरण जिला बिहार के सहयोग से प्रायोजित थी। डॉ. नरेश बाबू प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. तरुण अदक वरिष्ट वैज्ञानिक और श्री अरविंद कुमार एसीटीओ ने दौरे का समन्वय किया। Event Date:- 08-12-2022 |
129. One Day Training Cum Workshop on Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom
One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom” was organized on 06 December 2022 under Farmer First Project of ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla delivered introductory lectures on various aspects of mushroom production and marketing. The Purpose of this training was to develop entrepreneurship by imparting practical and skill knowledge of mushroom production to farmers and rural youth. At the end of the program, 20 farmers were given spawn and bags for mushroom production. The program was coordinated by Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla and Dr. Maneesh Mishra. भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 06 दिसंबर 2022 को “रेडी टू फ्रूट बैग ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं नवयुवकों को मशरुम उत्पादन का व्यवहारिक ज्ञान देकर उद्यमिता विकास करना है। कार्यक्रम के अंत में 20 किसानों को मशरुम उत्पादन हेतु स्पान एवं बैग दिया गया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला एवं डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया। Event Date:- 06-12-2022 |
130. World Soil Day 2022
World Soil Day was celebrated on 5th December, 2022 by joining program being conducted at ICAR-CCARI, Goa through virtual mode. The theme of World Soil Day for the year 2022 is Soils: Where food begins. The program was attended by Shri Shripad Yesso Naik, Ministry of Tourism and Port, Shipping and Waterways, Government of India as Chief Guest. Dr. Himanshu Pathak, Secretary,(DARE) Director General (ICAR) joined the program virtually. Dr. Suresh Kumar Chaudhari, Deputy Director General (Natural Resource Management), ICAR, New Delhi was Guest of Honour and Dr. Parveen Kumar, Director, ICAR-CCARI was also present on the occasion. Addressing the farmers and scientists of ICAR, Hon’ble Minister and the chief guest stressed the importance of soil, referred it as our mother, and explained how soil health and human health are intricately related. After the inauguration of program at ICAR-CCARI, Goa, Dr. Himanshu Pathak, Secretary (DARE), Director General (ICAR) gave a brief presentation on the topic exhorting all the scientists to join hands for restoring soil health that is imperative for health of human, plants and planet. ICAR-CISH also celebrated World Soil Day at Kaakrabad village of Lucknow, U.P. Dr. Dushyant Mishra, Dr. Tarun Adak, Dr. Vishambhar Dayal and Dr. N. Samarendra Singh actively participated in the programme. More than forty farmers from in and around village participated in the programme enthusiastically. Soil health management in food production systems was focused during the discussion during farmer-scientist interactions. Incorporation of vermicompost, microbial consortia like CISH-Bioenhancer were recommended to the growers to enhance soil biological properties. Farmers were encouraged for organic cultivation of vegetables and fruits and sensitized about adverse effects of increasing pesticide load on microbial community in soil. Soil health and food security issues were also discussed. Literature of zinc and boron management in guava cultivation was distributed among the farming community. The celebration was concluded with vote of thanks to all the participants. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कें सभी संस्थानो ने आईसीएआर सीसीएआरआई, गोवा वर्चुअल माध्यम से आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम में शामिल होकर 5 दिसंबर, 2022 को विश्व मृदा दिवस मनाया गया। वर्ष 2022 के लिए विश्व मृदा दिवस का विषय मृदा जहां भोजन शुरू होता है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री श्रीपाद येसो नाइक, पर्यटन मंत्रालय और बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग, भारत सरकार,सचिव (डीएआरई) और महानिदेशक (आईसीएआर) डॉ. हिमांशु पाठक, डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), आईसीएआर, और डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, आईसीएआर-सीसीएआरआई वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डाला और मिट्टी को हमारी मां के रूप में संदर्भित किया और बताया कि कैसे मिट्टी के स्वास्थ्य और मानव स्वास्थ्य का आपस में गहरा संबंध है। आईसीएआर-सीसीएआरआई, गोवा में कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद, डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डीएआरई) और महानिदेशक (आईसीएआर) ने इस विषय पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी, जिसमें सभी वैज्ञानिकों से मिट्टी के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए हाथ मिलाने का आह्वान किया गया, जो मानव स्वास्थ्य के लिए, पौधों और ग्रह के लिए अनिवार्य है। इस अवसर पर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने भी लखनऊ काकराबाद गांव में भी विश्व मृदा दिवस भी मनाया। इस कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिको ने सक्रिय रूप से योगदान दिया। और ग्रामीण क्षेत्र के चालीस किसानों ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में हिस्सा लिया किसानो से बातचीत और चर्चा के दौरान खाद्य उत्पादन प्रणालियों में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया। मिट्टी के जैविक गुणों को बढ़ाने के लिए उत्पादकों को वर्मीकम्पोस्ट, माइक्रोबियल कंसोर्टिया जैसे CISH-bioenhancer को शामिल करने हेतु प्रेरित किया गया। किसानों को सब्जियों और फलों की जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया और मिट्टी में सूक्ष्मजीवो पर कीटनाशको के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। साथ ही साथ मृदा स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। अमरूद की खेती में जिंक और बोरॉन प्रबंधन का हिंदी में साहित्य कृषक समुदाय के बीच वितरित किया गया। समारोह का समापन सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। Event Date:- 05-12-2022 |
131. भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में आम के बागों में चारे की अंत फसली खेती विषय पर किसान गोष्ठी
भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 01-12-2022 को माल-मलिहाबाद प्रखंड के अंगीकृत गाँव मोहम्मदनगर तालुकेदारी एवं इब्राहिमपुर, भानपुर में आम के बागों में चारे वाली फसलों की अन्तः फसली खेती पर किसान गोष्ठी एवं प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्र ने बताया कि बागवानी के साथ पशुपालन भी करने वाले बागवानों को दुधारु और अन्य पालतू पशुओं के लिए हरे चारे की समस्या से सामना करना पड़ता है। चार वर्ष पहले किसानों के बागों में अन्तःफसल बहुवर्षी चारा पैनिकम ग्रास का प्रदर्शन किया गया जो पशुपालको के लिए वरदान साबित हुई। इसको देखते हुए आम के बागों में अन्तःफसल के रूप में इस चारे को बढ़ावा दिया जा रहा है । कृषि वैज्ञानिक डॉ. भास्कर ने बताया की यह चारा छाया के प्रति काफी सहिष्णु है। यह प्रोटीन और विटामिन से भरपूर पशुओं के लिए एक उत्तम आहार की जरूरत को पूरा करता है। एक बार यह चारा लगाने पर 4 से 5 साल तक हरा चारा मिल सकता है। पहली कटाई बुवाई के 60-70 दिन बाद उसमे कल्ले फिर से निकलने लगते हैं, और 25-40 दिन में वह दोबारा पशुओं के खिलाने लायक हो जाता है। तथा कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.के.शुक्ल ने बताया की आम के बागों में पेड़ों की छांव के नीचे खाली जमीन में चारे की खेती कर अच्छा उत्पादन एवं अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही आम के वृक्षों में अगर सेंटर ओपेनिंग कर दी जाये तो अंत: फसलें उगाना और आसान हो जाता है । दिसम्बर का महीना आम में काट छांट हेतु उपयुक्त है। तथा किसान भाइयों को चाहिए की जिला उद्यान अधिकारी से अनुमति लेकर आम के बागों में सेंटर ओपेनिंग करनी चाहिए। इस तरह साल भर में आम के साथ दूसरी फसलें जैसे हल्दी, जिमीकंद, फर्न, गिन्नीघास (पैनिकम ग्रास) इत्यादि उगाकर किसान अपनी आय आसानी से दोगुनी कर सकते हैं। इस अवसर पर परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा, सह अन्वेषक डॉ. अनिल वर्मा, डॉ. एस. के. शुक्ला एवं डॉ. एस. सी. रवि एवं भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थायन, झांसी के कृषि वज्ञानिक डॉ. भास्कर सहित 40 किसानों ने किसान गोष्ठी में भाग लिया एवं प्रगतिशील किसानों के प्रक्षेत्र पर आम के बागों में पैनिकम ग्रास एवं हल्दी, फूलों की खेती, वर्मीकम्पोस्ट, विदेशी सब्जी, प्लॉस्टिक मल्चिंग तथा टपक सिचाई द्वारा शिमला मिर्च की खेती का भी भ्रमण किया गया। Event Date:- 1-12-2022 |
132. Constitution Day celebrated on 26th Nov 2022
ICAR-CISH, Lucknow celebrated the Constitution Day (Samvidhan Diwas), also known as "National Law Day", on 26 November 2022 at ICAR-CISH Raebareli Road Campus to commemorate the adoption of the Constitution of India by the Constituent Assembly on 26th November 1949 which came into effect on 26 January 1950. The event was organized by the Institute and attended by all the staff of the institute through physical presence and virtual mode and online pledge was taken. The staffs were also sensitized about the importance of our constitution and democracy by a talk given by Dr. S.R Singh, Principal Scientist of the Institute. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने 26 नवंबर 2022 को रायबरेली रोड कैंपस में संविधान दिवस मनाया। (संविधान दिवस) जिसे राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। जो की 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के रायबरेली रोड कैंपस में किया गया था। संस्थान के कुछ कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में वर्चुवल मोड से भी भाग लिया और ऑनलाइन शपथ ली। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस.आर. सिंह अपने व्याख्यान में कर्मचारियों को हमारे संविधान और लोकतंत्र के महत्व के बारे में भी जागरूक किया। Event Date:- 26-11-2022 |
133. QRT visit CISH to Review AICRP ( fruits)
Quinquennial Review Team- 2022 for the AICRP-Fruits on mango and guava was organized at ICAR-CISH during 24-25th November, 2022. The programmes were evaluated under the period 2017-2022, running in different ICAR Institutes as well as State Agriculture Universities. The QRT meeting was chaired by Dr. V.A Parthasarathy (Former Director, ICAR-IISR Kozhikode) and conducted in virtual mode through coordination by Dr. Prakash Patil (Project Coordination -Fruits). During the 2 days deliberations 23 centers working on mango and 17 centers working on guava presented their five years achievements before the committee. All the CISH scientists attended the Inaugural session. The QRT reviewed the experiments laid out in the experimental farms of ICAR-CISH. The committee thanked the organizers for successful conduct of the programme. Event Date:- 24-11-2022 |
134. ICAR-CISH displays its technologies during indo-Uzbek meet at integral university
ICAR-CISH displayed its technologies in the Indo-Uzbek Meet & International Conference on Trends & Innovations in Food Technology from Farm to Fork TIFT-2022 organised by Department of Bioengineering and Co-organised by Tashkent Chemical-Technological Institute, Tashkent, Uzbekistan at Integral University during November 24-25, 2022. Several dignitaries Prof. Javed Musarrat, Vice Chancellor, Integral University, Prof. Botir Usmonov, Director, Tashkent Chemical Technology Institute, Dr. P.P Gothwal, Head, CSIR-CFTRI, Lucknow, Students of Agriculture and Bioengineering faculty of Integral University and several entrepreneurs visited the stall. They were made aware of the institute technologies. The institute fruits varieties cish Bael-1 and cish Bael-2, Lalit, Lalima, Dhawal, Shweta were the major attractions. Fermented fruit products like vinegar, ciders and fruit wines; processed fruit products like juices, squash, pickle, candies, pulp, mango fibre, aonla herbal tea and Mango CISH Harvester also attracted the people in general. Shri Arvind Kumar (ACTO) coordinated the stall display. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने दिनांक 24-25 नवंबर,2022 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के बायोइंजीनियरिंग विभाग और ताशकंद केमिकल-टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट,ताशकंद,उज्बेकिस्तान द्वारा सह-आयोजित इंडो-उज़्बेक मीट एंड इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेंड्स एंड इनोवेशन इन फूड टेक्नोलॉजी फ्रॉम फार्म टू फोर्क टीआईएफटी-2022 में अपनी तकनीकों का प्रदर्शन किया। इंडो-उज़्बेक मीट एंड इंटरनेशनल का उद्धघाटन प्रो.जावेद मुसर्रत, वाइस चांसलर, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी,ने किया,और प्रो. बोतिर उस्मानोव, निदेशक,ताशकंद केमिकल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट,डॉ.पीपी गोठवाल, प्रमुख, सीएसआईआर-सीएफटीआरआई, लखनऊ उनके साथ थे! इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के बायोइंजीनियरिंग फैकल्टी, कृषि के छात्र और कई उद्यमियों ने स्टॉल का भ्रमण किया इस अवसर पर उन्हें संस्थान की तकनीकों से भी अवगत कराया गया। संस्थान के फलों की किस्में सीआईएसएच बेल-1 और सीआईएसएच बेल-2,ललित,लालिमा,धवल,श्वेता; किण्वित फल उत्पाद जैसे सिरका,साइडर और फलों की मदिरा; प्रसंस्कृत फल उत्पाद जैसे जूस,स्क्वैश,अचार,कैंडी,पल्प,मैंगो फाइबर,आंवला हर्बल टी और मैंगो सीआईएसएच हार्वेस्टर ने आम लोगों को आकर्षित किया। श्री अरविंद कुमार (एसीटीओ) ने स्टाल प्रदर्शन का समन्वय किया। Event Date:- 24-11-2022 |
135. Training of twelve UP DASP officers was organized by the ICAR-CISH, Lucknow
Training of twelve UP DASP officers was organized by the ICAR-CISH, Lucknow during 14-18 Nov 2022. The training was inaugurated on 14th November 2022 by Dr. D. Pandey, Acting Director, ICAR-CISH in the presence of all the Heads of Divisions and other faculty members. During the period lectures and practical classes were arranged in various fields of horticulture. The topics covered during the training were variety development, production, protection and post harvest technologies of subtropical fruits besides natural farming and practical exposure to rejuvenation sites, espalier system of guava training, CISH-Mango museum, Processing laboratory and natural farming complex, etc. All the participants expressed satisfaction over the content and lesson plan of the training. The valedictory function of the training was held in the afternoon of 18th Nov 2022. The feedback was also recorded from various participants. The training was coordinated by Dr. Sushil Kumar Shukla, Pricipal Scientist of the Institute. Event Date:- 18-11-2022 |
136. Visit of Dr. Devesh Chaturvedi, Additional Chief Secretary (Agri.) to Natural Farming Complex of ICAR-CISH Rae Bareli Road Campus
Dr. Devesh Chaturvedi, Additional Chief Secretary (Agri.) along with a team of State Agriculture Department visited Natural Farming Complex of ICAR-CISH Rae Bareli Road Campus on 16th Nov 2022 to have an insight into the ongoing activities of cow based natural farming. Dr. Chaturvedi was welcomed Dr. D Pandey, (Acting Director) who apprised him about initiation of cow shed at the campus on 5th Feb 2022 after the call by Hon’ble Prime Minister of India for promotion of natural farming. He also explained that the institute has prepared research on organic farming for last 20 years. Dr. R. K. Pathak, ex-Director narrated various achievements of organic farming and biodynamic farming which hold the key to success in field of chemical less farming. He also explained the concept of cosmic nutrient management for sustaining crop yields and environment. Dr. SK Shukla gave a rapid tour of the natural farming complex explaining about production and use of various cow based organic inputs, organic nursery, mother blocks, importance of mulching and canopy management, use of various chemical less IPM modules for success of natural farming. The chief guest, Dr. Chaturvedi expressed his appreciation ongoing work on natural farming and directed the team from state department of agriculture to collaborate with the institute in capacity building of farmers while developing and promoting 3 clusters of villages for natural farming in mango, guava and aonla growing belts. He also directed that a new project be submitted immediately for funding towards promotion and adoption of technologies on larger scale. the visit was coordinated by Dr. Sushil Kumar Shukla and Dr. R.K. Pathak, Former Director, ICAR-CISH, Sh. R.S Dixit, Coordinator, UP Gau Sewa Aayog and Dr. Govind, Scientist (Microbiology) were some of the important visitors. Event Date:- 16-11-2022 |
137. Distribution of Pea seeds under SCSP
अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत मटर बीज का वितरण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा आयोजित दिनांक 14 नवंबर 2022 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत माल एवं काकोरी खंड से अंगीकृत गांवों से 170 किसानों को व्यवसायिक व लघु स्तर की खेती करने हेतु 10 क्विंटल मटर बीज (प्रजाति AP-3) का वितरण फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी अनुभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना डॉ. विशम्भर दयाल के द्वारा किया गया। डॉ.विशम्भर दयाल ने बताया कि मटर की खेती करके किसान अच्छी पैदावार उगा सकते हैं,अंत: सस्य फसली प्रक्रिया को अपनाकर अन्य रबी फसलो की खेती करके किसान अपनी आमदनी में दोगुनी बढ़ोतरी कर सकते हैं । इस प्रक्रिया को अपनाने से अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं होती। इसके साथ ही किसानों को खाद प्रबंधन, रोग तथा कीट प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन एवं उर्वरकों तथा कीटनाशकों का समुचित प्रयोग आदि बिंदुओं पर मौखिक रूप से किसानो को प्रशिक्षित किया। मटर बीज वितरण कार्यक्रम संस्थान के निदेशक डॉ. देवेंद्र पांडेय के दिशा निर्देशों पर संपन्न किया गया। बीज वितरण कार्यक्रम में क्षेत्र सहायक वीरेन्द्र कुमार गौतम एवं मोहम्मद शादाब की सक्रिय सहभागिता रही। Event Date:- 14-11-2022 |
138. Visit of Pondicherry Students at ICAR-CISH, Lucknow
The BSc. Horticulture (Hons.) students of College of Horticulture, Central University, Pondicherry visited ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture on 9th November,2022 along with Dr. A. Shanti, Professor (Horticulture) during an educational tour. A brief interaction meeting was held in the committee room and Dr. A. Shanti introduced the group and shared the aspirations of the students. Thereafter, Dr. D. Pandey Director of the institute briefed about the institute activities and achievements. After interaction meeting, students visited institute museum where Dr. P.L. Saroj and Dr. Maneesh Mishra explained various exhibits, varieties and technologies developed at the institute, initiation of natural farming, value added products, flagship programmes, extension activities etc. Students took special interest in models of mango varieties displayed in the museum. They also visited the experimental fields along with Dr. P.K. Shukla and Dr. Muthu Kumar and gained knowledge about various ongoing experiments. The visit was coordinated by Dr. P. L. Saroj, Principal Scientist & Head, Division of Crop Production, ICAR-CISH, Lucknow. Event Date:- 09-11-2022 |
139. Exposure visit-cum-training of NABARD officials to ICAR-CISH
A team of 25 NABARD officers visited ICAR-CISH, Lucknow on 3rd Nov 2022 for an exposure visit-cum-training in horticultural interventions developed by CISH. The team of the NABARD officials visit CISH museum Where the technologies, interventions and models exhibited in the museum were discussed by Dr. S.K Shukla. After visit to museum, lectures were delivered by experts in the committee room. Dr. D. Pandey (Acting Director) made a brief presentation about CISH highlights. Other topics like Production Technologies, Disease, insect pest management and hydroponics/aeroponics were delivered by Dr. S.K Shukla, Dr. P.K Shukla and Dr. S.R Singh, respectively. Visits to institute research farm, nursery and processing laboratory were arranged by Dr. Dushyant Mishra, Er. D.K Shukla and Dr. S.R Singh. During the visit detailed discussions were held on practical aspects of canopy management, processing, hydroponics, aeroponics and nursery techniques. Event Date:- 03-11-2022 |
140. Vigilance Awareness Week - 2022
सतर्कता जागरूकता सप्ताह - 2022 The Vigilance Awareness Week - 2022 was organized in the Institute on the birthday of Iron Man of India, Bharat Ratna, Sardar Vallabh Bhai Patel with pledge ceremony by the employees of ICAR -CISH Lucknow on 31st October, 2022 with the theme of "Corruption free India for developed nation". A workshop on vigilance awareness has also been organised. Dr. P.L. Saroj, Head, Division of Crop Production delivered the lecture on “Preventive vigilance in administrative management" in prudent manner. Senior Finance & Account Officer ICAR-CISH, Mr. Dheeraj Kumar Agnihottri apprised on "Preventive vigilance of purchase procedure". All the heads of divisions, scientists, technical and administrative staff of the institute were participated. The workshop ended with presidential remarks of Director, ICAR-CISH Lucknow. Event Date:- 31-10-2022 |
141. Papaya Plant distribution under scheduled caste sub plan
अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत पपीते के पौधे का वितरण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बगवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत माल एवं काकोरी प्रखंड से अंगीकृत गांवों से 200 किसानों को वृहद एवं लघु स्तर पर व्यवसायिक खेती तथा पोषण वाटिका के उद्देश्य से 30,000 रेड लेडी पपीता प्रजाति की पौध का वितरण किया गया।केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी अनुभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना विशम्भर दयाल ने किसानों को रेड लेडी पपीता पौधों को वितरित किया। डॉ. विशम्भर दयाल ने किसानों को पपीता उत्पादन एवं विपणन की उन्नत तकनीक के बारे में अवगत कराया उन्होंने बताया कि पपीता विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाए जाने वाले महत्वपूर्ण फल है। इसके अलावा उन्होंने किसानों को जलवायु मृदा तथा जल निकास, पपीते की गुणवत्ता युक्त किस्म का चयन, पौधरोपण तकनीकी पोषक तत्व प्रबंधन तथा पपीते में मुख्यत: लगने वाले रोग तथा कीट से पौधों के बचाव हेतु रिंगस्पॉट वायरस, लीफ कर्ल वायरस, तना गलन, तथा कीट नियंत्रण व प्रबंधन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। पपीता पौध वितरण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय उपोष्ण बगवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ के निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के दिशा निर्देशों पर किया गया।पौध वितरण प्रक्रिया में क्षेत्र सहायक वीरेंद्र कुमार गौतम एवं मोहम्मद शादाब की सक्रिय सहभागिता रही। Event Date:- 21-10-2022 |
142. Mission life (lifestyle for the Environment) Launch Event on 20th October 2022
The institute organized a programme to watch the live telecast of mission life (lifestyle for the Environment) Launch Event inaugurated by the Honorable Prime Minister Shri Narendra Modi ji on 20th October, 2022. about 52 officers and employees of the institute have participated in the event and took the life pledge. Event Date:- 20-10-2022 |
143. ICAR-CISH conducted live telecast programme of 12th instalment of PM Kisan Samman Nidhi by PM with association of Kisan Gosthi programme.
भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.सं. में प्रधानमंत्री-किसान सम्मान सम्मलेन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण एवं किसान गोष्ठी दिनांक 17 अक्टूबर 2022 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा,लखनऊ में प्रधानमंत्री-किसान सम्मान सम्मेलन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया एवं इस अवसर पर फल विषयक किसान गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार शुक्ल ने किसानों का अभिवादन किया। कार्यक्रम में माननीय नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के बारहवीं क़िस्त के अंतर्गत 16 हजार करोड़ रु की राशि को 8 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के खाते में सीधा ट्रांस्फर की। माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस अवसर पर एक राष्ट्र-एक उर्वरक, एक जिला-एक उत्पाद, प्राकृतिक खेती, अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष -2023, खेती में द्रोण का प्रयोग की भी चर्चा की। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डा. नीलिमा गर्ग ने बताया कि संस्थान अनुसूचित जाति परियोजना के अंतर्गत गांव में ही एक प्रसंस्करण इकाई की स्थापना करेगी। संस्थान के वैज्ञानिक डा. विशम्भर दयाल ने बताया कि गांवों में एक ही प्रकार का कार्य कर रहे किसानों के किसान उत्पादक संघ बनाया जाएगा। इस सम्मेलन से 1 करोड़ से भी अधिक किसान जुड़े। इस कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री ने जिला स्तर पर 600 पी एम किसान समृद्धि केंद्रों का भी उद्घाटन किया। भारत ब्रांड के साथ एक राष्ट्र एक उर्वरक की योजना की शुरुवात की। किसान गोष्ठी में संस्थान के विभिन्न वैज्ञानिकों ने विविधसामयिक विषयों पर चर्चा की। इस अवसर पर किसानों को सब्जी-बीज किट भी वितरित किए गए। डा. सुशील शुक्ल ने किसानों से प्राकृतिक खेती और देशी गायों को अपनाने का आह्वान किया। आगामी जाड़े में आम के वृक्षों की उत्पादकता बढ़ाने हेतु वृक्षों में काट छांट/सेंटर ओपेनिंग/जीर्णोद्वार करने के लिए प्रेरित किया। Event Date:- 17-10-2022 |
144. Vegetables seed distribution programme under SCSP
अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत सब्जी बीज वितरण कार्यक्रम भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा दिनांक 20-10-2022 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत सब्जी बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अनुसूचित जाति उपयोजना से पंजीकृत 315 किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग, फसल सुधार प्रभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना डॉ.विशम्भर दयाल,फसल उत्पादन प्रभाग अध्यक्ष डॉ. पी. एल.सरोज एवं फसल सुधार प्रभाग अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र पांडेय उपस्थित थे। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत सम्मिलित 315 किसानों को लहसुन, प्याज, मिर्च, टमाटर, मूली, धनिया,तथा पालक का बीज किसानों को किचन गार्डन तथा व्यवसायिक स्तर पर खेती करने हेतु वितरित किया गया। वैज्ञानिक डॉ. विशम्भर दयाल ने किसानों को लहसुन एवं प्याज की व्यवसायिक खेती के लाभ के बारे में अवगत कराया कि लहसुन, प्याज एवं मिर्च का मसाला वर्गीय फसलों में प्रमुख स्थान है। यह ऐसी फसलें हैं जिनकी मांग वर्ष भर बनी रहती है इनकी खेती करके किसान बंधु अच्छी धनराशि प्राप्त कर सकते हैं तथा इन फसलों के विपणन में भी समस्या नहीं रहती। लहसुन में कई आयुर्वेदिक गुण भी होते हैं और इसका उपयोग कई औषधीय रूपों में किया जाता है इसके अलावा टमाटर, मूली, धनिया, पालक की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। डॉ. विशम्भर दयाल ने किसानों को किचन गार्डन के लाभ के बारे में बताया कि वें इन सब्जियों को उगाकर ताजी, पोषण युक्त एवं रसायन रहित तथा बाजार से खरीदने वाली दैनिक सब्जियों को घर तथा खेत में सुगमता से उगाकर सेवन कर सकते हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम में सम्मिलित किसानों को 10 क्विंटल लहसुन, 75 किलो रबी प्याज,10 किलो मूली, 30 किलो धनिया, 20 किलो पालक, 1500 ग्राम मिर्च 1300 ग्राम टमाटर का बीज, किसानों को निदेशक महोदय के तत्वाधान में वितरित किया गया। बीज वितरण कार्यक्रम को सफल बनाने में वीरेंद्र कुमार गौतम एवं मोहम्मद शादाब की सक्रिय सहभागिता रही। Event Date:- 17-10-2022 |
145. UP farmers training on Natural Farming organized by ICAR-CISH at Natural Farming Complex Telibagh
प्राकृतिक खेती पर केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,द्वारा अयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,रहमानखेड़ा,लखनऊ के रायबरेली रोड,तेलीबाग के समीप प्राकृतिक कृषि परिसर में दिनांक 14,15 अक्टूबर 2022 को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 57 प्रशिक्षक प्रशिक्षुओं के लिए में प्राकृतिक कृषि विधा पर एक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ| इस अवसर पर संस्थान के पूर्व निदेशक एवं जैविक एवं प्राकृतिक विधा के मूर्धन्य विद्वान डा.राम कृपाल पाठक ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचारों और वैज्ञानिक अनुभवों को सबके सामने रखा| उन्होंने बताया की संस्थान इस क्षेत्र में पिछले 22 वर्षों से शोधरत है, और इस अवधि के दौरान विभिन्न गौ आधारित उत्पादों वर्मीवाश, पंचगव्य, जीवामृत, बीजांरित, अमृतपानी बी डी-500, बी डी -501, काऊ पैट पिट, तरल खाद आदि का विकास और मानकीकरण किया गया| उन्होंने ज़ोर देकर कहा की प्राकृतिक खेती के साथ अगर बायोडायनामिक खेती और अग्निहोत्र खेती को भी जोड़ दिया जाये तो इसके प्रभाव और भी लाभकारी होंगे और आगामी वर्षों में कृषि उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी| इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डा. नीलिमा गर्ग ने अपने संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों की चर्चा की| उन्होंने अपने गत 20 वर्षों के शोध की चर्चा करते हुए आम के पेड़ों में काट छाँट के बाद होने वाले फफूंदजनित संक्रमण को रोकने के लिए देशी गाय के ताजे गोबर से लेप का वैज्ञानिक आधार बताया| उन्होंने अपने द्वारा विकसित वेस्ट डिकम्पोजर तकनीक की भी चर्चा की| उन्होंने बताया कि संस्थान इस 10 हेक्टर के प्राकृतिक कृषि परिसर को 5 देशी गायों की मदद से ही बिना किसी रसायन या कीटनाशी/फफूंदनाशी के प्रयोग के ही सफलतापूर्वक प्रबंधित कर रहा है| इस परिसर में प्राकृतिक कृषि के लिए आवश्यक सभी पौधे भी संरक्षित किए गए हैं| इस परिसर में प्रशिक्षण की सभी सुविधाएं हैं इसलिए किसानों को इसका लाभ उठाना चाहिए| संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. सुशील शुक्ल, डा. दुष्यंत मिश्रा एवं डा. गोविंद कुमार ने अपने प्रस्तुतीकरण एवं फार्म भ्रमण के द्वारा संस्थान द्वारा विभिन्न प्रौद्योगिकियों की चर्चा की और प्रक्षेत्र भ्रमण द्वारा विभिन्न व्यावहारिक पक्षों को भी प्रशिक्षक प्रशिक्षुओं के सामने रखा| समापन सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त निदेशक एवं कृषि प्रसार ब्यूरो के प्रमुख श्री राजेन्द्र कुमार सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश में चल रहे किसान उत्पादक संघों के बारे में विस्तृत चर्चा की और इनसे होने वाले लाभों के बारे में किसानों को बताया| संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. प्यारे लाल सरोज ने अपने समापन भाषण में गाय एवं जैविक खेती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जैविक एवं प्राकृतिक खेती के संबंध में फैले भ्रम को दूर करने की आवश्यकता बताई| इस अवसर पर किसानों के प्रतिनिधि श्री धर्मपाल सिंह, श्री शिवकान्त दीक्षित, श्री भूपेन्द्र सिंह ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 32 जिलों से आए 57 किसानों को धन्यवाद दिया| ये सभी किसान पहले से ही प्राकृतिक कृषि का अभ्यास कर रहे हैं| किसानों ने अपने अनुभवों के बारे बताया और कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें और आत्मविश्वास और बल मिला| कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. सुशील कुमार शुक्ल ने किया। ICAR-CISH Lucknow started a two day-farmers training programme for 57 master trainers from different districts of Uttar Pradesh at its ‘Natural Farming Complex’ located on Raebareli Road near Telibagh, Lucknow. Dr. Ram Kripal Pathak, the great promoter of Natural/Cosmic Farming and Biodynamic Farming and ex-Director, CISH, was chief guest on the occasion. Dr Pathak in his remarks highlighted the use of various cow based inputs like Jeevamrit, Amritpani, Panchgavya, BD-500, BD-501, Cow Pat Pit, various neem and other plant based liquid manures for soil and nutrient management. Combining the natural farming with Bio-dynamic farming and Homa Farming will be more effective in achieving the targets of productivity and safe soil and environment, he added Addressing the farmers Dr. Neelima Garg, Director of the Institute apprised the farmers that the institute is maintaining a fully organic campus of 10 ha with its own 5 cows successfully without using any chemicals or pesticides. The institute is ready to impart training to the farmers in the area as it has been working in various various areas of natural or cosmic farming for last twenty years. The Natural Farming Complex has its own centre of producing cow based inputs. It has all types of plants like neem, karanj, Gliricidia, Moringa, etc in its campus for preparing various inputs. Dr. Garg also explained the science of controlling fungal rots by pasting fresh cowdung on cut surfaces of mango trees after pruning. The Principal Scientists Dr. S.K Shukla and Dr. Dushyant Mishra and Dr. Govind Kumar, Scientist (Microbiology) explained the technologies developed by CISH in field of natural farming and horticultural production. They also arranged a visit of natural farming complex, demonstration units, laboratories and organic nursery for farmers. Various practices of natural farming like mulching use of cow based inputs, sprays with various plant based products, use of polythene banding, methyl eugenol traps, light traps, etc have been demonstrated in the farm. Various useful plants have been planted and conserved by planting in farm of avenues or hedges. The representatives of farmers Sh. Dharmpal Singh, Sh. Shivkant Dixit, Sh Bhupendra Singh explained farmers’ expectations from the training. Farmers also will share their experiences. They informed that the master trainers from 32 districts of Uttar Pradesh have participated in the training. They are already practising natural farming and this training will go a long way in spreading the natural farming techniques in various parts of state. The programme was conducted by Dr. SK Shukla, Principal Scientist who also proposed vote of thanks to one and all. Event Date:- 14-10-2022 |
146. हिंदी पखवाड़ा-2022
भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,रहमानखेडा में राजभाषा विभाग एवं भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार दिनांक 14 से 29 सितम्बर तक मनाये गए हिंदी पखवाड़ा-2022 का दिनांक 29.09.2022 को समापन समारोह आयोजित किया गया| कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित डॉ.अशोक कुमार मिश्र ,पूर्व प्रधान वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष,फसल सुरक्षा, भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने अपने संबोधन में हिंदी में और कार्य करने तथा हिंदी दिवस/हिंदी पखवाड़ा को एक पर्व के रूप में मानाने पर वल दिया| कार्यक्रम की अध्यक्षा एवं संस्थान की निदेशक डॉ.(श्रीमती) नीलिमा गर्ग ने संस्थान द्वारा आयोजित हिंदी पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन में वैज्ञानिकों/अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रतिभाग करने एवं सफलता प्राप्त करने वाले कर्मियों को वधाई देते हुए हिंदी में और अच्छा कार्य करने पर ध्यान देने की बात कही| संस्थान कर्मियों में हिंदी के प्रोत्साहन हेतु पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें दिनांक 19 सितम्बर को आयोजित हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता में संस्थान के वैज्ञानिक/तकनीकी/प्रशासनिक/शोध एवं संविदा वर्ग से 19 प्रतियोगिओं ने प्रतिभाग किया, दिनाक 20 सितम्बर को आयोजित हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता में 18 प्रतियोगिओं ने प्रतिभाग किया, दिनांक 21 सितम्बर को आयोजित यूनिकोड में हिंदी टंकण प्रतियोगिता में 42 प्रतियोगिओं ने प्रतिभाग किया, दिनांक 24 सितम्बर को आयोजित हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता में 21 प्रतियोगिओं ने प्रतिभाग किया तथा 27 सितम्बर को वर्ष में हिंदी में सर्वाधिक कार्य प्रोत्साहन हेतु प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया गया| वहीँ दिनाक 23 सितम्बर को संस्थान कर्मियों में हिंदी भाषा शैली उसमें रस, अलंकार,छंद आदि से सुसज्जित रचनाओं से परिचय कराने हेतु एक कवि सम्मलेन का भी आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली,बाराबंकी एवं लखनऊ से सम्मिलित कवियों ने अपनी विभिन्न रचनाओं को उपस्थित श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया| समापन समारोह के दौरान वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा प्रकाशित प्रशासनिक शब्दावली पुस्तक से अंग्रेजी के शब्दों का हिंदी में अनुवाद किये गए शब्द पर आधारित एक प्रश्न मंच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया| उपरोक्त आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में संस्थान के 48 प्रतियोगिओं ने सफलता प्राप्त की जिन्हें परिषद् के नियमानुसार पुरस्कृत किय गया| सफल प्रतियोगियों को मुख्य अतिथि एवं संस्थान की निदेशक महोदया ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया| कार्यक्रम का संचालनअरविन्द कुमार, नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि एवं सभी से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया गया| Event Date:- 29-09-2022 |
147. DG, ICAR Inaugurated Natural Farming Campus at ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के तेलीबाग परिसर का प्राकृतिक कृषि के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक डॉ. पाठक द्वारा उद्धघाटन केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के रायबरेली रोड परिसर में दिनांक 27 सितम्बर 2022 को “प्राकृतिक कृषि परिसर” का उद्घाटन भारत सरकार के कृषि शोध एवम शिक्षा विभाग के सचिव एवम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक द्वारा ऑन लाइन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सभी वैज्ञानिक, कर्मचारी जुडे रहे। इस प्रक्रिया से संस्थान के पूर्व निदेशक एवम गौ आधारित खेती के विद्वान डा. राम कृपाल पाठक भी जुडे रहे । इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने सभी वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अपने वैज्ञानिक शोध द्वारा प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक आधार को सिद्ध करना होगा क्योंकि सत्य की ही अंत में विजय होती है। हम चाहते हैं कि हमें रासायनिक खेती का विकल्प मिले लेकिन वह सत्य और सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य होना चाहिए। मुख्य अतिथि ने संस्थान द्वारा किये गये कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, दिल्ली के उपमहानिदेशक ( बागवानी) डा. ए.के सिह ने संस्थान के निदेशक और वैज्ञानिकों को बधाई दी और संस्थान द्वारा किये गये प्रयासों के बारे में बताया। संस्थान की निदेशक डा. नीलिमा गर्ग ने प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में संस्थान की उपलब्धियों की विस्तार से चर्चा की और बताया की संस्थान इस क्षेत्र में किसानों और अन्य इच्छुक व्यक्तियों को प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि गत 1 जनवरी 2022 को माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर प्राकृतिक कृषि की विधा पूरे देश में लोकप्रिय हुई| इसी दिशा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देशानुसार केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने सक्रिय पहल करते हुए 5 फरवरी 2022 को लखनऊ जिले की स्थानीय गौशाला से पशुपालन विभाग की मदद से 4 नि:सहाय गायें प्राप्त कीं और संस्थान के रायबरेली रोड परिसर में एक छोटी से गौशाला का शुभारंभ किया| संस्थान 13.2 है॰ के परिसर में से खेत और बाग के लिए उपलब्ध लगभग 10 है॰ क्षेत्र को पूर्णतया प्राकृतिक कृषि परिसर के रूप में विकसित कर रहा है| इस फार्म पर कोई भी रसायन या कीटनाशी/ फफूंदनाशी का प्रयोग नहीं किया जाता है और सफलतापूर्वक प्रबंधन किया जा रहा है |संस्थान के प्राधान वैज्ञानिक और प्राकृतिक खेती के अगुआ डा. सुशील शुक्ल जी ने अपने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताय कि इस वर्ष आम के वृक्षों से लगभग पिछले वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना आमदनी दर्ज की गई | पिछले वर्ष आम के वृक्षों से कूल आमदनी रु 1.82 लाख थी जोकि इस वर्ष बढ़ाकर रु 4.55 लाख हो गई| संस्थान के परिसर में एक गौ उत्पाद केंद्र है जिसमें विभिन्न गौ उत्पाद यथा जीवामृत, बीजामृत, अमृतपानी, नीमास्त्र, अग्नि अस्त्र, ब्रह्मास्त्र (दशपर्णी अर्क), बी डी 500, बी डी -501, काऊ पैट पिट, वर्मीवाश आदि बनाए जाते हैं और आवश्यकतानुसार प्रयोग किये जाते हैं| आम के वृक्षों के प्रबंधन में कैनोपी प्रबंधन का विशेष महत्व रहा| पेड़ों में सेंटर ओपेनिंग करने से कीट और बीमारियों के प्रबंधन में काफी मदद मिली| फलदार सभी वृक्षों के चारों ओर खालों में जैविक अवशेषों से मलचिंग की गई है जिसमें नियमित जीवामृत का प्रयोग किया जाता है| पॉलीथीन की पट्टी बांधकर गुजिया कीट का प्रबंधन किया गया| फेरोमोन एवं लाइट ट्रेप्स की मदद से कीट प्रबंधन में भी मदद मिली । संस्थान के इस प्राकृतिक कृषि परिसर में विविध नत्रजन स्थिरीकरण करने वाले वृक्षों यथा ग्लिरिसीडीया, सुबबूल, करंज, सहजन, चकवड़, नीम, एवं विविध दशपर्णी पौधों यथा कनेर, निर्गुंडी, गिलोय, शरीफा, धतूरा, मदार, पपीता, आदि के पौधों को लगाया गया है| कुछ पौधों जैसे ग्लिरिसीडीया और सुबबूल को बाड़ के रूप में भी लगाया गया है| संस्थान के इस परिसर में एक जैविक पौधशाला भी है जिसमें पूर्ण रूप से जैविक विधि से पौधे तैयार क्यी जाते हैं| यहाँ पर आम , अमरूद, बेल आंवला आदि के कलमी पौधे जैविक विधि से तैयार किए जाते हैं । संस्थान के इस परिसर में एक बायोकंट्रोल प्रयोगशाला भी है जिसमें विभिन्न जैविक उत्पाद यथा सी आई एस एच बायोएनहाँसर, सी आई एस एच बायोजैपर, बवेरिया बैसियाना आदि के कल्चर तैयार एवम प्रयोग किए जाते हैं कार्यक्रम के अंत में संस्थान के फसल उत्पादन प्रभाग के अध्यक्ष डा. पी एल सरोज ने सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में संस्थान के सभी वैज्ञानिक एवम कर्मचारी उपस्थित रहे। Event Date:- 27-09-2022 |
148. ICAR-CISH Lucknow organised a three months campaign on preventive vigilance measures, precursor to the vigilance awareness week-2022
In light of Central Vigilance Commissions circular no. 14/07/2022 dated 28-07-2022, ICAR-CISH Lucknow has started a three month campaign (16-08-2022 to 15-11-2022) on preventive vigilance measures cum housekeeping activities, precursor to the vigilance awareness week 2022. Director ICAR-CISH Dr. Neelima garg chaired the program. all the heads of Division, Scientists, Technical and Administrative staff of the Institute were participated. Dr. S.R Singh vigilance officer of the Institute has appraised, regarding preventive vigilance measures cum housekeeping activities to be taken during three months campaign in the institute through a power point presentation. the director has desired to concerned in-charge of institute to complete the all Six Earmarked Activities during the campaign period. the program Ended with vote of thanks. Event Date:- 13-09-2022 |
149. Farmer-Scientist Interaction meeting on ‘Maintaining soil health for sustainable fruit production’ organized
ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Farmer-Scientist meeting on the topic ‘Maintaining soil health for sustainable fruit production’ under Azadi ka Amrit Mahotsav on 26 th August, 2022. On this occasion, Dr. N. P. Singh, Hon’ble Vice Chancellor, Banda University of Agriculture and Technology, Banda, Uttar Pradesh was the Chief Guest. Dr. Singh emphasized on the role of better soil health, balanced fertilizer use, and integrated nutrient management for the higher production of fruits and other horticultural crops while addressing the farmers and CISH staff. He exhorted the farmers to get their soils tested and use the manures and fertilizers based on Soil Health Card report. He observed that judicious nutrient management not only enhances the fruit yield and quality but also reduces the cost of production to a considerable extent while also minimizing the environmental pollution due to overuse of chemical fertilizers. Earlier, Dr. (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR- CISH welcomed the Chief Guest and the farmers, and presented an overview of the activities being carried out under Azadi ka Amrit Mahotsav at ICAR-CISH, Lucknow. On this occasion, some expert lectures were also presented for enhancing the knowledge and skill of the farmers. Dr. P. L. Saroj discussed about the prospects of commercial fruit cultivation in degraded lands. Dr. S. K. Shukla informed the gathering about improved cultivars and production technologies for sustainable mango cultivation. Dr. Dinesh Kumar discussed the role of integrated and precision nutrient management in augmenting the fruits yields and farmers’ incomes. Dr. P. K. Shukla delivered a talk on integrated insect-pest and disease management in mango. On this occasion, an Memorandum of Understanding was also signed between ICAR- CISH, Lucknow and BUA&T, Banda for strengthening the research collaboration in subtropical fruit crops. This program was attended by about 120 participants including about 80 SCSP beneficiary farmers who were also provided with grafted plants of Arunika mango variety for planting in their kitchen gardens. The program was coordinated by Dr. Karma Beer, Dr. Anshuman Singh and Dr. Vishambhar Dayal. Event Date:- 26-08-2022 |
150. Plant distribution program under Scheduled Castes Sub-Plan
भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ द्वारा दिनांक 26/08/2022 को “सतत फलोत्पादन हेतु मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन” पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अनुसूचित जाति उपयोजना के 70 किसानों ने भाग लिया इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि पेड़ एवं पौधे मानव जीवन में बहुत उपयोगी भूमिका निभाते हैं वातावरण को शुद्ध रखने और संतुलन बनाए रखने में पेड़ पौधों का अहम योगदान रहता है। जिस प्रकार मनुष्य को संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार पौधों की वृद्धि और विकास के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व तथा खनिज की आवश्यकता होती है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स ऐसे पोषक तत्व है जो पौधों को पोषण की आपूर्ति करते हैं और उन्हें विकसित करने में उपयुक्त मात्रा में खाद उर्वरक तथा पोषक तत्व की आवश्यकता होती है जैसे नाइट्रोजन,पोटेशियम, फास्फोरस,कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फरऔर आदि पोषक तत्व की उपयोगिता के बारे में अवगत कराया। डॉ. विशम्भर दयाल,वैज्ञानिकफसल सुधार प्रभाग एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना ने संस्थान द्वारा विकसित आम की प्रजाति अंबिका तथा अरूणिका की विशेषताओं का उल्लेख किया उन्होंने बताया कि यह फल सुंदर होने के साथ-साथ खाने में स्वादिष्ट एवं पौष्टिकता से भरपूर है इस अवसर पर भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ की निदेशक डॉ नीलिमा गर्ग तथा डॉ. विशम्भर दयाल, के तत्वाधान में सीआईएसएच द्वारा विकसित अंबिका (500) एवं अरूणिका (500) के पौधों का वितरण किया। इसके अलावा आम्रपाली, लंगड़ा, चौसा, मल्लिका, तथा सीआईएसएच द्वारा विकसित अमरूद की प्रजाति धवल ( 300) के पौधे वितरित किए गए। कार्यक्रम को सफल बनाने में तथा पौध वितरण में वीरेंद्र कुमार गौतम तथा मोहम्मद शादाब ने भूमिका निभाई।कार्यक्रम का आयोजन संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के दिशा निर्देशों पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. विशम्भर दयाल ने किया। Event Date:- 26-08-2022 |
151. Farmer – scientist interaction cum Kisan Gosthi
किसान-वैज्ञानिक संवाद सह किसान गोष्ठी भा.कृ.अ.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने 20 अगस्त, 2022 को नैबस्ती धनेवा, मलिहाबाद, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में किसान-वैज्ञानिक संवाद सह किसान गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में डॉ. दुष्यंत मिश्र, डॉ. नरेश बाबू, डॉ. भारती किल्लाड़ी, डॉ. तरुण अदक और अरविंद कुमार ने सक्रिय रूप से भाग लिया। गोष्ठी में किसानों के साथ संवाद किया गया और सभी ने उत्साह से भाग लिया। आम के बागों में थ्रिप्स की समस्या और इसका नियंत्रण उत्पादकों के लिए गंभीर चुनौती के रूप में सामने आया। वैज्ञानिकों ने कीड़ों और रोग प्रबंधन, पोषक तत्व प्रबंधन बेहतर गुणवत्ता वाले फल प्राप्त करने के लिए बागों के जिर्णौधार पर चर्चा की। किसानों की आय बढ़ाने के लिए एप्पल बेर की खेती जैसे फल विविधीकरण की भूमिका पर चर्चा की गई। किसानों और खेतिहर महिलाओं ने आम के बगीचों में हल्दी, अदरक को अंतरफसल के रूप में उगाने में रुचि दिखाई। किसानों को जामुन,आंवला,पपीता और नींबू की भी खेती के लिए प्रेरित किया गया। तुड़ाई उपरांत प्रसंस्करण के महत्व और फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन पर विस्तार से चर्चा की गई। महिलाओं ने तुड़ाई उपरांत प्रशिक्षण में रुचि दिखाई बातचीत का माहौल ऊर्जावान था। लगभग चालीस युवा लड़कियों और लड़कों, वृद्ध महिलाओं और पुरुषों ने से गोष्ठी में भाग लिया। वैज्ञानिक अमरूद की खेती, पपीते की खेती, कीट प्रबंधन, पुराने आम के बागों का कटाई-छटाई आदि के हिंदी साहित्य कृषक समुदाय के बीच वितरित किए गए। वास्तविक समयबद्ध कृषि सलाहकार और पालन किए जाने वाले आवश्यक प्रबंधन प्रोटोकॉल भी वितरित किए गए। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादकों को जागरूक करने के लिए सी.आई.एस.एच.-बायोएनहांसर का वितरण किया गया। सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किसान गोष्ठी का समापन किया गया। किसान गोष्ठी का आयोजन डॉ. तरुण अदक ने किया था। ICAR-CISH was organized A farmer – scientist interaction cum kisan gosthi at Naibasti Dhaneva, Malihabad, Lucknow, UP on 20th August, 2022. Dr. Dushyant Mishra, Dr. Naresh Babu, Dr. Bharti Khiladi, Dr. Tarun Adak and Arvind Kumar actively participated in the programme. Interaction with the farmers was held and they enthusiastically participated in the gosthi. Problems of thrips in mango orchards and its control appeared as serious challenge for growers. Scientists discussed on the insects and disease managements to be followed, nutrient practices, rejuvenation of orchards for getting better quality fruits. The role of fruit diversification like cultivation of apple ber, was discussed for enhancing farmers income. Farmers and farm women’s shown interest in growing of turmeric, ginger as intercrops in the interspaces of mango orchards. Farmers were motivated to grow Jamun, aonla, papaya, and lemon as well. Importance of post harvest processing and value addition of fruits and vegetables were discussed in detailed. Women have shown interest in post harvest training. The interaction environment was energetic. About forty young girls and boys, old women and men took part in the gosthi sincerely. Hindi literatures of scientific guava cultivation, papaya cultivation, pest management, rejuvenation of old mango orchards etc. were distributed among the farming community. Real time bound agroadvisory and essential managemental protocol to be followed was also distributed. CISH-bioenhancer was distributed to sensitize growers to encourage organic cultivation. The kisan gosthi was concluded with vote of thanks to all the participants. The kisan gosthi was organized by Dr. Tarun Adak. Event Date:- 20-08-2022 |
152. kisan gosthi organized at Tiknakheda, Malihabad
तिकोना खेड़ा, मलिहाबाद में किसान गोष्ठी का आयोजन भा.कृ.अ.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने 18 अगस्त, 2022 को टिकनाखेड़ा, मलिहाबाद,में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. दुष्यंत मिश्र, डॉ. नरेश बाबू, डॉ. भारती किल्लाड़ी,डॉ. तरुण अदक और अरविंद कुमार ने सक्रिय रूप से भाग लिया। लगभग चालीस युवा लड़कियों और लड़कों,महिलाओं और पुरुषों ने गोष्ठी में भाग लिया। गोष्ठी में किसानों के साथ संवाद किया गया और सभी ने उत्साह से भाग लिया। आम के बगीचों में कम उत्पादकता, आम के पेड़ों का सूखना, पानी की कमी, जाला किट और अन्य कीट नियंत्रण की समस्याएं उत्पादकों के लिए गंभीर चुनौती बनकर उभरीं। वैज्ञानिकों ने अधिक फल उपज प्राप्त करने के लिए बाग प्रबंधन पर चर्चा की। गुणवत्तापूर्ण फल उत्पादन के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन पर भी चर्चा की गई। कम पानी से उपज प्राप्त करने के लिए चावल की खेती में सिस्टम राइस इंटेंसिफिकेशन (S.R.I.) तकनीक का सुझाव दिया गया। कम अवधि में मौसमी आय में सुधार लाने के लिए किसानों को फूल उगाने के लिए प्रेरित किया गया। शूट गाल सिला, आम का तना भेदक, फल भेदक, जाला कीट और अन्य बीमारियों के नियंत्रण उपायों पर भी चर्चा की गई। बरसात के दिनों में किसानों को बरसात का पानी इकट्ठा करने की सलाह दी गई। गुणवत्तापूर्ण फल प्राप्त करने के लिए फलों के विकास के चरणों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करने का सुझाव दिया गया। महत्वपूर्ण फलों की विकास और वृद्धि जल संरक्षण और मल्चिंग के माध्यम से भी चर्चा की गई। आय और पोषण सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभिन्न सब्जियों को उगाने का सुझाव दिया गया। किसानों को समूहों में काम करने और अधिक लाभ के लिए एफ.पी.ओ. के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उत्पादकों को जागरूक करने के लिए सी.आई.एस.एच.- बायोएनहांसर का वितरण किया गया। कटाई उपरांत प्रसंस्करण की भूमिका और फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन पर विस्तार से चर्चा की गई। ग्रामीण परिवार के पोषण में सुधार के लिए किसानों को अपनी भूमि में शह्जन और आंवला जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। महिलाओं ने तुड़ाई उपरांत प्रशिक्षण में रुचि दिखाई है। बातचीत का माहौल बहुत ऊर्जावान था। वैज्ञानिक अमरूद की खेती, आंवला की खेती, पुराने आम के बागों का कटाई-छटाई, कीट प्रबंधन आदि के हिंदी साहित्य कृषक समुदाय के बीच वितरित किए गए। वास्तविक समयबद्ध एग्रोएडवाइजरी और पालन किए जाने वाले आवश्यक प्रबंधन प्रोटोकॉल को भी वितरित किया गया। सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ किसान गोष्ठी का समापन किया गया। किसान गोष्ठी का आयोजन डॉ. तरुण अदक ने किया था। ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Kisan Goshthi on 18th August, 2022 at Tiknakheda, Malihabad. Dr. Dushyant Mishra, Dr. Naresh Babu, Dr. Bharati Killadi, Dr. Tarun Adak and Arvind Kumar actively participated in the programme. About forty young girls and boys, women and men took part in the gosthi sincerely. Interaction with the farmers was held and they enthusiastically participated in the gosthi. Problems of low productivity in mango orchards, wilting of mango trees, lack of water availability, leaf webber and other pest control emerged as serious challenge for growers. Scientists discussed on the orchard management for getting higher fruit yields. Micronutrient management for quality fruit production was also discussed. System Rice Intensification (S.R.I.) technology in rice cultivation for getting yield with low water was suggested. Farmers were motivated to grow of flowers to increase alternate income in short duration. Control measures for shoot gall psylla, trunk borer, fruit borer, leaf webber and other diseases were discussed as well. During rainy season, farmers were advised to collect/harvest rainy water. Spraying of micronutrients for mango stage at marble and fruit developmental stages were suggested to get quality fruit. Water conservation at critical fruit growth and developments through mulching was also discussed. To enhance income and nutritional security, growing of various vegetables was suggested. Farmers were encouraged to work in groups and also to adopt FPO for more benefit. CISH-bioenhancer was distributed to sensitize growers to encourage organic cultivation. Role of post harvest processing and value addition of fruits and vegetables were discussed in detailed. Farmers were encouraged to add moringa and aonla in their land holding for improving nutrition of rural family. Women have shown interest in post harvest training. The interaction environment was very energetic. Hindi literatures of scientific guava cultivation, aonla cultivation, rejuvenation of old mango orchards, pest management etc. were distributed among the farming community. Real time bound agroadvisory and essential managemental protocol to be followed was distributed as well. The kisan gosthi was concluded with vote of thanks to all the participants. The kisan gosthi was organized by Dr. Tarun Adak. Event Date:- 18-08-2022 |
153. ICAR-CISH Organized Hindi Workshop
भा.कृ.अ.प. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में हिंदी कार्यशाला का आयोजन| भा.कृ.अ.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की निदेशक एवं राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अध्यक्ष डॉ.(श्रीमती) नीलिमा गर्ग की अध्यक्षता में दिनांक 18-08-2022 को एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे गाजर घास का उन्मूलन विषय पर व्याख्यान डॉ.सुशील कुमार शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक (बागवानी) द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें गाजर घास के भारत में आगमन उसके हानिकारक प्रभाव तथा इसके उन्मूलन हेतु यांत्रिक,रासायनिक एवं जैविक विधियों दवारा घास को नष्ट करने पर विस्तृत जानकारी से उपस्थित प्रतिभागियों को लाभान्वित किया गया| कार्यशाला में संस्थान के 40 वैज्ञानिको/अधिकारियो/कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया तथा कार्यक्रम का समन्वयन अरविन्द कुमार,नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया| Event Date:- 18-08-2022 |
154. Independence Day 2022
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में स्वतंत्रता दिवस का आयोजन देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ में दिनांक 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया जिसमें संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ देश के राष्ट्रगान के साथ हुआ इस अवसर पर देश की स्वतंत्रता के लिए शहीद हुए सैनिकों को याद किया गया। तत्पश्चात संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग ने संस्थान के अनुसंधान एवं विकास में हुई प्रगति और संस्थान द्वारा किसानों के हित के लिए किये गए कार्यो काउल्लेख किया। अंत में कार्यक्रम का समापन पौध लगा कर किया गया Event Date:- 15-08-2022 |
155. On the occasion of the 75th anniversary of independence,
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान कार्यक्रम स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर पूरे वर्ष भर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम पूरे देश में गरिमामय ढंग से मनाया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक (Special Movement) हर घर तिरंगा का आयोजन किया जा रहा है! हर घर तिरंगा आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में लोगों को तिरंगा घर लाने और भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए इसे फहराने के लिए और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान है। ध्वज के साथ हमारा संबंध हमेशा व्यक्तिगत से अधिक औपचारिक और संस्थागत रहा है। स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में एक राष्ट्र के रूप में ध्वज को सामूहिक रूप से घर लाना इस प्रकार न केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध का एक कार्य बल्कि राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन जाता है। प्रधानमंत्री की इस पहल के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर भा.कृ.अ.प.केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान,लखनऊ ने दिनांक १० अगस्त २०२२ को हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमे संस्थान के वैज्ञानिक,अधिकारियों,कर्मचारियों और किसानों ने हिस्सा लिया! संस्थान की निदेशक डॉ.नीलिमा गर्ग ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के मन में राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करना तथा राष्ट्र ध्वज के प्रति सम्मान का भाव जगाना है। इस कार्यक्रम में सम्मलित संस्थान द्वारा चलाए जा रहे फार्मर फर्स्ट परियोजना और अनुसूचित उप योजना के २०० से अधिक किसानो को तिरंगा और पौध वितरण किया गया। इस दौरान प्रदीप शुक्ल के द्वारा वंदे मातरम गीत की प्रस्तुति की गई और अंत में सभी ने राष्ट्रगान गा कर कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम का समन्वय श्री राहुल भट्ट द्वारा किया गया। Event Date:- 10-08-2022 |
156. Plant and seed distribution program under Scheduled Caste sub-plan, under Azadi ka Amrit Mahotsav
अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वाधान में पौध व बीज वितरण कार्यक्रम स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ द्वारा दिनाँक 10/08/2022 को पौध व बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अनुसूचित जाति उपयोजना के 100 किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग और फसल सुधार प्रभाग के वैज्ञानिक एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. विशम्भर दयाल के द्वारा अनुसूचित जाति उप योजना के किसानों को लघु व वृहद स्तर पर व्यवसायिक उद्देश्य से बाग लगाने वाले इच्छुक किसानों को 3000 आम के पौधे (आम्रपाली, लंगड़ा, चौसा, मल्लिका) 3500 अमरुद के पौधे (ललित, श्वेता, धवल, लालिमा) तथा सब्जियों का बीज जैसे लौकी, सेम, राजमा, भिंडी, पालक, मूली, लोबिया आदि, किट एवं फ्रूट फ्लाई ट्रैप किसानों को वितरित करके शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. विशम्भर दयाल ने सभागार में उपस्थित वैज्ञानिक,अधिकारियों,कर्मचारियों तथा किसानों को एससएसपी उपयोजना का उद्देश्य, उपयोजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों तथा किसानों को वृहद स्तर पर खेती एवं बागवानी को करवाकर उनके आर्थिक स्तर पर अधिक सार्थक, उन्नतशील, आत्मनिर्भर तथा किसानों और उनके मध्य आने वाली गरीबी की रेखा को मिटाकर उनको वित्तीय स्तर पर आर्थिक संपन्न बनाना है। डॉ. विशम्भर दयाल एवं उनकी टीम (वीरेन्द्र कुमार गौतम मोहम्मद शादाब) ने कार्यक्रम का आयोजन संस्थान की निदेशक डॉ.नीलिमा गर्ग के दिशा निर्देशों पर किया। Event Date:- 10-08-2022 |
157. NMC Mango Exhibition 2022
Under the guidance and supervision of Director (I/c) Dr. Neelima Garg, ICAR-CISH participated in ‘Media Mango Exhibitions’ organized by National Media Club at Moti Jheel, Kanpur on July 14, 2022 and at Western Court Annexe, Janpath Road, New Delhi on July 27, 2022. Kanpur ‘Media Mango Exhibition’ was inaugurated by honorable Former Governor of Uttarakhand and Cabinet Minister, Baby Rani Maurya.honorable Minister of State, Shri Sanjay Gangwar; honorable Minister of State, Smt. Pratibha Shukla and honorable Mayor, Smt. Pramila Pandey were also present on the occasion along with various other dignitaries. During the exhibition, all the honorable Ministers and various other dignitaries visited ICAR-CISH stall where about 100 mango varieties and hybrids and 10 mango based products were displayed. New Delhi ‘Media Mango Exhibition’ was inaugurated by Parshottam Rupala, honorable Union Cabinet Minister of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying, Govt. of India. Other Cabinet Ministers and Ministers of State viz., Shri Narayan Tatu Rane, honorable Minister of Micro, Small and Medium Enterprises; Shri Gajendra Singh Shekhawat, honorable Minister, Ministry of Jal Shakti; Shri Ajay Bhatt, honorable Minister of State in the Ministry of Defence and Ministry of Tourism; Shri Rameswar Teli, honorable Minister of State in the Ministry of Petroleum and Natural Gas and Ministry of Labour and Employment; Dr. Subhas Sarkar, honorable Minister of State in the Ministry of Education also visited the mango exhibition. Besides, several Member of Parliament and other dignitaries visited the mango exhibition. ICAR-CISH displayed ;200 mango varieties and hybrids and 15 mango based products during the exhibition. Dr. Ashish Yadav, Principal Scientist (Horticulture) briefed honorable Ministers and other dignitaries about the mango varieties, hybrids and mango based value added products displayed during the ‘Media Mango Exhibitions’ at Kanpur and New Delhi especially about Ambika and Arunika mango varieties developed by ICAR-CISH. The showcasing of mango includes several commercial varieties, released mango hybrids of the country, farmers’ varieties, exotic varieties and hybrids underevaluation which will be future mango varieties. Event Date:- 27-07-2022 |
158. ‘National Webinar on Disaster Management in Horticultural Crops’
Under the ongoing Azadi ka Amrut Mahotsav, ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture (CISH), Lucknow in collaboration with National Institute of Disaster Management (NIDM), Delhi organized a ‘National Webinar on Disaster Management in Horticultural Crops’ on 26th July, 2022 at 2:30 PM with the aim to sensitize the horticultural fraternity and other stakeholders about vulnerabilities and hazards facing Indian horticulture industry due to natural disasters and the pathways to develop disaster resilient horticultural systems. Dr. Neelima Garg, Director, ICAR- CISH, Lucknow welcome the Chief Guest, speakers and participants. Dr. Garg highlighted the different types of disasters that affects the subtropical fruits and mentioned the issues related to futuristic food security. Chief Guest of the webinar Dr. Anand Kumar Singh, DDG (Horticulture) addressed the webinar. During the talk he explained that how disasters can impact the disruption of supply chain and transportation of horticultural produce. DDG highlighted the ill effect of climate change and occurrence of cyclone which can badly impact subtropical fruit crops. He suggested that focus must be on climate resilient crops so that they can adopt themselves to the climatic disruption. Keynote speaker of the webinar Prof. Anil Kumar Gupta, Professor, NIDM, Delhi highlighted the global scenario of the disasters and talk on current IPCC report. He suggested that our efforts towards climate change have been inadequate and the abrupt impact has been observed in the land, weather, productivity and food processing system. He talks on current journey of SDGs which will end in 2030, therefore, we should talk about the post SDG condition where we are going to face the new challenges and solve them with new technologies. Dr. A. K. Trivedi, Principal Scientist, talk on risk and challenges of different subtropical fruits. He also suggested the mitigation strategies and supporting role of orchards to combat the ill effects of disasters. Dr. Rocky Thokchom, Assistant Prof. FGI, Manipur highlighted on disaster management in horticultural crops, he also raised the concerned on disasters affected sectors whose activities are adversely affected by weather change that results the huge economic losses and disruption of livelihood security. The Webinar was attended by 110 participants and programme was coordinated by Dr. Karma Beer, Scientist, ICAR- CISH, Lucknow and Dr. Sweta Baidya Consultant, ECDRM, NIDM, New Delhi. Event Date:- 26-07-2022 |
159. Capacity building programme on Funding Opportunities for Entrepreneurs through BIRAC under BIG Scheme
“उद्यमियों के लिए बीआईआरएसी के अंतर्गत बीआईजी योजना के तहत वित्तपोषण के अवसर” पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम भा.कृ.अ.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा 25 जुलाई 2022 को स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इन्नोवेशन सेंटर (एसआईआईसी), आईआईटी कानपुर के सहयोग से “उद्यमियों के लिए बीआईआरएसी के अंतर्गत बीआईजी योजना के तहत वित्तपोषण के अवसर” पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के जरिए उद्यमियों को जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), भारत सरकार की जैव प्रौद्योगिकी इग्निशन अनुदान (बीआईजी) योजना के बारे में बताया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भा.कृ.अ.प.- कें.उ.बा.सं. के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख अन्वेषक, एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन केंद्र,डॉ.मनीष मिश्रा द्वारा की गई। उन्होंने भारत में उद्यमिता के प्रगतिशील परिदृश्य की वर्तमान स्थिति पर बोलते हुए कहा किवित्तीय अनुदान किसी भी स्टार्टअप की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भा.कृ.अ.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की निदेशिका, डॉ. नीलिमा गर्ग ने जमीनी स्तर पर बागवानी में उद्यमशीलता और इसके परिस्थितिक तंत्र को मजबूत और समर्थन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि आजकल छोटे पैमाने के उद्यमियों के लिए अनुदान के पर्याप्त अवसर हैं और उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत दिए जाने वाले वित्त पोषित अनुदान का लाभ उठाना चाहिए। कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता, सुश्री रोहिणी चावला, प्रबंधक, जैव कार्यक्रम, एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर ने बीआईआरएसी की जैव प्रौद्योगिकी इग्निशन अनुदान (बी आई जी) योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह योजना स्टार्टअप्स, शोध विद्यार्थियों,अन्वेषकों, वैज्ञानिकों, शैक्षणिक संकाय-सदस्यों तथा तकनीकी कर्मचारियों के लिए अनुदान का एक अच्छा स्रोत है जिसके जरिए वे रु. पचास लाख तक की राशि के अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सुश्री चावला ने बताया कि इस योजना में आवेदन करने वाले इच्छुक आवेदकों की सहायता के लिए एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर का पूरा दल सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस कार्यक्रम में कुल 34 प्रतिभागियों ने हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में भाग लिया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. शरद वर्मा, एबीआई, भा.कृ.अ.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ और एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर से सुश्री मानस्विता पांडे द्वारा किया गया। ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture (CISH), Lucknow organized a capacity building programme for entrepreneurs on “Funding Opportunities for Entrepreneurs through BIRAC under BIG Scheme” in association with Startup Incubation and Innovation Centre (SIIC), IIT Kanpur on 25th July, 2022. Through this webinar, entrepreneurs came to know about the Biotechnology Ignition Grant (BIG) Scheme of Biotechnology Industry Research Assistance Council (BIRAC), Department of Biotechnology (DBT), Government of India. The event was introduced by Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist and Principal Investigator, Agri- Business Incubation (ABI) Centre, ICAR-CISH. He remarked on the current status and progressive scenario of entrepreneurship in India. Dr. Mishra spelt out that a good funding plays a crucial role in the success of any startup. The director of the ICAR-CISH, Dr. Neelima Garg, advocated for supporting and strengthening the horti-entrepreneurship ecosystem at ground level. Small scale startups have ample opportunities of funding now and they should utilize the benefits of various funding schemes of the government, she added. Ms. Rohini Chawla, Manager, Bio-Programs, key speaker from SIIC, IIT Kanpur, detailed about the Biotechnology Ignition Grant (BIG) Scheme of BIRAC. She told that it is a very good source of funding for eligible startups, scholars, innovators, scientists, faculty members and technical staffs through which they can get the benefit of funding up to Rs.50 lakhs. Moreover, SIIC, IIT Kanpur team is ready to assist interested applicants for applying in the scheme. A total of 34 participants attended the webinar in hybrid mode (online and offline). The programme was co-ordinated by Dr. Sharad Verma, ABI, CISH, Lucknow and Ms. Manaswita Pandey from SIIC, IIT Kanpur Event Date:- 25-07-2022 |
160. 26 th meeting of Research Advisory Committee
अनुसंधान सलाहकार समिति की 26वीं बैठक डॉ.एन कुमार, पूर्व कुलपति, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, तमिलनाडु की अध्यक्षता में संस्थान में 22 और 23 जुलाई, 2022 के दौरान संस्थान की अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) की 26वीं बैठक बुलाई गई। आरएसी सदस्य, डॉ. चंदीश बलाल (पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएआईआर, बेंगलुरु), डॉ.जय सिंह (पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-सिपेट, लुधियाना), डॉ.ए.एन. गणेशमूर्ति (पूर्व डीन, कृषि कॉलेज, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय,इंफाल मणिपुर), डॉ. अंबिका बी. गायकवाड़ (प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर-एनबीपीजीआर, नई दिल्ली) ने विचार-विमर्श में भाग लिया। निदेशक महोदय ने पिछली आरएसी की कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। विभागाध्यक्षों ने संबंधित विभाग की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। सदस्य सचिव, आरएसी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। समिति ने संस्थान में चल रहे शोध कार्य की समीक्षा की और भविष्य के शोध कार्य के लिए अपनी सिफारिशें/सुझाव प्रस्तुत किए। 26 th meeting of Research Advisory Committee (RAC) of the Institute was convened during July 22 and 23, 2022 at the institute under the Chairmanship of Dr. N. Kumar, Former Vice Chancellor, Tamil Nadu Agricultural University, Coimbatore, Tamil Nadu. The RAC Members, Dr. Chandish Balal (Ex. Director, ICAR-NBAIR, Bengaluru), Dr. Jai Singh (Ex. Director, ICAR-CIPHET, Ludhiana), Dr.A.N. Ganeshmurthy (Former Dean, College of Agriculture, CAU, Imphal ), Dr. Ambika B. Gaikwad(Principal Scientist, ICAR-NBPGR, New Delhi) participated in the deliberations. Director presented the action taken report of last RAC. Head of Divisions presented achievements of respective Divisions. Member Secretary, RAC presented vote of thanks. The committee reviewed the ongoing research work in the Institute and presented its recommendations/suggestions for future research work. Event Date:- 22-07-2022 |
161. Rural youth will increase income by planting banana nursery
केले की नर्सरी लगा कर आय बढ़ायेगें ग्रामीण युवा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 11-07-2022 को टिशू कल्चर केले के पौधे की सेकेंडरी हार्डनिंग नर्सरी से उद्यमिता विकास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। फार्मर फर्स्ट परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. मनीष मिश्रा ने किसानों को टिशू कल्चर केले के प्राइमरी एवं सेकेंडरी हार्डनिंग नर्सरी से उद्यमिता विकास एवं नर्सरी में लगने वाले रोग, कीट एवं जल प्रबंधन आदि बिंदुओं के बारे में जानकारी दी उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 68000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में केले की खेती होती है। प्रदेश में टिशू कल्चर केले के पौधे की मांग अधिक है, जिसमें कुछ प्रमुख जिले लखीमपुरखीरी, बाराबंकी, फैजाबाद गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज और इलाहाबाद है। संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग ने बताया कि इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है। किसान एवं नवयुवक अपने खेत या बाग में शेड नेट लगाकर केले की सेकेंडरी हार्डनिंग करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस कार्यक्रम में माल प्रखंड के अंगीकृत गांव ढकवा, भानपुर हसनापुर के चयनित 10 ग्रामीण युवाओं को 1000 प्राइमरी अनुकूलित केले के पौध (जी-9 किस्म) दी गयी। इन पौधों को किसान अपने खेतों में सेकेंडरी अवस्था में दशानुकूलित कर केले का पौधा किसानों को बेचेगे। कम समय एवं कम लागत में यह एक अच्छा व्यवसाय साबित होगा। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया। Event Date:- 11-07-2022 |
162. ICAR-CISH participated in Aam Mahotsav-2022
आम महोत्सव-2022 में भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं. की प्रतिभागिता Aam Mahotsav-2022 was organized at Awadh Shilpgram, Lucknow by Department of Horticulture and Food Processing, Government of Uttar Pradesh during July 4-7, 2022.Hon’ble Chief Minister, Government of Uttar Pradesh, Shri Yogi Adityanath ji inaugurated the Aam Mahotsav-2022 and visited ICAR-CISH stall. Hon’ble CM was accompanied by Shri Dinesh Pratap Singh, Hon’ble Minister of State (Independent Charge) Horticulture, Agricultural Marketing, Agricultural Foreign Trade and Agricultural Exports and various other dignitaries. Director (I/c) Dr. Neelima Garg briefed Hon’ble CM about the mango varieties and hybrids displayed during the Aam Mahotsav especially about Ambika and Arunika mango varieties developed by ICAR-CISH which are very high in demand among the farmers and lots of farmers has already planted them in their field. Hon’ble CM interacted with Director (I/c) Dr. Neelima Garg and Dr. Ashish Yadav regarding the development of mango varieties having export potential and quicker transfer of technologies to the mango farmers. Later on, during the program, Shri Dinesh Pratap Singh, Hon’ble Minister of State(Independent Charge) Horticulture, Agricultural Marketing, Agricultural Foreign Trade and Agricultural Exports in his address highly appreciated the contributions of ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture in mango research and development. ICAR-CISH displayed 211 mango varieties and hybrids during Aam Mahotsav-2022.The showcasing of mango includes several commercial varieties, released mango hybrids of the country, farmers varieties, exotic varieties and hybrids under evaluation which will be future mango varieties. Motichoor, Rogini Zarda, Kharbuja, Chattisgarh Nandiraj, Hardil Azeez, Nazuk Badan, Pahilwan, Kuzza Seri, Bhadaiya Gola, Alif Laila, Afeem, Bir Pasand, Dalima, Larankoo, Elaichi, Lahutia etc. are some of the varieties attracting the visitors during Aam Mahotsav. Shri Dinesh Pratap Singh, Hon’ble Minister of State (Independent Charge), Horticulture, Agricultural Marketing, Agricultural Foreign Trade and Agricultural Exports was the Chief Guest during the Valedictory Program of Aam Mahotsav-2022 on July 7, 2022. Hon’ble Minister presented award to CISH stall for displaying highest number of mango varieties. Event Date:- 07-07-2022 |
163. ICAR-CISH inked MoU with M/s. Ranaji Biotech (India) Pvt. Ltd, Kanpur
भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं. और मेसर्स राणाजी बायोटेक (इंडिया) प्रा. लिमिटेड, कानपुर के बीच समझौता ज्ञापन भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं. और मेसर्स राणाजी बायोटेक (इंडिया) प्रा. लिमिटेड, कानपुर के बीच डीकंपोजर (कम्पोस्ट बूस्टर) के व्यावसायीकरण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दिनांक 2 जुलाई, 2022 को हस्ताक्षर किए गए। डॉ. नीलिमा गर्ग, कार्यवाहक निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., श्री बृजेश प्रताप सिंह, निदेशक मैसर्स राणाजी बायोटेक (इंडिया) प्रा. लिमिटेड, डॉ. रवि, एस.सी., प्रभारी, संस्थान प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई (आईटीएमयू) कार्यक्रम में उपस्थित रहे। A Memorandum of Understanding (MoU) has been signed between ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture and M/s. Ranaji Biotech (India) Pvt. Ltd, Kanpur on July 2, 2022 for commercialization of Decomposer (compost booster). Dr. Neelima Garg, Acting Director, ICAR-CISH, Mr. Brijesh Pratap Singh, Director M/s. Ranaji Biotech (India) Pvt. Ltd, Dr. Ravi, SC, ITMU I/c were present at the event. Event Date:- 02-07-2022 |
164. ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organizes Mango fair cum Mango diversity exhibition
भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में आम मेला एवं आम विविधता प्रदर्शनी का आयोजन भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ में दिनांक 28 जून 2022 को आम मेला-2022 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने आम मेला और आम विविधता प्रदर्शनी का उदघाटन किया और अपने संभाषण में किसानों का आह्वान किया कि संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों को अंगीकृत करें तभी वैज्ञानिकों का उत्साह बढेगा और किसानों का लाभ होगा । मुख्य अतिथि ने किसानों की किस्मों के संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों के लिये वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होने आश्वासन दिया कि मेरा प्रयास होगा कि मलिहाबाद क्षेत्र में आम प्रसंस्करण इकाई की शीघ्र स्थापना हो। संस्थान की निदेशक डा नीलिमा गर्ग ने किसानों को संस्थान द्वारा विकसित की गई विभिन्न प्रौद्योगिकियों की चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि क्षेत्र के किसानों के लिये यह संस्थान फल पट्टी क्षेत्र की अंगूठी के नगीने की तरह हैं। इस मेले का उद्देश्य संस्थान की तकनीकों के माध्यम से किसानों की मदद करना हैं। डा. गर्ग ने अपने भाषण में किसानों के लिये क्षेत्र में आम प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। आम विविधता प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य किसानों के बीच में जागरुकता बढाना और उनके द्वारा संरक्षित प्रजातियों का संरक्षण और पंजीकरण करवाना है जिससे किसानों को फायदा मिल सके। उन्होने अपने भाषण में आम के विभिन्न उत्पादों की भी चर्चा की और बताया कि फल प्रसंस्करण क्षेत्र में नवयुवकों के लिए उद्यमिता की असीम संभावनाएं हैं। उन्होने यह भी बताया कि आम विविधता प्रदर्शनी में संस्थान के 250 और विभिन्न किसानों के 350 आम के नमूने/प्रदर्श प्रस्तुत किए गए। आम की विविधता प्रदर्शनी के आलावा आम मेले के मुख्य आकर्षण आम खाने की प्रतियोगिता, आम आधारित व्यंजन प्रतियोगिता, आम के मूल्यवर्धित उत्पादों का प्रदर्शन, आम बागवानों के साथ “आम का तुडाई उपरांत प्रबंधन, मूल्य सम्वर्धन और विपणन” विषय पर किसान गोष्ठी और किसान-वैज्ञानिक परिचर्चा, आम संग्रहालय का भ्रमण और बच्चों के लिये पेंटिंग प्रतियोगिता एवं आम प्रक्षेत्र का तांगा द्वारा भ्रमण रहे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पद्मश्री कलीमुल्लाह खान ने अपने सम्बोधन में आम बागवानों की समस्याओं को रेखांकित करते हुए कहा कि किसान भाई खिले फूलों पर जहरीले रसायन न छिडकें । उन्होंने अपने द्वारा विकसित किस्मों को दिखाते हुए आह्वान किया कि किसान भाई कीड़ो को मारने के दीवाने न हों। सही समय पर सही दवा का सही मात्रा में छिडकाव ही लाभकारी है। इस अवसर पर लखनऊ फार्मर मार्केट की श्रीमती ज्योत्सना हबीबुल्लाह ने अपने स्टाल में आम के विभिन्न व्यंजन प्रस्तुत किये जिसे सभी ने सराहा। उन्होने बताया कि उनके ऑनलाइन प्लेट्फार्म लखनऊ फार्मर मार्केट से 300 से अधिक किसान पूरे देश भर से जुडे हैं और उन्हें वह अवध आम उत्पादक संघ और लखनऊ फार्मर मार्केट के माध्यम से आम एवम उनके उत्पादों के विपणन में मदद करती हैं। मलिहाबाद क्षेत्र के किसान श्री उपेंद्र सिंह ने आम विपणन की सफलता की कहानी साझा की और बताया कि अच्छे रूप रंग क़े कारण रु 250 के आम के 12 फल आसानी से बिक रहे हैं। उन्होने किसानों को थैलाबंदी करने का आह्वान किया। प्रदर्शनी में विभिन्न संस्थानों और उद्यमियों के 20 स्टाल लगाए गए। किसानों के आम के नमूनों में से सर्वोत्कृष्ट नमूनों वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया। आम खाने की और आम पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित गई। तकनीकी सत्र में आम के तुड़ाई उपरांत प्रबंधन, मूल्य संवर्धन और विपणन विषय पर किसान गोष्ठी आयजित की गई। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा संजय सिंह ने की । उन्होने अपने उदबोधन में प्रदेश के विकास के लिये बागवानी फसलों पर जोर देने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के साथ प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र, अवध आम उत्पादक एवम बागवानी समिति, आम उत्पादक संघ, विविध किसान उत्पादक संगठन, माल मलिहाबाद फल सब्जी उत्पादक सहकारी समिति ने भाग लिया। कार्यक्रम में 600 से अधिक किसान, उद्यमी, आम मूल्य श्रंखला सहभागियों ने भाग लिया। Event Date:- 28-06-2022 |
165. International Yoga Day on 21 June, 2022
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2022 भा.कृ.अनु.प. -केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने 21 जून, 2022 को रहमानखेड़ा परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। डॉ. एस.के.शुक्ला (प्राधान वैज्ञानिक) के मार्गदर्शन में सभी वैज्ञानिक और कर्मचारियों ने योग किया। संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग ने योग से होंने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी और ये भी कहाँ की सभी सदस्यों को योग का अभ्यास करना चाहिए। Event Date:- 21-06-2022 |
166. An awareness program on the topic of efficient and balanced fertilizer use in horticulture
बागवानी में दक्ष एवं संतुलित उर्वरक उपयोग विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम दिनांक 21 जून 2022 को संस्थान में बागवानी में दक्ष एवं संतुलित उर्वरक उपयोग विषय पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे लगभग 100 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के सन्देश से हुआ जिसमे उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि यदि किसान भाई अपनी फसल से लाभदायक उत्पादन प्राप्त करना चाहते है, तो वो मृदा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए दक्ष एवं संतुलित उर्वरक उपयोग अवश्य करें इसके लिए उन्होंने कई उदहारण दिए। कार्यक्रम में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दिनेश कुमार ने फलदार बागों में संतुलित उर्वरक उपयोग में मृदा परीक्षण एवं टपक सिंचाई पद्धति के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने मृदा नमूनों को लेने का वैज्ञानिक तरीका भी बताया। प्रभागाध्यक्ष डॉ. राम अवध राम ने बागवानी में फसल अवशेष प्रबंधन द्वारा भूमि उर्वरता के सुधार के बारे में बताया तथा इसके पर्यावरण पर होने वाले सकारात्मक प्रभावों को भी सफलता की गाथा (सक्सेस स्टोरी ) द्वारा दर्शाया। भारत सरकार के मृदा कार्ड योजना के बारे में डॉ. तरुण अदक ने बताया तथा किसानो को इसके लिए प्रेरित किया की वो अपनी भूमियों का कार्ड बनवाएं। संस्थान के अन्य वैज्ञानिक डॉ. गोविन्द कुमार ने बागवानी फसलों में जैव उर्वरकों के उपयोग एवं संस्थान द्वारा विक्सित जैव उर्वरक CISH Biozapher के बारे में किसानो को बताया तथा इसके पैकेट्स भी वितरित किये गए। कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ. दुष्यंत मिश्र ने किया तथा उन्होंने अपने व्याख्यान में बागवानी फसलों में नैनो उर्वरकों के उपयोग, उनसे होने वाले लाभ एवं सावधानियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में किसानो की तकनीकी समस्यों का निराकरण संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का समापन डॉ.रवि द्वारा धन्यवाद ज्ञापन हुआ। Event Date:- 21-06-2022 |
167. ICAR-CISH signed MoU with M/s GT-Biosciences
A Memorandum of Understanding (MoU) has been signed between ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow and M/s GT-Biosciences Pvt Ltd, Nagpur on 20th June, 2022 for commercialization of insect trap technologies. Event Date:- 20-06-2022 |
168. Training Program on Safe Harvesting of Mangoes under Scheduled Caste Sub Plan
अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत आम की सुरक्षित तुड़ाई पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भा.कृ.अनु.प. -केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित दिनांक 18 जून 2022 को “अनुसूचित जाति उपयोजना” के अंतर्गत आम की सुरक्षित तुड़ाई, विकारों की पहचान एवं प्रबंधन पर अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत अंगीकृत गांव सैदापुर खंड माल में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अनुसूचित जाति के 65 किसानों ने भाग लिया इस अवसर पर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फसल सुधार एवं जैव प्रौद्योगिकी प्रभाग के वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना, डॉ. विशम्भर दयाल, फसल उत्पादन प्रभाग के वैज्ञानिक डॉ शरद द्विवेदी, तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रभाग की प्रधान वैज्ञानिक भारती किलाड़ी एवं वैज्ञानिक डॉ कर्म बीर कार्यक्रम में उपस्थित थे । प्रधान वैज्ञानिक भारती किलाड़ी ने बताया कि प्रायः आम में गलता रोग लग जाता है इसके निदान के लिए तुड़ाई से 1 महीने पहले कैल्शियम क्लोराइड डाईहाइड्रेट @ 2% को 10 दिन के अंतराल में तीन बार छिड़काव करने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है । छिड़काव करने के पश्चात थैलाबंदी करने से फल की स्वछता एवं गुणवत्ता बनी रहती है। डॉ शरद कुमार द्विवेदी ने किसानों को आम के दैहिक विकारों की पहचान, तथा उनके लक्षण जैसे आम के कोईली विकार की पहचान एवं प्रबंधन, आम के फटने की समस्या एवं उसका निवारण, आम में ऊतक गलन आदि बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक किसानों को संबोधित किया। डॉ. कर्म बीर वैज्ञानिक (तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रभाग) ने आम की फसल से संबंधित कई अहम बिंदुओं जिसे फसल की तुड़ाई में सावधानियां,आम को सुरक्षित पकाने की विधि, आम के सुरक्षित भंडारण तथा विपणन के बारे में किसानों को बताया । डॉ. कर्म बीर की टीम द्वारा विकसित सीआईएसएच राइपनर को किसानों में वितरित किया गया तथा इसके उपयोग की विधि, विशेषताओं के बारे में अवगत कराया गया । सीआईएसएच राइपनर के प्रयोग से पकने वाले आम का सेवन करना स्वास्थ्य के प्रति हानिरहित है । कार्यक्रम में उपस्थित योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को डॉ. विशम्भर दयाल (नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उपयोजना) कें.उ. बा.सं. द्वारा विकसित आम तोड़क यन्त्र वितरित किया। अंत में डॉ. विशम्भर दयाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए किसानों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग के दिशानिर्देश पर आयोजन किया गया। क्षेत्र सहायक वीरेंद्र कुमार एवं मो. शादाब की प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. विशम्भर दयाल एवं डॉ शरद कुमार द्विवेदी ने किया Event Date:- 18-06-2022 |
169. Scientist, ICAR-CISH visited marigold field of farmers
अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत गेंदे की खेती कर रहे किसानों का क्षेत्र भ्रमण भा.कृ.अनु. प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ द्वारा दिनांक 13/06/2022 को वैज्ञानिक डॉ विशंभर दयाल (नोडल अधिकारी अनुसूचित जाति उप-योजना) काकोरी प्रखंड से अंगीकृत गांव करझन से व्यवसायिक गेंदे की खेती कर रहे किसानों के खेत का भ्रमण किया इस अवसर पर डॉ विशंभर दयाल ने किसानों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर व्यवसायिक गेंदे की खेती से संबंधित अनुभव पर विचार विमर्श किया तथा गेंदा फूल के विपणन पर प्रकाश डाला एवं किसानों से गेंदे की खेती में खाद एवं उर्वरको का प्रयोग कब और कितनी मात्रा में किया गया व कीट प्रबंधन एवं रोगमुक्त गेंदे की फसल के उत्पादन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। आईसीएआर सीआईएसएस द्वारा विकसित CISH फसलशक्ति (सूक्ष्म पोषक तत्व) का प्रयोग के प्रभाव पर किसानों की राय ली। किसानों ने बताया पिछली बार के मुताबिक इस बार अधिक मुनाफा कमाया गया एवं आगे भी गेंदा फूल का विपणन हो रहा है अनुसूचित जाति उपयोजना द्वारा प्रदान की गई सहायता से गेंदा फूल की खेती कर रहे किसानों के मुख पर एक प्रसन्नता की लहर साफ झलक रही थी। जिससे प्राप्त होने वाले लाभ से उनके आर्थिक रूप से उन्नत होने में काफी मदद मिलेगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा संचालित अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत 150 से अधिक अनुसूचित जाति के किसानों को संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग तत्ववाधान गेंदा फूल का बीज वितरित किया गया था। गेंदे की खेती क्षेत्र सहायक वीरेंद्र कुमार एवं मो. शादाब की सक्रिय सहभागिता से उप योजना के अंतर्गत कार्यवयन सुचारू रूप से किया जा रहा है। Event Date:- 13-06-2022 |
170. ICAR-CISH celebrated 39th Foundation Day
भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा में 39वां स्थापना दिवस का आयोजन दिनांक 1 जून 2022 को भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ ने अपना 39वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया । इस अवसर पर “आम का तुड़ाई उपरांत प्रबंधन” विषय पर एक किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश के उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने संस्थान के “प्रौद्योगिकी संग्रहालय” का उदघाटन किया । इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की सराहना की लेकिन इन प्रौद्योगिकियों को सरल हिन्दी भाषा छपवाकर प्रसार पत्र या फोल्डर को ग्राम प्रधानों के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। संस्थान द्वारा जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र मेन विकसित तकनीकों, फलों की नई नई क़िस्मों, जीर्णोद्धार तकनीक, उपेक्षित फलों और अन्य कार्यों/उपलब्धियों की भूरि भूरि प्रशंसा की । मलिहाबाद क्षेत्र की विधायक माननीय श्रीमती जय देवी भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं । इस अवसर पर अनुसूचित जाति परियोजना के लाभार्थियों को किट का वितरण किया गया। इस किट में किसानों को 1 आम तोड़क यंत्र, शूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण और जैव उत्प्रेरक दिया गया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक डा नीलिमा गर्ग ने संस्थान के प्रारम्भ से लेकर आज तक की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संस्थान द्वारा विकसित आम, अमरूद, बेल, जामुन आदि फलों की संस्थान द्वारा विकसित नवीनतम क़िस्मों, फल उत्पादन, सुरक्षा और तुड़ाई उपरांत प्रबंधन और परिरक्षण द्वारा विकसित विभिन्न मूल्य संवर्द्धित उत्पादों की चर्चा की । उन्होंने बताया कि आज का संस्थान 4 सितंबर 1972 को एक आम अनुसंधान केंद्र के रूप में प्रारम्भ किया गया था जिसे 1 जून 1984 को एक पूर्ण संस्थान का दर्जा मिला । प्रारम्भ में यहाँ केवल आम पर शोध होता था लेकिन आजकल आम, अमरूद, आंवला, बेल, जामुन के साथ अन्य उपक्षित फलों और सब्जियों पर भी शोध हो रहा है । सस्न्थान के द्वारा विकसित आम की अंबिका और अरुणिकाकिसमे किस्में, अमरूद की श्वेता, ललित, धवल और लालिमा किस्में , बेल की सी आई एस एच बी-1, सी आई एस एच बी-2 किस्में और जामुन की जामवंत और जे -42 किस्में देश के विभिन्न क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय हो रही हैं । संस्थान द्वारा विकसित आम की जीर्णोद्धार तकनीक को भी ही संशोधित कर उससे जुड़ी किसानों की समस्याओं का निवारण किया गया । नवीनतम तकनीक में किसानों को आम के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया धीरे- धीरे 2-2 शाखाओं को ठूंठ छोड़ते हुए काटकर तीन वर्ष में पूरा किया जाता है और किसानों को जीर्णोद्धार के दौरान फल उपज भी लगातार मिलती रहती है । उन्होने अपने भाषण में आम बागवानों की समस्याओं की चर्चा के साथ साथ संस्थान द्वारा जैविक खेती और प्राकृतिक खेती पर संस्थान द्वारा विकसित तकनीक की भी चर्चा की । संस्थान द्वारा फलों के प्रवर्धन तकनीक विकसित की गयी हैं और संस्थान की पौधशाला में फलों के कलमी पौधे उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं इस अवसर पर बोलते हुए संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा पी एल सरोज ने संस्थान के प्रौद्योगिकी संग्रहालय के बारे में विस्तृत चर्चा की । इस संग्रहालय में संस्थान की सभी तकनीकों को विभिन्न विधियों/मॉडल/प्रदर्श द्वारा प्रदर्शित किया गया है । संस्थान द्वारा शहरों में फलों की कंटेनर में खेती एवं सब्जियों की ऊर्ध्वाधर खेती हेतु विभिन्न मॉडल विकसित किए गए हैं जोकि विक्री के लिए भी उपलब्ध हैं । इस अवसर पर किसान गोष्ठी में राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के निदेशक डा पंकज त्रिपाठी, डा विशाल नाथ, डा अनिल वर्मा ने विविध विषयों पर किसानों को संबोधित किया । कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों के अलावा क्षेत्र के लगभग 100 किसानों ने भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन डा अंजू बाजपेई ने किया । कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डा देवेंद्र पाण्डेय द्वारा दिया गया । Event Date:- 01-06-2022 |
171. Visit of Sh Ravindra Jaiswal, Minister of State, Stamp and registration to ICAR-CISH
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में श्री रवींद्र जायसवाल, राज्य मंत्री, स्टाम्प एवं पंजीकरण का भ्रमण Sh Ravindra Jaiswal. Hon’ble Minister of State, Stamp, Registration and Court fee of Govt of Uttar Pradesh visited the Rehmankhera campus of ICAR-CISH, Lucknow. He was welcomed by Dr Neelima Garg, the Director of the Institute along with the team of scientists. Dr Garg took him a round of the farm and showed processing laboratory and all the processed fruit products. Sh Jaiswal was overwhelmed with joy seeing the institute technologies and products. He appreciated the efforts made by the Institute especially in the field of value addition and processing of subtropical fruits. He tasted the products and emphasized the need for their commercialization. He also assured that he would make the efforts to involve various ministries of govt of Uttar Pradesh to strengthen the processing industry of Uttar Pradesh. He also asked the Institute scientists to visit the Varanasi and Mirzapur area and explore the possibilities for commercialization of nursery, fruit industry and processing industry. He also visited the Rehmankhera farm of the institute and appreciated various technologies like new varieties, rejuvenation technology and above all the valuable germplasm of mango which includes more than 750 varieties/accessions/hybrids from all over the world. Dr Dushyant Mishra explained various activities of the Institute during the field visit. All the heads of divisions and senior Principal Scientists of the Institute participated in the discussion with the minister. Event Date:- 25-05-2022 |
172. Visit of representatives of NGOs and Farmer Producer to ICAR-CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में गैर सरकारी संस्थानों एवं फार्मर प्रोडूसर के प्रतिनिधियों का भ्रमण बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (BIRD ) लखनऊ के माध्यम से देश के विभिन्न भागों से गैर सरकारी संस्थानों एवं फार्मर प्रोडूसर के प्रतिनिधियों ने दिनांक 25 मई 2022 को संस्थान का भ्रमण किया। उनका यह भ्रमण जलवायु अनुकूल कृषि और आजीविका के अवसर (Climate resilient agriculture and livelihood opportunities) योजना के अंतर्गत था। कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान की निदेशक डॉ नीलिमा गर्ग ने प्रतिनिधिमंडल को संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताया तथा उनसे अपने अपने क्षेत्रों में कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण की दिशा में आगे आने के लिए प्रेरित किया तथा इस कार्य में आने वाली तकनीकी समस्यों के समाधान का आश्वासन दिया। इसके उपरान्त , संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक, डॉ राम अवध राम ने जैविक बागवानी की उन्नत तकनीकों से अवगत कराया। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ दुष्यंत मिश्र ने प्रशिक्षणार्थियों की फल उत्पादन से सम्बंधित जिज्ञासाओं का समाधान किया तथा प्रक्षेत्र भ्रमण भी कराया। इस प्रशिक्षण भ्रमण में शामिल हुए 40 अधिकारियों ने संस्थान का आभार जताया। Event Date:- 25-05-2022 |
173. ICAR-CISH, Lucknow organizes interaction dialogue for promoting mango exports
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा आम निर्यात को बढ़ावा देने के लिए संवाद वार्ता का आयोजन ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a farmer-scientist interaction program on May 21, 2022 involving progressive mango growers, scientists and APEDA officials for identifying and addressing the gaps stalling mango exports from Uttar Pradesh with focus on Dashehari mango. This program was organized under Amrit Bharat Mahotsav on the theme ‘Atmanirbhar Bharat: One District One product- Local to Global’. On this occasion, Dr. (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH said that Dashehari mango produced in Lucknow and neighboring districts has a vast potential for export. She exhorted the farmers to adopt the best management practices to ensure that their Dashehari fruits meet the global export standards. She assured the mango growers of all possible scientific and technical help in this regard. She also presented an overview of various post-harvest management practices and value-added products in mango for enhancing the farmers’ income. Dr. C. B. Singh, Regional Head, APEDA discussed the role of various pre- and post-harvest practices in enhancing the cosmetic appeal of mango fruits that plays a crucial role in consumer acceptability of the Indian mangoes abroad. He said that proper harvesting, pre-cooling, grading and packaging were critical to ensure competitiveness in mango exports. He requested the farmers to apply only recommended pesticideswhile maintaining pre-harvest interval and maximum residue limit standards. Citing the success story of Zardalu mango exports from Bihar, he was optimistic that Dashehari mango growers will increasingly collaborate with other stakeholders in the mango supply chain- State Horticulture Department, APEDA, testing and certification agencies, pack-houses and exporters etc. to harness the export potential. Er. A. K. Verma, Senior Scientist delivered a lecture on the topic ‘Safe harvesting, ripening and storage practices for promoting mango exports’ and described in detail various post-harvest operations for producing the best quality mangoes for export. Earlier, Dr. R. A. Ram, Head, Crop Production Division welcomed all the participants and informed them about the importance of Atmanirbhar Krishi. He also briefly informed about use and benefits of CISH Bio-enhancer in horticultural crops. On this occasion, CISH Bio-enhancer was provided to the farmers free-of-cost. Some of the farmer participants raised their queries including problems in Horti-net registration which were replied by the concerned speakers. This program was attended by about 50 participants including mango growers and CISH staff. The program was coordinated by Dr. Anshuman Singh, Senior Scientist. Event Date:- 21-05-2022 |
174. Farmers from Bhagalpur district visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में भागलपुर जिले के कृषकों का भ्रमण A group of 9 farmers of ATMA, Bhagalpur visited the Institute on 10.05.2022. The farmers of Zardalu Mango were apprised about plant quarantine procedure, good agricultural practices, safe harvesting, repining and branding of mango etc. They were also visited Mango Pack House, Rehmankhera for mango export. Dr. Anil Kumar Verma co-ordinated the visit program. Event Date:- 10-05-2022 |
175. One Day Webinar on Latest Techniques of Fruit Production and Fruit Processing
फल उत्पादन एवं फल प्रसंस्करण की नवीनतम तकनीक पर एक दिवसीय वेबिनार Join Zoom Meeting https://us02web.zoom.us/j/86849798274?pwd=TEdLeGx1RGdZVU9Dd2hta0ljL085Zz09 Meeting ID: 868 4979 8274 Passcode: 072521 Event Date:- 06-05-2022 |
176. Students of Janta College Bakewar, Etawah, Uttar Pradesh visited ICAR CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में जनता कॉलेज बकेवर, इटावा, उत्तर प्रदेश के छात्रों का भ्रमण A group of 106 students of B.Sc. (Ag) VIII Semester and five faculty members of Janta College Bakewar, Etawah Uttar Pradesh visited the ICAR- Central Institute of Subtropical Horticulture on May 05,2022. During the visit, an interactive session was also organized. Dr. (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH apprised the students of the institute activities and improved varieties of mango, guava, bael and jamun and high density planting of mango and guava. She delivered a lecture on post-harvest management of subtropical fruits and preparation of various value added products of mango, guava, bael, jamun, aonla and other subtropical fruits. Dr. Ashok Kumar, Principal Scientist also delivered lecture on various technologies developed by the institute like grafting methods, rejuvenation technology in mango, canopy management of fruit crops, insect pest and diseases of mango. During interactive session with the scientists, the queries of students were also replied. The students visited the experimental fields. During the visit, Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Dr. Vishambhar Dayal, Scientist discussed espalier architecture, container gardening for growing fruit crops of papaya, guava, pomegranate, bagging methods of mango and guava fruits and polyhouse cultivation. Techniques of high density planting and drip irrigation system in mango were also demonstrated to the students during visit of experimental field. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Dr. Vishambhar Dayal, Scientist coordinated the visit of students. Event Date:- 05-05-2022 |
177. Kisan Bhagidari Prathmikta Hamari Campaign
ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow and it’s Krishi Vigyan Kendra ICAR-CISH, Malda (West Bengal) organized a programme on Kisan Bhagidari Prathmikta Hamari Campaign on April 26-28, 2022. This program was organized under ‘Azadi ka Amrit Mahotsav’ aimed to create mass awareness about Importance of mechanization in production and processing of fruits and vegetables. The programme started with an inaugural address by Dr. (Ms) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Lucknow. The Keynote speaker of the programme Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist, Crop Improvement Division, ICAR-CISH, Lucknow highlighted about increase in income of horticulturists through technology transfer by adopting the genuine planting materials and high yielding cultivars of fruits and vegetable crops. Dr. Anil Kumar Verma, Senior Scientist, told about Importance of mechanization in production and processing of fruits and vegetables. He also demonstrated about mango fruit bagging and told its benefits to farmers. The programme was organized in hybrid mode in which 80 participants participated including scientists, researchers and farmers from Malihabad, Lucknow. The programme was coordinated by Dr. Karma Beer (Scientist). In ICAR-CISH, Krishi Vigyan Kendra, Malda (West Bengal) a farmer’s fair-2022 cum Farmers- Scientist interaction was organized by ICAR-CISH, Krishi Vigyan Kendra, Malda (W.B.) on dated April 26,2022 under theme Kisaan Bhagidari Prathamikta Hamari. In this programme a live telecast of Hon’ble Agriculture Minister & Farmers Welfare was broadcasted to farmers and farm women of Malda District. Farmers- Scientist interaction was held on Natural farming, cultivation of millets, Oils seeds, coconut and Bio-fortified crops coconut with active participation of resource persons from office of Deputy Director (Horticulture), Asst. Director Agriculture (Soil Science), Dr. Dipak Nayak, Sr. Scientist & In-charge, Mr. S. Jaykumar, Coconut Dev. Board, Fulia, Dr. Shailesh Kumar, SMS, Fisheries, Mr. V.V. Diptikar, TO, Mr. Nabin Kr. Das, STA and resource person from MSME, Kolkata, Government of India. A total of more than 300 participants have been benefitted from the program. Event Date:- 28-04-2022 |
178. Farmers from Siwan and Katni district visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., सिवान एवं कटनी जिले के कृषकों का भ्रमण A group of 30 farmers including 3 officials from ATMA, Siwan district of Bihar and another group of 21 farmers including two officials from ATMA, Katni district of Madhya Pradesh visited the Institute on March 30, 2022. Farmers were apprised about Institute’s developed technologies i.e., high density planting of mango & guava, rejuvenation of mango, canopy management, integrated Insect and disease management, Mulching, Protected cultivation of vegetables, container gardening and Espalier gardening of guava. Dr. Ashok Kumar, Principal Scientist, apprised them about cultivation of strawberry in northern plain area during the visit. Technique of wedge grafting in mango was also demonstrated among farmers during visit of experimental field. Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 30-03-2022 |
179. ICAR-CISH, Lucknow organized training on Propagation methods of sub tropical fruits and preparation of commercial products of guava
भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.सं. लखनऊ द्वारा उपोष्ण फलों के प्रवर्धन विधियों एवं अमरूद के वाणिज्यिक उत्पाद तैयार करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ICAR- CISH, Lucknow organized seven days training programme on propagation methods of sub tropical fruits and preparation of commercial products of guava during March 22-28, 2022 for the farmers. Eleven farmers from Sawai Madhopur district of Rajasthan were participated in training. At the outset of programme, Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH underline the importance of propagation methods of subtropical fruits like mango, guava, bael, jamun etc. and scope and establishment of modern nursery, concept of high density plantation and suitable varieties of fruit crops etc aspects that will help in perk up the income of farming communities. She also stressed about the various processed and value added products of fruits to reduce the losses. During the training lectures pertaining establishment of good orchards, production technology, important varieties of guava and mango and its cultivation methods, organic fruit production, high density planting and canopy management, important insect pest and diseases of guava and their integrated management, processing and value addition of fruit crops, identification of maturity of mango and guava , post harvesting methods etc. were given by the scientific faculties of the institute along with field and laboratory visits. This training was sponsored by Deputy Director Agriculture and ex-officio Project Deputy Director, ATMA Sawai Madhopur, Rajasthan. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Vishambhar Dayal, Scientist and Sri Arvind Kumar, ACTO coordinated the programme. Event Date:- 28-03-2022 |
180. गाय आधारित प्राकृतिक खेती विषय पर हिंदी कार्यशाला
संस्थान की निदेशक डॉ.(श्रीमती) नीलिमा गर्ग की अध्यक्षता में दिनांक 26.03.2022 को एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे गाय आधारित प्राकृतिक खेती विषय पर व्याख्यान डॉ. एस.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तुत किया गया । कार्यशाला में संस्थान के 30 वैज्ञानिको/अधिकारियो ने प्रतिभाग किया तथा कार्यक्रम का संचालन अरविन्द कुमार,नोडल अधिकारी (राजभाषा) द्वारा किया गया। Event Date:- 26-03-2022 |
181. Farmers from Chhapra district, Bihar visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में छपरा, बिहार के कृषकों का भ्रमण A group of 37 farmers from Chhapra district of Bihar visited the ICAR –CISH, Lucknow on March 26, 2022. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like improved varieties of mango, guava, bael, jamun, rejuvenation technology and centre opening technology in mango, canopy management, high density planting of mango, container gardening of fruits crops, espalier system of guava, production technology of tomato under polyhouse, crop regulation of guava, drip irrigation, integrated management of insect & diseases of mango, intercropping in mango orchards. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 26-03-2022 |
182. Farmers from Patna district, Bihar visited ICAR- CISH, Lucknow
पटना, बिहार के किसानों का संस्थान भ्रमण A group of 44 farmers and two Assistant Technology Managers from 23 blocks of Patna district of Bihar came from Indira Gandhi Institute of Cooperative Management, Lucknow and visited the ICAR –CISH, Lucknow on March 23, 2022. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like improved varieties of mango, guava, bael, jamun, rejuvenation technology and centre opening technology in mango, canopy management, high density planting of mango, container gardening of fruits crops, espalier system of guava, production technology of tomato under polyhouse, flowering and fruiting in mango, crop regulation of guava, drip irrigation, integrated management of insect & diseases of mango, intercropping in mango orchards, natural farming, crop diversification, value addition of important fruits for fetching more income. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Dr. Vishambhar Dayal, Scientist coordinated the visit. Event Date:- 23-03-2022 |
183. ICAR-CISH, Lucknow organizes Entrepreneurs Incubation Meet
ICAR-CISH Agri-Business Incubation Centre organized an “Entrepreneurs Incubation Meet” on March 23, 2022 at Central Institute for Subtropical Horticulture, Rehmankhera, Lucknow. During the meet, various budding hortipreneurs from Kerala, Madhya Pradesh, Uttarakhand and Uttar Pradesh presented their startup concepts and proposals on different horticultural technologies in the form of PPT presentation. They interacted and discussed their entrepreneurial ideas directly with the Acting Director, ICAR-CISH, Dr. Neelima Garg and various scientists of the institute in respective specialized areas. A total number of nine entrepreneurs and eight scientists joined the Entrepreneurs Incubation Meet. Dr. Maneesh Mishra, P.I., Agri-Buisness Incubation Centre appraised about the current scenario of horticulture startups in India, process & procedure pertaining to incubation at ABI and its growth. Dr. Neelima Garg, Acting Director, ICAR-CISH interacted with each candidate regarding their proposals and encouraged them. Event Date:- 23-03-2022 |
184. ICAR-CISH, Lucknow participated in workshop cum exhibition
कार्यशाला सह प्रदर्शनी में प्रतिभाग ICAR-CISH participated and displayed it’s technologies show case exhibition stall in the two days workshop on “Cultivation of aromatic & Medicinal plants in Uttar Pradesh” organised by State Agriculture Management Institute(SIMA) at own Rehmankhera campus, Lucknow on March 22-23, 2022. Workshop was inaugurated by Additional Chief Secretary (Agriculture) Dr. Devesh Chaturvedi through online, Dr. Pankaj Tripathi, Director, SIMA, Rehmankhera presided the function On March 22, 2022. Several experts were discussed about possibilities, challenges and solutions of cultivation of aromatic & medicinal plants in U.P. Dr. Neelima Garg, Dircetor, ICAR-CISH delivered lecture on value addition of medicinal plants for health and wealth. An exhibition was also arranged related agricultural technologies during the workshop. Workshop was concluded on March 23, 2022 an evening, Shri Alok Sinha Agriculture Production Commissioner of Uttar Pradesh was the chief guest of the closing ceremony, he also visited CISH exhibition stall and shown interest in fruit based probiotic drinks, herbal tea tablets, mango fibres and improved varieties of Bael. Several dignitaries Director SIMA, Rehmankhera, Ex Director and Dy. Directors of SIMA, farmers and entrepreneurs were visited the stall and they were aware about institute’s developed technologies. Dr. Devendra Pandey, Principal Scientist, Dr. S.K. Shukla, Principal Scientist, Shri Sanjay Kumar, CTO, Arvind Kumar, ACTO participated in the event. Event Date:- 23-03-2022 |
185. Newly selected Assistant Statistical officers visited ICAR- CISH, Lucknow
A Group of 19 Assistant Statistical Officers newly selected by Public Service Commission Uttar Pradesh came from State Agriculture Management Institute, Rehmankhera, Lucknow and visited the ICAR –CISH, Lucknow on March 15, 2022. During the visit officers were apprised about Institute’s developed technologies like improved of mango varieties Arunika, and Ambika, guava varieties Lalima, Lalit and Shweta, bael CISH B1 and CISH B2 and jamun, JL-37and JL- 42, high density planting of mango and guava, rejuvenation technology of old and unproductive mango orchards, management of irregular bearing in mango, protected cultivation of vegetables of tomato, capsicum and cucumber, grafting methods and establishment of modern nursery, canopy management, drip irrigation, integrated management of insect & diseases of mango and guava to reduce pesticide load, crop diversification and container farming of fruit crops. This visit was sponsored by Department of Agriculture Uttar Pradesh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 15-03-2022 |
186. Participation in Regional Krishi Mela organized by Dr Rajendra Prasad Central Agriculture University, Pusa, Samastipur, Bihar
ICAR-CISH Regional Research Station and Krishi Vigyan Kendra participated in the Regional Krishi Mela organized by Dr Rajendra Prasad Central Agriculture University, Pusa, Samastipur, Bihar during March 12-14, 2022. The details of different technologies and food products of Jagriti International FPO were displayed. During the Mela many dignitaries visited the stall and the competent authority of Dr RPCAU adjudged our stall and we won the II prize among the stalls put up by different ICAR, SAUs and other Govt Institutes outside Bihar. Event Date:- 14-03-2022 |
187. ICAR-CISH-Krishi Vigyan Kendra, Malda organizes Kisan Mela
A Kisan Mela was organized jointly by Indian Oil Seeds and Produce Export Promotion Council, Mumbai, Ministry of commerce, Govt. of India, Indian Institute of Oil Seed Research, Hyderabad, and ICAR-CISH-Krishi Vigyan Kendra, Malda with support from Agrani Neo Farmers Producer Company Ltd., Habibpur on March 12, 2022. In this Mela, about 1000 women farmers participated in the awareness programme on sesame cultivation. Many dignitaries, viz. Dr (Mrs.) Sujatha (Director, IIOR, Hyderabad), Mr Suresh Ramrakhiani (CEO, IOPEPC), Mr Ramesh Kolath (Dy CEO, IOPEPC), Mr. Mridul Halder (Additional District Magistrate – General, Malda), Dr (Mrs.) Rajni from AICRP Unit (Sesame), Jabalpur and experts like Dr Ramesh (Principal Scientist, IIOR), Dr (Mrs.) Ramya (Sr. Scientist, IIOR), Dr Pandey (AICRP- Sesame, Jabalpur), Dr Gupta (AICRP-Sesame, Jabalpur) graced the occasion. During the Mela, an awareness programme was organized on sesame cultivation and various prospects of Sesame cultivation in details. At the end, vote of thanks was proposed by Dr Shailesh Kumar (SMS Fisheries). Event Date:- 12-03-2022 |
188. Exposure visit of farmers from Rohtas, Bihar
रोहतास, बिहार के किसानों का संस्थान भ्रमण A group of 30 farmers including an official from Kochas, Nauhatta, Vikramganj, Chenari, Dinara, Nausa & Rohtas blocks of Rohtas district of Bihar sponsored by ATMA, Rohtas, Bihar in collaboration with Indira Gandhi Institute of Cooperative Management, Rajajipuram, Lucknow visited the Institute on March 09, 2022. Farmers were apprised of the Institute’s technologies, viz. high density planting of mango & guava, mango rejuvenation, canopy management in mango and guava, integrated insect pest and disease management, mulching, protected cultivation, container gardening and espalier gardening of guava. Dr. Alok Kumar Gupta, Scientist, sensitized the farmers about extracting pulp, preparing juices and other value added products during the visit of fruit processing laboratory. Mr. Arvind Kumar coordinated the visit. Event Date:- 09-03-2022 |
189. ICAR-CISH, Lucknow celebrates the International Women Day
ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a capacity building program for the women farmers of Lucknow on 8th March, 2022 on the occasion of International Women’s Day (IWD). The theme of the program organized was ‘Empowering women farmers with skill and knowledge’. On the occasion, Dr (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH exhorted the women farmers to go for value addition in fruits and vegetables for enhanced and assured returns and nutritional security of their families. She apprised the participants that ICAR-CISH had developed several high-value processed products in fruits like mango, guava, aonla, bael and jamun, and all possible efforts are underway to commercialize such products in collaboration with women’s Self Help Groups, Farmer Producer Organizations and other stakeholders. She added that value-addition is a sure-shot means to developing hortipreneurs and start-ups, creating employment opportunities, converting waste into wealth and ensuring round the year availability of nutri-rich fruit and vegetable products. She assured the women farmers of all the technical support from ICAR-CISH for their present and future endeavors. Earlier, Dr. Anju Bajpai, Principal Scientist delivered a talk on the subject ‘Nutri-genomics for women health’. On this occasion, 10 women beneficiary farmers under SC-SP program were felicitated for their outstanding achievements in initiating and popularizing the commercial farming and kitchen gardening of horticultural crops. A total of 117 knapsack sprayers were distributed among the women and other farmers. The program was attended by about 120 farmers including 60 women farmers. Dr. Anshuman Singh, Dr. P. Barman and Dr. V. Dayal coordinated the program. ICAR-CISH, RRS & KVK, Malda (W.B.) also celebrated the IWD. On the occasion, A Group meeting was organized at Kendpukur Village of Habibpur Block (Malda). Dr. Shailesh Kumar, SMS welcomed the dignitaries and farm women from different villages of Habibpur Block in Malda District. He highlighted the programme of International Women’s Day and emphasized the role of women empowerment in the society. He also stressed the importance of SHGs for building women’s confidence in food processing related activities like IFS model, zero budget natural farming, value addition in mango and banana fruits and other crops, etc or earning higher returns and sustainable livelihood. The Vote of Thanks was proposed by Smt. Minati Mandal Hazra-Director of Agrani Neo FPC, Kendpukur, Malda elaborated her success story to achieve her goal. She also encouraged farm women for ensuring equal education to their son and daughter. About 35 farm women and 3 Official Staff participated in the programme. Event Date:- 08-03-2022 |
190. Participation in Vegetable cum Flower Show -2022 organized at Rajbhawan, Lucknow
Directorate of Horticulture and Food Processing, Lucknow organized three days (March 4-6, 2022) Vegetable and Flower Show at Rajbhawan, Lucknow. Scientists and Technical Officer of ICAR- CISH participated and showcased institute technologies. The show was inaugurated by Honourable Governor of Uttar Pradesh Smt. Anandi Ben Patel as Chief Guest on March 04, 2022. Hydroponic system for growing vegetables of tomato, lettuce and salad, Guava varieties Lalit, Lalima and Shweta, Bael varieties CISH B1 and CISH B2, Jamun JL-37 and JL- 42 beans, processed fruit products, mango harvester, mechanical device for removing leaf webber in mango and grow bag oyster mushroom were made big attraction for visitors at the institute stall. More than 5000 visitors including officials from various departments, farmers, women, students, youths visited the stall and benefited from the information on advance technologies developed by the institute. Scientists (Dr. Naresh Babu, Dr. S.R. Singh, Dr. P.K. Shukla) and Technical Officer (Eng. D.K. Shukla, CTO and Shri. Arvind Kumar, ACTO) took feedback from the visitors and solved their queries regarding cultivation, plant protection and processed products of fruits crops. The show was concluded by Honourable Governor of Uttar Pradesh Smt. Anandi Ben Patel as Chief Guest on March 6, 2022. Event Date:- 06-03-2022 |
191. ICAR-CISH Celebrated National Science Day
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 28 फरवरी 2022 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया। जिसमे मलिहाबाद प्रखंड के कसमंडी कलां गाँव के राजीव गांधी मेमोरियल इंटर कॉलेज और ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल के 100 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व परियोजना समन्वयक डा. ए.के मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों को कृषि शिक्षा के बारे में विस्तार से बताया। संस्थान के प्रभारी निदेशक डा. देवेन्द्र पांडेय ने संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला । संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी. एल. सरोज ने पोषण प्रबंधन पर छात्रों को अवगत कराया। विद्यार्थियों ने संस्थान के प्रसंस्करण प्रयोगशाला का भ्रमण भी किया। वैज्ञानिक इंजी. डॉ. ए.के. वर्मा एवं इंजी. डॉ. डी. के. शुक्ल एवं डॉ. विशम्भर दयाल द्वारा विद्यार्थियों को पल्प, स्क्रैश , जैम और कैंडी की विनिर्माण प्रक्रिया एवं प्रसंस्करण विशेष रूप से पल्प , रस एवं तुड़ाई उपरांत प्रबंधन प्रभाग की गतिविधियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताने के साथ-साथ सुखाने वाले मशीनरी के कामकाज से अवगत कराया गया। कार्यक्रम का समन्वयन डा. मनीष मिश्र ने किया। कार्यक्रम में संस्थान के डा. राम अवध राम, डा. प्यारे लाल सरोज, डा. हरि शंकर सिंह एवं संस्थान के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। Event Date:- 28-02-2022 |
192. ICAR-CISH inked MoU with Newtraway LLP, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान एवं न्यूट्रैवे एलएलपी, लखनऊ के बीच समझौता ज्ञापन सी.आई.एस.एच.- हॉट वाटर डिस्पर्सिबल आंवला-हर्बल टैबलेट के व्यावसायीकरण के लिए दिनांक 21 फरवरी 2022 को भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, पो. काकोरी, लखनऊ एवं न्यूट्रैवे एलएलपी, लखनऊ के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। डॉ. नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., श्री दीपांकर मुखर्जी, इनक्यूबेट और प्रोपराइटर, न्यूट्रावे एलएलपी, डॉ. मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक (एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटी सेंटर), डॉ. रवि, एस.सी., संस्थान प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई सदस्य सचिव और मुख्य तकनीकी अधिकारी संजय सिंह कार्यक्रम में मौजूद थे। A Memorandum of Understanding (MoU) has been signed between ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture and Newtraway LLP, Lucknow on February 21, 2022 for commercialization of CISH-Hot Water Dispersible Aonla-Herbal Tablet. Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Mr. Dipanker Mukherjee, Incubate & proprietor, Newtraway LLP, Dr. Maneesh Mishra, PI (ABI), Dr.Ravi, S.C., ITMU I/c and Chief Technical Officer Sanjay Singh were present in the event. Event Date:- 21-02-2022 |
193. Farmers from Gaya district, Bihar visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में गया, बिहार के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 16 फरवरी, 2022 को बिहार के गया जिले के विभिन्न प्रखंड के 26 किसानों एवं दो अधिकारियों के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान, किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम, अमरूद, बेल, आंवला एवं जामुन की उन्नत किस्में, आम के बागों का जीर्णोद्धार तकनीक, छत्र प्रबंधन के लिए आम में केंद्र खोलने की तकनीक, कंटेनर बागवानी, अमरूद की एस्पालियर प्रणाली, पॉलीहाउस में सब्जियों का उत्पादन, आम एवं अमरूद के संवर्धन विधि, टपक सिंचाई, आम के कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, फसल विविधीकरण, अधिक लाभ हेतु महत्वपूर्ण फलों का मूल्यवर्धन तथा मानव स्वास्थ्य में फलों और सब्जियों के पोषण का महत्व के बारे में अवगत कराया गया। किसानों का यह भ्रमण आत्मा, गया, बिहार द्वारा प्रायोजित थी। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ. तरुण अदक, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने भ्रमण का समन्वय किया। A Group of 26 farmers and two officials from different blocks of Gaya district of Bihar visited the ICAR–CISH, Lucknow on February 16, 2022. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like improved varieties of mango, guava, bael, jamun, rejuvenation technology and centre opening technology in mango for canopy management, container gardening, espalier system of guava, polyhouse vegetables production, propagation methods of mango and guava, drip irrigation, integrated management of insect & diseases of mango, crop diversification, value addition of important fruits for fetching more income and importance of nutrition of fruit & vegetables for human health. This visit was sponsored by ATMA, Gaya, Bihar. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Dushyant Mishra, Principal Scientist and Tarun Adak, Senior Scientist coordinated the visit. Event Date:- 16-02-2022 |
194. One day training cum workshop on Entrepreneurship Development in Oyster Mushroom Production
ऑयस्टर मशरुम उत्पादन से उद्यमिता विकास पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा फार्मर-फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 16 फरवरी 2022 को ऑयस्टर मशरुम उत्पादन से उद्यमिता विकास पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे मलिहाबाद प्रखंड के अंगीकृत गाँव नवीपनाह, मोहम्मद नगर तालुकेदारी एवं मीठेनगर के 15 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मशरूम उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण युवाओं के लिए आजीविका तैयार करना था। कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने रेडी टू फ्रूट मशरूम बैग उत्पादन तकनीक एवं विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। उन्होंने ऑयस्टर मशरुम से परिचय कराते हुए उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्री तथा कम्पोस्ट बनाने के विभिन्न चरणों के बारे में बताया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला और डॉ. मनीष मिश्रा ने कार्यक्रम का समन्वय किया। ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized one day training cum workshop on February 16, 2022 on Entrepreneurship Development in Oyster Mushroom Production. The programme was organized under Farmer’s FIRST project. More than 15 farmers from adopted village named Navipanah, Mohammad Nagar talukdari and Meetenagar of Malihabad blocks were participated in programme. The main objective of this workshop was to build livelihood for rural youth through mushroom production. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla gave introductory lectures on various aspects of ready-to-fruit mushroom bag production technology and marketing. With introduction of oyster mushroom, he underlined about the material required for its production and the various stages of compost preparation. Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla and Dr. Manish Mishra coordinated the program Event Date:- 16-02-2022 |
195. Farmers from Gopalganj district, Bihar visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में गोपालगंज, बिहार के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 15 फरवरी, 2022 को बिहार के गोपालगंज जिले के विभिन्न प्रखंड के 56 किसानों एवं दो अधिकारियों के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान, किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम की सघन बागवानी, आम के बागों का जीर्णोद्धार तकनीक, आम, अमरूद, बेल, आंवला एवं जामुन की उन्नत किस्में, पॉलीहाउस में सब्जियों का उत्पादन, अधिक लाभ हेतु आधुनिक नर्सरी, टपक सिंचाई, आम के कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, फसल विविधीकरण तथा मानव स्वास्थ्य में फलों और सब्जियों के पोषण का महत्व के बारे में अवगत कराया गया। किसानों का यह भ्रमण बागवानी विभाग, जिला गोपालगंज, बिहार द्वारा प्रायोजित थी। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक एवं श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. ने भ्रमण का समन्वय किया। A Group of 56 farmers and two officials from different blocks of Gopalganj, district of Bihar visited the ICAR –CISH, Lucknow on February15, 2022. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like High density planting of mango, rejuvenation technology in mango, improved varieties of mango, guava, bael, aonla and jamun, polyhouse vegetables production, modern nursery for more profit, drip irrigation, integrated management of insect & diseases of mango, crop diversification and importance of nutrition of fruit & vegetables in human health. This visit was sponsored by Department of Horticulture, Gopalganj district, Bihar. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 15-02-2022 |
196. One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom.
भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 06 दिसंबर 2022 को “रेडी टू फ्रूट बैग ढींगरी(ऑयस्टर) मशरूम” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं नवयुवकों को मशरुम उत्पादन का व्यवहारिक ज्ञान देकर उद्यमिता विकास करना है। कार्यक्रम के अंत में 20 किसानों को मशरुम उत्पादन हेतु स्पान एवं बैग दिया गया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला एवं डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया। One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom” was organized on 06 December 2022 under Farmer First Project of ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla delivered introductory lectures on various aspects of mushroom production and marketing. The Purpose of this training was to develop entrepreneurship by imparting practical and skill knowledge of mushroom production to farmers and rural youth. At the end of the program, 20 farmers were given spawn and bags for mushroom production. The program was coordinated by Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla and Dr. Maneesh Mishra. Event Date:- 06-2-2022 |
197. One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom.
भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत दिनांक 06 दिसंबर 2022 को “रेडी टू फ्रूट बैग ढींगरी(ऑयस्टर) मशरूम” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के दौरान, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन और विपणन के विभिन्न पहलुओं पर परिचयात्मक व्याख्यान दिए। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य किसानों एवं नवयुवकों को मशरुम उत्पादन का व्यवहारिक ज्ञान देकर उद्यमिता विकास करना है। कार्यक्रम के अंत में 20 किसानों को मशरुम उत्पादन हेतु स्पान एवं बैग दिया गया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला एवं डॉ. मनीष मिश्रा द्वारा किया गया। One day training cum workshop on “Ready to Fruit Bag Dhingri (Oyster) Mushroom” was organized on 06 December 2022 under Farmer First Project of ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Rahmankhera, Lucknow. During the workshop, Principal Scientist Dr. P.K. Shukla delivered introductory lectures on various aspects of mushroom production and marketing. The Purpose of this training was to develop entrepreneurship by imparting practical and skill knowledge of mushroom production to farmers and rural youth. At the end of the program, 20 farmers were given spawn and bags for mushroom production. The program was coordinated by Principal Scientist, Dr. P.K. Shukla and Dr. Maneesh Mishra. Event Date:- 06-2-2022 |
198. Institute adopted four cows provided by Cow Shelter
गौशाला द्वारा संस्थान को प्रदान की गई चार गायों का अंगीकरण
आदरणीय प्रधानमंत्री जी के प्राकृतिक खेती हेतु आवाहन की दिशा में भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के फलस्वरूप बसंत पंचमी के शुभ दिन पर लखनऊ जनपद में नगराम के पास कनेरी गौशाला से 4 निराश्रित गोवंश को संस्थान के राय बरेली रोड परिसर में अंगीकृत किया गया । इन गायों की मदद से संस्थान के राय बरेली रोड परिसर में प्राकृतिक खेती पर शोध को बढ़ावा मिलेगा । संस्थान की निदेशक डा. नीलिमा गर्ग ने आज गायों की पूजा अर्चना की और बताया कि संस्थान गत 20 वर्षों से जैविक खेती की दिशा में शोध कर रहा है और विभिन्न प्रकार के जैविक उत्पाद बनाने की विधियाँ विकसित की । संस्थान द्वारा सीआईएसएच बायोएनहांसर, सीआईएसएच- बायोजैपर एवं फल एवं सब्जियों के जैविक उत्पादन की विधियों का भी विकास किया । संस्थान ने अपने राय बरेली रोड परिसर को पूर्ण रूप से प्राकृतिक बनाने का निर्णय लिया है। निराश्रित गायों को गौशाला से उलब्ध कराने में लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. डी.के. शर्मा और उ.प्र. गौ सेवा आयोग के समन्वयक श्री राधे श्याम दीक्षित जी के साथ संस्थान के डा. सुशील कुमार शुक्ल के सक्रिय प्रयासों की अहम भूमिका रही । अगर आगामी वर्षों में विभिन्न भा. कृ. अनु. परिषद के संस्थान और राज्य कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा इसी प्रकार निराश्रित गो वंश को अंगीकृत कर लिया जाये तो देश में प्राकृतिक खेती की दिशा में जैविक उत्पादों को जुटाने में काफी मदद मिलेगी । कार्यक्रम का संचालन और समन्वयन डा. सुशील कुमार शुक्ल ने किया। कार्यक्रम में संस्थान के डा राम अवध राम, डा देवेंद्र पाण्डेय, डा. प्यारे लाल सरोज, डा आनंद कुमार सिंह, डा. हरि शंकर सिंह एवं डा अजय कुमार त्रिवेदी उपस्थित रहे। In response to the call by Honorable Prime Minister of India, ICAR-CISH Lucknow intensified its experimentation on natural farming. The Institute on the auspicious day of Basan Panchmi adopted four cows provided by Cow Shelter located at Kaneri village near Nagram in Lucknow district. After transport of cows from Kaneri to Raebareli Road Campus of the Institute, puja rituals were performed by Dr. Neelima Garg, Director of the Institute. Speaking on the occasion, Dr. Neelima Garg highlighted the achievements of the Institute in the field of organic farming and preparation of organic inputs during the last 20 years. The institute has already developed CISH–Bioenhancer, Biozapper and the complete packages for organic production for various crops like mango, guava, vegetables, etc. The institute has already declared the Raebareli Road campus as a fully organic farm for research on natural farming and integrated farming system. The support from Shri Radheshyam Dixit, Convener, UP Gau Seva Aayog and Dr. D.K. Sharma, Chief Veterinary Officer, Lucknow and active efforts of Dr Sushil Kumar Shukla, Principal Scientist, CISH proved fruitful in rehabilitation of stray cows towards the goal of natural and chemical free farming. If such efforts are made in future through other ICAR, SAUs and KVKs, it will bring a sea change in agriculture. The programme was coordinated by Dr. S.K. Shukla Principal Scientist and attended by Dr. R.A. Ram, Dr. D. Pandey, Dr. P.L. Saroj, Dr. A.K. Singh, Dr. H.S. Singh and Dr. A.K. Trivedi. Event Date:- 05-02-2022 |
199. Celebration of Republic day
गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन< देश के 73वें गणतंत्र दिवस की वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस मनाया गया। जिसमें संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ देश के राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक महोदया डॉ. नीलिमा गर्ग ने संस्थान के अनुसंधान एवं विकास में हुई प्रगति का उल्लेख किया। इसके अलावा उन्होंने संस्थान द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किये गए एवं किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।/P> On the occasion of 73rd Republic Day anniversary of the country, ICAR- Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow celebrated Republic Day on January, 26 2022. All the officers and employees of the institute participated in this programme. The Republic Day programme began with the national anthem of the country. On this occasion, Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH mentioned the progress made in research and development of the Institute. Apart from this, she also highlighted about the efforts made and being done by the institute for doubling of farmer’s income. Event Date:- 26-01-2022 |
200. ICAR, CISH, Lucknow organized webinar on value addition and processing of fruit and vegetables
भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा फल एवं सब्जियों के मूल्यवर्धन तथा प्रसंस्करण पर वेबिनार का आयोजन ICAR, CISH, Lucknow organized one day webinar on January 25, 2022 to deliberate opportunities in value addition and processing of fruit and vegetables. Expert Dr. R.B. Tiwari, Principal Scientist of Institute of Horticultural Research, Bangaluru presented the details of Post Harvest technologies developed by ICAR-IIHR, Bangaluru. Besides, he also presented the commercial enterprises/ start-ups working in field of PHT Technologies promoted by ICAR. The importance of dehydration, osmotic dehydration and freezing Dehydration was also emphasized for value addition of fruit and vegetables. Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Lucknow made presentation of her PHM technologies such as cider, wines, probiotic drinks, fibre enriched biscuit, Aonla-prash and herbal chew, etc. Fruit and vegetable post harvest losses are huge and therefore there exists great opportunity for technology led entrepreneurship. The Programme was co-ordinated by Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist, Agri-Business Incubation Centre of CISH Lucknow. Scores of entrepreneurs, students, scientists and farmers Participated in the program through virtual mode. Event Date:- 25-01-2022 |
201. ICAR-CISH celebrated National Girls child Day
ICAR-CISH, Lucknow celebrated National Girls child Day, with active participation of young school going girls from Village Kasmandi Kala, at Institute’s premises on January 24, 2022. All the women employees/ SRF/ Contractual staff were invited to attend this program. On this occasion, Dr. Neelima Garg, Director ICAR-CISH highlighted about health and education for Girls and also to address the inequalities, which are generally face by the girls in the Society. She also exhorted the girls to be independent and upskill themselves with all knowledge and know-how. Dr. Abha Singh (Principal Scientist) delivered a lecture on Nutritional Requirements of adolescent Girls. The girls also participated in a drawing competition which was organized at this juncture. The drawing kits were distributed during the felicitation program. The young girls expressed their happiness on visiting the institute. The program was conducted by Dr. Anju Bajpai and supported by the SCSP project. Event Date:- 24-01-2022 |
202. Distribution of Marigold seed under Scheduled Caste Sub Plan
अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत गेंदा बीज वितरण कार्यक्रम सम्पन्न भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा आयोजित दिनांक 17 जनवरी 2022 को अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत गेंदा बीज वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अंगीकृत प्रखंड काकोरी एवं माल के करझन, दसदोइ, बिगहूं, सैदापुर, रनियामऊ, बंसीगढ़ी एवं काकराबाद आदि गांवों से लगभग 60 किसानों ने भाग लिया । इस अवसर पर भाकृअनुप- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की निदेशक महोदया डॉ. नीलिमा गर्ग, व फसल सुधार विभाग के कार्यकारी विभागाध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र पाण्डेय, फसल उत्पादन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. विशंभर दयाल वैज्ञानिक उपस्थित थे कार्यक्रम के दौरान निदेशक महोदया डॉ. नीलिमा गर्ग ने किसानों को बताया कि गेंदा एक बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला बारहमासी पौधा है यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है परंतु इसके साथ-साथ इसका उपयोग कई विभिन्न चिकित्सीय एवं औषधीय रूपों में उपयोग किया जाता है। गेंदे की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है व इसके साथ-साथ गेंदे के फूलों से अन्य उत्पाद जैसे अगरबत्ती, अर्क एवं सौन्दर्य उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं। सभा में किसानों को संबोधित करते हुए डॉ विशंभर दयाल ने बताया गेंदा एक लोकप्रिय फूल है जिसका प्रयोग शादी समारोह, सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में साज-सज्जा के रूप में अहम भूमिका निभाता है डॉ. विशंभर दयाल ने गेंदे की खेती से संबंधित कई मुख्य बिंदु किसानों के समक्ष प्रस्तुत किए जैसे गेंदे की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु, गेंदा की किस्मों का चयन, खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग कब और कितनी मात्रा में करें, बीजों की बुवाई, पौधरोपण, सिंचाई तथा कीट व खरपतवार नियंत्रण एवं गेंदे के बीज से नर्सरी बनाकर खेती करना आदि विशेष बिंदुओं पर विस्तार पूर्वक विचार विमर्श किया। समारोह में निदेशक महोदया डॉ. देवेंद्र पाण्डेय एवं डॉ. अशोक कुमार ने मंच पर गेंदा की खेती करने वाले इच्छुक किसानों को बैंगलोरा ऑरेंज नामक प्रजाति के गेंदे का बीज प्रदान किया एवं उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विशंभर दयाल द्वारा समस्त गतिविधि गृह मंत्रालय के द्वारा जारी कोविड 19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए की गई। Event Date:- 17-01-2022 |
204. Online training programme organized on Intellectual Property Rights in Agriculture Research
कृषि अनुसंधान में बौद्धिक संपदा अधिकार पर ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 10 से 15 जनवरी, 2022 के दौरान "कृषि अनुसंधान में बौद्धिक संपदा अधिकार" पर एक छ: दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न शोध संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से 90 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान, प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व एवं उसके प्रकार तथा उन्हें नियंत्रित करने वाले कानून, पेटेंट खोज, पेटेंट फाइलिंग, पादप किस्म संरक्षण एवं कृषक अधिकार अधिनियम- 2001 के तहत प्रजनकों और किसानों के अधिकार, भौगोलिक संकेत, कृषि व्यवसाय ऊष्मायन प्रणाली, प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, व्यावसायीकरण, आदि के बारे में व्यापक ज्ञान दिया गया। ICAR-CISH, Lucknow organized an online six days training programme on "Intellectual Property Rights in Agriculture Research" during January 10-15, 2022. Ninety participants participated in the training programme from various research institutes and universities across the country. During the training, extensive knowledge was imparted about the importance of IPR, types of IPR & laws governing them, hands on patent search, patent filing, breeders and farmers rights under PPV&FR Act- 2001, geographical indications, agribusiness incubation system, technology valuation, commercialization etc. Event Date:- 10-01-2022 |
205. Scientist-Farmer interaction meeting under Amrut Bharat Mahotsav
अमृत भारत महोत्सव के तहत वैज्ञानिक-कृषक संवाद बैठक भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 7 जनवरी, 2022 को उच्च उत्पादकता एवं आय हेतु उच्च-तकनीक बागवानी विषय पर एक वैज्ञानिक-कृषक संवाद बैठक का आयोजन किया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को कृषि उपज, गुणवत्ता एवं उनके उत्पादों के बाजार मूल्य में सुधार हेतु कृषि प्रौद्योगिकियों में सुधार के बारे में जागरूक करना था। इसका उद्देश्य उद्यमियों को कृषि-व्यवसाय उद्यम के रूप में उच्च-तकनीक बागवानी का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना भी था। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प. कें.उ.बा.सं., लखनऊ के उद्घाटन भाषण से हुई। उन्होंने सब्जियों में हाइड्रोपोनिक (मृदा-विहीन खेती) के महत्व एवं किसानों तथा हितधारकों की आय को दोगुना करने हेतु अमरूद की छत्र प्रबंधन तकनीकों के बारे में बताया। संस्थान के आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष डॉ आर.ए.राम ने किसानों के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के सन्दर्भ पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात सब्जी विज्ञान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस.आर. सिंह ने उच्च मूल्य वाली सब्जियों की खेती के लिए हाइड्रोपोनिक्स एवं एरोपोनिक्स के उपयोग पर व्याख्यान दिया। उन्होंने आने वाले समय में तेजी से बढ़ती आबादी का पेट भरने के लिए सब्जियों के बड़े पैमाने पर उत्पादन हेतु मृदा-विहीन सब्जियों की खेती की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। प्रधान वैज्ञानिक (बागवानी) डॉ. कंचन कुमार श्रीवास्तव ने उच्च गुणवत्ता वाले अमरूद उत्पादन के लिए काट छांट की एस्पालियर प्रणाली विषय पर सभी श्रोताओं के ज्ञान को बढ़ाया। इस कार्यक्रम में फार्मर-फर्स्ट परियोजना से जुड़े लखनऊ के किसानों के साथ भारत के विभिन्न भा.कृ.अनु.प. के संस्थानों, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों, शोधार्थियोंवशिक्षाविदों सहित 80 लोगो ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. पी.बर्मन एवं डॉ.कर्म बीर ने किया। ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Scientist-Farmer interaction meeting on the theme High-tech Horticulture for higher productivity and income on January 7, 2022. This programme was organized under Azadi ka Amrut Mahotsav, with the aim of sensitizing the farmers about improved farm technologies for improving agriculture yields, quality and market value of their products. It was also aimed at motivating the entrepreneurs to use high-tech Horticulture as an agri-business enterprise. The programme was started with the inaugural address by Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Lucknow. She stressed the importance of hydroponic cultivation of vegetables and canopy management techniques of guava for doubling the income of farmers and stakeholders. The event started with the talk of Dr. R.A. Ram, Chairman of Amrut Mahotsav programme committee who highlighted the role of Azadi ka Amrut Mahotsav in augmenting farmers’ income. Dr. S.R. Singh, Principal Scientist of Vegetable Science, delivered a lecture on the use of hydroponics and aeroponics for the cultivation of high value vegetables. He emphasized on the immense potential of soilless vegetable cultivation for large scale production of vegetables to feed the rapidly growing population in the coming times. Dr. K.K. Srivastava, Principal scientist (Horticulture), enhanced the knowledge of all the audience on “Espalier system of training for high quality guava production”. The programme was attended by 80 participants including scientists, research scholars from various ICAR institutes along with farmers of Lucknow associated with the Farmer FIRST Project. The programme was coordinated by Dr. P. Barman and Dr. Karma Beer. Event Date:- 07-01-2022 |
206. National Webinar on Clean Milk Production for Better Health and Price
बेहतर स्वास्थ्य एवं मूल्य हेतु स्वच्छ दुग्ध उत्पादन पर वेबिनार आयोजित भा.कृ.अनु.प-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 6 जनवरी, 2022 को स्वच्छ दुग्ध-बेहतर स्वास्थ्य एवं मूल्य विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य एवं वित्तीय उत्थान में सुधार के लिए दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की खरीद, प्रसंस्करण और बिक्री के दौरान स्वच्छता और स्वच्छता उपायों के महत्व के बारे में जन जागरूकता पैदा करना था। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ के उद्घाटन भाषण से हुई। उन्होंने समन्वित खेती में गायों द्वारा आय उत्पन्न करने के महत्व को समझाया, भले ही वे दुग्ध देने की अवस्था में न हों और किसानों और हितधारकों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दुग्ध के महत्व को बताया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. लता सबिखी,प्रधान वैज्ञानिक, डेयरी प्रौद्योगिकी प्रभाग, भा.कृ.अनु.प-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल ने बेहतर स्वास्थ्य एवं मूल्य हेतु स्वच्छ दुग्ध पर मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किया।उन्होंने प्रसंस्करण के लिए स्वच्छ दुग्ध के महत्व, दुहने के दौरान एहतियाती उपाय एवं बीमार पशुओं की देखभाल पर जोर दिया। किसानों एवं अन्य श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर उनके और भा.कृ.अनु.प.-रा.डे.अनु.सं. करनाल के वैज्ञानिकों ने दिया। इस कार्यक्रम में फार्मर-फर्स्ट परियोजना से जुड़े लखनऊ के किसानों के साथ भारत के विभिन्न भा.कृ.अनु.प. के संस्थानों, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों, शोधार्थियों व शिक्षाविदों सहित 50 लोगो ने भाग लिया। वेबिनार का संचालन डॉ. पी. बर्मन एवं डॉ. कर्म बीर ने किया। ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a webinar on Clean Milk – Better health and price on January 6, 2022. This program, organized under ‘Azadi ka Amrit Mahotsav’ aimed at creating mass awareness about importance of hygiene and sanitary measures during procurement, processing as well as sale of milk and milk products for improving human health and financial upliftment. The programme was started with the inaugural address by Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Lucknow. She emphasized the importance of cows and milk production for generating income and improving health of farmers and stake holders. The keynote speaker of the programme Dr. Latha Sabikhi, Principal Scientist, Dairy Technology Division, ICAR-National Dairy Research Institute, Karnalgave the talk on “Clean milk for better health and price”. She stressed on importance of clean milk for processing, precautionary measures to be taken during milking and taking care of sick animals. The queries of farmers and other audience were replied by her and the scientists of ICAR-NDRI, Karnal. In this program, 50 farmers and other stakeholders participated including scientists, researchers and academicians from various ICAR institutes and universities of India, including farmers from Lucknow, associated with the Farmer FIRST Project. The webinar was coordinated by Dr. P. Barman and Dr. Karma Beer. Event Date:- 06-01-2022 |
207. Workshop on toxic free farming under Farmer First Project
फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत विष्मुक्त खेती पर कार्यशाला विष्मुक्त खेती को बढ़ावा देने के लिए भा.कृ.अनु.प- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत मलिहाबाद प्रखंड के अंगीकृत गांव मोहम्मद नगर तालुकेदारी में दिनांक 4 जनवरी 2022 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के वैज्ञानिक डॉक्टर गोविंद कुमार ने किसानों को संस्थान द्वारा विकसित सीआईएसएच- बायोजैपर के बारे में बताया। किसानों को रासायनिक कीटनाशकों एवं उर्वरकों का अधिक प्रयोग से मृदा, पर्यावरण एवं जीव जंतुओं के स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभाव से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि सी आई एस एच- बायोजैपर के प्रयोग से पौधों में पोषक तत्वों की जैविक उपलब्धता एवं मृदा की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और साथ ही साथ यह किसानों की कीटनाशको पर निर्भरता भी कम करेगा। किसानों को फलो एवं सब्जियों के पौधों पर बायोजैपर का प्रयोग के बारे में बताया गया और इसका किसानों के प्रछेत्र पर प्रयोग भी किया गया। इस कार्यक्रम में 20 किसानों ने भाग लिया। ICAR- Central Subtropical Horticulture Institute, Lucknow organized a workshop on toxic free farming at Mohammad Nagar Talukedari, an adopted village of Malihabad block, to promote toxic free farming. This workshop was organized under Farmer First Project. In the programme, Dr. Govind Kumar, Scientist, informed the farmers about Institutes developed CISH-BioZapper. Farmers were made aware about harmful effects of excessive use of chemical pesticides and fertilizers on the health of soil, environment and animals. He underlined that the use of CISH-Biozaper would increase the biological availability of nutrients in the plants and production capacity of the soil and at the same time it would also reduce the dependence of the farmers on pesticides. The farmers were apprised about the use of biozaper on the plants of fruits and vegetables and it was also demonstrated on the farmers field. A total of 20 farmers were participated in this programme. Event Date:- 04-01-2022 |
208. Kisan Gosthi on topical management in orchards and live broadcast of Prime Minister programme
बागों में सामयिक कार्य पर किसान गोष्ठी एवं प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ में 1 जनवरी 2022 को बागों में सामयिक कार्य पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ. बंगाली बाबू (भूतपूर्व राष्ट्रीय निदेशक, राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेषी परियोजना) कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम के आरम्भ में, प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार शुक्ला ने किसानों का अभिवादन किया। इस अवसर पर, डॉ. नीलिमा गर्ग निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताया और किसानों को फल-सब्जी प्रसंस्करण से नए नए उद्यम के बारे में जानकारी दी। डॉक्टर बंगाली बाबू ने अपने संबोधन में कृषि में उद्यमिता विकास के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर, हुनर हाट, एमएसएमई जैसी परियोजना से जुड़कर किसान कैसे अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते है और अपने उत्पाद को देश एवं विदेशों में निर्यात करके आत्मनिर्भर कृषि एवं आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार कर सकते है। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. देवेंद्र पांडेय ने किसानों को संस्थान द्वारा विकसित आम, अमरूद, जामुन एवं आंवला के नवीनतम प्रजातियों के बारे में किसानों को अवगत कराया। डॉ. प्रभात कुमार शुक्ल ने एवं डॉ. गुंडप्पा ने आम में लगने वाले कीट एवं बीमारियों के प्रबंधन के बारे में अवगत कराया। डॉ. सुशील कुमार शुक्ल ने आम के पुराने बागों के जीर्णोद्धार से लाभ एवं उद्यान में उद्यम की अपार संभावनाओं के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम में 150 से अधिक किसानों ने भाग लिया। गोष्ठी के दौरान, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया गया। जिसमें माननीय नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के दसवीं क़िस्त के अंतर्गत 20 हजार करोड़ रु की राशि के ट्रांसफर से 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को लाभ दिया एवं किसान उत्पादक संघों को इक्विटी अनुदान जारी किया। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश भर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसान एवं उत्पादक संघों से रूबरू हुए तथा सामुदायिक आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए आह्वाहन किया। जिससे खेती के लागत में कमी आए तथा स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों का उत्पादन किया जा सके। उन्होने कहा कि प्राकृतिक खेती 21वीं सदी में भारतीय कृषि का कायाकल्प करने में बहुत मदद करेगा। ICAR-CISH, Lucknow organized Kisan Gosthi on topical management in orchards on January 1, 2022. Dr. Bengali Babu, (former National Director, National Agricultural Innovation Project) is present as the chief guest of the programme. At the outset of programme, Dr. S.K. Shukla, Principal Scientist greeted the farmers. Dr. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH highlighted Institutes achievements and informed the farmers about new ventures from fruit and vegetable processing. Dr. Bengali Babu in his address spoke about entrepreneurship development in agriculture. He told how farmers can start their own startup by joining projects like Agribusiness Incubation Center, Hunar Haat, MSME and export their products in the country and abroad and can make the dream come true of self-reliant agriculture and self-reliant India. Principal Scientist, Dr. Devendra Pandey apprised the farmers about the latest varieties of Mango, Guava, Jamun and Amla developed by the Institute. Dr. P.K. Shukla and Dr. Gundappa underlined about the management of pests and diseases in mango. Dr. S.K. Shukla informed about the benefits of rejuvenation of old mango orchards and the immense possibilities of entrepreneurship in the garden. More than 150 farmers participated in the programme. During the gosthi, live broadcast of Prime Ministers programme was also done. In the program, Honorable Narendra Modi ji benefited more than 10 crore farmer families by transferring an amount of 20 thousand crores under the tenth installment of Prime Minister Kisan Samman Nidhi. and released equity grant to farmer producer unions. In this programme, Honorable Prime Minister Narendra Modi interacted with the farmers and producer unions doing excellent work across the country and called for promoting community based farming. Due to which the cost of farming can be reduced and healthy food can be produced. The Prime Minister said that natural farming will go a long way in transforming Indian agriculture in the 21st century. Event Date:- 01-01-2022 |
209. Report on Swachchhata Pakhwara Activities (December 27-28, 2021)
As we are aware that India is going to ban single-use plastics by next year as part of its efforts to reduce pollution — but experts say the move is only a first step to mitigate the environmental impact. The ban on most of single-use plastics will take effect from July 1, 2022. As part of Swachchh Bharat Initiative during the Swachhta Pakhwada activities (December 16-31, 2021), small info-graphic material was created on curbing use of single use plastic for awareness. This material was sent to all the staff members. Drive was conducted to segregate different types of plastic garbage from the campus so that use of plastic is discouraged in the office. Composting of kitchen and home waste materials, promoting clean & green technologies and organic farming practices in new area was also conducted. One page web resource was developed on Better Hygiene related to Covid-19 to educate institute staff, students and other community members associated with institute. This web resource was placed in institute website for providing wide coverage so that Covid-19 appropriate Hygiene and Social protocols are followed in the war against virus. Event Date:- 28-12-2021 |
210. ICAR-CISH, Lucknow organizes Farmer-Scientist Interaction meet under Jai Kisan Jai Vigyan week
जय किसान जय विज्ञान सप्ताह के अंतर्गत भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा कृषक-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने सप्ताह भर चलने वाले जय किसान जय विज्ञान समारोह के अवसर पर दिनांक 27 दिसंबर, 2021 को एक कृषक-वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया। कार्यक्रम की विवरण डॉ. (श्रीमती) नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. द्वारा दिया गया। संवाद के दौरान डॉ. मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक ने बागवानी-उद्यमियों के विकास के लिए भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं द्वारा हालिया पहल के बारे में चर्चा की और उन्होंने कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन, बागवानी-उद्यमिता में एक स्टार्ट-अप कैसे शुरू किया जाए के साथ-साथ अमरूद एवं अदरक के व्यावसायीकरण हेतु प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी की मौजूदा प्रथाओं के बारे में बताया। । उन्होंने बताया कि भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., ने फलों और सब्जियों से उच्च मूल्य वर्धित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला विकसित की है और बाजार संपर्क, किसान स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन और बागवानी-उद्यमिता को बढ़ावा देकर उन्हें लोकप्रिय और व्यावसायीकरण करने के प्रयास चल रहे हैं। बातचीत के दौरान किसानों ने कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन (एबीआई) इकाई के बारे में जानना चाहा, इस संबंध में श्री शरद वर्मा ने किसानों को एबीआई के बारे में जानकारी दी, उन्होंने फॉर्म भरने और पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में लगभग 50 किसानों और संस्थान के कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कर्मा बीर और डॉ. पी. बर्मन ने किया। ICAR- Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Farmer-Scientist Interaction meet on 27th December, 2021 on occasion of week-long Jai Kisan Jai Vigyan celebrations. The programme was briefed by Dr. (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Lucknow. During this interaction Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist discussed about “Recent initiatives by ICAR- CISH for developing the horti-preneurs” and he highlighted about agri-business incubation, how to start a start-up in horti-preneurship, existing practices of technology commercialization and processing of guava & ginger. He informed that ICAR-CISH has developed a wide range of high value added products from fruits and vegetable and efforts are underway to popularize and commercialize them by creating market linkages, farmers Self-Help Groups, Farmer Producer Organizations and by promoting horti-preneurship. During the interaction farmers wished to know about agri-business incubation (ABI) unit in this regards Shri Sharad Verma briefed to farmers about ABI, he explained the entire process of form filling and registration. This program was attended by about 50 farmers and Institute staff. Dr. Karma Beer and Dr. P. Barman coordinated the program. Event Date:- 27-12-2021 |
211. Report on Swachhta Pakhwara Activities (December 25-26, 2021)
Institute used social media tools like facebook (https://www.facebook.com/ICAR-CISH) and twitter (https://twitter.com/ICAR_CISH) for highlighting Swachchhata Pakhwada activities undertaken by the staff members during this period. The activities carried out from December 16, 2021 under Swachchhata Pakhwara were also displayed on Institute’s website. On December 26, Institute organized quiz, essay & drawing competitions for school children, village youth and staff for creating awareness. Drawing competition was organized at Regional Station of the Institute (RRS Malda) for children who participated with great enthusiasm and creativity. The children exhibited awareness on water harvesting and water recycling through various drawings. Event Date:- 26-12-2021 |
212. Report on Swachchhata Pakhwara Activities (December 23-24, 2021)
Kisan Diwas (Farmer’s Day) was celebrated with farmers and stakeholders from Malihabad area of Lucknow. Dr. H.P. Singh, former DDG (Horticulture) was the chief guest on the occasion and Dr. A.K. Johri was Guest of Honour. More than 150 students, entrepreneurs and farmers participated in the programme. Dr. H.P. Singh felicitated the selected twenty farmers/ stakeholders for exemplary initiatives on progressive farming with Swachhta protocols. The dignitaries paid homage and respect to Late Shri Chowdhary Charan Singh ji on his birth anniversary. On December 24, 2021, Scientist and staffs of ICAR-CISH, Lucknow visited village Bhadeshar Mau in Malihabad block of Lucknow and organized a Sanitation Campaign on Swachchhata Awareness. About 40 farmers including women and village youths participated in programme. Event Date:- 24-12-2021 |
213. ICAR-CISH, Lucknow organizes expert lecture under Jai Kisan Jai Vigyan week
जय किसान जय विज्ञान सप्ताह के अंतर्गत भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं.,लखनऊ द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा सप्ताह भर चलने वाले जय किसान जय विज्ञान मिशन के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर दिनांक 24 दिसंबर, 2021 को डॉ आर के पाठक, पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया। कार्यक्रम के शुरुआत में,डॉ. (श्रीमती) नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और जय किसान जय विज्ञान कार्यक्रम के औचित्य और उद्देश्यों को रेखांकित किया। इस अवसर पर डॉ. पाठक ने आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव में कृषि बंधुत्व की भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों में वैज्ञानिकों की सक्रिय भागीदारी द्वारा किसानों के दरवाजे तक नवीन कृषि प्रौद्योगिकियों के प्रसार पर बात की। उन्होंने वैज्ञानिकों को बागवानी उत्पादकों के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं को समझने एवं हल करने पर अधिक ध्यान देने,आत्मनिर्भर कृषि के लक्ष्यों को प्राप्त करने एवं किसानों की आय को समयबद्ध तरीके से दोगुना करने का आह्वान किया। डॉ. पाठक ने बताया कि घटिया उपज गुणवत्ता, कीटनाशकों के अवशेषों की समस्या, भारी पर्यावरण प्रदूषण एवं उत्पादकों को उचित लाभ प्राप्त न होना भारतीय बागवानी उद्योग के सामने कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि बागवानी फसलों की प्राकृतिक और जैविक खेती घरेलू खपत और निर्यात के लिए कीटनाशक मुक्त और बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद के अतिरिक्त लाभ के साथ ऐसी अधिकांश चिंताओं को स्थायी रूप से दूर कर सकती है।कार्यक्रम में लगभग 30 वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. आर.ए. राम, प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग एवं डॉ. अंशुमन सिंह, वैज्ञानिक द्वारा किया गया। ICAR- Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized an expert lecture by Dr. R.K. Pathak, Ex-Director, CISH, Lucknow on December 24, 2021on the occasion of week-long Jai Kisan Jai Vigyan celebrations. At the outset, Dr. (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH welcomed all the guests and underlined the rationale and objectives of the ‘Jai Kisan Jai Vigyan’ programme. On this occasion, Dr. Pathak delivered atalk on Role of Agriculture Fraternity in Celebration of Azadi ka Amrit Mahotsav. He remarked that a proactive participation of scientific fraternity in various outreach programs is the key to disseminating innovative farm technologies to the farmers’ doorsteps. He exhorted the scientific fraternity to pay greater attention to understanding and resolving the varied problems faced by the horticultural producers to achieve the goals of Atmanirbhar Krishi and doubling the farmers’ income in a time bound manner. Dr. Pathak observed that inferior produce quality, problem of pesticide residues, heavy environmental pollution and poor returns to the growers are some of the major challenges faced by Indian horticulture industry. He opined that natural and organic farming of horticultural crops could sustainably address most of such concerns with added benefit of pesticide-free and superior quality produce for domestic consumption and export. The programme was attended by more than 30 scientists and other stakeholders. This program was coordinated by Dr. R. A. Ram, Head, Crop Production division and Dr. Anshuman Singh, Scientist. Event Date:- 24-12-2021 |
214. Outstanding gardeners were honored on the occasion of National Farmers Day
राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट बागवानों को किया गया सम्मानित भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 23 दिसंबर 2021 को राष्ट्रीय किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भूतपूर्व उप महानिदेशक (उद्यान) डॉ.एच.पी. सिंह मुख्य अथिति एवं डॉ. ए. के. जौहरी विशिष्ट अथिति थे। कार्यक्रम में श्री उपेन्द्र कुमार सिंह (सचिव अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति लखनऊ), श्री राय अजयपति राय (प्रगतिशील किसान) एवं अन्य अथितिगण भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में 150 से ज्यादा छात्रों, उद्यमियों एवं किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ.एच.पी. सिंह ने किसानों को विज्ञान एवं तकनीक आधारित खेती द्वारा आय बढ़ाने पर जोर दिया। श्री उपेन्द्र कुमार सिंह आम के विपणन के संस्थान के प्रयासों की सराहना की। प्रगतिशील किसान श्री राय अजयपति राय ने बताया कि गैर-मौसमी फसलों को अपनाकर किसान अपनी आय को दोगुनी कर सकते है । संस्थान के निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग ने कहा कि किसानों की उद्यान फसलो के प्रसंस्करण द्वारा किसानो कि आय को बढ़ाना समय की मांग है। कार्यक्रम के दौरान डॉ.एच.पी. सिंह द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के 10 एवं फार्मर फर्स्ट परियोजना के 10 किसानों को उत्कृष्ट कृषक सम्मान से सम्मानित किया गया। किसानों ने पुरस्कार प्राप्त कर संस्थान के प्रति आभार व्यक्त किया। ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized National Farmers Day programme on December 23, 2021. The former Deputy Director General (Hort.) of the Indian Council of Agricultural Research, Dr. H.P. Singh was the chief guest and Dr. A.K. Johri was Special Guest of the programme. Shri Upendra Kumar Singh (Secretary, Avadh Aam Utpadak Bagwani Samiti, Lucknow), Shri Rai Ajaypati Rai (Progressive Farmer) and other guests were also present in the programme. More than 150 students, entrepreneurs and farmers participated in the programme On this occasion Dr. H.P. Singh emphasized on increasing the income of the farmers through science and technology based farming. Shri Upendra Kumar Singh appreciated the efforts of the institute for marketing of mangoes. Progressive farmer Mr. Rai Ajayapati Rai informed that farmers can double their income by adopting off-seasonal crops. Dr. Neelima Garg, Director said that the need of the hour is to increase the income of the farmers by processing the horticulture crops of the farmers. During the programme, Dr. H.P. Singh honored to 10 farmers of Scheduled Castes Sub-Plan and 10 farmers of Farmer First Project for Utkrisht Krishak Samman. The farmers expressed their gratitude towards the institute by receiving the award. Event Date:- 23-12-2021 |
215. ICAR-CISH, Lucknow organizes Farmer-Scientist-Student Interaction meet under Jai Kisan Jai Vigyan week
जय किसान जय विज्ञान सप्ताह के तहत भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में कृषक-वैज्ञानिक-छात्र संवाद बैठक का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने सप्ताह भर चलने वाले जय किसान जय विज्ञान समारोह की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए 23 दिसंबर, 2021 (राष्ट्रीय किसान दिवस) पर एक किसान-वैज्ञानिक-छात्र संवाद बैठक का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. ने कहा कि बागवानी फसलों से अधिकतम आर्थिक लाभ प्राप्त करने एवं फल और सब्जी प्रसंस्करण कचरे को धन में बदलने के लिए वैज्ञानिक मूल्यवर्धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. ने उच्च मूल्य के फल एवं सब्जी उत्पादों की एक श्रृंखला विकसित की है और बाजार संपर्क, किसान स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन और बागवानी-उद्यमिता को बढ़ावा देकर उन्हें लोकप्रिय बनाने और व्यवसायीकरण करने के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने उपस्थित किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए आम के गूदे के प्रसंस्करण पर जोर देने के साथ ऐसी मूल्यवर्धनतकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्र प्रशिक्षुओं को भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. से अत्याधुनिक ज्ञान एवं कौशल हासिल करने के लिए भी प्रेरित किया; जैसे कि बागवानी उद्योग अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, तकनीकी सेवाओं, परामर्श और बागवानी आधारित स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में व्यापक कैरियर एवं व्यावसायिक अवसर प्रदान करता है। इससे पहले, फसल उत्पादन प्रभाग के प्रमुख डॉ. आर.ए. राम ने कीटनाशक मुक्त, पोषक तत्वों से भरपूर और प्रीमियम गुणवत्ता वाली बागवानी फसलों के उत्पादन के लिए विभिन्न जैविक एवं बायोडायनामिक बागवानी प्रथाओं का अवलोकन प्रस्तुत किया। डॉ. दुष्यंत मिश्र, प्रधान वैज्ञानिक ने पुराने और अनुत्पादक आम के बागों को फिर सेलाभदायक के लिए लघु और मध्यम अवधि के छत्र प्रबंधन रणनीतियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस कार्यक्रम में लगभग 30 किसानों, 25 छात्र प्रशिक्षुओं और संस्थान के कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंशुमान सिंह और डॉ. कर्मबीर ने किया। ICAR- Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Farmer-Scientist-Student Interaction meet on 23rd December, 2021 (Rashtriya Kisan Diwas) to mark the beginning of week-long Jai Kisan Jai Vigyan celebrations. On this occasion, Dr. (Mrs.) Neelima Garg, Director, ICAR-CISH stressed that scientific value addition is critically important for getting maximum economic returns from horticultural crops, and for converting fruit and vegetable processing wastes into wealth. She also informed that ICAR-CISH has developed a range of high value fruit and vegetable products and efforts are underway to popularize and commercialize them by creating market linkages, farmers’ Self-Help Groups, Farmer Producer Organizations and by promoting horti-preneurship. She encouraged the farmers present to adopt such value addition technologies with emphasis on processing of mango pulp for augmenting their incomes. She also exhorted the student trainees to acquire state-of-the-art knowledge and skills from ICAR-CISH; as horticultural industry offers vast career and business opportunities in fields like research, technology development, technical services, consulting and horti-based startups, among others. Earlier, Dr. R. A. Ram, Head, Crop Production Division presented an overview of various organic and biodynamic horticultural practices for producing pesticide free, nutri-rich and premium quality horticultural crops. Dr. Dushyant Mishra, Principal Scientist discussed in detail about short- and medium-term canopy management strategies to rejuvenate senile and unproductive mango orchards. This program was attended by about 30 farmers, 25 student trainees and Institute staff. Dr. Anshuman Singh and Dr. Karma Beer coordinated the program. Event Date:- 23-12-2021 |
216. Report on Swachhta Pakhwara Activities (December 20-22, 2021)
ICAR CISH-RRS and KVK, Malda organised a drive for cleanliness on December 20, 2021. All the staff participated and cleaned the Institute’s premises, Farm and residential kitchen gardens. Dr.Dipak Nayak (Scientist &Officer-in-charge) addressed the staff about the importance of cleanliness and hygiene. He emphasized the importance of maintaining personal hygiene, environmental sanitation, safe drinking water, quality organic food and effective utilization of waste resources. A Kisan gosthi cum demonstration was also organized at village Hannikheda, Raipur at Mall block, Lucknow on 21 December 2021. Villagers were sensitized to adopt clean and green technologies. About 70 farmers including gram Pradhan participated in the programme. A workshop was also organized on December 22, 2021 and in this workshop, two lectures were arranged focusing on waste management and biodegradation of pesticides. Director of Institute, Dr. Neelima Garg shared her experiences and gave presentation on waste management of fruits and vegetables. She enlightened the audience about potential of entrepreneurship through waste utilization. Another speech was delivered by Dr Govind Kumar, Scientist of the Institute on “Strategies to enhance pesticide degradation through microorganisms”. All the scientists and technical officers of Institute participated in programme. Event Date:- 22-12-2021 |
217. Kisan gosthi and demonstration of mango canopy management technologies
आम के बगीचों में कटाई छंटाई एवं अन्य सामयिक कार्य” विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा द्वारा लखनऊ जनपद के माल प्रखंड के हन्नीखेड़ा (रायपुर) ग्राम में दिनांक 21 दिसंबर, 2021 को “आम के बगीचों में कटाई छंटाई और अन्य सामयिक कार्य” विषय पर एक किसान गोष्ठी आयोजित की गई। ग़ोष्ठी में संस्थान के वैज्ञानिकों सहित क्षेत्र के 100 किसानों ने भाग लिया । कार्यक्रम का आयोजन श्री अजयपति राय के बगीचे में किया गया। श्री राय ने संस्थान की निदेशक डा नीलिमा गर्ग और अन्य वैज्ञानिकों एवम किसानों का स्वागत किया । कार्यक्रम में हन्नीखेड़ा के ग्राम प्रधान श्री सियाराम यादव ने वैज्ञानिकों को किसानों की आम सम्बंधी समस्याओं से अवगत कराया। इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए संस्थान की निदेशक डॉ. नीलिमा गर्ग ने आम के पुराने एवम अनुत्पादक बागों को पुन: उत्पादक बनाने के लिये कटाई छंटाई की आवश्यकता और संस्थान द्वारा विकसित आम के जीर्णोद्धार की नवीनतम तकनीक अपनाने पर जोर दिया। साथ ही किसानों की अमदानी बढ़ाने हेतु आम के बगीचों में हल्दी, पैनिकम ग्रास, जिमीकंद, फर्न आदि के अंतराशस्यन पर भी बल दिया। आम के सुरक्षित डंठल सहित तुडाई, चेंप निकालना, उचित श्रेणीकरण एवम मूल्य सम्वर्धन से आम किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाया जा सकत है। इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा सुशील कुमार शुक्ल और डा दुष्यंत मिश्र ने आम की जीर्णोद्धार तकनीक की प्रक्रिया का किसानों के समक्ष प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि आम की पुरानी तकनीक में वृक्ष की सारी शाखाओं को एक साथ काटने के कारण अक्सर तना बेधक कीट के प्रकोप के कारण 20-40 प्रतिशत तक पौधे मर जाया करते थे। इसलिये तकनीक में संशोधन किया गया और अब पौधे की दो –दो शाखाओं को प्रतिवर्ष काट्कर तीन वर्ष में जीर्णोद्धार की प्रक्रिया पूरी की जाती है । वृक्ष की शाखाओं को ठूंठ छोड़ते हुए काटने का समय दिसम्बर से 15 जनवरी तक है । वृक्ष में अगर कोई बीचोबीच सीधी जाने वाली शाखा है तो उसका विरलन कर सम्पूर्ण रूप से निकाल देते हैं जिससे कि पौधे को पर्याप्त रोशनी मिल सके। इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा देवेंद्र पांडेय ने किसानों का आह्वान करते हुए आम की नवीनतम किस्मों यथा आम्रपाली, मल्लिका, अम्बिका, अरुणिका आदि लगाने का सुझाव दिया । फसल उत्पादन प्रभाग के अध्यक्ष डा राम अवध राम ने आम की जैविक खेती और विभिन्न जैविक उत्पादों जैसे जीवामृत, अमृतपानी, घन जीवामृत, बीजामृत, केंचुए की खाद, बायोडाय्नमिक खाद आदि बनाने के गुर सिखाये। आम के बागों में रोग और कीट प्रबंधन की जानकारी देते हुए डा पी के शुक्ल और डा गुंडप्पा ने संस्तुत दवाओं का संस्तुत मात्रा में उचित समय पर छिडकाव पर जोर दिया । अनावश्यक और अत्यधिक छिड़काव से न सिर्फ उत्पादन लागत बडःअतई है बल्कि फलों में जहरीले रसायन की मात्रा भी बढ़ने की सम्भावन रहती है । कार्यक्रम का संचालन डा दुष्यंत मिश्र ने और धन्यवाद ज्ञापन डा विशम्भर दयाल ने किया। ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture organized a kisan gosthi and demonstration of mango canopy management technologies at Hannikhera, Raipur village in Maal block of Lucknow on December 21, 2021. On the occasion, Dr NeelimaGarg, Director of the Institute stressed the need for judicious pruning of mango trees in accordance with the age of trees as old unproductive mango trees require rejuvenation pruning while the mid age orchards need only centre opening by thinning out or few centrally located branches. She also stressed the need for safe harvesting, post-harvest handling and value addition of mango fruits in order to enhance the farmers’ income manifold. Mr. SiyaramYadav village Pradhan apprised the scientists of the problems faced by mango farmers. Mr AP Rai welcomed the Director and scientists of the Institute. Dr. S.K. Shukla and Dr. Dushyant Mishra, Principal Scientists of the Institute not only described different steps of refined mango rejuvenation technology developed by the Institute but also demonstrated the process of pruning mango trees. In the new technology, after thinning out of centrally located branches from old unproductive trees only two branches located opposite to each other headed back leaving a stump of 1.5 – 2 m, which develops new shoots and secondary branches as desired. Remaining branches give fruiting upto 100 to 150 kg/tree in the first year. In the second year, next two branches are headed back while rests are headed back in the third year. Thus the process in completed in three years, this not only ensures regular income to farmers but also avoids damage by stem borer which otherwise may kill 20-40 % trees. There is need to grant the permission to farmers for such pruning easily by state departments in order to promote adoption of this technology. Dr Devendra Pandey Head Crop Improvement advised the farmers to adopt newer varieties like Ambika and Arunika of mango and Shweta, Dhawal, Lalit of guava. Dr Ram Awadh Ram Head, Crop Production also described the organic production technologies and preparation of organic inputs like jeevamrit, amritpani, etc for maintaining soil health and crop productivity. Dr PK Shukla and Dr Gundappa advised the farmers for needbased spray of chemicals at critical stages to minimize the number of sprays and reduce cost of production. Dr Dushyant Mishra conducted the whole programme and Dr Vishambhar Dayal, Scientist proposed formal vote of thanks. Event Date:- 21-12-2021 |
218. Report on Swachhta Pakhwara Activities (December 17-19, 2021)
The second day of Swatchhta Pakhwada was conducted in a befitting manner on December 17, 2021 as per activities outlined by the council. Scrap lying unattended at various spots was cleared, old cardboard boxes that were part of packing material of PC and other chemical, plastic ware etc was pooled at one place and disposed off through office and store staff. Revenue collected was deposited in office. Committee was made for mobilising fast disposal of scrap that needs to be auctioned by following office procedure. Scientists and staff of ICAR-CISH visited village Sanyasi bag (adopted under Mera Gaon Mera Gaurav program) of Institute for conducting a campaign on “Sanitation and solid waste management” on December 18, 2021. About 40 villagers were present in programme. Dr Naresh Babu, Principal Scientist of Institute coordinated this program. The pledge for maintaining sanitation in village was taken by everyone. Cleanliness of residential quarters, office building, and farm office including road side area of RB Road campus were done by the staff of the Institute on December 19, 2021. Practical training was given to staff for conversion of farm waste into vermi-compost and their application for productivity and quality of fruits and vegetables crop by the experts. Event Date:- 19-12-2021 |
219. Farmers from Fatehpar district, Uttar Pradesh visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 18 दिसम्बर, 2021 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अशोयर, बहुआ, तेल्यानी, भितौरा, हसवा, मालवान, खजुहा, अरैन, हाथगांव एवं बिजयपुर प्रखंड के 55 किसानों एवं 2 अधिकारियों के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, आम अमरूद, बेल, आंवला एवं जामुन की उन्नत किस्मों, पॉलीहाउस में सब्जियों का उत्पादन, जैविक खेती, आधुनिक नर्सरी, ड्रिप सिंचाई, कीट और एकीकृत प्रबंधन, अमरूद की एस्पालियर और कंटेनर बागवानी, फसल विविधीकरण, भूमि प्रबंधन के बारे में अवगत साथ-साथ फलों से जूस/स्क्वैश और अन्य मूल्य वर्धित उत्पाद तैयार करने एवं फलों और सब्जियों के पोषण का मानव स्वास्थ्य में महत्व पर भी ज्ञान दिया गया। किसानों का यह भ्रमण आत्मा बागवानी विभाग, फतेहपर, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रायोजित किया गया था। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. तरुण अदक, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं हमंत कुमार पांडे, तकनीशियन ने भ्रमण का समन्वय किया। A Group of 55 farmers including women and two officials from Ashoyer, Bahua, Telyani, Bhitaura, Haswa, Malwan, Khajuha, Arain, Hathgaon, Bijaypur blocks of Fatahpur district of Uttar Pradesh visited the ICAR –CISH, Lucknow on December 18, 2021. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like High density planting of mango & guava, rejuvenation of old mango orchards, improved varieties of mango, guava, bael, aonla and jamun, polyhouse vegetables production, organic farming, modern nursery, drip irrigation, integrated management of insect and diseases of mango, espalier and container gardening of guava, crop diversification, land management and preparing squash/juices and other value added products from various fruits like mango, guava, bael, aonla and importance of nutrition of fruit & vegetables in human health. This visit was sponsored by ATMA Department of Horticulture, Fatehpar district, Uttar Pradesh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Tarun Adak, Sr. Scientist and Mr. Hamant Kumar Pandey, Technician coordinated the visit. Event Date:- 18-12-2021 |
220. Farmers from Sonbhadra district, Uttar Pradesh visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 17 दिसम्बर, 2021 को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज, घोरावाएल, चतरा, नगवा आदि प्रखंड के 50 किसानों एवं 2 अधिकारी के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। डॉ. (श्रीमती) नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं, लखनऊ ने किसानों को फसल तुड़ाई उपरांत बेहतर प्रबंधन तकनीकों एवं अधिक आय प्राप्त करने के लिए फलों से जूस/स्क्वैश और अन्य मूल्य वर्धित उत्पाद तैयार करने के बारे में अवगत कराया। भ्रमण के दौरान किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, आम अमरूद, बेल, आंवला एवं जामुन की उन्नत किस्मों, पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती, अंतरफसल, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, अमरूद की एस्पालियर और कंटेनर बागवानी, फसल विविधीकरण आदि के बारे में अवगत कराया गया। किसानों का यह भ्रमण बागवानी विभाग, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रायोजित किया गया था। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. तरुण अदक, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. ने भ्रमण का समन्वय किया। A Group of 50 farmers and two officials from Robertsganj, GhorawaL, Chatra, Nagwa, etc blocks of Sonbhadra district of Uttar Pradesh visited the the experimental field of ICAR –CISH, Lucknow on December 17, 2021. Dr. (Mrs) Neelima Garg, Director, ICAR- CISH, Lucknow apprised the farmers about improved post harvest management technologies and preparing juices/ squashes and other value added products from fruits for fetching more income. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like high density planting of mango and guava, rejuvenation of old mango orchards, improved varieties of mango, guava, bael, aonla and jamun, polyhouse cultivation of vegetables, intercrops, integrated management of insect and diseases, espalier and container gardening of guava, crop diversification etc. This visit was sponsored by Department of Horticulture, Sonbhadra, Uttar Pradesh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist, Dr. Tarun Adak, Sr. Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 17-12-2021 |
221. Training programme organized for establishment of mushroom unit at Lucknow Cantonment for the benefit of Army staff
सेना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु सेना मुख्यालय लखनऊ छावनी क्षेत्र में मशरूम इकाई की स्थापना हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना हेतु मेजर नवनीत कुमार, सेना चिकित्सा कोर अभिलेख, छावनी, लखनऊ के अनुरोध पर दिनांक 16-17 दिसंबर, 2021 के दौरान छावनी, लखनऊ में सेना के जवानों हेतु डॉ. पी.के. शुक्ला, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा एक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । इस प्रशिक्षण में दिनांक 16 दिसंबर, 2021 को प्रशिक्षण स्थल का भ्रमण कर प्रशिक्षण सम्बंधी सभी तैयारियां कीं एवं ब्रिगेडियर सैजवीर सिंह के साथ उनकी प्रशिक्षण से उनकी अपेक्षाओं के बारे में चर्चा की । दिनांक 17 दिसंबर, 2021 को मशरूम की खेती के कार्य के लिए प्रतिनियुक्त पांच सैनिकों को पूरे दिन प्रशिक्षण दिया गया और शाम को यूनिट के 50 से अधिक अधिकारियों और सैनिकों के लिए पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर, डॉ. नीलिमा गर्ग, कार्यवाहक निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.स. ने सभा को संबोधित किया और सेना के प्रति आभार व्यक्त किया और संस्थान से पूरे समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने ब्रिगेडियर सैजवीर सिंह को अपनी यूनिट के अधिकारियों एवं सैनिकों की भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.स. के भ्रमण हेतु व्यवस्था करने और बागवानी सम्बंधी विभिन्न कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त करने की भी सलाह दी। डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम की विभिन्न प्रजातियों के पोषण एवं औषधीय गुणों और उनकी उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। भा.कृ.अनु.प.- के.उ.बा.स. के एबीआई इनक्यूबेटी श्री विवेक सिंह ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और बटन मशरूम के फलों के बैग तैयार किए। कुल मिलाकर ऑयस्टर मशरूम के 21 बैग बनाये गए और उन्हें स्पॉन रन के लिए रखा गया। प्रशिक्षुओं को मशरूम की खेती के लिए कमरे की आवश्यकता के लिए भी निर्देशित किया गया और तदनुसार बेकार टिन/एस्बेस्टस शीट और लकड़ी का उपयोग करके खेती के कमरे के निर्माण पर काम शुरू किया गया । मशरूम रखने के रैक भी बेकार लकड़ी से तैयार किए जाएंगे। एक सप्ताह के भीतर कमरे के निर्माण के बाद रेडी टू फ्रूट बटन मशरूम बैग की आपूर्ति की जाएगी और इकाई एक पखवाड़े की अवधि के भीतर मशरूम के उत्पादन में आ जाएगी। यूनिट के 400 से अधिक सैनिकों को भोजन कराने वाले आर्मी मेस में खपत के लिए उत्पादन लक्ष्य 20-25 किलोग्राम प्रति दिन निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम का समापन एक दूसरे को धन्यवाद के साथ हुआ। In response to the request of Major Navneet Kumar, Sena Chikitsa Corps Abhilekh, Cantonment, Lucknow regarding establishment of ‘Mushroom Production Unit’, a training of army personnel was organized at Lucknow Cantonment during December 16-17, 2021. Dr. P.K. Shukla, Principal Scientist visited the location, arranged preparatory work and had a discussion with Brigadier Saijvir Singh regarding his expectations on December 16, 2021. The training of five soldiers deputed for the task of ‘Cultivation of Mushrooms’ was conducted for full day on December 17, 2021 and in the evening Power Point presentation was given for over 50 officers and soldiers of the Unit. Speaking on the occasion, Dr. Neelima Garg, Acting Director, ICAR-CISH addressed the gathering and expressed her gratitude towards Indian Army and assured wholehearted support from THE ICAR-CISH, Lucknow. She also invited Brigadier Saijvir Singh for paying a visit of officers and soldiers of his unit to ICAR-CISH for further training in various horticultural skills. Dr. P.K. Shukla explained in detail about the nutritional and medicinal values of different species of mushroom; and their production technology. The ABI Incubatee of ICAR-CISH Mr Vivek Singh also participated in the programme and displayed ready to fruit bags of button mushroom. In total, 21 bags of Oyster mushroom were spawned and placed for spawn-run. The trainees were also guided for the requirement of mushroom cultivation room, and accordingly the work on construction of cultivation rooms was initiated by utilizing waste tin/asbestos sheets and wood. The racks for placing mushrooms will also be prepared from waste wood. After construction of room within a week time, ready to fruit button mushroom bags will be supplied and the unit will come into production of mushrooms within a fortnight period. The production target is fixed from 20-25 kg per day for consumption in ‘Army Mess’ feeding over 400 soldiers of the unit. The programme ended with thanks to each other. Event Date:- 17-12-2021 |
222. भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की प्राकृतिक खेती पर होने वाले ऑन लाइन राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में सहभागिता और कृषकों के साथ परिचर्चा
किसानों को जीरो बजट प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने और उन्हें इसके तौर-तरीके सिखाने के लिए गुजरात के आनंद में आयोजित कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र के अवसर पर भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) एवं किसानो तथा वैज्ञानिकों के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार शुक्ल ने किसानो का अभिवादन किया और संस्थान में जैविक खेती के क्षेत्र हो रहे शोध कार्यों के विषय में जानकारी दी। संस्थान की निदेशक डॉ नीलिमा गर्ग ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संस्थान के पूर्व निदेशक डा राम कृपाल पाठक एवं विशिष्ट अतिथि उ.प्र. गौ सेवा आयोग के समन्वयक श्री राधेश्याम दीक्षित का स्वागत किया। साथ ही डा गर्ग ने प्राकृतिक खेती में सूक्ष्म जीवों के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी तथा किसानो को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करने के साथ ही किसानो को संस्थान से हर संभव तकनीकी जानकारी उपलब्ध करने के विषय में आश्वस्त किया। इस अवसर पर आमंत्रित संसथान के पूर्व निदेशक डॉ. राम कृपाल पाठक ने गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के विभिन्न पहलुओं के विषय में चर्चा की तथा भविष्य में इसकी अपार संभावनाओं से अवगत कराया। विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय गौ ऱक्षा आयोग के समन्वयक श्री राधे श्याम दीक्षित ने प्राकृतिक खेती में गायों के महत्व एवं वर्त्तमान परिस्थिति में इसकी उपयोगिता के विषय में जानकारी देने के साथ ही किसानो से संवाद कर गऊ आधारित उत्पादों के विक्रय की व्यवस्था सम्बंधी उनकी शंकाओं का समाधान किया। इस कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्राकृतिक खेती की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। माननीय मोदी जी के सम्भासःअण के पहले गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने प्राकृतिक खेती में प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न गौ आधारित उत्पादों यथा जीवामृत, घन जीवामृत, बीजामृत को तैयार करने की विधियां सरलतम भाषा में प्रस्तुत की जिससे किसानों को प्रेरणा मिली। माननीय प्रधानमंत्रीजी ने कहा-खेती के अलग अलग आयाम हों, फूड प्रोसेसिंग हो, प्राकृतिक खेती हो ये विषय 21वीं सदी में भारतीय कृषि का कायाकल्प करने में बहुत मदद करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एक भ्रम भी पैदा हो गया है कि बिना केमिकल के फसल अच्छी नहीं होगी। जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है। पहले केमिकल नहीं होते थे, लेकिन फसल अच्छी होती थी। मानवता के विकास का इतिहास इसका साक्षी है। उन्होंने देश के हर राज्य से, हर राज्य सरकार से ये आग्रह किया कि वे प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने के लिए आगे आएं। इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव जरूर प्राकृतिक खेती से जुड़े। माननीय प्रधानमंत्री जी के अभिभाषण के बाद संस्थान के विभिन्न प्रभागों के प्रभागाध्यक्ष डॉ. राम अवध राम, डॉ. देवेंद्र पांडेय एवं डॉ. हरी शंकर सिंह सहित संस्थान के सभी वैज्ञानिकों ने कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम में संस्थान के अधिकारी कर्मचारी सहित मलिहाबाद, माल क्षेत्र के लगभग 230 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुशील कुमार शुक्ल ने ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। Event Date:- 16-12-2021 |
223. Participation of ICAR-CISH in National Conclave on Natural Farming and Farmer-Scientist Interaction Organized
ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized an interaction programme of more than 230 farmers of Malihabad and Maal area ensuring their virtual/on-line participation in the “National Conclave on Natural Farming organized at Anand, Gujarat. Farmers were extremely inspired by the elaboration of Honorable Governor of Gujarat, Acharya Dev Vratji regarding preparation of various organic inputs like Jeevamrit, ghan jheevamrit, beejamrit, etc and their role in maintaining soil organic carbon and overall health. Farmers were also inspired by the speech of Hon’ble Prime Minister giving a call for natural farming to solve the problems of increasing use of chemical fertilizers and pesticides in agriculture. On the occasion, Dr Neelima Garg, Director of the institute welcomed Dr R. K. Pathak, ex Director, ICAR-CISH who exhorted the farming community regarding importance of cosmic farming, organic inputs and bio-enhancers in natural farming. The special guest Mr Radhshyam Dixit, the coordinator from UP Gau Sewa Aayog also discussed with farmers various govt schemes to conserve and protect cow and promote cow based farming. He also elaborated various efforts made by Gau Seva Aayog for marketing of cow based products to help farmers. The programme was conducted by Dr Sushil Kumar Shukla, Principal Scientist (Horticulture). After the presentation by Hon’ble Prime Minister a farmer-scientist interaction was also organized. More than 230 farmers including staff of the institute participated in the programme. Event Date:- 16-12-2021 |
224. Report on Swachhta Pakhwara Activities (16.12.2021)
The first day of SwatchhtaPakhwada was conducted in a befitting manner on 16-12-21, as the Institute conducted a Farmers Interaction for broadcasting address of Prime Mister ShriNarendraModiji during "Conclave on Natural farming".Display of banner was done at Institute Gate, Swachhata pledge was taken by Dr. Neelima Garg (Acting Director, CISH), Dr R.K Pathak (former Director CISH, Promoter of organic Farming and Homa Farming),ShriRadheShyam Dixit (RashtriyaGauUtpadakSangh, Institute Staff and more than 200 farmers. Dr S.K. Shukla eloquently described ways to utilize household garbage for kitchen garden. Dr. Anju Bajpai gave a brief account of the activities to be organized during the Pakhwada. The farmers were motivated to adopt Natural farming that will help in amelioration of soil and environment health. Event Date:- 16-12-2021 |
225. ICAR-CISH RRS and KVK, Malda organized farmer-scientist Interface on Zero Budget Natural Farming coupled with the Live Telecast of PM address
ICAR-CISH RRS, Malda arranged the live telecast of Honorable Prime Minister address in the National Conclave on Natural Farming on 16.12.2021 for farmers of Malda, W.B.. On the occasion, a Kisan Goshthi cum Farmers Scientist Interface was also organized by the RRS at Habibur Block, Dist- Malda. In this programme, Dr. Antara Das (Scientist), Dr. Shailesh Kumar, SMS (Fisheries Science)and Mr. V.V. Diptikar, Technical Officer interacted with the farmers and farm women and underlined the importance of zero budget natural farming and climate based smart agriculture to enhance the productivity using conventional management practices and avoid or reduce the use of chemical inputs. Afterwards, a live telecast of address of Hon’ble Prime Minister was arranged. About 150 farmers and farm women were benefitted from this interaction meeting and live telecast programme. Event Date:- 16-12-2021 |
226. Gosthi organized at Ganchapa, Kanth, Shahjahanpur
गंचपा, कंठ, शाहजहांपुर में गोष्ठी का आयोजन भाकृअनुप-भा.कृ.अनु.स., लखनऊ ने दिनांक 07 दिसंबर, 2021 को शाहजहांपुर जिले के कंठ प्रखंड के ग्राम गंचपा में स्थित आम के बाग में आम और अमरुद की उन्नत बगवानी तकनीकी नामक गोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। कृ.वि.के., शाहजहांपुर ने इसकी व्यवस्था करने में मदद की और इसमे कृ.वि.के. के 4 वैज्ञानिकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम में 80 से अधिक किसानों ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस.के. शुक्ला एवं डॉ. पी.के. शुक्ला ने किसानों को आम के उत्पादन और संरक्षण तकनीकों से अवगत कराया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत मिश्रा ने अमरूद उत्पादन के लाभों के बारे में बताया। डॉ. आर.ए. राम ने फसल उत्पादन में गांव में उपलब्ध जैविक उत्पादों के उपयोग के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. पी.के. शुक्ला. किसानों को आम के उकठा रोग प्रबंधन एवं आम के थ्रिप्स प्रबंधन पर फोल्डर बांटे। ICAR-CISH, Lucnow organized a gosthi cum training programme entitled, Aam aur amrud ki unnat bagvani takniki in a mango orchard located in village Ganchapa of Kanth block of Shahjahanpur district on December 07, 2021. The KVK, Shahjahanpur helped in arranging the programme and 4 scientists of KVK actively participated. More than 80 farmers participated in the programme. Principal Scientist, Dr. S.K. Shukla and Dr. P.K. Shukla apprised the farmers about on the production and protection technologies of mango. Principal Scientist, Dr. Dushyant Mishra informed about the benefits of guava production. Dr. R.A. Ram explained about the use of organic products available at village in crop production. In the end of programme, technique to diagnose the reason behind decline or wilt of mango trees was practically demonstrated by Dr. P.K. Shukla. The folders on Mango Wilt Disease Management and Management of Mango Thrips were distributed to the farmers. Event Date:- 07-12-2021 |
227. Celebration of World Soil Day-2021
विश्व मृदा दिवस -2021 का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-केन्दीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा दिनांक 5 दिसम्बर 2021 को लखनऊ के काकरबाद ग्राम में विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। इस वर्ष विश्व मृदा दिवस के आयोजन का विषय “मिट्टी को ऊसर बनने से रोकना और फसल की उत्पादकता बढाना” विषय पर था। इस अवसर पर केन्दीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार शुक्ल ने किसानों को गाय के गोबर और गोमूत्र से विभिन्न जैविक उत्पाद यथा जीवामृत, अमृतपानी, वर्मीकम्पोस्ट, नाडेप, बायोडायनमिक कम्पोस्ट, वर्मीवाश, पंचगव्य आदि बनाकर मृदा के स्वास्थ्य को संरक्षित रखने और फसल की उत्पादकता बढ़ाने के बारे में बताया। डॉ. दिनेश कुमार ने गांव के किसानों को कृषि उत्पादकता बढाने में विभिन्न पोषक तत्वों की उपलब्धता बनाये रखने के उपायों की चर्चा की । वैज्ञानिकों ने बताया पृथ्वी पर एक महत्व पूर्ण संसाधन मिट्टी है जो प्रत्यक्ष रूप से वनस्पतियों और धरती पर मानव जाति तथा पशुओं का अप्रत्यक्ष रूप से पोषण करती है। आज के आधुनिक युग में रासायनिक खादों, कीटनाशक दवाइयों, औद्योगिक कचरों आदि द्वारा छोड़े गये जहरीले तत्वों के माध्यम से मृदा प्रदूषित हो रही है जो बुरी तरह भूमि के स्वास्थ्य और उर्वरता को नष्ट कर रहा है। इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिक एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी डॉ. विशम्भरदयाल ने कार्यक्रम का संचालन किया और कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया । इस कार्यक्रम में गांव के लगभग 70 किसानों और महिलाओं ने भाग लिया। ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow celebrated World Soil Day-2021 at Kakrabad village of Lucknow district on December 5, 2021. The theme of the World Soil Day-2021 was “Halt soil salinization and enhance soil productivity”. On the occasion, the principal scientists of the Institute Dr SK Shukla and Dr Dinesh Kumar discussed the importance of soil for agriculture and also discussed with the farmers, the methods of preparing various organic inputs like jeevamrit, amritpani, vermicompost, NADEP compost, biodynamic compost, vermiwash, panchagavya, etc. The application of these inputs in soil will go a long way in maintaining soil health and enhancing crop productivity. On the occasion, Dr Dinesh Kumar apprised the farmers of the importance and enhancing the availability of various macro and micronutrients through judicious application of manures and chemical fertilizers. Soil is the most important and resource for supporting human as well as all forms of life on the earth. Indiscriminate use of chemical fertilizers and pesticides and various industrial pollutants are polluting the soil very fast, they added. The programme was conducted by Dr Vishambhar Dayal, Scientist & Nodal Officer, SCSP. He also proposed formal vote of thanks to one and all. The programme was attended by more than 70 farmers including farm women. Event Date:- 05-12-2021 |
228. ICAR-CISH, Lucknow organized the programme interacting with school children on theme Waste to Wealth Management on Agriculture Education Day
कृषि शिक्षा दिवस के अवसर पर भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा अपशिष्ट से धन प्रबंधन विषय पर स्कूली बच्चों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा कृषि शिक्षा दिवस के अवसर पर दिनांक 3 दिसम्बर, 2021 को "अपशिष्ट से धन प्रबंधन" विषय पर महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, मलिहाबाद, लखनऊ के छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को कृषि क्षेत्र में शामिल विभिन्न कृषि प्रौद्योगिकियों और अवसरों के बारे में जागरूक करना था। डॉ. (श्रीमती) नीलिमा गर्ग, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने स्कूली बच्चों को कृषि शिक्षा दिवस के महत्व के साथ-साथ अपशिष्ट से धन प्रबंधन के बारे में भी बताया। उन्होने कचरे को उपयोगी उत्पादों में बदलने हेतु संस्थान द्वारा विकसित उन्नत बागवानी प्रौद्योगिकियों पर प्रकाश डाला जो किसानों और हितधारकों को आय उत्पन्न कर सकते हैं। महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, मलिहाबाद, लखनऊ के प्राचार्य ने कार्यक्रम के संचालन में सहयोग किया एवं संस्थान द्वारा की जाने वाली विभिन्न शोध गतिविधियों को जानने के लिए स्कूली बच्चों का संस्थान के भ्रमण की इच्छा व्यक्त की। कार्यक्रम में लगभग 100 छात्रों ने भाग लिया और इसका संचालन डॉ. आर. ए. राम और डॉ. कर्माबीर ने किया। Under the ongoing Azadi ka Amrit Mahotsav programme ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized the programme with students of Mahatma Gandhi Inter College, Malihabad, Lucknow on the occasion of Agriculture Education Day 3rd December, 2021. The aim of the programme was to sensitize the school children about various agricultural technologies and opportunities involved in agriculture field. Dr. Mrs. Neelima Garg, Director, ICAR-CISH, Lucknow addressed the school children about the importance of Agricultural Education Day. She also talked about the Waste to Wealth Management. She highlighted the improved horticultural technologies developed by ICAR-CISH to convert the waste into useful products that can generate income to the farmers and stakeholders. Principal of the Mahatma Gandhi Inter College, Malihabad, Lucknow co-operated for conducting the programme and expressed his desire to conduct a visit of school children to the institute for knowing the various research activities which are performed by institute. About 100 students attended the programme and it was coordinated by Drs. R.A. Ram and Karmabeer. Event Date:- 03-12-2021 |
229. Farmers from Hardoi, Uttar Pradesh visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में हरदोई, उत्तर प्रदेश के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 27 नवम्बर, 2021 को उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के कछौना, कोठावा, संडीला और बेहदरा प्रखंड के 60 किसानों एवं 2 अधिकारी के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, अंतरफसल, आम, अमरूद, बेल एवं आंवला की उन्नत किस्मों, सब्जियों की संरक्षित खेती, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, अमरूद की एस्पालियर एवं कंटेनर बागवानी, फसल विविधीकरण, आम के बाग में टपक सिंचाई प्रबंधन आदि के बारे में अवगत कराया गया। किसानों का यह भ्रमण बागवानी विभाग, हरदोई, उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रायोजित किया गया था। श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. ने भ्रमण का समन्वय किया। A Group of 60 farmers including two official from Kachhauna, Kothawa, Sandila and Behdara blocks of Hardoi, Uttar Pradesh visited experimental field of ICAR-CISH, Lucknow on November 27, 2021. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like high density planting of mango and guava, rejuvenation of old mango orchards, intercrops, improved varieties of mango, guava, bael and aonla, protective cultivation of vegetables, integrated management of insect and diseases, espalier and container gardening of guava, crop diversification and drip irrigation management in mango orchard etc. This visit was sponsored by Department of Horticulture, Hardoi, Uttar Pradesh. Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 27-11-2021 |
230. Celebration of Constitution Day
संविधान दिवस का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 26 नवम्बर 2021 को संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर, संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन ने कर्मचारियों को संबोधित किया एवं भारतीय संविधान के महत्व के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर, संस्थान के सभी कर्मचारियों ने माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद, माननीय उपराष्ट्रपति मुप्पावरापु वेंकैया नायडू, माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और माननीय लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला के ऑनलाइन संबोधन में भी भाग लिया। माननीय राष्ट्रपति द्वारा जनता की पहुंच के लिए संविधान का अद्यतन डिजिटल रूप जारी किया गया। इस अवसर पर सभी कर्मचारियों ने माननीय राष्ट्रपति जी के शब्दों के साथ संविधान की शपथ ली। ICAR-CISH, Lucknow celebrated Constitution Day on November 26, 2021. On this occasion, Dr. Shailendra Rajan, Director of the Institute addressed the staffs and briefed about importance of Indian Constitution. The staff of the Institute also attended online address of our Honorable President Shri Ram Nath Kovind, Honorable Vice President Muppavarapu Venkaiah Naidu, Honorable Prime Minister Sri Narendra Modi and Honorable Lok Sabha Speaker shri Om Birla. The digital form of updated constitution has been release by the Honorable President for public access. At this juncture, All the staff took pledge of constitution with words of Honorable President. Event Date:- 26-11-2021 |
231. ICAR-CISH, Lucknow interacting with children by organizing the programme on theme Agriculture and Environment: The Citizen Face
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ द्वारा कृषि एवं पर्यावरण: नागरिक चेहरा विषय पर बच्चों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 26 नवंबर, 2021 को विद्यास्थली इंटर कॉलेज, कनार, मलिहाबाद के कृषि और पर्यावरण: नागरिक चेहरा विषय पर भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. परिसर में छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को बागवानी उत्पादन के संदर्भ में विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम के आरम्भ में, डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने उद्यमिता एवं रोजगार हेतु कृषि क्षेत्र में अवसरों पर प्रकाश डाला। डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक ने सुरक्षित वातावरण एवं बागवानी उत्पादों के निर्यात हेतु सतत बागवानी उत्पादन के साथ-साथ संस्थान द्वारा विकसित उन्नत बागवानी प्रौद्योगिकियों के बारे में भी बताया। छात्रों ने संस्थान के प्रक्षेत्र एवं अनुसंधान प्रयोगशालाओं का भ्रमण किया। नागरिकों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए छात्रों द्वारा कृषि एवं पर्यावरण से संबंधित एक नाटक का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में लगभग 50 छात्रों एवं 50 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंशुमान सिंह व डॉ. कर्म बीर ने किया। Under the Azadi ka Amrit Mahotsav programme, ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized an interaction programme with students of Vidhyasthali Kanar Inter College, Malihabad on the theme Agriculture and Environment: The Citizen Face at ICAR-CISH, Lucknow on November 26, 2021. The aim of the programme was to sensitize the school children about various environmental issues in context of horticultural crop production. At the outset of programme, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow highlighting the opportunities in agriculture sector for entrepreneurship and employment. Dr. Shailendra Rajan, Director emphasized on sustainable horticultural production for a safe environment and export of horticultural produce. Dr Rajan also highlighted about improved horticultural technologies developed by ICAR-CISH to enhance the farmers’ income. Students visited the experimental field and research laboratory of the Institute. A drama was played by students related to agriculture and environment to inculcate a sense of environmental responsibility among the peoples. About 50 students and 50 farmers attended the programme. The Programme was coordinated by Dr. Anshuman Singh and Dr. Karma Beer. Event Date:- 25-11-2021 |
232. Kisan Gosthi organized at ICAR-CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में किसान गोष्ठी का आयोजन अवध आम उत्पादक एवं बगवानी समिति (एएयूबीएस), एक समुदाय आधारित संगठन, जो आम-उत्पादकों की आय में सुधार करने में लगा है, ने 25 नवंबर, 2021 को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ के सहयोग से किसान गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अन्य गणमान्य व्यक्ति, डॉ. सुग्रीव शुक्ला (उप निदेशक, निर्यात प्रकोष्ठ) श्री ए.के. श्रीवास्तव (एमडी, हैफेड) श्री टी.पी. चौधरी (अपर निदेशक, कृषि) डॉ. आर.के. तोमर (निदेशक, उद्यान विभाग, उत्तर प्रदेश) अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में बागवानी फसलों के निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा करना था। कार्यक्रम के दौरान नई तकनीक के विकास के लिए डॉ. हरि शंकर सिंह, डॉ. राम अवध राम, डॉ. गोविंद कुमार और डॉ. इसरार अहमद को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. रघुवीर सिंह (अध्यक्ष, एएयूबीएस) एवं डॉ. श्री उपेंद्र सिंह (सचिव, एएयूबीएस) एवं अन्य अतिथि सदस्यों द्वारा किसानों को पौधों का वितरण किया गया। Awadh Aam Utpadak Evam Bagwani Samiti (AAUBS), a community based organization, engage in improving the income of mango-growers, organized a Kisan Gosthi in collaboration with ICAR-CISH, Lucknow on November 25, 2021. More than 200 farmers were participated in this programme. On this occasion, Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH was present as chief guest. Other dignitaries, Dr. Sugriv Shukla, Deputy Director, Export Cell, Shri A.K. Srivastava, MD, HAFED, Shri T.P. Choudhary, Additional Director Agriculture, Dr. R.K. Tomar, Director, Horticulture Department, Uttar Pradesh were present as guest. The main aim of this gosthi was to discussed the possibilities of export of horticulture crops in Uttar Pradesh. During the programme, Dr. Hari Shankar Singh, Dr. Ram Avadh Ram, Dr. Govind Kumar and Dr. Israr Ahmed were felicitated for the development of new technology. At the end, the plant saplings were distributed to the farmers by Dr. Raghuveer Singh (President, AAUBS) and Dr. Shri Upendra Singh (secretary, AAUBS ) and other guest members. Event Date:- 25-11-2021 |
233. ICAR-CISH and Dr. RML Avadh University signed MoU
भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, अयोध्या के बीच समझौता ज्ञापन भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, अयोध्या के बीच दिनांक 20 नवम्बर, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया। सहयोग की यह पहल डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के छात्रों को भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं. में प्रशिक्षण और स्नातकोत्तर अनुसंधान के लिए सुविधा प्रदान करेगी। यह समझौता ज्ञापन युवा शोधकर्ताओं के बीच कौशल और तकनीकी विशेषज्ञता बढ़ाने में मदद करेगा। A memorandum of understanding (MoU) was signed between ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow and Dr. Ram Manohar Lohia Avadhj University, Ayodhya on November 20, 2021. This initiative of collaboration will facilitate the students of RML Avadh University for training and post graduate research at ICAR-CISH. This MoU will also help in enhancing skill and technical expertise of the young researchers. Event Date:- 20-11-2021 |
234. Farmers from Satna, Madhya Pradesh visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में सतना, मध्य प्रदेश के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 18 नवम्बर, 2021 को मध्य प्रदेश के सतना जिले के नागौद, अमरपाटन, उचेहारा, रामनगर एवं सुहावल प्रखंड के 15 किसानों एवं 1 अधिकारी के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, अंतरफसल, आम अमरूद, बेल एवं आंवला की उन्नत किस्मों, सब्जियों की संरक्षित खेती, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, अमरूद की एस्पालियर एवं कंटेनर बागवानी, फसल विविधीकरण, आम के बाग में टपक सिंचाई प्रबंधन आदि के बारे में अवगत कराया गया। किसानों का यह भ्रमण बागवानी विभाग, सतना, मध्य प्रदेश द्वारा प्रायोजित किया गया था। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक एवं श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. ने भ्रमण का समन्वय किया। A Group of 15 farmers including one official from Nagaud, Amarpatan, Uchehara, Ramnagar and Suhawal blocks of Satna, Madhya Pradesh visited experimental field of ICAR –CISH, Lucknow on November 18, 2021. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like High density planting of mango and guava, rejuvenation of old mango orchards, intercrops, improved varieties of mango, guava, bael and aonla, protective cultivation of vegetables, integrated management of insect and diseases, espalier and container gardening of guava, crop diversification and drip irrigation management in mango orchard etc. This visit was sponsored by Department of Horticulture, Satna, Madhya Pradesh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 18-11-2021 |
235. Meditation Camp organized at ICAR-CISH
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. में ध्यान शिविर का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में दिनांक 15-17 नवंबर, 2021 तक तीन दिवसीय ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 50 से अधिक वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया। श्री आर.एस.एल. श्रीवास्तव, प्रशिक्षक, हार्टफुलनेस मेडिएशन सेंटर, आईआईएम रोड, लखनऊ द्वारा ध्यान संबंधी व्याख्यान दिया गया। तीन दिवसीय शिविर के दौरान, भाग लेने वाले वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने ध्यान का अभ्यास करने के अलावा मानसिक कचरे को कैसे साफ किया जाए, के बारे में भी सीखा । संस्थान के निदेशक, डॉ. शैलेन्द्र राजन ने भी ध्यान के लाभों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ध्यान न केवल क्रोध को नियंत्रित करने में सहायक होता है, बल्कि कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है। ध्यान के उपरान्त कर्मचारियों ने इसके बारे में अपने अनुभव साझा किए। A three day meditation camp organized at ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow from November 15- 17, 2021. More than 50 scientists, officers and staff participated in it. The meditation related lecture was delivered by Shri R.S.L. Srivastava, trainer, Heartfullness Mediation Centre, IIM Road, Lucknow has delivered lecture on the benefits of meditation . During the three day camp, participating meditation practitioners also learnt how to cleanse mental garbage also besides practicing meditation. Director, ICAR-CISH, Dr Shailendra Rajan also briefed the gathering about meditation values. He further added that mediation not only controls anger but also helps in increasing the efficiency of the employees. After meditation, staff shared their experience about it. Event Date:- 17-11-2021 |
236. Webinar on Enterpreneurship Development in Horticulture: A New Paradigm
ICAR-CISH will organize the webinar on Enterpreneurship Development in Horticulture: A New Paradigm on November 16, 2021 Registration Link https://forms.gle/bneShuKhkkzA1d659 Please use our official e-mail ABIU.CISH@icar.gov.in for further correspondence. Event Date:- 16-11-20211 |
237. Webinar on Entrepreneurship Development in Horticulture: A New Paradigm
बागवानी में उद्यमिता विकास पर वेबिनार: एक नया प्रतिमान पर वेबिनार भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन (एबीआई) केंद्र द्वारा दिनांक 16 नवंबर 2021 को बागवानी में उद्यमिता विकास: एक नया प्रतिमान पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बागवानी में उद्यमियों को संवेदनशील एवं क्षमता निर्माण करना था । भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. के निदेशक डॉ. एस. राजन ने बागवानी में उद्यमिता के अवसरों के बारे में जानकारी दी। विशेषज्ञ डॉ. आर. नागराजा रेड्डी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पीआई मेडी-हब टीबीआई, भा.कृ.अनु.प.--औषधीय और सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय (डीएमएपीआर), आणंद, गुजरात ने उद्यमिता विकास में औषधीय एवं सगंधीय पादप के महत्व, उपयोग एवं भूमिका के बारे में बताया। एक अन्य वक्ता, श्री एस. संतोष, सीईओ, उद्यमिता विकास एवं नवाचार संस्थान (ईडीआईआई), त्रिची ने कृषि-व्यवसाय में हालिया रुझानों एवं कृषि स्टार्टअप में इनक्यूबेशन सहायता की भूमिका पर प्रकाश डाला। वेबिनार में देश भर से कुल 52 स्टार्टअप, उद्यमी, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, छात्र, महिला उद्यमी एवं तकनीकी कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन डॉ मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक और पीआई, एबीआई, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा किया गया था। A webinar on Entrepreneurship Development in Horticulture: A New Paradigm was organized by Agri-Business Incubation (ABI) Centre, ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture on 16th November 2021. The objective of programme was to sensitize and capacity build entrepreneurs in horticulture. ICAR-CISH, Director, Dr. S. Rajan, briefed about the avenues of entrepreneurship in horticulture. Expert, Dr. R. Nagaraja Reddy, Sr. Scientist and P.I., Medi-Hub TBI from ICAR-Directorate of Medicinal and Aromatic Plants Research (DMAPR), Anand, Gujarat explained about the importance, uses and role of Medicinal and Aromatic Plants in entrepreneurship development. Another speaker, Mr. S. Santhosh, CEO, Entrepreneurship Development and Innovation Institute (EDII), Trichy highlighted the recent trends in agri-business and role of incubation helping in agri-startups. A total 52 startup, entrepreneur, scientist, academician, students, women entrepreneur and technical staff participated across the country. The event was organized by Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist and P.I., ABI, ICAR-CISH. Event Date:- 16-11-2021 |
238. Farmers from Bhind, Madhya Pradesh visited ICAR- CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में भिंड, मध्य प्रदेश के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 11 नवम्बर, 2021 को मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अटेर, गोहद, महगाँव और लहर प्रखंड के 15 किसानों एवं 1 अधिकारी के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, आम अमरूद, बेल, आंवला एवं जामुन की उन्नत किस्मों, पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती, अंतरफसल, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, अमरूद की एस्पालियर और कंटेनर बागवानी, फसल विविधीकरण आदि के बारे में अवगत कराया गया। किसानों का यह भ्रमण बागवानी विभाग, भिंड, मध्य प्रदेश द्वारा प्रायोजित किया गया था। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक एवं श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. ने भ्रमण का समन्वय किया। A Group of 15 farmers along with 1 officer from Ater, Gohad, Mahgaon and Lahar blocks of Bhind district of Madhya Pradesh visited the experimental field of ICAR –CISH, Lucknow on November 11, 2021. During the visit farmers were apprised about Institute’s developed technologies like high density planting of mango and guava, rejuvenation of old mango orchards, improved varieties of mango, guava, bael, aonla and jamun, polyhouse cultivation of vegetables, intercrops, integrated management of insect and diseases, espalier and container gardening of guava, crop diversification etc. This visit was sponsored by Department of Horticulture, Bhind, Madhya Pradesh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 11-11-2021 |
239. Scientists-Students interaction meeting under Amrut Bharat Mahotsav programme
अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत वैज्ञानिकों-छात्रों की संवाद बैठक भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 1 नवंबर, 2021 को विद्यास्थली इंटर कॉलेज, कनार, मलिहाबाद, लखनऊ में कृषि और पर्यावरण: नागरिक चेहरा: स्कूली बच्चों (भविष्य के नेताओं एवं नागरिकों) के साथ बातचीत विषय पर वैज्ञानिकों-छात्रों की संवाद बैठक का आयोजन किया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को बागवानी उत्पादन के संदर्भ में विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम के आरम्भ में डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने छात्रों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए किसानों की आय बढ़ाने हेतु भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. द्वारा विकसित उन्नत बागवानी प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया। उन्होंने कृषि पारिस्थितिकी तंत्र पर पर्यावरणीय स्थिति के प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ का भ्रमण करने एवं बागवानी फसलों में उन्नत तकनीकों से परिचित कराने के लिए आमंत्रित किया। बैठक के दौरान, कई छात्रों ने कीट प्रकोप, गैर-मौसमी सब्जी की खेती, आम आधारित खेती प्रणाली, प्राकृतिक संसाधन संरक्षण आदि से संबंधित प्रश्न उठाए, जिनका वैज्ञानिकों ने उत्तर दिया। विद्यास्थली की प्रधानाचार्या श्रीमती अंशु शर्मा ने कहा कि स्कूली बच्चों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए इस तरह की पाठ्येतर गतिविधियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत आवश्यक है। कार्यक्रम में लगभग 200 छात्र-छात्राओं, स्कूल के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंशुमान सिंह व डॉ. कर्म बीर ने किया। ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Scientists-Students interaction meeting on the theme Agriculture and Environment: The Citizen Face: interacting with school children (the future leaders and citizens) at Vidyasthali Inter College, Kanar, Malihabad, Lucknow on November 1, 2021. This program, organized under ‘Azadi ka Amrit Mahotsav’ aimed to sensitize the school children about various environmental issues in context of horticultural production. At the outset of programme, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow addressing the school children and faculty, underlined about improved horticultural technologies developed by ICAR-CISH to enhance the farmers’ income, while conserving the natural resources. He informed about the impact of environmental condition on agriculture ecosystem. He invited the school children to visit ICAR-CISH, Lucknow and get them acquainted with improved technologies in horticultural crops. During meeting, several students raised queries related to insect-pest outbreaks, off-season vegetable cultivation, mango-based farming systems, natural resource conservation, etc. that were replied by the scientists. Mrs. Anshu Sharma, Principal, Vidyasthali said that such extra-curricular activities and interactions with experts were necessary to inculcate a sense of environmental responsibility among the school children. The programme was attended by about 200 students, school faculty and other staff. The Programme was coordinated by Dr. Anshuman Singh and Dr. Karm Beer. Event Date:- 01-11-2021 |
240. Vigilance Awareness Week-2021
सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2021 भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 26 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2021 के दौरान स्वतंत्र भारत@75: सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता विषय के साथ सतर्कता जागरूकता सप्ताह का अवलोकन किया गया। इस अवसर पर, दिनांक 26 अक्टूबर 2021 को संस्थान के कर्मचारियों को शपथ शपथ दिलाई गयी। संस्थान के मुख्य द्वार एवं अन्य स्थानों पर बैनर व पोस्टर लगाये गए। सभी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के उन्मूलन, खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता तथा समय की पाबंदी एवं ईमानदारी में समर्पित होने के लिए जागरूक किया गया। इसके अलावा, लंबित मामलों जैसे कि पदोन्नति, डीपीसी, यात्रा बिल का भुगतान, चिकित्सा बिल एवं अन्य शिकायतों के तत्काल सुधार के लिए भी जागरूक किया गया। सप्ताह के दौरान कार्यशाला एवं निबंध प्रतियोगिता के आयोजन के माध्यम से लोगों में सतर्कता के बारे में जागरूकता फैलाई गई। संस्थान के स्टाफ ने स्कूल एवं पंचायत का भ्रमण किया। कर्मचारियों ने छात्रों एवं अन्य नागरिकों को न केवल पैसे लेने और देने के रूप में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए जागरूक किया बल्कि छात्रों के बीच कदाचार, ईमानदारी, समय की पाबंदी आदि का प्रसार भी किया। ICAR-CISH, Lucknow observed Vigilance Awareness Week during October 26- November 1, 2021 with a theme of Independent India@75: Self Reliance with Integrity. On this occasion, pledge was taken by staff of the institute on October 26, 2021. Banners and posters were displayed on the main gate of the institute and other places. All the employees were sensitized to devote in eradication of corruption, transparency in purchase procedures, punctuality and honesty. Besides this, awareness was also brought out for immediate rectification of pending cases viz; promotion, DPC, payment of TA, medical bills and other grievances. During the week awareness about vigilance was spread among peoples through organizing of workshop and essay competition. The staff also visited school and panchayat for sensitizing students and other citizen about vigilance awareness to reduce corruption not only in the form of money takes and give processes, misconducts, sincerity, punctuality etc were disseminated among the students of primary and college institutions. Event Date:- 01-11-2021 |
241. National Unity Day-2021
राष्ट्रीय एकता दिवस-2021 संस्थान में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर दिनांक 31 अक्टूबर, 2021 को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक, डॉ. शैलेंद्र राजन ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संप्रभुता की सुरक्षा एवं राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता एवं अखंडता को सुनिश्चित और मजबूत करने में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान पर संक्षेप में प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान संस्थान द्वारा दिनांक 28 अक्टूबर, 2021 आयोजित पेंटिग प्रतियोगिता में विजयी हुए संस्थान के कर्मचारियों के बच्चों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सुरक्षा कर्मियों द्वारा मार्च पास्ट का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार द्वारा निर्देशित सामाजिक दूरी का पालन करते हुए किया गया। National Unity day was celebrated on the occasion of birth anniversary of Sardar Vallabh bhai Patel at the institute on October 31, 2021. Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH administered the oath to all employees for protecting sovereignty and observing safety. He briefly highlighted the contribution of Sardar Vallabh bhai Patel in ensuring and strengthening national security, unity and integrity. At this juncture, the children of the employees of the institute, who won the painting competition organized by the institute on October 28, 2021, were also honored with certificates. On the occasion, a march past was also organized by the security personnel of the institute. The program was organized following the social distance directed by the Government of India. Event Date:- 31-10-2021 |
242. ICAR-CISH, Lucknow inked MoU with Balaji Agro Foods, Lucknow
भा.कृ.अनु.सं-के.उ.बा.सं, लखनऊ एवं बालाजी एग्रो फूड्स, लखनऊ के बीच समझौता ज्ञापन भा.कृ.अनु.सं- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ एवं बालाजी एग्रो फूड्स, लखनऊ के बीच दिनांक 26 अक्टूबर, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर डॉ. ए.के. भट्टाचार्जी, डॉ. मनीष मिश्रा, डॉ. रवि एस.सी. एवं श्री सौरभ शुक्ला, बालाजी एग्रो फूड्स लखनऊ, डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.सं-के.उ.बा.सं., के साथ उपस्थित थे। फर्म ने भा.कृ.अनु.सं-के.उ.बा.सं., लखनऊ के तकनीकी सहयोग और अनुसंधान मार्गदर्शन के साथ चार आम आधारित इम्युनिटी बूस्टर उत्पाद जैसे संजीवनीप्राश, मैंगीफ्लेक्स, मोरिंगा प्लस और चोकोडिप विकसित किए हैं। इन आम आधारित उत्पादों को उद्यमी द्वारा डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.सं-के.उ.बा.सं. एवं प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. ए.के. भट्टाचार्जी की देखरेख में विकसित किया गया है। ICAR-CISH, Lucknow inked Memorandum of Understanding (MoU) with M/s Balaji Agro Foods, Lucknow on October 26, 2021. On this moment, Dr. A.K. Bhattacharjee, Dr. Maneesh Mishra, Dr. Ravi SC, and Mr. Saurabh Shukla, Balaji Agro Foods Lucknow along with Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH were present. The firm has developed four mango based immunity booster products namely, Sanjivaniprash, MangiFLEX, Moringa Plus and Chocodip with technical support and research guidance of ICAR-CISH, Lucknow. These mango based products were developed by the entrepreneur under the mentorship of Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH and Dr. A.K. Bhattacharjee, Principal Scientist, ICAR-CISH, Lucknow. Event Date:- 26-10-2021 |
243. ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized Webinar
भा.कृ. अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा वेबिनार का आयोजन भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 23 अक्टूबर, 2021 को विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के तहत विषय कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र की सफाई- क्या हमारे पास कीटनाशकों के विकल्प हैं? पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इसके अलावा बहुत से वैज्ञानिक ऑनलाइन माध्यम द्वारा भी कार्यक्रम से जुड़े। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एच.एस. सिंह ने कीट के प्रबंधन हेतु कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से कृषि-पारिस्थितिकी तंत्र पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया। उन्होने कीट के प्रबंधन हेतु अन्य विकल्पों के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ अंजू बाजपाई ने किया। Under Special National Swacchata Campaign, ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized Webinar on the topic Agro-ecosystem cleanliness- Do we have alternatives of pesticides? on October 23, 2021. The scientific staff of the Institute participated in the programme. Apart from this, many scientists also joined the programme through virtual mode. Principal Scientist, Dr. H.S. Singh informed about the adverse effects on the agro-ecosystem due to excessive use of pesticides for pest management. He also gave information about other options for the management of the pest. The program was coordinated by Principal Scientist, Dr. Anju Bajpai. Event Date:- 23-10-2021 |
244. Input dealer (DAESI) from Barabanki district, UP visited ICAR-CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के इनपुट डीलरों का भ्रमण बाराबंकी जिले के बांकी, हरक, त्रिवेदीगंज, हैदरगढ़, सिधौर, रामसनेहीघाट, पुरेदिल्ली, दरियाबाग, सिरौलीगौसपुर, मशौली, देवा, निंदुरा एवं फतेहपुर प्रखंड के दो अधिकारियों एवं 88 डीलरों के एक समूह ने दिनांक 22 अक्टूबर, 2021 को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान डीलरों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि इष्टतम उत्पादकता हेतु आम एवं अमरूद के पौधों की छंटाई, प्रति इकाई क्षेत्र में सुधार व लाभप्रदता हेतु आम के बागों में अंतरफसल, एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन, पोषण प्रबंधन, फसल विविधीकरण आदि के बारे में अवगत कराया गया। डीलरों को कीटनाशक के विवेकपूर्ण उपयोग और अनुशंसित मात्रा के बारे में भी जानकारी दी गयी। डीलरों का यह भ्रमण इनपुट डीलरों हेतु कृषि विस्तार सेवाओं में डिप्लोमा (डेसी) कार्यक्रम के तहत जिला कृषि पादप संरक्षण कार्यालय, बाराबंकी द्वारा प्रायोजित किया गया था। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. नरेश बाबू, एवं स.मु.त.अ., श्री अरविन्द कुमार ने भ्रमण का समन्वय किया। A group of 88 dealers of pesticides/ insecticide/ seeds/ fertilizers along with two officials from Banki, Harak, Trivediganj, Hydergarh, Sidhaur, Ramsanehighat, Puredelhi, Dariabagh, Sirauligauspur, Mashauli, Deva, Nindura and Fatehpur block of Barabanki district of Uttar Pradesh visited the ICAR-CISH, Lucknow on October 22, 2021. During the visit, dealers were apprised about Institute’s developed technologies such as pruning of mango and guava plants for optimum productivity, intercropping in mango orchards for improving profitability/unit area of field, intercropping integrated pest and disease management, nutrient management, crop diversification, etc. They were also informed about judicious use and recommended doses of pesticide. This visit was sponsored by District Agricultural Plant Protection Office, Barabanki under Diploma in Agricultural Extension Services (DAESI) for Input Dealers programme. Principal Scientist, Dr. Naresh Babu, and Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 22-10-2021 |
245. Students from SHUATS, Prayagraj visited ICAR-CISH, Lucknow
सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज के छात्रों का भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ का भ्रमण सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के चार संकाय सदस्यों के साथ बीएससी (कृषि) अंतिम वर्ष के सौ छात्रों ने दिनांक 20 एवं 21 अक्टूबर को दो बैचों में भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. के विभिन्न शोध इकाइयों और प्रयोगात्मक क्षेत्रों का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान, छात्रों को संस्थान की विकसित तकनीकों जैसे कि पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, सब्जियों की ऊर्ध्वाधर खेती, आम में अनियमित फलन के प्रबंधन, अंतरफसल, अमरूद की एस्पालियर बागवानी एवं कंटेनर बागवानी, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, ग्राफ्टिंग, रोपण विधि, आम एवं अमरूद की उन्नत किस्मों, फसल विविधीकरण, सब्जियों की संरक्षित खेती आदि के बारे में अवगत कराया गया। फल प्रसंस्करण प्रयोगशाला, सूक्ष्म जीव विज्ञान प्रयोगशाला एवं मृदा विज्ञान प्रयोगशाला के भ्रमण के दौरान डॉ. नीलिमा गर्ग, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. गोविंद कुमार, वैज्ञानिक एवं डॉ. वी.के. सिंह, मु.त.अ. ने उन्हें आम और अमरूद के मूल्यवर्धन, बागवानी फसलों के लिए सूक्ष्मजीवों के विकास और मिट्टी के नमूनों के संग्रह और विश्लेषण के बारे में बताया। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक और श्री अरविंद कुमार, स.मु.त.अ. ने छात्रों के भ्रमण का समन्वयन किया। One hundred (100) students of B.Sc (Agriculture) final year along with four faculty members from Sam Higginbottom University of Agriculture, Technology and Sciences, Naini, Prayagraj, Uttar Pradesh visited the ICAR-CISH in two batches on October 20 and 21, 2021. During the visit, students were apprised about Institute’s developed technologies like rejuvenation of old mango orchards, high density planting of mango and guava, vertical farming of vegetables, management of irregular bearing in mango, intercropping, espalier and container gardening of guava, integrated management of insect and diseases, improved varieties of mango and guava, grafting, planting methods, crop diversification, protected cultivation of vegetables, etc.. During the visit of fruit processing laboratory, microbiology laboratory and soil science laboratory, Dr. Neelima Garg, Principal Scientist, Dr. Govind Kumar, Scientist and Dr. V.K. Singh, Chief Technical Officer explained them value addition of mango and guava, development of microbial bio inoculants for horticultural crops and collection and analysis of soil samples respectively. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Mr. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 21-10-2021 |
246. One day training programme on Button and Oyster mushroom production
बटन एवं ऑयस्टर मशरूम उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 21 अक्टूबर, 2021 को बटन एवं ऑयस्टर मशरूम उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बीबीएयू, लखनऊ की छह छात्राएं; सीबीजीपीजी कॉलेज, बख्शी का तालाब, लखनऊ के 3 छात्र; किसान प्रथम परियोजना के तहत चयनित 12 ग्रामीण युवाओं ने भाग लिया। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. पी.के. शुक्ला ने मशरूम उत्पादन तकनीक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन तकनीक से परिचित कराना एवं व्यावसायिक उत्पादन स्तर पर पहुंचने तक दीर्घकालिक संबंध स्थापित करना था। कार्यक्रम के अंत में, डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने प्रतिभागियों के साथ चर्चा की एवं मशरूम की खेती करने की उनकी इच्छा के बारे में पूछा और इस कार्यक्रम से उनकी सीख का मूल्यांकन किया। छात्राओं की रुचि मुख्य रूप से सीखने में और भविष्य में मशरूम उगाने की थी। जबकि ग्रामीण युवा प्रशिक्षण के तुरंत बाद मशरूम उगाने के लिए तैयार थे और सीबीजीपीजी कॉलेज के छात्र व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन हेतु योजना बना रहे थे। ICAR-Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized one day training programme on October 21, 2021 on Button and Oyster mushroom production. The six girl students from BBAU, Lucknow; 3 boy students from CBGPG College, Bakhshi ka Talab, Lucknow; and 12 rural youths selected under Farmer’s FIRST project participated in the programme. Dr. P.K. Shukla, Principal Scientist told about the mushroom production technology, replied queries of participants and also given practical training. The major purposes of this training were to introduce the participants with mushroom production technology and to establish long term relationship till they reach at commercial production level. At the end, Dr. S. Rajan, Director had a discussion with participants, asked about their willingness to cultivate mushrooms and evaluated their learning from this programme. The girl students were mainly interested in learning and willing to grow mushrooms in future. While, rural youths were ready to grow mushroom immediately after training and the students of CBGPG College were planning to go for commercial production. Event Date:- 21-10-2021 |
247. ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organised Kisan Gosthi
भा.कृ. अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा कृषक गोष्ठी का आयोजन भा. कृ. अनु. प.- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ द्वारा दिनांक 12 अक्टूबर, 2021 को विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के तहत मलिहाबाद प्रखंड के ढकवा गाँव में वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) विषय पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें गांव के मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान विशम्भरनाथ सहित गांव के 150 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इसके अलावा बहुत से किसान एवं वैज्ञानिक ऑनलाइन माध्यम द्वारा भी कार्यक्रम से जुड़े। कार्यक्रम की शुरुआत में संस्थान के निदेशक डॉ शैलेन्द्र राजन ने कचरों से खाद बनाने के बारे में बताया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ राम अवध राम ने किसानों को जैविक खाद के बारे में जानकारी दी, उन्होंने जैविक खाद से होने वाली खेती के फायदे और रासायनिक खेती से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में किसानों को बताया। कार्यक्रम का समन्वय प्रधान वैज्ञानिक, डॉ अंजू बाजपाई एवं संचालन डॉ. मनीष मिश्र ने किया। Under Special National Swacchta Campaign, ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organised Kisan Gosthi on the topic of Waste to Wealth in Dhakwa village of Malihabad block on October 12, 2021. The Gram Pradhan, Vishambharnath was present as chief guest. More than 150 farmers were participated in the programme. Apart from this, many farmers and scientists also joined the programme through virtual mode. At the outset of programme, Director, Dr. Shailendra Rajan, apprised the farmers about making of vermicompost from waste. Principal Scientist, Dr. Ram Avadh Ram informed the farmers about organic manure, he told the farmers about the benefits of organic farming and the side effects of chemical farming. The programme was coordinated by Principal Scientist, Dr. Anju Bajpai and conducted by Dr. Manish Mishra Event Date:- 12-10-2021 |
248. Farmers Scientists Interface on Climate Resilient varieties, Technologies and Practices and Live Telecast of Honorable Prime Minister
जलवायु अनुकूल किस्मों, प्रौद्योगिकियों एवं प्रथाओं पर किसान-वैज्ञानिक वार्ता एवं माननीय प्रधान मंत्री का सीधा प्रसारण भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने दिनांक 28 सितंबर, 2021 को जलवायु आधारित किस्मों, प्रौद्योगिकियों एवं प्रथाओं पर किसान-वैज्ञानिक वार्ता का आयोजन किया। कार्यक्रम में मलिहाबाद के 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं जनता के बीच लोकप्रिय पेड बाबा श्री आचार्य चंद्र भूषण तिवारी उपस्थित थे। इस अवसर पर, वैज्ञानिकों और किसानों ने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ऑनलाइन संबोधन में भाग लिया। जिसमें पीएम ने विशेष लक्षणों वाली 35 फसलों की किस्मों का विमोचन किया, वस्तुतः राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएसएम) रायपुर का उद्घाटन किया, देश भर के किसानों के साथ बातचीत की और कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं. ने किसानों को उन फल फसलों के बारे में बताया जो जलवायु के नकारात्मक प्रभाव को सहन कर सकती हैं। किसानों को कीटों एवं पौधों की बीमारियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, कीट की जलवायु स्मार्ट प्रथाओं और बागवानी फसलों के रोग प्रबंधन, जलवायु स्मार्ट सब्जी उत्पादन के बारे में भी अवगत कराया गया। समारोह के मुख्य अतिथि ने विशेष रूप से किसानों को फ्रूट फ्लाई ट्रैप, केले के पौधे (जी-9), अमरूद (सीआईएस धवल) और सब्जी के बीज किट वितरित किए। बदलती जलवायु परिस्थितियों में किसानों ने कीट, कीट एवं रोग से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए। संस्थान के वैज्ञानिकों ने चरम मौसम की स्थिति में रोग एव कीट प्रबंधन के लिए शमन रणनीति के बारे में बताया। उपरोक्त विषय पर संस्थान के क्षे.अनु.के. एवं के.वी.के., मालदा (पश्चिम बंगाल) में भी किसान गोष्ठी-सह-किसान वैज्ञानिक वार्ता का आयोजन किया गया। वैज्ञानिकों ने कृषि में जलवायु आधारित कृषि, जलवायु स्मार्ट कृषि के बारे में महिला कृषिकों और ग्रामीणों को जानकारी दी। इस संवाद बैठक और प्रधानमंत्री के लाइव टेलीकास्ट कार्यक्रम से लगभग 105 किसान और किसान महिलाएं लाभान्वित हुईं। ICAR-CISH, Lucknow organized Farmer-Scientist interaction meeting on Climate Resilient Varieties, Technologies and Practices on September 28, 2021. More than 100 farmers from Malihabad participated in the programme. In this programme, Sri Archaya Chandra Bhushan Tiwari, famous environmentalist and popularly known among masses Ped Baba was present as chief guest. At this juncture, Scientists and farmers attended online address of Honorable Prime Minister Sri Narendra Modi. In which PM released 35 crops varieties with special traits, virtually inaugurated National Institute on Biotic Stress Management (NIBSM) Raipur, interacted with famers across the country and bestowed Green Campus award to the agriculture universities. On this occasion, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH underlined about the fruit crops which can with stand the negative impact of climate. Farmers were also apprised about impact of climate change on pest and diseases of plants, climate smart practices of pest and disease management of horticultural crops, climate smart vegetable production. The Chief guest of function distributed fruit fly traps, plants of banana (G-9), guava (CISH Dhawal) and seed kit of vegetable to particularly farmers. Farmers expressed their views pertaining to insect, pest and disease under changing climatic conditions. The scientists of Institute explained mitigation strategy for disease and pest management under extreme weather condition. A Kisan Goshthi-cum-Farmers Scientist Interface was also organized at Institutes RRS & KVK, Malda (West Bengal) under the theme of Climate Resilient Verities, Technologies and Practices. Scientists briefed about interacted Climate Resilient in Agriculture, Climate Smart Agriculture to the farm women and villagers. About 105 farmers and farm women were benefitted from this interaction meeting and PM live telecast programme. Event Date:- 28-09-2021 |
249. Webinar on Role of Fruits and Vegetables in Food and Nutritional Security
खाद्य और पोषाहार सुरक्षा में फलों और सब्जियों की भूमिका पर वेबिनार भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत दिनांक 27 सितंबर, 2021 को राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अवसर पर खाद्य और पोषाहार सुरक्षा में फलों और सब्जियों की भूमिका पर एक वेबिनार का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिक फलों और सब्जियों के सेवन से पोषण और स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना था। इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न भाकृअनुप संस्थानों और विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं. के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन के उद्घाटन भाषण से हुई। अधिवेशन के प्रमुख वक्ता डॉ. प्रीतम कालिया, पूर्व एमेरिटस वैज्ञानिक, पूर्व अध्यक्ष, सब्जी विज्ञान विभाग, भा॰कृ॰अनु॰प॰-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने “सब्जियों के पौष्टिक-औषधीय पदार्थों जैव-संवर्धन” पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने विकासशील देशों में भूख और कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए पोषक तत्वों और जैव-संवर्धित खाद्य पदार्थों के स्रोत के रूप में सब्जियों के महत्व का स्पष्ट ज्ञान साझा किया । भाकृअनुप-के.उ.बा.सं. के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर.ए. राम ने फलों और सब्जियों को रसोई के कूड़े से प्राप्त खाद द्वारा उगाने के लाभों के बारे में गहन जानकारी दी। उन्होंने बागवानी फसलों के जैविक उत्पादन के लिए नगरपालिका के ठोस कचरे के साथ-साथ रसोई के कचरे के उपयोग पर जोर दिया। वैज्ञानिक डॉ. पी. बर्मन और डॉ. कर्मवीर, ने कार्यक्रम का समन्वयन किया। ICAR-CISH, Lucknow organized a webinar on Role of Fruits and Vegetables in Food and Nutritional Security on the occasion of National Nutrition Week under Bharat ka Amrit Mahotsav programme on September 27, 2021. The purpose of this programme was to create awareness amongst masses about the nutritional and health benefits of consuming more fruits and vegetables. The programme was attended by scientists, research scholars and academicians from various ICAR institutes and Universities of India. The event started with an inaugural address by Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Lucknow who extended his warm welcome to the participants and Resource Persons of the Webinar. The keynote speaker of the Session Dr. Pritam Kalia, former Emeritus Scientist, Ex-Head, ICAR-IARI, New Delhi presented the keynote address on “Nutraceuticals and bio-fortification of vegetables”. He projected a clear understanding of the importance of vegetables as source of nutraceuticals and bio-fortified foods for tackling hunger and malnutrition problem in developing world. Dr. R.A. Ram, Principal Scientist, ICAR-CISH gave a deep insight into the benefits of roof top gardening of fruits and vegetable crops and emphasized on utilization of municipal solid wastes as well as kitchen wastes for organic production of horticultural crops. Dr. P. Barman and Dr. Karma Beer, Scientists coordinated the programme. Event Date:- 27-09-2021 |
250. Mango farmers were demonstrated how to use Paclobutrazol
On the 27th of September, ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow, held a one-day demonstration of Paclobutrazol to mango growers as part of the emeritus scientist scheme in Bharawan village, Malihabad. About 30 farmers from the Malihabad area participated in the event. Dr. V.K. Singh, the Institutes Emeritus Scientist, deliberated the proper use of paclobutrazol in mango orchards as well as traces of paclobutrazol residues in soil and plant systems. To get the most out of Paclobutrazol use, Dr. Singh reiterated that farmers need proper guidance and training on how to apply it. Careful use is not only cost-effective for them, but it is also environmental friendly. Dr. Gundappa, an entomologist, interacted with farmers about the pest outbreak and how to manage them. Farmers were made aware of the importance of using insecticides and paclobutrozol judiciously in order to increase income. Event Date:- 27-09-2021 |
251. हिंदी सप्ताह का आयोजन
भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ में 14 से 20 सितंबर, 2021 तक हिंदी सप्ताह का आयोजन किया गया। हिंदी सप्ताह 14 सितंबर, 2021 को हिंदी दिवस समारोह के साथ शुरू हुआ। हिंदी दिवस समारोह गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित राजभाषा प्रतिज्ञा के साथ शुरू हुई। एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन भी किया गया, जिसमें डॉ. निर्भय नारायण गुप्ता, पूर्व महाप्रबंधक, केन्द्रीय भण्डारण निगम उत्तर प्रदेश एवं उत्तरांचल ने हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास पर व्याख्यान दिया। उन्होंने एक आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी के महत्व के विषय में भी बात की। इस अवसर पर, संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने भारत के लोगों को एक साथ जोड़ने में हिंदी की भूमिका को बताया। हिंदी सप्ताह के दौरान, हिंदी निबन्ध, हिंदी काव्य पाठ, हिंदी वाद-विवाद, हिंदी में कार्य प्रोत्साहन पुरूस्कार, हिंदी टंकण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वैज्ञानिक, प्रशासनिक, तकनीकी और गैर हिंदी भाषियों के लिए विभिन्न श्रेणियों में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसके अलावा, 20 सितंबर, 2021 को एक राष्ट्रीय स्तर के हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें पांच प्रतिष्ठित कवियों ने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए इतिहास से संबंधित, राष्ट्रवादी कविताओं का पाठ किया। Event Date:- 21-09-2021 |
252. Nutri Garden Campaign and Tree Plantation Programme
पोषण वाटिका और वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-.केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने लखनऊ जिले के काकराबाद एवं मीठेनगर गांवों में दिनांक 17 सितम्बर, 2021 को पोषक-वाटिका अभियान और वृक्षारोपण अभियान सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए और कृ.वि.के., धौरा (उन्नाव जिला) में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष- 2023 के लिए पोषक तत्व मेगा सम्मेलन के तहत पौध वितरण एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कृ.वि.के., धौरा में डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.सं-के.उ.बा.सं. ने कृषि महिलाओं, किसानों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं लड़कियों (कन्या) को संबोधित किया। उन्होंने मोटे अनाज के एंटीऑक्सीडेंट गुणों एवं मानव स्वास्थ्य पर उनकी भूमिका के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर आम, अमरूद, आंवला, नींबू, बेल, सहजन, परवल, केला और ब्रोकली के 12,000 पौधे खेतिहर महिलाओं, लड़कियों और स्वयं सहायता समूहों के बीच वितरित किए गए। इसके अलावा अनुसूचित जाति के किसानों को फल फसलों, सहजन और विदेशी सब्जियों के वितरण और रोपण के माध्यम से सशक्त बनाया गया। कार्यक्रम के दौरान 225 से अधिक महिलाओं सहित कुल 525 किसान सम्मिलित हुए। भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं, क्षे.अनु.के. एवं कृ.वि.के., मालदा (पश्चिम बंगाल) में इफको और कृभको के सहयोग से पोषक-वाटिका और वृक्षारोपण पर अभियान आयोजित किया गया, जहाँ 15 लड़कियों एवं 45 कृषि महिलाओं को विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज एवं स्वास्थ्य के लिए इसके महत्व के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान भा.कृ.अनु.प.-के.उ.बा.सं, क्षे.अनु.के. एवं कृ.वि.के., मालदा के परिसर में 60 पौधे लगाए गए और किसानों को 60 पौधे वितरित किए गए। ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized various programs including Nutri-Garden Campaign and Plantation Drive in Kakrabad and Meethenagar villages of Lucknow district and distribution of plants and plantations drive a sensitization campaign at KVK, Dhaura (Unnao district) on September 17, 2021 under Nutricereals Mega convention for International Year of Millets 2023. At KVK, Dhaura; Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH addressed about 150 farm women, farmers, anganwadi workers and girls (kanya). He underlined about the antioxidant properties of millets and their role on human health. On this occasion, 12,000 saplings of mango, guava, aonla, lime, bael, drumstick, pointed gourd, banana and broccoli were distributed among the farm women, girls and Self Help Groups. A part from this, scheduled caste farmers were also empowered through distribution and plantation of fruit crops, drumstick and exotic vegetables. A total number of 525 farmers participated during the programme including more than 225 women. Campaign on Nutri Garden and Tree Plantation was also organized in association with IFFCO and KRIBHCO at the premises of ICAR-CISH, RRS & KVK, Malda (West Bengal), where 15 girls and 45 farm women were made aware about the importance of various types of millets and its benefits for the health. Sixty trees were planted in the campus of ICAR-CISH, RRS & KVK, Malda and 60 plants were distributed to the farmers. Event Date:- 17-09-2021 |
253. Farmers from Shivpuri, Madhya Pradesh visited ICAR-CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ में शिवपुरी, मध्य प्रदेश के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 17 सितम्बर, 2021 को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस, बसरवास, पोहरी, नरवर और करेरा प्रखंड के 1 अधिकारी सहित 15 किसानों के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, सब्जियों की संरक्षित खेती, आम में अनियमित फलन के प्रबंधन, कीट एवं रोगों का एकीकृत प्रबंधन, पपीता के रोपण के तरीके, अमरूद के एस्पालियर एवं कंटेनर बागवानी, अंतरफसल, मृदा उपज बढ़ाने एवं प्रति इकाई क्षेत्र से अधिक आय हेतु दलहनों का अंतरफसल के बारे में अवगत कराया गया। किसानों को अधिक लाभ के लिए फसल विविधीकरण के लिए भी प्रेरित किया गया। उन्हें फलों और सब्जियों के पोषण के महत्व के बारे में भी बताया गया। किसानों का यह भ्रमण बागवानी विभाग, शिवपुरी, मध्य प्रदेश द्वारा प्रायोजित किया गया था। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक एवं श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. ने भ्रमण का समन्वय किया। A group of 15 farmers along with 1 officier from Kolaras, Basarwas, Pohri,Narwar and Karera blocks of Shivpuri district of Madhya Pradesh visited the experimental field of ICAR-CISH, Lucknow on September 17, 2021. During the visit, farmers were apprised about Institute’s developed technologies like High density planting of mango and guava, rejuvenation of mango, protected cultivation of vegetables, management of irregular bearing in mango, integrated management of insect and diseases, planting methods of papaya, espalier and container gardening of guava, intercropping, legumes intercropping for enhancing soil fertility as well as perk up of more income from per unit area field. They were also sensitized about importance of nutrition of fruits and vegetables as well as Nutri-gardens. Farmers were also motivated for crop diversification for more benefit. The programme was sponsored by Department of Horticulture, Shivpuri, Madhya Pradesh. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 17-09-2021 |
254. Visit of students to ICAR-CISH, RRS & KVK under DAESI programme
डेसी कार्यक्रम के तहत भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं. क्षे.अनु.सं एवं कृषि विज्ञान केंद्र में छात्रों का भ्रमण इनपुट डीलरों हेतु कृषि विस्तार सेवाओं में डिप्लोमा (डेसी) के तहत, पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के 40 के एक छात्रों के एक समूह ने दिनांक 14 सितम्बर, 2021 को भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षे.अनु.सं एवं कृषि विज्ञान केंद्र, मालदा के प्रक्षेत्र, प्रसंस्करण इकाइयों, दाल और तेल मिल इकाइयों, वर्षा जल संचयन प्रणाली, मछली तालाबों और अन्य कृषि संयत्रों का भ्रमण किया। डॉ. अंतरा दास (वैज्ञानिक) ने छात्रों को शहद प्रसंस्करण, दालों एवं तेलों की मिलिंग, वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि, मछली और मुर्गी पालन के साथ खेती आदि के बारे में जानकारी दी। डॉ. शैलेश कुमार (विषय विशेषज्ञ- मत्स्य विज्ञान) ने एकीकृत कृषि प्रणाली, पॉली नेट हाउस, ग्रीनहाउस आदि के लाभों के बारे में बताया। डॉ. अंतरा दास एवं डॉ. शैलेश कुमार ने भ्रमण का समन्वय किया। Under Diploma in Agriculture Extension Services for Input dealer (DAESI) of Agriculture Training Centre, Malda West Bengal, a group of 40 students visited the experimental field, processing units, pulse and oil mill units, rain water harvesting system, fish ponds and other farming machinery of ICAR-CISH, RRS & KVK Malda on September 14, 2021. Dr. Anatara Das, Scientist, apprised the students about honey processing, milling of pulses and oils, vermicompost processing method, integrated farming with fish and poultry, etc. Dr. Shailesh Kumar (SMS-Fisheries Science) described benefits of integrated farming system, poly net house, greenhouse etc.. Dr. Anatara Das and Dr. Shailesh Kumar coordinated the visit. Event Date:- 14-09-2021 |
255. Demonstration of Broccoli cultivation under Farmer FIRST project
फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत ब्रोकोली की खेती का प्रदर्शन भा.कृ.अनु.प.- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत दिनांक 13 सितम्बर, 2021 को मलिहाबाद प्रखंड के अंगीकृत गांव नवी पनाह, मोहम्मदनगर तालुकेदारी एवं मीठेनगर में चयनित किसानों के बीच ब्रोकोली की खेती का प्रदर्शन किया। किसानों को, संस्थान द्वारा विकसित आईसीएआर-सीआईएसएच-फसल शक्ति तथा आईसीएआर-सीआईएसएच बायो-इन्हैन्सर का ब्रोकोली की खेती पर, परिक्षण हेतु दिया गया। किसानों को खेती में सूक्ष्म पोषक तत्वों तथा मिट्टी के सूक्ष्म जीवों के महत्व के बारे में भी अवगत कराया गया। ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow demonstrated the Broccoli cultivation on September 13, 2021 under Farmers FIRST Project. The demonstration were perform at farmers field (Farmers adopted under FFP) of Navi Panah, Mohammadnagar Talukedari and Mithenagar of Malihabad block. ICAR-CISH-Fasal Shakti and ICAR-CISH Bio-Enhancer developed by the institute were given to the farmers for testing on broccoli cultivation. Farmers were also apprised about the importance of micronutrients and soil micro-organisms in farming. Event Date:- 13-09-2021 |
256. ICAR-CISH Signed MoU with Sai Enterprise, Lucknow
भा.कृ.अनु.सं-के.उ.बा.सं और साईं इंटरप्राइजेज के बीच समझौता ज्ञापन भा.कृ.अनु.सं- केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ और साई एंटरप्राइज, लखनऊ के बीच दिनांक 8 सितंबर 2021 को एक समझौता ज्ञापन किया गया। इस मौके पर डॉ शैलेंद्र राजन, निदेशक, भाकृअनुप-के.उ.बा.सं, श्री ईशा रजा, प्रोपराइटर, साईं इंटरप्राइजेज, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एच.एस. सिंह एवं डॉ. मनीष मिश्रा उपस्थित थे। यह समझौता ज्ञापन विपणन धारक को सीआईएसएच-ग्लू ट्रैप की समय पर आपूर्ति की सुविधा प्रदान करेगा। ICAR-CISH, Lucknow signed a Memorandum of Understanding (MoU) with Sai Enterprises, Lucknow on September 8, 2021. This MoU will facilitate the marketing holder to timely supply of CISH-Glue Trap On this moment, Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH, Mr. Isha raza, proprietor, Sai Enterprise along with Principal Scientist, Dr. H.S. Singh and Dr. Manish Mishra were present. Event Date:- 08-09-2021 |
257. Innovator-Farmer Meet for promoting Nutri-sensitive Agriculture and Horti-entrepreneurship under Amrut Bharat Mahotsav programme
अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत पोषक तत्वों के प्रति संवेदनशील कृषि एवं बागवानी-उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु नवप्रवर्तक-किसान बैठक का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 3 सितम्बर, 2021 को अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत पोषक तत्वों के प्रति संवेदनशील कृषि एवं बागवानी-उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु नवप्रवर्तक-किसान बैठक का आयोजन किया। जिसमें 30 स्वयं सहायता समूह और एफपीओ, बागवानी-नवप्रवर्तक और प्रगतिशील बागवानी विशेषज्ञ सहित कुल 100 प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में, डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने पोषण-संवेदनशील एवं आर्थिक रूप से आकर्षक नवाचारों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा किये गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। डॉ. मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों की आय एवं पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए फार्मर्स-फर्स्ट परियोजना के योगदान के बारे में बताया। डॉ. अशोक कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने पोषक तत्वों से भरपूर गैर-पारंपरिक शाक फसलों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान, कुछ प्रतिभागियों ने आम आधारित एकीकृत खेती, गुणवत्ता रोपण सामग्री का उत्पादन, जैविक सब्जी उत्पादन और मूल्य संवर्धन जैसे क्षेत्रों में अपनी सफलताओं एवं अनुभवों को भी साझा किया। कार्यक्रम के अंत में, डॉ. एस. राजन ने नवगठित माल आम किसान उत्पादक संगठन और दुर्गा शक्ति स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को आम के उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन हेतु नवीन विचारों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें दशहरी आम के अमावट (मैंगो लेदर) पर अधिक जोर दिया गया। जिसकी बाजार में अपार संभावनाएं हैं। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वयन डॉ. अंशुमान सिंह, वैज्ञानिक ने किया। ICAR- CISH, Lucknow organized an Innovator-Farmer Meet on the theme Nutri-sensitive Agriculture under Amrut Bharat Mahotsav programme on September 3, 2021. A total of 100 participants including 30 Self-Help Group and FPO members, horti-innovators and progressive horticulturists were attended the programme. At the outset of programme, Dr. S. Rajan, Director, ICAR-CISH highlighted the Institutes effort for perk up the farmers income through nutrition sensitive and economically attractive innovation. Dr. Maneesh Mishra, Principal Scientist underlined about contribution of Farmer- FIRST project to improving the farmers income and nutrition security. Dr. Ashok Kumar, Principal Scientist informed about the increasing the farmers income through nutri-rich non-conventional vegetable crops. During the programme, some participants also shared their successes and experiences in areas like mango-based integrated farming, production of quality planting material, organic vegetable production and value addition. At the end of programme, Dr. S. Rajan exhorted the members of newly formed Mal Mango Farmer Producer Organization and the Durga Shakti SHG to apply innovative ideas for mango production, processing and marketing, including greater emphasis on Dashehari mango amavat (mango leather) that has huge market potential. Dr. Anshuman Singh, Scientist coordinated the conducted the programme. Event Date:- 03-09-2021 |
258. Field day organized under Farmers FIRST project
फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन भाकृअनुप-केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ ने किसान प्रथम परियोजना के तहत 27 अगस्त, 2021 को प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया। प्रधान वैज्ञानिक डॉ मनीष मिश्रा (प्र. अ., फार्मर फर्स्ट परियोजना), डॉ राम अवध राम और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार वर्मा ने मलिहाबाद प्रखंड के गोद लिए गांव मोहम्मदनगर तालुकदारी एवं नवीपनाह के किसानों के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। वैज्ञानिकों ने आम के बागों में आम आधारित कुक्कुट पालन, मछली पालन, हल्दी, जिमीकंद, पैनिकम घास, वर्मीकम्पोस्टिंग एवं संस्थान द्वारा विकसित सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रदर्शन का अवलोकन किया। वैज्ञानिकों ने किसानों से बातचीत कर उनकी बागवानी संबंधी समस्याओं का समाधान भी किया। ICAR-Central Institute of Subtropical Horticulture, Lucknow organized Field Day on August 27, 2021 under Farmers FIRST Project. Principal Scientist, Dr. Manish Mishra (PI, FFP), Dr. Ram Awadh Ram and Senior Scientist, Dr. Anil Kumar Verma visited the farm of farmers of adopted village Mohammadnagar Talukdari and Navipanah of Malihabad block. Scientists observed the mango based poultry farming, fish culturing, intercropping like turmeric, yam, panicum grass, vermicomposting in mango orchards and the performance of micronutrients developed by the institute. The scientists also interacted with farmers and solve their horticulture related problems. Event Date:- 27-08-2021 |
259. Farmers from Arwal, Bihar visited ICAR-CISH, Lucknow
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में अरवल, बिहार के कृषकों का भ्रमण भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ में दिनांक 26 अगस्त, 2021 को बिहार के अरवल जिले के कलेर, कार्ति, कुर्था और बंसी प्रखंड के 2 अधिकारियों सहित 20 किसानों के एक दल ने संस्थान के प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान किसानों को संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कि आम एवं अमरूद की सघन बागवानी, पुराने आम के बागों का जीर्णोद्धार, अंतरफसल, सब्जियों की संरक्षित खेती, आम में अनियमित असर के प्रबंधन, कीट और रोगों का एकीकृत प्रबंधन पपीता के रोपण के तरीके, अमरूद के एस्पालियर एवं कंटेनर बागवानी के बारे में अवगत कराया गया। किसानों को अधिक लाभ के लिए फसल विविधीकरण के लिए भी प्रेरित किया गया। उन्हें फलों और सब्जियों के पोषण के महत्व के बारे में भी बताया गया। किसानों का यह भ्रमण इंदिरा गांधी सहकारी प्रबंधन संस्थान, राजाजीपुरम, लखनऊ के सहयोग से आत्मा, अरवल, बिहार द्वारा प्रायोजित थी। डॉ. नरेश बाबू, प्रधान वैज्ञानिक एवं श्री अरविन्द कुमार, स.मु.त.अ. ने भ्रमण का समन्वय किया। A group of 20 farmers along with 2 officials from Kaler, Karti, Kurtha and Bansi blocks of Arwal district of Bihar visited the experimental field of ICAR-CISH, Lucknow on August 26, 2021. During the visit, farmers were apprised about Institute’s developed technologies like High density planting of mango & guava, rejuvenation of old mango orchards, intercrops, protected cultivation of vegetables, management of irregular bearing in mango, integrated management of insect & diseases, planting methods of papaya, espalier & container gardening of guava etc.. Farmers were also motivated for crop diversification for more benefit. They were also aware about importance of Nutrition of fruits and vegetables. The visit was sponsored by ATMA, Arwal, Bihar in collaboration with Indira Gandhi Institute of Cooperative Management, Rajajipuram, Lucknow. Dr. Naresh Babu, Principal Scientist and Shri. Arvind Kumar, ACTO coordinated the visit. Event Date:- 26-08-2021 |
260. Scientist-Farmer Dialogue on the topic Food and Nutrition for Farmers under Amrit Bharat Mahotsav programme
अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत किसानों के लिए भोजन और पोषण विषय पर वैज्ञानिक-कृषक संवाद भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 26 अगस्त, 2021 को अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत किसानों के लिए भोजन और पोषण विषय पर वैज्ञानिक-कृषक संवाद बैठक का आयोजन किया। जिसमें अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत गोद लिए गाँव से 50 किसानों सहित स्वयं सहायता समूहों / गैर-सरकारी संगठनों (जैसे, स्वावलंबन महिला एसएचजी, विजेता कल्याण फाउंडेशन, सहभागिता, आदि) के 10 प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. आर.ए. राम ने किसानों को अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत की जा रही विभिन्न गतिविधियों की संक्षिप्त जानकारी दी। किसानों और अन्य प्रतिभागियों को स्वास्थ्य लाभ के लिए दैनिक आहार में विविध फलों और सब्जियों को शामिल करने के लिए जागरूक किया गया। डॉ. एस. आर. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने रासायनिक मुक्त फलों और सब्जियों की वर्ष भर उपलब्धता हेतु न्यूट्री-गार्डन की स्थापना के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। डॉ. मनीष मिश्रा, प्रधान वैज्ञानिक ने फार्मर्स-फर्स्ट परियोजना एवं उसके द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने किसानों को विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियों में पाए जाने वाले बायोएक्टिव यौगिकों एवं उनसे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया। बैठक के दौरान किसानों ने फलों एवं सब्जियों की खेती से सम्बंधित समस्याओ के बारे में सवाल किये जिनका संबंधित विशेषज्ञों द्वारा जवाब दिया गया। बैठक के उपरांत किसानों एवं अन्य प्रतिभागियों को कागजी नींबू के पौधे प्रदान किए गए। डॉ. अंशुमन सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कार्यक्रम का संचालन किया। ICAR- Central Institute for Subtropical Horticulture, Lucknow organized a Scientist-Farmer Dialogue on the topic Food and Nutrition for Farmers under Amrit Bharat Mahotsav programme on August 26, 2021. A total 50 farmers from adopted village of SCSP along with 10 representatives of Self Help Groups/Non-Government Organizations (e.g., Swavalamban Mahila SHGs, Vijeta Kalyan Foundation, Samhayi, etc.) were present in programme. At the outset of the programme, Dr. R.A. Ram, Principal Scientist briefed the farmers about the various activities being carried out under the Amrit Bharat Mahotsav programme. Farmers and other participants were sensitized about to include diverse fruits and vegetables in daily diet for health benefits. Principal Scientist Dr. S.R. Singh apprised about the various aspects of establishment of Nutri-Garden for year round availability of chemical free fruits and vegetables. Principal Scientist, Dr. Manish Mishra gave information about the Farmers-First project and various aspects to perk up the income of farmers through it. Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH briefed the farmers about the bioactive compounds found in different types of fruits and vegetables and the health benefits from them. During the meeting, the farmers raised questions regarding the problems related to the cultivation of fruits and vegetables, which were answered by the concerned experts. After the meeting, Kagaji lemon saplings were distributed to the farmers and other participants. Dr. Anshuman Singh, Senior Scientist conducted the programme. Event Date:- 26-08-2021 |
261. ICAR-CISH RRS Malda organized Scientist-Farmer interaction meeting on the topic Food and Nutrition for Farmers under Amrit Bharat Mahotsav programme
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षे.अनु.के. मालदा द्वारा अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत किसानों के लिए भोजन और पोषण विषय पर वैज्ञानिक-कृषक संवाद बैठक का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., क्षे.अनु.के. मालदा द्वारा दिनांक 26 अगस्त, 2021 को हबीबपुर प्रखंड के गोद लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति गांवों में अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के तहत किसानों के लिए भोजन और पोषण विषय पर वैज्ञानिक-किसान बातचीत बैठक का आयोजन किया गया। किसानों को मानव पोषण में फलों, सब्जियों और मछलियों की भूमिका के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंतरा दास, वैज्ञानिक एवं डॉ. शैलेश कुमार, विषय विशेषज्ञ (एसएमएस) ने किसानों से बातचीत की। डॉ. शैलेश कुमार ने किसानों से संतुलित आहार एवं उनके लाभ के बारे में चर्चा की। उन्होंने किसानों को प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे विटामिन और खनिजों के स्रोत एवं मानव स्वास्थ्य में उनकी भूमिका के बारे में भी बताया। ICAR- CISH RRS, Malda organized a Scientist-Farmer interaction meeting on the topic Food and Nutrition for Farmers under Amrit Bharat Mahotsav programme at SC and ST adopted villages of Habibpur block on August 26, 2021. Farmers were sensitized about the role of fruits, vegetables & fishes in human nutrition. During the programme Dr. Antara Das, Scientist and Dr. Shailesh Kumar, SMS to interact with farmers. Dr. Shailesh Kumar discussed with farmers about balanced diet and their benefit . He also underlined about source and role of proteins, carbohydrate, micronutrients such as vitamins & minerals in human health. Event Date:- 26-08-2021 |
262. ICAR-CISH, Lucknow organized training cum workshop on Guava pulp processing and value added product under Farmers-First project
फार्मर्स-फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत अमरुद का गूदा प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धित उत्पाद पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने ग्राम मोहम्मदनगर तालुकेदारी में दिनांक 24 अगस्त 2021 को अमरुद का गूदा प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धित उत्पाद पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें स्वावलंबन महिला स्वयं सेवा समूह की 20 से अधिक प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। डॉ आलोक गुप्ता, वैज्ञानिक ने प्रशिक्षुओं को अमरुद के गूदे से जूस, जैम, जैली एवं आरटीएस बनाने का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षुओं को अमरुद के गूदे का वैज्ञानिक तरीके से प्रसंस्करण कर उसका भंडारण, पैकेजिंग एवं विपणन कैसे किया जाये, इसके बारे में भी अवगत कराया गया। ICAR-CISH, Lucknow organized a training cum workshop on Guava pulp processing and value added products on August 24, 2021 at village Mohammadnagar Talukedari. A Total of 20 trainees of Swavalamban Women Self Help Group participated in workshop. Dr. Alok Gupta, Scientist trained the participant to make juice, jam, jelly and RTS from guava pulp. Trainees were also apprised about scientific method to store, packaging and marketing the guava pulp after processing. Event Date:- 24-08-2021 |
263. ICAR-CISH, ABI Center organized an online entrepreneurs interaction meeting
भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., एग्री-बिज़नेस इन्क्यूबेशन केंद्र द्वारा ऑनलाइन उद्यमियों की संवाद बैठक का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., एग्री-बिज़नेस इन्क्यूबेशन केंद्र लखनऊ ने दिनांक 23 अगस्त, 2021 को एक ऑनलाइन उद्यमी संवाद बैठक का आयोजन किया। बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं हरियाणा राज्य के कुल 15 नवोदित बागवानी उद्यमियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। बैठक की शुरुआत में डॉ. मनीष मिश्रा (पीआई, एबीआई) ने केंद्र की उपलब्धियों और गतिविधियों के बारे में बताया. बैठक के दौरान, प्रतिभागियों ने संस्थान को अपने स्टार्टअप प्रस्ताव प्रस्तुत किए एवं उसे साझा किए। डॉ. एस. राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने सभी प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और उनके स्टार्टअप प्रस्तावों पर चर्चा की। कुछ प्रस्ताव दिलचस्प और अभिनव पाए गए। ICAR-CISH, ABI Center Lucknow organized an online entrepreneurs interaction meeting on August 23, 2021. A total number of 15 budding horti- entrepreneurs from Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, West Bengal and Haryana state were attended the meeting through video conferencing. At the outset of meeting, Dr. Maneesh Mishra (PI, ABI), told about the achievements and activities of the centre. During the meeting, participants presented and shared their startup proposals to the Institute. Dr. S. Rajan, Director , ICAR-CISH, Lucknow Interacted with all participants and discussed their startup proposals. Few proposal were found interesting and innovative Event Date:- 23-08-2021 |
264. भा.कृ.अनु.प. - के.उ.बा.सं. में हिंदी कार्यशाला का आयोजन
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेडा, लखनऊ में दिनांक 21-08-2021 को हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। हिंदी कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. सुशील कुमार शुक्ल, प्रधान वैज्ञानिक ने व्याख्यान दिया। कार्यालय के दैनिक कार्यों में हिंदी के उपयोग पर प्रकाश डाला गया तथा वैज्ञानिक लेखों को हिंदी में प्रकाशित करने का सुझाव दिया जिससे जनसामान्य को विज्ञान में हो रही सामयिक प्रगति से लाभान्वित होने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त “गाजर घास एक राष्ट्रीय समस्या एवं समन्वित प्रबंधन” पर चर्चा की। कार्यशाला में संस्थान के वैज्ञानिकों, तकनीकी एवं प्रशासनिक वर्ग के अधिकारियों व् कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक के अध्यक्षता संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. घनश्याम पाण्डेय द्वारा की गयी तथा कार्यक्रम का सञ्चालन नोडल अधिकारी (राजभाषा) श्री अनिल कुमार सिंह ने किया। Event Date:- 21-08-2021 |
265. ICAR-CISH, Lucknow organized Scientist-Farmer interaction meet under FARMER-FIRST project
फार्मर-फर्स्ट परियोजना के तहत वैज्ञानिक-कृषक बैठक का आयोजन भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं., लखनऊ ने दिनांक 13 अगस्त 2021 को वैज्ञानिक-कृषक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य किसानों के दुधारू पशुओं के लिए महंगे चारे की समस्या का समाधान करना था। जिसमें फार्मर-फर्स्ट परियोजना के तहत मलिहाबाद प्रखंड के गोद लिए गांव से 35 किसानों (आम बागवान) ने भाग लिया। डॉ. शैलेंद्र राजन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-कें.उ.बा.सं. ने किसानों को अपने आम के बागों में कम लागत वाला चारा उगाने के लिए प्रोत्साहित किया। बैठक के दौरान किसानों को बारहमासी ज्वार के बीज एवं पैनिकम घास की जड़ वितरित की गयी। प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. एस. के. शुक्ल ने कार्यक्रम का संचालन एवं डॉ. मनीष मिश्र (परियोजना अन्वेषक, फार्मर-फर्स्ट) ने कार्यक्रम का समन्वय किया। ICAR-CISH, Lucknow organized Scientist-Farmers interaction meet under FARMER-FIRST project on August 13, 2021. The meeting was aimed to solve the problem of costly fodder for the milch animals of the farmers. A total of 35 farmers (mango growers) from the adopted village of Malihabad block were participated in meeting. Dr. Shailendra Rajan, Director, ICAR-CISH interacted with farmers and encouraged them to grow low cost fodder in their mango orchards. During the meeting, seeds of perennial Sorghum and root slips of Panicum grass were distributed to the farmers. Principal Scientist, Dr. S.K. Shukla conducted the programme, whereas Dr. Manish Mishra (PI, FFP) coordinated the programme Event Date:- 13-08-2021 |
266. 25th meeting of Research Advisory Committee
अनुसंधान सलाहकार समिति की 25वीं बैठक संस्थान में दिनांक 22 जुलाई, 2021 को डॉ. एन. कुमार, कुलपति, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर, तमिलनाडु की अध्यक्षता में ऑनलाइन मोड के माध्यम से 25वीं अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। अनुसंधान सलाहकार समिति के सदस्य, डॉ. चंडीश बलाल (पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- राष्ट्री य कृषि कीट संसाधन ब्यूिरो, बेंगलुरु), डॉ. जय सिंह (पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय कटाई उपरान्त अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान लुधियाना), डॉ. ए.एन. गणेशमूर्ति (डीन, कृषि कॉलेज, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इंफाल मणिपुर), डॉ अंबिका बी गायकवाड़ (प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, नई दिल्ली) ने निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ, अध्यक्ष, प्राथमिकता निर्धारण निगरानी एवं मूल्यांकन प्रकोष्ठ, सभी वैज्ञानिकों एवं संबंधित विभागों के प्रभागाध्यक्ष ने बैठक में भाग लिया। समिति ने संस्थान के संस्थान में चल रहे शोध कार्यो की समीक्षा की और साथ ही भविष्य के शोध कार्यो हेतु अपने सुझाव प्रस्त |